Incest anjane mein kya kar diya maine

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लेकिन किसी के सामने कुछ बोलेगी नहीं कभी भी। जैसे-जैसे मैं फरी के प्लान पे सोचता रहा मुझे फरी की बात का कायल होना पड़ा और साथ ही एक औरत के तौर पे अपनी बहन के बारे में सोचा कि आखिर वो इस काम में कितना आगे निकल गई है कि अब वो लण्ड के लिए अपनी ही सगी माँ को भी उसके बेटे और अपने सगे छोटे भाई से भी चुदवाने के लिए तैयार है।तभी फरी ने मुझसे पूछा- "सन्नी भाई, क्या सोच रहे हो आप?"मैंने ठंडी 'आह' भरी और बोला- "बस तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था कि तुम क्या थी और क्या बनती जा रही हो?फरी हँस दी, बोली- "तो तुम्हें किसने कहा था कि अपनी ही बहन को चुदवाने में अपने दोस्त की मदद करो..."फरी की ये बात मेरे लिए किसी झटके से कम नहीं थी, क्योंकी फरी को अभी तक ये नहीं पता था कि काशी ने मेरी मदद से फरी को चोदा था। क्योंकी उस वक़्त तो मुझे खुद को ही पता नहीं था कि काशी जिस लड़की को चोदने वाला है वो मेरी बड़ी बहन फरी ही है।मेरे चेहरे पे सोच और हैरानी की लहरों को देखते हुये फरी ने कहा- "भाई जी बात ये है कि काशी और नीलू मुझे सब बता चुके हैं कि किस तरह ये सब हुआ? और वो जो उनके घर पे पर्दे के पीछे हुआ, नेट पे हुआ, सब पता चल चुका है मुझे..." और हँसने लगी।मैं एक ठंडी 'आह' भरकर रह गया और बोला- "हाँ बाजी, आप ने सच कहा के ये सब मेरा ही किया धारा है..." उसके बाद मैंने फरी बाजी के साथ रात के लिए सारी प्लानिंग कर ली। जिसके बाद बाजी ने निदा से अम्मी के सामने ही कह दिया कि आज रात को निदा उसके रूम में सो जाए, क्योंकी उसे कोई जरूरत भी पड़ सकती है, तो निदा उसकी मदद कर देगी।निदा ने पहले तो हमारी तरफ हैरानी से देखा लेकिन कुछ बोली नहीं, बस हाँ में सिर हिला दिया और फिर मैं रात का इंतजार करने लगा।टाइम था कि गुजरे नहीं गुजर रहा था और लण्ड था कि बिठाने से नहीं बैठ रहा था, और अम्मी थी कि जब भी मेरी नजर उनसे मिलती, मुझे उनमें एक बिनती सी नजर आती।
Ye to cheating howi...ab aghy update hindi me likh de ap ny???? English hindi me update kro bai.... q zulam kr rahy ho.??
 
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जैसे कि वो आँखों ही आँखों में मुझसे माफी माँग रही हों, और किसी को कुछ भी ना बताने के दरख्वास्त कर रही हों। लेकिन मैं उनसे अंजान बना टाइम पास करता रहा।

फिर निदा और अम्मी ने मिलकर खाना बनाया रात का जिसके बाद बाजी को भी निदा सहारा देकर बाहर ही ले आई, जहाँ हम सबने मिलकर खाना खाया और खाना खाते हुये मैंने निदा और फरी बाजी की तरफ देखकर कहायार आज मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ.."

अभी मैंने इतना ही कहा था कि अम्मी झट से बोल पड़ी- "आराम से खाना खाओ जो भी बोलना या बताना है। सुबह बता देना, अभी सब थक चुके हैं..."

अम्मी के इस तरह मेरी बात काटने से निदा काफी हैरान हुई लेकिन फरी बाजी अपना सिर झुकाकर बैठी धीमी मुश्कान से खाना खाती रही।लेकिन निदा से बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो झट से बोल पड़ी- "

अम्मी आज तो हम कहीं गये भी नहीं जो थक जाते। भाई आप बताओ ना क्या बताने वाले थे

मैंने सिर उठाकर अम्मी की तरफ देखा तो मुझे अम्मी की आँखों में साफ तौर से खौफ और परेशानी के साथ एक बिनती नजर आई कि प्लीज़...

सन्नी कुछ मत बोलो।लेकिन अब क्योंकी मेरा यूं खामोश रहना निदा को शक में डाल सकता था, इसलिए मैंने कहा- "यार वो मैंने अम्मी से आज इजाजत ले ली है वहाँ तालाब पे जाने की और अम्मी भी वहाँ हमारे साथ ही जायेंगी."

मेरी बात सुनकर जहाँ निदा का मुँह बन गया, वहीं अम्मी की रुकी हुई सांस भी बहाल हो गई। क्योंकी मैंने अम्मी की बात मानते हुये खामोशी इख्तियार किए रखी थी और अभी तक कुछ नहीं बोला था। लेकिन निदा का मेरी बात सुनकर मुँह इसलिए बन गया था कि अम्मी के होते वहाँ तालाब पे कोई मस्ती नहीं हो सकती थी।खैर,

हम सबने खाना खाया और निदा बाजी को अपने साथ रूम में ले गई और अम्मी ने बर्तन उठाकर किचेन में रखे और अपने रूम में चली गई। मैं वहीं बैठ गया और टीवी देखने लगा,

क्योंकी मैं चाहता था कि जब मैं अम्मी के रूम में जाऊँ तो कम से कम निदा उस वक़्त सो चुकी हो और अम्मी का तो मुझे यकीन था कि वो जब तक मैं उनके रूम में नहीं जाऊँगा जागती रहेंगी।

क्योंकी अम्मी भी मेरे साथ बात करना चाह रही थीं।खैर,

मैं मूवी देखता रहा और 0:30 बजे टीवी बंद किया और धड़कते दिल के साथ अम्मी के रूम में चला गया,

जहाँ अम्मी बेड के साथ टेक लगाकर नीचे ही बैठी हुई थीं और टीवी के चैनेल बार-बार चेंज कर रही थीं। जैसे ही मैं रूम में इन हुआ अम्मी ने मेरी तरफ देखा और टीवी बंद कर दिया।

मैंने भी रूम का दरवाजा लाक कर दिया और अम्मी के करीब ही बेड पे जा बैठा,

जिससे अब कुछ रूम का मंजर इस तरह था कि मैं बेड पे बैठा हुआ था और अम्मी नीचे मेरे पैरों में बैठी हुई थी। कुछ देर तक मैं अम्मी की तरफ देखता रहा और अम्मी अपना सिर झुकाए मेरे पैरों में बैठी रही।

मैंने धीरे आवाज में अम्मी से कहा- "
 
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अम्मी मुझे आप से ये उम्मीद नहीं थी कि आप हमारी इज्जत इस तरह गैरों के आगे नीलाम करती फिरोगी,

आपको जरा भी शर्म नहीं आई कि आपकी दो बेटियां भी हैं, और बेटा भी है। अगर कोई गड़बड़ हुई तो हम किसी को मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे।

और जब ये सब मैं फरी बाजी और निदा को बताऊँगा तो उनपे आप का ये रूप खुलने के बाद क्या हालत होगी कभी सोचा आपने?"

मेरी बात खतम होते ही अम्मी ने अपने दोनों हाथों से मेरे पांव पकड़ लिए और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे और अम्मी रोती सी आवाज में बोली- "

प्लीज़... सन्नी बेटा इस बात को अपने तक ही छुपा लो बेटा। अगर तुम्हारी बहनों को पता चला तो मैं उनकी नजरों से गिर जाऊँगी बेटा,

और कभी उनके सामने अपनी आँख भी । नहीं उठा सकेंगी। प्लीज़..

सन्नी मैं माँ हूँ तुम्हारी। मुझे एक बार माफ कर दो। मैं आज के बाद ऐसा कभी नहीं करूंगी।मैं ऐसे ही बैठा अम्मी की तरफ देखता रहा और अपने पांव अम्मी से छुड़ाने की कोई कोशिश भी नहीं की,

और कुछ देर के बाद बोला- "नहीं अम्मी, मुझे फरी बाजी और निदा को सब बताना ही होगा। क्योंकी आप और सफदर अंकल कब से ये सब कर रहे हो,

और अब भी अगर मुझे पता ना चलता और मैं देख ना लेता तो भी पता नहीं कब तक आप लोग हमारी आँखों में धूल झोंकते रहते और इस बात की आगे क्या गारंटी होगी कि आप सच में दोबारा ये सब नहीं करोगे?"

अम्मी ने अब भी ना तो मेरे पांव छोई और ना ही सिर उठाया और ऐसे ही बोली- "

बेटा मैं माँ हूँ तुम्हारी। मैं तुम्हारी और तुम्हारी बहनों के सिर की कसम खाती हूँ कि आज के बाद ऐसा कभी नहीं करूंगी."मैंने अम्मी को टोक दिया और बोला- "

ठीक है अम्मी, मैं सोचूँगा कि आप पे भरोसा करते हुये आपको मोका दिया जाए या फिर निदा और फरी बाजी को बता दिया जाए? लेकिन आप ये बताओ कि आपका और सफदर अंकल में ये सब कब से चल रहा है?"

अम्मी ने अपना सिर उठाकर मेरी तरफ देखा और फिर से सिर झुका लिया और बोली- "सफदर के साथ 15 साल हो गये हैं."मैं अम्मी की बात सुनकर हैरान रह गया और बोला- "

तो क्या आप और सफदर अंकल अब्बू की मौत से पहले से ही ये सब कर रहे हो, और अब्बू को पता भी नहीं चला?"

अम्मी ने अपना सिर नहीं उठाया और खामोश बैठी रही। लेकिन मेरे पांव अब अम्मी ने छोड़ दिए थे।

मैंने अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे कहा- "

आप बता क्यों नहीं रही अम्मी?"तो अम्मी ने कहा- "

ये सब तुम्हारे अब्बू की इजाजत और मर्जी से होता रहा है..."
 
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अम्मी की बात सुनकर मुझे एक जोर का झटका लगा, क्योंकी मुझे अम्मी से ऐसे किसी जवाब की उम्मीद नहीं थी। जिससे मुझे झटका सा लगा और मैं खामोश सा हो गया।

अम्मी ने भी अपना सिर उठाया और मेरी तरफ देखती रही और फिर से सिर झुकाकर खामोश हो गई और मैं भी कुछ देर तक खामोश बैठा अपनी अम्मी की तरफ से मिलने वाले जवाब पे गौर करता रहा।कुछ देर बाद मैंने एक लंबी सी सांस ली और बोला- "

तो क्या अब्बू और सफदर अंकल के इलावा भी आपने किसी के साथ किया है?"

अम्मी ने हाँ में सिर हिला दिया और बोली- "

तुम्हारे अब्बू कभी कभार अपने एक-दो दोस्तों को ले आया करते थे घर पे, और शराब पिया करते थे। जिसमें वो लोग मुझे भी शामिल कर लिया करते थे जिसके बाद सब मिलकर मेरे साथ किया करते थे..."

अम्मी की बातों से मुझे हर पल नया झटका मिल रहा था और अब अम्मी भी बिना झिझके मुझे हर बात बताती जा रही थीं। मैंने कहा- "

तो फिर आप किस तरह कसम खा सकती हो कि आप ऐसा कभी नहीं करोगी? क्योंकी आपको जो आदत पड़ चुकी है, वो आसानी से जाने वाली तो नहीं है.."

अब की बार अम्मी खामोश रहीं तो मैंने अम्मी से कहा- "

अब आप कब तक यूं मेरे पैरों में बैठी रहोगी ऊपर आ जाओ बेड पे और मुझे सोचने दें कि मैं क्या कर सकता हूँ आपके लिए और इस घर के लिए?"

अम्मी नीचे से उठी और बाथरूम चली गई और हाथ मुँह धो के वापिस आ गई और बेड पे बैठ गई। मैं उठा और लाइट बंद करके जीरो पावर की लाइट ओन कर दी और बेड की एक साइड पे लेट गया।

अम्मी बेड की दूसरी साइड लेट गई और बोली- "

सन्नी बेटा अगर तुम अपनी माँ को माफ कर सको तो अच्छा है क्योंकी मैं जानबूझ के ये सब नहीं करती। ये सब तुम्हारे अब्बू की लगाई हुई आग का नतीजा ही है कि आज मैं अपने ही सगे बेटे से माफी माँग रही हूँ,

मेरे लिए इस बुरा और क्या हो सकता है?"

मैंने अम्मी को कोई जवाब नहीं दिया तो अम्मी ने करवट बदल के अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और अपनी गाण्ड मेरी तरफ कर ली और मैं इंतजार करने लगा कि अम्मी सो जायें और मैं कुछ हरकत करूं और अब तो मुझे कुछ-कुछ उम्मीद भी हो चली थी कि अम्मी मुझे कुछ भी करने से मना नहीं करेगी,

क्योंकी अम्मी ने खुद ही मुझे बता दिया था कि वो कितनी बड़ी गश्ती हैं।

अम्मी मेरी तरफ अपनी कमर किए लेटी हुई थीं और मैं बार-बार उनकी गाण्ड की तरफ देखते हुये अपना लण्ड मसल देता था,

क्योंकी मुझसे अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

लेकिन क्योंकी अभी मुझे कुछ देर । इंतेजार करना था, जिसकी वजह से मैं बड़ी मुश्किल से अपने आपको कंट्रोल कर पा रहा था।खैर,
 

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