Adultery Hindi sex stories (short stories)

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मेरी मकान मालिक की बेटी
हेलो सभी दोस्तों को, मेरा नाम प्रवीन है मेरी उम्र अभी 25 साल की है। ये मै अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हु अगर कोई ग़लती हो तो माफ करना दोस्तो। मैं अपनी कहानी आपको तब की बता रहा हु जब मैं नये शहर जयपुर आया था । मेरा एडमिशन यह कालेज में हो गया था ।
तो चलते हैं आज से 6 साल पहले जब मेरी ये कहानी शुरू होती है।
दोस्तो, सबसे पहले आपको बता दूँ अपने बारे में … मैं नार्मल सा देखता हूँ मेरा रंग रूप सामान्य है. मेरी लम्बाई जरूर असमान्य है. मैं 5 फुट 11 इंच का हूँ । मेरा लण्ड 6 इंच ओर 2.5 इंच मोटा है, ज्यादा मोटा ओर लम्बा नही है ।
अब ज्यादा बात को न भूमा कर बताता हूं उस लड़की के बारे मैं उस का नाम था रिया , जैसा नाम बेसा उस का हाल हर जगह से एक दम बम, संगीता और मेरा एक कनेक्शन ये भी था कि अनजाने मैं ही सही बो मेरी मकानमालिक की बेटी थी । ।
उस का फिगर तो एक एक पार्ट मस्त करने वाला था, उस की बॉल्स तो एक नंबर के थे 32 कि बॉल और 34 कि उस गांड ओर कमर 30 की कुल मिलाकर (32 30 34)चेहरे से लेकर निचये तक कमाल थी।
अब बात सुरु होती है जब हमारे कॉलेज ईयर के फाइनल एक्सेनमेन्ट सममित होने थे, एक दिन बो मेरे रूम पर आ कर कहती है प्रवीन मरे प्रोजेक्ट्स बना दो मेरा कुछ भी नही हुआ है एक्सेनमेन्ट तो बना लिए मैन पर मैने क्या देखता हूं कि ….
बो एक लोवर ओर टीशर्ट मै मेरे रूम के गेट पर है और मैं उस को बहुत गूर के देख रहा हु तो बोली क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो कभी कुछ देखा नही है क्या ,
मेरी तो हालत खराब हो गई अचानक मेरे मुंह से निकल गया नही देखा तुम दिखा दो।
अब तो मेरी हालत गंभीर हो गए और डर भी लगने लगा पर उस ने खुद ही कह दिया अभी तक किसी ने देखा ही नही तुम कभी भी देख लेना , पता नही क्या हुआ कि …..
मैंने उसके सिर को पकड़ा और अपने नाजुक होंठ उसके होठों पर रख कर उसे किस करने लगा, तो उस का पूरा बदन थरथरा रहा था, फुल एसी में भी उसे पसीना आ रहा था। उसने होश में आते ही मुझे पीछे धकेल दिया और ज़ोर से साँस लेने लगी, मैं उसके साथ गेट के पीछे हो कर सीट पर बैठा दिया।
“ये … क्या … कर रहे … हो तुम?” वह अब भी शॉक में थी।
“ओह … पुअर बेबी … क्या तुम्हें सच में यह नहीं चाहिए.” कहते हुए मैंने अपने हाथों से उस के दोनों स्तनों को हाथों से पकड़ कर उसके मुँह के सामने दबाने लगा।
मेरी हरकत देख कर वह शॉक हो गयी थी, पर अब धीरे धीरे उत्तेजित होने लगी थी। शॉक की वजह से उसका मुँह खुला ही रह गया था और वह बिना पलकें झपकाए अपने स्तनों की ओर देख रही थी ।
“क्या हुआ … कुछ छूना है तुम्हें?” मैं अपने बदन को अजीब ढंग से हिलाकर उसे और उत्तेजित करते हुए बोला
आखिरकार उस का डर थोड़ा कम हुआ और उसने हाँ में सर हिलाया।
“तो छू लो इसे अपने लण्ड को आगे करते हुए बोला” कहकर मैं उस के स्तनों को उसके सामने ले आया .
उसने डरते हुए ही अपने हाथ मेरी पैंट के ऊपर रखने के लिए आगे की साइड किये तो मैने अपने हाथ उस के स्तनों पर रख दिये।
“उफ …” बहुत दिनों बाद किसी ने मेरे लण्ड को छुआ था, उसका हाथ अभी भी थरथरा रहा था।
उस के स्तन बिल्कुल उसके मुँह के सामने थे थोड़ी देर उन्हें मसलने के बाद उसका डर खत्म हो गया और उसने ऊपर मेरी तरफ देखा, उसकी आँखों में भी वासना का नशा चढ़ने लगा था। मैंने नीचे झुकते हुए उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये, हम दोनों की आँखें अपने आप बंद हो गयी और हम किस करने लगे।
उसके हाथ अभी भी मेरे लण्ड को मसल रहे थे, मेरे हाथ रिया के बदन को सहलाने लगे। उसके सीने को सहलाने हुए मैं धीरे धीरे नीचे की ओर जाने लगा . जैसे ही मेरा हाथ पेट के नीचे चला गया, मेरा हाथ उसकी पेंटी से टकराया। मैंने उस को उठाया और अंदाजे से आगे बेड पर फेंक दिया. उस की आँखें अभी भी बंद थी और हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूसे जा रहे थे।
मैंने धीरे से अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया, उसने भी अपना मुँह खोल कर मेरी जीभ का स्वागत किया। हमारी जीभ एक दूसरे से द्वंद्व खेल रही थी, उसके हाथ मेरे लण्ड को मसलने में व्यस्त थे और मेरा हाथ उसके बूब्स के काफी करीब पहुँच गया था। मैंने अपना हाथ उस की चूत के ऊपर हटा लिया , उस पर लंड से रखा और हल्का सा दबाया, मेरे छूने से उसके बदन में थरथराहट हुई और उसकी जांघें अपने आप खुल गई।
बो मेरी बेल्ट और पैंट खोलने की कोशिश करने लगी, पर उस एक हाथ से यह बहुत मुश्किल था। तभी रिया ने किस तोड़ी और अपने हाथ से मेरी बेल्ट और पैंट खोली। यह करते हुए वह बार बार लड़खड़ा रही थी, शायद उसे भी अब कंट्रोल नहीं हो रहा था।
उसने मेरे लंड को लॉली पॉप की तरह डायरेक्ट अपने मुँह मैं लेकर टोपा हल्का चॉकलेटी रंग का है और नींबू की तरह फूला हुआ था। मैंने हाथ से उसको अपने नीचे खींचा. मेरा इशारा समझते हुए उसने अपनी पैंट और अंडरवियर अपने कूल्हों के नीचे से उतारकर घुटनों के नीचे तक ले आया। उसकी पैंट अब मैट पर थी और उसके पैर अभी भी उसके पैंट के अंदर ही थे.
बो बाल रहित लंड को मंत्रमुग्ध होकर देख रही थी।
अब बेड से नीचे उतरी की मैट पर घुटनों के बल बैठ गयी, उस की हाइट कम होने की वजह से बहुत आगे खिसकी हुई थी और मेरे हाथ उस के पीछे बहुत आसानी से चूत के पास की जगह पहुँच रहे थे ।
उस ने लंड के नजदीक जाते हुए अपनी उंगलियाँ उसके बॉल्स से होते हुए उसके टोपे तक घुमाई।
“आह …” मेरे मुँह से एक सिसकारी निकली और आगे क्या होने वाला है इस उत्सुकता से मेरी तरफ देखने लगी
“चलो अब मैं तुम्हारा लेती हूं.” कहकर उसके गर्म लंड को अपनी मुठ में पकड़ा और उसे ऊपर नीचे करने लगी।
” मैंने उस से पूछा … लंड की मोटाई और लंबाई कैसे नापते है?”
“आह … टेप से … ओह …” संगीता ने मुश्किल से बोला।

“गलत जवाब!” मैं उसके बॉल्स को दबाते हुए बोला।”आह … सॉरी …” वह दर्द से चिल्लायी।
मैं नीचे झुकते हुए बोला- पहले लंड की मोटाई नापने के लिए उसके टोपे पर इस तरह जीभ घुमाते हैं.” कहकर मैंने अपने सूखे टोपे पर उस की जीभ को चारों तरफ से घुमाई और उसे पूरा गीला कर दिया- फिर लंड को ऐसे मुँह में लेकर उसकी लंबाई नापते है
कह कर मैं धीरे धीरे अपना लंड उस के मुँह में देकर चूसाने लगा. मैं उस के पूरा लंड मुँह मैं दे कर अंदर देने की कोशिश कर रहा था
जैसे जैसे मेरा लंड उस के मुँह में घुस रहा था वैसे वैसे मेरा मुँह भरने लगा था, लंड अब गले को टकरा रहा था।
इसलिए मैंने उसको चूमना जारी रखा. वो बार-बार मुझे ना करती रही लेकिन उसकी हर ना मुझे हां छुपी हुई दिखाई दे रही थी. मैं उम्र में उससे छोटा जरूर था लेकिन औरतों के बारे में इतना अनुभव तो मुझे भी हो ही चुका था.
मैं उसके सीने को चूमने लगा. उसकी गर्दन को किस करने लगा. उसकी छाती से मैंने ब्लैक कलर ब्रा को हटा दिया. ब्रा हटते ही उसके चिकने गोरे-गोरे उभार दिखने लगे, मेरे तो मुंह में जैसे पानी आ गया ।
मैंने किसी तरह अपना को सरका कर लन्ड बाहर निकाला। वो बोल तो कुछ नहीं रही थी अब, लेकिन अपने हाथ पांव से मुझे रोकने की कोशिश भी नहीं कर रही थी। मैंने भी पूरा जोर लगा कर उसके दोनों हाथों को उसके सिर के पास ऊपर बिस्तर पर रखा और एक ही हाथ से उसे दबाए रखा। फिर अपना लन्ड दूसरे हाथ से पकड़ कर उसकी चूत ढूंढने लगा. चुत ऐसे तैयार थी जैसे आज पूरा प्लान कर के आयी हो एक दम मैदान क्लियर ।
मैं तो पहले से ही उसकी जांघों के बीच में था। किसी तरह मुझे उसकी चूत का रास्ता मिल ही गया। उसकी चूत के पास मुझे एकदम गर्म गर्म महसूस हुआ
मैंने उसकी चूत को एक हाथ से फैलाया. एकदम गुलाबी और गीली थी भीतर से। मैंने एक उंगली डाल कर उसमें अपनी उंगली को अंदर बाहर किया और फिर अपनी जीभ से उसके दाने को सहलाने लगा।
वो एकदम मदहोश होकर मजे से मेरे सिर के बालों को सहलाने व नोंचने लगी. साथ ही उसके मुंह से मादक सिसकारियां निकलनी शुरू हो गयीं।
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में जीभ घुसा-घुसा कर चाटना शुरू किया तो वो पागल हो गयी और मुझे कहने लगी- बस करो प्लीज, बस करो।
किंतु मैंने ठान लिया था कि आज इसको संतुष्ट किये बगैर नही जाने दुगा। इसमे गलती मैं नहीं चाहता था और अगर मुझे आगे भी मजा लेना है तो इसे अपने काबू में करना ही होगा।
वो शायद अब झड़ने को थी, तभी पूरी ताकत से उसने मेरे बालों को नोंचते हुए अपनी जांघों से मेरे सिर को दबा लिया. मैं जोर लगा कर उसकी चूत को चाटता रहा. मैंने उस पर कोई रहम नहीं किया जब तक कि उसने मुझे झटक कर अलग न कर दिया।
वो झड़ चुकी थी और हांफ रही थी.
मैंने फ़ौरन उसे वापस पकड़ा और उसके होंठों को चूमते हुए मैंने अपने एक हाथ से अपनी पैंट की जिप खोल कर लन्ड बाहर निकाल लिया और उसके एक हाथ में थमा दिया। उसने मेरा लन्ड मुट्ठी में भर लिया और तेजी से हिलाने लगी। मेरा लन्ड तुरंत खड़ा हो गया.
थोड़ी देर उसके होंठों को चूसने के बाद मैंने उसे इशारा किया कि वह भी मेरा लंड चूसे . मैंने उठ कर जबरदस्ती अपना लंड उसके मुंह के पास उसके गालों पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो तब मानी तो मैं अपना लंड उसके मुंह में घुसाने की कोशिश करने लगा.
वो कहती रही कि उस से अब नही होगा. मगर मैं उसके मुंह में लंड को देना चाहता था. मैंने कहा- तुम बस एक बार मुंह खोल लो और बाकी का काम मैं खुद कर लूंगा.
उसने काफी कहने के बाद अपना मुंह खोला और मैंने अपना लंड उसके मुंह में घुसा दिया.
फिर उसके मुंह में ही लन्ड पेलने लगा। उसका मुंह पूरा थूक से भर गया और लार किनारों से चूने लगी। सच में ही उसे लन्ड चूसना नहीं आता था. मैंने बस अपने तरीके से उसके मुंह को चोद कर छोड़ा और फिर तैयार हो गया।
मैंने सोच लिया था कि अब लम्बी पारी खेलनी है. उसकी गांड के नीचे तकिया पहले से ही था. मुझे केवल उसकी जाँघें फैला कर बीच में जाने की देरी थी। आराम से मैंने आसन लिया और फिर लन्ड हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर टिका कर हल्का सा धकेलते हुए उसके ऊपर लेट गया.
लन्ड की एक-एक नस और चमड़ी खिंचते हुए पीछे की तरफ जा रही थी. मेरा पूरा सुपारा खुल कर लंड भीतर चला गया. उसके चेहरे पर अजीब सी तड़प थी मानो कि वो भी इसी पल के इंतजार में थी.
मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि रिया को मेरे लंड से आनन्द मिल रहा था.
पूरा लंड घुसने के बाद मेरा चेहरा उसके चेहरे के बिल्कुल पास आ गया. उसने बड़े ही प्यार से मेरे होंठों को चूमा और अपने दोनों हाथों से मुझे पकड़ लिया. उसने अपनी गांड थोड़ी सी उचकाई और फिर अपनी टांगें मेरी जांघों के ऊपर रख कर अपनी चूत को फैलाते हुए अपने आप को उसने मेरे हवाले कर दिया.
मैंने लंड को उसकी चूत में दबाते हुए पूछा- कैसा लग रहा है मेरी जान?
वो एक लम्बी सी सांस भरते हुए बोली- बस पूछो मत, ऐसे ही प्यार करते रहो मुझे।
बस मुझे इतना ही तो सुनना था. मैंने अपने होंठ उसके होंठों से चिपकाए और चूमते हुए उसकी चूत में धक्के देने लगा. मेरे धक्के बहुत ही हल्के थे लेकिन फिर भी रिया के मुंह से सिसकारी निकल रही थी. मैं भी महसूस कर पा रहा था कि बरसों के बाद उसकी चूत को आज लंड का सुख मिल रहा है.
मेरे धक्के धीरे-धीरे बढ़ते गए और हम दोनों के बदन गर्म होने लगे. मेरी छाती से उसकी छाती, मेरे पेट से उसका पेट और मेरी जांघों से उसकी जांघें चिपक गईं और बीच में पसीना आना शुरू हो गया था. उसकी चूत से पानी इस तरह रिस रहा था कि मुझे ये पता भी नहीं लग रहा था कि मेरा लंड चूत की चमड़ी में रगड़ खा रहा है या कहीं मक्खन में घुसा जा रहा है.
वो पूरी मस्ती में आ गयी थी. वो भी मुझे चूमने और नोंचने लगी. कभी-कभी अपनी गांड को इस तरह उचकाती थी कि ऐसा लगता था कि मेरे लंड को और अंदर तक लेना चाहती हो. उसके बाद कुछ पल तक शान्त हो जाती और फिर से मेरा साथ देने लगती.
बीस मिनट से ज्यादा समय हो गया था उसकी चूत चोदते हुए मुझे। इसलिए मेरा जोश इतनी जल्दी ठंडा होने वाला नहीं था.
मगर थकान तो महसूस होने लगी थी. लगातार धक्के मारने की वजह से मेरी कमर में अकड़न सी महसूस होने लगी थी.

मैंने उसे बोला- चलो, अब तुम ऊपर आ जाओ!
उसने जरा सा भी नखरा नहीं दिखाया और फ़ौरन मेरे उठने के बाद वो भी उठ बैठी। मेरा लन्ड एकदम टनटना रहा था और चिपचिपे झाग की तरह हो चुके पानी में डूबा हुआ था। रिया ने अपनी टांगें पहले थोड़ी सीधी कीं फिर मेरे ऊपर टांगें फैला कर आ गयी। मैं समझ सकता था कि उसकी जांघों में भी अकड़न हो गयी होगी इतनी देर फैलाये रखने में।
मगर अभी भी वो गर्म थी, वरना ज्यादातर लड़कियां सुस्त होकर लेट जाती हैं। उसकी चुत पूरी तरह से भीग गयी थीं और चूत के किनारे गोल आकार में आ गये थे. मैंने उसकी लोबर से लन्ड पौंछा और उसने भी अपनी चूत पौंछी, फिर सीधा मेरे लन्ड को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ करके बैठ गयी।
मेरा लन्ड थोड़ा खिंचाव सा महसूस करता हुआ उसकी चूत में घुस गया। हम दोनों को हल्का सा दर्द महसूस हुआ. मगर जब वो दो-तीन बार उछली तो मजा आ गया. अब लगने लगा था कि चमड़ी से चमड़ी रगड़ा खा रही है.
वो सिसियाते हुए धक्के मार मार कर चुदवाने लगी। मस्त तरीके से आगे की तरफ धकेल रही थी अपनी चूत मेरे लन्ड पर। मुझे कुछ गोल मांस का छोटा सा टुकड़ा लन्ड पर महसूस हो रहा था जब जब वो अपनी चूत को आगे धकेलती थी और हम दोनों मजे से एक दूसरे को पकड़ते हुए जोर लगा रहे थे.
इतना मजा मुझे चआज तक किसी चीज में नही आया था जितना इसके साथ आ रहा था। वो भी मस्ती से भर गई थी और थोड़ी ही देर में उसे जैसे मर्ज़ी होती थी वैसे धक्के मारते हुए अपनी चूत में लंड को मस्ती से लेने लगती थी.
अब मेरी हालत ऐसी हो गयी थी मानो कि अब किसी भी समय मैं वीर्य की पिचकारी छोड़ दूंगा। मैंने किसी तरह खुद को रोके रखा था.
और फिर जब वो बहुत ज्यादा थक गयी तो मैंने अपना आसन बदलने की सोची। वो हल्के-हल्के सुस्त होने लगी थी और बीच-बीच में पूछने लगी थी कि मेरा निकला या नहीं, मैं हर बार उसको बोलता था कि निकलेगा तो तुम्हें पता चल ही जायेगा।
मैंने उसे उठने को कहा और बोला- झुक कर गांड उठा लो।
उसने कहा- थोड़ा रेस्ट लेने दो!
मेरे लिए भी सही मौका था कि थोड़ा रुक कर चोदने से और अधिक देर चुदाई होगी।
इसलिए मैंने अपना लन्ड उसके हाथ में थमा दिया. उसने अपनी लोबर से उसे पोंछा और लेट कर लन्ड को सहलाती रही।
कुछ देर के बाद उसने खुद ही बोला- कर लो जल्दी से, नहीं तो कोई भी आ सकता है ।
मैं तो कब से तैयार ही था बस उसके कहते ही मैंने उसे घोड़ी की तरह झुकने को कहा और उसने झुक कर अपनी गांड उठा दी।
इस स्थिति में उसकी चूत कितनी मस्त लग रही थी. मानो दो पाव रोटी जांघों के बीच फंसी हो।
मैंने अपने फनफनाते हुए लन्ड को सीधा उसकी चूत में घुसेड़ दिया और कमर पकड़ कर उसे फकाफक चोदना शुरू कर दिया।
एक तरफ मेरे धक्कों से थप-थप-थप की आवाजें निकल रही थीं तो दूसरी तरफ उसके मुंह से आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह … ओह्ह की आवाज निकल रही थी।
मैं उसकी बात को नजरअंदाज करता रहा और काफी देर उसे ऐसे ही चोदता रहा.
वो कहने लगी- अब मुझे परेशानी हो रही है.
मगर उसकी गांड देख कर मेरा रुकने का मन नहीं कर रहा था. वो जोर देकर अपनी जगह से उठने लगी. मैंने उसे उठने दिया और फिर बिस्तर पर से नीचे खड़ी कर दिया और एक टांग बिस्तर पर चढ़ा कर फिर से उसे पीछे से चोदना शुरू कर दिया।
रिया का शायद अब मन भर गया था और वो थकान महसूस करने लगी थी इस वजह से वो मेरा अब खुल कर साथ नहीं दे रही थी।
5 मिनट की चुदाई में वो चिड़चिड़ी होने लगी और मुझे जल्दी झड़ने को कहने लगी। मैं उसे थोड़ा और थोड़ा और कह कर चोदता रहा. फिर मैं भी थकने लगा था. उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया पहले की तरह और उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने उसकी जाँघे फैला कर जैसे ही अपना लन्ड घुसाने की कोशिश की तो वह बोली- कितना करोगे, मार ही डालोगे क्या मुझे?
मैं बोला- बस अब निकलने वाला है.
और लन्ड झट से उसकी चूत में घुसा कर धक्के मार-मार कर उसे चोदना शुरू कर दिया।
थोड़ी ही देर की चुदाई में उसके चेहरे के आव-भाव और हाथो पैरों की हरकतें बदल गयीं। वो मुझे फिर से कस के पकड़ने लगी और मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं। मैं समझ गया कि इसे बहुत मजा आ रहा है अब और मैं तेज़ी से उसे चोदने लगा.
उसकी आंखें नशीली सी होने लगीं और मुंह से गर्म सांसें छोड़ने लगी वो। मैंने इतनी मस्ती में किसी लड़की को आज तक नहीं सोचा था ना ही देखा था. उसे अब इतना मजा आने लगा था कि वो मुझे बार-बार चूमने लगी और प्यार करने लगी. मेरा बांध भी अब टूटने की कगार पर था तभी वो अपनी टांगें मेरी गांड के ऊपर रख कर दोनों टांगों को लपेट मेरी गांड पर रखते हुए मुझसे चिपकने लगी.
अपने हाथों में उसने मुझे कस कर भींच लिया और अपनी गांड उछालने लगी. उसकी ऐसी हालत देख कर अब मैं भी खुद को रोक नहीं पा रहा था. मैंने पूरी ताकत लगा कर धक्के मारना शुरू किया और वो चिल्लाने लगी। मेरा मन अब ऐसे होने लगा कि अब इसकी चूत फाड़ ही डालूं, वो दर्द में भी मजे लेने लगी.
और अचानक मेरा वीर्य अंडों से तेज़ी से निकलते हुए लन्ड के रास्ते सीधा उसकी चूत में उतर गया। मैं तब तक उसकी चूत में धक्के मारता रहा जब तक कि मेरे वीर्य की आखरी बूंद उसकी चूत में न झड़ गई.
मैं पूरी तरह झड़ चुका था और उसके ऊपर निढाल हो कर गिर पड़ा था। मैं शांत हो गया मगर रिया अभी भी कराह रही थी।
जैसे जैसे मैं ढीला पड़ता गया वैसे वैसे उसका भी कराहना कम होता चला गया।

5 मिनट के बाद मुझे होश आया तो मैंने अपना सिर उठा कर उसे देखा, वो भी मुझे देख कर मुस्कराते हुए शर्म सी महसूस कर रही थी.
मैंने उससे पूछा- मजा आया या नहीं?
उसने शर्माते हुए बताया- बहुत मजा आया, आज से पहले ऐसा मजा कभी नहीं आया था. ऐसा लग रहा है मानो तुमने मेरा पूरा बदन तोड़ कर रख दिया है। मगर जब उस ये कहा पहले कभी नही आया तो मुझे समझने मैं देर नही लगी पर बो बात कभी बाद मे कोई टाइम पर शेयर करुगा ।
ये कहते हुए हम दोनों ने फिर से एक दूसरे को थोड़ी देर चूमा और फिर उसको जल्दी से जाने को कहा। उसका वो गोरा बदन छोड़ कर जाने देने का मेरा मन अभी भी नहीं कर रहा था लेकिन मुझे मजबूरन उठना पड़ा. वो उठ कर मेरे वीर्य को साफ करने जाने लगी ।
बिस्तर की हालत भी बुरी हो चुकी थी. जिस जगह पर उसकी गांड टिकी हुई थी वहां से पूरा बिस्तर गीला हो गया था. जाते हुए उसने बताया कि वो कई बार झड़ गई है. मैंने समय का अन्दाजा लगाया तो लगभग डेढ़ घंटे हमारी चुदाई चली.
इसमें करीब पौन घण्टा तो कम से कम मैंने लन्ड उसकी चूत में रखा ही होगा। ये भी पता चला कि जब जब वो पूरे जोश में मुझे पकड़ कर अपने चूतड़ हिला रही थी, तब-तब वो झड़ रही थी.
रिया की चुदाई करने के बाद अब मेरा रास्ता साफ हो गया था. अब मैं जब चाहूं उसकी चूत को आकर चोद सकता था. लेकिन फिर भी मौके की तलाश तो करनी ही पड़ती थी. बाद मैं कैसे उस की गाण मारी ।
 
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कच्ची कली कचनार

मैं अपने दोस्त के घर पेईंग गेस्ट रहता था. मेरे दोस्त की कमसिन कच्ची कली जवान बेटी को मैं चोदना चाहता था क्योंकि वो बहुत सेक्सी और होट लगती थी। तो मैंने उसे कैसे चोदा?
दोस्तो, मेरा नाम अविनाश है और आज मैं एकदम कच्ची कली कचनार की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं। ये बात तीन साल पहले की है जब मैं सूरत में एक दोस्त के साथ एक ही रूम में रहते थे। मेरा दोस्त बिहार का था और मैं राजस्थान का। उस दोस्त की बीवी और उसकी 19 साल की लड़की और मैं … कुल 4 सदस्य रहते थे। लड़की 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थी।
हम किराये के मकान में रहते थे जिसमें 2 रूम ही थे। एक रूम में दोस्त और उसकी बीवी सोते थे और दूसरे में मैं और उसकी बेटी कोमल।
चूंकि हम दोनों दोस्त पैसे के मामले में कमजोर थे तो हम पैसा बचाने के लिए एक साथ रहते थे. मेरी बीवी राजस्थान के एक गाँव में हमारे पुश्तैनी घर में मेरे माँ बाप के साथ रहती थी. मैं यहाँ सूरत में नौकरी करके पैसा बचा कर घर भेजता था.
मेरे दोस्त की बेटी कोमल कम उमर में बहुत सेक्सी और होट लगती थी। मैं उसको रोज चोदने की सोचता था पर बोल नहीं पाता था।
कोमल को रोज रात मैं कोचिंग कराता था। पढ़ाते समय मैं उसकी गोल गोल चूचियों को खा जाने की नजर से देखता रहता था। जी करता था कि जोर से पकड़ के मसल डालूं पर हिम्मत नहीं होती थी। पढ़ाई के बीच बीच में मैं उसके साथ मस्ती करने लगता और जाने अनजाने उसकी चूची छू जाती थी तो मुझे करंट जैसा झटका लगता। कभी प्यार से उसके गाल भी खींच लेता था और पप्पी ले लेता था।
पढ़ते पढ़ते जब नींद आने लगती तो दोनों अलग- 2 सो जाते थे।
रात में मुझे रोज मुठ मारने की आदत थी। मैं मुठ मारता था तो कोमल का चेहरा मेरी आँखों के सामने रहता था।
मैं बैड पर सोता था और कोमल नीचे।
एक दिन मैंने सोचा कि कोमल सो गयी है तो मैं मुठ मार रहा था।
तभी अचानक कोमल पानी पीने के बहाने उठी तो मुझे मुठ मारते हुए देख लिया। मेरा लंड 7” का देखकर उसका भी मन शायद चुदाने के लिये मचल गया। मैंने तुरंत अपने ऊपर चादर डाल ली।
कोमल दिखने में तो बहुत मासूम लगती थी पर चढ़ती जवानी का असर भी दिख रहा था।
एक दिन उसकी किताब में किसी का लव लैटर लिखा हुआ मेरे हाथ लग गया।
मेरे दिमाग में आया कि ये साली बाहर मरवाती ही है, तो क्यों ना घर की इज्जत घर में ही रखूं। मुझे चुदाई करने की ठरक लगी हुई थी।

मैंने कोमल को बोला- ये लव लेटर मैं तेरे पापा को दूँगा।
तो वो डर गयी और मेरे पैर पकड़ के बोली- चाचू, आपको मेरी कसम! आप जो बोलोगे वो करूंगी पर पापा को मत दिखाना।
मैं तो बस मौके की तलाश में था, मैं बोला- ओके चल सोते हैं मगर एक ही बिस्तर पे।
उसने हंस के हां बोल दी।

अब मेरा लंड चुदाई के लिये फड़फड़ाने लगा। वैसे कोमल भी मेरे से चुदवाने के लिये बेकरार थी पर वो बोल नहीं पाती थी।
मैंने कोमल को बेड पे लिटा दिया। मैंने कोमल को छुआ तो उसका बदन बहुत गर्म लग रहा था. मैंने अपने होंठ उसके होंठों पे रख दिये।
उस दिन कोमल ने स्कूल ड्रेस ही पहन रखी था। मैंने उसके शर्ट के बटन खोल दिये।
हाय … क्या गजब की चूचियां थी उसकी … एकदम टाईट और गोल।
मैंने धीरे धीरे उसकी चूचियों को सहलाना शुरू किया और होंठ चूसे जा रहा था। उसके हाथ मेरा लंड सहला रहे थे। मेरा लंड धोंकनी के जैसे फुल गरम और कड़क हो गया था। कोमल भी चुदवाने के लिए तड़प रही थी।
मैंने उसकी चड्डी खोल दी। उसकी बुर पे हल्के बाल थे। एकदम छोटी सी बुर देखकर मैं पागल हो गया। मैंने उसको गोद में उठा लिया और किस करने लगा और उसकी बुर को सहलाने लगा। कोमल भी मेरे होठों का रसपान कर रही थी। उसे बहुत मजा आ रहा था। वो फुल गरम हो गयी थी।
अब मैंने उसको लिटा दिया और उसकी बुर चाटने लगा. वो आहह ईईई उउउ आआउच जैसी आवाजें निकालने लगी।
अपने लंड पे और उसकी बुर पे मैंने खूब सारा नारीयल का तेल लगा दिया ताकि लंड आसानी से बुर में घुस सके।
मैंने कोमल को पूछा- तेरी सील किसी ने तोड़ दी या फिर नहीं?
तो वो बोली- नहीं चाचू, ये आपके लिये ही कच्ची कंवारी रखे हुए हूं। आज आप ही मेरी पहली चुदाई करेंगे चाचू!
मैंने कहा- वाह मेरी जान, आज तेरी सील तोड़ के तुझे मेरी रंडी बना लूंगा।
उसकी कमर के नीचे मैंने प्लास्टिक बिछा दिया ताकि खून बिस्तर पे ना लगे।
अब मैं उसकी टांगें चौड़ी करके बीच में आ गया और लंड को उसकी चूत पे रख के धीरे से धक्का मारा. मगर लंड बहुत मोटा होने की वजह से बुर में घुस नहीं रहा था।
मैं बोला- कोमल थोड़ा दर्द सहन करने के लिये तैयार रहना।
 
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कच्ची कली कचनार 2



और मैं उसकी चूची को मसल रहा था इसलिये वो चुदवाने के लिये तड़प रही थी।
अब मैंने लंड का जोर लगाकर कोमल की बुर में घुसाया तो मेरे लंड का सुपारा अंदर चला गया। अब मैंने एक जोर का झटका लगा दिया और कोमल दर्द के मारे जोर से चिल्लाई- आआहह चाचू … मर गयी मैं!
इतने में चीख सुनके उसकी मम्मी दरवाजे पे आके बोली- क्या हुआ कोमल?
मैंने कहा- कुछ नहीं भाभी, कोमल बराबर नहीं पढ़ रही थी तो मैंने पीट दिया।
वो बोली- हां, इसको पीट पीट के पढ़ाओ देवर जी।
मैंने कहा- ठीक है, आप सो जाओ।
तो भाभी अपने रूम में चली गयी।
अब मैंने अपना पूरा लंड उस कच्ची कली की बुर के पूरा अंदर पेल दिया। कोमल की चूत से खून का फव्वारा छूट गया और वो दर्द से छटपटाने लगी।
मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया ताकि आवाज बाहर ना जा सके।
मैं बोला- जान, थोड़ी हिम्मत रख, पहली बार थोड़ा दर्द होता ही है।
अब मैं थोड़ी देर लंड को अंदर रख के उसकी चूचियों को सहलाने लगा।
वो अपनी बुर से इतना खून निकला देख के घबरा गयी।
मैंने कहा- कुछ नहीं, तेरी बुर की सील टूटी है इसलिये इतना खून निकला है, अभी दो मिनट में खून निकलना रुक जाएगा और तेरा दर्द भी खत्म हो जाएगा, सब ठीक हो जायेगा।
अब मैं एकदम धीरे धीरे अपने लंड को उसकी ताजी फटी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
थोड़ी देर मैं कोमल को भी मजा आने लगा। अब उसने मुझे झकड़ लिया और बोली- चाचूजान, आपका लंड तो बहुत बड़ा है, मेरी बुर का भोसड़ा बना दिया।
मैं बोला- मेरी भतीजी जान, अब तो तू मेरी रंडी बन चुकी है, मैं तुझे रोज चोदूँगा।
कोमल बोली- मैं तो कबसे तड़प रही थी चुदवाने के लिए … आखिर आज मेरी खवाहिश पूरी हो गयी।
और वह जोर से उछल उछल कर लंड अपनी चूत में लेने लगी और आआहहहह ईईई उउउ सीईईई करने लगी।
मैं जोर जोर से उस कमसिन जवान लड़की की चूत चुदाई कर रहा था और उसके साथ लिप किस कर रहा था. मैं उसकी संतरे जैसी कोमल गोरी चूचियाँ दबाकर मसल रहा था। वो एकदम कमसिन नवयुवती और मैं चालीस साल का मुस्तंडा।
कोमल बहुत गर्म हो चुकी थी। उसकी टाइट बुर में मेरा लंड गचागच घुस रहा था। पूरा रूम में चुदासा माहौल हो गया था।
मैं बोल रहा था- ओ मेरी रंडी ले मेरा लंड … और ले और ले। आआह ईईई ईईई आआहह आआह आआइइ आआईईई!

इतने में कोमल की बुर का का पानी छूट गया और वो पस्त हो गयी।
अब मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी- आआहह कोमल … मेरी जाआनन ओओओं … जाआआन ओओओ … मेरी रंडी आआहहह आआहह!
और मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया। मैंने उसकी बुर को अपने वीर्य से भर दिया.
कोमल भी मेरी तरफ देख कर रंडी के जैसे मुस्कुराने लगी।
मैंने वो प्लास्टिक जो नीचे बिछाई थी, उसको हटा दिया और उसकी बुर को बराबर साफ कर दिया।
कोमल बोली- चाचू जान बहुत मजा आया।
मैंने कहा- अब ऐसा मजा तुझे मैं रोज चोद कर दूँगा।
मैं थोड़ी देर मैं फिर से अपने दोस्त की बेटी की चूत चुदाई के लिए तैयार हो गया.
अब मैं बिस्तर पर लेट गया, मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ा और कोमल को उसकी चूत मेरे लैंड के सुपारे पर रख कर अपने ऊपर बैठने को कहा. उसने ऐसा ही किया और मैंने अपने कूल्गे उचका कर नीचे से अपना लंड चूत के अंदर पेल दिया।
कोमल भी मेरा साथ देने लगी और मजे से चुदने लगी। अबकी बार मैंने उसको अलग अलग पोजीशन में बहुत देर तक चोदा. इस बीच कोमल की बुर 2 बार पानी छोड़ चुकी थी।

मेरा भी पानी निकलने वाला था तो मैंने लंड निकाल कर कोमल के मुख में डाल दिया और वो लंड को चूस चूस के लंड रस निकालने लगी।
मैंने आआह हहह आआह हहह करके पूरा लंड कोमल के मुंह में खाली कर दिया। कोमल पूरा वीर्य पी गयी और लंड चाट चाट के पूरा साफ कर दिया।
फिर वो मेरे सीने पे सर रखके लेट गयी और बोली- हाय चाचू, आपके लंड में तो बहुत ताकत है. मुझे तो मजा आ गया चाचू आपका लंड अपने अंदर लेकर!
मैं बोला- मेरी जान, मैं तो कब से तुझे चोदना चाहता था, पर डरता था कि तू बुरा ना माँ जाए।
अब हम लोग रोज रात में चुदाई का मजा लेने लगे। वो प्रेगनेट ना हो जाये इसके लिये उसके लिए ‘सहेली’ गोलियाँ लाकर रख ली थी, मैं उसे रोज गोली खिला देता था। अब कोमल मेरे साथ बहुत खुश थी.
कुछ दिन बाद उसने बताया कि वो लव लेटर किसी ने नहीं दिया था बल्कि मुझे फंसाने के लिये उसने खुद लिखा था।
मैंने उसे कहा- तू बहुत बड़ी कमीनी निकली.
वो बोली- चाचू, कमीनी नहीं … रंडी … मैं आपकी रंडी हूँ.
 
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ये चुदाई की कहानियाँ तब की है जब में ग्रॅजुयेशन पास करके नौकरी ढूँढ रही थी.. मेरा फिगर 33-32-34 है और में दिखने में बहुत सुंदर और सेक्सी लगती हूँ और मेरे बूब्स बहुत सेक्सी और बड़े बड़े है। वैसे मेरे दोस्त कहते है कि में एक आईटम हूँ। अब में आपको स्टोरी सुनाती हूँ जो मेरे साथ घटी एक घटना है। दोस्तों मैंने अपनी पूरी पढ़ाई एक अच्छे कॉलेज से पास की और घर में पैसों की प्रॉब्लम्स की वजह से में आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई और मैंने एक अच्छी नौकरी ढूँढनी शुरू कर दी। फिर उन दिनों मेरा कज़िन अजीत हमारे घर आया। वो मुझसे उम्र में 2 साल बड़े है और उन्होंने अपना MBA पूरा किया है और उन्हें नयी नयी एक अच्छी सी नौकरी मिली थी और वो दिल्ली जा रहे थे। तभी मेरे घरवालों ने कहा कि वो मुझे भी अपने साथ ले जाए ताकि में एक बड़े शहर में अपने लिए एक अच्छी नौकरी ढूँढ सकूँ।


फिर में भी उनके साथ दिल्ली आ गयी और मैंने नौकरी ढूंढनी शुरू कर दी.. लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिली.. क्योंकि मेरी पड़ाई ज़्यादा अच्छी नहीं थी। फिर एक दिन में अपने भैया के घर पर बैठ कर सोच रही थी कि अब मुझे अपने घर चले जाना चाहिए उसी वक़्त डोर बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला तो देखा कि भैया आए थे और साथ में उनका बॉस भी था.. उनकी उम्र कोई 35-40 साल के बीच की होगी और दिखने में ठीक था। भैया ने अंदर आते ही बोला कि ये मेरी छोटी बहन है और ये एक नौकरी ढूँढ रही है.. उनका बॉस मुझे घूर घूर कर देख रहा था। उसकी नज़र मेरे बूब्स पर ही अटकी थी। तभी मैंने देखा कि वो बार बार मुझे देखकर अपनी पेंट पर हाथ लगा रहा था और भैया अंदर अपने कंप्यूटर से कुछ प्रिंट आउट्स ले रहे थे। उन्होंने अंदर से ही आवाज़ दी और कहा कि हमारे लिए दो कप चाय बना दो। तभी में चाय बनाने किचन में चली गयी तभी उनका बॉस मेरे पीछे किचन में आ गया और उसने मेरी गांड को हल्के से छू दिया मैंने पीछे मुड़कर उसे घूर दिया वो घबरा कर बोले कि मुझे एक ग्लास पानी चाहिए.. मैंने उसे पानी दे दिया। फिर वो बाहर चला गया में अंदर किचन में ये सोच रही थी कि शायद ये मुझे कोई नौकरी दे दे और अगर ऐसा है तो उनको खुश करने में मेरा क्या जाता है? फिर मैंने चाय बनाकर बाहर जाने से पहले अपने टॉप के दो बटन खोल दिया ताकि जब में चाय देने के लिए नीचे झुकूं तो उसे मेरे बूब्स आसानी से साफ साफ नज़र आए और मैंने वैसा ही किया। जब मैंने चाय दी तो उसे मेरे बूब्स दिखे और में हल्का सा मुस्कुरा दी..

जिससे उसे ग्रीन सिग्नल मिल गया उसने बैठकर चाय पी। फिर मेरे भैया भी अपना काम खत्म करके आ गये। फिर वो दोनों बाहर निकल गये लेकिन जाते जाते मैंने फिर से उन्हे एक हल्की सी स्माईल दे दी। फिर दूसरे दिन सुबह सुबह भैया के ऑफीस जाने के एक घंटे के बाद भैया का फोन आया कि उन्हें कुछ काम से बाहर जाना होगा और आज मुझे इंटरव्यू के लिए अकेले ही जाना होगा और वो ऑफीस से गाड़ी भेज देंगे। तभी मैंने कहा कि आप कब तक वापस आओगे? तो उन्होंने कहा कि अगर काम जल्दी ही खत्म हो गया तो आज ही आ जाऊंगा। फिर मैंने इंटरव्यू के लिए एक सुंदर सी साड़ी निकाली और नहाकर पहन ली। इतने में डोर बेल बजी तभी मुझे लगा कि ड्राइवर होगा इसलिए मैंने दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि सामने भैया के बॉस खड़े है और उनके हाथ में एक पॅकेट था.. जिसमे शायद खाने की कोई चीज़ होगी। तभी मैंने उनसे पूछा कि आप यहाँ कैसे? भैया तो आज बाहर गये हुए है।

बॉस : में इसलिए ही तो आया हूँ।
में : क्या मतलब में समझी नहीं?
बॉस : तुम अकेले इंटरव्यू देने जाओगी इसलिए मैंने सोचा कि में तुम्हे छोड़ दूँ और फिर मुझे कल से ही बहुत भूख लगी है इसलिए खाने को कुछ चीज़े ले ली आओ हम साथ में खाते है फिर इंटरव्यू देने चलेंगे। वैसे तुम्हे कैसा नौकरी चाहिए?
में : कोई भी अभी मुझे नौकरी की बहुत ज़रूरत है।
बॉस : अगर तुम चाहो तो में तुम्हे नौकरी दे सकता हूँ लेकिन पहले तुम्हे मुझे इंटरव्यू देना होगा।
में : कौन सी नौकरी है?
बॉस : में बहुत दिनों से एक पर्सनल सेक्रेटरी ढूँढ रहा हूँ और तुम तो बहुत होशियार, समझदार और सुंदर भी हो काश कि मेरी बीवी तुम्हारी तरह सुंदर होती।
में : (मुस्कुराते हुए) क्या मुझे नौकरी मिल सकती है?
बॉस : लेकिन तुम्हे पहले इंटरव्यू पास करना होगा.. क्या तुम तैयार हो?
में : हाँ में तैयार हूँ लेकिन सेलेरी क्या होगी?
बॉस : अगर तुम पास हो गयी तो बहुत अच्छी सेलेरी मिलेगी।
में : हाँ में तैयार हूँ। बॉस : तो तुम यहाँ पर आकर सोफे पर बैठो। फिर वो मेरे पास में आकर बैठ गये और मेरे कंधे पर हाथ रखकर बोले कि तुम अपने बारे में कुछ बताओ। फिर में अपने बारे में बताने लगी तो वो बोले कि ये सब नहीं में जो पूछ रहा हूँ वो बताओ।

मैंने उनसे पूछा क्या? बॉस : तुम ये बताओ कि तुम्हारा साईज़ क्या है? तभी में हैरान हो गयी.. लेकिन तब तक में समझ गयी थी कि वो मुझसे क्या चाहता है? में भी सोचने लगी कि अगर इन सब के बदले वो मुझे एक अच्छी सी सेलेरी वाली नौकरी दे दे तो मुझे क्या प्रॉब्लम है? और मैंने शरमाते हुए कह दिया कि 32. बॉस : वाउ अगला सवाल क्या तुम इस नौकरी के लिए कुछ भी कर सकती हो? में : हाँ सर में सब कुछ कर सकती हूँ। बॉस : तो फिर तुम जाओ और दरवाजा बंद कर दो। तभी मैंने उठकर दरवाज़ा बंद कर दिया और अंदर आ कर उसके सामने बैठ गयी। वो मेरे पास आ गया और पीछे से उसने मेरी पीठ पर एक किस कर दिया मैंने कहा कि ये क्या कर रहे हो? बॉस : वही कर रहा हूँ जो एक आदमी और एक औरत के बीच होता है और ये मत कहना की तुम ऐसा कुछ करना नहीं चाहती हो.. तुझे भी तो खुजली हो रही है। में : ये ग़लत है हम ऐसा नहीं कर सकते। बॉस : सही और ग़लत का फ़ैसला हम क्यों करे.. अभी तो वो करो जो हमे आज करना चाहिए।

में : लेकिन सर कोई आ गया तो? और कहीं भैया को पता चल गया तो? बॉस : अरे तेरा भैया मेरा एक नौकर है ज़्यादा बोलेगा तो प्रमोशन देकर चुप करवा दूँगा। साला खुद लेकर आएगा तुझे चुदवाने के लिए। तू तो बस अब मेरी प्यास बुझा दे मेरी जान। साली में तो पहले दिन से ही तड़प रहा हूँ तुझे चोदने के लिए.. चल आज मेरी रांड बन जा। में : लेकिन सर ये सब कुछ बिल्कुल ग़लत है। फिर ये सब कहते कहते उसने मेरे होंठो पर अपने होंट रख दिया और वो पागलो की तरह मुझे चूमने लगा और पागलो की तरह मेरे कपड़े खुलवाने लगा। में और भी उसका साथ देने लगी। फिर मैंने धीरे से पूछा कि सर मेरी सेलेरी कितनी होगी? वो हंस कर बोला अगर आज में खुश हो गया तो 20-25 हजार रूपय तो दे ही दूँगा। लेकिन फिर तुझे हमेशा मेरी रांड बनकर रहना होगा.. बोलो मंजूर है? में : हाँ सर मुझे मंजूर है। बॉस : अब और मत तड़पा.. आ जाओ मेरी प्यास भुझा दो मेरी रानी और उन्होंने मुझे गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया। वो मेरे पूरे शरीर को चूम रहे थे और में उनका साथ पूरा पूरा दे रही थी.. धीरे धीरे उन्होंने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मुझे पूरा नंगा कर दिया। में बिल्कुल नंगी उनके नीचे लेटी हुई थी और मैंने अपने दोनों हाथो से अपने बूब्स छुपा लिए। फिर उन्होंने मेरे दोनों हाथ हटाकर मेरे बूब्स जोर ज़ोर से चूसने लगे।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उसने मेरी चूत पर अपना हाथ रखा और उसे मसलने लगा और थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना अंडरवियर उतार कर मुझे अपना लंड दिखाया जो पहले से ही खड़ा था तभी मेरे तो होश ही उड़ गये। फिर उन्होंने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और खुद मेरी चूत चाटने लगा। में आह्ह्ह आह्ह्ह ओह्ह्ह की आवाजे निकाल रही थी। मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में बता नहीं सकती। तभी थोड़ी देर बाद में झड़ गयी और उन्होंने पूरा रस पी लिया। तभी उन्होंने कहा कि मेरी जान अभी तो तेरी चुदाई बाकी है चल तैयार हो जा अपनी चुदाई के लिए साली रांड आज तुझे मज़ा चखाता हूँ। आज तेरी सारी गर्मी निकालता हूँ और हाँ तुझे कभी कभी हमारे ग्राहकों के साथ भी सोना पड़ेगा। उनको भी अपनी चूत का रस पिलाना होगा.. साली तेरे बूब्स तो बड़े मस्त है। तू तो असली माल है कहाँ छुपकर बैठी थी और फिर वो मेरे ऊपर चड़ गये और मेरी चूत पर अपना लंड रख दिया और एक झटके से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। तभी में ज़ोर से चिल्लाई और उन्होंने मेरा मुहं बंद कर दिया और थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा। में ज़ोर और ज़ोर और ज़ोर चिल्लाने लगी.. बॉस ने कहा कि साली तू तो बहुत बड़ी वाली रांड

फिर उन्होंने स्पीड बढ़ाकर मेरी चुदाई शुरू की और उधर मेरी चूत चुदाई में व्यस्त थी.. लेकिन मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था और वो बस चुदाई पर ध्यान दे रहे थे। उनकी स्पीड कम होने का नाम नहीं ले रही थी और वो आज मेरी चूत को फाड़ देना चाहते थे। फिर करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम लोग एक साथ झड़ गये। फिर उन्होंने मुझे कई बार चोदा और मेरी चूत को पूरा फाड़कर भोसड़ा बना दिया और फिर अपने एक फ्रेंड की कंपनी में नौकरी दिलाई और वहाँ पर उस फ्रेंड ने भी मेरा पूरा मज़ा लिया और वो दोनों मिलकर बारी बारी से मेरी चुदाई करते रहे और फिर ऐसे ही मेरी चुदाई के साथ साथ मेरी नौकरी भी चलती रही ।
 
I'm in love 💕
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Hello Everyone :hi: ,
We are Happy to present to you The Exclusive story contest of Lustyweb "The Exclusive Story Contest" (ESC)..

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne ESC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat aka discussion thread toh pehle se he Hindi section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 2000 words and maximum 8000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Lustyweb dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki ESC Ki stories ko pure Lustyweb k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.


Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Lustyweb k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.


Entry thread aaj yaani 5th February ko open hogaya hai matlab aap aaj se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 25 February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.


Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.

Regards :Lweb Staff.
 

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