पारूल सोनू और वैभवी को अपने घर के अंदर बुला कर सोनू और वैभवी को हाथ मुंह धोने को बोलती है ।
( सोनू और वैभवी ने आज तक अपनी सुहागरात नही मनाई थी ।)
पारूल फिर सोनू और वैभवी के लिए खाने की तैयारी करने लगी ।
सोनू और वैभवी दोनो शादी से पहले जो वैभवी का कमरा था उसमें अपना सारा समान रखा था और वैभवी के कमरे में ही रहने वाले थे ।
सोनू और वैभवी दोनो हाथ मुंह धोकर नीचे खाने की टेबल पर आकर खाना खाने के लिए बैठ गए ।
पारूल अभी भी खाना बना रही थी सोनू वैभवी को बोला
मैं जाकर देखकर आता हू ।
सोनू किचन मे जाता है ।
सोनू --- सासू मां कोई मदद चाहिए क्या ।
पारूल -- आओ दामाद जी ।
मदद की जरूरत नही है ।
सोनू ठीक है ।
सोनू अपनी सारी चुदाई वाली बातो को भुलकर वैभवी के साथ अपनी लाईफ में आगे बढ़ चुका था ।
लेकीन पारूल जब भी सोनू को देखती उसको सोनू के साथ बीताई वो रात याद आ जाती है ।
सोनू बर्तन लेकर डायनिंग टेबल पर थालियाँ लगाता है ।
पारूल भी खाना लेकर आ जाती है ।
सोनू ने पारूल को बैठने को कहा और खुद खाना परोसने लगा ।
सब ने खाना खा लिया ।
पारूल ने बर्तन को लेकर रसोई में रख दिया ।
सोनू ने कहा सासु मां क्या मैं बर्तन साफ कर दू ।
पारूल --- नहीं दामाद जी इसकी कोई जरूरत नही है ।
मैने काम वाली रखी है वो कल आ कर कल साफ कर देगी ।
सोनू --- सासु मां अब आप कल से उस काम वाली का आना बंद करवा दीजिए ।
पारूल -- पर क्यो ?
सोनू --- सासु मां क्यो कि अब मैं जो आ गया हू ।मै साफ कर दिया करूगा ।
पारूल --- नही नही बेटा मैं तुमसे कैसे करवा सकती हू ।
और वैसे भी कोई दो पैसे कमा ले रहा हैं तो उसकी भलाई ही तो है ।
सोनू पारूल की बात समझ जाता है ।
पारूल --: जाओ बेटा जाकर आराम कर लो दिन भर की यात्रा से बहुत थक गए होगे ।
सोनू -- हा थक तो गये है हम दोनो ।
सोनू वैभवी के कमरे में जाकर दरवाजा खोला वैभवी दिन भर की यात्रा से बहुत थक गई थी ।
सोनू भी वैभवी के पास जाकर उसके बगल में सो जाता है ।
थोड़ी देर में सोनू को नींद आ जाती है ।
पारूल भी अपने कमरे में जाकर बेड में सोने की कोशिश कर रही थी लेकीन पता नही पारूल को बार सोनू के साथ बिताया हर एक पल याद आने लगा ।
पारूल सो नहीं पा रही थी ।
पारूल अपने कमरे से निकल के वैभवी के कमरे के बाहर जाकर देखी दरवाजा खुला था उसने कमरे के भीतर आकर सोनू के पास आकर उसे देखकर मन में उसके साथ चुदाई के सपने देखने लगी ।
पारूल ने सोनू के लंड को कपड़े के उपर से ही सहलाने लगी सोनू अभी भी सो रह था लेकीन का लंड अपने अौकात पे आने लगा ।
पारूल एक हाथ से सोनू का लंड हिलाने लगती है और एक हाथ अपनी चुत में रख कर अपनी चुत मसलने लगती है ।
सोनू गहरी नींद में था ।
और पारूल के लंड पकड़ के हिलाने से सोनू का सोते हुए ही वीर्य स्खलन हो गया ।
और साथ ही पारूल का भी पानी निकल पड़ा
और पारूल अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद करके सो गई ।
कु़छ देर बाद सोनू की नींद खुली सोनू को अपने पैट में गीला - गीला महसुस हुआ ।
सोनू ने अपना पैंट और चड्डी निकाल के देखा कि उसका वीर्य स्खलन हो गया है तो उसे लगा कि स्वप्न दोष हुआ होगा सोचकर वो फिर से सो गया ।
पारूल भी इधर सोनू का और खुद का पानी निकाल कर मजे से सो रही थी ।
सोनू अब शरीफ बन चुका था । जब से उसकी शादी वैभवी से हुई थी तब से उसके किसी के साथ चुदाई नही कि थी ।
आज रात सोनू को केले वाले बाबा जो सोनू को जंगल में मिले थे उनका सपना आता है
सपने में बाबा सोनू को डाटते हुए कह रहे थे कि ये शक्ती मैने तुझे औरतो की चुत चोदने के लिए दी थी और तु इस का कोई उपयोग नही कर रहा हैं ।
अगर तुने दो दिनो के अंदर किसी की चुत नही चोदी तो हमेशा के लिए नपुंसक हो जाएगा ।
और सोनू की आंखे खुल जाती है सोनू ने फोन में टाईम देखा तो सुबह के 4:35 हो रहे थे ।
सोनू अब असमंजस में था उसके होश उड़ गये थे । क्या करू क्या नही करू ये सोचने लगता हैं ।
तभी वैभवी उठ जाती है सोनू वैभवी के सामने नार्मल दिखाता है ।
वैभवी सोनू को गुड मार्निंग किस करती है और बाथरूम चली जाती है ।
सोनू मन में सोचने लगता हैं कि अब तो वैभवी डाक्टर बन गई है अब सुहागरात मनाने में कोई परेशानी नहीं होगी ।
सोनू मन ही मन खुश होने लगा ।
तभी वैभवी बाथरूम से वापस आकर सोनू के गोद में सर रखकर लेट जाती है ।
वैभवी थकी हुई सी लग रही थी ।
सोनू वैभवी के सर को सहलाने लगा वैभवी ने सोनू से कहा
सोनू मैने सोचा था कि आज हम अपनी अधुरी सुहागरात पुरी करेगें
ये सोनू मन में खुशी से
मैं जो चाहता था वैभवी भी वही चाहती है ।
ये ......ये ........ ये..........
वैभवी सोनू के मनसुबो पर पानी फेरते हुए कहती है ।
वैभवी --- लेकीन ?
सोनू --- लेकीन क्या वैभवी ?
वैभवी -- मेरा पीरियड स्टार्ट हो गया है ।
सोनू -- मन में दुखी होते हुए अब मैं कैसे अपने आप को नपुंसक हो ने बचा पाऊगा ।