Discussion Bibi ki chudai

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मैं और सनी

नमस्ते दोस्तों मैं पूजा एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी नई कहानी लेकर , कैसे मेरे बचपन के दोस्त सनी ने मेरी चुदाई की।
मैं आपको बता दूं कि सनी बचपन से ही मुझे प्यार करता था और मेरी एक झलक पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था। सनी देखने मे एक सुंदर लड़का था और मैं भी मन ही मन उसे चाहती थी पर अपने पापा के डर से में कभी उससे अपने मन की बात नहीं कर पाई।फिर मेरी शादी हो गई और मैं अपने ससुराल आ गई।
मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते थे और मैं अपने घर परिवार में व्यस्त हो गई और मेरे दो बच्चे भी हो गए।
एक दिन न जाने कैसे मेरे पति राज को मेरे और सनी के बारे मे पता चल गया। मैं डर गई कि अब क्या होगा पर राज ने कुछ नहीं कहा । अब वो कभी कभी मुझे सनी का नाम लेकर चिढ़ाने लगे।
मेरी शादी के10 साल बाद मेरी सेक्स लाइफ अच्छी नहीं चल रही थी ।मेरा मन चुदाई में बिलकुल नहीं लगता था।फिर राज ने मुझे कहा कि जब मैं तुम्हें चोदू तो तुम ये समझो कि तुम्हें सनी चोद रहा है।ये सुन कर में सन्न रह गई कि कहीं राज मेरी परीक्षा तो नही ले रहे हैं। और मैं राज पर भड़क गई पर राज ने मुझे समझा कर शांत कर दिया और कहा कि इससे हमारी सेक्स लाइफ सही हो जाएगी। दोस्तों अब जब भी राज मुझे चोदते तो में अपने मन में सोचती की में सनी से चुदवा रही हूं और में मज़े में जल्दी झड़ जाती।हमे खूब मजा आने लगा।बल्कि राज कहने लगे कि अगर मैं चाहूँ तो सच में सनी से चुदवा सकती हूँ।ये सुनते ही मेरा मन मचल उठा और उस दिन मैने जम कर चुदाई करवाई।राज को भी बहुत मज़ा आया और वह बार बार मुझे सनी से चुदने को उकसाने लगे।दोस्तों ये सुन सुन कर मेरा मन भी मचलने लगा कि काश एक बार ही सही मैं सनी से चुदूँ ।
अब मैं फोन पर सनी से बातें करने लगी।धीरे धीरे हम एक दूसरे से खुलने लगे और एक दूसरे की सेक्स लाइफ के बारे मे बात करने लगे।वह मुझसे अकेले में मिलने को कहने लगा।मैं मना कर देती थी पर मन से तो मैं भी उससे चुदना चाहती थी।कुल मिलाकर हम दोनों मिलने के लिए तड़प रहे थे।उसने फोन पर अपने लन्ड की फोटो भी भेजी थी।उसका लन्ड 8 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था जिसके सुपड़े के छेद पर उसका लन्डरस चमक रहा था।पर मैने हम दोनों के मिलन को भगवान के भरोसे छोड़ दिया था।
और भगवान ने हमारी सुन ली।नवम्बर में मेरे भाई की शादी पड़ गई जिसमें हम सबको जाना था पर किसी कारण राज नही जा पाए।सनी ने सुना तो छुट्टी लेकर वह भी गांव आ गया।हम सब शादी में बिजी थे सनी चोरी चोरी मुझे ही देखे जा रहा था और मैं भी उसकी नज़र को अपने बदन पर महसूस कर रही थी।पर हम अकेले नहीं मिल पा रहे थे।
सनी बरात में नही गया और रात को फोन से मुझे घर के पीछे बुलाया।मैं छुप कर पहुंची तो सनी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और दीवानों की तरह मेरे होंठो को चूसने लगा।मेरी 40नम्बर की चुचियाँ उसके सीने में दबी हुई थी।करीब पांच मिनट तक वह मेरे होंठो को चूसता रहा।मेरी सांस फूल रही थी।फिर वह मेरे स्तनों को हाथों से दबाने लगा मेरे मुंह से सीत्कार निकलने लगी।तभी मुझे होश आया क्योंकि वहाँ कोई भी आ सकता था।फिर हम दोनों एक तगड़ा किस करके वापस आ गए।लेकिन हमारी मन की मन में ही रह गई।
अगले दिन मुझे मेरी ससुराल जाना था और शाम तक वापस लौट कर आना था।मैंने सनी को बोला तो वह तैयार हो गया । हम 9 बजे निकल गए।रास्ते मे मेने उससे कहा कि मुझे बेल्हा देवी के दर्शन करने है।सनी ने कहा कि क्यों न हम माता के सामने शादी करके एक नई ज़िन्दगी की शुरुआत करें।मैने मना किया पर वह नही माना और दुकान से श्रृंगार का सामान लेकर माता के सामने ले आया।उसने मेरी माँग में सिंदूर भर दिया और माता के सात फेरे ले लिया मेरे साथ।हमने एक साथ माता के चरणों में प्रणाम किया और घर की तरफ निकल गए।रास्ते में हम एक रेस्टोरेंट में रुके और एक ही प्लेट में नाश्ता किया और एक दूसरे को खिलाने लगे।फिर हम घर पहुंचे तो वहाँ कोई नही था।हम घर में घुस कर मेनगेट बन्द कर लिया।
अब सनी से नही रहा जा रहा था उसने पीछे से पकड़ कर मेरी चुचियाँ दबाने लगा उसका खड़ा लन्ड मेरे चूतड़ों में टक्कर मार रहा था।मेने उसको दूर किया और बोली यहाँ कोई भी आ सकता है।वो बोला ठीक है आज हम घर नही जाएंगे तुम कोई भी बहाना बनाओ।मैने पूछा पर जाएंगे कहाँ।वो बोला ये तुम मुझ पर छोड़ दो।मैने घर पर फोन किया कि आज में यही रुककर कल आऊंगी।फिर हम वहाँ से निकलकर शहर आ गए।सनी ने 800 रुपये पर एक होटल में रूम लिया और हम रूम में आ गए।
आते ही सनी मुझपर टूट पड़ा और मेरे होंठो को अपने मुंह मे भरकर चूसने लगा।मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी।अब हम एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे हमारा मुँह का रस एक दूसरे के मुंह में जा रहा था।अब उसने मेरी चुचियाँ दबानी शुरू कर दी ।मेरे मुंह से आह आह की आवाज निकल रही थी।फिर उसने मेरे ओर अपने कपड़े निकाल दिया और मुझे बेड पर लिटा कर मेरी चुचियाँ पाइन लगा जैसे वह मेरा दूध निकाल कर पी रहा हो।में पागल हो रही थी और मेरे हाथ उसके बालो में कंघी कर रहे थे।धीरे धीरे वह मेरी चूत पर आ गया जो खुशी से आंसू बहा रही थी।उसने झट से अपना मुंह मेरी चूत पर लगाया और चाटने लगा ।सुबह से मैं गीली हो रही थी तो ज्यादा देर टिक नही पाई और भलभला कर झड़ गई उसने मेरा सारा रस पी लिया।अब मैने उसके लन्ड को हाथ में पकड़ा और मुँह में भर कर चाटने लगी ।उसका पूरा लन्ड उसके रस से भीगा हुआ था।उसका स्वाद बड़ा खट्टा लग रहा था।
फिर उसने मुझे लिटा कर मेरे ऊपर आ गया और अपने लन्ड को मेरी चूत में डालने लगा।उसका लन्ड राज के लन्ड से बड़ा और मोटा था जिससे मुझे दर्द हो रहा था पर अपने बचपन के प्यार से चुदवाने की बात पर सारा दर्द भूल गई।उसने धीरे धीरे करके अपना8 इंच का लन्ड मेरी चूत में उतार दिया।मुझे लगा कि शायद उसका लन्ड मेरी बच्चेदानी में घुस गया था।अब उसने धक्के लगाने शुरू किया और साथ साथ मेरी चुचियाँ भी पी रहा था।मैं मज़े के आसमान में उड़ रही थी।अब उसकी रप्तार और तेज़ हो गई।लगभग आधा घण्टे तक वो मुझे चोदता रहा।इतने मोटे और लंबे लन्ड से मैं पहली बार चुद रही थी।अब उसने आखिरी धक्का मारा और अपना सारा माल मेरी चूत में भर दिया।उस रात हमने चार बार चुदाई की। फिर हम सुबह घर आ गए।लेकिन ये बात किसी को पता नही चली।
हमदोनों अब भी फोन पर बात करते हैं और मौका मिलने पर चुदाई का आनंद लेते हैं।राज को भी इस बात का पता नही चला ।मैं इसमे अपनी गलती नही मानती । आखिर मुझे उकसाने वाला भी तो राज ही है। अब मैं बम्बई जाने की सोच रही हूँ जहाँ सनी नौकरी करता है।मैं वहाँ15 दिन रुकने की सोच रही हूँ क्योंकि मैं अब सनी की भी पत्नी हूँ और सनी को खुश रखना मेरा फर्ज है।
समाप्त
 

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