Adultery 9 हिंदी ग्रुप सेक्स कहानियां

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यह स्टोरी उनको बहुत पसंद आएगी जो वाईफ स्वपिंग और ग्रुप सेक्स पसंद करते है. मेरा नाम अविनाश है और मेरी एक बहुत ही सुंदर वाईफ शालिनी है, में शिमला का रहने वाला हूँ और अभी कुछ टाईम से हमारी सेक्स लाईफ कुछ खास नहीं थी. हम रेग्युलर इंटरकोर्स करते थे, लेकिन जो बात हमारी शादी के शुरू के 5 साल में थी, वो अब नहीं थी.
एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे एक ब्लू फिल्म की सी.डी दी, तो मैंने उसे शाम को घर पर आकर अपनी वाईफ के साथ देखा, उस ब्लू फिल्म में दो कपल आपस में सेक्स कर रहे थे. फिर मैंने देखा कि शालिनी उस सी.डी को देखकर बहुत उत्तेजित हो रही थी. अब वो कुछ बोल नहीं रही थी और सिर्फ़ देखे जा रही थी.
फिर मैंने यह देखकर उसकी पीठ पर अपना एक हाथ फैरा, तो वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मेरे कान को अपनी जीभ से छेड़ने लगी. अब में भी उत्तेजित था, उस टाईम शालिनी ने साड़ी पहनी थी, जो उसकी जांघो तक ऊपर हो रखी थी. फिर मैंने उसकी टाँगो पर अपना हाथ फैरना शुरू किया और धीरे-धीरे हमने अपने कपड़े उतार दिए. फिर उस दिन हमने 3 बार सेक्स किया और अब हम दोनों ही बहुत उत्तेजित थे. फिर उस दिन के बाद से मैंने उसे ग्रुप सेक्स की स्टोरी सुनानी शुरू की, तो वो यह सब सुनकर बहुत उत्तेजित होती थी.
मैंने एक दिन शालिनी से पूछा कि शालिनी क्या तुम चाहती हो कोई और पार्ट्नर हमारी लाईफ में आए? तो यह सुनकर शालिनी का मुँह शर्म के मारे एकदम लाल हो गया, शालिनी एक शर्मीली लड़की थी तो वो कुछ नहीं बोली और बस चुप रही और बात पलट दी. फिर मैंने अगले दिन फिर से यही पूछा तो वो कुछ नहीं बोली, तो में समझ गया कि वो चाहती है.
फिर मैंने उस दिन कुछ इंटरनेट की वेबसाईट में विज्ञापन दिया. फिर हमें कुछ रेस्पॉन्स मिले, तो तब हमने एक कपल को सलेक्ट किया. वो डॉक्टर था और उसकी उम्र 33 साल थी, उसकी वाईफ 30 साल की थी, हमारी भी यही उम्र थी. फिर कुछ दिन फोन पर बातें करने के बाद हमने एक होटल में मिलना तय किया. अब हम शाम को 5 बजे होटल के रूम में जाने के लिए तैयार हो रहे थे, तो मैंने देखा कि शालिनी आज बहुत ही ध्यान से तैयार हो रही थी. फिर में बेडरूम में गया, तो शालिनी बिल्कुल नंगी सिर्फ़ चूड़िया पहने हुए ड्रेसिंग टेबल पर बैठी हुई थी. अब उसे देखकर में उत्तेजित हो गया था, लेकिन मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया. फिर हम शाम को टाईम पर रूम में पहुँचे. फिर हमने नॉक किया, तो अंदर से डॉक्टर मदन ने दरवाजा खोला, वो दिखने में हट्टा-कट्टा था. फिर उसने हमारा वेलकम किया और अब हम रूम के अंदर सोफे पर बैठे थे, अभी शालिनी और में साथ-साथ बैठे थे.
फिर उन्होंने बताया कि ऋतु अभी तैयार हो रही है. फिर मदन ने हमसे ड्रिंक्स के बारे में पूछा, तो मैंने हाँ कर दी. शालिनी ड्रिंक्स नहीं लेती थी, तो उसने सिर्फ़ कोक लिया. अब हमारी बातें स्टार्ट हो गयी थी, तो इतने में ऋतु रूम से बाहर आ गयी. अब उसको देखकर मेरा लंड अपने आप हिलने लगा था. वो दिखने में बहुत सुंदर लेडी थी, उसके बूब्स का साईज 36 था, एकदम ठीक फिगर, उसने साड़ी पहनी हुई थी.
उसने मुझसे हाथ मिलाने के लिए अपना एक हाथ आगे किया, तो उसके हाथ को टच करते ही मेरे शरीर में एक करंट लगा. फिर ऋतु अपने पति के पास जाकर बैठ गयी, तो इतने में मदन ने कहा कि अब जब हमारे बीच में सब ओपन करने की बात हो ही गयी है, तो अब क्या शरमाना? लेट्स स्टार्ट इन्जॉय. फिर यह सुनकर शालिनी डर गयी और उसने मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ लिया. फिर मदन ने शालिनी का हाथ हल्के से अपने हाथ में लिया और अपने पास बुलाया. अब शालिनी शर्मा रही थी, उसके गाल एकदम लाल हो रहे थे, अब वो कुछ बोल नहीं पा रही थी.
फिर ऋतु भी मेरे पास आ गयी और अब शालिनी मदन के साथ सोफे पर और ऋतु मेरे साथ बैठी थी. फिर मैंने ऋतु का हाथ अपने हाथ में लिया और उसे एक किस किया. अब ऋतु की आँखे बंद थी और अब वो भी कुछ शरमा रही थी. फिर मैंने देखा कि मदन शालिनी को अपनी गोद में बैठने के लिए कह रहा था, लेकिन शालिनी मना कर रही थी.
मदन ने शालिनी को सोफे पर से उठाया और उसको पास में पड़ी एक कुर्सी के पास ले गया. अब मदन कुर्सी पर बैठ गया था और शालिनी को अपनी गोद में खींचा, जब शालिनी ने साड़ी पहन रखी थी इसलिए शालिनी एक साईड पर करके उसकी गोद में बैठ गयी थी. अब शालिनी कुछ खुल गयी थी, अब शालिनी को साड़ी में बैठने पर कुछ परेशानी हो रही थी. फिर इतने में ऋतु ने शालिनी से बोला कि शालिनी साड़ी उतार दो, यह सब कपड़ो के साथ नहीं होता है, फिर शालिनी ने कुछ नहीं कहा.
फिर इतने में मदन ने शालिनी के गालों पर किस किया और उसका चेहरा अपनी साईड में करके उसके होंठो पर अपनी जीभ लगाई. अब यह सब देखकर में उत्तेजित हो रहा था, दोस्तों यकीन करो अपनी वाईफ को किसी और की गोद में देखकर में बहुत एग्ज़ाइटेड हो गया था. अब शालिनी भी कुछ उत्तेजित हो रही थी. फिर मदन ने शालिनी की साड़ी को कुछ ऊपर किया और उसकी टांगो पर अपना एक हाथ फैरना शुरू कर दिया. अब मैंने ऋतु की साड़ी उतार दी थी और वो मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड पर अपना एक हाथ फैर रही थी.
फिर मदन ने शालिनी की साड़ी को धीरे-धीरे उतारना स्टार्ट किया. अब शालिनी इस टाईम मदन के बालों में अपना हाथ फैर रही थी. फिर शालिनी की साड़ी उतरने के बाद मदन ने उसका ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार दिया. अब शालिनी ब्रा और पेंटी में मदन के सामने थी. फिर मदन ने अपनी पेंट को उतारा और फिर अपनी शर्ट उतारा तो मुझे देखकर यकीन नहीं हुआ जब मैंने देखा कि शालिनी मदन का अंडरवियर उतार रही थी.
अब मदन का लंड शालिनी के हाथ में था और मदन शालिनी की चूत में उंगली कर रहा था. अब शालिनी की चूत से रस निकल रहा था और पच-पच की आवाजें आ रही थी. अब यह सीन देखकर ऋतु और में बहुत उत्तेजित हो रहे थे. फिर हमने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मुझे चूत चाटने का बहुत शौक है. फिर मैंने ऋतु को फर्श पर लेटाया और उसकी दोनों टांगे खोलकर अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाई.
उसके मुँह से आवाज़ आई ऊऊऊऊऊऊओह अविनाश तुम किसी भी लड़की को अपना दिवाना बना सकते हो, अब उससे वो बहुत उत्तेजित हो रही थी. फिर मदन ने अपना लंड शालिनी के मुँह में दे दिया, तो शालिनी ने भी उसके लंड को चूसना स्टार्ट कर दिया. अब धीरे-धीरे कमरे का माहौल गर्म हो रहा था और पच-पच की आवाज़े तेज हो रही थी. फिर इतने में ऋतु एकदम से उठी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेने लगी और फिर उसने मुझे चोदने को कहा.
फिर ऋतु ने मुझसे कहा कि वो अपने पति के बिल्कुल सामने चुदना चाहती है, तो हम दोनों उनके सामने आ गये. अब शालिनी भी मदन का लंड चूस रही थी. फिर मैंने ऋतु को जमीन पर लेटाकर एक जोरदार झटका मारा तो ऋतु के मुँह से एक जोरदार सिसकारी निकल गयी. अब शालिनी से भी नहीं रहा जा रहा था. फिर शालिनी उठकर मेरे पास आई और मेरे हिप्स पर अपना एक हाथ फैरने लगी.
शालिनी को हाथ फैरता देखकर मदन भी पास गया और अपनी वाईफ के बूब्स दबाने लगा. अब इस टाईम मुझे जो अनुभव हुआ, वो बहुत ही अजीब था. फिर मैंने महसूस किया कि मदन का हाथ मेरी बॉडी पर था, अब वो मेरे लंड के पास अपना एक हाथ फैर रहा था और जैसे कह रहा हो और ज़ोर से चोदो मेरी वाईफ को. अब शालिनी शायद बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी तो वो बोल पड़ी कि मदन अब प्लीज मेरी भी चुदाई कर दो, अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है. तो यह सुनकर मदन ने शालिनी को लेटाया, अब शालिनी ने अपनी दोनों टांगे खोल रखी थी.
फिर मदन ने उसकी चूत पर अपना एक मारा और अब उसका हाथ गीला हो गया था और फिर उसने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया. अब मदन बहुत स्पीड से शालिनी को चोद रहा था और शालिनी भी अपने हिप्स ऊपर कर-करके चुद रही थी आआआआआ. फिर इतने में मदन ने शालिनी के हिप्स पर एक थप्पड़ मारा, तो ऋतु ने बताया कि मदन की आदत है, वो उसे भी ऐसे ही चोदता है. अब मदन ऋतु के बूब्स भी दबा रहा था.
कुछ देर बाद हमारा काम पूरा हुआ और हम अपने घर आ गये. फिर जब मैंने अपनी बीवी से पूछा तो उसने बताया कि उसे बहुत अच्छा लगा था और फिर क्या था? हमने नये कपल की खोज शुरू कर दी और आज तक हम करीब 20 से ज्यादा कपल के साथ सेक्स कर चुके है.
 
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STORY 2
हैल्लो दोस्तों, आप सभी लंड वालों और चूत वालियों को मेरा नमस्कार. दोस्तों में अपनी आज की कहानी को शुरू करने से पहले थोड़ा सा अपने बारे में भी बता देता हूँ और उसके बाद में अपनी कहानी पर आऊंगा. दोस्तों में एक सेल्स प्रोफेशनल हूँ और हर तरह की सलाह देना मेरा काम है, वैसे आप सभी जानते ही हो सेल्स की नौकरी के बारे में और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों दस साल पहले मेरा तलाक हो गया था तो इसलिए में अकेला ही अपनी जिंदगी गुजार रहा था, लेकिन मुझे अब बहुत अकेलापन महसूस होने लगा था, इसलिए में अब किसी का साथ चाहता था. वैसे मुझे फ़ेसबुक पर बातें करना बहुत अच्छा लगता और ऐसे ही में अपना समय बिताने के लिए सेक्सी कहानियाँ भी पढ़ने लगा, जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता था.
एक दिन फेसबुक पर में एक दोस्त के साथ चेटिंग कर रहा था. मैंने कुछ लड़के और लड़कियों को अपनी तरफ ऐ आग्रह भेज रहा था. करीब एक महीने बाद एक औरत ने मेरे आग्रह को स्वीकार कर किया और फिर मेरी उससे दोस्ती होने के बाद ऐसे ही कुछ महीनों हमारे बीच मैसेज बाज़ी चलती रही. उस वजह से हम दोनों बहुत ज्यादा करीब हो गये और हमारे विचार एक दूसरे से मिलने लगे थे.
उसके कुछ दिनों के बाद हमने एक दूसरे का मोबाईल नंबर ले लिया और अब हमारी फोन पर भी बातें होनी शुरू हो गई थी और हमारे बीच बातें हंसी मजाक सब ऐसे ही चलता रहा और फिर हमारी दोस्ती को करीब पूरे तीन साल हो गये, मुझे इस बात का पता ही नहीं चला.
दोस्तों मे अभी 43 साल का हूँ और वो मुझसे 6 महीने छोटी है, उनके पति कनाडा में रहकर वहीं पर नौकरी करते और कभी कभी एक दो साल में वो अपने घर पर आते है. दोस्तों अब हमारी बातें कुछ ज्यादा ही बढ़ती चली गयी, जिसकी वजह से अब हमारे बीच में एक दूसरे से छुपाने वाली कोई भी बात ना बची और उसकी वजह से अब हमारी दोस्ती चुदाई के बहुत पास तक आ गयी.
हमारी पहली मुलाकात मेट्रो स्टेशन के पास एक कॉफी केफे में हुई, वो दिखने में ठीकठाक थी. उस दिन हम दोनों एक दूसरे को पहली बार देखकर बहुत खुश थे, लेकिन फिर वो करीब 15 दिन के बाद अपने बच्चों के साथ कनाडा चली और पूरे एक महीने के बाद वो वापस आ गई, क्योंकि अब बच्चों के स्कूल खुलने वाले थे, उनका मेरे फोन आया और में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया. फिर एक दिन हमने मिलने का विचार बनाया और हम दोनों उस दिन पूरा दिन साथ में रहे, लेकिन हमने कुछ नहीं किया, बस बैठे बहुत सारी बातें हंसी मजाक किया.
उसके बाद हम अपने अपने घर पर चले गए और उसके कुछ दिन बाद हमारा दोबारा मिलने का विचार हुआ और हम दोबारा मिले और एक दिन साथ में बिताया और उसके बाद घर आ गए. दोस्तों अब हम लोग एक दूसरे के सामने बहुत खुल गए थे और अब हमारे बीच में फोन सेक्स की बातें होने लगी थी, मेरा भी उसको चोदने का बहुत मन कर रहा था. में आप सभी को बता दूँ कि मेरी लम्बाई 5.7 है और में अच्छा दिखता हूँ, लेकिन सेक्स के मामले में ज्यादा धनी हूँ, क्योंकि मेरा लंड 6 इंच का है.
एक दिन हम प्लान बनाकर अपनी सुहागरात के लिए शहर से बाहर शिमला के एक होटल में चले गए, क्योंकि यहाँ पर हमारे पास कोई भी सुरक्षित जगह नहीं थी और वैसे आप सभी अच्छी तरह से जानते है कि दिल्ली के किसी होटल में भी यह काम करना कितना खतरनाक है, कब कोई फिल्म बना ले पता ही नहीं चलेगा, इसलिए हम तीन दिन के लिए शिलमा चले गये, वो दिन हमने हमारी सुहागरात की तरह मनाया था और जब हम शिमला होटल पहुंचे तो रूम में जाते ही हम दोनों एक दूसरे से ऐसे चिपक गये, जैसे हम दोनों कब से प्यासे हो, हमने बहुत मस्त चूमना शुरू किया और यह सब करीब 10-12 मिनट तक चला.
हम फ्रेश होकर अपने बेड पर आ गये और हम दोनों तुरंत अपने कपड़े उतारकर चिपक गए और दोबारा चूमने लगे. दोस्तों उसका क्या मस्त बदन था और वो मस्त चूमती भी थी. में उनके होंठो पर किस करके अब उनके बूब्स को चूसने लगा और दबा भी रहा था और धीरे धीरे पेट पर सहलाने लगा. उसके बाद जांघे और फिर चूत के ऊपर अपना हाथ घुमाने लगा.
दोस्तों अभी मैंने चुदाई शुरू नहीं की थी, लेकिन वो तो बहुत गरम हो गई और सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और फिर पैर और कूल्हों को किस किया, मस्त गोरी बहुत सेक्सी थी. कुछ देर बाद मैंने उन्हें सीधा लेटा दिया और अब में उनकी प्यासी गरम कामुक चूत पर आ गया. मैंने उसको सहलाना मसलना शुरू किया, जिसकी वजह से उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और मेरे मुहं में उसका पानी आ रहा था और मेरा पूरा साथ दे रही थी, वो अब अपनी चुदाई के लिए तड़प रही थी.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसकी तरफ बढ़ाया और उसने झपटते हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया और अब वो धीरे धीरे हिलाने लगी और कुछ देर बाद उसने लंड को अपने मुहं में ले लिया, वो बहुत मस्त होकर चूसने लगी थी, जिसकी वजह से में अब ज़न्नत की सेर कर रहा था और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब तुम इसको अंदर डाल दो मुझसे अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
अब में उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक ज़ोरदार झटका मार दिया, जिसकी वजह से अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया, वो उस दर्द की वजह से एकदम से सिहर उठी, आह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा ध्यान से करो, मुझे दर्द हो रहा है.
में अब अपने लंड को धीरे से थोड़ा और आगे पीछे करने लगा और जब मुझे उसका दर्द कम होना महसूस हुआ तो मैंने दोबारा से लंड को थोड़ा बाहर निकालकर एक ज़ोर का झटका दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में समा गया और उसकी चुदाई चलती रही.
दोस्तों करीब बीस मिनट तक उसको लगातार धक्के देकर चोदने के बाद उसने मुझसे कहा कि तुम अब अपने लंड पर कंडोम लगा लो. मैंने अपने लंड पर कंडोम चड़ाया और उसके बाद दोबारा से चोदना शुरू किया, उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.
अब उसकी चूत से पानी निकल रहा था और अब मेरी भी झड़ने की बारी थी, इसलिए मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को राजधानी एक्सप्रेस बना दिया. करीब 10-12 ज़ोरदार वाले झटके मारने के बाद में भी झड़ गया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये.
हम दोनों ने उन तीन दिनों के समय में करीब 15-16 बार सेक्स के मज़े किये, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के साथ से बहुत खुश थे और अब तीन साल से में जब भी हमें कोई अच्छा मौका मिलता है तो में उसको चोदता जरुर हूँ और हमने बहुत बार चुदाई के मज़े लिए.
फिर करीब दो महीने पहले उसने अपनी एक दोस्त से मेरा परिचय करवाया और उसने बताया कि उसकी वो सहेली भी मुझसे अपनी चुदाई करवाना चाहती है, उसकी सहेली भी चुदाई के लिए बहुत तरसती है, उसने मेरे चुदाई के तरीके और अपनी संतुष्टि भरी चुदाई जो मैंने उसको हर बार दी और उसके बारे में उसको पहले से ही बता दिया था, इसलिए वो भी मेरे साथ वो सब कुछ एक बार करना चाहती थी, वो मुझसे अपनी बहुत मस्त चुदाई करवाना चाहती थी.
उसने मुझे अपनी सहेली सी पहली बार मिलवा दिया और फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक दूसरे से ले लिए और हमारी बातें होने लगी. दोस्तों उसकी सहेली का नाम रूबी है, वो दिखने में बहुत सुंदर, उसके बूब्स कसे हुए, गोरा बदन बड़ी आकार की गांड मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी और हम बहुत कम समय में बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे और हमारी बातें अब बहुत लंबी होने लगी थी और में भी उसको चाहने लगा था. एक दिन मेरे पास रूबी का कॉल आया और हमारे बीच में कुछ इधर उधर की बातें हुई. फिर उसने मुझे उससे मिलने के लिए बुलाया. मैंने कहा कि ठीक है, में अपने ऑफिस के बाद आ जाऊंगा. उसके बाद में उसी शाम को उसके घर पर चला गया.
दोस्तों में पहले ही बता दूँ कि वो भी शादीशुदा है, उस वक़्त उसके पति 15 दिन के लिए कहीं बाहर गये थे. उसके घर में अब एक छोटी सी बच्ची जिसकी उम्र करीब पांच साल की थी, वो भी एक प्ले स्कूल में जाती है. दोस्तों रूबी एक ग्रहणी है, वो घर में बस तीन ही लोग है, उसका घर बहुत बड़ा था, में वहां पर गया और बैठा.
कुछ देर बाद चाय का दौर चला और हमारी बातें होती रही. मुझे उसके चेहरे से लग रहा था कि वो भी बहुत प्यासी है और उसकी भी भूख अभी तक नहीं मिटी थी, शायद उसका पति उसको सही तरीके से चोदता नहीं होगा या वो अपनी सुंदर हॉट सेक्सी पत्नी को इन सबके लिए पूरा समय नहीं दे रहा होगा. फिर बातों ही बातों में उसने मुझसे पूछा कि मेरे घर में कौन कौन है? तो मैंने कहा कि यहाँ पर दिल्ली में अकेला ही रहता हूँ और मेरी बीवी नहीं है और मेरी माँ हमारे गाँव की खेती सम्भालती है.
कुछ देर बातें करने के बाद मैंने वहां से चलने का बहाना बनाया और में उससे जाने की बात कहकर उठकर खड़ा हो गया. तभी वो मुझसे कहने लगी कि तुम घर में अकेले रहते हो, तुम घर पर पहुंचकर कब खाना बनाओगे? इसलिए तुम यहीं पर खाना खाकर ही चले जाना. फिर मैंने उनकी बात को सुनकर मन ही मन बहुत खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है, वैसे मेरा भी मन घर जाने का नहीं था, क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझे आज एक और नयी चूत चोदने को मिल सकती है. अब उसने हमारे लिए खाना बनाया और कुछ देर बाद हमे खाना खाने पीने में करीब 10:30 बज गये.
दोस्तों मुझे खाना खाने के बाद एक सिगरेट और चाय पीने का मन होता है और में अपने घर भी खाना खाने के बाद यही करता हूँ, इसलिए मैंने उसके सामने चाय की फरमाईश रख दी और सिगरेट तो मेरे पास पहले से ही थी. अब वो मेरे लिए मेरे कहने पर तुरंत रसोईघर में चाय बनाने चली गई और में उसके फ्लेट की बालकनी में खड़ा रहकर सिगरेट पीने लगा और कुछ देर में मेरे लिए चाय आ गयी, हमने साथ में चाय के मज़े लिए और तब तक 11 बज चुके थे, उसने बातों ही बातों में मुझसे कहा कि अब तुम अपने घर पर मत जाओ, आज रात को यहीं पर रूक जाओ और तुम कल सुबह तुम्हारे ऑफिस भी यहीं से चले जाना.
मैंने कुछ देर सोचकर कहा कि हाँ ठीक है, अब तक उसकी बेटी सो चुकी थी और हम लोग टी.वी. देख रहे थे, उसने कोई हॉलीवुड फिल्म लगा रखी थी, उसमें कई सारे गरम करने वाले द्रश्य आ रहे थे, जिनको वो बड़े ही गौर से देख रही थी और जोश में आकर अपनी मेक्सी के ऊपर से अपने बूब्स को हल्का हल्का दबा रही थी, में उसकी इस हरकत को अपनी तिरछी निगाहों से देख रहा था और अब तक मेरा लंड भी तनकर पूरे जोश में आ चुका था. में अब मन ही मन सोच रहा था कि में शुरू कहाँ से करूं? तभी मैंने कहा कि भाभी जी तो वो मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर एकदम चकित हो गयी और वो मुझसे कहने लगी कि तुम मुझे भाभी मत कहो, मेरा नाम लेकर बोलो.
अब में उसकी तरह हंस दिया और मैंने कहा कि रोज़ी जी आपके पति बाहर कितने दिन रहते है? वो बोली कि महीने में करीब बीस दिन वो बाहर ही रहते है. तभी मैंने देखा कि यह बात कहते हुए उनका चेहरा उदास हो गया था और मैंने जले पर नमक डालते हुए नाटक करके उससे कहा कि ओह्ह्ह फिर तो वो आपको समय भी नहीं दे पाते होंगे? तो उसने मेरी बात को सुनकर एक लंबी साँस ली और बोली कि वो घर पर होते भी है तो मुझे वो कहाँ समय देते है, वो बड़े ही उदास मन से बोली.
दोस्तों में उसकी समस्या को समझकर खुश होकर मन ही मन सोचने लगा, अब तो मेरा मौका पक्का हो गया और मुझसे अब बिल्कुल भी रुका नहीं जा रहा था और में उसके पास में जाकर उससे चिपककर बैठ गया, लेकिन उसने मेरा कोई ऐतराज़ नहीं किया, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत बढ़ गई और अब मैंने उसके कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और एक किस उसके गाल पर कर लिया, वो मुस्कुराकर टी.वी. देखती रही और में समझ गया कि अब मेरा रास्ता बिल्कुल साफ है. फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़कर अपने खड़े लंड पर लाकर रख दिया, वो मेरी पेंट के ऊपर अपना हाथ रखे हुए लंड को दबाने लगी.
अब मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, जिसकी वजह से उसको अब बहुत मज़ा आ रहा था. फिर तभी मैंने अपनी पैंट की चेन को खोलकर अपने लंड को आज़ाद करके उसके हाथ में दे दिया, वो मेरे लंड को बहुत ध्यान से देख रही थी. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि तुम्हारा यह तो बहुत बड़ा और मोटा भी है और इतना कहकर वो दोबारा मेरे लंड को हिलाने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उससे पूछा कि क्या तुम इसको चूसोगी तो उसने हाँ में सर हिलाया और वो बोली कि बेडरूम में चलो, हम दोनों बेडरूम में चले गये और कपड़े उतारने लगे, हमारे बदन में आग सी लग रही थी. फिर कपड़े उतारने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया और एक मस्त वाला हग किया. में उसके एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूस रहा था और दूसरे को दबा रहा था.
मैंने उसके पूरे शरीर पर किस किया और उनकी 36 की गोल मटोल गांड दबाई, अब वो सिसकियाँ लेने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि राज आज मेरी प्यास को बुझा दो, में बहुत दिनों से नहीं चुदी हूँ. फिर मैंने हाँ में अपना सर हिलाया और उसके होंठो पर ज़ोरदार किस किया और उसको बेड पर लेटा दिया और हम अब 69 की पोज़िशन में आ गए, में उसकी चूत वो मेरा लंड चूसने लगी, करीब 15 मिनट के बाद उसने मेरा लंड चूसना छोड़ दिया और वो बोली कि प्लीज अब आ जाओ.
अब में उसके दोनों पैर फेलाकर चूत के ठीक सामने बैठ गया. मैंने उससे पूछा कि कंडोम कहाँ है? तो उसने बेड के सिरहाने से एक कंडोम बाहर निकाला और फिर मेरे लंड के टोपे पर एक किस किया और उसको कंडोम पहना दिया. मैंने अब उसकी चूत के छेद पर अपने लंड का टोपा रख दिया और एक ज़ोर का झटका दे दिया, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से हिल गयी और बोलो कि प्लीज धीरे से करो. दोस्तों अब तक मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर जा चुका था.
मैंने अब लंड को आगे पीछे किया और अब उसे भी मेरे साथ मज़ा आ रहा था. मैंने लंड को बाहर निकालकर फिर से चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मार दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और अब वो भी मज़े से अपनी गांड को उठाकर मुझसे अपनी चुदाई करवा रही रही थी, वो अब मुझसे कह रही थी कि प्लीज तुम मुझे हर रोज़ ऐसे ही चोदो, जब तक मेरे पति घर पर ना आ जाए. अब में हाँ के साथ साथ झटके भी लगा रहा था. फिर वो बोली कि में तुम्हें इस काम के लिए पैसे भी दूँगी. मैंने पैसों के लिए उनको मना कर दिया, लेकिन वो बार यही बात कहती जा रही थी और में मना किए ज़ा रहा था.
फिर करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए कहा और वो तुरंत तैयार हो गयी. अब मैंने उसको घोड़ी की तरह बैठाकर अपना लंड उसकी चूत में डालकर उसके कूल्हों को कसकर पकड़ लिया और लगातार ज़ोर से धक्के लगाकर चोदता रहा. मैंने महसूस किया कि मेरा लंड उसकी चूत में बहुत गहराई तक जा रहा था और वैसे चुदाई उसकी पहली चुदाई थी. दोस्तों वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और मुझे भी उसके साथ बहुत मज़ा आ रहा था.
करीब 10-12 मिनट में हम दोनों एक एक करके झड़ गये और अब हम दोनों बिल्कुल शांत हो गये. मैंने अपने लंड से कंडोम को उतारकर फेंका. उसके बाद हम दोनों बाथरूम में चले गये और साथ में नहाकर हम दोनों दोबारा बेड पर आ गये और लेट गये, बातें करने लगे और वो मेरी छाती पर बहुत प्यार से अपना सर रखकर लेटी हुई थी, वो कभी कभी बातों के बीच में मेरी छाती पर किस भी कर रही थी. दोस्तों उस रात को हमने करीब तीन बार सेक्स किया, सुबह वो जल्दी उठी, क्योंकि उसको अपनी बेटी स्कूल भेजना था. उसने मुझे करीब 9 बजे उठाया. मुझे बीती हुई रात की चुदाई की वजह से थोड़ी सी थकान भी महसूस हो रही थी.
उसने मुझसे कहा कि आप अब फ्रेश हो लो, में आपके लिए नाश्ता बना लाती हूँ, वो कुछ ही देर बाद मेरे लिए नाश्ते में ब्रेड आमलेट और एक गिलास में दूध ले आई. मैंने नाश्ता किया और अपना बेग उठाकर में अपने ऑफिस के लिए जाने लगा. तभी वो मुझसे आकर लिपट गयी और वो अपनी आँखो में आँसू ले आई. मैंने उसके आँसू साफ किये और उसको किस किया, वो खुश हो गई और बोली कि शाम को यहीं पर आ जाना. मैंने कहा कि हाँ ठीक है.
में अपने ऑफिस पहुंचा और अपने टेबल पर आकर अपने आज का प्रोग्राम बनाने के लिए मैंने अपने बेग से डायरी बाहर निकाल रहा था तो में हैरान रह गया और मैंने देखा कि मेरे बेग में नोटो का एक बंडल था. में अब सोच रहा था कि यह पैसे मेरे पास कहाँ से आए? फिर रोज़ी की रात वाली वो बात याद आई, जिसमें उसने मुझे पैसे देने के लिए कहा था. में तुरंत समझ गया था कि उसने ही मेरे बेग में यह पैसे रखे होंगे और जब मैंने उनकी गिनती की, तब मुझे पता चला कि वो 7500 रूपये थे. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और मैंने मन में सोचा कि में आज शाम को उसे यह पैसे वापस कर दूंगा.
पूरा दिन का काम खत्म होने के बाद शाम को मेरे पास उसका फोन आया यह याद दिलाने के लिए कि मुझे उसके घर पर जाना है और फिर में शाम को उसके घर पर चला गया. अब में उसको वो पैसे उसे दे रहा था और उस पर थोड़ा सा गुस्सा भी हो रहा था कि उसने यह पैसे मेरे बेग में क्यों रखे? तब उसने मुझे किस किया और वो बोली कि आप यह बात बिल्कुल भी मत समझना कि यह आपके साथ एक रात को सोने की कोई कीमत है, क्योंकि में तो क्या कोई भी तुम्हारे उस प्यार की असली कीमत नहीं चुका सकती, यह मेरी तरफ से सिर्फ़ आपके लिए एक छोटा सा तौफा है.
भी मैंने वो पैसे रखने से साफ मना किया. तब वो मुझसे कहने लगी कि अगर तुम यह नहीं रखना चाहते तो तुम अब मुझसे कभी दोबारा मत मिलना और ना ही मुझे कॉल करना. दोस्तों उसकी वो बात सुनकर अब मुझे मजबूर होकर चुपचाप वो पैसे अपने पास रखने पड़े, में उससे कुछ नहीं बोल पाया. उसके बाद मैंने उसको अपने गले से लगा लिया और उसको चूमने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी.
उसके बाद उस रात को हमारे बीच वो चुदाई का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया. मैंने उसको उस रात भी बहुत जमकर चोदा. वो मेरी हर एक चुदाई से बहुत खुश हुई और हमारी यह चुदाई कई दिनों तक ऐसे ही चलती रही. मैंने उसको हर बार अपनी चुदाई से बहुत खुश किया और उसको पूरी संतुष्टि दी.
दोस्तों आज में आप सभी को एक बात बताना चाहता हूँ, हर एक औरत आपसे सिर्फ़ प्यार मांगती है और प्यार के लिए वो अपना सब कुछ लुटा देती है, वो बहुत भोली होती है, इसलिए आप किसी भी औरत, लड़की को कभी भी धोखा मत देना और ना ही उसका गलत इस्तेमाल करना.
 
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में आज आप सभी को एक साली की सुहागरात की कहानी सुनाने जा रहा हूँ. यह कहानी एक आदमी की है जिसकी उम्र 29 साल है और वो गोवा में किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता है, वो एक शादीशुदा है और उसकी पत्नी जिसका नाम गीता है, वो बहुत ही सुंदर हॉट सेक्सी है और उसकी दो साली भी है.
एक बड़ी साली और दूसरी छोटी साली है, वो अपनी पत्नी गीता के साथ अपनी सेक्स लाइफ में बहुत खुश था और उन दोनों का वो जीवन बड़े अच्छे से गुजर रहा था और वो अपनी पत्नी गीता के साथ गोवा के बिच पर भी कई बार सेक्स कर चुका था, वो दोनों पति पत्नी गोवा में पानी के किनारे नंगे सोते, एक दूसरे को चूमते चाटते और एक दूसरे के बदन को सहलाकर बड़े मज़े कर रहे थे, जिसकी वजह से वो दोनों पति पत्नी बहुत ज्यादा खुल चुके थे और उनके बीच में अब शर्म नाम की कोई भी चीज नहीं थी, वो बिल्कुल बेशरम सेक्स करने के हमेशा भूखे चुदाई के प्यासे हो चुके थे. चुदाई करना उनका सबसे पहला काम बन चुका था और वो दोनों हर कभी कहीं भी मौका देखकर चूमने, चिपकने और सही मौका मिलते ही चुदाई भी करने लगते थे. वो ना दिन देखते और ना रात और ना घर देखते ना बाहर बस अपने काम में लगे रहते थे. दोस्तों अब आप सभी लोग आगे की कहानी उस आदमी की जुबानी सुनिए.
तो दोस्तों एक बार उस दिन मुझे अपनी पत्नी की चुदाई करते समय पता चला कि मेरी छोटी साली की शादी पक्की हो गई है, जिसको सुनकर में खुश हुआ और फिर हम दोनों भी मेरी साली की शादी में चले गए.
कुछ दिन वहीं पर रहकर शादी के सभी कामों को खत्म करके हम वापस अपने घर चले आए. तब आते समय सफर में मुझे मेरी पत्नी ने बताया कि मैंने अपनी बहन की शादी के काम खत्म हो जाने के बाद उन दोनों को अपने यहाँ पर हनिमून के लिए भी बुला लिया है क्यों मैंने ठीक किया ना? तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि हाँ तुमने बिल्कुल ठीक किया और उनको भी यहाँ पर थोड़ा मज़ा मस्ती करने का मौका मिलेगा, वो एक दूसरे को समझने लगेंगे.
फिर शादी के कुछ सप्ताह बीत जाने के बाद मेरी साली और उसका पति मेरी पत्नी के कहने पर हमारे यहाँ पर आ गये. फिर उनको देखकर मेरी पत्नी बहुत खुश हुई और उसके बाद हमने उन दोनों को एक अलग से कमरा दे दिया और वो लोग उसमें आराम करने लगे. दोस्तों मेरी पत्नी उस दिन उसकी बहन की शादी और उसके बाद अब उन दोनों पति पत्नी को पहली बार अपने घर पर बुलाकर बहुत खुश थी और उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था और वो पूरे मन से उन दोनों की बहुत सेवा कर रही थी. उसने अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी. दोस्तों मेरी साली कुछ बोल्ड थी और मुझे धीरे धीरे उसकी बातों से पता चल गया था, लेकिन मुझे उससे क्या मतलब था क्योंकि वो तो अब किसी और की पत्नी थी.
दोस्तों हम सभी का एक ही बाथरूम था, जो हम दोनों जोड़ो के बेडरूम के साथ मिला हुआ था और उसके अलग अलग दो दरवाजे भी थे, इसलिए मुझे उसमें से हर रात को उन दोनों के साथ में नहाने की आवाज़े आती रहती थी और चूत लंड की बातें भी बहुत सुनाई देती थी, जिसको सुनकर में बहुत गरम होने लगता, लेकिन मेरी पत्नी के कोई भी फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वो तो अपनी चूत की चुदाई करवाकर गहरी नींद में सो जाती और फिर एक रात को मैंने उनकी बातें सुनकर जोश में आकर मन ही मन एक विचार बनाया और उसके अगले दिन मैंने दरवाजे पर एक छोटा सा छेद कर दिया और में उसके बाद इंतजार करने लगा.
फिर कुछ देर बाद में सुबह सुबह उन दोनों को नंगा नहाते हुए देख रहा था. मुझे उनको एक दूसरे से चिपककर नहाते मस्ती करते हुए देखकर बड़ा मज़ा आ रहा था में उनको देखकर बहुत जोश में आ चुका था, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था, लेकिन तभी अचानक से मेरी पत्नी आ गई और उसने मुझसे पूछा क्यों यहाँ क्या देख रहे हो, मुझे भी दिखाओ और अब वो भी उन दोनों को देखने लगी वो दोनों अंदर पूरे नंगे होकर नहा रहे थे और मेरी साली नीचे बैठकर अपने पति का लंड साफ कर रही थी और वो कभी कभी लंड को किस भी कर रही थी. फिर मेरी पत्नी वो सब देखकर एकदम बेशर्म बनकर मुझसे कहती है कि वाह इसका क्या मस्त लंड है? बड़ा मस्त लंबा मोटा और बड़ा चमकीला भी है.
तभी मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे उसका वो लंड चाहिए? वो मेरी बात को सुनकर हंस पड़ी और बोली कि नहीं आप रहने दो, में मजबूरी में आपके लंड से ही अपना काम चला लूंगी. फिर मैंने उससे दोबारा ज़ोर देकर पूछा कि क्यों तुम्हे अगर चाहिए तो तुम मुझे खुलकर बोल दो, में तुम्हारे लिए उसका इंतज़ाम कर दूँगा और इसमे शरमाने वाली कोई भी बात नहीं है? वो बोली कि कैसे क्या होगा? कहीं ऐसा तो नहीं है ना कि तुम को भी मेरी बहन की चूत पसंद आ गई है? दोस्तों में उसके मुहं से वो शब्द सुनकर हंस पड़ा और वो मेरी हंसी का मतलब समझ गई बोली कि ठीक है.
फिर हम दोनों ने उस रात को बहुत जमकर सेक्स के मज़े लिए और मेरी पत्नी ने अनुज (अपनी बहन के पति का नाम) और में उसकी बहन (बेबी) मेरी साली का नाम लेकर बहुत जोश में आकर उसकी चुदाई कर रहा था और उसकी गांड भी मारी. तभी हम दोनों ने कुछ देर बाद बाथरूम से कुछ आवाज़ आने लगी और उनको सुना.
फिर हम दोनों ने देखा कि बेबी अनुज की गांड में अपनी एक उंगली को डालकर उसकी गांड मार रही है और अनुज कह रहा है उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह बेबी प्लीज तुम अपने जीजाजी से मेरी गांड मरवा दो प्लीज. फिर उसके मुहं से यह शब्द सुनकर हम दोनों बिल्कुल हैरान हो गए और फिर मेरी पत्नी मुझसे हंसकर बोली कि वाह अब तो बड़ा मज़ा आएगा.
तब मैंने उससे पूछा कि वो कैसे? तब वो बोली कि अनुज मेरी चूत में अपना लंड डालेगा और तुम उसकी गांड मारोगे. उससे सभी का काम हो जाएगा. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे एक आदमी की गांड नहीं मारनी और मैंने तुम्हे ऐसा करने के लिए कब हाँ कहा? तो वो मेरी बात को सुनकर हंसकर पूछने लगी तो तुम्हे किसकी गांड मारनी है? मैंने उससे कहा कि तेरी और तेरी बहन की क्यों समझ गई क्या? फिर हम दोनों ने बैठकर एक प्रोग्राम बनाया और हम सभी लोग साथ में पास ही के बीच पर चले गए. उस समय मेरी पत्नी ने पेंटी और ब्रा पहन रखी थी और मेरी साली ने भी ब्रा और पेंटी पहन रखी थी में और अनुज दोनों ही केवल अंडरवियर में थे.
अब में और मेरी पत्नी एक तरफ बैठकर हंस हसंकर सेक्सी सेक्सी बातें कर रहे थे और फिर कुछ देर बाद हम दोनों पास ही के पत्थरों के बीच में बैठ गए और वहां पर भी हम दोनों चूत लंड की बातें करने लगे और में अपनी पत्नी के बूब्स को सहलाने लगा, तो वो मुझसे कहने लगी कि लंड में दम नहीं, हम किसी से कम नहीं, तो में बोला कि चूत ना चूची और बताई ऊँची ऊँची.
फिर वो और मेरी साली और उसका पति भी हंसने लगा, मैंने बोला कि मेरे लंड में तो बड़ा दम है, क्या तुम्हे चेक करना है? तो वो हंस पड़ी और बोली कि हाँ चल चेक करा साले. फिर उसके बाद हम सभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और में उसके बूब्स को उसकी ब्रा से बाहर निकालकर उनका रस पीने लगा. अब अनुज और बेबी बड़े ध्यान से हम दोनों को देखने लगे. में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से निचोड़ रहा था और अब वो मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकालकर अपनी चूत के अंदर डालने की कोशिश कर रही थी.
कुछ देर मेहनत करने के बाद मेरा लंड उसकी चूत में चला गया और में उसके साथ वहीं पर चुदाई करने लगा और फिर में अनुज और बेबी से बोला कि तुम दोनों हमें ऐसे क्या देख रहे हो? अनुज तुम उसके बूब्स को चूसो बेबी को बहुत मज़ा आएगा. अब वो दोनों भी शुरू हो गए अनुज उसके बूब्स को ज़ोर से दबाने, पीने लगा और तभी मेरी पत्नी अनुज का लंड पकड़कर वो उसकी मुठ मारने लगी, जिसकी वजह से अनुज को बड़ा मज़ा आने लगा और वो बेबी की चूत में उंगली करने लगा, जिसकी वजह से वो भी गरम हो गई.
फिर कुछ देर हम सभी ऐसे ही मज़े लेते रहे, लेकिन कुछ देर के बाद मेरी बीवी ने अनुज के लंड को अपने मुहं में ले लिया और वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी. वो एक अनुभवी रंडी की तरह बड़े मज़े लेकर कुछ देर तक लंड को चूसती रही, लेकिन फिर अनुज के लंड ने पानी छोड़ दिया और उसके साथ साथ मेरे भी लंड ने अपना पानी छोड़ दिया और मेरी पत्नी भी झड़ गई. फिर उसके बाद हम सभी लोग कुछ देर मज़े मस्ती करके हंसी ख़ुशी वहां से वापस घर चले आए और हम सभी को बहुत मज़ा आया और अब हम सभी घर पर पहुंचकर नहाने के लिए बाथरूम में जाने लगे.
तभी मेरी पत्नी बोली कि आप लोग नहा लो, में पहले खाना बना लेती हूँ और उसके बाद में भी आती हूँ. उसकी वो बात सुनकर हम तीनों पूरे नंगे ही नहाने के लिए बाथरूम में चले गये और वहां पर हम सब नंगे ही नहाने लगे उसी समय मेरी साली ने मेरा और अनुज का लंड पकड़ लिया और वो हमारे लंड को साफ करने लगी और अनुज भी उसकी चूत को साफ करने लगा.
फिर कुछ देर बाद वो गांड की सफाई करने के बहाने अनुज की गांड में अपनी उंगली को डालकर साफ करने लगी और तभी मेरी पत्नी की आवाज़ आ गई, वो बोली कि खाना बन गया है आप लोग खा लो और हम तीनो नंगे ही बाथरूम से बाहर आ गये. तब तक मेरी पत्नी भी नंगी हो चुकी थी और हम सभी ने खाना खाया और उसके बाद अब मेरी पत्नी कहने लगी कि मुझे भी अब नहाना है.
फिर में और मेरी पत्नी हम दोनों ही नहाने के लिए बाथरूम में चले गये और वहां पर मेरी पत्नी ने मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूस चूसकर मेरे लंड का सारा वीर्य बाहर निकाल दिया और वो उसको गटक गई और कुछ देर बाद हम दोनों नहाकर बाथरूम से बाहर वापस अपने रूम में आ गये और तब हम वहां पर देखते है कि मेरी साली अनुज का लंड चूस रही है और कुछ देर मेरे पास खड़े रहने के बाद मेरी पत्नी भी उन दोनों के पास चली गई और अब उसने भी अनुज का लंड चूसना शुरू कर दिया. मैंने देखा कि वो दोनों बहनें बारी बारी से अनुज का लंड चूस रही थी और में दूर खड़ा होकर उन्हें देख रहा था.
तभी मेरी साली मुझसे कहने लगी कि जीजाजी आप भी हमारे पास आओ ना, हम सभी मिलकर मज़े मस्ती करते है और हमें साथ में मिलकर करने में बहुत मज़ा आएगा.
फिर में बोला कि तुम लोग मज़े करो और मुझको तो तुम्हारी बहन ने अभी अभी ठंडा किया है और उसने मेरा पानी भी पिया है, वो मेरी बात सुनकर हंस पड़ी और में देखने लगा और फिर उन दोनों ने अनुज का लंड बहुत मज़े से चूसा और कुछ देर बाद उसके लंड से भी पानी निकाल दिया और वो सब हंसने लगे. वो दोनों बहनें भी अनुज का वीर्य चाटने लगी. फिर में बोला कि अब उसको छोड़ भी दो तुम मेरा वीर्य चाट लेना और हम सभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.
फिर उसके बाद हम अब सोने के लिए जाने लगे तो मेरी पत्नी मुझसे बोली कि हम सभी एक साथ साथ सोएगें. फिर मेरी साली कहने लगी कि नहीं हम लोग अलग ही दूसरे कमरे में सोएगें और उसके मुहं से वो बात सुनकर मेरी पत्नी बहुत निराश हो गई. उसके बाद हम सभी अपने अपने कमरे में सोने चले गए और उस रात मैंने अपनी पत्नी की दो बार चूत मारी और एक बार गांड भी मारी, तब उसने मुझे बताया कि कल मेरी साली का जन्मदिन है और उसके मुहं से वो बात सुनकर में बहुत खुश हो गया और हम दोनों ने एक प्लान बनाया.
उस बात को सोचकर हम दोनों बहुत खुश हुए और अगले दिन में और मेरी पत्नी नंगे ही उनके कमरे में पहुंच गये, तो मेरी साली और उसका पति हम दोनों को देखकर हंसने लगे और वो पूछने लगी कि क्या बात है, आप लोग बड़े सेक्सी लग रहे हो? तब मेरी पत्नी मेरी साली को किस करके उससे बोली कि तुम्हे तुम्हारा जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो मेरी जान मेरी स्वीट बेबी.
फिर वो बोली कि आपको बहुत धन्यवाद. फिर में उससे पूछने लगा कि आज तुम्हारा जन्मदिन है बताओ तुम क्या लोगी? अब वो बोली कि में बाद में बता दूंगी जीजाजी और दीदी आज हम सभी पूरे नंगे ही घर पर रहेंगे क्यों ठीक है ना? तब मेरी पत्नी बड़ी खुश होकर मुस्कुराकर बोली कि हाँ ठीक है बेटा और फिर हम सभी हंसने लगे उसके कुछ देर बाद वो उठकर फ्रेश होने चली गयी और जाते समय साथ में वो अपने पति को भी ले गयी, मैंने देख कि उसने अपने पति से कहा कि आज में आपका कोई काम नहीं करूंगी, तो वो बोला कि हाँ ठीक है, लेकिन अपने जीजाजी से मेरी गांड तो ज़रूर मरवा देना प्लीज मुझे उनका लंड एक बार जरुर लेकर उसका मज़ा लेना है. अब वो हंसकर बोली कि हाँ ठीक है और उसने फ्रेश होने के बाद अपने पति से अपनी गांड साफ करवाई और उसके पति अनुज ने छोटे बच्चे की तरह उसकी गांड को पानी डालकर साफ किया और उसके बाद वो दोनों नहाकर बाहर आ गए.
 
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STORY 4
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम लालू है और मेरी उम्र 52 साल है. मेरी पत्नी का नाम पुष्पा है और उसकी उम्र 49 साल है. हमारे एक बेटी और एक बेटा है और उन दोनों की शादी हो चुकी है और वो बाहर रहते है और हम अकेले ही रहते है. हमारी प्रॉपर्टी के किराए से आमदनी हो जाती है और हम ज़्यादातर समय फ्री रहते है.
मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच, मोटा शरीर, रंग सांवला, वजन 86 किलोग्राम है. मेरी पत्नी की हाईट करीब 5 फीट, रंग गोरा, भरा हुआ बदन, भारी बूब्स, फिगर साईज 38-38-40 है, वो अभी भी सेक्सी लगती है. हमारी सेक्स लाईफ ठीक ठाक चल रही है कोई खास नहीं. मेरा लंड करीब 4 इंच खड़ा होने पर और मोटाई 2 इंच है. अब जब तक बच्चे साथ थे तो हमने इस बारे में कभी सोचा नहीं था, लेकिन अकेले रहने पर सेक्स की तरफ ज़्यादा ध्यान जाने लगा.
अब हमारे पास समय पूरा था और घर में कोई नहीं था, इसलिए हम ब्लू फिल्म की सी.डी लाकर कंप्यूटर पर लगाकर देखते थे. अब ब्लू फिल्म में दो मर्द मिलकर एक औरत को चोदते या लोग अपने पार्टनर को बदल-बदलकर चोदते थे. उनके मोटे लंड और लंबे लंड को देखकर मेरी पत्नी की हसरत बढ़ जाती थी और वो अपनी ललचाई निगाहों से देखती रहती थी.
अब बार-बार मेरा ध्यान उस तरफ जाता थी कि देखो इसका लंड कितना मोटा और लंबा है? इनके पार्टनर को तो बहुत मज़ा आता होगा? ये कितना टाईम झड़ने में लगा रहे है? देखकर ही कितना मज़ा आ रहा है? और फिर वो मुझसे कसकर लिपट जाती और हम चुदाई में जुट जाते थे. हमें ब्लू फिल्म देखकर चुदाई करने में बहुत मज़ा आता था. मेरा लंड छोटा होने पर भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगते तो पुष्पा मदहोश हो जाती और आह-आह करके नीचे से अपनी कमर उठाकर चुदाई में पूरा जवाब देती थी.
फिर एक दिन मैंने पुष्पा से पूछा कि लंबे मोटे लंड की तुम्हें बहुत हसरत है, क्यों ना हम किसी लंबे लंड की व्यवस्था करें? तुम्हें भी मज़ा आएगा. फिर वो पहले तो सकुचाई, लेकिन उसके मन में लंबे मोटे लंड की हसरत थी, इसलिए उसने मना नहीं किया और मुस्करा दी. हमारे फ्रेंड्स का ग्रूप था, जो कि एक ही उम्र के थे.
अब हमें जयपुर में एक शादी में जाना था और मेरा दोस्त विजय को भी उसी शादी में जाना था, तो हमने एक साथ जयपुर जाने वाली ट्रेन में रिज़र्वेशन करवाया. ए.सी 2 टीयर में 4 बर्थ होती है और विजय उसकी पत्नी रेखा और में और पुष्पा उसी डब्बे में सवार हुए और ट्रेन चल दी. फिर मैंने विजय को देखकर पुष्पा को चुपके से कहा कि तुम्हें लंबे लंड की इच्छा है जो आज पूरी हो जाएगी, तो वो बोली कि कैसे? तो मैंने कहा कि विजय का लंड लंबा है, तो वो बोली कि तुम्हें कैसे मालूम?
फिर मैंने कहा है हम हॉस्टल में साथ थे और वहाँ कॉमन बाथरूम में हम लोग एक दूसरे के सामने नंगे नहाते थे, इसका लंड लंबा था. अब में आपको विजय और रेखा के बारे में बता दूँ.
विजय करीब 51 साल का था, हाईट 5 फुट 6 इंच, बदन तंदुरुस्त, सीना 36, वेस्ट 38, वजन 70 किलोग्राम. रेखा साँवली करीब 45 साल की, हाईट 5 फुट 2 इंच, फिगर साईज 34-34-38 है, वो अच्छी सेक्सी दिखती थी. अब ट्रेन में हम लोग आपस में बातें करने लगे थे और वेज नॉनवेज जोक्स चल रहे थे.
अब पुष्पा तो वैसे ही सेक्सी मूड में थी और फिर जब रेखा ने कहा कि आपके तो मज़े है, घर में कोई नहीं है चाहे जब लग जाओ और हमें तो बच्चों का ध्यान रखना पड़ता है, बच्चे बड़े और शादीशुदा है तो रात में भी मुश्किल से मौका मिलता है और जैसे तैसे जल्दी से निपटना पड़ता है. फिर पुष्पा ने कहा कि चलो आज तो कोई नहीं है पूरी रात पड़ी है, इस डब्बे में बस हम चारों है तो यहीं मज़े ले लो. फिर रेखा ने कहा कि धत कैसी बात करती हो? तो पुष्पा ने कहा कि दोस्ती में खुला खाता होना चाहिए, शरमाने का क्या काम?
अब इन बातों ने विजय को उकसा दिया था तो वो खुश होते हुए बोला कि भाभी सही तो कह रही है, मेरा और लालू का वैसे ही खुला ख़ाता है. हॉस्टल में हम लोगों का ग्रुप था और हम एक साथ नंगे नहाते थे, हमने एक दूसरे का लंड देखा है, लालू का लंड छोटा है इसलिए वो सबका लंड अपने हाथ में लेकर खेलता था. फिर पुष्पा ने पूछा कि और विजय भैया आपका?
उसने बताया कि मेरा लंड हम सब दोस्तों के ग्रुप में सबसे बड़ा है, तो पुष्पा ने कहा कि रेखा भाभी को तो बहुत तकलीफ़ होती होगी. फिर विजय बोला कि वो तो मेरा लंड उचक-उचककर लेती है इससे ही पूछ लो, आप भी चाहो तो आजमा कर देख लो, तो पुष्पा शरमाते हुए मुस्करा दी. अब यह सेक्सी बातें सबको हॉट कर रही थी.
फिर विजय रेखा को अपनी बाँहों में भरकर चूमने लगा और उसके होंठ अपने होंठो में भर लिए और अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डालकर फ्रेंच किस करने लगा और उसके बूब्स ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा था.
अब रेखा बुरी तरह से मचलने लगी थी और अपनी बाहें विजय के गले में डालकर चिपक गई थी और उसकी पीठ पर अपने हाथ बाँध लिए थे. अब हम दोनों उन दोनों को देखते हुए उन दोनों को बढ़ावा देने लगे थे और उनके पास जाकर खड़े हो गये थे.
फिर पुष्पा ने पास आकर कहा कि विजय भैया हमें भी तो आपका दिखाओ और करना ही है तो खुलकर करो, यहाँ किसकी शर्म? तो विजय अलग होकर अपने कपड़े उतारने लगा और पुष्पा ने रेखा की साड़ी उतारकर अलग कर दी और ब्लाउज के बटन खोलने लगी.
फिर रेखा ने खुद ही अपने ब्लाउज के बटन खोलकर अपना ब्लाउज पीछे की तरफ किया, जिसे पुष्पा ने खींच दिया और पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया, तो रेखा के बूब्स बाहर आ गये और उसके अच्छे गठीले बूब्स थे. फिर पुष्पा ने रेखा के पेटीकोट का नाड़ा भी खींच दिया, तो उसका पेटीकोट भी नीचे आ गिरा और अब रेखा सिर्फ़ पेंटी में थी.
अब उधर विजय ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे और एकदम नंगा खड़ा था. घुंघराले बाल, हल्की मूंछे और गठीला स्वस्थ बदन, उसका लंबा लंड जो कि 7-8 इंच का था खड़ा होकर पूरी तरह से तन गया था.
अब पुष्पा एकदम शॉक होकर उसके बदन को देखती ही रह गई थी और उसके लंबे लंड को देखकर उसके मुँह से आह निकल गई थी, उसने वास्तविक में लंबा लंड पहली बार देखा था, उसने अभी तक तो ब्लू मूवी में ही इतना बड़ा लंड देखा था और मेरा लंड उसका करीब आधा ही था.
अब विजय रेखा को बर्थ पर लेटाकर उसके गाल चूसने लगा था. फिर विजय धीरे-धीरे उसकी गर्दन पर अपनी जीभ फैरते हुए उसके बूब्स की निपल्स को अपने मुँह में भरकर काटने लगा और अपने दूसरे हाथ से उसकी एक चूची मसलने लगा था.
अब रेखा सिसकारियाँ भरते हुए ओहा आआहह करने लगी थी और अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर उसके लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और उसकी मुलायम स्किन को पीछे करके उसके लंड के सुपाड़े को हल्के-हल्के दबाने लगी.
अब रेखा पूरी तरह से मस्त हो गई थी और विजय के मुँह को अपने बूब्स पर ज़ोर-ज़ोर से दबा रही थी. फिर विजय ने अपना मुँह और नीचे ले जाकर उसकी नाभि में अपनी जीभ डालकर ज़ोर-ज़ोर से घुमाने लगा, तो रेखा भाभी सिसकारियाँ लेकर बोली कि हाए राजा इस तरह से तो में मर ही जाउंगी. अब विजय ने रेखा की पेंटी भी खींचकर अलग कर दी थी और अपना मुँह रेखा भाभी की क्लीन शेव चूत पर ले जाकर उनकी चूत का दाना अपनी जीभ से चाटने लगा था.
फिर रेखा सिसकारियाँ भरकर ज़ोर-ज़ोर से ओह आआआहह करते हुए मचलने लगी और अपने हाथ को ज़ोर-जोर से विजय के लंड पर चलाने लगी थी. फिर विजय ने अपनी पोजिशन बदल ली और अब वो दोनों 69 पोज़िशन में आ गये थे. अब हम दोनों शॉक होकर उनकी हरकते देख रहे थे फिर विजय बोला कि तुम दोनों क्या मजे ले रहे हो? तुम दोनों भी शुरू हो जाओ, क्या देख रहे हो? अब मेरा लंड भी खड़ा होकर तन रहा था और पुष्पा भी अपनी चूत पर अपना हाथ घुमा रही थी.
फिर हमने भी अपने कपड़े उतारने चालू कर दिए तो मैंने अपनी टी-शर्ट खोलकर अलग कर दी और पेंट की चैन खोलकर अपनी पेंट भी उतार दी. अब में सिर्फ चड्डी में था और मेरा खड़ा लंड बाहर आने को मचल रहा था.
फिर में पुष्पा की तरफ मुड़ा और उसको अपनी बाँहों में लेकर उसके गाल पर अपने दांत चुभा दिए तो वो सिसकारी भरकर मुझसे चिपक गई और मेरी चड्डी खींचकर अलग कर दी. अब में पूरा नंगा था और मेरे छोटे मियां अकड़कर अपना सिर ऊपर की तरफ लहरा रहे थे. फिर पुष्पा ने मेरे छोटे लंड को अपनी मुट्ठी में ले लिया और आगे पीछे करने लगी.
फिर मैंने पुष्पा की साड़ी खींचकर अलग कर दी और फिर उसके ब्लाउज के बटन खोलकर अलग किया और फिर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, तो वो भी अलग होकर नीचे गिर पड़ी. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाडा खींचा तो उसने पेंटी नहीं पहनी थी और अब वो एकदम नंगी थी.
फिर विजय ने बोला कि भाभी वाह क्या गदराया बदन पाया है? में रेखा की तो रोज लेता हूँ. आज आप ही दे दो. फिर पुष्पा ने कहा कि मैंने कब मना किया है? आपका तो वैसे भी गधे का लंड है, में तो देखते ही दीवानी हो गई हूँ, रेखा भाभी की तो बल्ले-बल्ले है, इतने बड़े लंड के मज़े हमें कहाँ मिलते है? अब विजय यह सुनते ही रेखा को छोड़कर पुष्पा के पास आ गया और मुझसे बोला कि आज तू रेखा के मज़े ले, मेरे बड़े लंड को खा-खाकर इसका पेट भर गया है आज इसके लिए तेरा छोटा लंड ही सही है और आज में पुष्पा भाभी को मज़े देता हूँ.
अब में रेखा भाभी की तरफ जाकर उनके बूब्स अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था. फिर में अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसेड़कर फैरने लगा और फिर अपना मुँह ले जाकर नीचे से उनके तलवे चाटने लगा और फिर उनके पाँव की पिंडी को हल्के-हल्के काटने लगा और फिर उनकी जाँघो को अपनी मुट्ठी में भरकर भींचते हुए उनकी चूत का दाना अपने मुँह में भरकर अपनी जीभ से कुरेदने लगा था. अब रेखा भाभी मस्त हो गई थी और मेरा सिर अपने दोनों हाथों से जकड़कर एकदम उनकी चूत के मुँह से लगा दिया.
फिर में अपनी जीभ से उनकी चूत जो कि गीली हो गई थी, उसको कुत्ते की तरह चाटने लगा था.
अब उधर पुष्पा ने विजय के लंबे लंड को मस्ती में पूरी तरह से अपने मुँह में भर लिया था और मस्त होकर चूसने लगी थी. अब विजय उसके मुँह में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसके मुँह को चूत की तरह चोदने लगा था और उसके बूब्स को बुरी तरह मसलने लगा था. अब उसके बूब्स के निप्पल पूरे खड़े हो गये थे.
फिर थोड़ी देर बाद उसने अपने लंड को बाहर निकाला और पुष्पा को सीट पर लेटाकर उसकी दोनों टांगो के बीच में आ गया और उसकी दोनों टांगो को अपने कंधो पर रखकर उसकी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर ज़ोर से धकेला तो पुष्पा के मुँह से ज़ोरदार किलकारी निकली आहहह क्या गधे जैसा लंड है? ओह राजा मेरी चूत को पूरा फाड़कर भोसड़ा बना दो, मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया है, ज़ोर- ज़ोर से चोदो मेरे राजा, हाईईईईईईईईईईईईईईईई लालू देखो तो सही इनका कितना बड़ा है?
अब विजय का पूरा लंड पुष्पा की चूत में घुस गया था और वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा था और पुष्पा ओह-ओह करते हुए सिसकारियाँ भर रही थी ऐसा मज़ा कभी नहीं आया हाईईईईईईईईईईईईईईईई.
अब इधर मेरा मुँह भी रेखा भाभी की चूत पर ज़ोर-ज़ोर से चल रहा था और में अपनी जीभ से उनकी चूत को चोद रहा था और वो मछली की तरह तड़प रही थी, हाईईईईईईईईईईईई और ज़ोर से चूसो, चुसवाने का मज़ा भी एकदम अलग है, हाईईईईईईईईईईई बहुत दिनों के बाद आज मौका मिला है हाईईईईईईईईईईई, ज़ोर-ज़ोर से चूसो, ओह में जा रही हूँ, हाईईईईईई ओह-ओह करके उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया, जिसे में पूरी तरह से पी गया. अब उन्होंने मस्ती में अपनी आँखे बंद कर रखी थी.
फिर में उनकी दोनों टांगो के बीच में आ गया और उनकी दोनों टांगे अपने कंधे पर रखकर अपने लंड को उनकी चूत पर रखकर ज़ोर से धकेला, तो मेरा लंड उनकी गीली चूत में झट से घुस गया.
फिर उन्होंने एक हल्की सी सिसकारी भरी और में भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा. अब उधर विजय भी लगातार धक्के लगाए जा रहा था और पुष्पा मस्त होकर बडबडाए जा रही थी, ओह राजा और ज़ोर से और ज़ोर से चोदो, आज तो मेरी चूत फाड़ दो, हाए राम मज़ा आ गया, मैंने इतना बड़ा लंड कभी नहीं लिया था, ओह आहह आहह ओह में झड़ रही हूँ, ओह ओह ओह में गई, हाईईईईईईईईईईईईईई. अब विजय भी सटासट पेले जा रहा था, बिल्कुल पिस्टन की तरह.
फिर पुष्पा आहह ओह ओह ओह करने लगी और फिर 10 मिनट बाद उसने एक बार फिर अपनी आँखें बंद कर ली और ज़ोर से चिल्लाई ओह में गई, ओह में गई और एक बार फिर से उसकी चूत ने पिचकारी छोड़ दी.
अब उसकी चूत एकदम छोटी सी झील हो गई थी और अब विजय का लंड उसमें फिसल-फिसलकर जा रहा था. अब एकाएक उसकी आँखें भी बंद होने लगी थी और फिर उसके धक्को की स्पीड एकदम बढ़ गई. फिर में समझ गया कि अब वो जाने वाला है और एकाएक वो करीब 2 फुट उसकी चूत से ऊपर उठा और ज़ोर से अपना लंड पुष्पा की चूत में डालकर अपना पूरा माल पुष्पा की चूत में छोड़ दिया और पुष्पा ने एक बार फिर से सिसकारी भरकर उसका साथ देते हुए अपनी चूत से एक बार फिर पानी छोड़ दिया.
अब हम लोग रुककर उनकी चुदाई का नज़ारा देख रहे थे. फिर जैसे ही वो खल्लास हुए तो मैंने फिर से ज़ोर-ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी, ताकि रेखा भाभी को विजय के लंबे लंड की कमी महसूस ना हो.
अब वो भी अपनी कमर उचका-उचकाकर मेरा साथ दे रही थी. फिर एकाएक मुझे लगा कि मेरे लंड के सुपाड़े में शहद जमा हो रहा है, तो मैंने एक ज़ोर के धक्के से अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया और अपना सारा वीर्य उनकी चूत में ही छोड़ दिया.
फिर रेखा भाभी ने अपनी आँखें बंद कर ली और ओह करते हुए उनकी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया. फिर हम चारो निढाल होकर बर्थ पर लेट गये और लंबी-लंबी साँसे लेने लगे. फिर रातभर हमारा यह सिलसिला चलता रहा और हम पार्टनर बदल-बदलकर चुदाई का खेल खेलते रहे.
 
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STORY 5
दोस्तों मेरा नाम कुणाल है और मेरा रंग बहुत गोरा और में दिखने में बहुत आकर्षक अच्छा लगता हूँ, क्योंकि मेरा बदन बड़ा ही गठीला दमदार है. में 18 साल का हूँ और मेरी लम्बाई 5.8 फिट है और यह कहानी मेरे पहले सेक्स के बारे में है.
दोस्तों उस समय मैंने अपने 12वीं क्लास के पेपर दिए थे. उसका रिज़ल्ट 23 मई को आ चुका था और उस समय मेरी एक बहन का 10वीं का रिज़ल्ट भी आ चुका था, जिसको देखकर में मेरी बहन दोनों ही बड़े खुश थे और रिज़ल्ट आने के समय मेरे मम्मी पापा को किसी जरूरी काम से करीब तीन महीने के लिए बीकानेर जाना पड़ा इसलिए अब हम दोनों घर में बिल्कुल अकेले थे और वैसे उस समय हमारी छुटियाँ भी चल रही थी इसलिए वो घर के साथ हमारी तरफ से भी बिना चिंता के चले गए.
दोस्तों मेरी बहन का नाम टीना है वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसके फिगर का आकार 38-26-38 है. उसके बूब्स बहुत ही गोरे बिल्कुल सुडोल आकर्षक है. में उसके सेक्सी बदन को देखकर हमेशा उसको हाथ लगाकर छूने बूब्स को दबाकर उनके मज़े लेने के बारे में सोचा करता था और वैसे हम दोनों बहुत ज्यादा मस्ती मजाक भी किया करते थे.
दोस्तों जिसकी वजह से हमारी एक दूसरे से बड़ी अच्छी बनती थी और हम एक दूसरे से सभी तरह की बातें भी किया करते थे. दोस्तों जब मेरी बहन के 10th के रिज़ल्ट में 82% नंबर आये तो वो यह बात सुनकर इतनी खुश हुई कि उसने तुरंत मुझे उसी समय अपनी बाहों में भर लिया और वो मेरे होंठो पर किस करने लगी. उसको ज्यादा ख़ुशी मिलने की वजह से बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वो किसके साथ क्या कर रही है? वो तो बस पागलों की तरह मुझे चूमती चाटती रही और में भी उसकी उस हरकत की वजह से बहुत गरम हो गया. में भी उसका साथ देने लगा और अपनी जीभ को उसके मुहं में डालने लगा और में उसकी जीभ को चूसने लगा और उसी के साथ साथ में उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही दबाने, मसलने लगा, जिसको में बहुत समय से छुकर महसूस करने उनको दबाने चूसने का मज़ा लेना चाहता था, इसलिए में सब कुछ जानते समझते हुए भी अपने काम पर लगा रहा.
अब वो जोश में आकर मोन करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी. उसके मुहं से बड़ी ही कामुक आवाजे आने लगी थी और उसने अपने पूरे बदन को मेरी बाहों में ढीला छोड़ दिया और उस समय हम दोनों बहुत ही ज्यादा गरम हो चुके थे.
इस बात का मैंने अब पूरा पूरा फायदा उठाना चाहा और में जैसे ही हिम्मत करके उसके कपड़े उतारने लगा तो दरवाजे पर लगी घंटी बजी और मेरी बहन ने अपने होश में आकर मुझसे दूर हटकर बाहर जाकर दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर उसकी एक दोस्त खड़ी थी और तब तक हम दोनों ने वापस अपने कपड़े ठीक कर लिए और उस लड़की के अचानक से आ जाने की वजह से मेरा सारा मूड खराब हो गया में अपने हाथ से उस मौके के निकल जाने की वजह से बहुत उदास था और में मन ही मन सोच रहा था कि अगर यह लड़की कुछ देरी से आती तो में दोनों बूब्स को चूसने का मज़ा भी लेता और शायद हो सकता था कि आज में अपनी बहन की चुदाई के मज़े भी जरुर ले लेता, लेकिन उस लड़की ने मेरे सारे बने काम को बिगाड़ दिया.
फिर में अपने खड़े लंड को लेकर तुरंत बाथरूम में चला गया और अब में अपने लंड को कपड़ो से बाहर निकालकर वही बात सोचकर हल्के हल्के रगड़ने सहलाने लगा और थोड़ी देर बाद में झड़ गया. मेरे लंड से बहुत सारा गरम वीर्य बाहर निकलकर सामने वाली दीवार पर चिपक गया. दोस्तों मेरा लंड मोटा और लंबा है, लेकिन फिर भी में शांत नहीं हुआ और में अब बाथरूम से बाहर निकलकर सीधा अपने कंप्यूटर रूम में आकर मैंने कंप्यूटर पर एक ब्लूफिल्म को चला दिया और में उसको देखकर उसके मज़े लेने लगा.
मैंने अपने लंड को बाहर निकालकर उसको हिलाना शुरू किया, तभी थोड़ी देर के बाद में मेरी बहन और उसकी चार सहेलियाँ जिनका नाम नेहा, करिश्मा, रीना, दीपिका ना जाने कब वो सभी मेरे पीछे आकर चुपचाप ब्लूफिल्म देखने लगी और वो आपस में एक दूसरे से इशारे करने लगी. वो एक दूसरे के बूब्स को दबाने और होंठो पर किस भी करने लगी और उन्होंने अपने आधे आधे कपड़े उतार दिए थे. वो एक दूसरे के बूब्स को दबाने चूत में उँगलियाँ डालकर मज़े कर रही थी और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो में बिल्कुल चकित हो गया, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वो सभी लड़कियाँ मेरे पीछे आकर कभी ऐसा भी कर सकती है? उन सभी के उस काम को देखकर मेरा लंड अब पूरा तनकर खड़ा हो गया.
दोस्तों में उठकर उनके पास चला गया और मैंने अपनी तड़पती हुई बहन को अपनी बाहों में जकड़कर में करीब दस मिनट तक लगातार उसको उसके होंठो पर किस करता रहा और उसके बूब्स को पूरे जोश में आकर निचोड़ने लगा. हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों ही उस समय पूरे जोश में थे और वो आईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है कह रही थी. अब नेहा तुरंत मेरे पास आकर मेरे लंड को चूस रही थी, रीना और करिश्मा मुझे चाट रही थी चूम रही थी और दीपिका एक रबड़ के लंड को अपनी चूत में डाल रही थी.
अब में टीना की चूत को चाटने लगा वो गरम होकर अपने मुँह से बड़ी सेक्सी कामुक आवाज़ें निकाल रही थी आआआहह आईईईइ वो पूरी से जोश में आ चुकी थी और वो कुछ ही देर बाद झड़ने वाली थी. फिर मैंने उसकी चूत को चाटना अब बंद किया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में धीरे धीरे डालने लगा. मेरा लंड थोड़ा सा ही उसकी चूत के अंदर गया था कि वो जोरदार चीख मारने लगी आईई माँ में मर गई, भाई मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज अब इसको बाहर निकाल लो ऊईईईईइ माँ उफ्फ्फफ्फ् लगता है कि आज मेरी जान ही बाहर निकल जाएगी, लेकिन में नहीं माना और में उसके होंठो को अपने होठों में लेकर उनको चूसने लगा, लेकिन उसको दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था, इसलिए मैंने थोड़ी देर अपना लंड वैसे ही रखा और फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को दोबारा धीरे से थोड़ा सा अंदर धक्का दे दिया. मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा.
अब तो उसने उस दर्द की वजह से रोना शुरू कर दिया और वो साथ में मुझसे कहने लगी कि भैया आप बहुत गंदे हो और मुझे बहुत दर्द हो रहा है और आप मुझे अब इतना कहने पर छोड़ भी नहीं रहे हो और साथ में वो दर्द से आआहह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ माँ मर गई भी कर रही थी, लेकिन मेरे ऊपर उसके कहने का कोई भी असर नहीं हो रहा था और मैंने उसके दर्द की परवा किए बिना एक जोरदार धक्का मारा, जिसकी वजह से उसके मुँह से वो चीख निकल गई आईईईईईईई आह्ह्ह्हह्ह माँ में मर गई, माँ मरी प्लीज अब मुझे छोड़ दो, प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है में मर जाउंगी, लेकिन दोस्तों मेरे ऊपर तो उसको आज जमकर चोदने का भूत सवार था, इसलिए मुझे उसके दर्द की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी और अब मैंने एक दो धक्के ज़ोर से मारे, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में चला गया, वो एक ज़ोर की चीख मारकर बिल्कुल चुप हो गयी और शायद वो बेहोश भी हो गयी.
फिर मुझे डर लगने लगा कि कहीं इसको कुछ हो तो नहीं गया, इसलिए मैंने डरते हुए उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मैंने देखा कि मेरा पूरा लंड खून से लाल हो चुका था जो उसकी चूत की सील के टूट जाने से मेरे मोटे लंड के अंदर जाने से चूत के फटने की वजह से बाहर भी आ रहा था. फिर मैंने उसके चेहरे पर ठंडे पानी के छींटे मारे तब उसको थोड़ा सा होश आ गया और वो मुझसे बोली कि भैया आप बहुत बड़े जालिम हो, आज अपने मुझे तो मार ही डाला, देखो मेरी चूत की क्या हालत हो गई है इससे कितना खून बह रहा है और मुझे कितना दर्द हो रहा है में किसी भी शब्दों में बता नहीं सकती.
फिर मैंने वापस अपने लंड को उसकी चूत में डाला तो वो बुरी तरह से चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह ऊउईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो. फिर मैंने देखा कि अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ बहुत आराम से चला गया और मैंने ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और वो ज़ोर ज़ोर से आउऊऊउ स्सीईईईईईईईइ करके सिसकियाँ लेने लगी.
फिर मैंने बोला कि बस और दो मिनट रुक जाओ, अब तुमको भी मज़ा आएगा और में लगातार धक्के देता रहा. फिर कुछ देर बाद उसको मज़ा आने लगा और वो मुझसे कहने लगी कि वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है उफ्फ्फ्फ़ और वो मोन करने लगी और कुछ देर के बाद मैंने अपने धक्कों की स्पीड को बढ़ा दिया, जिसकी वजह से अब हम दोनों पूरी मस्ती में थे और वो जोश मस्ती में आकर मोन कर रही थी, हाँ भाई आऊऊ ऐसे ही करो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.
दोस्तों वो उस समय इतनी मस्ती में थी कि वो पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी और में अपनी स्पीड को धीरे धीरे बड़ता जा रहा था हाँ मेरे राजा ऐसे ही चोदते रहो ऊऊऊह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो, आज फाड़ दो तुम मेरी चूत को, इसका भोसड़ा बना दो, आज कुछ भी हो जाए, लेकिन तुम मेरी चूत को फाड़े बिना मत छोड़ना आह्ह्ह हाँ और ज़ोर से सस्स्स्स्स्स्सीईए ऐसे ही वो लगातार मोन कर रही थी.
फिर कुछ देर के बाद मैंने देखा कि मेरा लंड अब पानी से भीग रहा है और वो भी अपनी चूत का पानी छोड़ने वाली थी, इसलिए वो जोश में आकर नीचे से अपनी कमर को उठाकर चिल्ला रही थी और ना जाने क्या क्या बड़बड़ा रही थी, हाँ और ज़ोर से अंदर तक डालकर चोदो मेरी चूत को, आज तुम इसका भोसड़ा बनाकर ही छोड़ना और इसे जमकर चोदना. फिर कुछ देर के बाद वो बोली कि में अब झड़ने वाली हूँ और में भी तब तक झड़ने के करीब पहुंच गया था, क्योंकि हम लोग लगातार करीब 15-20 मिनट से वो मज़े ले रहे थे और जमकर चुदाई कर रहे थे.
फिर मैंने बोला कि हाँ डार्लिंग अब में भी झड़ने वाला हूँ और मैंने अपने धक्कों की स्पीड को अब बढ़ा दिया था और वो कुछ देर के बाद झड़ गयी और में भी झड़ने के बड़े करीब आ गया था, इसलिए कुछ देर के बाद में भी अब झड़ गया और उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया. में भी उसके बूब्स के ऊपर पड़ा रहा और फिर कुछ देर बाद उसके ऊपर से हटकर मैंने दीपिका की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको भी मैंने चोदा और उसके बाद मैंने थोड़ा सा आराम करने के बाद नेहा को भी बहुत जमकर चोदा. अभी हमारी चुदाई चल ही रही थी कि तभी दरवाजे पर लगी घंटी बजी और उसकी आवाज सुनकर में डर गया.
तभी टीना ने कहा कि वो हीना है मेरी चचेरी बहन. फिर में और भी ज्यादा डर गया. फिर उसने बोला कि वो यहाँ पर अपनी चुदाई करवाने आई है और यह सब मेरा ही प्लान था. फिर में तुरंत सब कुछ समझ गया और फिर में बड़े मज़े से उन सब को बारी बारी से एक एक करके चोदने लगा. मैंने उनके साथ बहुत मज़े लिए और टीना की दोस्त रात को करीब 8 बजे चली गई.
फिर मैंने रात भर अपनी दोनों बहन को बहुत मज़े लेकर जमकर चोदा और सुबह होते ही उनकी वो सब दोस्त भी दोबारा आ गई, जिनको भी मैंने दिन में चोदा. दोस्तों यह सब तीन महीने से चल रहा है, जिसमें में हर किसी की चूत को चोदकर अपने लंड को शांत करके चुदाई के मज़े लेता हूँ.
 
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STORY 6
मेरा नाम शेखर है और में एक प्रोड्यूसर हूँ. में फिल्म लाईन में पिछले 10 साल से हूँ. यह बात सच है कि कास्टिंग काउच होता है और शुरू का रास्ता प्रोड्यूसर या डाइरेक्टर या हीरो या फिर तीनों के बेडरूम से ही गुजरता है. एक लड़की हिरोइन बनने गाँव से अपनी मम्मी के साथ मुंबई आई थी. उसने अपने फोटो खिंचवाए और एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो काम के लिए भटकने लगी.
उस दौरान उसकी मुलाकात एक मशहूर हीरो से हो गई, तो उस हीरो ने आश्वासन दिया कि वो कुछ करेगा. फिर उसने लड़की को रात को 9 बजे अकेले अपने घर बुला लिया, तो वो लड़की वहाँ गई. फिर वो हीरो उस लड़की को अपने बेडरूम में ले गया और फिर बोला कि हज़ारो लड़कियाँ हिरोइन बनने मुंबई आती है, तुममे ऐसी क्या खास बात है? जो तुम हिरोइन बन सकती हो.
फिर लड़की बोली कि में कुछ भी करने को तैयार हूँ सर, तो हीरो बोला कि कुछ भी. फिर लड़की बोली कि यस सर कुछ भी, तो हीरो बोला कि ठीक है में जैसा बोलता हूँ वैसे करो, अपने सारे कपड़े उतारकर ज़मीन पर अपने घुटनों पर बैठ जाओ, तो उसने अपने सारे कड़े उतार दिए और अपने घुटनों पर बैठ गई.
फिर हीरो बोला कि अब मेरी पैंट उतारो, तो उसने हीरो की पैंट उतार दी. फिर वो बोला कि अब मेरी नेक्कर भी उतार दो और मेरा 8 इंच लंबा लंड अपने हाथ में लेकर 10 मिनट तक सहलाओ. फिर उसने लंड बाहर निकाला और 10 मिनट तक उसे सहलाती रही. फिर वो बोला कि मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर उसे चूसो, जैसे वो लॉलीपोप हो. लड़की ने लंड को चूसना शुरू किया और चूसती गई और चूसती गई और चूसती गई.
अब हीरो को मज़ा आ रहा था और उसे जन्नत की सैर हो रही थी. फिर वो 10 मिनट के बाद लड़की के मुँह में ही झड़ गया और उस लड़की को अपना सारा वीर्य पी जाने को कहा. अब हीरो बहुत खुश था और फिर उसने लड़की को एक डाइरेक्टर के नाम चिट्टी लिख दी और कहा कि तुम अच्छा लंड चूसती हो, बस यही तो करना है लंड चूसो रोल तुम्हारा.
फिर वो लड़की उस डाइरेक्टर के पास अपनी मम्मी के साथ गई, तो डाइरेक्टर ने चिट्टी पढ़ी और बोला कि हीरो ने भेजा है तो एक मौका तो तुम्हें देना ही होगा, क्या तुम्हें एक्टिंग आती है? तो लड़की बोली कि यस सर, में बहुत अच्छी एक्टिंग कर लेती हूँ. फिर डाइरेक्टर ने लड़की की माँ को बाहर बैठाया और लड़की को एक खूबसूरत रूम में ले गया और लड़की से पूछा कि क्या कभी एक्टिंग स्कूल में गई हो? तो लड़की बोली कि नहीं सर.
फिर डाइरेक्टर बोला कि मेरी जो नयी फिल्म है, उसमें एक पत्नी का रोल है, वो रोल में आपको दे सकता हूँ, लेकिन मुझे एक अच्छी हिरोइन की तलाश है. लड़की बोली कि में पूरी मेहनत से काम करुँगी. फिर डाइरेक्टर बोला कि लेकिन क्या आप पत्नी का रोल निभा पाएगी? तो लड़की बोली कि वाइ नोट सर, चाहिए तो अभी आजमा कर देख लो.
फिर डाइरेक्टर बोला कि ठीक है और यह कहते ही उसने उस लड़की को एक साड़ी और ब्लाउज दिया और पहनने को कहा, तो वो लड़की साड़ी और ब्लाउज पहनकर आ गई. फिर डाइरेक्टर बोला कि ऐसा है आज तुम्हारी सुहागरात है और में तुम्हारा पति हूँ और तुम पलंग पर जाकर नयी नवेली दुल्हन के जैसे बैठ जाओ. में आऊंगा और तुम्हारा घूँघट उठाऊंगा और फिर तुम्हारी साड़ी उतारूंगा. फिर तुम्हारा ब्लाउज खोलूँगा और फिर तुम्हारी पेंटी निकालूँगा और फिर तुम मेरे कपड़े उतारोगी और फिर में तुम्हें चोदूंगा, तो उस लड़की ने चुपचाप ऐसे ही किया.
फिर डाइरेक्टर ने लड़की का घूँघट उठाया और धीरे-धीरे लड़की के ब्लाउज के बटनों को खोलने लगा. जब लड़की ने सफ़ेद ब्रा पहनी थी. फिर उसने लड़की के ब्रा के हुक खोले और उसकी ब्रा खुलते ही उसके बड़े-बड़े, गोरे-गोरे बूब्स डाइरेक्टर की फटी आँखों के सामने थे. फिर डाइरेक्टर ने उसकी साड़ी उतार दी और उसकी पेंटी भी उतार दी.
फिर लड़की ने डाइरेक्टर के सारे कपड़े उतार दिए, अब वो अपना लंड लड़की की चूत में घुसाने ही वाला था कि तभी लड़की ने उसे रोक दिया और बोली कि सर में बिल्कुल कुंवारी हूँ और आज तक किसी मर्द का लंड मेरी चूत में नहीं गया है. फिर डाइरेक्टर बोला कि कोई बात नहीं, में तुम्हारा कुंवारापन तोडूंगा और तुम्हें कच्ची कली से फूल बना दूंगा और फिर उसने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया तो लड़की की मुँह से चीख निकल गई. फिर डाइरेक्टर ने लड़की को 20 मिनट तक खूब चोदा और फिर उसने एक प्रोड्यूसर के नाम एक चिट्टी लिखकर दी.
फिर दूसरे दिन वो उस प्रोड्यूसर के पास गई और वो प्रोड्यूसर में ही था, तो मैंने वो चिट्टी पढ़ी और फिर उस लड़की को अपने बेडरूम में ले गया और फिर मैंने उस लड़की को चलकर दिखाने को कहा, क्या बूब्स थे? क्या बड़ी गांड थी? मेरा मन तो किया कि अभी उसके सारे कपड़े फाड़ दूँ और उसको खड़े-खड़े ही चोद दूँ.
फिर मैंने उससे पूछा कि में तुम्हें अपनी फिल्म में क्यों लूँ? तुम पर पैसा क्यों लगाऊँ? तुम में ऐसा क्या ख़ास है? मेरी फिल्म में काम करके तुम तो हिरोइन बन जाओगी, लेकिन मुझे क्या मिलेगा? मुझे आशा है कि तुम मेरा इशारा किस तरफ है? समझ गई होगी. फिर लड़की बोली कि समझ गई सर और यह बोलते ही अपने सारे कपड़े उतारने लगी और सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हो गई. फिर में बोला कि वहाँ क्यों खड़ी हो? यहाँ आ जाओ और मेरी गोद में बैठ जाओ.
फिर वो आकर मेरी गोद में बैठ गई और बोली कि आप ही मेरे हीरो हो सर, आप जैसा कहेगें वैसा ही करुँगी. आप बोलो तो आपका लंड चूसूंगी. आप मेरे बूब्स को जितनी देर तक चाहो अपने मुँह में रखकर चूस सकते है और आप मेरी चूत में भी चोद सकते है. में गांड से भी कुंवारी हूँ और आप मेरी गांड भी चोद सकते है. आप मेरे दोनों बूब्स के बीच में भी चोद सकते है और आप मेरे साथ 69 पोजिशन भी कर सकते है. आप पीछे से भी मेरी चूत और गांड दोनों मार सकते हो और ठीक मैंने वैसा ही किया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया तो वो उसे मज़े से चूसने लगी.
फिर मैंने वो सब किया जो उसने कहा था और उसे सब जगह से चोदा. बस फिर क्या था? वो एक मशहूर फिल्म हिरोइन बन गई. अब में आज भी नयी नयी हिरोइन को चान्स देता हूँ.
 
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STORY 7
मेरा नाम कविता है. आज में अपनी एक घटना के बारे में बताने यहाँ आई हूँ और अब जो में कहानी आप लोगों को बताने जा रही हूँ यह मेरे साथ तब घटी जब मुझे सेक्स के बारे में इतना कुछ पता नहीं था, लेकिन उसके बाद मुझे बड़ा दुःख हुआ और अब में इस काम में बहुत अनुभवी हो चुकी थी. मुझे अपनी पहली चुदाई के समय बुरा तो बहुत लगा, लेकिन फिर मुझे भी उस ज़ोर जबरदस्ती में मज़ा आने लगा और अब आगे आप ही पढ़कर उसके मज़े ले.
दोस्तों में बीस साल की एकदम गोरी चिट्टी लड़की हूँ. मेरे फिगर का आकार 34-24-34 है. मेरी आंखे भूरी रंग की बहुत नशीली है और मेरी लम्बाई 5.5 इंच है. दोस्तों मेरे पापा और भैया मुंबई में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है और मम्मी भी नौकरी करती है. उनके चले जाने के बाद तो में अपने कॉलेज या घर में अकेली रहती हूँ. यह दो महीने पहले की बात है, उस दिन मम्मी को जल्दी सुबह उठकर अपनी नौकरी के लिए जाना था, हमारी वो नौकरानी ही हमारे लिए नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती थी. रात का खाना हमेशा मेरी मम्मी ही बनाती थी.
उन दिनों मेरे बी.टेक पहले साल के पेपर खत्म हो चुके थे, इसलिए में अब बिल्कुल फ्री हो चुकी थी. फिर उन्ही दिनों मेरा भैया का एक बहुत पक्का दोस्त शेरू मुंबई से दिल्ली अपने कुछ काम की वजह से आया हुआ था और उसके साथ उसके तीन दोस्त भी थे. उन तीनों का नाम विजय, केसरी और हरी था. फिर कुछ ही दिनों में हम सभी आपस में बहुत घुल चुके थे और हम सभी सारा दिन हंसी मज़ाक किया करते थे.
एक दिन अचानक मम्मी ने मुझसे कहा कि मुझे अपनी दोस्त के साथ कानपुर जाना है, तब शेरू ने उनसे कहा कि चाची हम लोग नहीं जाएँगे चाहे तो आप चली जाओ, तब तक कविता भी हमारे साथ ही रह लेगी. फिर मैंने भी उनकी वो बातें सुनकर कहा कि हाँ मम्मी मुझे नहीं जाना तुम ही चली जाओ, में यहीं रहूंगी. मम्मी ने कहा कि ठीक है कमला भी यहीं तुम्हारे पास रहेगी. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है.
दूसरे दिन मेरी मम्मी पूरे तीन दिन के लिए कानपुर चली गयी, उस दिन मैंने लाल रंग का टॉप और काले रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी, विजय ने मुझे देखा और वो मुझसे कहने लगा कि क्या बात है तुम आज बहुत ही सेक्सी लग रही हो? में उसके मुहं से यह बात सुनकर हंस पड़ी और फिर मैंने ध्यान से देखा कि उन सभी की नज़र मेरे बूब्स पर थी, इसलिए में अब थोड़ा सा शरमा गयी और इतने में कमला ने आवाज देकर कहा कि खाना तैयार है, तुम सब आ जाओ और खाना खा लो. फिर हम सभी ने साथ में बैठकर खाना खा लिया और खाना खाने के बाद कमला ने मुझसे कहा कि आज मुझे किसी काम की वजह से घर जल्दी जाना है, में रात को आकर खाना बना दूँगी. फिर शेरू ने उससे कहा कि कोई बात नहीं है, रात को हम लोग घूमने बाज़ार जा रहे है और इसलिए रात का खाना हम लोग बाहर ही खा लेंगे, तुम कल सुबह तक वापस आ जाना, यह बात सुनकर कमला बोली कि हाँ ठीक है और फिर कमला चली गयी.
अब में एकदम हैरान हो गयी और में शेरू की तरफ देखने लगी, शेरू मुझसे बोला कि इसमे हैरान होने की कोई बात नहीं है, आज रात भर हम लोग बड़े मज़े करेंगे, मुझसे यह बात कहकर शेरू ज़ोर से हंसने लगा और साथ ही साथ उसके तीनो दोस्त भी हंसने लगे, लेकिन मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. में कुछ बातें सोचती हुई अपने रूम में चली गयी और अपनी एक किताब को उठाकर अलमारी में रखने लगी.
तभी उसी समय मेरे पीछे से शेरू भी मेरे रूम में आ गया और वो किताब को ऊपर रखने में मेरी मदद करने लगा, में किताब को रख ही रही थी कि वो भी मेरे पीछे से आकर किताब को रखने लगा और तब मुझे एहसास हुआ कि कोई चीज़ मेरे कूल्हों को छू रही है, यह शेरू का ही बदन था वो अपना लंड मेरी गांड से घिस रहा था और मुझे उसके लंड का स्पर्श अंदर से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन मैंने इस बात का उसको अहसास नहीं होने दिया. फिर शेरू ने मुझसे कहा कि आज हम लोग फिल्म देख रहे है और तुम भी हमारे साथ चलकर फिल्म देखो.
दोस्तों में भी फिल्म की बहुत शौक़ीन थी, इसलिए में झट से शेरू के साथ उस बेडरूम में चली आई और उसके बाद केसरी ने सीडी को चालू कर दिया. फिर कुछ देर बाद मुझे देखकर पता चला कि वो एक इंग्लीश ब्लूफिल्म थी, इसलिए में उस ब्लूफिल्म को देखकर घबरा गयी और उसी समय शेरू ने मुझे अपने पास आकर बैठने को कहा, लेकिन में वापस भागकर अपने रूम में चली गयी. अब मेरे पीछे पीछे विजय भी मेरे रूम में आ गया और आते ही उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से वो मेरे बूब्स को दबाने लगा. उसके यह सब करने से में चिल्ला उठी. अब उसने मेरे गाल पर मुझे दो थप्पड़ मार दिए.
उसके बाद वो मुझे अपनी गोद में उठाकर शेरू के बेडरूम में ले आया और बेड पर लेटा दिया, तब मैंने फिर से उठकर भागने की कोशिश की, तभी हरी ने दौड़कर बेडरूम का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और अब शेरू ने मुझसे कहा कि कविता तुम अब यह नाटक बंद करके हमारे साथ सेक्स के मज़े करो और अगर तुम अपनी मर्जी से नहीं करोगी तो हम लोगों को करवाना भी बड़ी अच्छी तरह से आता है. अब में यह बातें सुनकर डर की वजह से बुरी तरह से कांप रही थी और उसी समय हरी ने मुझे वापस बेड पर खींच लिया और उसने ब्लूफिल्म को चालू कर दिया.
तब तक विजय अपनी शर्ट को उतार चुका था. उसके बाद केसरी ने मेरे टॉप को निकाल दिया और विजय ने मेरी स्कर्ट को एक ही झटके से उतारकर मेरे बदन से अलग कर दिया, जिसकी वजह से अब में उन सभी के सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. शेरू, केसरी, विजय और हरी अब सिर्फ़ अंडरवियर में ही थे और वो सभी बेड पर आ गये और में उनके बीच में लेटी हुई थी. अब शेरू ने मुझे पकड़कर किस करना शुरू किया और थोड़ी देर तक किस करने के बाद उसने मेरी ब्रा की हुक को खोल दिया, जिसकी वजह से अब मेरे बूब्स एकदम आज़ाद हो चुके थे.
हरी ने मेरे एक बूब्स को चूसना शुरू किया और शेरू ने भी मेरे दूसरे बूब्स को चूसना शुरू किया. दोस्तों में उनसे बार बार आग्रह कर रही थी कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो, लेकिन उन्होंने मेरी एक ना सुनी और मेरे दोनों बूब्स को वो दोनों किसी छोटे बच्चे की तरह चूसते हुए दबा रहे थे, जिसकी वजह से कुछ देर बाद मेरे अंदर का जोश धीरे धीरे जागने लगा था. मुझे उनका वो सब करना अच्छा लगने लगा था, लेकिन जब मुझे होश आता तब मेरा मन कहता कि यह सब गलत है मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन में यह बातें सोचकर भी शांत ही रही और थोड़ा बहुत विरोध बार बार करती रही.
अब केसरी ने एक झटके से मेरी पेंटी को उतार दिया, जिसकी वजह से अब में एकदम नंगी हो चुकी थी. उसके बाद केसरी ने अपने एक हाथ से मेरी कुंवारी चूत को सहलाना शुरू किया और विजय ने अपनी अंडरवियर को उतार दिया और विजय का लंड देखकर तो मेरी सांसे अटक गयी. फिर उसने मुझसे कहा कि तुमको मेरा यह लंबा और मोटा लंड पूरा आज अपनी इस कुँवारी चूत के अंदर लेना पड़ेगा और में यह बात उसके मुहं से सुनकर एकदम डर गयी और मन ही मन सोचने लगी कि यह इतना बलशाली लंड मेरी छोटी चूत के अंदर जाएगा कैसे, मुझे इसकी वजह से कितना दर्द होगा? इन्ही बातों ने मेरा पसीना छुड़ा दिया. में बिल्कुल घबरा गई और मेरा पूरा चेहरा लाल हो चुका था. फिर मेरे देखते ही देखते वो सभी एकदम नंगे हो चुके थे और उन सभी का लंड एक से बढ़कर एक था.
अब हरी ने हंसते हुए मुझे कहा कि साली आज यह चार लंड तेरी चुदाई करने के लिए बहुत बेताब है, तुझे इन सभी का मज़ा मिलने वाला है तू कितनी किस्मत वाली है जो पहली बार ही चार लंड लेने जा रही है. अब विजय ने जबरदस्ती अपने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे एक बूब्स के साथ खेलने लगा. तभी थोड़ी ही देर के बाद उसने मेरे मुहं में अपना लंड हल्के धक्के देते हुए अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और अब केसरी किसी पागल कुत्ते की तरह मेरी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था. में भी अब पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और मुझे भी उनके साथ यह सब करके बड़ा मज़ा आने लगा था.
फिर हरी और शेरू ने मुझसे अपना लंड सहलाने को कहा और में उन दोनों का लंड बिना किसी विरोध के सहलाने लगी. उधर विजय मेरे मुहं में ही एक बार झड़ चुका था. मैंने उसका वीर्य अपने मुहं से बाहर थूकना चाहा, लेकिन उसने मुझे थूकने नहीं दिया और वो मुझसे कहने लगा कि तुम यह सारा पानी पी जाओ. फिर मैंने डर की वजह से उसके लंड का सारा पानी पी लिया, शेरू अभी भी मेरे बूब्स को मसल रहा था. उसके हाथों का स्पर्श मेरे जिस्म को गरम करने का काम कर रहे थे.
अब विजय ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकाला और उसके बाद वो मेरी जीभ को चूसने लगा. उसने अपने एक हाथ से मेरे सर को सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से में और भी ज़्यादा गरम हो गयी और मेरी चूत से अब पानी निकल रहा था. दोस्तों वो सभी अपने अपने काम को बड़े मन से कर रहे थे वो बड़े अनुभवी थे और फिर केसरी ने पूछा कौन सबसे पहले कविता की चुदाई करेगा? तब हरी ने कहा कि यह शेरू के दोस्त की बहन है इसलिए शेरू ही सबसे पहले कविता की कुँवारी चूत की चुदाई करेगा, यह उसका हक है. अब शेरू यह बात सुनकर खुश होता हुआ मेरे पास आ गया और उसके बाद विजय ने मेरे एक बूब्स को और हरी ने मेरे दूसरे बूब्स को चूसना सहलाना शुरू कर दिया और केसरी अपना लंड मेरे मुहं में डालकर अंदर बाहर कर रहा था और उसी समय शेरू ने नीचे झुककर मेरी चूत को अपनी जीभ से किसी भूखे कुत्ते की तरह चाटना चूसना शुरू कर दिया.
दोस्तों मेरा पूरा जिस्म एक साथ चार लड़को से घिरा हुआ था और वो सभी मेरे बदन को अपने काम से गरम किए जा रहे थे. में जोश और मस्ती के सातवें असमान पर पहुंच चुकी थी और में जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए आहह ओह्ह्ह्ह स्सीईईईई वो आवाजे निकाल रही थी और थोड़ी देर तक मेरी चूत को चाटने के बाद शेरू ने अपना सात इंच का लंड मेरी चूत के बीच में रखा और उसको अंदर दबाना शुरू किया, कुँवारी होने की वजह से मेरी चूत बहुत ही टाइट थी, इसलिए शेरू ने जैसे ही थोड़ा सा अपना दम लगाया तो मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और में दर्द की वजह से चिल्लाने लगी.
फिर हरी ने मेरा दुःख समझकर शेरू से कहा यार थोड़ा धीरे धीरे डालो यह अभी कुँवारी है और इसकी चूत बहुत टाइट है देखो इसको बहुत दर्द हो रहा है यह मर जाएगी. अब शेरू ने एक हल्का सा धक्का दिया तो उसका लंड मेरी चूत में एक इंच अंदर चला गया, लेकिन मेरी तो दर्द की वजह से ऊउईईईईईइ आईईईइ माँ मर गई चीख निकल गयी और मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी ने गरम लोहा मेरी चूत में जबरदस्ती पूरा अंदर डाल दिया गया हो.
अब हरी ने बिना देर किए मेरे होठों को अपने होंठों से जकड़ लिया, जिसकी वजह से मेरी आवाज़ बाहर ना निकले और में दर्द से लगातार छटपटा रही थी, क्योंकि यह ऐसा दर्द मुझे पहली बार हुआ था, जो कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था. जैसे आज मेरी चूत को किसी ने चीरकर उसमे जलन को पैदा कर दी थी. बड़ा ही अजीब दर्द मुझे हुआ, जिसको में किसी शब्दों में नहीं बता सकती. अब शेरू ने कुछ देर रुकने के बाद एक बार फिर से ज़ोर लगाया, जिसकी वजह से उसका लंड तीन इंच अंदर चला गया.
मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और में चिल्लाना चाहती थी, लेकिन हरी ने अपने होठों से मेरे होठों को सील कर रखा था, इसलिए में चिल्ला ना सकी और में अब रोने लगी थी और मेरी आखों से आँसू बहने लगे. मैंने छूटने की नाकाम कोशिश को करना शुरू किया, लेकिन में सफल नहीं हुई और एक को छोड़कर बाकि के मेरे दर्द को कम करने के लिए मेरे पूरे जिस्म को सहला रहे थे. अब शेरू ने मुझे ठंडा होता हुए देखकर एक बार फिर से ज़ोर लगाया. मुझे लगा जैसे कि अब मेरी जान ही निकल जाएगी और उसका लंड मेरी चूत के अंदर पहले से ज्यादा घुस चुका था और जबरदस्ती धक्के की वजह से मेरी चूत से खून भी निकल आया.
फिर शेरू मेरी हालत को देखकर अब थोड़ी देर रुका रहा और फिर उसने अचानक से दोबारा एक ज़ोरदार धक्का मार दिया, जिससे मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और यह दर्द मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था. वो बड़ा अजीब सा था, क्योंकि शेरू का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था, क्योंकि में उसके दोनों आंड को अपनी जांघ के पास छूकर महसूस कर रही थी. अब शेरू ने रुककर मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और जब में कुछ शांत हुई तो उसने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से में फिर से चिल्ला उठी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई चाकू से मेरी चूत को काट रहा था.
शेरू ने मुझसे कहा कि तुम बिल्कुल घबराओ मत, अभी थोड़ी देर में यह सब ठीक हो जाएगा और तुमको भी बड़ा मज़ा आएगा. फिर इतना कहने के बाद से शेरू ने अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया, जिसकी वजह से मुझे एक बार फिर से दर्द होने लगा, लेकिन थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मेरा दर्द भी अपने आप कम हो गया और मुझे अब मज़ा आने लगा था. मेरे मुहं से अब सेक्सी आवाजे निकलने लगी और जोश की वजह से मेरे अंदर एकदम आग सी लग चुकी थी, इसलिए मैंने भी अब शेरू का साथ देना शुरू कर दिया. फिर शेरू ने यह सब देखकर खुश होते हुए अब बहुत तेज़ी के साथ मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया था. करीब 15 मिनट तक मुझे वैसे ही चोदने के बाद शेरू चिल्लाया ऑश कविता में आह्ह्ह झड़ रहा हूँ और में अपनी गांड को उठा उठाकर शेरू से अपनी चुदाई करवा रही थी.
दोस्तों मैंने कभी किसी के साथ अपनी चुदाई का यह खेल नहीं खेला था, इसलिए में अब तक उसका मतलब ठीक तरह से नहीं समझ सकी और मुझे क्या पता था कि इस खेल को खेलने के बाद इतना मज़ा भी आता है और तभी मेरी चूत में शेरू के लंड से कुछ गरम गरम सा निकलने लगा और साथ ही साथ मेरी चूत ने अपना वीर्य निकालना शुरू कर दिया. मुझे यह पानी महसूस करने से बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. में अब ख़ुशी के सातवें आसमान पर थी और ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में निकालने के बाद शेरू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और वो मुझसे दूर हट गया.
दोस्तों में अभी ठीक तरह से संभल भी नहीं सकी थी कि केसरी ने मेरे दोनों पैरों को पूरा खोलकर मेरी चूत में एक झटके से ही अपना आधे से ज़्यादा लंड डाल दिया. मुझे थोड़ा सा दर्द जरुर हुआ, लेकिन मुझे अब मज़ा भी बहुत आ रहा था. केसरी ने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया. उसके बाद केसरी ने बड़ी तेज़ी के साथ मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में भी उसका साथ देने लगी थी. उस समय शेरू मेरे बूब्स को मसल रहा था और उसने मुझे चूमते हुए कहा कि वाह कविता तू तो बहुत ही जल्दी चुदाई करवाना सीख गयी. देख अब तुझे भी इस काम में बड़ा मस्त मज़ा आने लगेगा. उधर विजय मेरे मुहं में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और केसरी तो मेरी गरम गीली चूत को चोदते हुए एकदम पागल सा हो चुका था और वो अपनी पूरी ताकत के साथ बहुत ही तेज़ी से मुझे चोद रहा था, जिसकी वजह से मेरा पूरा बदन हिलने लगा था.
फिर करीब दस मिनट तक एक जैसे धक्के देकर चुदाई करने के बाद वो भी झड़ गया, लेकिन में अभी भी उतनी ही गरम थी और उस चुदाई के दौरान में दो बार पहले ही झड़ चुकी थी. फिर केसरी के पीछे हट जाने के बाद हरी ने मुझे चोदना शुरू किया. मैंने महसूस किया कि हरी का लंड उन सभी के मुक़ाबले पतला और आकार में भी छोटा था. उसका लंड केवल पांच इंच का था. अब हरी ने भी जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मुझे चोदना शुरू किया.
में हर धक्के से बड़े मस्त मज़े लेकर उससे चुदवा रही थी और उसका साथ भी दे रही थी. अब विजय मुझे चूम रहा था और वो मेरे बूब्स को भी मसल रहा था कुछ सेकिंड के बाद हरी ने अपनी स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया, जिसकी वजह से में एकदम मस्त हो गयी और में अपने कूल्हों को उठा उठाकर उसका साथ देने लगी थी. फिर करीब दस मिनट तक चोदने के बाद हरी भी मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया और हरी से चुदाई करवाने के दौरान में केवल एक बार ही झड़ी. अब विजय से चुदाई करवाने की बारी थी, विजय मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गया और उसने मेरे दोनों पैरों को पूरा फैला दिया, मेरी चूत अपना मुहं खोलकर विजय का मोटा लंबा लंड देख रही थी.
फिर उसने अपना मोटा और लंबा लंड मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और उसके बाद उसने मेरी कमर को पकड़कर जैसे ही एक धक्का लगाया तो मुझे बहुत दर्द होने लगा, जिसकी वजह से में फिर से चीख पड़ी, उसका आधा लंड अभी भी बाहर ही था. फिर उसने एक ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन फिर भी उसका पूरा लंड मेरी चूत में नहीं गया. में दर्द से एकदम बेहाल होने लगी थी और उस समय शेरू केसरी और हरी मेरे बूब्स को मसलने में मस्त थे.
अब विजय ने फिर से मेरी चूत में अपना पूरा लंड डालने की एक नाकाम कोशिश की, लेकिन उसका लंड मेरी चूत में नहीं घुसा और विजय ने मुझे बिना लंड निकाले ही उठा लिया और वो खुद नीचे लेट गया में अब उसके ऊपर थी. अब शेरू, केसरी और हरी ने मुझे ज़ोर से पकड़कर विजय के लंड पर दबा दिया ऐसा करने से उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया और में दर्द की वजह से चिल्लाने लगी, लेकिन फिर भी उन तीनों ने मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया उनके ऐसा करने से विजय का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होने लगा था और थोड़ी ही देर के बाद मेरा दर्द बिल्कुल खत्म हो गया और मुझे बहुत मज़ा आने लगा.
फिर कुछ देर तक इसी तरह करने के बाद विजय ने मुझे कुतिया स्टाइल में कर दिया और वो मुझे चोदने लगा. वो मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ धक्के देकर चोद रहा था और नीचे से वो मेरे बूब्स को भी मसल रहा था. में विजय के साथ चुदाई करवाने में सबसे ज़्यादा मज़ा ले रही थी, क्योंकि विजय से लगातार चुदवाते हुए मुझे करीब बीस मिनट हो चुके थे और में इस बीच दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो था कि अब भी झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.
फिर करीब 15 मिनट और चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और साथ ही साथ में भी एक बार फिर से झड़ गयी और में एकदम थककर चूर हो चुकी थी. अब विजय ने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला और में उसके लंड को चाटने लगी. मेरी चूत अभी भी दर्द कर रही थी और मैंने विजय का लंड चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया और उसके बाद में उठकर बाथरूम में चली गयी. बाथरूम से आने के बाद हम सभी वैसे ही पूरे नंगे आराम करने लगे.
फिर शाम के करीब चार बजे में किचन में जाकर चाय बनाने लगी तभी शेरू मेरे पीछे आ गया उसने मुझे किचन में ही कुतिया की तरह बैठा दिया और वो वहीं पर मेरी चुदाई करने लगा, इस बार मुझे शेरू से चुदाई करवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और करीब 15 मिनट के बाद शेरू मेरी चूत में झड़ गया और इतने में केसरी भी किचन में आ गया और उसने भी मुझे बिना कोई मौका दिए चोदना शुरू किया जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी चुदाई की भूख और भी बढ़ गयी. फिर करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद केसरी भी मेरी चूत में ही झड़ गया. अब तक में तीन बार झड़ चुकी थी कि तभी वहाँ हरी भी आ गया और उसने भी मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया. उसने भी मुझे 25 मिनट तक तेज दमदार धक्के देकर चोदा और वो भी मेरी चूत में झड़ गया.
में एक बार फिर से झड़ गयी. फिर उन तीनों के बाहर चले जाने के बाद मैंने चाय बनाई और में किचन से बाहर आ गयी. मेरी भूख अभी भी पूरी तरह से शांत नहीं हुई थी और चाय पीने के बाद में विजय का लंड चूसने लगी, जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया. उसने मुझे कुतिया स्टाइल में बैठाकर चोदना शुरू कर दिया और में बड़े मज़े ले लेकर विजय से अपनी चुदाई करवा रही थी.
फिर विजय ने मुझे करीब 45 मिनट तक चोदा और फिर वो भी झड़ गया. विजय से चुदाई के दौरान में तीन बार झड़ चुकी थी और अपनी मम्मी के आने तक मैंने उन सभी के साथ मिलकर करीब बीस बार चुदाई के हर तरह से मज़े लिए और हर बार की चुदाई के बाद मेरी भूख कम होने की जगह पहले से ज्यादा बढ़ जाती. में उन सभी के लिए एक अनुभवी रंडी बन चुकी थी, जिसको वो जब चाहे जहाँ चाहे वैसे अपनी मर्जी से चोदकर अपने लंड को शांत करते जा रहे थे, लेकिन उनके यह सब करने से मेरी आग बढ़ती ही गई.
मुझे और भी लंड चाहिए थे, मेरी चूत अब पूरी तरह से खुलकर भोसड़ा बन चुकी थी, जिसमे कितने भी मोटे लंबे लंड का अब कोई असर नहीं था, बस में धक्के खाकर चूत की खुजली को शांत करती रही और वो मेरी प्यास को बढ़ाते चले गए. दोस्तों फिर मेरी मम्मी के आ जाने के बाद यह सब बिल्कुल बंद हो गया, ना उन लोगों ने मुझे चोदने के बारे में कहा और ना ही में तैयार थी, मुझे बस अब अपने जिस्म को अपने वश में करना था और पांच दिन बाद वो सभी अपने घर वापस चले गये. में आज भी वो दिन नहीं भुला सकती, मैंने उनके साथ अपने जीवन के सारे मज़े बस उन्ही दिनों में ले लिए थे.
 
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में बहुत सेक्सी लड़की हूँ और मेरे कॉलेज में काफ़ी चाहने वाले थे, लेकिन मैंने सिर्फ़ दो लड़को को ही लिफ्ट दी थी, लेकिन मैंने किसी को अपना बदन छूने नहीं दिया था. में चाहती थी कि सुहागरात को ही में अपना बदन अपने पति के हवाले करूँ, मगर मुझे क्या पता था कि में शादी से पहले ही सामूहिक संभोग का शिकार हो जाऊंगी? और वो भी ऐसे आदमी से जो मुझे सारी जिंदगी चोदता रहेगा.
अब शादी की सारी तैयारी रेशमा दीदी ही कर रही थी इसलिए मेरा अक्सर उनके घर आना जाना लगा रहता था, कभी कभी में सारे दिन वहीं रुक जाती थी. फिर एक बार तो रात में भी मुझे वहीं रुकना पड़ा था. मेरे घरवालों के लिए भी यह नॉर्मल बात हो गयी थी, वो मुझे वहाँ जाने से नहीं रोकते थे.
अब शादी को सिर्फ़ 20 दिन बाकी थे, तो मुझे अक्सर रेखा दीदी के घर आना जाना पड़ता था. फिर इस बार भी उन्होंने फोन करके कहा कि बन्नो कल शाम को घर आजा, हम दोनों जेवरात का ऑर्डर देने चेलेंगे और शाम को कहीं खाना खाकर देर रात तक घर लौटेंगे, अपनी मम्मी को बता देना कि कल तू हमारे यही रात को रुकेगी और सुबह नहा धोकर ही वापस आएगी. फिर मैंने कहा कि जी आप ही मम्मी को बता दो ना और फिर मैंने फोन मम्मी को पकड़ा दिया, तो उन्होंने मम्मी को राजी कर लिया.
अगले दिन शाम को 6 बजे तैयार होकर में अपनी होने वाली ननद के घर को निकली, मैंने खूब गहरा मेकअप कर रखा था. जब सर्दियों के दिन थे इसलिए अंधेरा छाने लगा था. फिर में सीधी उनके घर पर पहुँची तो उनका दरवाजा बंद था तो मैंने बेल बजाई तो काफ़ी देर के बाद जीजा जी ने दरवाजा खोला. तो तभी मैंने पूछा कि दीदी है? तो वो कुछ देर तक तो मेरे बदन को ऊपर से नीचे तक घूरते रहे और कुछ नहीं बोले.
मैंने कहा कि हटिए, ऐसे क्या देखते रहते है मुझे? बताऊँ दीदी को, मैंने उनसे मज़ाक किया, कहाँ है दीदी? तो उन्होंने बेडरूम की तरफ इशारा किया और दरवाजे को बंद कर दिया. तो तब तक भी मुझे कोई अस्वाभाविक कुछ नहीं लगा, मगर बेडरूम के दरवाजे पर पहुँचते ही मुझे चक्कर आ गया. अब अंदर दो आदमी बेड पर बैठे हुए थे, उनके बदन पर सिर्फ़ शॉर्ट्स था, वो ऊपर से पूरे निर्वस्त्र थे, उनके हाथों में शराब के गिलास थे और सामने ट्रे में कुछ स्नेक्स और एक आधी बोतल रखी हुई थी.
फिर अचानक से पास में मेरी नजर गयी तो पास में टी.वी पर कोई ब्लू फिल्म चल रही थी. तो तभी मेरा दिमाग ठनका तो मैंने वहाँ से भाग जाने में ही अपनी भलाई समझी. फिर वापस जाने के लिए जैसे ही में मूडी, तो में राज (जीजाजी) की छाती से टकरा गयी. फिर तभी राज बोला कि जानू इतनी जल्दी भी क्या है? कुछ देर हमारी महफ़िल में भी तो बैठो, दीदी तो कुछ देर के बाद आ ही जाएगी और यह कहकर उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया, तो में उन लोगों के बीच में जा गिरी.
उन्होंने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया. फिर मैंने उनके सामने हाथ जोड़कर बहुत मिन्नतें की मुझे छोड़ दो, मेरी कुछ ही दिनों में शादी होने वाली है, जीजाजी आप तो मुझे बचा लो, में आपके साले की होने वाली बीवी हूँ. फिर तभी राज बोला कि भाई में भी तो देखूं तू मेरे साले को संतुष्ट कर पाएगी या नहीं?
अब में दरवाजे को ठोकने लगी थी और दीदी-दीदी मुझे बचाओ की आवाज लगाने लगी थी. फिर तभी राज बोला कि तेरी दीदी तो अचानक अपने मायके चली गयी है, तुम्हारी होने वाली सास की तबीयत अचानक कल रात को खराब हो गयी थी और यह कहकर राज मुझे दरवाजे के पास आकर मुझे लगभग घसीटते हुए बेड तक ले गया और बोला कि तेरी दीदी मुझे तेरा ख्याल रखने को कह गयी थी इसलिए आज सारी रात हम तेरा ख्याल रखेंगे और यह कहकर उसने मेरे बदन से चुन्नी नोचकर फेंक दी.
फिर वो तीनों मुझे घसीटते हुए बेड पर लेकर आए और कुछ ही देर में मेरे बदन से सलवार और कुर्ता अलग कर दिए गये. अब में अपने दोनों हाथों से अपनी जवानी को छुपाने की असफल कोशिश कर रही थी. अब तीन जोड़ी हाथ मेरी चूचीयों को बुरी तरह से मसल रहे थे और में वहाँ से निकलने के लिए अपने हाथ पैर चला रही थी और बार-बार उनसे रहम की भीख मांग रही थी. फिर मेरी चूचीयों पर से ब्रा नोचकर अलग कर दी गयी. अब उन तीनों ने मेरी चूचीयों को मसल-मसलकर लाल कर दिया था.
थोड़ी देर के बाद निपल्स चूसने और काटने का दौर चला. अब में दर्द से चीखी जा रही थी, मगर मेरी सुनने वाला वहाँ कोई नहीं था. फिर एक ने मेरे मुँह में कपड़ा ठूंसकर उसे मेरी चुन्नी से बाँध दिया, ताकि मेरे मुँह से आवाज़ ना निकले और फिर अचानक से अपनी दो उंगलियाँ मेरी टाँगों के जोड़ पर पहुँचाकर मेरी पेंटी को एक तरफ सरका दिया और फिर उसकी दोनों उंगलियाँ बड़ी बेदर्दी से मेरी चूत में प्रवेश कर गयी. मेरी कुँवारी चूत पर यह पहला हमला था इसलिए में दर्द से चीख उठी थी.
फिर तभी उनमें से एक बोला कि अरे यार ये तो पूरा सॉलिड माल है, बिल्कुल कच्चा. अब उन लोगों की आँखों में भूख कुछ और बढ़ गयी थी. अब मेरी पैंटी को चार हाथों ने फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दिया था. अब में बिल्कुल निर्वस्त्र उनके बीच में लेटी हुई थी. अब मैंने भी अपने हथियार डाल दिए थे.
यह देखकर एक बोला कि हम तो तुझे जरुर चोदेंगे, अगर तू भी हमारी मदद करती है तो यह घटना जिंदगीभर याद रहेगी और अगर तू हाथ पैर मारती है, तो हम तेरे साथ बुरी तरह से बलात्कार करेंगे जिसे तू सारी उम्र नहीं भूलेगी, अब बोल तू हमारे खेल में शामिल होगी या नहीं.
फिर मैंने मुँह से कुछ कहा नहीं, मगर अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया. तो इससे उनको पता लग गया कि अब में उनका विरोध नहीं करूँगी. तो तब मैंने एक आखरी कोशिश की और उनसे बोली कि प्लीज भैया में कुँवारी हूँ. तो उनमें से एक बोला कि हर लड़की कुछ दिन तक कुँवारी रहती है, अब चल उठ. तो तब राज ने कहा कि अगर तू राज़ी खुशी करवा लेती है तो दर्द कम होगा और अगर हमें ज़ोर ज़बरदस्ती करनी पड़ी तो नुकसान तेरा ही होगा. फिर में रोते हुए उठकर खड़ी हो गयी.
राज ने कहा कि अपने हाथों को अपने सिर पर रखो. तो मैंने वैसा ही किया, अपनी दोनों टांगो को चौड़ी करो, अब पीछे घूमो, अब उन्होंने मेरे नग्न शरीर को हर तरफ से देखा था. फिर वो तीनों उठकर मेरे बदन से जोंक की तरह चिपक गये और मेरे अंगो को तरह-तरह से मसलने लगे और फिर मुझे खींचकर बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी दोनों टाँगों को चौड़ा करके एक ने तो मेरी चूत से अपने होंठ चिपका दिए और दूसरा मेरे स्तनों को बुरी तरह से चूस रहा था, मसल रहा था.
अब मेरे कुंवारे बदन में आनंद पूर्ण सिहरन दौड़ने लगी थी. अब मेरा विरोध पूरी तरह से समाप्त हो चुका था. अब में आह, ऊवू की सिसकारियाँ भरने लगी थी. अब मेरी कमर अपने आप उसकी जीभ को अधिक से अधिक अंदर लेने के लिए ऊपर उठने लगी थी. अब में अपने हाथों से दूसरे का मुँह अपने स्तनों पर दबाने लगी थी.
अचानक से मेरे बदन में एक अजीब सी थरथराहट हुई और मैंने मेरी चूत में कुछ बहता हुआ महसूस किया, यह था मेरा पहला वीर्यपात जो किसी के लंड के अंदर गये बिना ही हो गया था. अब में निढाल हो गयी थी, मगर कुछ ही देर में वापस गर्म होने लगी थी. अब तब तक राज अपने कपड़े खोलकर पूरी तरह से नग्न हो गया था. अब में एकटक उसके तनतनाए हुए लंड को देख रही थी. फिर राज ने मेरे सिर को अपने हाथों से थामा और अपना लंड मेरे होंठो से सटा दिया और कहा कि अपना मुँह खोल.
में नहीं बोली और अपने मुँह को ज़ोर से बंद किए हुए मैंने इनकार में अपना सिर हिलाया. तो तभी राज ने मेरी चूत से सटे हुए आदमी से कहा अभी यह साली मुँह नहीं खोल रही है इसका इलाज कर. फिर उसने मेरी चूत के दाने को अपने दाँतों के बीच में दबाकर काट दिया तो में आआआआ करके चीख उठी और उसका मोटा तगड़ा लंड मेरे मुँह में झट से चला गया.
अब मेरे मुँह से गू-गू जैसी आवाजें निकल रही थी. उसके लंड से अलग तरह की स्मेल आ रही थी. तो तभी मुझे उबकाई जैसी आई और अब में उसके लंड को अपने मुँह से निकाल देना चाहती थी, मगर राज मेरे सिर को सख्ती से अपने लंड पर दबाए हुए था.
जब में थोड़ी शांत हुई तो उसका लंड मेरे मुँह के अंदर बाहर होने लगा. अब वो अपना आधा लंड बाहर निकालकर फिर से तेज़ी से अंदर कर देता था तो उसका लंड मेरे गले तक पहुँच जाता था. फिर इसी तरह से कुछ देर तक वो मेरे मुँह को चोदता रहा. अब तब तक बाकी वो दोनों भी नग्न हो चुके थे. फिर राज ने अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया, तो तभी उसकी जगह दूसरे ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
फिर राज मेरी टाँगों की तरफ चला गया. अब उसने मेरी दोनों टांगो को पूरा फैला दिया था और अपना लंड मेरी चूत से टच किया. अब में उसके लंड के प्रवेश का इंतज़ार करने लगी थी.
उसने अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत की फांकों को एक दूसरे से अलग किया और उन दोनों के बीच में अपने लंड को रखा और फिर एक ज़ोर के झटके के साथ उसका लंड मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ कुछ अंदर चला गया. अब सामने प्रवेश द्वार बंद था. अब अगले झटके के साथ उसने उस द्वार को पार कर लिया था.
तेज दर्द के कारण मेरी आँखें छलक आई थी, मुझे ऐसा लगा मानो कोई लोहे का सरिया मेरे आर पार कर दिया हो. अब मेरी टाँगें दर्द से झटपटाने लगी थी, मगर में चीख नहीं पा रही थी, क्योंकि एक मोटे लंड ने मेरे गले को पूरी तरह से बाँध रखा था.
फिर राज अपने लंड को पूरा अंदर डालकर कुछ देर तक रुका. तो तब मेरा दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा. तो तब उसने भी अपने लंड को हरकत दे दी. अब वो तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा था.
अब मेरी चूत से रिस-रिसकर खून की बूँदें चादर पर गिरने लगी थी. अब तीसरा मेरे स्तनों को मसल रहा था. अब मेरे बदन में दर्द की जगह मज़े ने ले ली थी. अब राज मुझे ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहा था, उसका लंड काफ़ी अंदर तक मुझे चोट मार रहा था. फिर जो मुझे मुख मैथुन कर रहा था, वो ज़्यादा देर नहीं रुक पाया और मेरे मुँह में अपने लंड को पूरा अंदर कर अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी.
यह पहली बार था जब मैंने किसी का वीर्य चखा था, मुझे उतना बुरा नहीं लगा था. फिर उसने अपने टपकते हुए लंड को बाहर निकाला, तो उसके वीर्य की कुछ बूँदें मेरे गालों और होंठो पर जा गिरी. अब मेरे होंठो से उसके लंड तक वीर्य का एक महीन तार सा जुड़ा हुआ था. फिर तभी राज ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा.
अब हर धक्के के साथ-साथ मेरी हुंग-हुंग की आवाज निकल रही थी और मेरे शरीर में वापस से सिहरन होने लगी थी और मेरी चूत से पानी निकल गया था, लेकिन वो तब भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था. फिर कोई आधे घंटे तक लगातार धक्के मारने के बाद वो धीमा हुआ, अब उसका लंड झटके लेने लगा था. तो में समझ गयी कि अब उसका वीर्यपात होने वाला है.
तभी मैंने गिड़गिडाते हुए कहा कि प्लीज अंदर मत डालो, में प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती हूँ, मगर मेरी सुनने वाला वहाँ कौन था? फिर उसने अपना ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में डाल ही दिया. अब उसके लंड के बाहर निकलते ही जिस आदमी ने मेरे स्तनों को लाल कर दिया था, वो कूदकर मेरी जांघों के बीच में पहुँचा और एक ही झटके में अपना लंड अंदर कर दिया. उसका उतावलापन देखकर ऐसा लग रहा था मानो वो बहुत दिनों से भूखा हो. फिर कुछ देर तक ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने के बाद वो भी मेरे ऊपर ढेर हो गया. फिर कुछ देर सुस्ता लेने के कारण जिस आदमी ने मेरे साथ मुख मैथुन किया था, उसका लंड वापस खड़ा होने लगा था, तो उसने मुझे घोड़ी बनाकर मेरे पीछे से मेरी चूत में अपना लंड प्रवेश करा दिया.
अब वो पीछे से धक्के मार रहा था, जिसके कारण मेरे बड़े-बड़े स्तन किसी पेड़ के फलों की तरह हिल रहे थे. तभी राज बोला कि ले इसे चूसकर खड़ा कर और यह कहकर अपने ढीले पड़े लंड को मेरे मुँह में डाल दिया. अब उसमें से हम दोनों के वीर्य के अलावा मेरे खून का भी टेस्ट आ रहा था. अब में उसे चूसने लगी थी. अब धीरे-धीरे उसका लंड वापस से तन गया था और अब वो तेज-तेज मेरा मुख मैथुन करने लगा था. अब एक बार झड़े होने के कारण इस बार वो दोनों मुझे आगे पीछे से घंटे भर तक ठोकते रहे.
मेरे ऊपर नीचे के छेदों को वीर्य से भरने के बाद वो दोनों बिस्तर पर लुढ़क गये. अब में बुरी तरह से थक चुकी थी. फिर में धीरे-धीरे उनका सहारा लेकर उठी और बाथरूम में जाकर अपनी चूत को साफ किया. फिर मैंने वापस आकर देखा तो चादर पर ढेर सारा खून लगा हुआ था और फिर में वापस से बिस्तर पर ढेर हो गयी. फिर खाने पीने का दौर ख़त्म होने के बाद हम वापस से बेडरूम में आ गये.
फिर उनमें से एक आदमी ने मुझे वापस से कुछ देर तक रगड़ा और फिर हम सब नग्न एक दूसरे से लिपटकर सो गये. फिर सुबह एक दौर और चला. फिर में अपने कपड़े पहनकर घर चली आई. अब कपड़ो को पहनने में ही मेरी जान निकल गयी थी, मेरे स्तनों पर काले नीले जख्म हो रखे थे, कई जगह दाँतों से चमड़ी कट गयी थी, मुझे ब्रा पहनते हुए काफ़ी दर्द हुआ था, मेरी जांघों के बीच में भी सूजन आ गयी थी.
अब राज ने यह बात किसी को भी नहीं कहने का आश्वासन दिया था, क्योंकि पता चलने पर मेरी शादी टूटने के चान्स थे इसलिए मैंने भी अपनी ज़ुबान बंद रखी. फिर सुहागरात को में मेरे पति देव से यह राज छुपाने में कामयाब रही. फिर शादी के बाद राज दिल्ली वापस चला गया. आज भी जब मेरी ननद अपने मायके आती है, तो राज मुझे कई बार जरूर चोदता है और मेरे खूब मजे लेता है.
 
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में कोलकाता का रहने वाला हूँ और आगरा में रेल्वे में बुकिंग क्लर्क हूँ। 1 साल पहले नीलू से मेरा विवाह हुआ था और उसे अपने साथ ही रखता था। नीलू बहुत ही सुंदर लड़की है। उसकी हाईट लगभग 5 फुट है, वो गोरे-गोरे भरे बदन की मालकिन है, उसके बूब्स 34 के और कूल्हें तो गजब के है 38 से तो किसी कीमत पर कम नहीं होगा, वो सेक्स की बहुत भूखी है। यह कहानी उस समय शुरू हुई जब मेरा ट्रान्सफर दिल्ली हो गया था। तब कोई रेल्वे क्वार्टर खाली नहीं था तो मजबूरी में कारोल बाग में होज़िंग कॉलोनी में एक दो कमरे का घर रेंट पर लेकर रहने लगा। मेरी ड्यूटी दिन में ही रहती थी और रात को घर आता तो थककर सो जाता था और फिर नीलू मुझे जगाती और सेक्स करने को कहती। तब में सेक्स कर तो लेता मगर में महसूस करता था कि वो प्यासी रह जाती है। वैसे वो कुछ कहती तो नहीं थी, सभी जानते है कि बंगाली लड़कियाँ बहुत शर्मीली होती है, में भी ठीक ठाक था, मेरा लंड भी औसत आकर का था 5 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा, बस एक कमी है चूत में लंड डालने के बाद बहुत जल्दी झड़ जाता हूँ जिस कारण नीलू को संतुष्टि नहीं मिलती थी।
दोस्तो यह तो मेरी और नीलू की बात हुई, लेकिन हम दोनों की जिंदगी में उस समय मोड़ आया जब एक पठान से मेरी दोस्ती हुई, जो उसी ब्लॉक के ऊपर वाली मंज़िल में अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसका नाम शेरख़ान था और उसकी पत्नी का नाम जमीला था। अब बहुत जल्द हम लोगों में बहुत गहरी दोस्ती हो गई थी। शेरख़ान रंगीला मिज़ाज़ का आदमी था, वो एक बैंक में वाचमैन था, उसकी भी ड्यूटी दिन में ही रहती थी। फिर एक दिन बातों बातों में सेक्स पर बहस हो गई। अब मेरे पास तो बताने को कुछ था नहीं, बस शेरख़ान ही बोलता रहा। अब उसकी बातों से पता चल गया था कि वो सेक्स का पुराना खिलाड़ी है। फिर उसने मुझसे मेरी सेक्स लाईफ के बारे में पूछा तो पहले तो में चुप रहा। फिर उसने मुझे हौसला बढ़ाते हुए बोला कि अरे यार दोस्तों से शरमाना कैसा? बोलो नीलू भाभी पूरा मज़ा देती है कि नहीं, वो देखने से बहुत मस्त लगती है, एक चुदाई में 2-3 बार पानी तो जरूर निकालती होगी, जानते हो मर्द को अपना झड़ने से ज़्यादा औरत को झड़ाने में मज़ा आता है, में तो जमीला को जब तक 3-4 बार झड़ा नहीं लेता मेरा तो पानी निकलता ही नहीं, चुप क्यों हो? बोलो ना यार, कितनी बार पानी निकालती है नीलू भाभी? अब उसकी बात सुनकर में सन रह गया था। फिर में धीरे से बोला कि पता नहीं यार। तो वो हैरत से बोला कि क्या कहते हो? वो झड़ती है और तुमको पता नहीं होता है। तो तब वो कुछ सोचकर बोला कि अच्छा ये बताओ चूत में कितनी देर तक धक्के मारते हो?
फिर तब में ना चाहते हुए बोला कि यही कोई 2-3 मिनट तक। तब शेरख़ान अपना मुँह फाड़कर बोला कि क्या 2-3 मिनट तक बस? तब मैंने उसे देखा। तो वो बोला कि तब तो वो यह भी नहीं जानती होगी कि झड़ना क्या होता है? तो तब में उदास होकर बोला कि मेरा पहले हो जाता है तो इसमें मेरा क्या कसूर है? तो तब वो बोला कि कोई बात नहीं ऐसा अक्सर लोगों को होता है, फिर भी सब लोग अपनी पत्नियों को चुदाई का भरपूर मज़ा देते है। अब उसकी बात सुनकर मुझे भी उम्मीद जगी थी। अब में भी नीलू को पूरा मज़ा देना चाहता था, लेकिन बेबस था। फिर वो मुझे चुप देखकर बोला कि चिंता की कोई बात नहीं है, तुम चाहो तो नीलू भाभी भी एक चुदाई मे 3-4 बार झड़ने का मज़ा ले सकती है। तब मैंने हैरत से शेरख़ान की तरफ देखकर पूछा कि वो कैसे? तो तब वो बोला कि देखो यार शायद तुमको मालूम नहीं आजकल होम पार्टी का रिवाज चलता है, असल में यह खाने पीने की पार्टी नहीं होती है बल्कि उसमें लोग अपनी अपनी पत्नी को एक दूसरे की पत्नी से बदलकर सारी रात चुदाई का खेल खेलते है और इतना ही नहीं जब कोई औरत एक लंड से संतुष्ट नहीं होती, तो उसे 2-3 मर्द मिलकर चुदाई करते है।
अब उसकी बात सुनकर में तो दंग रह गया था। फिर में बोला कि किसी को पता चल गया तो? तो तब शेरख़ान हंसकर बोला कि तुम भी बिल्कुल भोले हो, इस ब्लॉक में 10 क्वार्टर है जिसमें तुम नए हो बाकि हम सब 9 एक दूसरे की पत्नी की चुदाई कर चुके है। अब उसकी बात सुनकर मुझे मस्ती आ गई थी और मेरा लंड तनकर अकड़ गया था, जिसे मैंने अपने एक हाथ से दबाया। तब शेरख़ान की नजर मेरी इस हरकत पर गई तो तब वो बोला कि लगता है तुमको सुनकर ही मस्ती आ रही है, तो जब तुम दूसरे की पत्नी को उसके पति के सामने चुदाई करोगे और उसका पति तेरे सामने तेरी पत्नी को अपने तगड़े लंड से चुदाई करेगा तो सोचो कितनी मस्ती आएगी? तो तभी उसे कुछ याद आया और बोला कि अरे यार में तो पूछना भूल ही गया, अच्छा यह बताओ तेरे लंड का साईज क्या है? तो अचानक इस सवाल पर में शर्मा गया।
फिर तब वो बोला कि अरे यार दोस्तों से शरमाना कैसा? अच्छा लो पहले मेरा देखो और इतना कहकर उसने अपना पजामा खोलकर अपने लंड को नंगा कर दिया। मैंने अपनी चोर निगाहो से उसके लंड को देखा तो में देखता ही रह गया था। उसके लंड में हल्का सा तनाव आया हुआ था, उस कम तनाव में ही उसका लंड गजब का लग रहा था और तने होने के कारण उसका सुपाड़ा पूरा खुला था। अब मैंने अंदाज़ा लगा लिया था कि उसका लंड पूरा टाईट होने पर कम से कम 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा तो जरूर होता होगा और उसके सुपाड़े की गोलाई लगभग 3 इंच के आस पास होगी, जिसका किनारा कुछ ज़्यादा ही उभरा हुआ था। फिर वो मुझे अपना लंड दिखाकर बोला कि देखो कैसा है? तो तब में सूखे हलक से बोला कि यार तेरा तो गजब का तगड़ा है।
तो तब वो बोला कि क्यों तेरा ऐसा नहीं है क्या? लाओं देखूं जरा और अब में कुछ बोल पाता कि उसने मेरी चैन खोलकर मेरा लंड बाहर निकालकर देखा और हैरत से बोला कि बस इतना बड़ा, मेरा लंड उसके लंड के सामने बच्चा सा लग रहा था। फिर वो मेरे लंड को अपनी दो उंगलियों में लेकर बोला कि भला इतने छोटे लंड से भी कोई औरत संतुष्टि पा सकती है। तब में बोला कि अगर भगवान ने ऐसा ही बनाया है तो इसमें मेरा क्या कसूर है? तो तब शेरख़ान बोला कि देखो यार बुरा मत मानना अगर औरत को भरपूर चुदाई नहीं मिली, तो वो इधर उधर मुँह मारने लगती है और फिर बदनामी होती है। तब में उदास होकर बोला कि तो क्या करूँ यार? तुम्ही बोलो। तब शेरख़ान बोला कि इसमें बोलना क्या है? बस अपनी पत्नी को होम पार्टी में शामिल कर दो और फिर शेरख़ान अफ़सोस करते हुए बोला कि बेचारी 1 साल से तुमसे चुदवा रही है, लेकिन शायद एक बार भी अपनी चूत की गर्मी नहीं निकाल पाई होगी।
अब शेरख़ान बिल्कुल ठीक कह रहा था। तो तब में झिझककर बोला कि लेकिन यार नीलू इतने अंजान मर्दो के सामने कैसे जाएगी? तो तब वो मेरी मेरी उलझन देखकर बोला कि तो ऐसा करते है नीलू भाभी को पहले में ही चोद डालता हूँ और फिर उसके बाद उसकी झिझक दूर हो जाएगी, तो में सनसना गया। अब में सोच में पड़ गया था की नीलू की चूत बहुत छोटी है, वो तो अभी भी मेरा हल्का लंड लेने में कसमसा जाती है, तो वो शेरख़ान का मुझसे दुगुना बड़ा लंड कैसे ले पाएगी? फिर भी में बोला कि लेकिन वो मानेगी तब ना? तो तब शेरख़ान बोला कि तुम इसकी चिंता मत करो, नीलू भाभी को मेरी जमीला तैयार कर लेगी और जमीला को तो तुमसे चुदवाने में कोई परेशानी नहीं होगी। बस 2-4 दिन इंतज़ार करो। फिर उसके बाद मैंने देखा कि जमीला दिन में 5-6 बार मेरे घर आती और नीलू से देर तक बातें करती और नीलू भी शेरख़ान के घर जाकर जमीला से घंटो तक बातें करती थी।
फिर एक दिन जब में रात को घर आया तो तब मैंने नीलू के चेहरे पर रंगत देखी। फिर वो जल्दी से खाना पीना ख़त्म करके बेडरूम में आई और आते ही मुझसे लिपटकर मुझे प्यार करने लगी। तब में समझ गया कि वो चुदवाना चाह रही है। अब में भी कई दिनों से भूखा था, लेकिन जिसका डर था वही हुआ। अब 10-12 धक्को में ही मेरा पानी निकल गया था। तब नीलू झुंझला गई और बोल पड़ी कि ओह आपका तो रुकता ही नहीं है। फिर में उसके दिल को टटोलने के लिए बोला कि मेरा क्या रानी सब मर्दो का ऐसा ही होता है? तो तब वो मुँह बनाकर बोली कि तुमको तो सब मर्द अपने जैसे ही लगते है। तब में बोला कि तो क्या हर मर्द का अलग-अलग होता है क्या? तो तब नीलू तुनककर बोली कि तो क्या सब आपके जैसे नहीं होते है? तो तब में बोला कि तुमको कैसे मालूम? तो इस बार वो थोड़ी रुककर धीरे से बोली कि जमीला कह रही थी। तब में बोला कि क्या कह रही थी? तो तब नीलू वो वो वो रुक-रुककर बोली कि वो बोल रही थी कि उसका आदमी तो 1-1 घंटे तक करता है।
फिर तब में चुप हो गया और सोचने लगा कि जमीला नीलू को पटरी पर ले आई है। फिर दूसरे दिन शेरख़ान बोला कि आज की सेटिंग हो गई है, आज रात जमीला नीलू भाभी को अपने घर लाने जाएगी, वो कहेगी कि नीलू आज रात मेरे घर पर रहेगी, क्योंकि ख़ान साहब बाहर जा रहे है इसलिए अकेले में डर लगता है और फिर जब नीलू मेरे पास आ जाएगी, तो कुछ देर के बाद तुम भी आ जाना, दरवाज़ा खुला रहेगा। तो तब में गुदगुदाते मन से बोला कि वो मेरे सामने चुदवाने को कैसे राज़ी होगी? तो तब वो बोला कि वो में सब ठीक कर लूँगा। फिर जब में घर आया, तो मैंने नीलू को बहुत खुश देखा, उसके चेहरे पर लाली साफ झलक रही थी। अब में समझ गया था कि नीलू शेरख़ान के तगड़े लंड से चुदवाने को उतावली हो रही है। तभी जमीला आई और बोली कि अजीत भाई आज नीलू को अपने घर ले जा रही हूँ। तब में अंजान बनते हुए बोला कि क्यों भाभी? तो तब वो बोली कि आज ख़ान साहब बाहर चले गये है इसलिए अकेले डर लगता है।
फिर मैंने सब कुछ जानते हुए भी अंजान बनकर नीलू को देखा और बोला कि लेकिन फिर यहाँ में अकेला पड़ जाऊंगा। तभी नीलू तुरंत बोल पड़ी कि एक रात ही की तो बात है, जमीला अकेली कैसे रहेगी? फिर नीलू की बेताबी देखकर में खुश होकर बोला कि ठीक है अगर तुमको कोई एतराज नहीं हो तो जाओ। तब नीलू मेरी बात सुनकर खुश होकर बोली कि खाना निकालकर खा लेना और जमीला से बोली कि चलिए भाभी। अब ऐसा लग रहा था जैसे नीलू खुद शेरख़ान के पास जाना चाह रही हो। फिर नीलू के जाने के बाद में रंगीन ख्यालों में खो गया। अब बार-बार शेरख़ान का भारी लंड मेरी नजरों के सामने घूम जाता था और यह सोच-सोचकर सिहर उठता कि जब शेरख़ान अपना मोटा लंड मेरी पत्नी की टाईट चूत में डालेगा तो नीलू कैसे कसमसा कसमसा कर पूरा लंड ले पाएगी? फिर आने वाला एक-एक पल मेरी नजरों के सामने से गुजरता रहा।
 

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