Incest anjane mein kya kar diya maine

Expert Member
8,166
11,669
143
अम्मी को करवट बदल के लेटे हो अभी कोई 5 मिनट ही हुये होंगे और इस दौरान मैं ये भी जानता था कि अम्मी अभी तक सोई नहीं होंगी क्योंकी आज उनका राज मुझे यानी उनके एकलौते बेटे को पता चल चुका था,

तो अम्मी को नींद किस तरह आ सकती थी?

लेकिन अब मुझमें बर्दाश्त खतम हो चुकी थी, जिसकी वजह से मैंने उसी वक़्त रिस्क लेने का फैसला किया,

और धीरे से खिसक के अम्मी के करीब हो गया।और अम्मी की तरफ करवट लेते हुये अपना लण्ड जो कि पहले ही जोश से भरा हुआ था,

अपनी माँ की गाण्ड पे टच किया और साथ ही अम्मी को आवाज देने लगा- "अम्मी क्या आप जाग रही हो अभी? अम्मी-अम्मी..."

लेकिन अम्मी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो मैं समझ गया कि मेरे लण्ड के टच होते ही अम्मी सब कुछ समझ चुकी होंगी और अब देखना चाहती होंगी कि मैं कहाँ तक जाता हूँ?

जिसकी कि मैं अब परवाह करना भी नहीं चाहता था। अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे मैंने अपना बाजू अम्मी के ऊपर रख दिया फैलाकर,

जिससे मेरा हाथ अम्मी के बाजू से होता हुआ अम्मी की चूचियों पे चला गया।मेरा हाथ अम्मी की चूचियों से टच होना ही था कि मेरा पूरा जिम मजे की एक अंजानी लज्जत से सिहर उठा और साथ ही मैंने अपना लण्ड अपनी माँ की गाण्ड पे थोड़ा जोर से दबा दिया।

जिससे मेरा लण्ड अम्मी की। गाण्ड की दरार में सलवार के ऊपर से ही घुस गया,

और साथ ही मैं अपनी अम्मी की चूचियों को भी हल्के से सहलाने लगा। जिससे मेरा मजा सातवें आसमान तक जा पहँचा।

लेकिन अम्मी खामोश पड़ी ये सब होने दे रही थी,

जिससे मेरा हौसला बढ़ता चला गया। कुछ देर तक मैं अम्मी की चूचियों सहलाता रहा और उसके बाद मैंने अपना हाथ अम्मी की चूचियों से नीचे खिसकाया और अम्मी की सलवार तक ले गया और हाथ से अम्मी की कमीज का पल्लू हटा दिया।

अपना हाथ जैसे ही अम्मी की सलवार में घुसाने लगा,

तभी अचानक अम्मी का जिश्म हिला और अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपना चेहरा पीछे मेरी तरफ घुमाकर देखते हुये बोली-

"सन्नी ये क्या कर रहे हो तुम? मैं माँ हूँ तुम्हारी..."
 
Expert Member
8,166
11,669
143
अम्मी की बात सुनकर मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया और मैंने अपना हाथ अम्मी से छुड़ा लिया और बोला-

"हाँ... पता है आप मेरी माँ हो, लेकिन ये बात आपको तब याद नहीं होती जब आप सफदर अंकल से चुदवाने जाती हो, या फिर अब्बू के सामने उनके दोस्तों से चुदवाया करती थी।

अगर मैंने कुछ कर दिया तो आपको हर बात याद आने लगी है."

अम्मी ने अपने आपको मेरी तरफ घुमाने की कोशिश की जिससे कि मैं धक्का लगने से सीधा हो गया और अम्मी मेरी तरफ करवट लेकर अपने हाथ को सिर के नीचे टिकाकर जिससे अम्मी का चेहरा मुझसे ऊंचा हो।

गया। अम्मी बोली- "देखो सन्नी, हम माँ बेटा हैं। मैं मानती हैं कि मैं आज तक अपनी मर्जी से या तुम्हारे अब्बू की खुशी के लिए जो कुछ करती रही हूँ गलत था,

लेकिन अगर तुम ये चाहते हो कि मैं वो सब कुछ तुम्हारे साथ करूं तो बेटा ये नहीं हो सकता। क्योंकी हमारा मुअशरा और मजहब हमें इस चीज की इजाजत नहीं देता...

"अम्मी की बात खतम होते ही मैं उठकर बैठ गया और बोला-

"मैं जानता हूँ कि ये सब गलत है, और अगर किसी को पता चला तो बहुत बुरा होगा और मैं मानता हूँ कि ये बहुत बड़ा गुनाह है। लेकिन जब आप आज तक गैर मर्दो के साथ गुनाह करती आई हो,

तो मुझे भी इस गुनाह का मजा लेना है। और अगर आप ने मना किया तो याद रखना अम्मी कि मैं किसी से कुछ बोलूंगा तो नहीं,

लेकिन हमेशा के लिए आपको और घर को छोड़कर चला जाऊँगा..."

ये धमकी मैंने इसलिए दी थी कि मकान और दुकान वगैरा अब्बू मेरे नाम कर गये थे मरने से पहले ही,

जिसकी वजह से अम्मी मुझे कभी खुद से अलग नहीं कर सकती थीं।मेरी बात सुनकर अम्मी के चेहरा में परेशानी के आसार नजर आने लगे, तो मैंने कहा-

"देखो अम्मी, बात ये है। कि आप क्या करती थीं,

अब भी करती रहो। लेकिन अब अब्बू की जगह आप मुझे अपनी लाइफ में शामिल कर लो,

इसमें हम सबका ही भला है.."

अम्मी कुछ सोच में पड़ गईं और कुछ देर बाद बोलीं-
 
Expert Member
8,166
11,669
143
"लेकिन सन्नी बेटा, फरी और निदा को अगर पता चल गया तो मैं उनको क्या मुँह दिखाऊँगी?"

अम्मी की बात से मैं खुश हो गया और बोला-

"देखो अम्मी, बात ये है कि जब तक हम कोई बे एहतियाती नहीं करेंगे उन्हें कैसे पता चलेगा किसी बात का?

और अगर उन्हें कुछ पता चला भी तो वक़्त आने पे देखा जाएगा। जो बात अभी हुई नहीं उसके लिए इतनी परेशानी क्यों उठाना?"

अम्मी- "लेकिन फिर भी सन्नी, ये सब गलत है बेटा। आखिरकार, मैं माँ हूँ तुम्हारी..."

अम्मी ये बात करते हुये ट्राउजर में खड़े मेरे लण्ड की तरफ ही देख रही थी।

जिससे मैंने और ज्यादा टाइम जाया करना मुनासिब ना समझते हुये अम्मी की तरफ करवट ली और अपनी अम्मी के सीने से लग गया और अपने होंठ अम्मी के साफ्ट होंठों पे रख दिए और किस करने लगा।

मैं अम्मी को थोड़ी देर तक किस करता रहा जिसमें अम्मी मेरा साथ नहीं दे रही थी।

जिसका मैंने कुछ भी बुरा नहीं माना। क्योंकी मैं समझ सकता था कि अम्मी इतनी जल्दी नहीं खुलने वाली। और उठकर बैठ गया और अम्मी की तरफ देखते हुये हल्का सा मुश्कुराया तो अम्मी ने मुँह बनाते हुये अपनी आँखें बंद कर लीं।

मैं अम्मी की टाँगों के पास खिसक आया और अपने दोनों हाथ अम्मी की सलवार पे डाले और धीरे से नीचे खिसकाने । लगा और साथ ही मैं अम्मी की तरफ भी देखता जा रहा था,

जहाँ अब मुझे अपनी अम्मी के चेहरे पे पशीना साफ नजर आने लगा था।

लेकिन अम्मी ने ना तो मेरा हाथ रोका और ना ही अपनी आँखें खोली।

मैंने धीरे-धीरे अम्मी की सलवार उतार दी, जिससे अम्मी की चिकनी और मुलायम रानें बिल्कुल नंगी मेरे सामने आ गईं। मैंने अम्मी की रानों को पकड़कर धीरे से फैला दिया जिन्हें अम्मी ने अपस में दबा रखा था।

जैसे ही अम्मी की रानों को खोलकर मैंने अपनी अम्मी की फुद्दी को देखा तो मेरा लण्ड तेजी से झटके खाने लगा, । क्योंकी आज मैं उस औरत की फुद्दी को देख रहा था,

जिसकी फुद्दी में से मैं निकला था।

अम्मी की फुद्दी बिल्कुल साफ थी बलों का जरा भी नाम-ओ-निशान तक ना था।

जिसे देखते ही मेरे मुँह में पानी भर आया और मैं अम्मी की टाँगों को पूरा खोलते हुये बीच में आ गया और अपना सिर झुकाकर अम्मी की फुद्दी चाटने लगा।
 
Expert Member
8,166
11,669
143
अम्मी की फुद्दी जो कि पहले ही अपने ही पानी से भीगी हुई थी,

और एक नमकीन सा और बड़ा अजीब सा टेस्ट दे रही थी।

मैं अपनी जुबान को ऊपर से नीचे की तरफ चलाते हुये चाटने लगा।जिससे कुछ ही देर में अम्मी भी अपनी गाण्ड को थोड़ा सा उठाकर मेरे मुँह की तरफ दबाने लगी और साथ ही हल्की आवाज में-

"सस्सीईई.. आअहह... सन्नी मत करो ऊओहह... बेटा.."

की आवाज के साथ ही मेरा सिर अपनी फुद्दी की तरफ दबाने लगी।

मैं भी अपनी जुबान को अम्मी की फुद्दी में घुसाकर चुसाई करने लगा,

जिससे अम्मी की सिसकियां और भी बढ़ने लगीं और उनके मुँह से- "आअहह... सन्नी उनम्म्मह... हाँन् खा जाओ आज अपनी अम्मी की फुद्दी को ऊऊओहह...

सन्नी जुबान को पूरा घुसाकर चाटोओ प्लीज़्ज़... हाँन् मजा आ रहा है बेटा उफफ्फ़.."

की आवाज करने लगी।अम्मी की इन आवाजों से मुझे साफ पता चल रहा था कि अब अम्मी पूरी तरह गरम हो चुकी हैं, और कोई भी लम्हा जिसमें अम्मी की फुद्दी पानी छोड़ने वाली है,

तो मैं अचानक अम्मी की फुद्दी को चाटना छोड़कर उठाऔर अपने कपड़े उतारने लगा।

अम्मी ने एक झटके से अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखने लगी और जैसे ही मैं नंगा हुआ तो अम्मी की नजर मेरे लण्ड पे टिकी हुई थी और उनकी जुबान खुश्क होते होंठों पे घूम रही थी।

क्योंकी मैं भी काफी देर से खुवारि काट रहा था इसलिए अब और ज्यादा देर ना करते हुये मैं फिर से अम्मी की टाँगों में आ गया और अपना लण्ड अम्मी की फुद्दी पे टिकाकर हल्का सा झटका दिया तो मेरा लण्ड अम्मी की गीली फुदी में बड़े मजे से जाने लगा,

और अम्मी ने लण्ड के घुसते ही अपनी आँखों को बंद कर लिया और ।

नीचे से अपनी गाण्ड को मेरे लण्ड की तरफ दबा दिया।

मैं अम्मी का इशारा समझते हुये अम्मी की टाँगों को ।

पूरा फैलाकर अपना वजन टाँगों पे डालकर अपने लण्ड को थोड़ा बाहर खींचते हुये पूरी जान से झटका दिया और अपना लण्ड अपनी अम्मी की फुद्दी में घुसा दिया।लण्ड के पूरी जान से घुसते ही अम्मी के मुँह से-

"सस्सीईई... धीरे करोऽss सन्नी बेटा, ऐसे क्यों कर रहे हो? आआहह.."
 
Expert Member
8,166
11,669
143
की आवाज निकल गई।अम्मी की बात सुनते ही मैंने फिर से वैसे ही झटका दिया और बोला-

"साली गश्ती ज्यादा नखरा ना कर जितने लण्ड तू अपनी फुद्दी में ले चुकी है,

तुझे अब क्या फरक पड़ता है धीरे या जोर से करने का?

"मेरे हर झटके से अम्मी के मुँह से लज्जत भरी सिसकियां निकल रही थीं और साथ ही अम्मी-

"आअह्ह... सन्नी बेटा आराम से करो ज्यादा मजा आता है... ऊऊह्ह... सन्नी बहुत अरसे के बाद ऐसे जवान लण्ड का मजा मिला है तेरी माँ को बेटा आअह्ह...

धीरे-धीरे पूरा गहराई में घुसाकर चोदो बेटा उनम्म्म ह.."

की आवाज करने लगी।और अपनी गाण्ड मेरे हर झटके पे उछाल के मेरे लण्ड की तरफ भी दबाती जिससे मेरे हर झटके की स्पीड बढ़ जाती और फिर अम्मी ने अपनी टाँगों को मुझसे छुड़ा लिया और मुझे अपने ऊपर खींचकर अपनी टाँगों को मेरी कमर पे कस लिया,

जिससे मुझसे झटके सही से नहीं लग रहे थे।

तो अम्मी नीचे से अपनी फुद्दी को ऊपर नीचे घिसने लगी,

जिससे मैं मजे से पागल होने लगा और अम्मी की कमीज को ऊपर करके ब्रा से अम्मी की चूचियों को निकालकर चूसने लगा।

तब अम्मी खुद ही अपनी फुद्दी को मेरे लण्ड पे रगड़ के मजे लेने लगी और साथ ही-

"आआहह... सन्नी बेटा उंम्म्मह... बड़ा मजा आ रहा है मेरी जान...

आज के बाद अपनी अम्मी की भूख तुम मिटाया करना बेटा ।

उनम्म्मह... ऊऊह्ह... सन्नी मैं गई सन्नी थोड़ा जोर से मसलो मेरे मम्मों को ऊऊह्ह.. उनम्म्मह..."

की आवाज के साथ ही जैसे अम्मी की फुद्दी में गरम-गरम सेलाब सा आ गया और अम्मी निढाल सी हो गई।मैं सीधा हुआ और फिर से अम्मी की फुद्दी में तेजी से अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा,

जिससे रूम में थप्प-थप्प की आवाजें गूंजने लगीं और फिर मैं भी दो मिनट में ही अम्मी की फुद्दी में फारिघ् हो गया और अम्मी के ऊपर ही गिरकर लंबी सांसें लेने लगा।

थोड़ी देर हम दोनों माँ बेटा ऐसे ही लेटे रहे और फिर अम्मी ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया जिससे मैं अम्मी की साइड में होकर लेट गया।

अम्मी ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख ली और बोलीक्यों सन्नी, अब खुश हो न तुम?
 

Top