Adultery गर्लफ्रेंड की चूत चुदाई उसकी ही छत पे

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दोस्तो, मैं आपका दोस्त रॉकी गुजरात के बड़ोदरा से हूँ. मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखता हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और मेरा बदन भी काफ़ी मस्त है. मेरे लंड का साइज़ इतना है कि मैं किसी भी गर्ल, आंटी और भाभी को पूरी तरह संतुष्ट कर सकता हूँ.

मैं काफ़ी समय से इस साइट पे सेक्स स्टोरीज का मज़ा लेता आया हूँ. मुझे इधर प्रकाशित होने वाली चुदाई की कहानी पढ़ने में बड़ा मज़ा आता है. सभी लेखकों की आपबीती को जाहिर करने का इससे अच्छा मंच मुझे आज तक कोई दूसरा नहीं मिला है. इसीलिए आज मैंने भी सोचा कि आप सब लोगों से मैं मेरी निजी कहानी साझा करूं ताकि आप भी इसका मज़ा ले सकें.

बात उस समय की है, जब मैं 12 वीं क्लास में स्टडी कर रहा था. उस समय मुझे स्कूल मेरे ही क्लास की एक लड़की पसंद आ गई थी. उसका नाम रूपाली (बदला हुआ नाम) था. उसका फिगर 34-30-34 का था … जोकि मुझे बाद में पता चला. उसका घर भी मेरे घर से एक घर छोड़कर ही था. ये मुझे मालूम ही न था कि इतना सुन्दर नगीना मेरे पड़ोस में रहता था.

दरअसल इसका एक कारण था. उसके घर की रास्ता पीछे वाली गली में खुलती थी … और मेरे घर की रास्ता आगे वाली गली में खुलती थी. जिस वजह से हम दोनों का कभी सामना ही नहीं हुआ था. वो तो बाद में मालूम चला कि वो मेरे घर के पास ही रहती थी.

मैं उसकी खूबसूरती से उस पर मोहित हो गया और उसे पटाने के चक्कर में पड़ गया. मैं धीरे धीरे उसके करीब जाने लगा और उससे बात करने की कोशिश करने लगा.
वो भी धीरे धीरे मुझसे बात करने लगी और हम काफ़ी अच्छे दोस्त बन गए. अब हम दोनों क्लास में भी एक साथ ही बैठा करते थे.

एक दिन हमारे स्कूल में नवरात्रि के दिनों में गरबा का प्रोग्राम रखा गया. मैं और रूपाली बड़े अच्छे से उस प्रोग्राम में मज़े कर रहे थे.
प्रोग्राम खत्म होने के बाद मैंने उससे बोला- चलो थोड़ा नाश्ता कर लेते हैं.
उसने भी हामी भरते हुए कहा- हां चलो भूख लग रही है.

हम दोनों एक होटल में गए और साथ बैठ कर नाश्ता किया. उस दिन रूपाली बड़ी खुश लग रही थी और वो मुझसे बहुत बेतकल्लुफ होकर बात कर रही थी.
मैंने सही मौका देख कर उससे कहा- रूपाली मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ.
उसने हंसते हुए कहा- हां बोलो ना, क्या कहना चाहते हो तुम?

मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उससे बोला- मैं तुमसे बहुत दिनों से कहना चाहता था कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रूपाली.
उसने अपनी आंखें नीचे करके कहा- हां, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन मैं पहले तुम्हारे बोलने का वेट कर रही थी.
जैसे ही उसने मुझसे ऐसा बोला, मैं ख़ुशी से खिल उठा.

मैंने उसके हाथ पर किस कर लिया. उसने झट से अपना हाथ मुझसे छुड़ाते हुए मेरे उस किस वाली जगह को अपने होंठों से लगा कर मेरे प्यार पर अपनी मुहर लगा दी.
चूंकि हम दोनों एक पब्लिक प्लेस पर थे, इसलिए इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे.

इसके बाद हम दोनों कुछ देर उधर रुक कर एक दूसरे से आंखों ही आंखों में अपने प्यार का इजहार करने लगे. कुछ देर बाद हम वहाँ से जाने लगे और अपने अपने घर को निकल गए.

अब हम दोनों रोज रात को फोन पे बातें करते और ये बातें दो तीन घंटे से पहले खत्म ही न होती थीं. इसी बीच हम दोनों में सेक्स रिलेटेड बातें भी होने लगीं. हम दोनों में बेकरारी बढ़ने लगी.

मैंने एक दिन सही मौका देख कर उससे कह दिया- अब दूरी सहन नहीं होती, मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ.
उसने पहले तो मना किया, पर मेरे बहुत ज़ोर डालने पर वो मान गई, शायद उसके अन्दर भी मिलन की आग जल रही थी.
मैंने उससे कहा- तुम कल रात को 9 बजे छत पर आ जाना.
उसने हामी भरते हुए कहा- हां ठीक है मैं आ जाऊंगी.
उसने ये भी कहा कि मेरे घर के लोग भी कल शाम को बाहर जाने वाले हैं तो मैं आ जाऊंगी.

मैं रात को 8.30 को ही मेरे पड़ोसी दोस्त की छत से होकर उसकी छत पर चला गया. उधर रुक कर मैं उसके आने का इंतजार करने लगा.

थोड़ी ही देर में वो ऊपर आ गई. मैं उसे देखते ही पागल हो गया. आज वो मस्त माल दिख रही थी. वो सिर्फ़ एक टी-शर्ट और खुला स्कर्ट पहन कर आई थी. टाईट टी-शर्ट में उसके बूब्स बहुत तने हुए मस्त दिख रहे थे.

उसके करीब आते ही मैंने उसे अपनी बांहों में भर के एक बड़ा जोरदार किस किया. उसके मुँह से ‘आह..’ की आवाज़ निकल गई.
उसने मुझसे बोला- प्लीज़ थोड़ा धीरे करो … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.

मैंने उसके गाल पे किस किया और फिर उसके चेहरे को पकड़ कर उसके रसीले होंठों को किस करने लगा. वो भी मेरे होंठों से अपने होंठों को लगा कर मस्त हो गई.
क्या बताऊं दोस्तो … क्या रसीले होंठ थे उसके … एकदम शहद से भरे हुए.
किस करते समय उसके मुँह से ‘मुहह मुआआह …’ की आवाज़ आ रही थी. जो मुझे बड़ा उकसा रही थी.

मैंने भी उसे ज़ोर से चूमते हुए उसके होंठ को काट लिया. उसको दर्द हुआ तो उसने मुझे पीछे को धक्का दे दिया. मैंने हंसते हुए उसे फिर से पकड़ लिया और उसके गले और उसके पूरे चेहरे पर किस करने लगा.

वो एकदम से गर्म होने लगी थी. मैंने वहीं छत पे ही उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. फिर जो मैंने नजारा देखा, तो कुछ और ही था. उसने टी-शर्ट के नीचे ब्रा ही नहीं पहनी थी. उसके चूचे डायरेक्ट हवा में फुदकने लगे और मेरी आंखों के सामने आ गए. मैं उन्हें एक कामपिपासु की नज़र से यूं ही देखता ही रह गया.

मेरी वासना भरी नजरों को देख कर रूपाली ने अपने हाथों से अपने मम्मों को ढकने का प्रयास किया, वो शर्मा गई थी.
मैंने रूपाली से पूछा- तुम ब्रा नहीं पहनती हो?
उसने कहा- तुम आने वाले थे, तो नहीं पहनी.

फिर मैं बिना देर करते हुए उसके मम्मों को चूसने चाटने लगा. उसके मस्त मम्मों को ज़ोर से मसलने लगा. उसके मुँह से कामुक आवाजें आने लगीं- इश यस्स आह आह.
इसी दौरान मैंने धीरे से उसका हाथ मेरे लंड पे रख दिया और उससे लंड सहलाने को बोल दिया. शायद वो भी इसी बात का इन्तजार कर रही थी. उसने मेरे लंड को पैन्ट से बाहर निकाल लिया और हाथ में लेकर सहलाने लगी.

वो मेरे से चिपक कर अपने दूध पिलाते हुए बोलने लगी- तेरा तो काफ़ी बड़ा और मोटा है यार … मैं इसे अन्दर नहीं ले पाऊंगी.
मैंने कहा- तुम टेंशन ना लो. मैं सब कर लूँगा. तुम्हें पता भी नहीं चलेगा.
ऐसा कहके उसको मैंने समझा दिया.

फिर मैंने उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके स्कर्ट का हुक मुझे टकरा गया. मैंने धीरे से उसकी स्कर्ट को भी उतार दिया. उसने नीचे पैन्टी भी नहीं पहनी थी. मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे आंख मार दी.

अब मैं उसकी चुत को धीरे धीरे सहलाने लगा. चूत एकदम साफ़ थी. उसकी चूत को सहलाते हुए ही मैंने उसकी चुत में अपनी एक उंगली डाल दी, तो वो चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैंने उसकी चूत से उंगली नहीं निकाली तो उसने अपनी टांगें फैला कर मेरी उंगली को अपनी चूत में एडजस्ट कर लिया.

मैं धीरे धीरे उंगली को चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. वो कामुक आवाज़ निकालने लगी- आह यस … उम्म्म हां यार आह … मैं मर गई अब डाल दो … अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है.

वो ऐसा बोलते हुए मेरे लंड को जोरदार तरीके से हिलाने लगी. मेरा लंड भी आन्दोलन करने लगा था. मुझसे भी रहा नहीं गया. मैंने उसे नीचे जमीन पर लिटा दिया और उसपे चढ़ कर उसे किस करने लगा. मैं उसके मम्मों को मसलने लगा.

वो ‘इश आह यस्स उई ह्म्म्मह.’ करने लगी. उसने टांगें हवा में उठा दीं और मैंने भी सही मौका देख कर उसके छेद पर मेरा लंड सैट करके एक जोरदार झटका मारने को रेडी हो गया. उसने मेरे लंड के सुपारे को अपनी चूत की फांकों पर महसूस किया, तो वो कमर उठाते हुए लंड को लेने की कोशिश करने लगी.

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमाए और झटका मार दिया. उसकी चीख निकलने से पहले ही मेरे मुँह के ढक्कन ने उसकी चीख को दबा दिया. इसके साथ ही मैंने अपना एक हाथ भी उसके मुँह पर जमा दिया. इससे उसकी चीख अन्दर ही दब गई. मेरा लंड उसकी चूत में काफी अन्दर तक जाकर अड़ा हुआ था. उसकी आंखों में से दर्द से आंसू निकलने लगे.

वो मुझे अपना सिर हिला के बोल रही थी- रॉकी इसे बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है.
मैं थोड़ी देर रुक गया और उसको चूमने लगा.
जब उसे कुछ अच्छा लगने लगा, तो मैंने फिर से एक और धक्का दे मारा. इस मर्तबा मेरा पूरा लंड उसकी चुत में समा गया. वो फिर से रोने लगी, लेकिन मैंने अब उसकी परवाह ना करके उसकी जोरदार चुदाई चालू कर दी, लंड के लम्बे लम्बे धक्के देता रहा.

बस कुछ ही मिनट के दर्द के बाद वो कामुक आवाजें निकालने लगी. उसको मजा आने लगा था. वो ‘आह ओन्हन्न यस … और ज़ोर से चोदो मुझे … आह रॉकी आई लव यू इश … फक मी फास्ट … कहने लगी. उसकी चुदासी आवाजें निकलने लगीं. मैं भी उसे जोरदार धक्के दे रहा था. वो भी अपनी गांड उचका उचका कर मेरा साथ दे रही थी.

कुछ देर में एकदम से अकड़ गई और शायद झड़ गई, लेकिन मैं धकापेल चुदाई में लगा रहा. कुछ देर बाद मेरा भी जब माल निकलने वाला था, तो मैंने उससे पूछा- मैं तुम्हारे मुँह में माल डालना चाहता हूँ.
वो भी इस वक्त बहुत गर्म थी इसलिए उसने भी मना नहीं किया. मैंने उसकी चुत से लंड निकाल कर उसके मुँह में लंड लगा दिया. उसने भी लंड चूसना चालू कर दिया. मैं कुछ ही पलों में उसके मुँह में ही झड़ गया. उसने मेरा सारा रस पी लिया था.

अब हम दोनों अब काफ़ी थक गए थे. मैं उसके ऊपर ही लेटा था. मैं उसको किस करने लगा और उसके मम्मों को मसलने लगा. दस मिनट के बाद हम दोनों उठे और हम दोनों ने एक दूसरे को साफ किया.

मैंने रूपाली से बोला- मैं एक बार और तुम्हें चोदना चाहता हूँ.
उसने मना कर दिया और बोली- रॉकी. अब मेरे पेरेंट्स के आने का टाइम हो गया है … तो फिर कभी करेंगे.
उसने मुझे जब यह बोला तो मैंने भी मोबाइल में समय देखा. हमको काफी देर हो चुकी थी. फिर मैं वहां से उसको एक हग और किस करके दोस्त की छत से होते हुए अपने घर चला आया.
 

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