Attitude shayari

LustyWeb
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#Attitude? के ?#बाजार ?में जीने ??का अलग ?ही #मजा? है लोग??#जलना ?नहीं❌ #छोड़ते ? और➡ #हम_मुस्कुराना ?
 
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Ajeeb Si Aadat Aur Ghazab Ki Fitrat Hai Meri,
Mohabbat Ho Ke Nafrat Ho Bahut Shiddat Se Karta Hoon.
अजीब सी आदत और गज़ब की फितरत है मेरी,
मोहब्बत हो कि नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हूँ।

Tum Bahete Paani Se Ho Har Shakl Mein Dhal Jaate Ho,
Main Ret Sa Hoon Mujhse Kachche Ghar Bhi Nahi Bante.
तुम बहते पानी से हो हर शक्ल में ढल जाते हो,
मैं रेत सा हूँ मुझसे कच्चे घर भी नहीं बनते।
 
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Dil Hai Kadmon Pe Kisi Ke Sar Jhuka Ho Ya Na Ho,
Bandgi Toh Apni Fitrat Hai Khuda Ho Ya Na Ho.
दिल है कदमों पे किसी के सर झुका हो या न हो,
बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो।

Bas Deewangi Ki Khatir Teri Gali Mein Aate Hain,
Varna Aawargi Ke Liye Toh Saara Shahar Pada Hai.
बस दीवानगी की खातिर तेरी गली मे आते हैं,
वरना आवारगी के लिए तो सारा शहर पड़ा है।
 
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Main Logon Se Mulakato Ke Lamhe Yaad Rakhta Hoon,
Baatein Bhool Bhi Jaaun Par Lahje Yaad Rakhta Hoon.
मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ,
बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ।
 
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Na Main Gira Na Meri Umeedon Ke Meenar Gire,
Par Kuchh Log Mujhe Giraane Mein Kayi Baar Gire.
न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे,
पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे।
 
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Ehsaan Yeh Raha Tohmat Lagane Walon Ka Mujh Par,
UthhTi Ungliyon Ne Mujhe MashHoor Kar Diya.
एहसान ये रहा तोहमत लगाने वालों का मुझ पर,
उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया।

Chhod Di Hai Ab Humne Wo Fankaari Varna,
Tujh Jaise Haseen Toh Hum Kalam Se Bana Dete The.
छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना,
तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे।
 
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Gumaan Itna Nahi Achha Tu Sunn Le Pehle Jaane Ke,
Paltne Par Mukar Sakta Hun Tujhko JanNe Se Bhi.
गुमां इतना नहीं अच्छा तू सुन ले पहले जाने के,
पलटने पर मुकर सकता हूँ तुझको जानने से भी।

Mere Lafzon Se Na Kar Mere Kirdar Ka Faisla,
Tera Wajood Mit Jayega Meri Hakiqat Dhhoondte Dhhoondte.
मेरे लफ्जों से न कर मेरे किरदार का फ़ैसला,
तेरा वजूद मिट जायेगा मेरी हकीकत ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
 
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चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,


बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!














जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं,


मै खुद को नही देखता औरो की नजर से….!!!














बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है,


हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…........!!!














ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,


तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम.....!!!














आग लगाना मेरी फितरत में नही है,


मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर......!!!














लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,


मेरी शोहरत किसी के नाम की मोहताज नहीं......!!!














लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,


सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे.........!!!














हम तो इतने रोमान्टिक है की हम अगर थोड़ी देर,


मोबाइल हाथ मै लेले.. तो वो भी गरम हो जाता है......!!!














सर झुकाने की आदत नहीं है,


आँसू बहाने की आदत नहीं है,


हम खो गए तो पछताओगे बहुत,


क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है......!!!














राज तो हमारा हर जगह पे है,


पसंद करने वालों के "दिल" में और,


नापसंद करने वालों के "दिमाग" में.......!!!














मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ,


बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ.....!!!














छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना,


तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे......!!!














समंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिन,


हमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त......!!!














मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदल के देख,


मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकल के देख.....!!!














हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर,


बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए........!!!














रहते हैं आस-पास ही लेकिन पास नहीं होते,


कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस ख़ाक नहीं होते.....!!!














दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,


मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ......!!!














बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,


आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ........!!!














अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों


ना जाने कितने मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते.....!!!














न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे,


पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे........!!!














जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना,


तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है…....!!!














उसने पुछा, कहाँ रहते हो,


मैने कहा, अपनी औकात मे रहता हुं......!!!














ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू,


ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही......!!!














हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,


वरना किसी के मन में खौंफ पैदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी है.....!!!














ऐसा नही है कि मुझमे कोई 'ऐब' नही है,


पर सच कहता हूँ मुझमें कोई 'फरेब' नहीं है........!!!














नमक स्वाद अनुसार,


अकड औकात अनुसार.......!!!














शब्द पहचान बनें मेरी तो बेहतर है,


चेहरे का क्या है,


वो मेरे साथ ही चला जाएगा एक दिन…..!!!














अंदाज़ कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,


सब को मंज़िल का है शौख मुझे रास्ते का है.......!!!














तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा,


वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!!!














दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे,


लोग पैदल चलेंगे और हम कंधो पर…...!!!














मुझे एक ने पूछा "कहा रहते हो"


मैंने कहा "औकात मे"


साले ने फिर पूछा "कब तक"


मैंने कहा "सामने वाला रहे तब तक"..........!!!














नफरत भी हम हैसियत देख कर करते है,


प्यार तो बहुत दूर की बात है........!!!
 

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