Nice update aunti rooth kyu gayi samjh nahi aaya sala ye nari ko samjhpana bahut bhari haiमैं- हाँ …मेरा रूम तो देख लिया अब अब अपना रूम कब दिखओगि(डबल मीनिंग)
आंटी -वेट करो…बहुत जल्दी है क्या बेटा….जल्दी ठीक नही है(अब आंटी की शरम भाग गई थी..बस थोड़ी सी ऑर भागनी थी)
मैने रूम को अंदर से लॉक किया ऑर आंटी का हाथ पकड़ कर अपनी बाहों मे खींच लिया
आंटी(गुस्से से) –ये क्या बदतमीज़ी है
मैं ( कंफ्यूज हो कर)-मेरी गर्लफ्रेंड हो ..….क्या हुआ आपको
आंटी - बस रुक जाओ…गर्लफ्रेंड…गर्लफ्रेंड…मतलब करना क्या चाहते हो
मैं(मन मे –साली चोदना चाहता हूँ तुझे ऑर क्या)
आंटी-देख क्या रहे हो बोलो अब…क्या करना चाहते हो
मैं(कन्फ्यूज होकर)- मैं…वो…प्यार
आंटी-प्यार मतलब क्या…तुमने मुझे समझ क्या रखा है
मैं-आप…वो…कहा था ना..कि आप…मेरी…गर्लफ्रेंड…(मैं हिचकिचाते हुए बोला)
आंटी-बस..बहुत हुआ…अब मैं घर जा रही हूँ(ऑर ये कह कर आंटी गेट की तरफ जाने लगी)
मैं-रूको आंटी…मैं साथ चलता हूँ आपके
आंटी- कोई ज़रूरत नही मैं अकेली जा सकती हूँ
मैं(तेज आवाज़ मे)-ज़रूरत है...संजीव क्या सोचेगा..
आंटी(चुप चाप खड़ी रही)
मैने आंटी का समान एक तरफ रखा ऑर कार की कीज़ लेकर बोला
मैं (गुस्से मे) -अब चलिए
इसके बाद हम संजीव के घर चल दिए…पूरे रास्ते हमने कोई भी बात नही की….मैं सोच रहा था कि क्या औरत है….1 मिनट मे यहाँ ऑर 1 मिनट मे वहाँ
संजीव के घर आते ही मैं कार पार्क करने लगा जब तक आंटी घर मे एंटर हो गई ऑर अपने रूम मे चली गई…मैं भी सीधा उपर आ कर संजीव के रूम मे गया…वो अभी भी सो रहा था…मैं भी उसी के बाजू मे लेट गया ऑर…कब नीद आ गई पता ही नही चला…….
मैं शाम तक सोता रहा ...
शाम को भी कुछ खास नही हुआ…
आंटी मेरे सामने आई तो बिल्कुल नॉर्मल बिहेव कर रही थी…लेकिन मेरा गुस्से से सिर फटा जा रहा था….
मैं बापिस संजीव के साथ रूम मे आ गया ऑर टीवी देखने के बाद सोने की कोसिस करने लगा….
Shandar Update pahle jutha gusa dikhya phir ghar aakar khud ko pura uuzad diyaअचानक मेरा सेल बजने लगा…कोई अकनोन नंबर. से कॉल था..मैने कॉल पिक की…
(कॉल पर)
अननोन-क्या कर रहे हो
मैं(ये तो कोई औरत की आवज़ है)-कुछ नही…वैसे कौन ??
अननोन-सो गये थे क्या???
मैं-(कौन है साली)- नही…बट बोलो तो हो कौन??
अननोन-नीचे आओ…चुपके से
मैं(नीचे , मतलब इसी घर से है कोई…कौन हो सकता है…संजीव की मोम..???)- आप हो कौन
अननोन- आज ही गर्लफ्रेंड बनाई ऑर आज ही भूल गये
मैं(हाँ वही है साली, गुस्से मे)-क्या काम है अब..
अननोन-आओ तो, एक सर्प्राइज़ तुम्हारा वेट कर रहा है…
इतना बोल कर आंटी ने कॉल कट कर दी…
मैं सोचने लगा…वाकई ये औरत तो समझ नही आ रही….कैसा मूड है जो बदलता ही रहता है…
अब पता नही कैसा मूड है…मेरे फ़ायदे का या न्यू टेन्षन…चलो देखते है
मैं बेड से उठा ऑर रूम के बाहर आकर देखा…सब रूम मे ही थे…हालाकी अभी सिर्फ़ 10 ही बजे थे…तो सब रूम के अंदर जाग ही रहे थे
मैं जैसे ही नीचे पहुचा..तो आंटी का रूम क्लोज़ था…मैने 1 बार ही नोक किया ..
आंटी-कौन है
मैं-मैं हूँ…आपने बुलाया…
आंटी(बीच मे ही)-अंदर आ जाओ
मैं अंदर गया…तो देखा आंटी 1 चद्दर लपेटे खड़ी हुई थी..
मैं(गुस्से मे)-क्या हुआ…क्यो बुलाया
आंटी-सस्स्शह(उंगली मुँह पर रख कर)
मैं(धीरे से)-ओके…अब बताइए भी
आंटी-गेट बंद करो पहले
मैं कनफ्युज था कि गेट बंद करके ये क्या करने वाली है…फिर भी मैने गेट बंद कर दिया ऑर जैसे ही पीछे मुड़ा….
मेरी आँखे फटी की फटी रह गई….ओर मेरे मुँह से 1 वर्ड भी नही निकला…बस मे देखे जा रहा था….
मेरे सामने आंटी सिर्फ़ ब्रा–पैंटी मैं थी….वो बेड पर एक जाँघ को दूसरी जाँघ पर चढ़ा कर बैठे हुए इतरा रही थी....
ये उन्ही ब्रा-पैंटी सेट्स मे से 1 से था….क्या माल लग रही थी..कसम से दिल किया कि अभी खा जाउ इसे….
मैने सोचा समान तो मेरे घर पर रखा था फिर ये यहाँ कैसे…मैं अपने ख़यालो मे खोया था , तभी आंटी बोली
आंटी-क्या हुआ हीरो….कैसा लगा सर्प्राइज़..???
मैं(होश मे आते हुए)-फंदू….क्या पटाखा माल हो आप…दिल करता है कि….कि....
आंटी-रुक क्यो गये …बोलो दिल क्या करता है
मैं-यही कि आपको खा जाउ
आंटी-वेट करो....वो मौका भी मिलेगा...
मैं-लेकिन आप तो बोल रही थी कि…मतलब …अब कैसे…ऑर ये आप लाई कब
आंटी-अरे,अरे कितने सवाल करोगे
मैं-तो आप जवाब दो
आंटी-ये मैं चुपके से ले आई थी….क्योकि तुम्हे दिखाना था कि तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए जो खरीदा है उसमे तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसी लगती है….
ओर जो मैने गुस्सा दिखया था…वो तो ऐसे ही..
मैं-ऐसे ही मतलब …मेरी तो फट गई थी डर से…कि पता नही आप क्या करोगी
आंटी-अच्छा डर गये थे….ऑर कुछ
मैं-हां…मेरे हाथ से इतना मस्त माल भी निकल गया था ना
आंटी(हँसते हुए)-ये माल तो तुम्हारा हो गया….
मैं-तो वो सब …क्यो किया..
आंटी-ताकि तुम समझ सको कि मैं ऐसी औरत नही जो किसी के भी पास आसानी से आ जाउन्गी…मैने अपने पति के अलावा किसी के साथ नही गई…आज तक
मैं-तो आपने मुझे हाँ क्यो बोला
आंटी-पता नही पर तुम्हे देख कर मैं गरम हो जाती हूँ….ओर मुझे अब तुम्हारी ज़रूरत भी है..
मैं-तो आपने तब मना क्यो किया…प्यार करने को
आंटी(मुस्कुरा कर)-तुम्हे तड़पाने के लिए
मैं-पर क्यो
आंटी-क्योकि तड़प जितनी बढ़ती है…प्यास भुजने मे उतना ही मज़ा आता है…
मैं-तो अभी प्यास भुजा लूँ
आंटी-फिर जल्दबाज़ी….थोड़ा तड़पो….सब मिलेगा….तुम्हारा ही है सब
मैं-तो अभी ले लूँ, मेरा ही है
आंटी-अभी तो कुछ सोचना भी मत, अंकल आने वाले है,…मुझे जो सर्प्राइज़ देना था वो दे दिया…बाकी कल..अब जाओ
मैं-ऐसे तो नही जाउन्गा
आंटी-समझो ना….अब थोड़ा रूको…फिर इस बॉडी पर तुम्ही राज़ करना
मैं-सच
आंटी(डरी हुई थी कि कोई आ ना जाय ऑर मुझे भागने के लिए बोली) -हाँ बिल्कुल…अगर मेरी प्यास बुझा दोगे…तो तुम्हारी रखैल बन जाउन्गी….ओके
मैं-तो रेडी हो जाओ…कल से तू मेरी रखैल
आंटी-देखते है बेटा …कितना दम है….ऑर हाँ, अगर मैं प्यासी रह गई तो हाथ भी नही लगाने दुगी
मैं-ठीक है प्रॉमिस
आंटी-अब जाओ भी
मैं-ऐसे नही
और मैं आंटी की तरफ बढ़ने लगा…आंटी डर से पीछे हो रही थी …लेकिन पीछे बेड के लास्ट मे पहुच गई अब आगे जगह नही थी….
मैने आंटी के पास पहुचे…उनकी आँखो मे डर दिखाई दे रहा था…साथ मे हवस भी…मैने उनके लिप को किस किया ऑर बूब्स को प्रेस करके कहा
मैं-कल …ये बॉडी मेरी हो जाएगी…आज रात भर के लिए आज़ाद हो…कल से मेरी गुलाम होगी
आंटी-अगर तुम मेरी उम्मीदों पर खरे उतरे तो तुम्हारी गुलाम बन कर …किस्मत मेरी चमक जाएगी…अब जाओ प्लीज़