अगले दिन सतीश सुबह जल्दी उठा पूरे जोश और ख़ुशी में अपने रूम से बाहर आया.
ओ ये सोच रहा है की उसकी मम्मी का अगला गेम क्या है?
उसे ये पता है की डैड के रह्ते वो अपनी मम्मी की गांड में लंड नहीं दाल सकता. तो फिर वो अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी जिस्म के साथ कैसे खेलगा. ये सोचते सोचते वो किचन के दरवाज़े के पास जा के खड़ा हो जाता है. और जैसे ही वो अपनी मम्मी को देखता है वो उदास हो जाता है. उसकी मम्मी फुल नैक की टी शर्ट और स्कर्ट पहने खड़ी है. मम्मी की ड्रेस देख के उसे बहुत निराशा हो रही है. इस ड्रेस में न ही उसे अपनी मम्मी की बेहद सेक्सी स्तन नज़र आ रही है और न ही गांड.
उसका खड़ा लंड मुर्झा सा जाता है. वो सोचता है की शायद मम्मी डैड को छोड़ने एयरपोर्ट जा रही है. और फिर वहां से वापस आने के बाद मम्मी अपनी ये ड्रेस चेंज कर के कोई सेक्सी ड्रेस पहने.
या फिर शायद वो कोई ड्रेस पहने ही ना..
अपनी मम्मी के नंगे जिस्म के बारे में सोच के मेरा लंड खड़ा होने लगता है.
ओ अपना खड़ा लंड पैंट में लिए किचन में जाता है और कॉर्न फ्लेक्स का डिब्बा ले के बाहर आ के चेयर पे बैठ जाता है और दूध के साथ कॉर्न फ्लेक्स खाने लगता है.
सानिया : ओह, हाय, हनी, तुम कब आये? मैंने तुम्हे आते हुए नहीं देखा?
सतीश : हाँ मम्मी में अभी अभी आया हु. तुम किचन में काम में बिजी थी इस लिए तुम्हे मेरी आने का आहट नहीं सुनाइ दि.
सानिया : मेरे ख़याल से ये अच्छा रहेगा की तुम अपने डैड को एयरपोर्ट छोड़ने जाव.
काम से कम इसी बहाने तुम दोनों बाप बेटे एक दूसरे से बात तो कर सकोगे. जाने कितने दिन हो गए तुम दोनों को बात किये हुए.
कयूं जी में ठीक कह रही हूँ ना.
सतीश और उसके डैड ने साथ में कहा : हाँ जि, आप ठीक कह रही है.
सतीश और उसके डैड में कुछ भी एक सा नहीं है.
सतीश अपने डैड से दोनों सुरतों में लम्बा है, उसका कद भी डैड से लम्बा है और लंड भी. उसके डैड और उसमे एक ही चीज़ सेम है और वो है उसकी सेक्सी सानिआ...
दोनो ने सानिया की सेक्सी गांड पे अपना लंड रगड के मज़ा लिया है. लेकिन अलग जगह और अलग वक़्त पर.
डैड : सतीश जल्दी से नास्ता करके एयरपोर्ट चलने के लिए तैयार हो जाव.
सतीश : ठीक है डैड, बस ५ मिनट.
सतीश डैड के साथ बाहर नहीं जाना चाह रहा है. वो तो घर में रह के अपनी सेक्सी मम्मी के साथ मस्ती करना चाह रहा है.
डैड : ठीक है बेटा, तुम जल्दी से रेडी हो के आ जाव, में बाहर कार में तुम्हारा वेट कर रहा हु.
सतीश फ़टाफ़ट अपना नाश्ता ख़तम करके अपने कमरे की में जाता है और जल्दी से तैयार हो के किचन की तरफ जाता है.
उसे नहीं पता था की किचन में उसे इतना खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलेंगा.
कीचें में उसकी मम्मी अपनी टीशर्ट उतार के अपनी ३६D की चुची को नंगी करके उसका इंतज़ार कर रही है.
सानिया : क्या तुम जाने से पहले इन्हे चूसना पसंद करोगे?
सतीश : ओह माँ, तुम ने तो मेरे दिल की बात कह दि. मैं तो शौक से इन्हे चूसना चाहूंगा.
ये कह के सतीश आगे बढा और झुक के अपनी मम्मी के निप्पल को अपने मुह में लेके चूसने लगा.
सानिया अपने बेटे के सर को पकड़ के अपनी स्तन की तरफ दबा के कहती है.
सानिया : हाँ मेरे लाल चूसो... अपनी मम्मी के निप्पल को. और ज़ोर से चूसो... मम.. आह..
दाबाओ मेरी स्तन को और कस के दबाव, निचोड दो इन्हे और ज़ोर से चुसो.
ये कब से बेचैन थे तुम्हारे हाथों के मसाज के लिये. मम... आह... आज जी भर के चूसो इनहे. ओह, येस, बबी, सक, सक.
सतीश मस्ती में मम्मी के स्तन अपने हाथों से कस कस के दबाते हुए उसके निप्पल चूसने लगा.
सानिया की चुत में सनसनाहट होने लागि, उसकी चुत मस्ती में वीर्य छोडने लगी. वो मस्ती में सिसकारी लेते हुए झड़ने लगी मम... आह... ओह... सतीश में गयीई..
झडने के बाद सानिया ने अपने बेटे को खुद से दूर कर दिया.
सानिया : सतीश , अभी के लिए इतना बहुत है. बाद में, मेरे लाल, बाद में तुम्हे इस से भी ज़्यादा मिलेंगा.
ये कह के सानिया ने अपने बेटे के नौ इंच के खड़े लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ के कस के दबाया और कहा.
सानिया : इसे जल्दी से बाहर निकलो मुझे ये देखने है.
सतीश : लेकिन अगर डैड वापिस आ गए तो?