Adultery चालबाज़

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बहुत ही फटे पुराने समय की बात नही हैं,

एक बड़ा सा कबाडियों का धंधा करने वाला व्यक्ति हुआ करता था, जिसको लोग " कबाड़ीमल " के नाम से जानते थे ...

कबाड़ीमल की एक सुंदर सुशील और गदराई बीवी हुआ करती हैं, जिसका नाम हैं " बसंती-देवी "

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बसंती-देवी से " कबाड़ीमल " को 5 संतान की प्राप्ति हुई, जिसमे से 3 लड़के और 2 लड़कियां हुई,

सबसे बड़े लड़के का नाम हुआ - "भजनलाल"

मंझले लड़के का नाम हुआ - " मदनलाल "

और सबसे छोटे लड़के का नाम हुआ - " चमनलाल "

अब आते हैं, लड़कियों की तरफ....

बड़ी लड़की का नाम हुआ - पूनम,

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और छोटी का नाम हुआ - सन्नो,

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दोनों लड़कियां तीनों बेटों से बड़ी थी, मतलब की पूनम सबसे बड़ी संतान थी, उसके बाद सन्नो फिर तीसरी संतान थी लड़के के रूप में जो था भजनलाल, फिर मदनलाल फिर चमनलाल,

सभी की शादी हो चुकी थी।
पूनम और सन्नो अपने अपने ससुराल में खुश थी।
और भजनलाल, मदनलाल और चमनलाल अपनी अपनी बीवी बच्चो के साथ खुश थे।

पूनम के पति का नाम - लखविंदर।

सन्नो के पति का नाम - राजिंदर ।

भजनलाल की बीवी का नाम - वैजंती।

मदनलाल की बीवी का नाम - कलावती।

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चमनलाल की बीवी का नाम - माला।

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समय के साथ सबके बच्चे हुए।

पूनम और लखविंदर की एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - चारू।

सन्नो और राजिंदर की भी एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - नैना।

भजनलाल का एक लड़का था, जिसका नाम हुआ - संजु।

मदनलाल की एक लड़की हुई जिसका नाम हुआ - सोनाली ।

चमनलाल का एक लड़का और लड़की हुई जिसका नाम हुआ -

लड़के का नाम हुआ - रवि।

और लड़की का नाम हुआ - डिंपल ( डिंपी ) ।




🆎 चलते है स्टोरी के मेन टॉपिक के ऊपर।

तो बात तब की है, जब कबाड़ीमल का अंतिम वक़्त आ चुका था, और वो अपनी आखिरी साँस गिन रहा था।
तब उसने अपने तीनों बेटो को अपने पास अपने कमरे में बुलाया और कहने लगा।

कबाड़ीमल - मेरे तीनों बेटों और मेरी दोनों बेटियों , मेरे लखते जिगरो, मेरा अंतिम समय अब आ चुका है ,

भजनलाल - नही ऐसा मत कहिये पिताजी , आपको कुछ नही होगा।

मदनलाल ( & ) चमनलाल - हा पिताजी आप को कुछ नही होगा।

कबाड़ीमल - नही मेरे बच्चो नहीं मै जानता हु की अब मै और नही जिन्दा रह पाऊंगा, मुझे अब जाना ही होगा, मैं जाने से पहले तुम तीनों में अपनी संपत्ति का बराबर बटवारा करना चाहता हु।

मदनलाल - पर बाबूजी आपने तो पहले ही घर और खेत का बटवारा कर दिया है अब और क्या संपत्ती बची बाटने के लिए।

कबाड़ीमल - है बेटा, है एक ऐसी भी सम्पति है जिसको मैंने अब तक राज ही रखा था, क्युकी मै नही चाहता था की वो बाहर आये अगर वो आ जाती तो तुम सब उससे कही गलत काम न कर लो , इसलिए मैंने उसको अब तक तुम तीनों को नहीं बताया था लेकिन आज अब जब मै मरने वाला हु तो मै तुम्हे उसके बारे में बताऊंगा।

मदनलाल, चमनलाल - हा पिताजी बताइए ना।।

कबाड़ीमल - बेटा भजनलाल जाओ जाकर मेरी अलमारी खिसकाओं, मदन और चमन तुम दोनो भी अपने भाई की मदद करो।

तीनों भाई ने जाकर अलमारी खिसका दी ।
अलमारी के खिसकते ही उसके पीछे की दीवार पर उन्हे एक तिजोरी बनी हुई दिखी।

तीनों आश्चर्य में पड़ गए।
भजनलाल - ताजुब की बात है हम बचपन से लेकर जवानी तक इसी घर में रहे खेले , पले बढ़े लेकिन आज तक हमें इस खुफिया तिजोरी के बारे में पता तक नही चला।

मदन & चमन - हा हमें भी।

कबाड़ीमल - क्युकी इसको मैंने खुफिया तरीके से बनवाया था और इसको तुम सभी की नज़रों से बचा के रखा था , ताकि तुम तीनों इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सको।।।
अच्छा अब वो तिजोरी में ये चाबी डालो।
कबाड़ीमल ने चाबी फेकते हुए कहा

चाबी मदनलाल ने उठाया और फिर तिजोरी खोलने लगा।

तिजोरी खोलते ही उसमे से ढेर सारा रुपिया पैसा aur भी न जाने क्या क्या निकला।

भजनलाल, मदनलाल & चमनलाल - पिताजी, इतना सारा धन कहाँ से आया आपके पास।

कबाड़ीमल - वो मेरे इतने सालों की जमापूंजी है ।


कबाड़ीमल - मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम तीनों इसको बराबर पांच हिस्सों में बाट लो। और इसका उपयोग केवल अच्छे कामों में करना।

बसंती-देवी - हा मेरे बच्चो, इसका उपयोग अच्छे कामो में करना। आप चिंता मत करिये ये हमारे बच्चे हैं, ये कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

भजनलाल मदनलाल & चमनलाल - हा हा हा पिताजी हा हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे।

पूनम और सन्नो - हा हा पिताजी हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे ना ही अपने पतियों को करने देंगे।

कबाड़ीमल अपने बच्चो की ये बात सुनकर गद -गद हो जाता हैं, और खुशी- खुशी हँसते हुए , मुश्कुराते हुए चेहरे के साथ उसके प्राण पखेरू उड़ जाते है।

ये देख कर उसके बीवी बच्चे रोने लगे।

थोड़ी देर में इन लोगो की रोने की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी बच्चे जो बाहर थे वो भी अंदर आ गए।

और सबकी नज़र पहले तो पैसों पर जाती है फिर कबाड़ीमल की शव पर।

कबाड़ीमल की शव देखते ही सभी फुट फुट कर रोने लगते है,

थोड़ी देर बाद लाश को जलाने के लिए ले जाते है।




अब कहानी की गति को आगे बढ़ाते है।
अब पैसा sabhi घरवालो के सामने आ चूका था।
सभी ने बसंती देवी की उपस्थिति में अपना - अपना हिस्सा पा लिया था।

बसंती देवी - तुम सभी को अपना - अपना हिस्सा मिल चुका है, अब तुम लोग अपने हिस्से से अपना काम धंधा करो।

सभी बसंती देवी के बात से सहमत होते है।
कबाड़ीमल की मौत के कुछ दिनों बाद सभी अपना - अपना हिस्सा लेकर अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अलग - अलग शहर निकल जाते है।
गाव में जो घर था वहाँ केवल बसंती देवी रह गयी थी। ऐसा बात नही है की उसके बेटों ने उसको अपने साथ रखने से मना कर दिया हो बल्कि वो खुद ही अपने पति के बनाये घर जो गांव में था उसको छोड़ के नही जाना चाहती थी।

भजनलाल जो अपनी पत्नी वैजंती और अपने छोटे से बच्चे संजू को लेकर शहर आ गया था। उसने अपने पैसे एक mutiual - fund में इंवेस्ट किये। जिससे वह और भी अमीर हो गया। जबकि उसके दोनों भाई और दोनों बहनोई ने उस पैसे को जुये , शाराब , और गलत कामो में लगा दिया, जिसके कारण उन सबका हाल बेहाल हो गया।

साल में एक बार सभी लोग गाँव आते थे और एक साथ मिलते थे, इस बार भी ठीक ऐसा ही हुआ।

सभी लोग गाँव के घर पे इक्कठा हुए।
बसंती देवी के लिए ये बहुत खुशी का दिन था क्युकी आज उसका सारा परिवार एक ही छत के नीचे बैठा था।

अब सभी भाई और उनके बहनोई ( जीजा ) आपस में बैठे थे। और अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे।

लेकिन यहाँ पर मदन, चमन और लखविंदर और राजिंदर ने भजनलाल से झुठ बोल दिया की उनका काम भी अच्छा चल रहा है , उन्होंने भजनलाल से झुठ कहा , जबकि भजनलाल बेचारा अपना सच अपने भाई प्रेम में लूटा गया और अपनी पोल पट्टी भी खोल दी की कैसे उसने mutiual funds में पैसे इंवेस्ट करके वो पैसे 10 गुना कर लिए है।

भजनलाल की बात सुनके मदन लाल, चमनलाल और लखविंदर & राजिंदर सभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

मदनलाल - क्या सच में तुम्हारे पैसे 10 गुना हो गए।

भजनलाल - हा बंधु हा।

तभी मदनलाल के मन में एक विचार आता है।
मदनलाल - भैया वो क्या है न की मुझे भी इस mutual funds में डालने है।।।

मदनलाल का itna कहना था की और log भी कहने लगे।

भजनलाल - अच्छा अच्छा अच्छा बाबा मै बताता हु।
देखिये मै आप लोगो को अपने एक दोस्त से मिलवा दूंगा वही इन सब muthal funds ka jaankaar है usne hi मुझे vishwas dilaya, आप log कहे तो मै usse बात कर skta hoon..


sabhi - haa haa kyu nhi..

भजनलाल - thikk hai फिर कल तैयार रहना मै कल ही तुम लोगो को अपने दोस्त से मिलवा दूंगा।।

और फिर सभी सोने चले jaate hai.

लेकिन उन चारो को नींद कहा से आने वाली थी।
उन्होंने कह तो दिया था भजनलाल से की वो लोग अपना पैसा इंवेस्ट karenge, lekin बात तो ये थी की वो लोग पैसा लायेंगे कहा से

सभी परेशान थे, चारों को कोई उपाय नही सूझ रहा था।
अपने पतियों को इस तरह से आधी रात को हैरान परेशान देखकर उनकी पत्नियाँ जाग गयी,

मदनलाल की बीवी

कलावती - क्या हुआ जी, आप सोये नही अभी तक। कही कोई परेशानी की बात तो नही।

मदनलाल - परेशानी की बात तो है " कला "

कलावती - कैसी परेशानी ?

मदन - देखो अब तुमसे क्या छुपाना, तुम तो जानती हो, की हमने सारे पैसे जुये, शाराब में खत्म कर डाले और वो भजनलाल ने अपने सारे पैसे mutiual fund में इंवेस्ट करके उन्होंने अपने पैसे 10 गुना कर लिया है,

कलावती - हाई,,, दय्या, क्या सच में?

मदन - हा, और भजन भैया ने ही मुझे चमन और दोनों जीजाओ को ये उपाय सुझाया है की हम भी mutiual funds में पैसे लगाए, उनके कोई दोस्त है जो इस सेक्टर में काम करते है कल वो उससे हमें मिलाने वाले है।

कलावती - ये तो बड़ी अच्छी बात है।

मदन - अच्छी बात तो है, लेकिन इंवेस्ट करने के लिए हमारे पास पैसे भी तो होने चाहिए न। सभी खेत भी नशे के चक्कर में बिक गए, अब तो कुछ भी नही बचा अब कहा से लाये इतने पैसे।

कलावती मदनलाल की बात सुनके थोड़ी देर चुप होकर सोचने लगती है।

कलावती - मेरे दिमाग में एक idea 💡 आया है।

मदनलाल - जल्दी से बको।

कलावती - क्या कहा तुमने 🤨

मदनलाल - 😃 मैंने तो जल्दी से बोलो कहा डार्लिंग।

कलावती - अच्छा अच्छा।

मदनलाल - हा 😊

कलावती - तो सुनो देखो हमारे पास और ना ही चमन के पास अब कोई भी प्रोपर्टी नही बची है। तो इसका मतलब ये है की उसको भी अपने साथ हाथ मिलाना होगा।

मदनलाल - हाथ मिलाने से क्या पैसा मिल जायेगा।।

कलावती - हा

मदनलाल - तो फिर मै अभी जाकर चमन से हाथ मिलाकर पैसे लेकर आता हु।

मदनलाल बिस्तर से उठ कर जाने लगता है।
कलावती मदनलाल का कॉलर पकड़ के उसको बिस्तर पर खींच के बैठा देती है।

कलावती - रुक जाओ, सरफिरे आदमी।

मदनलाल - aaaah , क्या कर रही हो। मुझे जाने क्यों नही दे रही

कलावती - aree मेरी पूरी बात तो सुनो उसके बाद जाना।

मदनलाल - अच्छा, तो पूरी बात कहो।

कलावती - तो पूरी बात ये है की, ससुर जी के मरने के बाद उनका ये घर हो गया है सासु माँ के नाम जिसका कोई मतलब है ही नही, वो बुढ़िया हो चुकी है अब वो क्या करेंगी इस घर जायदाद का वैसे भी उनके मरने के बाद तो ये घर उनके बच्चो का ही होगा न मतलब की हमारा तो मै ये सोच रही थी की क्यों न हम ये घर गिरवी रख दे।

मदनलाल - ये क्या बोल रही हो तुम, क्या तुम पागल तो नही हो गयी। चमन, aur भजन भैया कभी नही मानेंगे इसके लिए।

कलावती - मानेंगे जरूर मानेंगे, क्युकी की जिस तरह हमे पैसों की जरूरत है ठीक वैसे ही चमन को भी जरूरत हैं । और रही बात भजन जेठ जी की तो उनको इस बारे में बताने की जरूरत ही नही हैं।

मदनलाल - लेकिन अभी भी एक समस्या हैं।
मां कभी नही मानेगी इस बात के लिये।

कलावती - उनको भी इस बारे में बताने की कोई जरूरत नही हैं।
और कौन सा हम घर बेच रहे हैं, हम तो सिर्फ गिरवी रख रहे हैं। जैसे ही पैसे 10 गुना हो जायेंगे हम घर छुड़ा लेंगे।

मदनलाल - हा तुम्हारी बात में तो दम है।

कलावती : - हा तो अब जाओ और अपने भाई चमन को ये idea💡 सुनाओ और समझाओ।

मदनलाल - ok मै अभी जाता हूँ।

मदनलाल अपने कमरे से निकल के चमन के कमरे की तरफ जाने लगता हैं।
वही इधर लखविंदर और राजिंदर भी पैसे कहा से लाये इस बात की टेंशन में जाग रहे थे।
दोनों को किसी के कदमो की आहट सुनाई दी जिसके कारण वो दोनों उसका पीछा करते हुए पहुँच गए चमन के कमरे के बाहर।

राजिंदर - लखविंदर भाई तुम यहाँ।
लखविंदर - वो मै किसी के कदमो की आवाज़ सुनके आया था । और आप?

राजिंदर - मै भी same to same

लखविंदर - अच्छा,

तभी उन दोनों को मदन और चमन के बीच हो रही बात पता चली।
राजिंदर :- अच्छा तो ये दोनों साले हमारी सासु माँ से धोखे से इस घर के काग़ज़ लेकर इसको गिरवी रख कर अपने लिए पैसों का बंदोबस्त करने वाले है।

लखविंदर - हाँ।
राजिंदर - रुको अभी मजा चखाते हैं इनको,

लखविंदर - वो कैसे.

राजिंदर - चलो अपनी अपनी बीवीयों को अपने इन दोनों सालों की करतूत बताते है। फिर तो वो इन दोनों को नही छोड़ेगी।

लखविंदर - हा 💡 चलो फिर।

अब दोनों अपनी अपनी बीवीयों के पास जाकर उन्हें नींद से जगाते हैं और सारा किस्सा सुनाते हैं।
दोनों बहने गुस्से में मदन और चमन के कमरे की ओर बढ़ने लगती हैं, राजिंदर और लखविंदर भी उनके पीछे पीछे आ जाते है।

अभी मदन और चमन बात कर ही रहे थे की
पूनम - वाह मेरे भाईयों वाह, अपनी मां को ही धोका देने चले हो।
मदन और चमन घबरा जाते है।
मदन - क क क क्या बकवास कर रही हो आप दोनों,

सन्नो - बकवास हम नही तुम कर रहे, तुम्हारे दोनो जीजाओ ने सब कुछ सुन लिया है अब हमसे झुठ बोलने की गलती मत करना।

मदन - क्या आपको सब पता चल गया।

सन्नो - हा।

अब मदन को आने में हो रही देर को देख कलावती खुद आती है,

मदन - कला अब क्या करे। तुम ही कुछ बताओ ये दोनो जीजाओ ने मेरी और चमन की बात सुनके दोनो दीदीयो को सब बता दिया।

पूनम - अच्छा तो ये सारा plan📝 इन महारानी का था।

कलावती - अरे जिजी आप दोनो बैठिये, बैठिये यहाँ पे, और मेरी बात सुनिये, मदन जाओ जाकर दरवाजा बंद करो,

मदन उठ के जाता है और दरवाजा बंद कर देता हैं,

कलावती- अब ठीक है, तो जिजियों और जीजा - जियो आप लोग को सब पता लग चुका हैं।

चारों - हा।

कलावती - अच्छा, तो इसमें गलत क्या हैं, सासु माँ के मरने के बाद तो वैसे भी ये सब कुछ हमारा ही होना था। सो उनके जीते जी कर रहे क्यों छोटी सही कहा न मैंने

chaman ki बीवी माला - जी दीदी आपने बिल्कुल सही कहा।

पूनम & सन्नो - पर इसमें हमारा हिस्सा?

कलावती - हिस्सा 🧐 ये क्या बोल रही आप दोनो इसमें कहा से आपका हिस्सा , क्या आपको पता नही की शादी के बाद से अपने मायके से बेटियों का दाना पानी उठ जाता हैं, तो फिर आप ऐसी बात कैसे कर सकती है।

कलावती की ये बात सुनकर पूनम सन्नो और उनके पतियों के मुह लटक गए 🥲

लखविंदर और राजिंदर - माना की दाना पानी उठ जाता है तो क्या हुआ , हमे भी तो जरूरत हैं पैसे की,

कलावती - तो आप लोग अपना अपना घर गिरवी पर रख दीजिये न, देखिये अगर आपने इसी घर के गिरवी रखे पैसे लिए तो पैसे के चार हिस्से हो जायेगा जिससे प्रॉफिट उतना नही आयेगा , इसलिए मेरा सुझाव ये है की आप दोनो अपना अपना घर गिरवी रख दीजिये और वो पैसा mutiual fund में लगा दीजिये, जब आपके पैसे 10 गुना हो जाए तो अपना घर छुड़ा लेना।

लखविंदर - वाह कला बहु वाह तुम्हारी बात में दम है, हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे इससे हमें जयादा मुनाफा भी होगा, क्युकी लगाई रकम जितनी अधिक होंगी मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा।

कलावती - हा सही पकड़े है आप.
यही तो मै कबसे समझाने का प्रयास कर रही थी की जितना पैसा लगाओगे उतना ज्यादा मुनाफा कमाओगे ।

राजिंदर - हा हमें अब तुम्हारी बात समझ में आ गयी है कला बहु हम दोनो कल सुबह ही जाकर अपने घर के काग जात ले आयेंगे।

मदन - लेकिन अभी भी एक दिक्कत है

poonam - kya?

मदन - हम गिरवी kiske पास रखेंगे।

चमन - मुझे एक आदमी के बारे में पता है, हम उसके ही पास गिरवी रखेंगे,

मदन - नाम क्या है उनका, हिम्मत राव

राजिंदर - हा मैंने बहुत सुना है इनके बारे में नामी रईस है।

चमन - हा।

कलावती - तो चलो तय रहा कल घर गिरवी रख के हम पैसे mutiual fund में डाल देंगे।

सभी - हा सही कहा।

मदन - 🙋 - lekin ek दिक्कत है।

सभी - अब क्या हुआ भाई 😐
मदन - हम माँ के तिजोरी से घर के पेपर कैसे निकालेंगे, माँ तो तिजोरी की चाबी हमेसा अपनी कमर में रखती हैं।

कलावती- उसका भी इलाज हैं मेरे पास,

मदन - क्या क्या।।

कलावती - सुनो, हम माजी के खाने में बेहोसी की दवा डाल देंगे जिससे माजी कुछ समय के लिये बेहोस हो जायेगी और हम उनकी बेहोसी का फायदा उठाकर उनके कमर से चाबी निकाल लेंगे और फिर उनकी तिजोरी से पेपर निकाल के तिजोरी को वापस बंद करके चाबी उनकी कमर पर वापस लटका देंगे।

पूनम & सन्नो - वाह कला बहु वाह क्या दिमाग पाया है।

कलावती - थैंक यूं थैंक यू ।
अब चलो अभी सब सोते है कल बहुत काम भी करना है।।

सभी - हा हा चलो ।

फिर सभी अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
सबको आज चैन की नींद आती हैं।

अगली सुबह होते ही, लखविंदर और राजिंदर अपने अपने घर चले जाते है घर के kaag-jaat लेने।
और यहाँ कलावती अपने प्लेन 📝 ke मुताबिक अपनी सास बसंती देवी को बेहोसी की दवा खाने में मिलाकर दे देती है जिससे खाना खाते ही बसंती देवी को दवा का असर होने लगता है और वो बेहोस हो जाती है। बसंती देवी के बेहोस होते ही कलावती और उसकी देवरानी माला अपनी सास बसंती देवी के कमर से वो तिजोरी की चाबी निकाल लेती हैं और जल्दी से जाकर तिजोरी खोलती हैं, और तिजोरी खोलने के बाद वहाँ से घर के papers 📑 निकाल लेती हैं और तिजोरी को वापस बंद करके तिजोरी की चाबी फिरसे बसंती देवी के कमर पे लटका देती हैं,

मदन और चमन इधर अपनी पत्नियों का इंतज़ार कर रहे थे।
तभी उनको अपनी पत्नियाँ आते हुई दिखी।
मदन- क्या हुआ मिला पेपर 📄 ।।

कलावती - हम दोनो देवरानी, जेठानी मिल जाए तो क्या मुमकिन नही ☺।।
क्यों छोटी सही कहा न?

माला - आप कभी गलत कह सकती हैं क्या दीदी।।
कलावती - नही कभी नही 😌।।
ये रहे घर के पेपर📄 जाओ और जाकर जल्दी से पैसे ले आओ।।

मदन - हा, लेकिन पहले दोनो जीजाओ को तो आने दो।

लखविंदर & राजिंदर - हम दोनो भी आ गए अपने अपने घर के पेपर्स 📑 लेकर।।

कलावती - तो फिर देरी किस बात की, जाइये जल्दी जाइये और पैसे लेकर आइये।।

मदन, चमन और लखविंदर , राजिंदर - हा।।

वो चारों निकल पड़े हिम्मत राव के यहाँ के लिए।।

उन चारो के घर से निकलने के बाद।

पूनम - कला बहु, हम तो आज तक तुम्हे बड़ी ही सीधी समझते थे, लेकिन तुम तो बड़ी ही वो निकली!

कलावती - क्या वो निकली जीजी 🙂

सन्नो, माला & पूनम ( तीनों एक साथ ) - " चालबाज़ ".....

कलावती - हाहाहाहा 😆😆।।।
हा वो तो मैं हूँ , और मुझे तो होना ही था, वरना स्टोरी का title match नही खाता न 😌 ।।

सभी - हाँ! वो भी है 😁 ।।

writer talk - toh देखा आपने इन चालबाज़ो को या कहु चालबाज़ो की टोली को जो कैसे चाल चल- चल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी हैं, न वो अपने घर में चोरी करने से बाज़ आ रहे और न ही अपने ही मां और भाई को धोखा देने से।। इनकी करतूत और चालबाजिया देख कर ही मुझे title " चालबाज़ " रखना पड़ा।।

अब idhar मदन, चमन & लखविंदर, राजिंदर चारों अपने घर के काग़ज़ गिरवी रख के हिम्मत राव के यहाँ से पैसे लेकर आ जाते हैं,

कलावती - ले आये पैसे।

चारो - हा, ले आये।

कलावती - अच्छा अब जाओ और जेठ जी से कहो की वो अपने दोस्त से मिलवाये।।

चारों - हा, हा, अभी जाते हैं।।

वह चारो भजनलाल के पास चले गए, और उससे उसके mutiual fund वाले दोस्त के साथ मिलवाने को कहने लगे,

भजनलाल - मैंने उससे बात कर ली हैं, उसने बुलाया हैं आप लोग को, आप लोग मेरे साथ चलना आज ।।

चारो - ठीक हैं।

भजनलाल अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर शहर जाने लगा उसके साथ मदन, चमन & राजिंदर , लखविंदर भी चलने लगे।

शहर जाकर भजनलाल ने अपनी बीवी और बच्चे को अपने घर में छोड़कर अपने भाई और जीजाओ को साथ लेकर अपने दोस्त के पास ले गया,

अब वहा जाकर इन चारो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सारा पैसा लगा दिया।

अब वहा से वो तीनों भजनलाल के घर जाते है और खाना पीना खा पी रहे होते हैं।
तभी भजनलाल के फोन पे किसी का फोन आता हैं,


भजनलाल - मैं एक मिनट में आया आप लोग खाना पीना खाओ और आराम करो।

अब भजनलाल घर से बाहर आकर फोन recive करता है।

भजनलाल - हैलो।।

फोन पर - हा मै हिम्मत राव बोल रहा हू।

भजनलाल - अरे हिम्मत तु, बड़े दिनों बाद याद किया हैं कैसा हैं।।

हिम्मत राव - मै तो बढ़िया हु भाई, लेकिन तुम्हारी हालत कुछ ठीक नही लग रही।।

भजनलाल - क्यों क्या हुआ मुझे ।।
मैं तो एकदम फस-क्लास हूं।।

हिम्मत राव - देख मुझसे मत छुपा, मैं जान गया हु तुम लोगो की हालत अपनी कुछ ठीक नही चल रही, तभी तुमने घर गिरवी रखा हैं, मदन, चमन आये थे मेरे पास घर के पेपर गिरवी रखवाने और मेरे से पैसे भी लेकर गए है, मैंने उन्हे नही बताया की मैं तुम्हारा दोस्त हु, मुझे लगा की अगर मैंने हमारी दोस्ती के बारे में बता दिया तो वो मुझसे मदद नही लेते । और साथ में 2 और लोग भी आये थे जिसको वह दोनो जीजा जीजा कह रहे थे क्या नाम था उनका।।

भजनलाल - राजिंदर और लखविंदर

हिम्मत - हा यही तो थे, इन्होंने भी अपने घर मेरे पास गिरवी रखे है।।

भजनलाल - इतना बड़ा धोख़ा, कैसे कर सकते हैं ये मेरे साथ।।

हिम्मत - क्या हुआ भजन तु ठीक तो है।।

भजनलाल - अब तक तो ठीक था, मेरे दोस्त लेकिन अपनो के दिये इस धोखे ने मुझे तोड़ दिया हैं ।।

हिम्मत - धोखे ने मतलब ?

भजनलाल - मुझे बिना बताये मेरे दोनो भाइयों ने गाँव का घर गिरवी रख दिया,

हिम्मत - इसका मतलब की तुम्हे इस बारे में कुछ नही पता था।।

भजनलाल - हा, शुक्रिया मेरे दोस्त इन धोकेबाज़ो का राज़ मेरे सामने लाने के लिए अब मै इन्हे नही छोडूंगा।।

हिम्मत - जो भी करना है, अच्छे से सोच विचार कर करना और कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो अपने इस दोस्त को याद कर लेना।।

भजनलाल - हा दोस्त।।
भजनलाल ने फोन काट दिया।।
और अपने mutiual fund वाले दोस्त को फोन मिलाया ।

भजनलाल - हैलो हा मेरी बात ध्यान से सुनो, जितने भी पैसे आज मेरे भाई और जीजाओ ने दिये है उसको उनके नाम पर नही बल्कि #### इसके नाम पर करो । तुम्हारे पास उसके बायोमेट्रिक तो है न।

दोस्त - हा, हा हैं न।।

भजनलाल - तो ठीक हैं,मैंने जैसा कहा हैं बिल्कुल वैसा करो, और अगर इन चारो ने को तुम ये कहना की जिसमे तुमने इंवेस्ट किया था वो डूब गयी और उनका सारा पैसा भी उसके साथ ही समझ गए न।। बाकी का मै संभाल लूंगा।।

दोस्त - समझ गया ।

अब भजनलाल फोन काट कर अंदर गया,तब तक वो लोग अपना खाना निपटा चुके थे और आराम कर रहे थे उनके साथ संजू भी था जो अपने चाचाओ के साथ खेल रहा था।।

भजनलाल - संजू बेटा खेल रहे अपने uncle के साथ।

संजू - हा पापा।।

भजनलाल - खेलो, खेलो जब खेल लेना तब आ जाना ठीक है।।

संजू - हा।।।

भजनलाल अपनी बीवी वैजंती के पास चला जाता हैं और उसको सब बात बता देता हैं,

बैजन्ती - पर ऐसा क्यु किया उन्होंने,

भजनलाल - पता नही, लेकिन इन्होंने जो मुझे धोख़ा दिया हैं, उसका तो अंज़ाम इनको भुगतना पड़ेगा।।।

भजनलाल ने फोन लगाया -

भजनलाल - हेल्लो हिम्मत,
मेरा एक काम हैं तुझसे।।

हिम्मत - कहो भाई।

भजनलाल - जो भी प्रोपर्टी आज मेरे भाईयो और जीजाओ ने तुम्हारे पास गिरवी रखी है वो मै #### इसके नाम पर खरीदना चाहता हूँ।।

हिम्मत - ho जायेगा।।

भजनलाल - ठीक हैं तो मैं आता हूँ,

भजनलाल - अभी जा ही रहा होता हैं, की तभी उसकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता हैं,

भजनलाल - अरे ये क्या हुआ, पेट्रोल तो मैंने फुल कराया था, चलो नीचे उतर के देखता हु।।

भजनलाल अभी नीचे उतरा ही था की तभी की पीछे से उसके सर पे पॉलीथीन भर देता है, पॉलीथीन भरने से उसको सांस नही आती और उसका दम घुट कर मर जाता हैं।।

तभी ये दिखाया जाता हैं की उधर से लखविंदर और चमन भी आते है,

राजिंदर - बड़ा आया था हमारा रास्ता काटने हमारी प्रोपर्टी को ### इसके नाम कराना चाहता था।। अब न तु रहेगा न तेरा परिवार और न ही ### vo.

इधर घर पर मदन ने गैस लिक कर दी और फिर माचिस की तीली से आग लगा कर घर को उड़ा डाला।।

साला हमको चुना लगाने वाले थे ये मिया बीवी लेकिन हम है चालबाज़ हमसे जो टकराएगा वो मरके सीधा उपर को चला जायेगा।।

sorry भैया sorry भाभी वो क्या हैं न आप लोग ने वो कहावत नही सुनी शायद की दीवारो के भी कान होते हैं 🙂।।

अगर सुनी होती तो जिंदा होते । पर अफसोस आपने ध्यान नहीं दिया की कोई आपकी बात सुन सकता हैं।।

मदन - मैं जब संजू को जब छोड़ने आया था, तभी मैंने भजन भैया और वैजंती भाभी की बात सुन ली थी।।

अब इधर पहाड़ी के पास
गाड़ी में भजनलाल की लास को डालकर

राजिंदर - तूने पेट्रोल तो निकाल लिया था न कहा हैं वो।।

चमन - ha जीजा! मैंने निकाल लिया था पेट्रोल तभी तो गाड़ी यही पर रुक गयी।।

राजिंदर - हा तो ला जल्दी, इस गाड़ी को आग लगाने में काम आयेगा।।

चमन - हा।।

चमन पेट्रोल लेकर आता हैं।। और पेट्रोल गाड़ी पर छिड़कने लगता हैं,

राजिंदर - संजू को गाड़ी में डाला हैं न,

लखविंदर - हा, वो देखो।।

राजिंदर - अच्छा अच्छा अब चलो गाड़ी को आग लगा दो।।

चमन ने माचिस निकाला और आग लगा दी,
आग लगा के वो सभी वहा से चले गए।।

गाड़ी धू - धू करके जलने लगी।।

इधर..... ye चारो घर पहुँचे।।
वहा उनकी उनकी बीवीयों ने आज के बारे में पूछा
तब उन चारो ने सारी बात सुना डाली।।।

कलावती - अब क्या होगा, पुलिस कही आप लोग को पकड़ के न ले जाए।।

मदनलाल - ऐसा कुछ भी नही होगा, क्युकी हमने सभी वारदात को एक हादसे की तरह अंज़ाम दिया है।। जिससे किसी को भी शक न हो।।

घर में ⛽ gas सिलिंडर ब्लास्ट से सबको यही लगेगा की ये गैस के ब्लास्ट से हुआ है।। और गाड़ी के जलने से ये होगा की गाड़ी का इंजन overheating की वजह से आग लग गया और गाड़ी का दरवाजा न खुलने के कारण उसमे मौत हुई।।

पूनम - और संजू का क्या हुआ..

लखविंदर - उसको भी मार दिया।।

सन्नो - वो तो बच्चा था उसको क्यों.?

चमन - अरे दीदी समझो, अगर हम केवल भैया और भाभी को मारते तो उनके insurence का पैसा संजू को मिलता, लेकिन अब जब संजू को हमने मार दिया हैं तो अब वो पैसा हमे मिलेगा जिससे हम आराम से अपना जीवन बिता सकते है , और भजनलाल भैया का भी जितना पैसा था जो mutiual fund se 10 गुना हुआ था वो अब हमे मिलेगा।।।

कलावती - और हमारे पैसे जो आज आपने mutiual fund में लगाए है।।

मदन - उसकी उम्मीद छोड़ दो, क्युकी अब न वह आदमी रहा न ही वो पैसा

कलावती - मतलब।।

मदन - मतलब ये की हमने उसको भी निपटा दिया, लेकिन मरने से पहले उसने वो पैसा किसी अंजान शक्स के नाम पर mutiual fund में जमा कर दिया था।।।

माला - अब इस घर का क्या होगा।।

चमन - ये घर तो वो हिम्मत राव हमसे हड़प ही लेगा, ऐसी बात नही है की हम इसको छुड़ा नहीं सकते लेकिन इसको छुड़ाने का कोई मतलब ही नही हैं,
यहाँ रहने से अच्छा हम शहर् में रहे।।

माला - हा सही कहा।।।

और इसके साथ ही ये एपिसोड समाप्त होता है।।


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बहुत ही फटे पुराने समय की बात नही हैं,

एक बड़ा सा कबाडियों का धंधा करने वाला व्यक्ति हुआ करता था, जिसको लोग " कबाड़ीमल " के नाम से जानते थे ...

कबाड़ीमल की एक सुंदर सुशील और गदराई बीवी हुआ करती हैं, जिसका नाम हैं " बसंती-देवी "

save-2024-05-29-11-44-13

बसंती-देवी से " कबाड़ीमल " को 5 संतान की प्राप्ति हुई, जिसमे से 3 लड़के और 2 लड़कियां हुई,

सबसे बड़े लड़के का नाम हुआ - "भजनलाल"

मंझले लड़के का नाम हुआ - " मदनलाल "

और सबसे छोटे लड़के का नाम हुआ - " चमनलाल "

अब आते हैं, लड़कियों की तरफ....

बड़ी लड़की का नाम हुआ - पूनम,

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और छोटी का नाम हुआ - सन्नो,

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दोनों लड़कियां तीनों बेटों से बड़ी थी, मतलब की पूनम सबसे बड़ी संतान थी, उसके बाद सन्नो फिर तीसरी संतान थी लड़के के रूप में जो था भजनलाल, फिर मदनलाल फिर चमनलाल,

सभी की शादी हो चुकी थी।
पूनम और सन्नो अपने अपने ससुराल में खुश थी।
और भजनलाल, मदनलाल और चमनलाल अपनी अपनी बीवी बच्चो के साथ खुश थे।

पूनम के पति का नाम - लखविंदर।

सन्नो के पति का नाम - राजिंदर ।

भजनलाल की बीवी का नाम - वैजंती।

मदनलाल की बीवी का नाम - कलावती।

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चमनलाल की बीवी का नाम - माला।

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समय के साथ सबके बच्चे हुए।

पूनम और लखविंदर की एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - चारू।

सन्नो और राजिंदर की भी एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - नैना।

भजनलाल का एक लड़का था, जिसका नाम हुआ - संजु।

मदनलाल की एक लड़की हुई जिसका नाम हुआ - सोनाली ।

चमनलाल का एक लड़का और लड़की हुई जिसका नाम हुआ -

लड़के का नाम हुआ - रवि।

और लड़की का नाम हुआ - डिंपल ( डिंपी ) ।




🆎 चलते है स्टोरी के मेन टॉपिक के ऊपर।

तो बात तब की है, जब कबाड़ीमल का अंतिम वक़्त आ चुका था, और वो अपनी आखिरी साँस गिन रहा था।
तब उसने अपने तीनों बेटो को अपने पास अपने कमरे में बुलाया और कहने लगा।

कबाड़ीमल - मेरे तीनों बेटों और मेरी दोनों बेटियों , मेरे लखते जिगरो, मेरा अंतिम समय अब आ चुका है ,

भजनलाल - नही ऐसा मत कहिये पिताजी , आपको कुछ नही होगा।

मदनलाल ( & ) चमनलाल - हा पिताजी आप को कुछ नही होगा।

कबाड़ीमल - नही मेरे बच्चो नहीं मै जानता हु की अब मै और नही जिन्दा रह पाऊंगा, मुझे अब जाना ही होगा, मैं जाने से पहले तुम तीनों में अपनी संपत्ति का बराबर बटवारा करना चाहता हु।

मदनलाल - पर बाबूजी आपने तो पहले ही घर और खेत का बटवारा कर दिया है अब और क्या संपत्ती बची बाटने के लिए।

कबाड़ीमल - है बेटा, है एक ऐसी भी सम्पति है जिसको मैंने अब तक राज ही रखा था, क्युकी मै नही चाहता था की वो बाहर आये अगर वो आ जाती तो तुम सब उससे कही गलत काम न कर लो , इसलिए मैंने उसको अब तक तुम तीनों को नहीं बताया था लेकिन आज अब जब मै मरने वाला हु तो मै तुम्हे उसके बारे में बताऊंगा।

मदनलाल, चमनलाल - हा पिताजी बताइए ना।।

कबाड़ीमल - बेटा भजनलाल जाओ जाकर मेरी अलमारी खिसकाओं, मदन और चमन तुम दोनो भी अपने भाई की मदद करो।

तीनों भाई ने जाकर अलमारी खिसका दी ।
अलमारी के खिसकते ही उसके पीछे की दीवार पर उन्हे एक तिजोरी बनी हुई दिखी।

तीनों आश्चर्य में पड़ गए।
भजनलाल - ताजुब की बात है हम बचपन से लेकर जवानी तक इसी घर में रहे खेले , पले बढ़े लेकिन आज तक हमें इस खुफिया तिजोरी के बारे में पता तक नही चला।

मदन & चमन - हा हमें भी।

कबाड़ीमल - क्युकी इसको मैंने खुफिया तरीके से बनवाया था और इसको तुम सभी की नज़रों से बचा के रखा था , ताकि तुम तीनों इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सको।।।
अच्छा अब वो तिजोरी में ये चाबी डालो।
कबाड़ीमल ने चाबी फेकते हुए कहा

चाबी मदनलाल ने उठाया और फिर तिजोरी खोलने लगा।

तिजोरी खोलते ही उसमे से ढेर सारा रुपिया पैसा aur भी न जाने क्या क्या निकला।

भजनलाल, मदनलाल & चमनलाल - पिताजी, इतना सारा धन कहाँ से आया आपके पास।

कबाड़ीमल - वो मेरे इतने सालों की जमापूंजी है ।


कबाड़ीमल - मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम तीनों इसको बराबर पांच हिस्सों में बाट लो। और इसका उपयोग केवल अच्छे कामों में करना।

बसंती-देवी - हा मेरे बच्चो, इसका उपयोग अच्छे कामो में करना। आप चिंता मत करिये ये हमारे बच्चे हैं, ये कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

भजनलाल मदनलाल & चमनलाल - हा हा हा पिताजी हा हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे।

पूनम और सन्नो - हा हा पिताजी हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे ना ही अपने पतियों को करने देंगे।

कबाड़ीमल अपने बच्चो की ये बात सुनकर गद -गद हो जाता हैं, और खुशी- खुशी हँसते हुए , मुश्कुराते हुए चेहरे के साथ उसके प्राण पखेरू उड़ जाते है।

ये देख कर उसके बीवी बच्चे रोने लगे।

थोड़ी देर में इन लोगो की रोने की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी बच्चे जो बाहर थे वो भी अंदर आ गए।

और सबकी नज़र पहले तो पैसों पर जाती है फिर कबाड़ीमल की शव पर।

कबाड़ीमल की शव देखते ही सभी फुट फुट कर रोने लगते है,

थोड़ी देर बाद लाश को जलाने के लिए ले जाते है।




अब कहानी की गति को आगे बढ़ाते है।
अब पैसा sabhi घरवालो के सामने आ चूका था।
सभी ने बसंती देवी की उपस्थिति में अपना - अपना हिस्सा पा लिया था।

बसंती देवी - तुम सभी को अपना - अपना हिस्सा मिल चुका है, अब तुम लोग अपने हिस्से से अपना काम धंधा करो।

सभी बसंती देवी के बात से सहमत होते है।
कबाड़ीमल की मौत के कुछ दिनों बाद सभी अपना - अपना हिस्सा लेकर अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अलग - अलग शहर निकल जाते है।
गाव में जो घर था वहाँ केवल बसंती देवी रह गयी थी। ऐसा बात नही है की उसके बेटों ने उसको अपने साथ रखने से मना कर दिया हो बल्कि वो खुद ही अपने पति के बनाये घर जो गांव में था उसको छोड़ के नही जाना चाहती थी।

भजनलाल जो अपनी पत्नी वैजंती और अपने छोटे से बच्चे संजू को लेकर शहर आ गया था। उसने अपने पैसे एक mutiual - fund में इंवेस्ट किये। जिससे वह और भी अमीर हो गया। जबकि उसके दोनों भाई और दोनों बहनोई ने उस पैसे को जुये , शाराब , और गलत कामो में लगा दिया, जिसके कारण उन सबका हाल बेहाल हो गया।

साल में एक बार सभी लोग गाँव आते थे और एक साथ मिलते थे, इस बार भी ठीक ऐसा ही हुआ।

सभी लोग गाँव के घर पे इक्कठा हुए।
बसंती देवी के लिए ये बहुत खुशी का दिन था क्युकी आज उसका सारा परिवार एक ही छत के नीचे बैठा था।

अब सभी भाई और उनके बहनोई ( जीजा ) आपस में बैठे थे। और अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे।

लेकिन यहाँ पर मदन, चमन और लखविंदर और राजिंदर ने भजनलाल से झुठ बोल दिया की उनका काम भी अच्छा चल रहा है , उन्होंने भजनलाल से झुठ कहा , जबकि भजनलाल बेचारा अपना सच अपने भाई प्रेम में लूटा गया और अपनी पोल पट्टी भी खोल दी की कैसे उसने mutiual funds में पैसे इंवेस्ट करके वो पैसे 10 गुना कर लिए है।

भजनलाल की बात सुनके मदन लाल, चमनलाल और लखविंदर & राजिंदर सभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

मदनलाल - क्या सच में तुम्हारे पैसे 10 गुना हो गए।

भजनलाल - हा बंधु हा।

तभी मदनलाल के मन में एक विचार आता है।
मदनलाल - भैया वो क्या है न की मुझे भी इस mutual funds में डालने है।।।

मदनलाल का itna कहना था की और log भी कहने लगे।

भजनलाल - अच्छा अच्छा अच्छा बाबा मै बताता हु।
देखिये मै आप लोगो को अपने एक दोस्त से मिलवा दूंगा वही इन सब muthal funds ka jaankaar है usne hi मुझे vishwas dilaya, आप log कहे तो मै usse बात कर skta hoon..


sabhi - haa haa kyu nhi..

भजनलाल - thikk hai फिर कल तैयार रहना मै कल ही तुम लोगो को अपने दोस्त से मिलवा दूंगा।।

और फिर सभी सोने चले jaate hai.

लेकिन उन चारो को नींद कहा से आने वाली थी।
उन्होंने कह तो दिया था भजनलाल से की वो लोग अपना पैसा इंवेस्ट karenge, lekin बात तो ये थी की वो लोग पैसा लायेंगे कहा से

सभी परेशान थे, चारों को कोई उपाय नही सूझ रहा था।
अपने पतियों को इस तरह से आधी रात को हैरान परेशान देखकर उनकी पत्नियाँ जाग गयी,

मदनलाल की बीवी

कलावती - क्या हुआ जी, आप सोये नही अभी तक। कही कोई परेशानी की बात तो नही।

मदनलाल - परेशानी की बात तो है " कला "

कलावती - कैसी परेशानी ?

मदन - देखो अब तुमसे क्या छुपाना, तुम तो जानती हो, की हमने सारे पैसे जुये, शाराब में खत्म कर डाले और वो भजनलाल ने अपने सारे पैसे mutiual fund में इंवेस्ट करके उन्होंने अपने पैसे 10 गुना कर लिया है,

कलावती - हाई,,, दय्या, क्या सच में?

मदन - हा, और भजन भैया ने ही मुझे चमन और दोनों जीजाओ को ये उपाय सुझाया है की हम भी mutiual funds में पैसे लगाए, उनके कोई दोस्त है जो इस सेक्टर में काम करते है कल वो उससे हमें मिलाने वाले है।

कलावती - ये तो बड़ी अच्छी बात है।

मदन - अच्छी बात तो है, लेकिन इंवेस्ट करने के लिए हमारे पास पैसे भी तो होने चाहिए न। सभी खेत भी नशे के चक्कर में बिक गए, अब तो कुछ भी नही बचा अब कहा से लाये इतने पैसे।

कलावती मदनलाल की बात सुनके थोड़ी देर चुप होकर सोचने लगती है।

कलावती - मेरे दिमाग में एक idea 💡 आया है।

मदनलाल - जल्दी से बको।

कलावती - क्या कहा तुमने 🤨

मदनलाल - 😃 मैंने तो जल्दी से बोलो कहा डार्लिंग।

कलावती - अच्छा अच्छा।

मदनलाल - हा 😊

कलावती - तो सुनो देखो हमारे पास और ना ही चमन के पास अब कोई भी प्रोपर्टी नही बची है। तो इसका मतलब ये है की उसको भी अपने साथ हाथ मिलाना होगा।

मदनलाल - हाथ मिलाने से क्या पैसा मिल जायेगा।।

कलावती - हा

मदनलाल - तो फिर मै अभी जाकर चमन से हाथ मिलाकर पैसे लेकर आता हु।

मदनलाल बिस्तर से उठ कर जाने लगता है।
कलावती मदनलाल का कॉलर पकड़ के उसको बिस्तर पर खींच के बैठा देती है।

कलावती - रुक जाओ, सरफिरे आदमी।

मदनलाल - aaaah , क्या कर रही हो। मुझे जाने क्यों नही दे रही

कलावती - aree मेरी पूरी बात तो सुनो उसके बाद जाना।

मदनलाल - अच्छा, तो पूरी बात कहो।

कलावती - तो पूरी बात ये है की, ससुर जी के मरने के बाद उनका ये घर हो गया है सासु माँ के नाम जिसका कोई मतलब है ही नही, वो बुढ़िया हो चुकी है अब वो क्या करेंगी इस घर जायदाद का वैसे भी उनके मरने के बाद तो ये घर उनके बच्चो का ही होगा न मतलब की हमारा तो मै ये सोच रही थी की क्यों न हम ये घर गिरवी रख दे।

मदनलाल - ये क्या बोल रही हो तुम, क्या तुम पागल तो नही हो गयी। चमन, aur भजन भैया कभी नही मानेंगे इसके लिए।

कलावती - मानेंगे जरूर मानेंगे, क्युकी की जिस तरह हमे पैसों की जरूरत है ठीक वैसे ही चमन को भी जरूरत हैं । और रही बात भजन जेठ जी की तो उनको इस बारे में बताने की जरूरत ही नही हैं।

मदनलाल - लेकिन अभी भी एक समस्या हैं।
मां कभी नही मानेगी इस बात के लिये।

कलावती - उनको भी इस बारे में बताने की कोई जरूरत नही हैं।
और कौन सा हम घर बेच रहे हैं, हम तो सिर्फ गिरवी रख रहे हैं। जैसे ही पैसे 10 गुना हो जायेंगे हम घर छुड़ा लेंगे।

मदनलाल - हा तुम्हारी बात में तो दम है।

कलावती : - हा तो अब जाओ और अपने भाई चमन को ये idea💡 सुनाओ और समझाओ।

मदनलाल - ok मै अभी जाता हूँ।

मदनलाल अपने कमरे से निकल के चमन के कमरे की तरफ जाने लगता हैं।
वही इधर लखविंदर और राजिंदर भी पैसे कहा से लाये इस बात की टेंशन में जाग रहे थे।
दोनों को किसी के कदमो की आहट सुनाई दी जिसके कारण वो दोनों उसका पीछा करते हुए पहुँच गए चमन के कमरे के बाहर।

राजिंदर - लखविंदर भाई तुम यहाँ।
लखविंदर - वो मै किसी के कदमो की आवाज़ सुनके आया था । और आप?

राजिंदर - मै भी same to same

लखविंदर - अच्छा,

तभी उन दोनों को मदन और चमन के बीच हो रही बात पता चली।
राजिंदर :- अच्छा तो ये दोनों साले हमारी सासु माँ से धोखे से इस घर के काग़ज़ लेकर इसको गिरवी रख कर अपने लिए पैसों का बंदोबस्त करने वाले है।

लखविंदर - हाँ।
राजिंदर - रुको अभी मजा चखाते हैं इनको,

लखविंदर - वो कैसे.

राजिंदर - चलो अपनी अपनी बीवीयों को अपने इन दोनों सालों की करतूत बताते है। फिर तो वो इन दोनों को नही छोड़ेगी।

लखविंदर - हा 💡 चलो फिर।

अब दोनों अपनी अपनी बीवीयों के पास जाकर उन्हें नींद से जगाते हैं और सारा किस्सा सुनाते हैं।
दोनों बहने गुस्से में मदन और चमन के कमरे की ओर बढ़ने लगती हैं, राजिंदर और लखविंदर भी उनके पीछे पीछे आ जाते है।

अभी मदन और चमन बात कर ही रहे थे की
पूनम - वाह मेरे भाईयों वाह, अपनी मां को ही धोका देने चले हो।
मदन और चमन घबरा जाते है।
मदन - क क क क्या बकवास कर रही हो आप दोनों,

सन्नो - बकवास हम नही तुम कर रहे, तुम्हारे दोनो जीजाओ ने सब कुछ सुन लिया है अब हमसे झुठ बोलने की गलती मत करना।

मदन - क्या आपको सब पता चल गया।

सन्नो - हा।

अब मदन को आने में हो रही देर को देख कलावती खुद आती है,

मदन - कला अब क्या करे। तुम ही कुछ बताओ ये दोनो जीजाओ ने मेरी और चमन की बात सुनके दोनो दीदीयो को सब बता दिया।

पूनम - अच्छा तो ये सारा plan📝 इन महारानी का था।

कलावती - अरे जिजी आप दोनो बैठिये, बैठिये यहाँ पे, और मेरी बात सुनिये, मदन जाओ जाकर दरवाजा बंद करो,

मदन उठ के जाता है और दरवाजा बंद कर देता हैं,

कलावती- अब ठीक है, तो जिजियों और जीजा - जियो आप लोग को सब पता लग चुका हैं।

चारों - हा।

कलावती - अच्छा, तो इसमें गलत क्या हैं, सासु माँ के मरने के बाद तो वैसे भी ये सब कुछ हमारा ही होना था। सो उनके जीते जी कर रहे क्यों छोटी सही कहा न मैंने

chaman ki बीवी माला - जी दीदी आपने बिल्कुल सही कहा।

पूनम & सन्नो - पर इसमें हमारा हिस्सा?

कलावती - हिस्सा 🧐 ये क्या बोल रही आप दोनो इसमें कहा से आपका हिस्सा , क्या आपको पता नही की शादी के बाद से अपने मायके से बेटियों का दाना पानी उठ जाता हैं, तो फिर आप ऐसी बात कैसे कर सकती है।

कलावती की ये बात सुनकर पूनम सन्नो और उनके पतियों के मुह लटक गए 🥲

लखविंदर और राजिंदर - माना की दाना पानी उठ जाता है तो क्या हुआ , हमे भी तो जरूरत हैं पैसे की,

कलावती - तो आप लोग अपना अपना घर गिरवी पर रख दीजिये न, देखिये अगर आपने इसी घर के गिरवी रखे पैसे लिए तो पैसे के चार हिस्से हो जायेगा जिससे प्रॉफिट उतना नही आयेगा , इसलिए मेरा सुझाव ये है की आप दोनो अपना अपना घर गिरवी रख दीजिये और वो पैसा mutiual fund में लगा दीजिये, जब आपके पैसे 10 गुना हो जाए तो अपना घर छुड़ा लेना।

लखविंदर - वाह कला बहु वाह तुम्हारी बात में दम है, हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे इससे हमें जयादा मुनाफा भी होगा, क्युकी लगाई रकम जितनी अधिक होंगी मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा।

कलावती - हा सही पकड़े है आप.
यही तो मै कबसे समझाने का प्रयास कर रही थी की जितना पैसा लगाओगे उतना ज्यादा मुनाफा कमाओगे ।

राजिंदर - हा हमें अब तुम्हारी बात समझ में आ गयी है कला बहु हम दोनो कल सुबह ही जाकर अपने घर के काग जात ले आयेंगे।

मदन - लेकिन अभी भी एक दिक्कत है

poonam - kya?

मदन - हम गिरवी kiske पास रखेंगे।

चमन - मुझे एक आदमी के बारे में पता है, हम उसके ही पास गिरवी रखेंगे,

मदन - नाम क्या है उनका, हिम्मत राव

राजिंदर - हा मैंने बहुत सुना है इनके बारे में नामी रईस है।

चमन - हा।

कलावती - तो चलो तय रहा कल घर गिरवी रख के हम पैसे mutiual fund में डाल देंगे।

सभी - हा सही कहा।

मदन - 🙋 - lekin ek दिक्कत है।

सभी - अब क्या हुआ भाई 😐
मदन - हम माँ के तिजोरी से घर के पेपर कैसे निकालेंगे, माँ तो तिजोरी की चाबी हमेसा अपनी कमर में रखती हैं।

कलावती- उसका भी इलाज हैं मेरे पास,

मदन - क्या क्या।।

कलावती - सुनो, हम माजी के खाने में बेहोसी की दवा डाल देंगे जिससे माजी कुछ समय के लिये बेहोस हो जायेगी और हम उनकी बेहोसी का फायदा उठाकर उनके कमर से चाबी निकाल लेंगे और फिर उनकी तिजोरी से पेपर निकाल के तिजोरी को वापस बंद करके चाबी उनकी कमर पर वापस लटका देंगे।

पूनम & सन्नो - वाह कला बहु वाह क्या दिमाग पाया है।

कलावती - थैंक यूं थैंक यू ।
अब चलो अभी सब सोते है कल बहुत काम भी करना है।।

सभी - हा हा चलो ।

फिर सभी अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
सबको आज चैन की नींद आती हैं।

अगली सुबह होते ही, लखविंदर और राजिंदर अपने अपने घर चले जाते है घर के kaag-jaat लेने।
और यहाँ कलावती अपने प्लेन 📝 ke मुताबिक अपनी सास बसंती देवी को बेहोसी की दवा खाने में मिलाकर दे देती है जिससे खाना खाते ही बसंती देवी को दवा का असर होने लगता है और वो बेहोस हो जाती है। बसंती देवी के बेहोस होते ही कलावती और उसकी देवरानी माला अपनी सास बसंती देवी के कमर से वो तिजोरी की चाबी निकाल लेती हैं और जल्दी से जाकर तिजोरी खोलती हैं, और तिजोरी खोलने के बाद वहाँ से घर के papers 📑 निकाल लेती हैं और तिजोरी को वापस बंद करके तिजोरी की चाबी फिरसे बसंती देवी के कमर पे लटका देती हैं,

मदन और चमन इधर अपनी पत्नियों का इंतज़ार कर रहे थे।
तभी उनको अपनी पत्नियाँ आते हुई दिखी।
मदन- क्या हुआ मिला पेपर 📄 ।।

कलावती - हम दोनो देवरानी, जेठानी मिल जाए तो क्या मुमकिन नही ☺।।
क्यों छोटी सही कहा न?

माला - आप कभी गलत कह सकती हैं क्या दीदी।।
कलावती - नही कभी नही 😌।।
ये रहे घर के पेपर📄 जाओ और जाकर जल्दी से पैसे ले आओ।।

मदन - हा, लेकिन पहले दोनो जीजाओ को तो आने दो।

लखविंदर & राजिंदर - हम दोनो भी आ गए अपने अपने घर के पेपर्स 📑 लेकर।।

कलावती - तो फिर देरी किस बात की, जाइये जल्दी जाइये और पैसे लेकर आइये।।

मदन, चमन और लखविंदर , राजिंदर - हा।।

वो चारों निकल पड़े हिम्मत राव के यहाँ के लिए।।

उन चारो के घर से निकलने के बाद।

पूनम - कला बहु, हम तो आज तक तुम्हे बड़ी ही सीधी समझते थे, लेकिन तुम तो बड़ी ही वो निकली!

कलावती - क्या वो निकली जीजी 🙂

सन्नो, माला & पूनम ( तीनों एक साथ ) - " चालबाज़ ".....

कलावती - हाहाहाहा 😆😆।।।
हा वो तो मैं हूँ , और मुझे तो होना ही था, वरना स्टोरी का title match नही खाता न 😌 ।।

सभी - हाँ! वो भी है 😁 ।।

writer talk - toh देखा आपने इन चालबाज़ो को या कहु चालबाज़ो की टोली को जो कैसे चाल चल- चल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी हैं, न वो अपने घर में चोरी करने से बाज़ आ रहे और न ही अपने ही मां और भाई को धोखा देने से।। इनकी करतूत और चालबाजिया देख कर ही मुझे title " चालबाज़ " रखना पड़ा।।

अब idhar मदन, चमन & लखविंदर, राजिंदर चारों अपने घर के काग़ज़ गिरवी रख के हिम्मत राव के यहाँ से पैसे लेकर आ जाते हैं,

कलावती - ले आये पैसे।

चारो - हा, ले आये।

कलावती - अच्छा अब जाओ और जेठ जी से कहो की वो अपने दोस्त से मिलवाये।।

चारों - हा, हा, अभी जाते हैं।।

वह चारो भजनलाल के पास चले गए, और उससे उसके mutiual fund वाले दोस्त के साथ मिलवाने को कहने लगे,

भजनलाल - मैंने उससे बात कर ली हैं, उसने बुलाया हैं आप लोग को, आप लोग मेरे साथ चलना आज ।।

चारो - ठीक हैं।

भजनलाल अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर शहर जाने लगा उसके साथ मदन, चमन & राजिंदर , लखविंदर भी चलने लगे।

शहर जाकर भजनलाल ने अपनी बीवी और बच्चे को अपने घर में छोड़कर अपने भाई और जीजाओ को साथ लेकर अपने दोस्त के पास ले गया,

अब वहा जाकर इन चारो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सारा पैसा लगा दिया।

अब वहा से वो तीनों भजनलाल के घर जाते है और खाना पीना खा पी रहे होते हैं।
तभी भजनलाल के फोन पे किसी का फोन आता हैं,


भजनलाल - मैं एक मिनट में आया आप लोग खाना पीना खाओ और आराम करो।

अब भजनलाल घर से बाहर आकर फोन recive करता है।

भजनलाल - हैलो।।

फोन पर - हा मै हिम्मत राव बोल रहा हू।

भजनलाल - अरे हिम्मत तु, बड़े दिनों बाद याद किया हैं कैसा हैं।।

हिम्मत राव - मै तो बढ़िया हु भाई, लेकिन तुम्हारी हालत कुछ ठीक नही लग रही।।

भजनलाल - क्यों क्या हुआ मुझे ।।
मैं तो एकदम फस-क्लास हूं।।

हिम्मत राव - देख मुझसे मत छुपा, मैं जान गया हु तुम लोगो की हालत अपनी कुछ ठीक नही चल रही, तभी तुमने घर गिरवी रखा हैं, मदन, चमन आये थे मेरे पास घर के पेपर गिरवी रखवाने और मेरे से पैसे भी लेकर गए है, मैंने उन्हे नही बताया की मैं तुम्हारा दोस्त हु, मुझे लगा की अगर मैंने हमारी दोस्ती के बारे में बता दिया तो वो मुझसे मदद नही लेते । और साथ में 2 और लोग भी आये थे जिसको वह दोनो जीजा जीजा कह रहे थे क्या नाम था उनका।।

भजनलाल - राजिंदर और लखविंदर

हिम्मत - हा यही तो थे, इन्होंने भी अपने घर मेरे पास गिरवी रखे है।।

भजनलाल - इतना बड़ा धोख़ा, कैसे कर सकते हैं ये मेरे साथ।।

हिम्मत - क्या हुआ भजन तु ठीक तो है।।

भजनलाल - अब तक तो ठीक था, मेरे दोस्त लेकिन अपनो के दिये इस धोखे ने मुझे तोड़ दिया हैं ।।

हिम्मत - धोखे ने मतलब ?

भजनलाल - मुझे बिना बताये मेरे दोनो भाइयों ने गाँव का घर गिरवी रख दिया,

हिम्मत - इसका मतलब की तुम्हे इस बारे में कुछ नही पता था।।

भजनलाल - हा, शुक्रिया मेरे दोस्त इन धोकेबाज़ो का राज़ मेरे सामने लाने के लिए अब मै इन्हे नही छोडूंगा।।

हिम्मत - जो भी करना है, अच्छे से सोच विचार कर करना और कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो अपने इस दोस्त को याद कर लेना।।

भजनलाल - हा दोस्त।।
भजनलाल ने फोन काट दिया।।
और अपने mutiual fund वाले दोस्त को फोन मिलाया ।

भजनलाल - हैलो हा मेरी बात ध्यान से सुनो, जितने भी पैसे आज मेरे भाई और जीजाओ ने दिये है उसको उनके नाम पर नही बल्कि #### इसके नाम पर करो । तुम्हारे पास उसके बायोमेट्रिक तो है न।

दोस्त - हा, हा हैं न।।

भजनलाल - तो ठीक हैं,मैंने जैसा कहा हैं बिल्कुल वैसा करो, और अगर इन चारो ने को तुम ये कहना की जिसमे तुमने इंवेस्ट किया था वो डूब गयी और उनका सारा पैसा भी उसके साथ ही समझ गए न।। बाकी का मै संभाल लूंगा।।

दोस्त - समझ गया ।

अब भजनलाल फोन काट कर अंदर गया,तब तक वो लोग अपना खाना निपटा चुके थे और आराम कर रहे थे उनके साथ संजू भी था जो अपने चाचाओ के साथ खेल रहा था।।

भजनलाल - संजू बेटा खेल रहे अपने uncle के साथ।

संजू - हा पापा।।

भजनलाल - खेलो, खेलो जब खेल लेना तब आ जाना ठीक है।।

संजू - हा।।।

भजनलाल अपनी बीवी वैजंती के पास चला जाता हैं और उसको सब बात बता देता हैं,

बैजन्ती - पर ऐसा क्यु किया उन्होंने,

भजनलाल - पता नही, लेकिन इन्होंने जो मुझे धोख़ा दिया हैं, उसका तो अंज़ाम इनको भुगतना पड़ेगा।।।

भजनलाल ने फोन लगाया -

भजनलाल - हेल्लो हिम्मत,
मेरा एक काम हैं तुझसे।।

हिम्मत - कहो भाई।

भजनलाल - जो भी प्रोपर्टी आज मेरे भाईयो और जीजाओ ने तुम्हारे पास गिरवी रखी है वो मै #### इसके नाम पर खरीदना चाहता हूँ।।

हिम्मत - ho जायेगा।।

भजनलाल - ठीक हैं तो मैं आता हूँ,

भजनलाल - अभी जा ही रहा होता हैं, की तभी उसकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता हैं,

भजनलाल - अरे ये क्या हुआ, पेट्रोल तो मैंने फुल कराया था, चलो नीचे उतर के देखता हु।।

भजनलाल अभी नीचे उतरा ही था की तभी की पीछे से उसके सर पे पॉलीथीन भर देता है, पॉलीथीन भरने से उसको सांस नही आती और उसका दम घुट कर मर जाता हैं।।

तभी ये दिखाया जाता हैं की उधर से लखविंदर और चमन भी आते है,

राजिंदर - बड़ा आया था हमारा रास्ता काटने हमारी प्रोपर्टी को ### इसके नाम कराना चाहता था।। अब न तु रहेगा न तेरा परिवार और न ही ### vo.

इधर घर पर मदन ने गैस लिक कर दी और फिर माचिस की तीली से आग लगा कर घर को उड़ा डाला।।

साला हमको चुना लगाने वाले थे ये मिया बीवी लेकिन हम है चालबाज़ हमसे जो टकराएगा वो मरके सीधा उपर को चला जायेगा।।

sorry भैया sorry भाभी वो क्या हैं न आप लोग ने वो कहावत नही सुनी शायद की दीवारो के भी कान होते हैं 🙂।।

अगर सुनी होती तो जिंदा होते । पर अफसोस आपने ध्यान नहीं दिया की कोई आपकी बात सुन सकता हैं।।

मदन - मैं जब संजू को जब छोड़ने आया था, तभी मैंने भजन भैया और वैजंती भाभी की बात सुन ली थी।।

अब इधर पहाड़ी के पास
गाड़ी में भजनलाल की लास को डालकर

राजिंदर - तूने पेट्रोल तो निकाल लिया था न कहा हैं वो।।

चमन - ha जीजा! मैंने निकाल लिया था पेट्रोल तभी तो गाड़ी यही पर रुक गयी।।

राजिंदर - हा तो ला जल्दी, इस गाड़ी को आग लगाने में काम आयेगा।।

चमन - हा।।

चमन पेट्रोल लेकर आता हैं।। और पेट्रोल गाड़ी पर छिड़कने लगता हैं,

राजिंदर - संजू को गाड़ी में डाला हैं न,

लखविंदर - हा, वो देखो।।

राजिंदर - अच्छा अच्छा अब चलो गाड़ी को आग लगा दो।।

चमन ने माचिस निकाला और आग लगा दी,
आग लगा के वो सभी वहा से चले गए।।

गाड़ी धू - धू करके जलने लगी।।

इधर..... ye चारो घर पहुँचे।।
वहा उनकी उनकी बीवीयों ने आज के बारे में पूछा
तब उन चारो ने सारी बात सुना डाली।।।

कलावती - अब क्या होगा, पुलिस कही आप लोग को पकड़ के न ले जाए।।

मदनलाल - ऐसा कुछ भी नही होगा, क्युकी हमने सभी वारदात को एक हादसे की तरह अंज़ाम दिया है।। जिससे किसी को भी शक न हो।।

घर में ⛽ gas सिलिंडर ब्लास्ट से सबको यही लगेगा की ये गैस के ब्लास्ट से हुआ है।। और गाड़ी के जलने से ये होगा की गाड़ी का इंजन overheating की वजह से आग लग गया और गाड़ी का दरवाजा न खुलने के कारण उसमे मौत हुई।।

पूनम - और संजू का क्या हुआ..

लखविंदर - उसको भी मार दिया।।

सन्नो - वो तो बच्चा था उसको क्यों.?

चमन - अरे दीदी समझो, अगर हम केवल भैया और भाभी को मारते तो उनके insurence का पैसा संजू को मिलता, लेकिन अब जब संजू को हमने मार दिया हैं तो अब वो पैसा हमे मिलेगा जिससे हम आराम से अपना जीवन बिता सकते है , और भजनलाल भैया का भी जितना पैसा था जो mutiual fund se 10 गुना हुआ था वो अब हमे मिलेगा।।।

कलावती - और हमारे पैसे जो आज आपने mutiual fund में लगाए है।।

मदन - उसकी उम्मीद छोड़ दो, क्युकी अब न वह आदमी रहा न ही वो पैसा

कलावती - मतलब।।

मदन - मतलब ये की हमने उसको भी निपटा दिया, लेकिन मरने से पहले उसने वो पैसा किसी अंजान शक्स के नाम पर mutiual fund में जमा कर दिया था।।।

माला - अब इस घर का क्या होगा।।

चमन - ये घर तो वो हिम्मत राव हमसे हड़प ही लेगा, ऐसी बात नही है की हम इसको छुड़ा नहीं सकते लेकिन इसको छुड़ाने का कोई मतलब ही नही हैं,
यहाँ रहने से अच्छा हम शहर् में रहे।।

माला - हा सही कहा।।।

और इसके साथ ही ये एपिसोड समाप्त होता है।।


4491 words
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बहुत ही फटे पुराने समय की बात नही हैं,

एक बड़ा सा कबाडियों का धंधा करने वाला व्यक्ति हुआ करता था, जिसको लोग " कबाड़ीमल " के नाम से जानते थे ...

कबाड़ीमल की एक सुंदर सुशील और गदराई बीवी हुआ करती हैं, जिसका नाम हैं " बसंती-देवी "

save-2024-05-29-11-44-13

बसंती-देवी से " कबाड़ीमल " को 5 संतान की प्राप्ति हुई, जिसमे से 3 लड़के और 2 लड़कियां हुई,

सबसे बड़े लड़के का नाम हुआ - "भजनलाल"

मंझले लड़के का नाम हुआ - " मदनलाल "

और सबसे छोटे लड़के का नाम हुआ - " चमनलाल "

अब आते हैं, लड़कियों की तरफ....

बड़ी लड़की का नाम हुआ - पूनम,

1000410056-01
और छोटी का नाम हुआ - सन्नो,

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दोनों लड़कियां तीनों बेटों से बड़ी थी, मतलब की पूनम सबसे बड़ी संतान थी, उसके बाद सन्नो फिर तीसरी संतान थी लड़के के रूप में जो था भजनलाल, फिर मदनलाल फिर चमनलाल,

सभी की शादी हो चुकी थी।
पूनम और सन्नो अपने अपने ससुराल में खुश थी।
और भजनलाल, मदनलाल और चमनलाल अपनी अपनी बीवी बच्चो के साथ खुश थे।

पूनम के पति का नाम - लखविंदर।

सन्नो के पति का नाम - राजिंदर ।

भजनलाल की बीवी का नाम - वैजंती।

मदनलाल की बीवी का नाम - कलावती।

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चमनलाल की बीवी का नाम - माला।

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समय के साथ सबके बच्चे हुए।

पूनम और लखविंदर की एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - चारू।

सन्नो और राजिंदर की भी एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - नैना।

भजनलाल का एक लड़का था, जिसका नाम हुआ - संजु।

मदनलाल की एक लड़की हुई जिसका नाम हुआ - सोनाली ।

चमनलाल का एक लड़का और लड़की हुई जिसका नाम हुआ -

लड़के का नाम हुआ - रवि।

और लड़की का नाम हुआ - डिंपल ( डिंपी ) ।




🆎 चलते है स्टोरी के मेन टॉपिक के ऊपर।

तो बात तब की है, जब कबाड़ीमल का अंतिम वक़्त आ चुका था, और वो अपनी आखिरी साँस गिन रहा था।
तब उसने अपने तीनों बेटो को अपने पास अपने कमरे में बुलाया और कहने लगा।

कबाड़ीमल - मेरे तीनों बेटों और मेरी दोनों बेटियों , मेरे लखते जिगरो, मेरा अंतिम समय अब आ चुका है ,

भजनलाल - नही ऐसा मत कहिये पिताजी , आपको कुछ नही होगा।

मदनलाल ( & ) चमनलाल - हा पिताजी आप को कुछ नही होगा।

कबाड़ीमल - नही मेरे बच्चो नहीं मै जानता हु की अब मै और नही जिन्दा रह पाऊंगा, मुझे अब जाना ही होगा, मैं जाने से पहले तुम तीनों में अपनी संपत्ति का बराबर बटवारा करना चाहता हु।

मदनलाल - पर बाबूजी आपने तो पहले ही घर और खेत का बटवारा कर दिया है अब और क्या संपत्ती बची बाटने के लिए।

कबाड़ीमल - है बेटा, है एक ऐसी भी सम्पति है जिसको मैंने अब तक राज ही रखा था, क्युकी मै नही चाहता था की वो बाहर आये अगर वो आ जाती तो तुम सब उससे कही गलत काम न कर लो , इसलिए मैंने उसको अब तक तुम तीनों को नहीं बताया था लेकिन आज अब जब मै मरने वाला हु तो मै तुम्हे उसके बारे में बताऊंगा।

मदनलाल, चमनलाल - हा पिताजी बताइए ना।।

कबाड़ीमल - बेटा भजनलाल जाओ जाकर मेरी अलमारी खिसकाओं, मदन और चमन तुम दोनो भी अपने भाई की मदद करो।

तीनों भाई ने जाकर अलमारी खिसका दी ।
अलमारी के खिसकते ही उसके पीछे की दीवार पर उन्हे एक तिजोरी बनी हुई दिखी।

तीनों आश्चर्य में पड़ गए।
भजनलाल - ताजुब की बात है हम बचपन से लेकर जवानी तक इसी घर में रहे खेले , पले बढ़े लेकिन आज तक हमें इस खुफिया तिजोरी के बारे में पता तक नही चला।

मदन & चमन - हा हमें भी।

कबाड़ीमल - क्युकी इसको मैंने खुफिया तरीके से बनवाया था और इसको तुम सभी की नज़रों से बचा के रखा था , ताकि तुम तीनों इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सको।।।
अच्छा अब वो तिजोरी में ये चाबी डालो।
कबाड़ीमल ने चाबी फेकते हुए कहा

चाबी मदनलाल ने उठाया और फिर तिजोरी खोलने लगा।

तिजोरी खोलते ही उसमे से ढेर सारा रुपिया पैसा aur भी न जाने क्या क्या निकला।

भजनलाल, मदनलाल & चमनलाल - पिताजी, इतना सारा धन कहाँ से आया आपके पास।

कबाड़ीमल - वो मेरे इतने सालों की जमापूंजी है ।


कबाड़ीमल - मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम तीनों इसको बराबर पांच हिस्सों में बाट लो। और इसका उपयोग केवल अच्छे कामों में करना।

बसंती-देवी - हा मेरे बच्चो, इसका उपयोग अच्छे कामो में करना। आप चिंता मत करिये ये हमारे बच्चे हैं, ये कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

भजनलाल मदनलाल & चमनलाल - हा हा हा पिताजी हा हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे।

पूनम और सन्नो - हा हा पिताजी हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे ना ही अपने पतियों को करने देंगे।

कबाड़ीमल अपने बच्चो की ये बात सुनकर गद -गद हो जाता हैं, और खुशी- खुशी हँसते हुए , मुश्कुराते हुए चेहरे के साथ उसके प्राण पखेरू उड़ जाते है।

ये देख कर उसके बीवी बच्चे रोने लगे।

थोड़ी देर में इन लोगो की रोने की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी बच्चे जो बाहर थे वो भी अंदर आ गए।

और सबकी नज़र पहले तो पैसों पर जाती है फिर कबाड़ीमल की शव पर।

कबाड़ीमल की शव देखते ही सभी फुट फुट कर रोने लगते है,

थोड़ी देर बाद लाश को जलाने के लिए ले जाते है।




अब कहानी की गति को आगे बढ़ाते है।
अब पैसा sabhi घरवालो के सामने आ चूका था।
सभी ने बसंती देवी की उपस्थिति में अपना - अपना हिस्सा पा लिया था।

बसंती देवी - तुम सभी को अपना - अपना हिस्सा मिल चुका है, अब तुम लोग अपने हिस्से से अपना काम धंधा करो।

सभी बसंती देवी के बात से सहमत होते है।
कबाड़ीमल की मौत के कुछ दिनों बाद सभी अपना - अपना हिस्सा लेकर अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अलग - अलग शहर निकल जाते है।
गाव में जो घर था वहाँ केवल बसंती देवी रह गयी थी। ऐसा बात नही है की उसके बेटों ने उसको अपने साथ रखने से मना कर दिया हो बल्कि वो खुद ही अपने पति के बनाये घर जो गांव में था उसको छोड़ के नही जाना चाहती थी।

भजनलाल जो अपनी पत्नी वैजंती और अपने छोटे से बच्चे संजू को लेकर शहर आ गया था। उसने अपने पैसे एक mutiual - fund में इंवेस्ट किये। जिससे वह और भी अमीर हो गया। जबकि उसके दोनों भाई और दोनों बहनोई ने उस पैसे को जुये , शाराब , और गलत कामो में लगा दिया, जिसके कारण उन सबका हाल बेहाल हो गया।

साल में एक बार सभी लोग गाँव आते थे और एक साथ मिलते थे, इस बार भी ठीक ऐसा ही हुआ।

सभी लोग गाँव के घर पे इक्कठा हुए।
बसंती देवी के लिए ये बहुत खुशी का दिन था क्युकी आज उसका सारा परिवार एक ही छत के नीचे बैठा था।

अब सभी भाई और उनके बहनोई ( जीजा ) आपस में बैठे थे। और अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे।

लेकिन यहाँ पर मदन, चमन और लखविंदर और राजिंदर ने भजनलाल से झुठ बोल दिया की उनका काम भी अच्छा चल रहा है , उन्होंने भजनलाल से झुठ कहा , जबकि भजनलाल बेचारा अपना सच अपने भाई प्रेम में लूटा गया और अपनी पोल पट्टी भी खोल दी की कैसे उसने mutiual funds में पैसे इंवेस्ट करके वो पैसे 10 गुना कर लिए है।

भजनलाल की बात सुनके मदन लाल, चमनलाल और लखविंदर & राजिंदर सभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

मदनलाल - क्या सच में तुम्हारे पैसे 10 गुना हो गए।

भजनलाल - हा बंधु हा।

तभी मदनलाल के मन में एक विचार आता है।
मदनलाल - भैया वो क्या है न की मुझे भी इस mutual funds में डालने है।।।

मदनलाल का itna कहना था की और log भी कहने लगे।

भजनलाल - अच्छा अच्छा अच्छा बाबा मै बताता हु।
देखिये मै आप लोगो को अपने एक दोस्त से मिलवा दूंगा वही इन सब muthal funds ka jaankaar है usne hi मुझे vishwas dilaya, आप log कहे तो मै usse बात कर skta hoon..


sabhi - haa haa kyu nhi..

भजनलाल - thikk hai फिर कल तैयार रहना मै कल ही तुम लोगो को अपने दोस्त से मिलवा दूंगा।।

और फिर सभी सोने चले jaate hai.

लेकिन उन चारो को नींद कहा से आने वाली थी।
उन्होंने कह तो दिया था भजनलाल से की वो लोग अपना पैसा इंवेस्ट karenge, lekin बात तो ये थी की वो लोग पैसा लायेंगे कहा से

सभी परेशान थे, चारों को कोई उपाय नही सूझ रहा था।
अपने पतियों को इस तरह से आधी रात को हैरान परेशान देखकर उनकी पत्नियाँ जाग गयी,

मदनलाल की बीवी

कलावती - क्या हुआ जी, आप सोये नही अभी तक। कही कोई परेशानी की बात तो नही।

मदनलाल - परेशानी की बात तो है " कला "

कलावती - कैसी परेशानी ?

मदन - देखो अब तुमसे क्या छुपाना, तुम तो जानती हो, की हमने सारे पैसे जुये, शाराब में खत्म कर डाले और वो भजनलाल ने अपने सारे पैसे mutiual fund में इंवेस्ट करके उन्होंने अपने पैसे 10 गुना कर लिया है,

कलावती - हाई,,, दय्या, क्या सच में?

मदन - हा, और भजन भैया ने ही मुझे चमन और दोनों जीजाओ को ये उपाय सुझाया है की हम भी mutiual funds में पैसे लगाए, उनके कोई दोस्त है जो इस सेक्टर में काम करते है कल वो उससे हमें मिलाने वाले है।

कलावती - ये तो बड़ी अच्छी बात है।

मदन - अच्छी बात तो है, लेकिन इंवेस्ट करने के लिए हमारे पास पैसे भी तो होने चाहिए न। सभी खेत भी नशे के चक्कर में बिक गए, अब तो कुछ भी नही बचा अब कहा से लाये इतने पैसे।

कलावती मदनलाल की बात सुनके थोड़ी देर चुप होकर सोचने लगती है।

कलावती - मेरे दिमाग में एक idea 💡 आया है।

मदनलाल - जल्दी से बको।

कलावती - क्या कहा तुमने 🤨

मदनलाल - 😃 मैंने तो जल्दी से बोलो कहा डार्लिंग।

कलावती - अच्छा अच्छा।

मदनलाल - हा 😊

कलावती - तो सुनो देखो हमारे पास और ना ही चमन के पास अब कोई भी प्रोपर्टी नही बची है। तो इसका मतलब ये है की उसको भी अपने साथ हाथ मिलाना होगा।

मदनलाल - हाथ मिलाने से क्या पैसा मिल जायेगा।।

कलावती - हा

मदनलाल - तो फिर मै अभी जाकर चमन से हाथ मिलाकर पैसे लेकर आता हु।

मदनलाल बिस्तर से उठ कर जाने लगता है।
कलावती मदनलाल का कॉलर पकड़ के उसको बिस्तर पर खींच के बैठा देती है।

कलावती - रुक जाओ, सरफिरे आदमी।

मदनलाल - aaaah , क्या कर रही हो। मुझे जाने क्यों नही दे रही

कलावती - aree मेरी पूरी बात तो सुनो उसके बाद जाना।

मदनलाल - अच्छा, तो पूरी बात कहो।

कलावती - तो पूरी बात ये है की, ससुर जी के मरने के बाद उनका ये घर हो गया है सासु माँ के नाम जिसका कोई मतलब है ही नही, वो बुढ़िया हो चुकी है अब वो क्या करेंगी इस घर जायदाद का वैसे भी उनके मरने के बाद तो ये घर उनके बच्चो का ही होगा न मतलब की हमारा तो मै ये सोच रही थी की क्यों न हम ये घर गिरवी रख दे।

मदनलाल - ये क्या बोल रही हो तुम, क्या तुम पागल तो नही हो गयी। चमन, aur भजन भैया कभी नही मानेंगे इसके लिए।

कलावती - मानेंगे जरूर मानेंगे, क्युकी की जिस तरह हमे पैसों की जरूरत है ठीक वैसे ही चमन को भी जरूरत हैं । और रही बात भजन जेठ जी की तो उनको इस बारे में बताने की जरूरत ही नही हैं।

मदनलाल - लेकिन अभी भी एक समस्या हैं।
मां कभी नही मानेगी इस बात के लिये।

कलावती - उनको भी इस बारे में बताने की कोई जरूरत नही हैं।
और कौन सा हम घर बेच रहे हैं, हम तो सिर्फ गिरवी रख रहे हैं। जैसे ही पैसे 10 गुना हो जायेंगे हम घर छुड़ा लेंगे।

मदनलाल - हा तुम्हारी बात में तो दम है।

कलावती : - हा तो अब जाओ और अपने भाई चमन को ये idea💡 सुनाओ और समझाओ।

मदनलाल - ok मै अभी जाता हूँ।

मदनलाल अपने कमरे से निकल के चमन के कमरे की तरफ जाने लगता हैं।
वही इधर लखविंदर और राजिंदर भी पैसे कहा से लाये इस बात की टेंशन में जाग रहे थे।
दोनों को किसी के कदमो की आहट सुनाई दी जिसके कारण वो दोनों उसका पीछा करते हुए पहुँच गए चमन के कमरे के बाहर।

राजिंदर - लखविंदर भाई तुम यहाँ।
लखविंदर - वो मै किसी के कदमो की आवाज़ सुनके आया था । और आप?

राजिंदर - मै भी same to same

लखविंदर - अच्छा,

तभी उन दोनों को मदन और चमन के बीच हो रही बात पता चली।
राजिंदर :- अच्छा तो ये दोनों साले हमारी सासु माँ से धोखे से इस घर के काग़ज़ लेकर इसको गिरवी रख कर अपने लिए पैसों का बंदोबस्त करने वाले है।

लखविंदर - हाँ।
राजिंदर - रुको अभी मजा चखाते हैं इनको,

लखविंदर - वो कैसे.

राजिंदर - चलो अपनी अपनी बीवीयों को अपने इन दोनों सालों की करतूत बताते है। फिर तो वो इन दोनों को नही छोड़ेगी।

लखविंदर - हा 💡 चलो फिर।

अब दोनों अपनी अपनी बीवीयों के पास जाकर उन्हें नींद से जगाते हैं और सारा किस्सा सुनाते हैं।
दोनों बहने गुस्से में मदन और चमन के कमरे की ओर बढ़ने लगती हैं, राजिंदर और लखविंदर भी उनके पीछे पीछे आ जाते है।

अभी मदन और चमन बात कर ही रहे थे की
पूनम - वाह मेरे भाईयों वाह, अपनी मां को ही धोका देने चले हो।
मदन और चमन घबरा जाते है।
मदन - क क क क्या बकवास कर रही हो आप दोनों,

सन्नो - बकवास हम नही तुम कर रहे, तुम्हारे दोनो जीजाओ ने सब कुछ सुन लिया है अब हमसे झुठ बोलने की गलती मत करना।

मदन - क्या आपको सब पता चल गया।

सन्नो - हा।

अब मदन को आने में हो रही देर को देख कलावती खुद आती है,

मदन - कला अब क्या करे। तुम ही कुछ बताओ ये दोनो जीजाओ ने मेरी और चमन की बात सुनके दोनो दीदीयो को सब बता दिया।

पूनम - अच्छा तो ये सारा plan📝 इन महारानी का था।

कलावती - अरे जिजी आप दोनो बैठिये, बैठिये यहाँ पे, और मेरी बात सुनिये, मदन जाओ जाकर दरवाजा बंद करो,

मदन उठ के जाता है और दरवाजा बंद कर देता हैं,

कलावती- अब ठीक है, तो जिजियों और जीजा - जियो आप लोग को सब पता लग चुका हैं।

चारों - हा।

कलावती - अच्छा, तो इसमें गलत क्या हैं, सासु माँ के मरने के बाद तो वैसे भी ये सब कुछ हमारा ही होना था। सो उनके जीते जी कर रहे क्यों छोटी सही कहा न मैंने

chaman ki बीवी माला - जी दीदी आपने बिल्कुल सही कहा।

पूनम & सन्नो - पर इसमें हमारा हिस्सा?

कलावती - हिस्सा 🧐 ये क्या बोल रही आप दोनो इसमें कहा से आपका हिस्सा , क्या आपको पता नही की शादी के बाद से अपने मायके से बेटियों का दाना पानी उठ जाता हैं, तो फिर आप ऐसी बात कैसे कर सकती है।

कलावती की ये बात सुनकर पूनम सन्नो और उनके पतियों के मुह लटक गए 🥲

लखविंदर और राजिंदर - माना की दाना पानी उठ जाता है तो क्या हुआ , हमे भी तो जरूरत हैं पैसे की,

कलावती - तो आप लोग अपना अपना घर गिरवी पर रख दीजिये न, देखिये अगर आपने इसी घर के गिरवी रखे पैसे लिए तो पैसे के चार हिस्से हो जायेगा जिससे प्रॉफिट उतना नही आयेगा , इसलिए मेरा सुझाव ये है की आप दोनो अपना अपना घर गिरवी रख दीजिये और वो पैसा mutiual fund में लगा दीजिये, जब आपके पैसे 10 गुना हो जाए तो अपना घर छुड़ा लेना।

लखविंदर - वाह कला बहु वाह तुम्हारी बात में दम है, हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे इससे हमें जयादा मुनाफा भी होगा, क्युकी लगाई रकम जितनी अधिक होंगी मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा।

कलावती - हा सही पकड़े है आप.
यही तो मै कबसे समझाने का प्रयास कर रही थी की जितना पैसा लगाओगे उतना ज्यादा मुनाफा कमाओगे ।

राजिंदर - हा हमें अब तुम्हारी बात समझ में आ गयी है कला बहु हम दोनो कल सुबह ही जाकर अपने घर के काग जात ले आयेंगे।

मदन - लेकिन अभी भी एक दिक्कत है

poonam - kya?

मदन - हम गिरवी kiske पास रखेंगे।

चमन - मुझे एक आदमी के बारे में पता है, हम उसके ही पास गिरवी रखेंगे,

मदन - नाम क्या है उनका, हिम्मत राव

राजिंदर - हा मैंने बहुत सुना है इनके बारे में नामी रईस है।

चमन - हा।

कलावती - तो चलो तय रहा कल घर गिरवी रख के हम पैसे mutiual fund में डाल देंगे।

सभी - हा सही कहा।

मदन - 🙋 - lekin ek दिक्कत है।

सभी - अब क्या हुआ भाई 😐
मदन - हम माँ के तिजोरी से घर के पेपर कैसे निकालेंगे, माँ तो तिजोरी की चाबी हमेसा अपनी कमर में रखती हैं।

कलावती- उसका भी इलाज हैं मेरे पास,

मदन - क्या क्या।।

कलावती - सुनो, हम माजी के खाने में बेहोसी की दवा डाल देंगे जिससे माजी कुछ समय के लिये बेहोस हो जायेगी और हम उनकी बेहोसी का फायदा उठाकर उनके कमर से चाबी निकाल लेंगे और फिर उनकी तिजोरी से पेपर निकाल के तिजोरी को वापस बंद करके चाबी उनकी कमर पर वापस लटका देंगे।

पूनम & सन्नो - वाह कला बहु वाह क्या दिमाग पाया है।

कलावती - थैंक यूं थैंक यू ।
अब चलो अभी सब सोते है कल बहुत काम भी करना है।।

सभी - हा हा चलो ।

फिर सभी अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
सबको आज चैन की नींद आती हैं।

अगली सुबह होते ही, लखविंदर और राजिंदर अपने अपने घर चले जाते है घर के kaag-jaat लेने।
और यहाँ कलावती अपने प्लेन 📝 ke मुताबिक अपनी सास बसंती देवी को बेहोसी की दवा खाने में मिलाकर दे देती है जिससे खाना खाते ही बसंती देवी को दवा का असर होने लगता है और वो बेहोस हो जाती है। बसंती देवी के बेहोस होते ही कलावती और उसकी देवरानी माला अपनी सास बसंती देवी के कमर से वो तिजोरी की चाबी निकाल लेती हैं और जल्दी से जाकर तिजोरी खोलती हैं, और तिजोरी खोलने के बाद वहाँ से घर के papers 📑 निकाल लेती हैं और तिजोरी को वापस बंद करके तिजोरी की चाबी फिरसे बसंती देवी के कमर पे लटका देती हैं,

मदन और चमन इधर अपनी पत्नियों का इंतज़ार कर रहे थे।
तभी उनको अपनी पत्नियाँ आते हुई दिखी।
मदन- क्या हुआ मिला पेपर 📄 ।।

कलावती - हम दोनो देवरानी, जेठानी मिल जाए तो क्या मुमकिन नही ☺।।
क्यों छोटी सही कहा न?

माला - आप कभी गलत कह सकती हैं क्या दीदी।।
कलावती - नही कभी नही 😌।।
ये रहे घर के पेपर📄 जाओ और जाकर जल्दी से पैसे ले आओ।।

मदन - हा, लेकिन पहले दोनो जीजाओ को तो आने दो।

लखविंदर & राजिंदर - हम दोनो भी आ गए अपने अपने घर के पेपर्स 📑 लेकर।।

कलावती - तो फिर देरी किस बात की, जाइये जल्दी जाइये और पैसे लेकर आइये।।

मदन, चमन और लखविंदर , राजिंदर - हा।।

वो चारों निकल पड़े हिम्मत राव के यहाँ के लिए।।

उन चारो के घर से निकलने के बाद।

पूनम - कला बहु, हम तो आज तक तुम्हे बड़ी ही सीधी समझते थे, लेकिन तुम तो बड़ी ही वो निकली!

कलावती - क्या वो निकली जीजी 🙂

सन्नो, माला & पूनम ( तीनों एक साथ ) - " चालबाज़ ".....

कलावती - हाहाहाहा 😆😆।।।
हा वो तो मैं हूँ , और मुझे तो होना ही था, वरना स्टोरी का title match नही खाता न 😌 ।।

सभी - हाँ! वो भी है 😁 ।।

writer talk - toh देखा आपने इन चालबाज़ो को या कहु चालबाज़ो की टोली को जो कैसे चाल चल- चल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी हैं, न वो अपने घर में चोरी करने से बाज़ आ रहे और न ही अपने ही मां और भाई को धोखा देने से।। इनकी करतूत और चालबाजिया देख कर ही मुझे title " चालबाज़ " रखना पड़ा।।

अब idhar मदन, चमन & लखविंदर, राजिंदर चारों अपने घर के काग़ज़ गिरवी रख के हिम्मत राव के यहाँ से पैसे लेकर आ जाते हैं,

कलावती - ले आये पैसे।

चारो - हा, ले आये।

कलावती - अच्छा अब जाओ और जेठ जी से कहो की वो अपने दोस्त से मिलवाये।।

चारों - हा, हा, अभी जाते हैं।।

वह चारो भजनलाल के पास चले गए, और उससे उसके mutiual fund वाले दोस्त के साथ मिलवाने को कहने लगे,

भजनलाल - मैंने उससे बात कर ली हैं, उसने बुलाया हैं आप लोग को, आप लोग मेरे साथ चलना आज ।।

चारो - ठीक हैं।

भजनलाल अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर शहर जाने लगा उसके साथ मदन, चमन & राजिंदर , लखविंदर भी चलने लगे।

शहर जाकर भजनलाल ने अपनी बीवी और बच्चे को अपने घर में छोड़कर अपने भाई और जीजाओ को साथ लेकर अपने दोस्त के पास ले गया,

अब वहा जाकर इन चारो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सारा पैसा लगा दिया।

अब वहा से वो तीनों भजनलाल के घर जाते है और खाना पीना खा पी रहे होते हैं।
तभी भजनलाल के फोन पे किसी का फोन आता हैं,


भजनलाल - मैं एक मिनट में आया आप लोग खाना पीना खाओ और आराम करो।

अब भजनलाल घर से बाहर आकर फोन recive करता है।

भजनलाल - हैलो।।

फोन पर - हा मै हिम्मत राव बोल रहा हू।

भजनलाल - अरे हिम्मत तु, बड़े दिनों बाद याद किया हैं कैसा हैं।।

हिम्मत राव - मै तो बढ़िया हु भाई, लेकिन तुम्हारी हालत कुछ ठीक नही लग रही।।

भजनलाल - क्यों क्या हुआ मुझे ।।
मैं तो एकदम फस-क्लास हूं।।

हिम्मत राव - देख मुझसे मत छुपा, मैं जान गया हु तुम लोगो की हालत अपनी कुछ ठीक नही चल रही, तभी तुमने घर गिरवी रखा हैं, मदन, चमन आये थे मेरे पास घर के पेपर गिरवी रखवाने और मेरे से पैसे भी लेकर गए है, मैंने उन्हे नही बताया की मैं तुम्हारा दोस्त हु, मुझे लगा की अगर मैंने हमारी दोस्ती के बारे में बता दिया तो वो मुझसे मदद नही लेते । और साथ में 2 और लोग भी आये थे जिसको वह दोनो जीजा जीजा कह रहे थे क्या नाम था उनका।।

भजनलाल - राजिंदर और लखविंदर

हिम्मत - हा यही तो थे, इन्होंने भी अपने घर मेरे पास गिरवी रखे है।।

भजनलाल - इतना बड़ा धोख़ा, कैसे कर सकते हैं ये मेरे साथ।।

हिम्मत - क्या हुआ भजन तु ठीक तो है।।

भजनलाल - अब तक तो ठीक था, मेरे दोस्त लेकिन अपनो के दिये इस धोखे ने मुझे तोड़ दिया हैं ।।

हिम्मत - धोखे ने मतलब ?

भजनलाल - मुझे बिना बताये मेरे दोनो भाइयों ने गाँव का घर गिरवी रख दिया,

हिम्मत - इसका मतलब की तुम्हे इस बारे में कुछ नही पता था।।

भजनलाल - हा, शुक्रिया मेरे दोस्त इन धोकेबाज़ो का राज़ मेरे सामने लाने के लिए अब मै इन्हे नही छोडूंगा।।

हिम्मत - जो भी करना है, अच्छे से सोच विचार कर करना और कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो अपने इस दोस्त को याद कर लेना।।

भजनलाल - हा दोस्त।।
भजनलाल ने फोन काट दिया।।
और अपने mutiual fund वाले दोस्त को फोन मिलाया ।

भजनलाल - हैलो हा मेरी बात ध्यान से सुनो, जितने भी पैसे आज मेरे भाई और जीजाओ ने दिये है उसको उनके नाम पर नही बल्कि #### इसके नाम पर करो । तुम्हारे पास उसके बायोमेट्रिक तो है न।

दोस्त - हा, हा हैं न।।

भजनलाल - तो ठीक हैं,मैंने जैसा कहा हैं बिल्कुल वैसा करो, और अगर इन चारो ने को तुम ये कहना की जिसमे तुमने इंवेस्ट किया था वो डूब गयी और उनका सारा पैसा भी उसके साथ ही समझ गए न।। बाकी का मै संभाल लूंगा।।

दोस्त - समझ गया ।

अब भजनलाल फोन काट कर अंदर गया,तब तक वो लोग अपना खाना निपटा चुके थे और आराम कर रहे थे उनके साथ संजू भी था जो अपने चाचाओ के साथ खेल रहा था।।

भजनलाल - संजू बेटा खेल रहे अपने uncle के साथ।

संजू - हा पापा।।

भजनलाल - खेलो, खेलो जब खेल लेना तब आ जाना ठीक है।।

संजू - हा।।।

भजनलाल अपनी बीवी वैजंती के पास चला जाता हैं और उसको सब बात बता देता हैं,

बैजन्ती - पर ऐसा क्यु किया उन्होंने,

भजनलाल - पता नही, लेकिन इन्होंने जो मुझे धोख़ा दिया हैं, उसका तो अंज़ाम इनको भुगतना पड़ेगा।।।

भजनलाल ने फोन लगाया -

भजनलाल - हेल्लो हिम्मत,
मेरा एक काम हैं तुझसे।।

हिम्मत - कहो भाई।

भजनलाल - जो भी प्रोपर्टी आज मेरे भाईयो और जीजाओ ने तुम्हारे पास गिरवी रखी है वो मै #### इसके नाम पर खरीदना चाहता हूँ।।

हिम्मत - ho जायेगा।।

भजनलाल - ठीक हैं तो मैं आता हूँ,

भजनलाल - अभी जा ही रहा होता हैं, की तभी उसकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता हैं,

भजनलाल - अरे ये क्या हुआ, पेट्रोल तो मैंने फुल कराया था, चलो नीचे उतर के देखता हु।।

भजनलाल अभी नीचे उतरा ही था की तभी की पीछे से उसके सर पे पॉलीथीन भर देता है, पॉलीथीन भरने से उसको सांस नही आती और उसका दम घुट कर मर जाता हैं।।

तभी ये दिखाया जाता हैं की उधर से लखविंदर और चमन भी आते है,

राजिंदर - बड़ा आया था हमारा रास्ता काटने हमारी प्रोपर्टी को ### इसके नाम कराना चाहता था।। अब न तु रहेगा न तेरा परिवार और न ही ### vo.

इधर घर पर मदन ने गैस लिक कर दी और फिर माचिस की तीली से आग लगा कर घर को उड़ा डाला।।

साला हमको चुना लगाने वाले थे ये मिया बीवी लेकिन हम है चालबाज़ हमसे जो टकराएगा वो मरके सीधा उपर को चला जायेगा।।

sorry भैया sorry भाभी वो क्या हैं न आप लोग ने वो कहावत नही सुनी शायद की दीवारो के भी कान होते हैं 🙂।।

अगर सुनी होती तो जिंदा होते । पर अफसोस आपने ध्यान नहीं दिया की कोई आपकी बात सुन सकता हैं।।

मदन - मैं जब संजू को जब छोड़ने आया था, तभी मैंने भजन भैया और वैजंती भाभी की बात सुन ली थी।।

अब इधर पहाड़ी के पास
गाड़ी में भजनलाल की लास को डालकर

राजिंदर - तूने पेट्रोल तो निकाल लिया था न कहा हैं वो।।

चमन - ha जीजा! मैंने निकाल लिया था पेट्रोल तभी तो गाड़ी यही पर रुक गयी।।

राजिंदर - हा तो ला जल्दी, इस गाड़ी को आग लगाने में काम आयेगा।।

चमन - हा।।

चमन पेट्रोल लेकर आता हैं।। और पेट्रोल गाड़ी पर छिड़कने लगता हैं,

राजिंदर - संजू को गाड़ी में डाला हैं न,

लखविंदर - हा, वो देखो।।

राजिंदर - अच्छा अच्छा अब चलो गाड़ी को आग लगा दो।।

चमन ने माचिस निकाला और आग लगा दी,
आग लगा के वो सभी वहा से चले गए।।

गाड़ी धू - धू करके जलने लगी।।

इधर..... ye चारो घर पहुँचे।।
वहा उनकी उनकी बीवीयों ने आज के बारे में पूछा
तब उन चारो ने सारी बात सुना डाली।।।

कलावती - अब क्या होगा, पुलिस कही आप लोग को पकड़ के न ले जाए।।

मदनलाल - ऐसा कुछ भी नही होगा, क्युकी हमने सभी वारदात को एक हादसे की तरह अंज़ाम दिया है।। जिससे किसी को भी शक न हो।।

घर में ⛽ gas सिलिंडर ब्लास्ट से सबको यही लगेगा की ये गैस के ब्लास्ट से हुआ है।। और गाड़ी के जलने से ये होगा की गाड़ी का इंजन overheating की वजह से आग लग गया और गाड़ी का दरवाजा न खुलने के कारण उसमे मौत हुई।।

पूनम - और संजू का क्या हुआ..

लखविंदर - उसको भी मार दिया।।

सन्नो - वो तो बच्चा था उसको क्यों.?

चमन - अरे दीदी समझो, अगर हम केवल भैया और भाभी को मारते तो उनके insurence का पैसा संजू को मिलता, लेकिन अब जब संजू को हमने मार दिया हैं तो अब वो पैसा हमे मिलेगा जिससे हम आराम से अपना जीवन बिता सकते है , और भजनलाल भैया का भी जितना पैसा था जो mutiual fund se 10 गुना हुआ था वो अब हमे मिलेगा।।।

कलावती - और हमारे पैसे जो आज आपने mutiual fund में लगाए है।।

मदन - उसकी उम्मीद छोड़ दो, क्युकी अब न वह आदमी रहा न ही वो पैसा

कलावती - मतलब।।

मदन - मतलब ये की हमने उसको भी निपटा दिया, लेकिन मरने से पहले उसने वो पैसा किसी अंजान शक्स के नाम पर mutiual fund में जमा कर दिया था।।।

माला - अब इस घर का क्या होगा।।

चमन - ये घर तो वो हिम्मत राव हमसे हड़प ही लेगा, ऐसी बात नही है की हम इसको छुड़ा नहीं सकते लेकिन इसको छुड़ाने का कोई मतलब ही नही हैं,
यहाँ रहने से अच्छा हम शहर् में रहे।।

माला - हा सही कहा।।।

और इसके साथ ही ये एपिसोड समाप्त होता है।।


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बहुत ही फटे पुराने समय की बात नही हैं,

एक बड़ा सा कबाडियों का धंधा करने वाला व्यक्ति हुआ करता था, जिसको लोग " कबाड़ीमल " के नाम से जानते थे ...

कबाड़ीमल की एक सुंदर सुशील और गदराई बीवी हुआ करती हैं, जिसका नाम हैं " बसंती-देवी "

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बसंती-देवी से " कबाड़ीमल " को 5 संतान की प्राप्ति हुई, जिसमे से 3 लड़के और 2 लड़कियां हुई,

सबसे बड़े लड़के का नाम हुआ - "भजनलाल"

मंझले लड़के का नाम हुआ - " मदनलाल "

और सबसे छोटे लड़के का नाम हुआ - " चमनलाल "

अब आते हैं, लड़कियों की तरफ....

बड़ी लड़की का नाम हुआ - पूनम,

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और छोटी का नाम हुआ - सन्नो,

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दोनों लड़कियां तीनों बेटों से बड़ी थी, मतलब की पूनम सबसे बड़ी संतान थी, उसके बाद सन्नो फिर तीसरी संतान थी लड़के के रूप में जो था भजनलाल, फिर मदनलाल फिर चमनलाल,

सभी की शादी हो चुकी थी।
पूनम और सन्नो अपने अपने ससुराल में खुश थी।
और भजनलाल, मदनलाल और चमनलाल अपनी अपनी बीवी बच्चो के साथ खुश थे।

पूनम के पति का नाम - लखविंदर।

सन्नो के पति का नाम - राजिंदर ।

भजनलाल की बीवी का नाम - वैजंती।

मदनलाल की बीवी का नाम - कलावती।

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चमनलाल की बीवी का नाम - माला।

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समय के साथ सबके बच्चे हुए।

पूनम और लखविंदर की एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - चारू।

सन्नो और राजिंदर की भी एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - नैना।

भजनलाल का एक लड़का था, जिसका नाम हुआ - संजु।

मदनलाल की एक लड़की हुई जिसका नाम हुआ - सोनाली ।

चमनलाल का एक लड़का और लड़की हुई जिसका नाम हुआ -

लड़के का नाम हुआ - रवि।

और लड़की का नाम हुआ - डिंपल ( डिंपी ) ।




🆎 चलते है स्टोरी के मेन टॉपिक के ऊपर।

तो बात तब की है, जब कबाड़ीमल का अंतिम वक़्त आ चुका था, और वो अपनी आखिरी साँस गिन रहा था।
तब उसने अपने तीनों बेटो को अपने पास अपने कमरे में बुलाया और कहने लगा।

कबाड़ीमल - मेरे तीनों बेटों और मेरी दोनों बेटियों , मेरे लखते जिगरो, मेरा अंतिम समय अब आ चुका है ,

भजनलाल - नही ऐसा मत कहिये पिताजी , आपको कुछ नही होगा।

मदनलाल ( & ) चमनलाल - हा पिताजी आप को कुछ नही होगा।

कबाड़ीमल - नही मेरे बच्चो नहीं मै जानता हु की अब मै और नही जिन्दा रह पाऊंगा, मुझे अब जाना ही होगा, मैं जाने से पहले तुम तीनों में अपनी संपत्ति का बराबर बटवारा करना चाहता हु।

मदनलाल - पर बाबूजी आपने तो पहले ही घर और खेत का बटवारा कर दिया है अब और क्या संपत्ती बची बाटने के लिए।

कबाड़ीमल - है बेटा, है एक ऐसी भी सम्पति है जिसको मैंने अब तक राज ही रखा था, क्युकी मै नही चाहता था की वो बाहर आये अगर वो आ जाती तो तुम सब उससे कही गलत काम न कर लो , इसलिए मैंने उसको अब तक तुम तीनों को नहीं बताया था लेकिन आज अब जब मै मरने वाला हु तो मै तुम्हे उसके बारे में बताऊंगा।

मदनलाल, चमनलाल - हा पिताजी बताइए ना।।

कबाड़ीमल - बेटा भजनलाल जाओ जाकर मेरी अलमारी खिसकाओं, मदन और चमन तुम दोनो भी अपने भाई की मदद करो।

तीनों भाई ने जाकर अलमारी खिसका दी ।
अलमारी के खिसकते ही उसके पीछे की दीवार पर उन्हे एक तिजोरी बनी हुई दिखी।

तीनों आश्चर्य में पड़ गए।
भजनलाल - ताजुब की बात है हम बचपन से लेकर जवानी तक इसी घर में रहे खेले , पले बढ़े लेकिन आज तक हमें इस खुफिया तिजोरी के बारे में पता तक नही चला।

मदन & चमन - हा हमें भी।

कबाड़ीमल - क्युकी इसको मैंने खुफिया तरीके से बनवाया था और इसको तुम सभी की नज़रों से बचा के रखा था , ताकि तुम तीनों इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सको।।।
अच्छा अब वो तिजोरी में ये चाबी डालो।
कबाड़ीमल ने चाबी फेकते हुए कहा

चाबी मदनलाल ने उठाया और फिर तिजोरी खोलने लगा।

तिजोरी खोलते ही उसमे से ढेर सारा रुपिया पैसा aur भी न जाने क्या क्या निकला।

भजनलाल, मदनलाल & चमनलाल - पिताजी, इतना सारा धन कहाँ से आया आपके पास।

कबाड़ीमल - वो मेरे इतने सालों की जमापूंजी है ।


कबाड़ीमल - मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम तीनों इसको बराबर पांच हिस्सों में बाट लो। और इसका उपयोग केवल अच्छे कामों में करना।

बसंती-देवी - हा मेरे बच्चो, इसका उपयोग अच्छे कामो में करना। आप चिंता मत करिये ये हमारे बच्चे हैं, ये कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

भजनलाल मदनलाल & चमनलाल - हा हा हा पिताजी हा हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे।

पूनम और सन्नो - हा हा पिताजी हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे ना ही अपने पतियों को करने देंगे।

कबाड़ीमल अपने बच्चो की ये बात सुनकर गद -गद हो जाता हैं, और खुशी- खुशी हँसते हुए , मुश्कुराते हुए चेहरे के साथ उसके प्राण पखेरू उड़ जाते है।

ये देख कर उसके बीवी बच्चे रोने लगे।

थोड़ी देर में इन लोगो की रोने की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी बच्चे जो बाहर थे वो भी अंदर आ गए।

और सबकी नज़र पहले तो पैसों पर जाती है फिर कबाड़ीमल की शव पर।

कबाड़ीमल की शव देखते ही सभी फुट फुट कर रोने लगते है,

थोड़ी देर बाद लाश को जलाने के लिए ले जाते है।




अब कहानी की गति को आगे बढ़ाते है।
अब पैसा sabhi घरवालो के सामने आ चूका था।
सभी ने बसंती देवी की उपस्थिति में अपना - अपना हिस्सा पा लिया था।

बसंती देवी - तुम सभी को अपना - अपना हिस्सा मिल चुका है, अब तुम लोग अपने हिस्से से अपना काम धंधा करो।

सभी बसंती देवी के बात से सहमत होते है।
कबाड़ीमल की मौत के कुछ दिनों बाद सभी अपना - अपना हिस्सा लेकर अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अलग - अलग शहर निकल जाते है।
गाव में जो घर था वहाँ केवल बसंती देवी रह गयी थी। ऐसा बात नही है की उसके बेटों ने उसको अपने साथ रखने से मना कर दिया हो बल्कि वो खुद ही अपने पति के बनाये घर जो गांव में था उसको छोड़ के नही जाना चाहती थी।

भजनलाल जो अपनी पत्नी वैजंती और अपने छोटे से बच्चे संजू को लेकर शहर आ गया था। उसने अपने पैसे एक mutiual - fund में इंवेस्ट किये। जिससे वह और भी अमीर हो गया। जबकि उसके दोनों भाई और दोनों बहनोई ने उस पैसे को जुये , शाराब , और गलत कामो में लगा दिया, जिसके कारण उन सबका हाल बेहाल हो गया।

साल में एक बार सभी लोग गाँव आते थे और एक साथ मिलते थे, इस बार भी ठीक ऐसा ही हुआ।

सभी लोग गाँव के घर पे इक्कठा हुए।
बसंती देवी के लिए ये बहुत खुशी का दिन था क्युकी आज उसका सारा परिवार एक ही छत के नीचे बैठा था।

अब सभी भाई और उनके बहनोई ( जीजा ) आपस में बैठे थे। और अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे।

लेकिन यहाँ पर मदन, चमन और लखविंदर और राजिंदर ने भजनलाल से झुठ बोल दिया की उनका काम भी अच्छा चल रहा है , उन्होंने भजनलाल से झुठ कहा , जबकि भजनलाल बेचारा अपना सच अपने भाई प्रेम में लूटा गया और अपनी पोल पट्टी भी खोल दी की कैसे उसने mutiual funds में पैसे इंवेस्ट करके वो पैसे 10 गुना कर लिए है।

भजनलाल की बात सुनके मदन लाल, चमनलाल और लखविंदर & राजिंदर सभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

मदनलाल - क्या सच में तुम्हारे पैसे 10 गुना हो गए।

भजनलाल - हा बंधु हा।

तभी मदनलाल के मन में एक विचार आता है।
मदनलाल - भैया वो क्या है न की मुझे भी इस mutual funds में डालने है।।।

मदनलाल का itna कहना था की और log भी कहने लगे।

भजनलाल - अच्छा अच्छा अच्छा बाबा मै बताता हु।
देखिये मै आप लोगो को अपने एक दोस्त से मिलवा दूंगा वही इन सब muthal funds ka jaankaar है usne hi मुझे vishwas dilaya, आप log कहे तो मै usse बात कर skta hoon..


sabhi - haa haa kyu nhi..

भजनलाल - thikk hai फिर कल तैयार रहना मै कल ही तुम लोगो को अपने दोस्त से मिलवा दूंगा।।

और फिर सभी सोने चले jaate hai.

लेकिन उन चारो को नींद कहा से आने वाली थी।
उन्होंने कह तो दिया था भजनलाल से की वो लोग अपना पैसा इंवेस्ट karenge, lekin बात तो ये थी की वो लोग पैसा लायेंगे कहा से

सभी परेशान थे, चारों को कोई उपाय नही सूझ रहा था।
अपने पतियों को इस तरह से आधी रात को हैरान परेशान देखकर उनकी पत्नियाँ जाग गयी,

मदनलाल की बीवी

कलावती - क्या हुआ जी, आप सोये नही अभी तक। कही कोई परेशानी की बात तो नही।

मदनलाल - परेशानी की बात तो है " कला "

कलावती - कैसी परेशानी ?

मदन - देखो अब तुमसे क्या छुपाना, तुम तो जानती हो, की हमने सारे पैसे जुये, शाराब में खत्म कर डाले और वो भजनलाल ने अपने सारे पैसे mutiual fund में इंवेस्ट करके उन्होंने अपने पैसे 10 गुना कर लिया है,

कलावती - हाई,,, दय्या, क्या सच में?

मदन - हा, और भजन भैया ने ही मुझे चमन और दोनों जीजाओ को ये उपाय सुझाया है की हम भी mutiual funds में पैसे लगाए, उनके कोई दोस्त है जो इस सेक्टर में काम करते है कल वो उससे हमें मिलाने वाले है।

कलावती - ये तो बड़ी अच्छी बात है।

मदन - अच्छी बात तो है, लेकिन इंवेस्ट करने के लिए हमारे पास पैसे भी तो होने चाहिए न। सभी खेत भी नशे के चक्कर में बिक गए, अब तो कुछ भी नही बचा अब कहा से लाये इतने पैसे।

कलावती मदनलाल की बात सुनके थोड़ी देर चुप होकर सोचने लगती है।

कलावती - मेरे दिमाग में एक idea 💡 आया है।

मदनलाल - जल्दी से बको।

कलावती - क्या कहा तुमने 🤨

मदनलाल - 😃 मैंने तो जल्दी से बोलो कहा डार्लिंग।

कलावती - अच्छा अच्छा।

मदनलाल - हा 😊

कलावती - तो सुनो देखो हमारे पास और ना ही चमन के पास अब कोई भी प्रोपर्टी नही बची है। तो इसका मतलब ये है की उसको भी अपने साथ हाथ मिलाना होगा।

मदनलाल - हाथ मिलाने से क्या पैसा मिल जायेगा।।

कलावती - हा

मदनलाल - तो फिर मै अभी जाकर चमन से हाथ मिलाकर पैसे लेकर आता हु।

मदनलाल बिस्तर से उठ कर जाने लगता है।
कलावती मदनलाल का कॉलर पकड़ के उसको बिस्तर पर खींच के बैठा देती है।

कलावती - रुक जाओ, सरफिरे आदमी।

मदनलाल - aaaah , क्या कर रही हो। मुझे जाने क्यों नही दे रही

कलावती - aree मेरी पूरी बात तो सुनो उसके बाद जाना।

मदनलाल - अच्छा, तो पूरी बात कहो।

कलावती - तो पूरी बात ये है की, ससुर जी के मरने के बाद उनका ये घर हो गया है सासु माँ के नाम जिसका कोई मतलब है ही नही, वो बुढ़िया हो चुकी है अब वो क्या करेंगी इस घर जायदाद का वैसे भी उनके मरने के बाद तो ये घर उनके बच्चो का ही होगा न मतलब की हमारा तो मै ये सोच रही थी की क्यों न हम ये घर गिरवी रख दे।

मदनलाल - ये क्या बोल रही हो तुम, क्या तुम पागल तो नही हो गयी। चमन, aur भजन भैया कभी नही मानेंगे इसके लिए।

कलावती - मानेंगे जरूर मानेंगे, क्युकी की जिस तरह हमे पैसों की जरूरत है ठीक वैसे ही चमन को भी जरूरत हैं । और रही बात भजन जेठ जी की तो उनको इस बारे में बताने की जरूरत ही नही हैं।

मदनलाल - लेकिन अभी भी एक समस्या हैं।
मां कभी नही मानेगी इस बात के लिये।

कलावती - उनको भी इस बारे में बताने की कोई जरूरत नही हैं।
और कौन सा हम घर बेच रहे हैं, हम तो सिर्फ गिरवी रख रहे हैं। जैसे ही पैसे 10 गुना हो जायेंगे हम घर छुड़ा लेंगे।

मदनलाल - हा तुम्हारी बात में तो दम है।

कलावती : - हा तो अब जाओ और अपने भाई चमन को ये idea💡 सुनाओ और समझाओ।

मदनलाल - ok मै अभी जाता हूँ।

मदनलाल अपने कमरे से निकल के चमन के कमरे की तरफ जाने लगता हैं।
वही इधर लखविंदर और राजिंदर भी पैसे कहा से लाये इस बात की टेंशन में जाग रहे थे।
दोनों को किसी के कदमो की आहट सुनाई दी जिसके कारण वो दोनों उसका पीछा करते हुए पहुँच गए चमन के कमरे के बाहर।

राजिंदर - लखविंदर भाई तुम यहाँ।
लखविंदर - वो मै किसी के कदमो की आवाज़ सुनके आया था । और आप?

राजिंदर - मै भी same to same

लखविंदर - अच्छा,

तभी उन दोनों को मदन और चमन के बीच हो रही बात पता चली।
राजिंदर :- अच्छा तो ये दोनों साले हमारी सासु माँ से धोखे से इस घर के काग़ज़ लेकर इसको गिरवी रख कर अपने लिए पैसों का बंदोबस्त करने वाले है।

लखविंदर - हाँ।
राजिंदर - रुको अभी मजा चखाते हैं इनको,

लखविंदर - वो कैसे.

राजिंदर - चलो अपनी अपनी बीवीयों को अपने इन दोनों सालों की करतूत बताते है। फिर तो वो इन दोनों को नही छोड़ेगी।

लखविंदर - हा 💡 चलो फिर।

अब दोनों अपनी अपनी बीवीयों के पास जाकर उन्हें नींद से जगाते हैं और सारा किस्सा सुनाते हैं।
दोनों बहने गुस्से में मदन और चमन के कमरे की ओर बढ़ने लगती हैं, राजिंदर और लखविंदर भी उनके पीछे पीछे आ जाते है।

अभी मदन और चमन बात कर ही रहे थे की
पूनम - वाह मेरे भाईयों वाह, अपनी मां को ही धोका देने चले हो।
मदन और चमन घबरा जाते है।
मदन - क क क क्या बकवास कर रही हो आप दोनों,

सन्नो - बकवास हम नही तुम कर रहे, तुम्हारे दोनो जीजाओ ने सब कुछ सुन लिया है अब हमसे झुठ बोलने की गलती मत करना।

मदन - क्या आपको सब पता चल गया।

सन्नो - हा।

अब मदन को आने में हो रही देर को देख कलावती खुद आती है,

मदन - कला अब क्या करे। तुम ही कुछ बताओ ये दोनो जीजाओ ने मेरी और चमन की बात सुनके दोनो दीदीयो को सब बता दिया।

पूनम - अच्छा तो ये सारा plan📝 इन महारानी का था।

कलावती - अरे जिजी आप दोनो बैठिये, बैठिये यहाँ पे, और मेरी बात सुनिये, मदन जाओ जाकर दरवाजा बंद करो,

मदन उठ के जाता है और दरवाजा बंद कर देता हैं,

कलावती- अब ठीक है, तो जिजियों और जीजा - जियो आप लोग को सब पता लग चुका हैं।

चारों - हा।

कलावती - अच्छा, तो इसमें गलत क्या हैं, सासु माँ के मरने के बाद तो वैसे भी ये सब कुछ हमारा ही होना था। सो उनके जीते जी कर रहे क्यों छोटी सही कहा न मैंने

chaman ki बीवी माला - जी दीदी आपने बिल्कुल सही कहा।

पूनम & सन्नो - पर इसमें हमारा हिस्सा?

कलावती - हिस्सा 🧐 ये क्या बोल रही आप दोनो इसमें कहा से आपका हिस्सा , क्या आपको पता नही की शादी के बाद से अपने मायके से बेटियों का दाना पानी उठ जाता हैं, तो फिर आप ऐसी बात कैसे कर सकती है।

कलावती की ये बात सुनकर पूनम सन्नो और उनके पतियों के मुह लटक गए 🥲

लखविंदर और राजिंदर - माना की दाना पानी उठ जाता है तो क्या हुआ , हमे भी तो जरूरत हैं पैसे की,

कलावती - तो आप लोग अपना अपना घर गिरवी पर रख दीजिये न, देखिये अगर आपने इसी घर के गिरवी रखे पैसे लिए तो पैसे के चार हिस्से हो जायेगा जिससे प्रॉफिट उतना नही आयेगा , इसलिए मेरा सुझाव ये है की आप दोनो अपना अपना घर गिरवी रख दीजिये और वो पैसा mutiual fund में लगा दीजिये, जब आपके पैसे 10 गुना हो जाए तो अपना घर छुड़ा लेना।

लखविंदर - वाह कला बहु वाह तुम्हारी बात में दम है, हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे इससे हमें जयादा मुनाफा भी होगा, क्युकी लगाई रकम जितनी अधिक होंगी मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा।

कलावती - हा सही पकड़े है आप.
यही तो मै कबसे समझाने का प्रयास कर रही थी की जितना पैसा लगाओगे उतना ज्यादा मुनाफा कमाओगे ।

राजिंदर - हा हमें अब तुम्हारी बात समझ में आ गयी है कला बहु हम दोनो कल सुबह ही जाकर अपने घर के काग जात ले आयेंगे।

मदन - लेकिन अभी भी एक दिक्कत है

poonam - kya?

मदन - हम गिरवी kiske पास रखेंगे।

चमन - मुझे एक आदमी के बारे में पता है, हम उसके ही पास गिरवी रखेंगे,

मदन - नाम क्या है उनका, हिम्मत राव

राजिंदर - हा मैंने बहुत सुना है इनके बारे में नामी रईस है।

चमन - हा।

कलावती - तो चलो तय रहा कल घर गिरवी रख के हम पैसे mutiual fund में डाल देंगे।

सभी - हा सही कहा।

मदन - 🙋 - lekin ek दिक्कत है।

सभी - अब क्या हुआ भाई 😐
मदन - हम माँ के तिजोरी से घर के पेपर कैसे निकालेंगे, माँ तो तिजोरी की चाबी हमेसा अपनी कमर में रखती हैं।

कलावती- उसका भी इलाज हैं मेरे पास,

मदन - क्या क्या।।

कलावती - सुनो, हम माजी के खाने में बेहोसी की दवा डाल देंगे जिससे माजी कुछ समय के लिये बेहोस हो जायेगी और हम उनकी बेहोसी का फायदा उठाकर उनके कमर से चाबी निकाल लेंगे और फिर उनकी तिजोरी से पेपर निकाल के तिजोरी को वापस बंद करके चाबी उनकी कमर पर वापस लटका देंगे।

पूनम & सन्नो - वाह कला बहु वाह क्या दिमाग पाया है।

कलावती - थैंक यूं थैंक यू ।
अब चलो अभी सब सोते है कल बहुत काम भी करना है।।

सभी - हा हा चलो ।

फिर सभी अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
सबको आज चैन की नींद आती हैं।

अगली सुबह होते ही, लखविंदर और राजिंदर अपने अपने घर चले जाते है घर के kaag-jaat लेने।
और यहाँ कलावती अपने प्लेन 📝 ke मुताबिक अपनी सास बसंती देवी को बेहोसी की दवा खाने में मिलाकर दे देती है जिससे खाना खाते ही बसंती देवी को दवा का असर होने लगता है और वो बेहोस हो जाती है। बसंती देवी के बेहोस होते ही कलावती और उसकी देवरानी माला अपनी सास बसंती देवी के कमर से वो तिजोरी की चाबी निकाल लेती हैं और जल्दी से जाकर तिजोरी खोलती हैं, और तिजोरी खोलने के बाद वहाँ से घर के papers 📑 निकाल लेती हैं और तिजोरी को वापस बंद करके तिजोरी की चाबी फिरसे बसंती देवी के कमर पे लटका देती हैं,

मदन और चमन इधर अपनी पत्नियों का इंतज़ार कर रहे थे।
तभी उनको अपनी पत्नियाँ आते हुई दिखी।
मदन- क्या हुआ मिला पेपर 📄 ।।

कलावती - हम दोनो देवरानी, जेठानी मिल जाए तो क्या मुमकिन नही ☺।।
क्यों छोटी सही कहा न?

माला - आप कभी गलत कह सकती हैं क्या दीदी।।
कलावती - नही कभी नही 😌।।
ये रहे घर के पेपर📄 जाओ और जाकर जल्दी से पैसे ले आओ।।

मदन - हा, लेकिन पहले दोनो जीजाओ को तो आने दो।

लखविंदर & राजिंदर - हम दोनो भी आ गए अपने अपने घर के पेपर्स 📑 लेकर।।

कलावती - तो फिर देरी किस बात की, जाइये जल्दी जाइये और पैसे लेकर आइये।।

मदन, चमन और लखविंदर , राजिंदर - हा।।

वो चारों निकल पड़े हिम्मत राव के यहाँ के लिए।।

उन चारो के घर से निकलने के बाद।

पूनम - कला बहु, हम तो आज तक तुम्हे बड़ी ही सीधी समझते थे, लेकिन तुम तो बड़ी ही वो निकली!

कलावती - क्या वो निकली जीजी 🙂

सन्नो, माला & पूनम ( तीनों एक साथ ) - " चालबाज़ ".....

कलावती - हाहाहाहा 😆😆।।।
हा वो तो मैं हूँ , और मुझे तो होना ही था, वरना स्टोरी का title match नही खाता न 😌 ।।

सभी - हाँ! वो भी है 😁 ।।

writer talk - toh देखा आपने इन चालबाज़ो को या कहु चालबाज़ो की टोली को जो कैसे चाल चल- चल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी हैं, न वो अपने घर में चोरी करने से बाज़ आ रहे और न ही अपने ही मां और भाई को धोखा देने से।। इनकी करतूत और चालबाजिया देख कर ही मुझे title " चालबाज़ " रखना पड़ा।।

अब idhar मदन, चमन & लखविंदर, राजिंदर चारों अपने घर के काग़ज़ गिरवी रख के हिम्मत राव के यहाँ से पैसे लेकर आ जाते हैं,

कलावती - ले आये पैसे।

चारो - हा, ले आये।

कलावती - अच्छा अब जाओ और जेठ जी से कहो की वो अपने दोस्त से मिलवाये।।

चारों - हा, हा, अभी जाते हैं।।

वह चारो भजनलाल के पास चले गए, और उससे उसके mutiual fund वाले दोस्त के साथ मिलवाने को कहने लगे,

भजनलाल - मैंने उससे बात कर ली हैं, उसने बुलाया हैं आप लोग को, आप लोग मेरे साथ चलना आज ।।

चारो - ठीक हैं।

भजनलाल अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर शहर जाने लगा उसके साथ मदन, चमन & राजिंदर , लखविंदर भी चलने लगे।

शहर जाकर भजनलाल ने अपनी बीवी और बच्चे को अपने घर में छोड़कर अपने भाई और जीजाओ को साथ लेकर अपने दोस्त के पास ले गया,

अब वहा जाकर इन चारो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सारा पैसा लगा दिया।

अब वहा से वो तीनों भजनलाल के घर जाते है और खाना पीना खा पी रहे होते हैं।
तभी भजनलाल के फोन पे किसी का फोन आता हैं,


भजनलाल - मैं एक मिनट में आया आप लोग खाना पीना खाओ और आराम करो।

अब भजनलाल घर से बाहर आकर फोन recive करता है।

भजनलाल - हैलो।।

फोन पर - हा मै हिम्मत राव बोल रहा हू।

भजनलाल - अरे हिम्मत तु, बड़े दिनों बाद याद किया हैं कैसा हैं।।

हिम्मत राव - मै तो बढ़िया हु भाई, लेकिन तुम्हारी हालत कुछ ठीक नही लग रही।।

भजनलाल - क्यों क्या हुआ मुझे ।।
मैं तो एकदम फस-क्लास हूं।।

हिम्मत राव - देख मुझसे मत छुपा, मैं जान गया हु तुम लोगो की हालत अपनी कुछ ठीक नही चल रही, तभी तुमने घर गिरवी रखा हैं, मदन, चमन आये थे मेरे पास घर के पेपर गिरवी रखवाने और मेरे से पैसे भी लेकर गए है, मैंने उन्हे नही बताया की मैं तुम्हारा दोस्त हु, मुझे लगा की अगर मैंने हमारी दोस्ती के बारे में बता दिया तो वो मुझसे मदद नही लेते । और साथ में 2 और लोग भी आये थे जिसको वह दोनो जीजा जीजा कह रहे थे क्या नाम था उनका।।

भजनलाल - राजिंदर और लखविंदर

हिम्मत - हा यही तो थे, इन्होंने भी अपने घर मेरे पास गिरवी रखे है।।

भजनलाल - इतना बड़ा धोख़ा, कैसे कर सकते हैं ये मेरे साथ।।

हिम्मत - क्या हुआ भजन तु ठीक तो है।।

भजनलाल - अब तक तो ठीक था, मेरे दोस्त लेकिन अपनो के दिये इस धोखे ने मुझे तोड़ दिया हैं ।।

हिम्मत - धोखे ने मतलब ?

भजनलाल - मुझे बिना बताये मेरे दोनो भाइयों ने गाँव का घर गिरवी रख दिया,

हिम्मत - इसका मतलब की तुम्हे इस बारे में कुछ नही पता था।।

भजनलाल - हा, शुक्रिया मेरे दोस्त इन धोकेबाज़ो का राज़ मेरे सामने लाने के लिए अब मै इन्हे नही छोडूंगा।।

हिम्मत - जो भी करना है, अच्छे से सोच विचार कर करना और कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो अपने इस दोस्त को याद कर लेना।।

भजनलाल - हा दोस्त।।
भजनलाल ने फोन काट दिया।।
और अपने mutiual fund वाले दोस्त को फोन मिलाया ।

भजनलाल - हैलो हा मेरी बात ध्यान से सुनो, जितने भी पैसे आज मेरे भाई और जीजाओ ने दिये है उसको उनके नाम पर नही बल्कि #### इसके नाम पर करो । तुम्हारे पास उसके बायोमेट्रिक तो है न।

दोस्त - हा, हा हैं न।।

भजनलाल - तो ठीक हैं,मैंने जैसा कहा हैं बिल्कुल वैसा करो, और अगर इन चारो ने को तुम ये कहना की जिसमे तुमने इंवेस्ट किया था वो डूब गयी और उनका सारा पैसा भी उसके साथ ही समझ गए न।। बाकी का मै संभाल लूंगा।।

दोस्त - समझ गया ।

अब भजनलाल फोन काट कर अंदर गया,तब तक वो लोग अपना खाना निपटा चुके थे और आराम कर रहे थे उनके साथ संजू भी था जो अपने चाचाओ के साथ खेल रहा था।।

भजनलाल - संजू बेटा खेल रहे अपने uncle के साथ।

संजू - हा पापा।।

भजनलाल - खेलो, खेलो जब खेल लेना तब आ जाना ठीक है।।

संजू - हा।।।

भजनलाल अपनी बीवी वैजंती के पास चला जाता हैं और उसको सब बात बता देता हैं,

बैजन्ती - पर ऐसा क्यु किया उन्होंने,

भजनलाल - पता नही, लेकिन इन्होंने जो मुझे धोख़ा दिया हैं, उसका तो अंज़ाम इनको भुगतना पड़ेगा।।।

भजनलाल ने फोन लगाया -

भजनलाल - हेल्लो हिम्मत,
मेरा एक काम हैं तुझसे।।

हिम्मत - कहो भाई।

भजनलाल - जो भी प्रोपर्टी आज मेरे भाईयो और जीजाओ ने तुम्हारे पास गिरवी रखी है वो मै #### इसके नाम पर खरीदना चाहता हूँ।।

हिम्मत - ho जायेगा।।

भजनलाल - ठीक हैं तो मैं आता हूँ,

भजनलाल - अभी जा ही रहा होता हैं, की तभी उसकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता हैं,

भजनलाल - अरे ये क्या हुआ, पेट्रोल तो मैंने फुल कराया था, चलो नीचे उतर के देखता हु।।

भजनलाल अभी नीचे उतरा ही था की तभी की पीछे से उसके सर पे पॉलीथीन भर देता है, पॉलीथीन भरने से उसको सांस नही आती और उसका दम घुट कर मर जाता हैं।।

तभी ये दिखाया जाता हैं की उधर से लखविंदर और चमन भी आते है,

राजिंदर - बड़ा आया था हमारा रास्ता काटने हमारी प्रोपर्टी को ### इसके नाम कराना चाहता था।। अब न तु रहेगा न तेरा परिवार और न ही ### vo.

इधर घर पर मदन ने गैस लिक कर दी और फिर माचिस की तीली से आग लगा कर घर को उड़ा डाला।।

साला हमको चुना लगाने वाले थे ये मिया बीवी लेकिन हम है चालबाज़ हमसे जो टकराएगा वो मरके सीधा उपर को चला जायेगा।।

sorry भैया sorry भाभी वो क्या हैं न आप लोग ने वो कहावत नही सुनी शायद की दीवारो के भी कान होते हैं 🙂।।

अगर सुनी होती तो जिंदा होते । पर अफसोस आपने ध्यान नहीं दिया की कोई आपकी बात सुन सकता हैं।।

मदन - मैं जब संजू को जब छोड़ने आया था, तभी मैंने भजन भैया और वैजंती भाभी की बात सुन ली थी।।

अब इधर पहाड़ी के पास
गाड़ी में भजनलाल की लास को डालकर

राजिंदर - तूने पेट्रोल तो निकाल लिया था न कहा हैं वो।।

चमन - ha जीजा! मैंने निकाल लिया था पेट्रोल तभी तो गाड़ी यही पर रुक गयी।।

राजिंदर - हा तो ला जल्दी, इस गाड़ी को आग लगाने में काम आयेगा।।

चमन - हा।।

चमन पेट्रोल लेकर आता हैं।। और पेट्रोल गाड़ी पर छिड़कने लगता हैं,

राजिंदर - संजू को गाड़ी में डाला हैं न,

लखविंदर - हा, वो देखो।।

राजिंदर - अच्छा अच्छा अब चलो गाड़ी को आग लगा दो।।

चमन ने माचिस निकाला और आग लगा दी,
आग लगा के वो सभी वहा से चले गए।।

गाड़ी धू - धू करके जलने लगी।।

इधर..... ye चारो घर पहुँचे।।
वहा उनकी उनकी बीवीयों ने आज के बारे में पूछा
तब उन चारो ने सारी बात सुना डाली।।।

कलावती - अब क्या होगा, पुलिस कही आप लोग को पकड़ के न ले जाए।।

मदनलाल - ऐसा कुछ भी नही होगा, क्युकी हमने सभी वारदात को एक हादसे की तरह अंज़ाम दिया है।। जिससे किसी को भी शक न हो।।

घर में ⛽ gas सिलिंडर ब्लास्ट से सबको यही लगेगा की ये गैस के ब्लास्ट से हुआ है।। और गाड़ी के जलने से ये होगा की गाड़ी का इंजन overheating की वजह से आग लग गया और गाड़ी का दरवाजा न खुलने के कारण उसमे मौत हुई।।

पूनम - और संजू का क्या हुआ..

लखविंदर - उसको भी मार दिया।।

सन्नो - वो तो बच्चा था उसको क्यों.?

चमन - अरे दीदी समझो, अगर हम केवल भैया और भाभी को मारते तो उनके insurence का पैसा संजू को मिलता, लेकिन अब जब संजू को हमने मार दिया हैं तो अब वो पैसा हमे मिलेगा जिससे हम आराम से अपना जीवन बिता सकते है , और भजनलाल भैया का भी जितना पैसा था जो mutiual fund se 10 गुना हुआ था वो अब हमे मिलेगा।।।

कलावती - और हमारे पैसे जो आज आपने mutiual fund में लगाए है।।

मदन - उसकी उम्मीद छोड़ दो, क्युकी अब न वह आदमी रहा न ही वो पैसा

कलावती - मतलब।।

मदन - मतलब ये की हमने उसको भी निपटा दिया, लेकिन मरने से पहले उसने वो पैसा किसी अंजान शक्स के नाम पर mutiual fund में जमा कर दिया था।।।

माला - अब इस घर का क्या होगा।।

चमन - ये घर तो वो हिम्मत राव हमसे हड़प ही लेगा, ऐसी बात नही है की हम इसको छुड़ा नहीं सकते लेकिन इसको छुड़ाने का कोई मतलब ही नही हैं,
यहाँ रहने से अच्छा हम शहर् में रहे।।

माला - हा सही कहा।।।

और इसके साथ ही ये एपिसोड समाप्त होता है।।


4491 words
Nice update and awesome writing skills
 
Well-known member
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बहुत ही फटे पुराने समय की बात नही हैं,

एक बड़ा सा कबाडियों का धंधा करने वाला व्यक्ति हुआ करता था, जिसको लोग " कबाड़ीमल " के नाम से जानते थे ...

कबाड़ीमल की एक सुंदर सुशील और गदराई बीवी हुआ करती हैं, जिसका नाम हैं " बसंती-देवी "

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बसंती-देवी से " कबाड़ीमल " को 5 संतान की प्राप्ति हुई, जिसमे से 3 लड़के और 2 लड़कियां हुई,

सबसे बड़े लड़के का नाम हुआ - "भजनलाल"

मंझले लड़के का नाम हुआ - " मदनलाल "

और सबसे छोटे लड़के का नाम हुआ - " चमनलाल "

अब आते हैं, लड़कियों की तरफ....

बड़ी लड़की का नाम हुआ - पूनम,

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और छोटी का नाम हुआ - सन्नो,

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दोनों लड़कियां तीनों बेटों से बड़ी थी, मतलब की पूनम सबसे बड़ी संतान थी, उसके बाद सन्नो फिर तीसरी संतान थी लड़के के रूप में जो था भजनलाल, फिर मदनलाल फिर चमनलाल,

सभी की शादी हो चुकी थी।
पूनम और सन्नो अपने अपने ससुराल में खुश थी।
और भजनलाल, मदनलाल और चमनलाल अपनी अपनी बीवी बच्चो के साथ खुश थे।

पूनम के पति का नाम - लखविंदर।

सन्नो के पति का नाम - राजिंदर ।

भजनलाल की बीवी का नाम - वैजंती।

मदनलाल की बीवी का नाम - कलावती।

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चमनलाल की बीवी का नाम - माला।

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समय के साथ सबके बच्चे हुए।

पूनम और लखविंदर की एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - चारू।

सन्नो और राजिंदर की भी एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - नैना।

भजनलाल का एक लड़का था, जिसका नाम हुआ - संजु।

मदनलाल की एक लड़की हुई जिसका नाम हुआ - सोनाली ।

चमनलाल का एक लड़का और लड़की हुई जिसका नाम हुआ -

लड़के का नाम हुआ - रवि।

और लड़की का नाम हुआ - डिंपल ( डिंपी ) ।




🆎 चलते है स्टोरी के मेन टॉपिक के ऊपर।

तो बात तब की है, जब कबाड़ीमल का अंतिम वक़्त आ चुका था, और वो अपनी आखिरी साँस गिन रहा था।
तब उसने अपने तीनों बेटो को अपने पास अपने कमरे में बुलाया और कहने लगा।

कबाड़ीमल - मेरे तीनों बेटों और मेरी दोनों बेटियों , मेरे लखते जिगरो, मेरा अंतिम समय अब आ चुका है ,

भजनलाल - नही ऐसा मत कहिये पिताजी , आपको कुछ नही होगा।

मदनलाल ( & ) चमनलाल - हा पिताजी आप को कुछ नही होगा।

कबाड़ीमल - नही मेरे बच्चो नहीं मै जानता हु की अब मै और नही जिन्दा रह पाऊंगा, मुझे अब जाना ही होगा, मैं जाने से पहले तुम तीनों में अपनी संपत्ति का बराबर बटवारा करना चाहता हु।

मदनलाल - पर बाबूजी आपने तो पहले ही घर और खेत का बटवारा कर दिया है अब और क्या संपत्ती बची बाटने के लिए।

कबाड़ीमल - है बेटा, है एक ऐसी भी सम्पति है जिसको मैंने अब तक राज ही रखा था, क्युकी मै नही चाहता था की वो बाहर आये अगर वो आ जाती तो तुम सब उससे कही गलत काम न कर लो , इसलिए मैंने उसको अब तक तुम तीनों को नहीं बताया था लेकिन आज अब जब मै मरने वाला हु तो मै तुम्हे उसके बारे में बताऊंगा।

मदनलाल, चमनलाल - हा पिताजी बताइए ना।।

कबाड़ीमल - बेटा भजनलाल जाओ जाकर मेरी अलमारी खिसकाओं, मदन और चमन तुम दोनो भी अपने भाई की मदद करो।

तीनों भाई ने जाकर अलमारी खिसका दी ।
अलमारी के खिसकते ही उसके पीछे की दीवार पर उन्हे एक तिजोरी बनी हुई दिखी।

तीनों आश्चर्य में पड़ गए।
भजनलाल - ताजुब की बात है हम बचपन से लेकर जवानी तक इसी घर में रहे खेले , पले बढ़े लेकिन आज तक हमें इस खुफिया तिजोरी के बारे में पता तक नही चला।

मदन & चमन - हा हमें भी।

कबाड़ीमल - क्युकी इसको मैंने खुफिया तरीके से बनवाया था और इसको तुम सभी की नज़रों से बचा के रखा था , ताकि तुम तीनों इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सको।।।
अच्छा अब वो तिजोरी में ये चाबी डालो।
कबाड़ीमल ने चाबी फेकते हुए कहा

चाबी मदनलाल ने उठाया और फिर तिजोरी खोलने लगा।

तिजोरी खोलते ही उसमे से ढेर सारा रुपिया पैसा aur भी न जाने क्या क्या निकला।

भजनलाल, मदनलाल & चमनलाल - पिताजी, इतना सारा धन कहाँ से आया आपके पास।

कबाड़ीमल - वो मेरे इतने सालों की जमापूंजी है ।


कबाड़ीमल - मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम तीनों इसको बराबर पांच हिस्सों में बाट लो। और इसका उपयोग केवल अच्छे कामों में करना।

बसंती-देवी - हा मेरे बच्चो, इसका उपयोग अच्छे कामो में करना। आप चिंता मत करिये ये हमारे बच्चे हैं, ये कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

भजनलाल मदनलाल & चमनलाल - हा हा हा पिताजी हा हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे।

पूनम और सन्नो - हा हा पिताजी हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे ना ही अपने पतियों को करने देंगे।

कबाड़ीमल अपने बच्चो की ये बात सुनकर गद -गद हो जाता हैं, और खुशी- खुशी हँसते हुए , मुश्कुराते हुए चेहरे के साथ उसके प्राण पखेरू उड़ जाते है।

ये देख कर उसके बीवी बच्चे रोने लगे।

थोड़ी देर में इन लोगो की रोने की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी बच्चे जो बाहर थे वो भी अंदर आ गए।

और सबकी नज़र पहले तो पैसों पर जाती है फिर कबाड़ीमल की शव पर।

कबाड़ीमल की शव देखते ही सभी फुट फुट कर रोने लगते है,

थोड़ी देर बाद लाश को जलाने के लिए ले जाते है।




अब कहानी की गति को आगे बढ़ाते है।
अब पैसा sabhi घरवालो के सामने आ चूका था।
सभी ने बसंती देवी की उपस्थिति में अपना - अपना हिस्सा पा लिया था।

बसंती देवी - तुम सभी को अपना - अपना हिस्सा मिल चुका है, अब तुम लोग अपने हिस्से से अपना काम धंधा करो।

सभी बसंती देवी के बात से सहमत होते है।
कबाड़ीमल की मौत के कुछ दिनों बाद सभी अपना - अपना हिस्सा लेकर अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अलग - अलग शहर निकल जाते है।
गाव में जो घर था वहाँ केवल बसंती देवी रह गयी थी। ऐसा बात नही है की उसके बेटों ने उसको अपने साथ रखने से मना कर दिया हो बल्कि वो खुद ही अपने पति के बनाये घर जो गांव में था उसको छोड़ के नही जाना चाहती थी।

भजनलाल जो अपनी पत्नी वैजंती और अपने छोटे से बच्चे संजू को लेकर शहर आ गया था। उसने अपने पैसे एक mutiual - fund में इंवेस्ट किये। जिससे वह और भी अमीर हो गया। जबकि उसके दोनों भाई और दोनों बहनोई ने उस पैसे को जुये , शाराब , और गलत कामो में लगा दिया, जिसके कारण उन सबका हाल बेहाल हो गया।

साल में एक बार सभी लोग गाँव आते थे और एक साथ मिलते थे, इस बार भी ठीक ऐसा ही हुआ।

सभी लोग गाँव के घर पे इक्कठा हुए।
बसंती देवी के लिए ये बहुत खुशी का दिन था क्युकी आज उसका सारा परिवार एक ही छत के नीचे बैठा था।

अब सभी भाई और उनके बहनोई ( जीजा ) आपस में बैठे थे। और अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे।

लेकिन यहाँ पर मदन, चमन और लखविंदर और राजिंदर ने भजनलाल से झुठ बोल दिया की उनका काम भी अच्छा चल रहा है , उन्होंने भजनलाल से झुठ कहा , जबकि भजनलाल बेचारा अपना सच अपने भाई प्रेम में लूटा गया और अपनी पोल पट्टी भी खोल दी की कैसे उसने mutiual funds में पैसे इंवेस्ट करके वो पैसे 10 गुना कर लिए है।

भजनलाल की बात सुनके मदन लाल, चमनलाल और लखविंदर & राजिंदर सभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

मदनलाल - क्या सच में तुम्हारे पैसे 10 गुना हो गए।

भजनलाल - हा बंधु हा।

तभी मदनलाल के मन में एक विचार आता है।
मदनलाल - भैया वो क्या है न की मुझे भी इस mutual funds में डालने है।।।

मदनलाल का itna कहना था की और log भी कहने लगे।

भजनलाल - अच्छा अच्छा अच्छा बाबा मै बताता हु।
देखिये मै आप लोगो को अपने एक दोस्त से मिलवा दूंगा वही इन सब muthal funds ka jaankaar है usne hi मुझे vishwas dilaya, आप log कहे तो मै usse बात कर skta hoon..


sabhi - haa haa kyu nhi..

भजनलाल - thikk hai फिर कल तैयार रहना मै कल ही तुम लोगो को अपने दोस्त से मिलवा दूंगा।।

और फिर सभी सोने चले jaate hai.

लेकिन उन चारो को नींद कहा से आने वाली थी।
उन्होंने कह तो दिया था भजनलाल से की वो लोग अपना पैसा इंवेस्ट karenge, lekin बात तो ये थी की वो लोग पैसा लायेंगे कहा से

सभी परेशान थे, चारों को कोई उपाय नही सूझ रहा था।
अपने पतियों को इस तरह से आधी रात को हैरान परेशान देखकर उनकी पत्नियाँ जाग गयी,

मदनलाल की बीवी

कलावती - क्या हुआ जी, आप सोये नही अभी तक। कही कोई परेशानी की बात तो नही।

मदनलाल - परेशानी की बात तो है " कला "

कलावती - कैसी परेशानी ?

मदन - देखो अब तुमसे क्या छुपाना, तुम तो जानती हो, की हमने सारे पैसे जुये, शाराब में खत्म कर डाले और वो भजनलाल ने अपने सारे पैसे mutiual fund में इंवेस्ट करके उन्होंने अपने पैसे 10 गुना कर लिया है,

कलावती - हाई,,, दय्या, क्या सच में?

मदन - हा, और भजन भैया ने ही मुझे चमन और दोनों जीजाओ को ये उपाय सुझाया है की हम भी mutiual funds में पैसे लगाए, उनके कोई दोस्त है जो इस सेक्टर में काम करते है कल वो उससे हमें मिलाने वाले है।

कलावती - ये तो बड़ी अच्छी बात है।

मदन - अच्छी बात तो है, लेकिन इंवेस्ट करने के लिए हमारे पास पैसे भी तो होने चाहिए न। सभी खेत भी नशे के चक्कर में बिक गए, अब तो कुछ भी नही बचा अब कहा से लाये इतने पैसे।

कलावती मदनलाल की बात सुनके थोड़ी देर चुप होकर सोचने लगती है।

कलावती - मेरे दिमाग में एक idea 💡 आया है।

मदनलाल - जल्दी से बको।

कलावती - क्या कहा तुमने 🤨

मदनलाल - 😃 मैंने तो जल्दी से बोलो कहा डार्लिंग।

कलावती - अच्छा अच्छा।

मदनलाल - हा 😊

कलावती - तो सुनो देखो हमारे पास और ना ही चमन के पास अब कोई भी प्रोपर्टी नही बची है। तो इसका मतलब ये है की उसको भी अपने साथ हाथ मिलाना होगा।

मदनलाल - हाथ मिलाने से क्या पैसा मिल जायेगा।।

कलावती - हा

मदनलाल - तो फिर मै अभी जाकर चमन से हाथ मिलाकर पैसे लेकर आता हु।

मदनलाल बिस्तर से उठ कर जाने लगता है।
कलावती मदनलाल का कॉलर पकड़ के उसको बिस्तर पर खींच के बैठा देती है।

कलावती - रुक जाओ, सरफिरे आदमी।

मदनलाल - aaaah , क्या कर रही हो। मुझे जाने क्यों नही दे रही

कलावती - aree मेरी पूरी बात तो सुनो उसके बाद जाना।

मदनलाल - अच्छा, तो पूरी बात कहो।

कलावती - तो पूरी बात ये है की, ससुर जी के मरने के बाद उनका ये घर हो गया है सासु माँ के नाम जिसका कोई मतलब है ही नही, वो बुढ़िया हो चुकी है अब वो क्या करेंगी इस घर जायदाद का वैसे भी उनके मरने के बाद तो ये घर उनके बच्चो का ही होगा न मतलब की हमारा तो मै ये सोच रही थी की क्यों न हम ये घर गिरवी रख दे।

मदनलाल - ये क्या बोल रही हो तुम, क्या तुम पागल तो नही हो गयी। चमन, aur भजन भैया कभी नही मानेंगे इसके लिए।

कलावती - मानेंगे जरूर मानेंगे, क्युकी की जिस तरह हमे पैसों की जरूरत है ठीक वैसे ही चमन को भी जरूरत हैं । और रही बात भजन जेठ जी की तो उनको इस बारे में बताने की जरूरत ही नही हैं।

मदनलाल - लेकिन अभी भी एक समस्या हैं।
मां कभी नही मानेगी इस बात के लिये।

कलावती - उनको भी इस बारे में बताने की कोई जरूरत नही हैं।
और कौन सा हम घर बेच रहे हैं, हम तो सिर्फ गिरवी रख रहे हैं। जैसे ही पैसे 10 गुना हो जायेंगे हम घर छुड़ा लेंगे।

मदनलाल - हा तुम्हारी बात में तो दम है।

कलावती : - हा तो अब जाओ और अपने भाई चमन को ये idea💡 सुनाओ और समझाओ।

मदनलाल - ok मै अभी जाता हूँ।

मदनलाल अपने कमरे से निकल के चमन के कमरे की तरफ जाने लगता हैं।
वही इधर लखविंदर और राजिंदर भी पैसे कहा से लाये इस बात की टेंशन में जाग रहे थे।
दोनों को किसी के कदमो की आहट सुनाई दी जिसके कारण वो दोनों उसका पीछा करते हुए पहुँच गए चमन के कमरे के बाहर।

राजिंदर - लखविंदर भाई तुम यहाँ।
लखविंदर - वो मै किसी के कदमो की आवाज़ सुनके आया था । और आप?

राजिंदर - मै भी same to same

लखविंदर - अच्छा,

तभी उन दोनों को मदन और चमन के बीच हो रही बात पता चली।
राजिंदर :- अच्छा तो ये दोनों साले हमारी सासु माँ से धोखे से इस घर के काग़ज़ लेकर इसको गिरवी रख कर अपने लिए पैसों का बंदोबस्त करने वाले है।

लखविंदर - हाँ।
राजिंदर - रुको अभी मजा चखाते हैं इनको,

लखविंदर - वो कैसे.

राजिंदर - चलो अपनी अपनी बीवीयों को अपने इन दोनों सालों की करतूत बताते है। फिर तो वो इन दोनों को नही छोड़ेगी।

लखविंदर - हा 💡 चलो फिर।

अब दोनों अपनी अपनी बीवीयों के पास जाकर उन्हें नींद से जगाते हैं और सारा किस्सा सुनाते हैं।
दोनों बहने गुस्से में मदन और चमन के कमरे की ओर बढ़ने लगती हैं, राजिंदर और लखविंदर भी उनके पीछे पीछे आ जाते है।

अभी मदन और चमन बात कर ही रहे थे की
पूनम - वाह मेरे भाईयों वाह, अपनी मां को ही धोका देने चले हो।
मदन और चमन घबरा जाते है।
मदन - क क क क्या बकवास कर रही हो आप दोनों,

सन्नो - बकवास हम नही तुम कर रहे, तुम्हारे दोनो जीजाओ ने सब कुछ सुन लिया है अब हमसे झुठ बोलने की गलती मत करना।

मदन - क्या आपको सब पता चल गया।

सन्नो - हा।

अब मदन को आने में हो रही देर को देख कलावती खुद आती है,

मदन - कला अब क्या करे। तुम ही कुछ बताओ ये दोनो जीजाओ ने मेरी और चमन की बात सुनके दोनो दीदीयो को सब बता दिया।

पूनम - अच्छा तो ये सारा plan📝 इन महारानी का था।

कलावती - अरे जिजी आप दोनो बैठिये, बैठिये यहाँ पे, और मेरी बात सुनिये, मदन जाओ जाकर दरवाजा बंद करो,

मदन उठ के जाता है और दरवाजा बंद कर देता हैं,

कलावती- अब ठीक है, तो जिजियों और जीजा - जियो आप लोग को सब पता लग चुका हैं।

चारों - हा।

कलावती - अच्छा, तो इसमें गलत क्या हैं, सासु माँ के मरने के बाद तो वैसे भी ये सब कुछ हमारा ही होना था। सो उनके जीते जी कर रहे क्यों छोटी सही कहा न मैंने

chaman ki बीवी माला - जी दीदी आपने बिल्कुल सही कहा।

पूनम & सन्नो - पर इसमें हमारा हिस्सा?

कलावती - हिस्सा 🧐 ये क्या बोल रही आप दोनो इसमें कहा से आपका हिस्सा , क्या आपको पता नही की शादी के बाद से अपने मायके से बेटियों का दाना पानी उठ जाता हैं, तो फिर आप ऐसी बात कैसे कर सकती है।

कलावती की ये बात सुनकर पूनम सन्नो और उनके पतियों के मुह लटक गए 🥲

लखविंदर और राजिंदर - माना की दाना पानी उठ जाता है तो क्या हुआ , हमे भी तो जरूरत हैं पैसे की,

कलावती - तो आप लोग अपना अपना घर गिरवी पर रख दीजिये न, देखिये अगर आपने इसी घर के गिरवी रखे पैसे लिए तो पैसे के चार हिस्से हो जायेगा जिससे प्रॉफिट उतना नही आयेगा , इसलिए मेरा सुझाव ये है की आप दोनो अपना अपना घर गिरवी रख दीजिये और वो पैसा mutiual fund में लगा दीजिये, जब आपके पैसे 10 गुना हो जाए तो अपना घर छुड़ा लेना।

लखविंदर - वाह कला बहु वाह तुम्हारी बात में दम है, हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे इससे हमें जयादा मुनाफा भी होगा, क्युकी लगाई रकम जितनी अधिक होंगी मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा।

कलावती - हा सही पकड़े है आप.
यही तो मै कबसे समझाने का प्रयास कर रही थी की जितना पैसा लगाओगे उतना ज्यादा मुनाफा कमाओगे ।

राजिंदर - हा हमें अब तुम्हारी बात समझ में आ गयी है कला बहु हम दोनो कल सुबह ही जाकर अपने घर के काग जात ले आयेंगे।

मदन - लेकिन अभी भी एक दिक्कत है

poonam - kya?

मदन - हम गिरवी kiske पास रखेंगे।

चमन - मुझे एक आदमी के बारे में पता है, हम उसके ही पास गिरवी रखेंगे,

मदन - नाम क्या है उनका, हिम्मत राव

राजिंदर - हा मैंने बहुत सुना है इनके बारे में नामी रईस है।

चमन - हा।

कलावती - तो चलो तय रहा कल घर गिरवी रख के हम पैसे mutiual fund में डाल देंगे।

सभी - हा सही कहा।

मदन - 🙋 - lekin ek दिक्कत है।

सभी - अब क्या हुआ भाई 😐
मदन - हम माँ के तिजोरी से घर के पेपर कैसे निकालेंगे, माँ तो तिजोरी की चाबी हमेसा अपनी कमर में रखती हैं।

कलावती- उसका भी इलाज हैं मेरे पास,

मदन - क्या क्या।।

कलावती - सुनो, हम माजी के खाने में बेहोसी की दवा डाल देंगे जिससे माजी कुछ समय के लिये बेहोस हो जायेगी और हम उनकी बेहोसी का फायदा उठाकर उनके कमर से चाबी निकाल लेंगे और फिर उनकी तिजोरी से पेपर निकाल के तिजोरी को वापस बंद करके चाबी उनकी कमर पर वापस लटका देंगे।

पूनम & सन्नो - वाह कला बहु वाह क्या दिमाग पाया है।

कलावती - थैंक यूं थैंक यू ।
अब चलो अभी सब सोते है कल बहुत काम भी करना है।।

सभी - हा हा चलो ।

फिर सभी अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
सबको आज चैन की नींद आती हैं।

अगली सुबह होते ही, लखविंदर और राजिंदर अपने अपने घर चले जाते है घर के kaag-jaat लेने।
और यहाँ कलावती अपने प्लेन 📝 ke मुताबिक अपनी सास बसंती देवी को बेहोसी की दवा खाने में मिलाकर दे देती है जिससे खाना खाते ही बसंती देवी को दवा का असर होने लगता है और वो बेहोस हो जाती है। बसंती देवी के बेहोस होते ही कलावती और उसकी देवरानी माला अपनी सास बसंती देवी के कमर से वो तिजोरी की चाबी निकाल लेती हैं और जल्दी से जाकर तिजोरी खोलती हैं, और तिजोरी खोलने के बाद वहाँ से घर के papers 📑 निकाल लेती हैं और तिजोरी को वापस बंद करके तिजोरी की चाबी फिरसे बसंती देवी के कमर पे लटका देती हैं,

मदन और चमन इधर अपनी पत्नियों का इंतज़ार कर रहे थे।
तभी उनको अपनी पत्नियाँ आते हुई दिखी।
मदन- क्या हुआ मिला पेपर 📄 ।।

कलावती - हम दोनो देवरानी, जेठानी मिल जाए तो क्या मुमकिन नही ☺।।
क्यों छोटी सही कहा न?

माला - आप कभी गलत कह सकती हैं क्या दीदी।।
कलावती - नही कभी नही 😌।।
ये रहे घर के पेपर📄 जाओ और जाकर जल्दी से पैसे ले आओ।।

मदन - हा, लेकिन पहले दोनो जीजाओ को तो आने दो।

लखविंदर & राजिंदर - हम दोनो भी आ गए अपने अपने घर के पेपर्स 📑 लेकर।।

कलावती - तो फिर देरी किस बात की, जाइये जल्दी जाइये और पैसे लेकर आइये।।

मदन, चमन और लखविंदर , राजिंदर - हा।।

वो चारों निकल पड़े हिम्मत राव के यहाँ के लिए।।

उन चारो के घर से निकलने के बाद।

पूनम - कला बहु, हम तो आज तक तुम्हे बड़ी ही सीधी समझते थे, लेकिन तुम तो बड़ी ही वो निकली!

कलावती - क्या वो निकली जीजी 🙂

सन्नो, माला & पूनम ( तीनों एक साथ ) - " चालबाज़ ".....

कलावती - हाहाहाहा 😆😆।।।
हा वो तो मैं हूँ , और मुझे तो होना ही था, वरना स्टोरी का title match नही खाता न 😌 ।।

सभी - हाँ! वो भी है 😁 ।।

writer talk - toh देखा आपने इन चालबाज़ो को या कहु चालबाज़ो की टोली को जो कैसे चाल चल- चल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी हैं, न वो अपने घर में चोरी करने से बाज़ आ रहे और न ही अपने ही मां और भाई को धोखा देने से।। इनकी करतूत और चालबाजिया देख कर ही मुझे title " चालबाज़ " रखना पड़ा।।

अब idhar मदन, चमन & लखविंदर, राजिंदर चारों अपने घर के काग़ज़ गिरवी रख के हिम्मत राव के यहाँ से पैसे लेकर आ जाते हैं,

कलावती - ले आये पैसे।

चारो - हा, ले आये।

कलावती - अच्छा अब जाओ और जेठ जी से कहो की वो अपने दोस्त से मिलवाये।।

चारों - हा, हा, अभी जाते हैं।।

वह चारो भजनलाल के पास चले गए, और उससे उसके mutiual fund वाले दोस्त के साथ मिलवाने को कहने लगे,

भजनलाल - मैंने उससे बात कर ली हैं, उसने बुलाया हैं आप लोग को, आप लोग मेरे साथ चलना आज ।।

चारो - ठीक हैं।

भजनलाल अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर शहर जाने लगा उसके साथ मदन, चमन & राजिंदर , लखविंदर भी चलने लगे।

शहर जाकर भजनलाल ने अपनी बीवी और बच्चे को अपने घर में छोड़कर अपने भाई और जीजाओ को साथ लेकर अपने दोस्त के पास ले गया,

अब वहा जाकर इन चारो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सारा पैसा लगा दिया।

अब वहा से वो तीनों भजनलाल के घर जाते है और खाना पीना खा पी रहे होते हैं।
तभी भजनलाल के फोन पे किसी का फोन आता हैं,


भजनलाल - मैं एक मिनट में आया आप लोग खाना पीना खाओ और आराम करो।

अब भजनलाल घर से बाहर आकर फोन recive करता है।

भजनलाल - हैलो।।

फोन पर - हा मै हिम्मत राव बोल रहा हू।

भजनलाल - अरे हिम्मत तु, बड़े दिनों बाद याद किया हैं कैसा हैं।।

हिम्मत राव - मै तो बढ़िया हु भाई, लेकिन तुम्हारी हालत कुछ ठीक नही लग रही।।

भजनलाल - क्यों क्या हुआ मुझे ।।
मैं तो एकदम फस-क्लास हूं।।

हिम्मत राव - देख मुझसे मत छुपा, मैं जान गया हु तुम लोगो की हालत अपनी कुछ ठीक नही चल रही, तभी तुमने घर गिरवी रखा हैं, मदन, चमन आये थे मेरे पास घर के पेपर गिरवी रखवाने और मेरे से पैसे भी लेकर गए है, मैंने उन्हे नही बताया की मैं तुम्हारा दोस्त हु, मुझे लगा की अगर मैंने हमारी दोस्ती के बारे में बता दिया तो वो मुझसे मदद नही लेते । और साथ में 2 और लोग भी आये थे जिसको वह दोनो जीजा जीजा कह रहे थे क्या नाम था उनका।।

भजनलाल - राजिंदर और लखविंदर

हिम्मत - हा यही तो थे, इन्होंने भी अपने घर मेरे पास गिरवी रखे है।।

भजनलाल - इतना बड़ा धोख़ा, कैसे कर सकते हैं ये मेरे साथ।।

हिम्मत - क्या हुआ भजन तु ठीक तो है।।

भजनलाल - अब तक तो ठीक था, मेरे दोस्त लेकिन अपनो के दिये इस धोखे ने मुझे तोड़ दिया हैं ।।

हिम्मत - धोखे ने मतलब ?

भजनलाल - मुझे बिना बताये मेरे दोनो भाइयों ने गाँव का घर गिरवी रख दिया,

हिम्मत - इसका मतलब की तुम्हे इस बारे में कुछ नही पता था।।

भजनलाल - हा, शुक्रिया मेरे दोस्त इन धोकेबाज़ो का राज़ मेरे सामने लाने के लिए अब मै इन्हे नही छोडूंगा।।

हिम्मत - जो भी करना है, अच्छे से सोच विचार कर करना और कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो अपने इस दोस्त को याद कर लेना।।

भजनलाल - हा दोस्त।।
भजनलाल ने फोन काट दिया।।
और अपने mutiual fund वाले दोस्त को फोन मिलाया ।

भजनलाल - हैलो हा मेरी बात ध्यान से सुनो, जितने भी पैसे आज मेरे भाई और जीजाओ ने दिये है उसको उनके नाम पर नही बल्कि #### इसके नाम पर करो । तुम्हारे पास उसके बायोमेट्रिक तो है न।

दोस्त - हा, हा हैं न।।

भजनलाल - तो ठीक हैं,मैंने जैसा कहा हैं बिल्कुल वैसा करो, और अगर इन चारो ने को तुम ये कहना की जिसमे तुमने इंवेस्ट किया था वो डूब गयी और उनका सारा पैसा भी उसके साथ ही समझ गए न।। बाकी का मै संभाल लूंगा।।

दोस्त - समझ गया ।

अब भजनलाल फोन काट कर अंदर गया,तब तक वो लोग अपना खाना निपटा चुके थे और आराम कर रहे थे उनके साथ संजू भी था जो अपने चाचाओ के साथ खेल रहा था।।

भजनलाल - संजू बेटा खेल रहे अपने uncle के साथ।

संजू - हा पापा।।

भजनलाल - खेलो, खेलो जब खेल लेना तब आ जाना ठीक है।।

संजू - हा।।।

भजनलाल अपनी बीवी वैजंती के पास चला जाता हैं और उसको सब बात बता देता हैं,

बैजन्ती - पर ऐसा क्यु किया उन्होंने,

भजनलाल - पता नही, लेकिन इन्होंने जो मुझे धोख़ा दिया हैं, उसका तो अंज़ाम इनको भुगतना पड़ेगा।।।

भजनलाल ने फोन लगाया -

भजनलाल - हेल्लो हिम्मत,
मेरा एक काम हैं तुझसे।।

हिम्मत - कहो भाई।

भजनलाल - जो भी प्रोपर्टी आज मेरे भाईयो और जीजाओ ने तुम्हारे पास गिरवी रखी है वो मै #### इसके नाम पर खरीदना चाहता हूँ।।

हिम्मत - ho जायेगा।।

भजनलाल - ठीक हैं तो मैं आता हूँ,

भजनलाल - अभी जा ही रहा होता हैं, की तभी उसकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता हैं,

भजनलाल - अरे ये क्या हुआ, पेट्रोल तो मैंने फुल कराया था, चलो नीचे उतर के देखता हु।।

भजनलाल अभी नीचे उतरा ही था की तभी की पीछे से उसके सर पे पॉलीथीन भर देता है, पॉलीथीन भरने से उसको सांस नही आती और उसका दम घुट कर मर जाता हैं।।

तभी ये दिखाया जाता हैं की उधर से लखविंदर और चमन भी आते है,

राजिंदर - बड़ा आया था हमारा रास्ता काटने हमारी प्रोपर्टी को ### इसके नाम कराना चाहता था।। अब न तु रहेगा न तेरा परिवार और न ही ### vo.

इधर घर पर मदन ने गैस लिक कर दी और फिर माचिस की तीली से आग लगा कर घर को उड़ा डाला।।

साला हमको चुना लगाने वाले थे ये मिया बीवी लेकिन हम है चालबाज़ हमसे जो टकराएगा वो मरके सीधा उपर को चला जायेगा।।

sorry भैया sorry भाभी वो क्या हैं न आप लोग ने वो कहावत नही सुनी शायद की दीवारो के भी कान होते हैं 🙂।।

अगर सुनी होती तो जिंदा होते । पर अफसोस आपने ध्यान नहीं दिया की कोई आपकी बात सुन सकता हैं।।

मदन - मैं जब संजू को जब छोड़ने आया था, तभी मैंने भजन भैया और वैजंती भाभी की बात सुन ली थी।।

अब इधर पहाड़ी के पास
गाड़ी में भजनलाल की लास को डालकर

राजिंदर - तूने पेट्रोल तो निकाल लिया था न कहा हैं वो।।

चमन - ha जीजा! मैंने निकाल लिया था पेट्रोल तभी तो गाड़ी यही पर रुक गयी।।

राजिंदर - हा तो ला जल्दी, इस गाड़ी को आग लगाने में काम आयेगा।।

चमन - हा।।

चमन पेट्रोल लेकर आता हैं।। और पेट्रोल गाड़ी पर छिड़कने लगता हैं,

राजिंदर - संजू को गाड़ी में डाला हैं न,

लखविंदर - हा, वो देखो।।

राजिंदर - अच्छा अच्छा अब चलो गाड़ी को आग लगा दो।।

चमन ने माचिस निकाला और आग लगा दी,
आग लगा के वो सभी वहा से चले गए।।

गाड़ी धू - धू करके जलने लगी।।

इधर..... ye चारो घर पहुँचे।।
वहा उनकी उनकी बीवीयों ने आज के बारे में पूछा
तब उन चारो ने सारी बात सुना डाली।।।

कलावती - अब क्या होगा, पुलिस कही आप लोग को पकड़ के न ले जाए।।

मदनलाल - ऐसा कुछ भी नही होगा, क्युकी हमने सभी वारदात को एक हादसे की तरह अंज़ाम दिया है।। जिससे किसी को भी शक न हो।।

घर में ⛽ gas सिलिंडर ब्लास्ट से सबको यही लगेगा की ये गैस के ब्लास्ट से हुआ है।। और गाड़ी के जलने से ये होगा की गाड़ी का इंजन overheating की वजह से आग लग गया और गाड़ी का दरवाजा न खुलने के कारण उसमे मौत हुई।।

पूनम - और संजू का क्या हुआ..

लखविंदर - उसको भी मार दिया।।

सन्नो - वो तो बच्चा था उसको क्यों.?

चमन - अरे दीदी समझो, अगर हम केवल भैया और भाभी को मारते तो उनके insurence का पैसा संजू को मिलता, लेकिन अब जब संजू को हमने मार दिया हैं तो अब वो पैसा हमे मिलेगा जिससे हम आराम से अपना जीवन बिता सकते है , और भजनलाल भैया का भी जितना पैसा था जो mutiual fund se 10 गुना हुआ था वो अब हमे मिलेगा।।।

कलावती - और हमारे पैसे जो आज आपने mutiual fund में लगाए है।।

मदन - उसकी उम्मीद छोड़ दो, क्युकी अब न वह आदमी रहा न ही वो पैसा

कलावती - मतलब।।

मदन - मतलब ये की हमने उसको भी निपटा दिया, लेकिन मरने से पहले उसने वो पैसा किसी अंजान शक्स के नाम पर mutiual fund में जमा कर दिया था।।।

माला - अब इस घर का क्या होगा।।

चमन - ये घर तो वो हिम्मत राव हमसे हड़प ही लेगा, ऐसी बात नही है की हम इसको छुड़ा नहीं सकते लेकिन इसको छुड़ाने का कोई मतलब ही नही हैं,
यहाँ रहने से अच्छा हम शहर् में रहे।।

माला - हा सही कहा।।।

और इसके साथ ही ये एपिसोड समाप्त होता है।।


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Nice update and awesome writing skills
 
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बहुत ही फटे पुराने समय की बात नही हैं,

एक बड़ा सा कबाडियों का धंधा करने वाला व्यक्ति हुआ करता था, जिसको लोग " कबाड़ीमल " के नाम से जानते थे ...

कबाड़ीमल की एक सुंदर सुशील और गदराई बीवी हुआ करती हैं, जिसका नाम हैं " बसंती-देवी "

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बसंती-देवी से " कबाड़ीमल " को 5 संतान की प्राप्ति हुई, जिसमे से 3 लड़के और 2 लड़कियां हुई,

सबसे बड़े लड़के का नाम हुआ - "भजनलाल"

मंझले लड़के का नाम हुआ - " मदनलाल "

और सबसे छोटे लड़के का नाम हुआ - " चमनलाल "

अब आते हैं, लड़कियों की तरफ....

बड़ी लड़की का नाम हुआ - पूनम,

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और छोटी का नाम हुआ - सन्नो,

1000412945-01

दोनों लड़कियां तीनों बेटों से बड़ी थी, मतलब की पूनम सबसे बड़ी संतान थी, उसके बाद सन्नो फिर तीसरी संतान थी लड़के के रूप में जो था भजनलाल, फिर मदनलाल फिर चमनलाल,

सभी की शादी हो चुकी थी।
पूनम और सन्नो अपने अपने ससुराल में खुश थी।
और भजनलाल, मदनलाल और चमनलाल अपनी अपनी बीवी बच्चो के साथ खुश थे।

पूनम के पति का नाम - लखविंदर।

सन्नो के पति का नाम - राजिंदर ।

भजनलाल की बीवी का नाम - वैजंती।

मदनलाल की बीवी का नाम - कलावती।

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चमनलाल की बीवी का नाम - माला।

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समय के साथ सबके बच्चे हुए।

पूनम और लखविंदर की एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - चारू।

सन्नो और राजिंदर की भी एक बेटी हुई जिसका नाम हुआ - नैना।

भजनलाल का एक लड़का था, जिसका नाम हुआ - संजु।

मदनलाल की एक लड़की हुई जिसका नाम हुआ - सोनाली ।

चमनलाल का एक लड़का और लड़की हुई जिसका नाम हुआ -

लड़के का नाम हुआ - रवि।

और लड़की का नाम हुआ - डिंपल ( डिंपी ) ।




🆎 चलते है स्टोरी के मेन टॉपिक के ऊपर।

तो बात तब की है, जब कबाड़ीमल का अंतिम वक़्त आ चुका था, और वो अपनी आखिरी साँस गिन रहा था।
तब उसने अपने तीनों बेटो को अपने पास अपने कमरे में बुलाया और कहने लगा।

कबाड़ीमल - मेरे तीनों बेटों और मेरी दोनों बेटियों , मेरे लखते जिगरो, मेरा अंतिम समय अब आ चुका है ,

भजनलाल - नही ऐसा मत कहिये पिताजी , आपको कुछ नही होगा।

मदनलाल ( & ) चमनलाल - हा पिताजी आप को कुछ नही होगा।

कबाड़ीमल - नही मेरे बच्चो नहीं मै जानता हु की अब मै और नही जिन्दा रह पाऊंगा, मुझे अब जाना ही होगा, मैं जाने से पहले तुम तीनों में अपनी संपत्ति का बराबर बटवारा करना चाहता हु।

मदनलाल - पर बाबूजी आपने तो पहले ही घर और खेत का बटवारा कर दिया है अब और क्या संपत्ती बची बाटने के लिए।

कबाड़ीमल - है बेटा, है एक ऐसी भी सम्पति है जिसको मैंने अब तक राज ही रखा था, क्युकी मै नही चाहता था की वो बाहर आये अगर वो आ जाती तो तुम सब उससे कही गलत काम न कर लो , इसलिए मैंने उसको अब तक तुम तीनों को नहीं बताया था लेकिन आज अब जब मै मरने वाला हु तो मै तुम्हे उसके बारे में बताऊंगा।

मदनलाल, चमनलाल - हा पिताजी बताइए ना।।

कबाड़ीमल - बेटा भजनलाल जाओ जाकर मेरी अलमारी खिसकाओं, मदन और चमन तुम दोनो भी अपने भाई की मदद करो।

तीनों भाई ने जाकर अलमारी खिसका दी ।
अलमारी के खिसकते ही उसके पीछे की दीवार पर उन्हे एक तिजोरी बनी हुई दिखी।

तीनों आश्चर्य में पड़ गए।
भजनलाल - ताजुब की बात है हम बचपन से लेकर जवानी तक इसी घर में रहे खेले , पले बढ़े लेकिन आज तक हमें इस खुफिया तिजोरी के बारे में पता तक नही चला।

मदन & चमन - हा हमें भी।

कबाड़ीमल - क्युकी इसको मैंने खुफिया तरीके से बनवाया था और इसको तुम सभी की नज़रों से बचा के रखा था , ताकि तुम तीनों इसका कोई गलत इस्तेमाल ना कर सको।।।
अच्छा अब वो तिजोरी में ये चाबी डालो।
कबाड़ीमल ने चाबी फेकते हुए कहा

चाबी मदनलाल ने उठाया और फिर तिजोरी खोलने लगा।

तिजोरी खोलते ही उसमे से ढेर सारा रुपिया पैसा aur भी न जाने क्या क्या निकला।

भजनलाल, मदनलाल & चमनलाल - पिताजी, इतना सारा धन कहाँ से आया आपके पास।

कबाड़ीमल - वो मेरे इतने सालों की जमापूंजी है ।


कबाड़ीमल - मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम तीनों इसको बराबर पांच हिस्सों में बाट लो। और इसका उपयोग केवल अच्छे कामों में करना।

बसंती-देवी - हा मेरे बच्चो, इसका उपयोग अच्छे कामो में करना। आप चिंता मत करिये ये हमारे बच्चे हैं, ये कभी कोई गलत काम नहीं करेंगे।

भजनलाल मदनलाल & चमनलाल - हा हा हा पिताजी हा हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे।

पूनम और सन्नो - हा हा पिताजी हम इसका कोई गलत उपयोग नहीं करेंगे ना ही अपने पतियों को करने देंगे।

कबाड़ीमल अपने बच्चो की ये बात सुनकर गद -गद हो जाता हैं, और खुशी- खुशी हँसते हुए , मुश्कुराते हुए चेहरे के साथ उसके प्राण पखेरू उड़ जाते है।

ये देख कर उसके बीवी बच्चे रोने लगे।

थोड़ी देर में इन लोगो की रोने की आवाज़ सुनकर उनकी पत्नी बच्चे जो बाहर थे वो भी अंदर आ गए।

और सबकी नज़र पहले तो पैसों पर जाती है फिर कबाड़ीमल की शव पर।

कबाड़ीमल की शव देखते ही सभी फुट फुट कर रोने लगते है,

थोड़ी देर बाद लाश को जलाने के लिए ले जाते है।




अब कहानी की गति को आगे बढ़ाते है।
अब पैसा sabhi घरवालो के सामने आ चूका था।
सभी ने बसंती देवी की उपस्थिति में अपना - अपना हिस्सा पा लिया था।

बसंती देवी - तुम सभी को अपना - अपना हिस्सा मिल चुका है, अब तुम लोग अपने हिस्से से अपना काम धंधा करो।

सभी बसंती देवी के बात से सहमत होते है।
कबाड़ीमल की मौत के कुछ दिनों बाद सभी अपना - अपना हिस्सा लेकर अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अलग - अलग शहर निकल जाते है।
गाव में जो घर था वहाँ केवल बसंती देवी रह गयी थी। ऐसा बात नही है की उसके बेटों ने उसको अपने साथ रखने से मना कर दिया हो बल्कि वो खुद ही अपने पति के बनाये घर जो गांव में था उसको छोड़ के नही जाना चाहती थी।

भजनलाल जो अपनी पत्नी वैजंती और अपने छोटे से बच्चे संजू को लेकर शहर आ गया था। उसने अपने पैसे एक mutiual - fund में इंवेस्ट किये। जिससे वह और भी अमीर हो गया। जबकि उसके दोनों भाई और दोनों बहनोई ने उस पैसे को जुये , शाराब , और गलत कामो में लगा दिया, जिसके कारण उन सबका हाल बेहाल हो गया।

साल में एक बार सभी लोग गाँव आते थे और एक साथ मिलते थे, इस बार भी ठीक ऐसा ही हुआ।

सभी लोग गाँव के घर पे इक्कठा हुए।
बसंती देवी के लिए ये बहुत खुशी का दिन था क्युकी आज उसका सारा परिवार एक ही छत के नीचे बैठा था।

अब सभी भाई और उनके बहनोई ( जीजा ) आपस में बैठे थे। और अपने अपने काम के बारे में बात कर रहे थे।

लेकिन यहाँ पर मदन, चमन और लखविंदर और राजिंदर ने भजनलाल से झुठ बोल दिया की उनका काम भी अच्छा चल रहा है , उन्होंने भजनलाल से झुठ कहा , जबकि भजनलाल बेचारा अपना सच अपने भाई प्रेम में लूटा गया और अपनी पोल पट्टी भी खोल दी की कैसे उसने mutiual funds में पैसे इंवेस्ट करके वो पैसे 10 गुना कर लिए है।

भजनलाल की बात सुनके मदन लाल, चमनलाल और लखविंदर & राजिंदर सभी के चेहरे का रंग ही उड़ गया।

मदनलाल - क्या सच में तुम्हारे पैसे 10 गुना हो गए।

भजनलाल - हा बंधु हा।

तभी मदनलाल के मन में एक विचार आता है।
मदनलाल - भैया वो क्या है न की मुझे भी इस mutual funds में डालने है।।।

मदनलाल का itna कहना था की और log भी कहने लगे।

भजनलाल - अच्छा अच्छा अच्छा बाबा मै बताता हु।
देखिये मै आप लोगो को अपने एक दोस्त से मिलवा दूंगा वही इन सब muthal funds ka jaankaar है usne hi मुझे vishwas dilaya, आप log कहे तो मै usse बात कर skta hoon..


sabhi - haa haa kyu nhi..

भजनलाल - thikk hai फिर कल तैयार रहना मै कल ही तुम लोगो को अपने दोस्त से मिलवा दूंगा।।

और फिर सभी सोने चले jaate hai.

लेकिन उन चारो को नींद कहा से आने वाली थी।
उन्होंने कह तो दिया था भजनलाल से की वो लोग अपना पैसा इंवेस्ट karenge, lekin बात तो ये थी की वो लोग पैसा लायेंगे कहा से

सभी परेशान थे, चारों को कोई उपाय नही सूझ रहा था।
अपने पतियों को इस तरह से आधी रात को हैरान परेशान देखकर उनकी पत्नियाँ जाग गयी,

मदनलाल की बीवी

कलावती - क्या हुआ जी, आप सोये नही अभी तक। कही कोई परेशानी की बात तो नही।

मदनलाल - परेशानी की बात तो है " कला "

कलावती - कैसी परेशानी ?

मदन - देखो अब तुमसे क्या छुपाना, तुम तो जानती हो, की हमने सारे पैसे जुये, शाराब में खत्म कर डाले और वो भजनलाल ने अपने सारे पैसे mutiual fund में इंवेस्ट करके उन्होंने अपने पैसे 10 गुना कर लिया है,

कलावती - हाई,,, दय्या, क्या सच में?

मदन - हा, और भजन भैया ने ही मुझे चमन और दोनों जीजाओ को ये उपाय सुझाया है की हम भी mutiual funds में पैसे लगाए, उनके कोई दोस्त है जो इस सेक्टर में काम करते है कल वो उससे हमें मिलाने वाले है।

कलावती - ये तो बड़ी अच्छी बात है।

मदन - अच्छी बात तो है, लेकिन इंवेस्ट करने के लिए हमारे पास पैसे भी तो होने चाहिए न। सभी खेत भी नशे के चक्कर में बिक गए, अब तो कुछ भी नही बचा अब कहा से लाये इतने पैसे।

कलावती मदनलाल की बात सुनके थोड़ी देर चुप होकर सोचने लगती है।

कलावती - मेरे दिमाग में एक idea 💡 आया है।

मदनलाल - जल्दी से बको।

कलावती - क्या कहा तुमने 🤨

मदनलाल - 😃 मैंने तो जल्दी से बोलो कहा डार्लिंग।

कलावती - अच्छा अच्छा।

मदनलाल - हा 😊

कलावती - तो सुनो देखो हमारे पास और ना ही चमन के पास अब कोई भी प्रोपर्टी नही बची है। तो इसका मतलब ये है की उसको भी अपने साथ हाथ मिलाना होगा।

मदनलाल - हाथ मिलाने से क्या पैसा मिल जायेगा।।

कलावती - हा

मदनलाल - तो फिर मै अभी जाकर चमन से हाथ मिलाकर पैसे लेकर आता हु।

मदनलाल बिस्तर से उठ कर जाने लगता है।
कलावती मदनलाल का कॉलर पकड़ के उसको बिस्तर पर खींच के बैठा देती है।

कलावती - रुक जाओ, सरफिरे आदमी।

मदनलाल - aaaah , क्या कर रही हो। मुझे जाने क्यों नही दे रही

कलावती - aree मेरी पूरी बात तो सुनो उसके बाद जाना।

मदनलाल - अच्छा, तो पूरी बात कहो।

कलावती - तो पूरी बात ये है की, ससुर जी के मरने के बाद उनका ये घर हो गया है सासु माँ के नाम जिसका कोई मतलब है ही नही, वो बुढ़िया हो चुकी है अब वो क्या करेंगी इस घर जायदाद का वैसे भी उनके मरने के बाद तो ये घर उनके बच्चो का ही होगा न मतलब की हमारा तो मै ये सोच रही थी की क्यों न हम ये घर गिरवी रख दे।

मदनलाल - ये क्या बोल रही हो तुम, क्या तुम पागल तो नही हो गयी। चमन, aur भजन भैया कभी नही मानेंगे इसके लिए।

कलावती - मानेंगे जरूर मानेंगे, क्युकी की जिस तरह हमे पैसों की जरूरत है ठीक वैसे ही चमन को भी जरूरत हैं । और रही बात भजन जेठ जी की तो उनको इस बारे में बताने की जरूरत ही नही हैं।

मदनलाल - लेकिन अभी भी एक समस्या हैं।
मां कभी नही मानेगी इस बात के लिये।

कलावती - उनको भी इस बारे में बताने की कोई जरूरत नही हैं।
और कौन सा हम घर बेच रहे हैं, हम तो सिर्फ गिरवी रख रहे हैं। जैसे ही पैसे 10 गुना हो जायेंगे हम घर छुड़ा लेंगे।

मदनलाल - हा तुम्हारी बात में तो दम है।

कलावती : - हा तो अब जाओ और अपने भाई चमन को ये idea💡 सुनाओ और समझाओ।

मदनलाल - ok मै अभी जाता हूँ।

मदनलाल अपने कमरे से निकल के चमन के कमरे की तरफ जाने लगता हैं।
वही इधर लखविंदर और राजिंदर भी पैसे कहा से लाये इस बात की टेंशन में जाग रहे थे।
दोनों को किसी के कदमो की आहट सुनाई दी जिसके कारण वो दोनों उसका पीछा करते हुए पहुँच गए चमन के कमरे के बाहर।

राजिंदर - लखविंदर भाई तुम यहाँ।
लखविंदर - वो मै किसी के कदमो की आवाज़ सुनके आया था । और आप?

राजिंदर - मै भी same to same

लखविंदर - अच्छा,

तभी उन दोनों को मदन और चमन के बीच हो रही बात पता चली।
राजिंदर :- अच्छा तो ये दोनों साले हमारी सासु माँ से धोखे से इस घर के काग़ज़ लेकर इसको गिरवी रख कर अपने लिए पैसों का बंदोबस्त करने वाले है।

लखविंदर - हाँ।
राजिंदर - रुको अभी मजा चखाते हैं इनको,

लखविंदर - वो कैसे.

राजिंदर - चलो अपनी अपनी बीवीयों को अपने इन दोनों सालों की करतूत बताते है। फिर तो वो इन दोनों को नही छोड़ेगी।

लखविंदर - हा 💡 चलो फिर।

अब दोनों अपनी अपनी बीवीयों के पास जाकर उन्हें नींद से जगाते हैं और सारा किस्सा सुनाते हैं।
दोनों बहने गुस्से में मदन और चमन के कमरे की ओर बढ़ने लगती हैं, राजिंदर और लखविंदर भी उनके पीछे पीछे आ जाते है।

अभी मदन और चमन बात कर ही रहे थे की
पूनम - वाह मेरे भाईयों वाह, अपनी मां को ही धोका देने चले हो।
मदन और चमन घबरा जाते है।
मदन - क क क क्या बकवास कर रही हो आप दोनों,

सन्नो - बकवास हम नही तुम कर रहे, तुम्हारे दोनो जीजाओ ने सब कुछ सुन लिया है अब हमसे झुठ बोलने की गलती मत करना।

मदन - क्या आपको सब पता चल गया।

सन्नो - हा।

अब मदन को आने में हो रही देर को देख कलावती खुद आती है,

मदन - कला अब क्या करे। तुम ही कुछ बताओ ये दोनो जीजाओ ने मेरी और चमन की बात सुनके दोनो दीदीयो को सब बता दिया।

पूनम - अच्छा तो ये सारा plan📝 इन महारानी का था।

कलावती - अरे जिजी आप दोनो बैठिये, बैठिये यहाँ पे, और मेरी बात सुनिये, मदन जाओ जाकर दरवाजा बंद करो,

मदन उठ के जाता है और दरवाजा बंद कर देता हैं,

कलावती- अब ठीक है, तो जिजियों और जीजा - जियो आप लोग को सब पता लग चुका हैं।

चारों - हा।

कलावती - अच्छा, तो इसमें गलत क्या हैं, सासु माँ के मरने के बाद तो वैसे भी ये सब कुछ हमारा ही होना था। सो उनके जीते जी कर रहे क्यों छोटी सही कहा न मैंने

chaman ki बीवी माला - जी दीदी आपने बिल्कुल सही कहा।

पूनम & सन्नो - पर इसमें हमारा हिस्सा?

कलावती - हिस्सा 🧐 ये क्या बोल रही आप दोनो इसमें कहा से आपका हिस्सा , क्या आपको पता नही की शादी के बाद से अपने मायके से बेटियों का दाना पानी उठ जाता हैं, तो फिर आप ऐसी बात कैसे कर सकती है।

कलावती की ये बात सुनकर पूनम सन्नो और उनके पतियों के मुह लटक गए 🥲

लखविंदर और राजिंदर - माना की दाना पानी उठ जाता है तो क्या हुआ , हमे भी तो जरूरत हैं पैसे की,

कलावती - तो आप लोग अपना अपना घर गिरवी पर रख दीजिये न, देखिये अगर आपने इसी घर के गिरवी रखे पैसे लिए तो पैसे के चार हिस्से हो जायेगा जिससे प्रॉफिट उतना नही आयेगा , इसलिए मेरा सुझाव ये है की आप दोनो अपना अपना घर गिरवी रख दीजिये और वो पैसा mutiual fund में लगा दीजिये, जब आपके पैसे 10 गुना हो जाए तो अपना घर छुड़ा लेना।

लखविंदर - वाह कला बहु वाह तुम्हारी बात में दम है, हम बिल्कुल ऐसा ही करेंगे इससे हमें जयादा मुनाफा भी होगा, क्युकी लगाई रकम जितनी अधिक होंगी मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा।

कलावती - हा सही पकड़े है आप.
यही तो मै कबसे समझाने का प्रयास कर रही थी की जितना पैसा लगाओगे उतना ज्यादा मुनाफा कमाओगे ।

राजिंदर - हा हमें अब तुम्हारी बात समझ में आ गयी है कला बहु हम दोनो कल सुबह ही जाकर अपने घर के काग जात ले आयेंगे।

मदन - लेकिन अभी भी एक दिक्कत है

poonam - kya?

मदन - हम गिरवी kiske पास रखेंगे।

चमन - मुझे एक आदमी के बारे में पता है, हम उसके ही पास गिरवी रखेंगे,

मदन - नाम क्या है उनका, हिम्मत राव

राजिंदर - हा मैंने बहुत सुना है इनके बारे में नामी रईस है।

चमन - हा।

कलावती - तो चलो तय रहा कल घर गिरवी रख के हम पैसे mutiual fund में डाल देंगे।

सभी - हा सही कहा।

मदन - 🙋 - lekin ek दिक्कत है।

सभी - अब क्या हुआ भाई 😐
मदन - हम माँ के तिजोरी से घर के पेपर कैसे निकालेंगे, माँ तो तिजोरी की चाबी हमेसा अपनी कमर में रखती हैं।

कलावती- उसका भी इलाज हैं मेरे पास,

मदन - क्या क्या।।

कलावती - सुनो, हम माजी के खाने में बेहोसी की दवा डाल देंगे जिससे माजी कुछ समय के लिये बेहोस हो जायेगी और हम उनकी बेहोसी का फायदा उठाकर उनके कमर से चाबी निकाल लेंगे और फिर उनकी तिजोरी से पेपर निकाल के तिजोरी को वापस बंद करके चाबी उनकी कमर पर वापस लटका देंगे।

पूनम & सन्नो - वाह कला बहु वाह क्या दिमाग पाया है।

कलावती - थैंक यूं थैंक यू ।
अब चलो अभी सब सोते है कल बहुत काम भी करना है।।

सभी - हा हा चलो ।

फिर सभी अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं।
सबको आज चैन की नींद आती हैं।

अगली सुबह होते ही, लखविंदर और राजिंदर अपने अपने घर चले जाते है घर के kaag-jaat लेने।
और यहाँ कलावती अपने प्लेन 📝 ke मुताबिक अपनी सास बसंती देवी को बेहोसी की दवा खाने में मिलाकर दे देती है जिससे खाना खाते ही बसंती देवी को दवा का असर होने लगता है और वो बेहोस हो जाती है। बसंती देवी के बेहोस होते ही कलावती और उसकी देवरानी माला अपनी सास बसंती देवी के कमर से वो तिजोरी की चाबी निकाल लेती हैं और जल्दी से जाकर तिजोरी खोलती हैं, और तिजोरी खोलने के बाद वहाँ से घर के papers 📑 निकाल लेती हैं और तिजोरी को वापस बंद करके तिजोरी की चाबी फिरसे बसंती देवी के कमर पे लटका देती हैं,

मदन और चमन इधर अपनी पत्नियों का इंतज़ार कर रहे थे।
तभी उनको अपनी पत्नियाँ आते हुई दिखी।
मदन- क्या हुआ मिला पेपर 📄 ।।

कलावती - हम दोनो देवरानी, जेठानी मिल जाए तो क्या मुमकिन नही ☺।।
क्यों छोटी सही कहा न?

माला - आप कभी गलत कह सकती हैं क्या दीदी।।
कलावती - नही कभी नही 😌।।
ये रहे घर के पेपर📄 जाओ और जाकर जल्दी से पैसे ले आओ।।

मदन - हा, लेकिन पहले दोनो जीजाओ को तो आने दो।

लखविंदर & राजिंदर - हम दोनो भी आ गए अपने अपने घर के पेपर्स 📑 लेकर।।

कलावती - तो फिर देरी किस बात की, जाइये जल्दी जाइये और पैसे लेकर आइये।।

मदन, चमन और लखविंदर , राजिंदर - हा।।

वो चारों निकल पड़े हिम्मत राव के यहाँ के लिए।।

उन चारो के घर से निकलने के बाद।

पूनम - कला बहु, हम तो आज तक तुम्हे बड़ी ही सीधी समझते थे, लेकिन तुम तो बड़ी ही वो निकली!

कलावती - क्या वो निकली जीजी 🙂

सन्नो, माला & पूनम ( तीनों एक साथ ) - " चालबाज़ ".....

कलावती - हाहाहाहा 😆😆।।।
हा वो तो मैं हूँ , और मुझे तो होना ही था, वरना स्टोरी का title match नही खाता न 😌 ।।

सभी - हाँ! वो भी है 😁 ।।

writer talk - toh देखा आपने इन चालबाज़ो को या कहु चालबाज़ो की टोली को जो कैसे चाल चल- चल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगी हैं, न वो अपने घर में चोरी करने से बाज़ आ रहे और न ही अपने ही मां और भाई को धोखा देने से।। इनकी करतूत और चालबाजिया देख कर ही मुझे title " चालबाज़ " रखना पड़ा।।

अब idhar मदन, चमन & लखविंदर, राजिंदर चारों अपने घर के काग़ज़ गिरवी रख के हिम्मत राव के यहाँ से पैसे लेकर आ जाते हैं,

कलावती - ले आये पैसे।

चारो - हा, ले आये।

कलावती - अच्छा अब जाओ और जेठ जी से कहो की वो अपने दोस्त से मिलवाये।।

चारों - हा, हा, अभी जाते हैं।।

वह चारो भजनलाल के पास चले गए, और उससे उसके mutiual fund वाले दोस्त के साथ मिलवाने को कहने लगे,

भजनलाल - मैंने उससे बात कर ली हैं, उसने बुलाया हैं आप लोग को, आप लोग मेरे साथ चलना आज ।।

चारो - ठीक हैं।

भजनलाल अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर शहर जाने लगा उसके साथ मदन, चमन & राजिंदर , लखविंदर भी चलने लगे।

शहर जाकर भजनलाल ने अपनी बीवी और बच्चे को अपने घर में छोड़कर अपने भाई और जीजाओ को साथ लेकर अपने दोस्त के पास ले गया,

अब वहा जाकर इन चारो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सारा पैसा लगा दिया।

अब वहा से वो तीनों भजनलाल के घर जाते है और खाना पीना खा पी रहे होते हैं।
तभी भजनलाल के फोन पे किसी का फोन आता हैं,


भजनलाल - मैं एक मिनट में आया आप लोग खाना पीना खाओ और आराम करो।

अब भजनलाल घर से बाहर आकर फोन recive करता है।

भजनलाल - हैलो।।

फोन पर - हा मै हिम्मत राव बोल रहा हू।

भजनलाल - अरे हिम्मत तु, बड़े दिनों बाद याद किया हैं कैसा हैं।।

हिम्मत राव - मै तो बढ़िया हु भाई, लेकिन तुम्हारी हालत कुछ ठीक नही लग रही।।

भजनलाल - क्यों क्या हुआ मुझे ।।
मैं तो एकदम फस-क्लास हूं।।

हिम्मत राव - देख मुझसे मत छुपा, मैं जान गया हु तुम लोगो की हालत अपनी कुछ ठीक नही चल रही, तभी तुमने घर गिरवी रखा हैं, मदन, चमन आये थे मेरे पास घर के पेपर गिरवी रखवाने और मेरे से पैसे भी लेकर गए है, मैंने उन्हे नही बताया की मैं तुम्हारा दोस्त हु, मुझे लगा की अगर मैंने हमारी दोस्ती के बारे में बता दिया तो वो मुझसे मदद नही लेते । और साथ में 2 और लोग भी आये थे जिसको वह दोनो जीजा जीजा कह रहे थे क्या नाम था उनका।।

भजनलाल - राजिंदर और लखविंदर

हिम्मत - हा यही तो थे, इन्होंने भी अपने घर मेरे पास गिरवी रखे है।।

भजनलाल - इतना बड़ा धोख़ा, कैसे कर सकते हैं ये मेरे साथ।।

हिम्मत - क्या हुआ भजन तु ठीक तो है।।

भजनलाल - अब तक तो ठीक था, मेरे दोस्त लेकिन अपनो के दिये इस धोखे ने मुझे तोड़ दिया हैं ।।

हिम्मत - धोखे ने मतलब ?

भजनलाल - मुझे बिना बताये मेरे दोनो भाइयों ने गाँव का घर गिरवी रख दिया,

हिम्मत - इसका मतलब की तुम्हे इस बारे में कुछ नही पता था।।

भजनलाल - हा, शुक्रिया मेरे दोस्त इन धोकेबाज़ो का राज़ मेरे सामने लाने के लिए अब मै इन्हे नही छोडूंगा।।

हिम्मत - जो भी करना है, अच्छे से सोच विचार कर करना और कभी भी किसी भी चीज की जरूरत हो तो अपने इस दोस्त को याद कर लेना।।

भजनलाल - हा दोस्त।।
भजनलाल ने फोन काट दिया।।
और अपने mutiual fund वाले दोस्त को फोन मिलाया ।

भजनलाल - हैलो हा मेरी बात ध्यान से सुनो, जितने भी पैसे आज मेरे भाई और जीजाओ ने दिये है उसको उनके नाम पर नही बल्कि #### इसके नाम पर करो । तुम्हारे पास उसके बायोमेट्रिक तो है न।

दोस्त - हा, हा हैं न।।

भजनलाल - तो ठीक हैं,मैंने जैसा कहा हैं बिल्कुल वैसा करो, और अगर इन चारो ने को तुम ये कहना की जिसमे तुमने इंवेस्ट किया था वो डूब गयी और उनका सारा पैसा भी उसके साथ ही समझ गए न।। बाकी का मै संभाल लूंगा।।

दोस्त - समझ गया ।

अब भजनलाल फोन काट कर अंदर गया,तब तक वो लोग अपना खाना निपटा चुके थे और आराम कर रहे थे उनके साथ संजू भी था जो अपने चाचाओ के साथ खेल रहा था।।

भजनलाल - संजू बेटा खेल रहे अपने uncle के साथ।

संजू - हा पापा।।

भजनलाल - खेलो, खेलो जब खेल लेना तब आ जाना ठीक है।।

संजू - हा।।।

भजनलाल अपनी बीवी वैजंती के पास चला जाता हैं और उसको सब बात बता देता हैं,

बैजन्ती - पर ऐसा क्यु किया उन्होंने,

भजनलाल - पता नही, लेकिन इन्होंने जो मुझे धोख़ा दिया हैं, उसका तो अंज़ाम इनको भुगतना पड़ेगा।।।

भजनलाल ने फोन लगाया -

भजनलाल - हेल्लो हिम्मत,
मेरा एक काम हैं तुझसे।।

हिम्मत - कहो भाई।

भजनलाल - जो भी प्रोपर्टी आज मेरे भाईयो और जीजाओ ने तुम्हारे पास गिरवी रखी है वो मै #### इसके नाम पर खरीदना चाहता हूँ।।

हिम्मत - ho जायेगा।।

भजनलाल - ठीक हैं तो मैं आता हूँ,

भजनलाल - अभी जा ही रहा होता हैं, की तभी उसकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो जाता हैं,

भजनलाल - अरे ये क्या हुआ, पेट्रोल तो मैंने फुल कराया था, चलो नीचे उतर के देखता हु।।

भजनलाल अभी नीचे उतरा ही था की तभी की पीछे से उसके सर पे पॉलीथीन भर देता है, पॉलीथीन भरने से उसको सांस नही आती और उसका दम घुट कर मर जाता हैं।।

तभी ये दिखाया जाता हैं की उधर से लखविंदर और चमन भी आते है,

राजिंदर - बड़ा आया था हमारा रास्ता काटने हमारी प्रोपर्टी को ### इसके नाम कराना चाहता था।। अब न तु रहेगा न तेरा परिवार और न ही ### vo.

इधर घर पर मदन ने गैस लिक कर दी और फिर माचिस की तीली से आग लगा कर घर को उड़ा डाला।।

साला हमको चुना लगाने वाले थे ये मिया बीवी लेकिन हम है चालबाज़ हमसे जो टकराएगा वो मरके सीधा उपर को चला जायेगा।।

sorry भैया sorry भाभी वो क्या हैं न आप लोग ने वो कहावत नही सुनी शायद की दीवारो के भी कान होते हैं 🙂।।

अगर सुनी होती तो जिंदा होते । पर अफसोस आपने ध्यान नहीं दिया की कोई आपकी बात सुन सकता हैं।।

मदन - मैं जब संजू को जब छोड़ने आया था, तभी मैंने भजन भैया और वैजंती भाभी की बात सुन ली थी।।

अब इधर पहाड़ी के पास
गाड़ी में भजनलाल की लास को डालकर

राजिंदर - तूने पेट्रोल तो निकाल लिया था न कहा हैं वो।।

चमन - ha जीजा! मैंने निकाल लिया था पेट्रोल तभी तो गाड़ी यही पर रुक गयी।।

राजिंदर - हा तो ला जल्दी, इस गाड़ी को आग लगाने में काम आयेगा।।

चमन - हा।।

चमन पेट्रोल लेकर आता हैं।। और पेट्रोल गाड़ी पर छिड़कने लगता हैं,

राजिंदर - संजू को गाड़ी में डाला हैं न,

लखविंदर - हा, वो देखो।।

राजिंदर - अच्छा अच्छा अब चलो गाड़ी को आग लगा दो।।

चमन ने माचिस निकाला और आग लगा दी,
आग लगा के वो सभी वहा से चले गए।।

गाड़ी धू - धू करके जलने लगी।।

इधर..... ye चारो घर पहुँचे।।
वहा उनकी उनकी बीवीयों ने आज के बारे में पूछा
तब उन चारो ने सारी बात सुना डाली।।।

कलावती - अब क्या होगा, पुलिस कही आप लोग को पकड़ के न ले जाए।।

मदनलाल - ऐसा कुछ भी नही होगा, क्युकी हमने सभी वारदात को एक हादसे की तरह अंज़ाम दिया है।। जिससे किसी को भी शक न हो।।

घर में ⛽ gas सिलिंडर ब्लास्ट से सबको यही लगेगा की ये गैस के ब्लास्ट से हुआ है।। और गाड़ी के जलने से ये होगा की गाड़ी का इंजन overheating की वजह से आग लग गया और गाड़ी का दरवाजा न खुलने के कारण उसमे मौत हुई।।

पूनम - और संजू का क्या हुआ..

लखविंदर - उसको भी मार दिया।।

सन्नो - वो तो बच्चा था उसको क्यों.?

चमन - अरे दीदी समझो, अगर हम केवल भैया और भाभी को मारते तो उनके insurence का पैसा संजू को मिलता, लेकिन अब जब संजू को हमने मार दिया हैं तो अब वो पैसा हमे मिलेगा जिससे हम आराम से अपना जीवन बिता सकते है , और भजनलाल भैया का भी जितना पैसा था जो mutiual fund se 10 गुना हुआ था वो अब हमे मिलेगा।।।

कलावती - और हमारे पैसे जो आज आपने mutiual fund में लगाए है।।

मदन - उसकी उम्मीद छोड़ दो, क्युकी अब न वह आदमी रहा न ही वो पैसा

कलावती - मतलब।।

मदन - मतलब ये की हमने उसको भी निपटा दिया, लेकिन मरने से पहले उसने वो पैसा किसी अंजान शक्स के नाम पर mutiual fund में जमा कर दिया था।।।

माला - अब इस घर का क्या होगा।।

चमन - ये घर तो वो हिम्मत राव हमसे हड़प ही लेगा, ऐसी बात नही है की हम इसको छुड़ा नहीं सकते लेकिन इसको छुड़ाने का कोई मतलब ही नही हैं,
यहाँ रहने से अच्छा हम शहर् में रहे।।

माला - हा सही कहा।।।

और इसके साथ ही ये एपिसोड समाप्त होता है।।


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Nice update and awesome writing skills
 

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