Incest Pyaar 100 baar

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*लता जी का "शरीर" पूरा हो गया।*
*कल सरस्वती पूजा थी,*
*आज माँ विदा हो रही हैं।*
*लगता है जैसे माँ सरस्वती इस बार अपनी सबसे प्रिय पुत्री को ले जाने ही स्वयं आयी थीं।*

*मृत्यु सदैव शोक का विषय नहीं होती।*
*मृत्यु जीवन की पूर्णता है।*
*लता जी का जीवन जितना सुन्दर रहा है,*
*उनकी मृत्यु भी उतनी ही सुन्दर हुई है।*

*93 वर्ष का इतना सुन्दर और धार्मिक जीवन विरलों को ही प्राप्त होता है।*
*लगभग पाँच पीढ़ियों ने उन्हें मंत्रमुग्ध हो कर सुना है, और हृदय से सम्मान दिया है।*
*उनके पिता ने जब अपने अंतिम समय में घर की बागडोर उनके हाथों में थमाई थी, तब उस तेरह वर्ष की नन्ही जान के कंधे पर छोटे-छोटे चार बहन-भाइयों के पालन की जिम्मेवारी थी।*
*लता जी ने अपना समस्त जीवन उन चारों को ही समर्पित कर दिया।*
*और आज जब वे गयी हैं तो उनका परिवार भारत के सबसे सम्मानित, प्रतिष्ठित परिवारों में से एक है। किसी भी व्यक्ति का जीवन इससे अधिक सफल क्या होगा?*

*भारत पिछले अस्सी वर्षों से लता जी के गीतों के साथ जी रहा है। हर्ष में, विषाद में, ईश्वर भक्ति में, राष्ट्र भक्ति में, प्रेम में, परिहास में... हर भाव में लता जी का स्वर हमारा स्वर बना है।*

*लता जी गाना गाते समय चप्पल नहीं पहनती थीं। गाना उनके लिए ईश्वर की पूजा करने जैसा ही था।*
*कोई उनके घर जाता तो उसे अपने माता-पिता की तस्वीर और घर में बना अपने आराध्य का मन्दिर दिखातीं थीं। बस इन्ही तीन चीजों को विश्व को दिखाने लायक समझा था उन्होंने।*
*सोच कर देखिये, कैसा दार्शनिक भाव है यह... इन तीन के अतिरिक्त सचमुच और कुछ महत्वपूर्ण नहीं होता संसार में। सब आते-जाते रहने वाली चीजें हैं।*

*कितना अद्भुत संयोग है कि अपने लगभग सत्तर वर्ष के गायन कैरियर में लगभग 36 भाषाओं में हर रस/भाव के 50 हजार से भीअधिक गीत गाने वाली लता जी ने अपना पहला और अंतिम हिन्दी फिल्मी गीत के रूप में भगवान भजन ही गाया है। 'ज्योति कलश छलके' से 'दाता सुन ले' तक कि यात्रा का सौंदर्य यही है कि लताजी न कभी अपने कर्तव्य से डिगीं, न अपने धर्म से!*
*इस महान यात्रा के पूर्ण होने पर हमारा रोम रोम आपको प्रणाम करता है लता जी।* 🙏🙏
 
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Ab waise interest bhi nhi raha story mai. Ye story bhi mai meri family mera gaon jaise ho gayi lagta h. Us story ke writer ka pata nhi kaha h or is story ke writer ko reader se nhi kisi or se matlab h. Waise apni soch kuch kaha nhi ja sakta. Bas Alvida is story ko
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
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Ab waise interest bhi nhi raha story mai. Ye story bhi mai meri family mera gaon jaise ho gayi lagta h. Us story ke writer ka pata nhi kaha h or is story ke writer ko reader se nhi kisi or se matlab h. Waise apni soch kuch kaha nhi ja sakta. Bas Alvida is story ko
Sahi boli aap. Par kabhi alvida na kahna
 
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Ab waise interest bhi nhi raha story mai. Ye story bhi mai meri family mera gaon jaise ho gayi lagta h. Us story ke writer ka pata nhi kaha h or is story ke writer ko reader se nhi kisi or se matlab h. Waise apni soch kuch kaha nhi ja sakta. Bas Alvida is story ko
Ab waise interest bhi nhi raha story mai. Ye story bhi mai meri family mera gaon jaise ho gayi lagta h. Us story ke writer ka pata nhi kaha h or is story ke writer ko reader se nhi kisi or se matlab h. Waise apni soch kuch kaha nhi ja sakta. Bas Alvida is story ko
koi achhi si insect story batao
 
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