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रात का अंधेरा पसरने लगा था,सुनसान जंगल मे चोर मंगूस अपनी असफलता को मिटाने के लिए भटक रहा था,उसे कैसे भी कर के कामरूपा को ढूंढ निकालना था.
"उफ्फ्फ्फ़...ये भूरी काकी कहाँ मर गई पूरा जंगल छान मारा, हरामी छिनाल मेरे नाम पे धब्बा लगा गई,आज तक कोई भी चोरी का माल मेरे हाथ से नहीं निकला है.
खुद...