Adultery बर्फ की तरह पिघलने लग गया

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Vision

हाई दोस्तों,

मेरा नाम शीतल हे और मैं अभी बारवी में पढ़ रही हूँ | ये बात तब की हे जब में दसवी में थी और मेरे क्लास का एक लड़का मुझपे लाइन मारता था | पर मैं उसे कुछ भी नही बोल सकती थी क्युकी वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था | एक दिन मैं उसके घर गयी उसकी बुक देने के लिए तो उसके घर पे कोई नही था और उसने मुझे अंदर बुला लिया | मैं शुरू में मना की पर फिर मान गयी और अंदर चली गयी | उसने बताया की उसके घर वाले सब शहर से बाहर घूमने गए हे और उसके पेट में दर्द था इसीलिए वो नही गया | वो अपने कंप्यूटर में गेम खेल रहा था और फिर मेरे आने के बाद उसने बंद कर दिया और नेट चला दिया | नेट करते करते वो बोला किट उ कर मैं दुकान से होके आता हू |

वो चला गया और एम् नेट करने लग गयी और फिर मेने भी नेट बंद करके उसके कंप्यूटर में यहाँ वहा देखने लग गयी | एक जगह पे बहुत सारी फिल्म थी मेने उसमे से एक चला दी तो मेरे शारीर में बिजली सी दोड पड़ी, उसमे सेक्स चल रहा था | मेरी चुत धीरे धीरे गीली होने लगी थी पर एक दम से बंद हो गयी क्युकी किसी ने मेरे कंधे पे हाथ रख दिया, पलट के देखा तो वोही था | उसने मुझे खड़ा किया और मुझे अपनी तरफ खीचा और मुझे चूमने लगा | मैं उसके बाहों में एक दम से सिमट गयी और उसका साथ देने लग गयी | उसने मुझे गोदी में उठाया और फिर मुझे अपने कमरे में ले जाके बिस्तर पे लेटा दिया | उसने अपने कपडे उतार दिए और फिर मेरे उपर लेट गया और मुझे चूमने लगा और मेरे होठो को चूसने लग गया |

मैं उसका पूरा साथ देने लगी तो वो फिर निचे की तरफ बड़ा और मेरे ब्रा को खोल दिया और मेरे दोनों चुचो को पकड़ के दबा दिया एक साथ और निपल पे जीभ फेरने लग गया, मेरे जिस्म में मानो एक बिजली सी दोड़ने लगी और मेरी चुत से जल्दी जल्दी पानी निकलने लग गया, मेने उसे सर को पकड़ के अपने चुचो पे रगड़ना शुरू कर दिया | वो कस कस के मेरे चुचो को चूसता रहा और फिर मेरी चुत की तरफ बड़ा और मेरी चुत को पेंटी के उपर से ही काटने लग गया, मेरी चुत का पानी खत्म हो चूका था पर फिर भी चुत से पता नही कहा से पानी निकले ही जा रहा था | उसने फिर मेरी पेंटी भी निकाल दी और फिर मेरे टांगो को उपर उठा के फैला दिया और फिर जांघों के बिच आके मेरी चुत को चाटने लग गया |

वो करीब दस मिनट मेरी चुत चाटा होगा और तब तक में बस कराहती रही | उसने मेरी चुत को खोल दिया और छेद पे जीभ घुमाने लग गया, और उस वक्त मुझे जो मजा आ रहा था मैं क्या बताऊ, ऐसा मजा मुझे जिंदगी में नही मिली अब तक | वो अपनी जीभ को मेरी छेद में घुसाने की कोशिश कर रहा था पर मुझे दर्द हुआ तो मेने उसके सर को धकेल दिया | वो उठा और फिर तेल ले आया और अपने लंड पे लगा लिया और मेरी चुत पे भी लगा दिया | मुझे उस वक्त समझ नही आया की ये क्या करने वाला हे | उसके बाद उसने मेरी टांगो को खोल दिया और चुत पे लंड रख के रगड़ने लग गया | मुझे उस वक्त ऐसा लग रहा था जेसे मानो में अपनी चुत को काट के फेक दूँ, इतनी खुजली होने लगी थी मेरी चुत में |

मेने उससे कहा की मुझसे अब रहा नही जा रहा हे, छेद में बहुत खुजली हो रही हे, जल्दी से कुछ करो पर उसे मानो मेरी बात सुने ही नही दे रही थी | वो अब भी रगड रहा था, इतना में सोच ही रही थी की अचानक मुज्पे पहाड टूट पड़ा, साले ने छेद में अपना लंड डाल दिया था | मुझे ऐसा लगा मानो किसी ने मेरी जिस्म से चमड़ी ही निकाल दी और उसपे मिर्ची लगा दी हो | मैं कस के चीख पड़ी और रोने लग गयी पर उसे रहम नही आया और वो लंड आगे पीछे करता रहा | मैं दर्द से रो रही थी और वो लगा हुआ था, पर करीब दस मिनट के बाद मेरा दर्द एक दम कम हो गया और मुझे मजा आ रहा था ठीक उसी तरह जेसे तब आ रहा था जब वो मेरी चुत चाट रहा था पर धीरे धीरे मुझे उससे भी जादा मजा आने लग गया और तब मेरा मन कर रहा था की मैं उसके लंड के साथ सैट उसे भी अपने चुत में ले लू |

मैं उसके धक्को से झड गयी पर वो अब भी लगा हुआ था, और करीब पन्द्रह मिनट बाद वो बोला की मैं झड़ने वाला हू स्पर्म कहा निकालू, मेने कहा चुत में नही तो उसने अपने लंड को पकड़ के बाहर निकाला और मेरे पेट के उपर हिलाने लग गया और उसने गर्म्मा गरम मुठ मेरे पेट पे गिरा दिया | मुठ गिरते ही मुझे और अच्चा लगा | वो फिर मेरे बगल में लेट गया और उसका मुठ धीरे धीरे बर्फ की तरह पिघलने लग गया और एक दम पानी जेसा हो गया, वो जल्दी से कपड़ा लाया और मुठ साफ़ कर दिया और फिर हम दोनों बाथरूम में नहाने के लिए चले ये |
 

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