Adultery औरत चुदने पर आ जाए तो क्या नहीं कर सकती

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मेरा नाम राहुल है। मैं गोरा तो ज्यादा नहीं हूँ, पर कसरती बदन जरूर है। मेरी आयु इस वक्त तेईस साल है और मैं गुजरात के गांधीनगर में एक छोटे से परिवार का नौकर हूँ।
मेरे मालिक का नाम अशोक कुमार है, उनकी उम्र पचास साल है और उनकी पत्नी यानि मेरी मालकिन की उम्र चालीस की होगी। वो दिखने में तो ठीक-ठाक थीं.. मगर उनकी गांड बहुत मोटी थी.. जो मेरे लंड को बार-बार खड़ा कर देती थी।

मेरी मालकिन बड़े ही गुस्से वाली और घमंडी थीं.. क्योंकि उनका लड़का अमन जो 25 साल का था, वो अमेरिका में रहता था। मैं मालिक के यहाँ ड्राईविंग और छोटे-मोटे काम करता हूँ। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि इस घमंडी मालकिन को अपना लंड चूसने पर मजबूर करूँगा।

एक रात ऐसा हुआ कि मैं पानी पीने उठा तो मालिक के कमरे से अजीब आवाजें आ रही थीं। मैंने ध्यान से सुना तो मालकिन मालिक को गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थीं।

मेरे मालिक बोल रहे थे- तू भी क्या हो गई.. तेरी प्यास तो दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है.. तू साली रंडी बन गई है।
मालकिन- साले हिजड़े.. तेरे से कुछ होता तो है नहीं.. और मुझे रंडी कहता है..! हाँ.. मैं रंडी हूँ.. चोद साले मुझे.. हाँ चोद..
मालिक- शर्म कर साली.. अपनी उम्र तो देख..!

मालकिन- साले सीधे-सीधे बोल ना.. तेरे लंड से अब कुछ नहीं होता और जो होता है वो ऑफिस में अपनी सेक्रेटरी के साथ करता है।
मालिक- लगता है.. तुझे तेरी अम्मा के पास मायके ही भेजना पड़ेगा।
मालकिन- तू क्या भेजेगा.. मैं अभी राहुल को जगा कर अपने मायके चली जाती हूँ।
मालिक- जा साली.. मर!

तब मुझे लगा कि मामला ज्यादा बिगड़ा हुआ है और मेरे मन में एक वासना जाग उठी कि औरत चुदने पर आ जाए तो क्या नहीं कर सकती।

मैं जल्दी से अपने कमरे में गया और सिर्फ अन्डरवियर पहन कर आधा लंड बाहर निकाल कर सोने लगा ताकि चुदास से भरी मालकिन की नजर मेरे लंड पर पड़ जाए।

थोड़ी देर बाद मालकिन आईं.. मैंने सोने का नाटक किया।
मेरा प्लान कामयाब हुआ।

जैसे ही मालकिन मेरे कमरे में आईं.. उनकी नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी। मेरा खड़ा लंड देख कर उनके होश उड़ गए। वैसे तो मेरा लंड ज्यादा मोटा नहीं है.. मगर औरत की चूत की प्यास जरूर बुझा सकता है।

मालकिन ने थोड़ी देर मेरा खड़ा लौड़ा देखने के बाद मेरे लंड को छूने की कोशिश की। इतने में मैंने लंड को खुजाते हुए पूरा लौड़ा अंडरवियर से बाहर निकाल दिया।

मालकिन से अब रहा ना गया और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं। तभी मैं नींद में बड़बड़ाया- छोड़ दो मुझे.. मालिश करवाने जाना है।

मालकिन डरकर खड़ी हो गईं.. उन्होंने एक पल सोचा और फिर झट से कमरे का दरवाजा बंद किया और मेरी अल्मारी से तेल की बोतल उठा कर मेरी मालिश करने लगीं।
मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि यह घमंडी मालकिन मेरी मालिश करेगी।

दस-बारह मिनट के बाद मालकिन ने मेरे लंड को जोर से दबाना शुरू किया। मैंने अचानक जागने का नाटक किया और बोला- अरे.. मालकिन आप ये क्या कर रही हैं?

तब मालकिन गुस्से बोली- साले सोने का नाटक करके मुझसे मालिश करवाएगा.. ले भोसड़ी के.. मेरी चूत चाट।
मैं डर गया और बिना कुछ सोचे मैंने उनका पेटीकोट ऊपर करके उनकी अधचुदी चूत चाटने लगा।
मालकिन मुँह से कामुक आहें भरने लगीं ‘आह.. अह और जोर से चाट साले.. पूरी जीभ अन्दर डाल.. आह.. फाड़ डाल साले.. उई.. उह..’

मैं भी जोश में आ गया और खड़ा होकर मेरा लंड उनके मुँह के सामने कर दिया। उन्होंने भी बिना देर किए मेरा पूरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं।

थोड़ी देर बाद लण्ड चुसाने के बाद मैंने कहा- बस करो.. मैं झड़ जाऊँगा।
मगर वो बिना रुके लौड़ा चूसती रहीं और जब मेरा माल निकला.. तो वे सारा माल पी गईं।

अब वो गुस्से से मेरी तरफ देखकर मुझे डाँटने लगी- मादरचोद इतनी जल्दी झड़ गया.. तू भी अपने मालिक जैसा ही निकला।
मैं कांपते हुए बोला- नीचे देखिए.. अभी तो खड़ा है।

मालकिन ने नीचे मेरे लंड को देखा तो उनकी आँखों में चमक आ गई और बिना देर किए उन्होंने खड़े-खड़े ही पेटीकोट ऊपर करके मेरा लंड अपनी चूत में घुसवा लिया, मुझे धक्का देकर वो मेरे ऊपर आकर मुझ पर सवार हो गईं और जोर-जोर से मुझे चोदने लगीं।

उन्होंने करीब बीस मिनट मेरे ऊपर चुदाई की। इस दौरान दो बार झड़ भी गईं।

बाद में मुझे अपनी बांहों में भर कर कहा- आई लव यू राहुल..
मैंने भी उनको किस किया और चिपक गया।

उस रात मैंने उनको तीन बार चोदा था।
अब तो दिन में भी हमारी चुदाई होती है क्योंकि एक रात मालकिन को चोदते वक्त मालिक ने भी देख लिया था.. पर मुझे मालकिन ने बचा लिया था।
 

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