Incest मम्मी मेरी जान

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उसे ये उम्मीद नहीं थी की उसका बेटा ऐसा कुछ करेंगा. आज पहली बार उसके पति के अलावा उसे किसी ने किस किया है. उसने अपने बेटे से कुछ कहना चाहा लेकिन इस से पहले की वो कुछ कहति, सतीश कॉर्नफ़्लेक्स का डिब्बा ले के वहां से जा चुका था
सानिया अपनी गांड पे अपने बेटे के लंड को मेहसुस करके मधहोशी में फिर से बर्तन ढ़ोने लगी.
सतीश कॉर्नफ़्लेक्स खा के बाहर निकल गया.
सानिया ने आज करीब १५ साल बाद किसी कड़क और दमदार लंड को मेहसुस किया है. उसके पति ने एक्सीडेंट के बाद से उसे चोदना ही छोड दिया है. उनका लंड खड़ा ही नहीं होता... तो वो चुदाई कैसे करते...
जब की सानिया बेहद कामुक औरत है. सेक्स की कमी उसे बड़ा परेशान करती है. उसकी चुत की गर्मी सालो से शांत नहीं हुई है. उसके शादीशुदा जीवन में प्यार और सेक्स कब का ख़तम हो चुका है.
लेकिन उसे ये बात चोंका रही है की जब उसके बेटे का कड़क लंड उसकी गांड में घूसा था तब मस्ती में उसकी चुत में खुजली होने लगी. उसके दिल में उस कड़क लंड को अपनी बरसो की प्यासी चुत में लेने की इच्छा होने लगी. उसके दिल में ये ख्याल आया की काश उसका बेटा अपना लंड उसकी गांड पे यूँ ही घिसता रहे. वो कभी उस से अलग न हो.ज्यादा देर नहीं तो कम से कम एक घंटे तक ही सहि.
सतीश ने हमेशा अपनी मम्मी को सेक्स की नज़र से देखा था. उसने कई बार अपनी मम्मी की यूज्ड ब्रा और पेन्टी को सूँघ और चाट के मुठ मारि है. लेकिन इस से ज़्यादा कुछ और नही.
ब्रा पे लगे टैग से ही उसे अपनी सेक्सी मम्मी की सेक्सी स्तन का साइज "३६डी" पता चला है.
मा की यूज्डपेन्टी से उनकी चुत की खुश्बु सूँघ कर सतीश मदहोश हो जाता है और उसका नौ इंच का लंड खड़ा हो के नाच्ने लगता है. जब भी वो अपनी मम्मी की पेन्टी की चुत वाली जगह को सूँघ के चाट के चूस के मुठ मारता है उसका इतना वीर्य निकलता है की जैसे वीर्य की बाढ़ आ गयी.
सतीश ने आज से पहले तक कभी अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को गलत नज़र से नहीं देखा था. लेकिन आज उसके दिमाग में कुछ और ही है. आज उसे अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के सिवाए कुछ और नज़र ही नहीं आ रहा है.
आज दिन ख़तम होने के बाद घर वापिस आते वक़्त उसे कुछ याद ही नहीं की आज दिन भर उसने क्या किया, उसका दिमाग पूरा खाली है उसे कुछ याद ही नहीं है, उसके दिमाग में अगर कुछ है तो वो है उसकी सेक्सी मम्मी के सेक्सी नरम गोल गोल गद्देदार चुतड़. जिस की याद उसके लंड को बैठने नहीं दे रही है. आज उसने अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को याद करके ३ बार मुठ भी मारि है लेकिन फिर भी उसका लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा है.
रात को सोने से पहले एक बार फिर से उसने अपनी सेक्सी मम्मी के नाम की मुठ मारी. अगली सुबह जब वो सो के उठा तो उसने ये मेहसुस किया की उसका लंड एक लोहे की रॉड की तरहा खड़ा है.

सतीश बाथरूम में जा के फ्रेश हुआ और किचन की तरफ चल दिया. अपने रूम से बाहर आ के उसने देख की पड़ोस की सपना भाभी सोफ़े पे बैठि टीवी देख रही है. सपना की वजह से सतीश को किचन की तरफ जाने की हिम्मत नहीं हुई, वो सपना को जानता है... अगर सपना ने उसे अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ पे अपने लंड को घुसते हुए देख लिया तो वो इस बात का ढिढोरा पूरे शहर में पीट देगी...?
ईसी डर से सतीश चुप चाप चेयर पे बैठ गया, उसकी पोजीशन इस वक़्त ऐसी थी की उसकी सेक्सी मम्मी ठीक उसके सामने अपने बेहद सेक्सी चुत्तड़ को हिलाते हुए बर्तन धो रही है.
जैसे जैसे सानिया बर्तन धोती उसके सेक्सी चुत्तड़ हिलने लगते.सानिया के हिलते चुत्तड़ को देख के मेरालंड मस्ती में उछलने लगा और वो अपनी मम्मी के सेक्सी मटकते चुत्तड़ की तरफ खीचता चला गया.
ओ उठा और अपनी मम्मी के बिलकुल पीछे जा के उस से चिपक के खड़ा हो गया और कॉर्नफ़्लेक्स का डिब्बा उतारनेलगा.
आज फिर वो अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में अपना लंड दाल के घीसने लगा.
सानिया अपने बेटे के खड़े लंड को अपनी गांड पे मेहसुस करके सिहर उठि.
सानिया : लगता है आज मेरे बेटे को कुछ ज़्यादा ही भूक लगी है.
सतीश : हाँ मम्मी आज मुझे भूक बहुत लगी है. लेकिन तुम्हे कैसे पता चला?
सानिया : वो तेरा चुहा उछाल कुद जो मचा रहा है. उसी से मुझे पता चला.
सतीश : मम्मी जिसे तुम चुहा कह रही हो वो चुहा नहीं शेर है.
सानिया : अरे जा जा, तीनइंच के चुहे से भी कोई डरता है क्या?
ये कह के सानिया हॅसने लगी.
ह है है है ह......
'तुम्हे किसने कहा की ये ३ इंच का है?
सानिया : इस में कहने की क्या बात है. जब तेरे डैड के पास जो चुहा है वो ३ इंच का है तो तेरा भी उतना ही होगा. क्यूँ मैंने ठीक कहा ना?
सतीश : क्या डैड के पास सिर्फ ३ इंच का चुहा है? (हालांकिसतीशपहलेसेजानताथा)
सानिया : हाँ और नहीं तो क्या?
सतीश : मगर मम्मीमेरातो......
सानिया : तेरा तो क्या?
सतीश : पर म, मेरा तो नौ इंच का है.
सतीश की बात सुन के सानिया चोंक गई और ज़ोर से चिल्लाइ क्या.......! और फ़ौरन घूम के अपने बेटे के पैंट में उभरे हुए लंड को देखने लगी. उसके मुह से चिल्लानेकी आवाज़ को सुन के सपना ने फ़ौरन आवाज़ लगयी.
सपणा : क्या हुआ?
सपणा की आवाज़ सुन के सतीशडर के मारे फ़ौरन बाहर आ गया.
सतीश : भाभी वो मम्मी कॉकरोच देख के डर गयी.
सतीश की बात सुन के सपना हंसने लगा.
सपणा : ये तेरी मम्मी भी न जाने क्यों कॉकरोच से डरती है.
सतीश फ़टाफ़ट नाश्ता करके बाहर चला गया.
सतीश : आज तो बेटा तू बाल बाल बच गया. अगर भाभी ने तुझे देख लिया होता तो क्या होता.
ईधर सानिया भी जल्दी से अपने ऑफिस निकल गयी. उस वक़्त वो थोड़ा डर गई थी. लेकिन उसके दिमाग में डर से ज़्यादा अपने बेटे का कड़क लंड घूसा हुआ था. आज दिन भर ऑफिस में वो अपने बेटे के नौ इंच के लंड के बारे में सोचने लगी.सानिया की चुत बेतहाशा वीर्यचुदने लगी..
दूसरे दिन सुबह सानिया ने ये महसुस किया की सतीश आज बहुत ही संभल के उसके ऊपर झुका और कॉर्नफ़्लेक्स का डिब्बा कपबोर्ड से निकाल के ले गया. अपने बेटे के कड़क लंड को अपनी गांड पे महसुस न करके सानिया को आज बहुत मायूसी हुई.
"ओ गोड़, सनिआ" तू ये क्या सोच रही है....! वो तेरा सगा बेटा है, तू उसके बारे में ऐसा कैसे सोच सकती है? ये कैसी सोच है तेरी? तुझे इस बात से बुरा लग रहा है की आज तेरे बेटे ने तेरे चुत्तड़ के बीच में अपना लंड दाल के घीसा नहीं? छि.....सानिया शर्म कर अपने सगेबेटे के बारे में कोई मम्मी ऐसा नहीं सोचती जैसा तू सोच रही है.सानिया को अपनी आँखों के सामने अपना नंगे चुत्तड़ पे अपने बेटे का नौ इंच का खड़ा लंड नज़र आने लगा.सानिया ने फ़ौरन उस सोच को अपने दिमाग से निकाला और घर से बाहर आकर के अपनी कार में बैठि और ऑफिस के लिये निकल गयी.
 
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ओफिस पहुँच कर सानिया ने खुद को काम में बिजी कर लिया.
अगली सुबह बड़ी ही सुहानी थी. मौसम बड़ा रोमांटिक हो रहा था. अलार्म की आवाज़ सुन के सतीश बेड से उठा और फ़ौरन बाथरूम में जा के नहाने लगा. आज उसका लंड कुछ ज़्यादा ही कड़क बना हुआ है. वो उसके अंदरवियर को फाड़ के बाहर आने की कोशिश कर रहा है.
आखिर कार मजबूर हो के सतीश ने अपना अंदरवियर उतार दिया, उस ने सोचा की अंदरवियर उसकी मम्मी के चुत्तड़ और उसके लंड के बीच में अड़चन पैदा करेंगा. आज वो अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को अच्छे से मेहसुस करना चाहता है.
अपनी मम्मी के सेक्सी चुत्तड़ को याद करके सतीश फ़ौरन अपने रूम से बाहर आ के किचन में चला गया. जैसे ही वो किचन में पहुंचा उसने देखा की उसकी मम्मी सिंक के पास बर्तन ढो रही है.
सतीश ने सपना की तरफ गौर से देखा वो रोज़ की तरहा यहाँ आ के टीवी देख रही है. वो इस बात से पूरी तरहा संतुस्ट होने के बाद की सपना उसे मम्मी के साथ किचन में नहीं देख सकती जब तक मम्मी उसे आवाज़ दे के ना बुलाए..

सतीश फ़ौरन किचन में गया और अपनी मम्मी के ठीक पीछे जा के खड़ा हो गया और मम्मी की तरफ आगे झुकने से पहले उसने अपनी मम्मी के चुत्तड़ के बीच में निशाना लगा के अपने नौ इंच के खड़े लंड को सीधा उसके सेक्सी चुत्तड़ के ठीक बीचो बीच में घूसा दिया. उस ने अपना पूरा वज़न आगे की तरफ किया जिस से उसका खड़ा लंड मम्मी के चुत्तड़ में और अंदर घूसने लगा. वो आगे पीछे होने लगा, बिलकुल चुदाई के पोज़ मे. सतीश के नौ इंच के लंड को अपने चुत्तड़ पे मेहसुस करके सानिया मस्ती में सिसकार उठि.
शशश आह..... मम...... ओह.....
ओ अपने बेटे के लंड के साइज और कड़कपन को मेहसुस करने लगी.
ओ कुछ कह नहीं पा रही थी बस मस्ती में खोयी हुई थी.
सतीश अपनी मम्मी के चुत्तड़ में अपना नौ इंच का लंड आगे पीछे करते हुए कॉर्न फ्लेक्स का डिब्बा सामने के कपबोर्ड से निकालने लगा.
सानिया मस्ती में इतना खोई हुई है की उसे कुछ होश ही नहीं है. वो चाह कर भी अपने बेटे को रोक नहीं पा रही है. वो तो बस मस्ती में आहें भर रही है आह... मम.... ओह..... उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बेह रहा है जो उसकी नायलॉन की छोटी सी पेन्टी को भिगोये जा रहा है.
फिर इस से पहले की वो झड पाती सतीश अपना लंड उसके चुत्तड़ के बीच में से निकाल के कपबोर्ड में से कॉर्न फ्लेक्स का डिब्बा ले के किचन से बाहर चला गया और टेबल पे बैठ के कॉर्न फ्लेक्स को कटोरि में निकालने लगा. सानिया ने फ़ौरन पीछे मुड के देखा, सतीश कटोरि में दूध दाल रहा है, सफ़ेद दूध को गोल गोल कटोरि नुमा कॉर्न फ्लेक्स में गिरते देख सानिया को ऐसा मेहसुस हुआ की उसके बेटे के लंड से दूधिया रंग की वीर्य की पिचकारी निकल के उसकी बरसो की प्यासी चुत में गिर रही है. इस नज़ारे को देख के सानिया मस्ती में झड़ने लगी. उसकी चुत से वीर्य का सैलाब बहने लगा. कुछ देर के बाद जब वो शांत हुई तो उस ने अपने बेटे से कहा.
सानिया : सतीश जो तुम चाह रहे थे वो तुम्हे मिला की नही......?
सतीश : मम्मी में उस तक आज पहुँच तो गया था पर वो मुझे मिला नही.
सानिया : फ़िक्र मत करो मुझे पूरा यकीन है की जो तुम चाह रहे हो, वो तुम्हे जलद ही मिल जायेगा. लेकिन उसके लिए तुम्हे थोड़ी मेहनत करनी पडेगी...
सानिया की बात सुन के सतीश चोंक गया. सानिया खुद भी अपनी कही हुई बात पे चोंक गयी.
उसे ये आईडिया नहीं है की उस ने ऐसा क्यों कहा?
सानिया की कही हुई बात ने सतीश को ये बता दिया की वो जो कर रहा है उस में सानिया की पूरी सहमति है. उसे ये यकीन नहीं हो रहा है की उसकी मम्मी उस की इस हरकत पे नराज़ होने के बजाये उसे रोकने के बजाये जान बूज के उसका साथ दे रही है.
 
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सतीश उठा और मम्मी को बाई बोल के घर के बाहर चला गया.
आज उसका दिन कल से भी ज़्यादा खराब हो ने वाला था.
आज उसका लंड उसे बहुत परेशान कर रहा है. सतीश बाहर पब्लिक टॉयलेट में गया और उस ने वहां मुठ मारि वो इतना झडा की पूरे टॉयलेट में वीर्य की बरसात सी हो गयी. मुठ मारने के बाद उसे थोड़ी राहत तो मिली लेकिन उसका लंड कल की तरहा आज भी बैठने का नाम नहीं ले रहा है. उसे मज़ा भी आ रहा है और डर भी लग रहा है, वो ये सोच रहा है की आज रात जब वो घर पहुँचेगा तो उसकी मम्मी उसके साथ कैसा बर्ताव करेगि.
ईधर सतीश के जाने के बाद सानिया कुछ देर तक सोचती रहि... फिर तैयार होकर अपने ख़यालों में खोई घर से बाहर निकल गयी. उसे ये यकीन करने में परेशानी हो रही है की उसके बेटे ने उसके जिस्म की कामुकता को बढा दिया है और अपनी ज़िन्दगी में आज वो पहली बार बिना अपनी चुत को हाथ लगाए झड़ी है.
उसे इस बात का शक़ ही नहीं बल्कि पूरा यकीन है की पहले दिन जो हुआ था वो एक एक्सीडेंट था, लेकिन उसके बाद ३ बार जो हुआ वो ग़लती से नहीं हुआ वो सब सतीश ने जान बूज के किया है.
सतीश जान बूज के अपना नौ इंच का खड़ा लंड अपनी मम्मी के बेहद सेक्सी चुत्तड़ के बीच में घूसा रहा था....
सानिया : क्या सच में वो मुझे चोदना चाहता है...?
आज ऑफिस में उसे ऐसा मेहसुस हो रहा था जैसे अभी भी उस के सेक्सी चुत्तड़ के बीच में उस के बेटे का नौ इंच का खड़ा लंड आगे पीछे हो रहा है.
उसे इस के अलावा और कुछ मेहसुस ही नहीं हो रहा है. अपने 19 साल के बेटे के नौ इंच के लंड के बारे में सोच के वो एक बार फिर से झड़ने लगी.
उसके बेटे का लंड उसके दिमाग से निकल ही नहीं रहा है वो उसे बार बार मस्ती में झड़ने के लिए मजबूर कर रहा है. आज तक वो इतनी मस्ती में कभी नहीं झडी, उसकी सुहागरात का मज़ा भी इस मज़े के सामने कुछ नहीं है. आज जो सुख उसे अपने बेटे से मिला है वो उसे पूरी ज़िन्दगी में कभी नहीं मिला.
सानिया की पेन्टी उसके चुत वीर्य से पूरी तरहा से भीग गई है. सानिया ऑफिस के टॉयलेट में जा के अपनी गीली पेन्टी निकाल देती है और बाहर आ के चेयर पे बैठ जाती है. फिर न जाने उसके दिमाग में क्या आता है वो अपनी चुत वीर्य से भीगी पेन्टी को एक बॉक्स में दाल के गिफ्ट व्रैप करती है और उसपे
"फ़ॉर, माय डिअर सन सतीश."
लीख के अपने पर्स में रख लेती है.
उसके बेटे ने आज बिना हाथ लगाए उसे २ बार झडा दिया है. वो न चाहते हुए भी अपने बेटे के नौ इंच के लंड की दीवानी बन गई है.
ओ अभी ये सोच ही रही है की अचानक उसके पति का फ़ोन आ जाता है. वो बे मन से फ़ोन उठती है. उसकी भारी आवाज़ सुन के उसका पति कहता है.
क्या बात है सानिया तुम्हारी तबियत तो ठीक है.
सानिया : मैं ठीक हु. वो क्या है की २ - ३ दिन से ऑफिस में काम बहुत ज़्यादा है इस लिए थोड़ा थक गई हु.
पति : सानिया मेरे ख़याल से तुम्हे ऑफिस से कुछ दिन की छुट्टी ले कर थोड़ा आराम करना चहिये. तुम ऐसा क्यों नहीं करति. ऑफिस से छुट्टी लेके यहाँ आ जाव. शहर के बाहर तुम्हे आराम भी मिल जायेगा.
सानिया : नहीं उसकी कोई ज़रूरत नहीं है में दो दिन घर पे आराम करुँगी तो ठीक हो जाउँगी..
सानिया ने दिल में सोचा
"काश तुम ये समझ पाते की मुझे आराम की नहीं बल्कि एक दमदार लंड से एक दमदार चुदाई की ज़रूरत है."
पति : ठीक है जैसा तुम्हे ठीक लगे वैसा करो. चलो में अब फ़ोन रखता हूँ बाय.
सानिया : साली क्या किस्मत है मेरी... एक मेरा पति है जो मुझे चोदता ही नही, और एक मेरा बेटा है जिस से में चुदवा नहीं सकती. हाय री मेरी रंडी किस्मत क्या मेरी चुत उम्र भर प्यासी ही रह जायगी.....?
तभी अचानक उसका मोबाइल फिर से बजने लगता है.
 

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