ऐसे ही दिन बीतने लगा । और मेरे मन सवाल सब कर ही रह गया की मम्मी अकाउंट क्यू डिलीट नही कर रही है । में मौका धुंध रहा था पूछने का पर मम्मी से इतनी बात नही हो पा रहा था ।
पर एक दिन मैंने जान लिया । मम्मी को एक दिन बुखार चढ़ गई ज्यादा नही बस ऐसे ही नॉर्मल। मैने दवाई ला के दिया और मैने घर का काम किया मम्मी बेड रेस्ट कर रही थी । उस दिन तेज बारिश हो रही थी पापा भी फोन कर के बताया की वो चाचा के घर गए हुए हे वाहा गांव में बान आई है और वो आज नहीं आ पाएंगे । दोपहर का वक्त था वैसे तो ज्यादातर गर्मी का ही मौसम था पर उस दिन ठंड की मौसम थी ।
दोपहर का खाना बना के में मम्मी के कमरे में पूछने गया की वो अभी खान खायेगी या देर से क्यू की अक्सर हम 3 बजे खाते थे और तब 2 बज रहे थे । मम्मी कंबल ओढ़े सो रही थी । मुझे देख के बोली " बेटा तू कॉलेज से कब आया "
मेने जवाब दिया " में तो कॉलेज गया ही नहीं वो बोहोत तेज बारिश हो रही हे ना। अच्छा मैने खाना बना दिया है आप अभी खाओगे। यहां पर ला दूं "
मम्मी मेरी और प्यार भरी निगाहों से देख के बोली " अभी नही भूख नही हे। बेटा आ जा थोरी देर मेरे पास लेट जा "
में भी ममता की आगोश में मम्मी की कंबल में घुस गया । मम्मी मुझसे लिपट के मुझे बाहों में भर कर मेरी माथे पर चूम कर फिर आखों की पलकों में भी चूम कर बोली " मेरा सोना बच्चा । "
मम्मी की बदन बोहोत गर्म थी मुझे फिक्र होने लगी " मम्मी बुखार उतरा नही अभी तक क्या । "
मम्मी बोली " नही सुबह से थोड़ी आराम मिला है। बस थोड़ा जोड़ों में दर्द सा है कोमजोरी सा । ऐसा बुखार में होता ही है तू फिकर मत कर। साधारण बुखार 2 से तीन दिन तक रहता ही है उसके बाद भी ठीक नही हुई में तो तू मुझे डॉक्टर के पास ले जाना "
में बोला " मम्मी में आपकी घुटनो की मालिश कर दूं क्या "
मम्मी बोली ", अभी नही। बेटा तुमसे कुछ बात करनी है "
में बोला " हा बोलो मम्मी क्या बात है "
मम्मी थोड़ा ऊपर हुई और मेरे शर को अपनी छाती में छुपा के बोली " बेटा तुम्हारी आखों में देख के बात नही कर पाऊंगी बात ही ऐसी हे "
में समझ गया की मम्मी कुछ पर्सनल कहनी वाली हे । में भी मम्मी की पीठ पर हाथ रख के मम्मी की मुलायम छाती पर मुंह छुपाया और बोला " ठीक हे मुंह बोलो में आंखे भी बंद कर ली हे " मम्मी ने नहाए नही थे उनकी जिस्म तेज़ खुसबू मुझे भा रहा था ।
मम्मी बोली " बेटा कुछ दिन पहले तुमने अकाउंट डिलीट करने की बात की थी पर मैंने मना कर दिया था । क्यू पता हे "
में पूछा क्यू तो मम्मी कुछ देर तक जवाब नहीं दिया और देर से जवाब देने लगी ", बेटा तुम्हे साएद ठीक से समझ ना पर तुम अभी एक औरत को नही समझ सकते । तुम जवान हो समझदार हो लेकिन तुम्हे तजुर्बा नही हे । बेटा पहली बात तो ये की तुम मुझेसे किसी तरह की नाराज ना होना । में तुम्हारी नाराजगी सह नही पाऊंगी तुम्ही मेरी जान हो तुम्ही मेरी खुशी हो । बस में थोड़ा मतलबी होना चाहती हू की में थोरी अपनी हिस्से की खुशी पाना चाहती हूं । बेटा प्लीज समझने की कशिश करना मुझे। बेटा कैसे कहूं शर्म आ रही हे पर बेटा। बात ये हे की में चैनल को रखना चाहती हूं । तुम्हारी भविष्य के लिए और हमें किसी तरह की पैसों की सुख की कमी ना हो और और । बेटा मुझे भी अब आदत सी हो गई है वीडियो डालने में। बेटा हे तो ये गलत पर फिर भी मुझे अब इतना गलत नही लगता बस लगता हे की में तो सिर्फ अपनी वीडियो डालता हूं खुद की तो इसमें इतना क्या गलत कोई ऐसे औरतों की चेनल है मेरी जैसी । बेटा तुम क्या कहते हो । तुम्हे अगर पसंद नही तो में अकाउंट डिलीट करने को तैयार हूं "
मम्मी की छाती में मैने सांस छोड़ के बोला " नही मम्मी मुझे भी अब इतना कोई फर्क नही पड़ता । पहले लगता था की लोग आपकी वीडियो देख के गंदी गंदी नजर से देखेंगे गंदी सोच रखेंगे आपके बारे में । पर धीरे धीरे मुझे एहसास हुआ की हर औरत को बाहर गंदी नजर से ही देखा जाता है । तो किसी किस को रोकेंगे हम । आपका चेहरा तो छुपा ही रहता है पहचान तो कोई नहीं पाएगा । बस मैने ये सोच के अकाउंट डिलीट करने को कहा की मुझे लगा की आपको पसंद नही हे । में समझ सकता हूं । सॉरी मम्मी मुझे खुल के बोलना पड़ रहा हे। आपकी शादीशुदा जिंदगी तो खराब ही है साएद आपकी कुछ जरूरतें पूरी हो रही हे इससे । अगर आपको ठीक लगता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं बस आप अपना ध्यान रखना की कभी भी गलती से भी आपकी पहचान नही होनी चाहिए "
मम्मी मेरा सर सहलाते हुए बोली " बेटा शुक्रिया मुझे समझने के लिए। "