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Sahil21
Daily Hindi Shayari Status - 273 : दैनिक हिंदी शायरी स्थिति - 273 : ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਹਿੰਦੀ ਸ਼ਾਇਰੀ ਸਥਿਤੀ - 273 :
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- हम शायरों के मसले कुछ ओर है
पास तो बैठो मैं कहता कुछ नही - ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ,
बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ..
न बोलूँ सच तो कैसा आईना मैं,
जो बोलूँ सच तो चकना-चूर हो जाऊँ..
बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे,
कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ..
मेरे अंदर से गर दुनिया निकल जाए,
मैं अपने-आप में भरपूर हो जाऊँ। - "ना जाने किस कालेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने,
.
की मुझसे किये सारे वादे फर्जी निकले !!" - बिछड़ कर तुमने हमसे ऐसा क्या ही पाया है,
मेरा रंग तेरे ऊपर थोड़ा और निखर आया है !
शामिल रही तू दिनभर यूँ जो ग़ैर की महफ़िल में,
शाम होते ही जो तुमने चराग़ वही पुराना जलाया है !
ख़ुशी सारे जहां की तेरे आस-पास तो फ़ैली है,
दर्द भेजा था मैंने वो तुझे छू के वापिस आया है !
तेरे हिसाब से दरख़्त फ़िर गुलज़ार जो हो रहें हैं,
ये मौसम-ए-बहार भी तो पतझड़ के बाद आया है !
'अहमद' की ग़ज़लों में तेरे मिलने की ख़ास वजह नही है,
ख़बर सारे ज़माने को है कि ये हुनर मुझे तेरे बाद ही आया है !
© अहमद - तुम्हारी तस्वीर को हर हाल चूमूँगा,
तुम्हारी बाते तुम्हारे ख़्याल चूमूँगा,
मैं तुम्हारी आँखों को चूमने के बाद,
होंठ की बजाय तुम्हारे गाल चूमूँगा,
यक़ीनन वो साल अच्छा ही गुज़रेगा,
पहले दिन मैं तुम्हे जिस साल चूमूँगा,
तुम मिरे चूमने का इंतिज़ार किया करोगी,
ऐ जाँ मैं तुम्हे इतना कमाल चुमूँगा। - काश कि हम मिलते ही नहीं
दिल में इश्क़ के फूल खिलते ही नहीं ,
दर्द हमे मिलता ही नहीं काश कि तुझसे
ये नाजुक सा दिल लगता ही नहीं ,
आंखें सूख सी गई है तेरे इंतज़ार में
काश कि ये आंखें तुझसे लड़ती ही नहीं
बाते करने को बहुत से लोग थे
काश कि तुझसे बातें करते ही नहीं ,
तो घाव दिल पर इतने गहरे
लगते ही नहीं !!
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