V
Vision
हाई दोस्तों,
मेरा नाम शाम हे और में दिल्ली का रहने वाला हू | एक दिन मुझे ऑफिस के काम से अचानक लखनऊ जाना पड़ा पर ट्रेन की टिकट नही थी तो मुझे बस से ही जाना था | शाम को मेने एक मस्त लक्सरी बस की टिकट ली जो लक्नाऊ जाने वाली थी और उसमे चड गया | पहले बार बस से इतनी लम्बी सफर कर रहा था, बस दस बजे चलने वाली थी | मुझे लास्ट की सिट मिली और मेरे बगल वाली खली थी जिसे देख के में प्राथना कर रहा था की कोई मस्त माल आये और भगवन ने सुन ली एक लड़की आई जिसकी उम्र करीब २२ होगी | वो मेरे बाजू में आके बैठ गयी और कुछ देर मेने बातें शुरू की तो वो भी करने लग गयी |
जेसे जेसे रात बड़ी और ऐसी चल रही थी ठण्ड भी बड रही थी | मेने अपनी चद्दर निकाल ली पर उसके पास चद्दर नही थी, मेने उसे अपनी चद्दर दिया और हम दोनों चद्दर में आ गए | हम बैठ कर ही रहे थे की बस ने झटके दिए तो वो मेरी तरफ झुकक गयी और मेरा हाथ तो पहले से ही अंदर था तो उसके चुचे को छुए दिए और वो दब गए | मेने सॉरी कहा पर उसने मुझे इसके लिए कुछ नही कहा, मेरा लंड तन गया था उसके चुचो को छूते ही | हम दोनों अब फिर बात करने लग गए और धीरे धीरे गल फ्रंड बॉय फ्रंड की बातें करने लग गए | इसी बिच हम दोनों में किस सेक्स की बात भी छिड़ गयी और फिर मेने उससे पुचा तुमने कभी किया हे तो वो न बोली और उसके पूछने पर मेने भी न कहा |
बहुत देर बात करने के बाद वो बोली की उसे नींद आ रही हे तो वो मेरे कंधे पे सर रख के सो गयी पर मेरा लंड अंदर ही अंदर कुदी मार रहा था | मेने धीरे धीरे उसके बाजू पे हाथ फेरना शुरू किया और फिर धीरे धीरे उसके चुच्चो पे हाथ फेरने लगा, कुछ देर फेरने के बाद मैं उसे दबाने लग गया तो उसकी साँसे तेज हो गयी | मैं दस मिनट तक मसलता रहा और उसके बाद जेसे ही हाथ उठाने लगा तो उसने मेरे हाथ को पकड़ के अपनी चुत के उपर रख दिया और बोली थोडा यहाँ पे भी करो | उस समय रात के एक बज रहे थे और सब सो चुके थे | मेने उसकी बात मानली पर चुत पे नही किया बल्कि उसका टॉप उपर कर के उसकी चुचो को मुह में भर लिया और चूसने लग गया | वो एक दम मस्त होके मेरे सर को अपने छाती से दबाने लग गयी और मैं एक दम मस्त होके उसके निप्पल चुसे जा रहा था | मेने फिर एक हाथ से उसकी जींस का बट्टन खोल दिया और उसने भी थोड़ी मदद की और फिर मेने उसकी पेंटी में हाथ डालके उसी चुत सहलाने लग गया |
उसकी चुत एक दम गीली थी, मेने उससे पुचा कभी सेक्स किया हे वो बोली नही पर ऊँगली करती हूँ | फिर मैं उसके निप्पल चूसने लग गया और अपनी बिच वाली ऊँगली से उसकी चुत की दरारों के अंदर ऊँगली रगड़ने लग गया | धीरे धीरे निचे बदते हुए मेने उसकी छेद में ऊँगली डाल दी तो वो हिल उठी पर चिल्लाई नही | मैं अब कस कस के ऊँगली करने लगा और उसके निप्पल को चूसता जाता | वो मेरे लंड पे हाथ फेर रही थी और थोड़े देर में उसने मेरे लंड को बहार निकाल लिया और उसे हिलाने लग गयी | दस मिनट में वो भी झड गयी और मैं भी झड गया | हम दोनों ने फिर एक दूसरे को किस किया और फिर एक और बार अपना अपना पानी निकाला और फिर एक दूसरे से चिपक के सो गए |
मेरा नाम शाम हे और में दिल्ली का रहने वाला हू | एक दिन मुझे ऑफिस के काम से अचानक लखनऊ जाना पड़ा पर ट्रेन की टिकट नही थी तो मुझे बस से ही जाना था | शाम को मेने एक मस्त लक्सरी बस की टिकट ली जो लक्नाऊ जाने वाली थी और उसमे चड गया | पहले बार बस से इतनी लम्बी सफर कर रहा था, बस दस बजे चलने वाली थी | मुझे लास्ट की सिट मिली और मेरे बगल वाली खली थी जिसे देख के में प्राथना कर रहा था की कोई मस्त माल आये और भगवन ने सुन ली एक लड़की आई जिसकी उम्र करीब २२ होगी | वो मेरे बाजू में आके बैठ गयी और कुछ देर मेने बातें शुरू की तो वो भी करने लग गयी |
जेसे जेसे रात बड़ी और ऐसी चल रही थी ठण्ड भी बड रही थी | मेने अपनी चद्दर निकाल ली पर उसके पास चद्दर नही थी, मेने उसे अपनी चद्दर दिया और हम दोनों चद्दर में आ गए | हम बैठ कर ही रहे थे की बस ने झटके दिए तो वो मेरी तरफ झुकक गयी और मेरा हाथ तो पहले से ही अंदर था तो उसके चुचे को छुए दिए और वो दब गए | मेने सॉरी कहा पर उसने मुझे इसके लिए कुछ नही कहा, मेरा लंड तन गया था उसके चुचो को छूते ही | हम दोनों अब फिर बात करने लग गए और धीरे धीरे गल फ्रंड बॉय फ्रंड की बातें करने लग गए | इसी बिच हम दोनों में किस सेक्स की बात भी छिड़ गयी और फिर मेने उससे पुचा तुमने कभी किया हे तो वो न बोली और उसके पूछने पर मेने भी न कहा |
बहुत देर बात करने के बाद वो बोली की उसे नींद आ रही हे तो वो मेरे कंधे पे सर रख के सो गयी पर मेरा लंड अंदर ही अंदर कुदी मार रहा था | मेने धीरे धीरे उसके बाजू पे हाथ फेरना शुरू किया और फिर धीरे धीरे उसके चुच्चो पे हाथ फेरने लगा, कुछ देर फेरने के बाद मैं उसे दबाने लग गया तो उसकी साँसे तेज हो गयी | मैं दस मिनट तक मसलता रहा और उसके बाद जेसे ही हाथ उठाने लगा तो उसने मेरे हाथ को पकड़ के अपनी चुत के उपर रख दिया और बोली थोडा यहाँ पे भी करो | उस समय रात के एक बज रहे थे और सब सो चुके थे | मेने उसकी बात मानली पर चुत पे नही किया बल्कि उसका टॉप उपर कर के उसकी चुचो को मुह में भर लिया और चूसने लग गया | वो एक दम मस्त होके मेरे सर को अपने छाती से दबाने लग गयी और मैं एक दम मस्त होके उसके निप्पल चुसे जा रहा था | मेने फिर एक हाथ से उसकी जींस का बट्टन खोल दिया और उसने भी थोड़ी मदद की और फिर मेने उसकी पेंटी में हाथ डालके उसी चुत सहलाने लग गया |
उसकी चुत एक दम गीली थी, मेने उससे पुचा कभी सेक्स किया हे वो बोली नही पर ऊँगली करती हूँ | फिर मैं उसके निप्पल चूसने लग गया और अपनी बिच वाली ऊँगली से उसकी चुत की दरारों के अंदर ऊँगली रगड़ने लग गया | धीरे धीरे निचे बदते हुए मेने उसकी छेद में ऊँगली डाल दी तो वो हिल उठी पर चिल्लाई नही | मैं अब कस कस के ऊँगली करने लगा और उसके निप्पल को चूसता जाता | वो मेरे लंड पे हाथ फेर रही थी और थोड़े देर में उसने मेरे लंड को बहार निकाल लिया और उसे हिलाने लग गयी | दस मिनट में वो भी झड गयी और मैं भी झड गया | हम दोनों ने फिर एक दूसरे को किस किया और फिर एक और बार अपना अपना पानी निकाला और फिर एक दूसरे से चिपक के सो गए |