Incest मैं, मेरी साली और घरवाली

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बात उस समय की है, जब मैं नागपुर में सन 2007 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था. उसी कॉलेज में ही मुझे एक लड़की से प्यार हो गया. किस्मत से मेरी उसके साथ 2010 में शादी भी हो गई. शादी होते ही मुझे बैंक में मैनेजर के पद नौकरी भी लग गई. मैं और मेरी पत्नी जॉब की वजह से मुंबई में रहते हैं. हमारा फ्लैट कमरों का है.

मेरी पत्नी की दो बहन हैं, छोटी बहन रानी बहुत ही चंचल है. शादी से पहले तो वो बहुत ही दुबली-पतली थी, पर कुछ ही दिनों में उसका बदन पूरा भर चुका था. उसकी उम्र 21 साल है. उसका फिगर 35-24-34 का होगा.

रानी की परीक्षा होने के बाद वो हमारे यहाँ मुंबई में आ गई. पहले तो उतना कुछ नहीं था लेकिन उसमें इतने बदलाव की वजह से मैं हैरान था. एकदम भरा बदन… उसके बोबे मानो कमीज़ फाड़ कर बाहर निकलने को आतुर हों.. और उसका पिछवाड़ा भी गजब का उठ गया था. मैं मज़ाक-मज़ाक में कभी उसके संतरों को छू लेता तो वो नाराज़ हो जाती. फिर मैंने ये सब बंद कर दिया लेकिन रोज़ उसके नाम की मुठ मारता था. जब भी वो नहाने जाती, मैं उसको दरवाज़े की दरार से देखता.

एक दिन मैं ऑफिस से लोकल कैंसल होने की वजह से वापस घर आ गया. घर का दरवाज़ा बाहर से बंद था और मेरी बीवी पड़ोस के फ्लैट में गई थी. मैं उससे चाभी ले आया और अन्दर आ गया. मुझे पता नहीं था कि अन्दर रानी नहा रही है. मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खोला तो रानी का वो नंगा गोरा बदन… मस्त चूचियां और सफाचट चूत देख ली. उसने अपनी चूचियां तो छुपा लीं, पर वो अपनी छोटी सी चूत को छुपा ना सकी. मेरा लंड तो खड़ा हो चुका था पर मैंने अपनी इच्छा को काबू में रखा.

फिर मेरी पत्नी आ गई और मैं किचन में चला गया.

उसके बाद रानी ने मुझसे बात करना बंद कर दिया. शायद उसको बुरा लगा होगा. मैं कभी-कभी उसके नाम की मुठ मार कर सो जाता था. लेकिन घर में जवान बीवी हो तो और शादी भी नई-नई थी तो मजे ही कुछ और थे.

एक रात की बात है, मेरा सेक्स करने का मूड था. मेरी पत्नी ने हल्दी वाला गरमागरम दूध लाई. मैं दूध पी कर असली वाला दूध पीने की फिराक में था.

मैं आपको बताना ही भूल गया. मेरी बीवी थोड़ी प्लस साइज़ की है. सुडौल बदन, चूचियां 38 की होंगी. मैंने देर ना करते हुए अपनी बीवी की नाइटी उतार दी और उसको किस करने लगा, उसके होंठों का रस पीने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.
पहले तो होंठों को चूमा फिर बात जीभ तक पहुँच गई.

हम किसी की फ़िक्र ना करते हुए एक-दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे. मानो सालों के प्यासे हों. फिर मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा. उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. धीरे-धीरे मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया.
अब मैं उसके नर्म नर्म बोबे चूस रहा था.
वो भी सिसकारी भरते हुए मज़ा लेने लगी. बीच-बीच में कह रही थी- मत करो ना, रानी उठ जाएगी.

लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था. अब उसकी सिसकारियां और तेज़ हो चुकी थीं. मैंने चूत पर हाथ लगा कर देखा तो चड्डी यौवन रस से पूरी भीग चुकी थी. मैंने चड्डी को एक ही झटके में उतार दिया और पूरे जोश में आकर चूत चूसने लगा.
वो कहने लगी- आआआअहह ज़ान चूस लो मेरी मुनिया को… पूरा रस पी जाओ.

मैं पूरे मज़े से चूत का रस पीने लगा. इतने में मुझे लगा कि जैसे मेरी बीवी का बदन अकड़ने लगा, वो झड़ने वाली थी. मैंने एक ही बार में पूरा रस पी लिया. फिर भी मैंने चूत चूसना बंद नहीं किया.
वो कहने लगी- रुक जाओ.
लेकिन मैंने एक ना मानी.

फिर धीरे-धीरे उसको भी सेक्स चढ़ने लगा, उसने मेरे लंड को हाथ में लिया और खेलने लगी. मैंने उसे लंड चूसने कहा, लेकिन बहुत मनाने के बाद उसने थोड़ा सा लंड चूसा. अब मैं भी जोश में आ चुका था. मैंने मेरी बीवी की चूत को थूक लगाया और अपना लम्बा लंड उसमें डालने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो, उसकी मस्त गर्म चूत चोदने जा रहा था. उसकी चूत में मैंने एक ही झटके में अपना लंड डाल दिया. वो चिल्लाने लगी तो मैंने उसके नर्म नर्म होंठों पे अपने होंठ लगा दिए. थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा, वो कहने लगी- चोदो मेरी जान, मेरी चूत फाड़ दो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआहह अहह इस्स् ऊऊह.. ज़ान…
मैंने भी कहा- हाँ मेरी सोना… मैं तेरी चूत फाड़ डालूँगा.

सारे कमरे में चुदाई की ‘फ़चाफ़च…’ की आवाज़ आ रही थी. मेरी बीवी को चोदते समय गाली देना पसंद था. वो कहने लगी- ज़ोर से चोद मेरे राजा, मेरी हरामी.. साले चूत को अपना लंड खिला दे.. आहह इसस्स आआह.. जाअंन्ना.. मेरा रस निकालने वाला है.
हम कई मिनट से चुदाई कर रहे थे. मैंने कहा- हाँ जान मैं अपने लंड का रस तेरी चूत में गिरा दूँगा.. आहाआहह..
वो कहने लगी- आआअहह तेरा लंड मस्त है.. मेरी प्यासी चूत को फाड़ दे राजजज्जा, आआआअ मादरचोद चूत फाड़ दे.. ओह मादरचोद चूत चोद दे रे.. मैं- हाँ मेरी रानी हाँ ले आआहह..

इतने में हम दोनों एक साथ कामरस में लथपथ हो गए. पूरी चादर मेरे वीर्य और उसके कामरस से भीग गई. तभी एकदम से मेरी नज़र दरवाज़े की तरफ गई, मैंने रानी की एक झलक देखी. फिर सोचा कि मेरा वहम होगा. वैसे भी ये चुदाई इतनी मजेदार थी कि मैंने ध्यान ही नहीं दिया और अपनी पत्नी के ऊपर ऐसे ही सो गया. हम दोनों कब नंगे ही सो गए.. पता ही नहीं चला.

अब पता नहीं कि मेरा और साली रानी का मिलन होगा या नहीं?
 
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मेरी बीवी प्रेग्नेंट थी तो उसके आठवें महीने में कुछ प्रॉब्लम आई तो हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा लगभग 20 दिन तक। तो मेरी बीवी ने अपनी बहिन शिवानी को बुला लिया हमारे बड़े बेटे की देखभाल के लिए। शिवानी की अभी 4 महीने पहले ही शादी हुई थी। साडू विदेश गया हुआ था। मेरी साली सांवली थी पर थी पूरा टाइम बम । क्या फिगर था कातिलाना शानदार मम्मे मस्त गांड पतली कमर भरी भरी जांघ। कुल मिला के पूरी की पूरी चोदने लाईक माल। खेर वो दिन म घर पे रहती थी घर का काम और मेरे बेटे की देखभाल। मैं ड्यूटी पर और रात में मैं हॉस्पिटल में। वो जब कुंवारी थी तो एक दो बार उसे छेड़ चूका था। होली पर भी तबियत से उसके चुचे रंगे थे। खेर एक रात मुझे हॉस्पिटल में ठण्ड लगी तो मैं घर आ गया कोई 2 बज रहे थे। अंदर घुसा तो मेरे रूम की लाइट जल रही थी। जा के देखा तो रूम में कंप्यूटर पर हार्ड कोर बी एफ का सीन चल रहा था। शिवानी पूरी नंगी सोफे पर बैठी एक हाथ से अपने चूची मसल रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत चोद रही थी। मेरा लंड देखते ही तन्ना गया। मैंने अपनी टी शर्ट उतार दी और धीरे से शिवानी के पीछे पहुँच गया। शिवानी पूरी मस्ती में थी। मैंने पीछे से उसके मम्मे पकड़ लिए और बोला – बड़े मजे ले रही हो अकेले अकेले ।

वो सकपका गयी और उठ कर खड़ी हो गयी। शिवानी- जीजू आ—प कब आये ….. मुझे तो पता ही नही चला।। मैं उसके चमकते जिस्म को हवस भरी नज़र से ताड रहा था तब उसे याद आया की वो नंगी है। उसने झट से पास पड़ी चद्दर उठा ली और मेरी तरफ पीठ करके बोली-आप प्लीज बाहर जाईये मुझे कपडे पहनने हैं।। मैं उसके पीछे गया और और बाँहों में भर के उसके बोबे फिर से पकड़ के दबाने लगा। मैं-मेरे सामने ही पहन लो। कहो तो मदद कर दूं। मेरा खड़ा लंड उसकी मांसल गाण्ड में गड़ा हुआ था।वो मुझसे छुटने की कोसिस करने लगी। शिवानी- छोड़ दो जीजू प्लीज मैं अब शादीशुदा हूँ। प्लीज छोड़ दो। दीदी को पता चल गया तो मुझे मार देंगी।। में- इतना क्यों सोच रही है तेरी दीदी को तो पता नही चलेगा और यह तो अच्छी बात है की तेरी शादी हो चुकी है। वैसे भी साली तो आधी घरवाली होती है। मानजा शिवानी हम दोनों की भूख मिट जायेगी। मैंने एक झटके से चद्दर हटा दी और उसे बाँहों म भर कर चूमने लगा। वो अभी भी मुझे धक्का दे रही थी और हाथ जोड़ जोड़ कर छोड़ देने को बोल रही थी। मैंने उसे बाँहों म उठाया और सोफे पर लिटा दिया फिर उसके मम्मे चूसने लग गया और एक हाथ से चूत सहलाने लग गया। थोड़ी देर बाद शिवानी ने अपना मखमली जिस्म ढीला छोड़ दिया और पूरी तरह से खुद को मेरे हवाले कर दिया।मैं उठा और उसकी जांघे फैला कर उसकी चूत चाटने लग गया। उसकी सिसकारियाँ छूट गयीं। गर्दन पीछे ढलक गयी और मम्मे आसमान की तरफ पहाड़ की तरह तन गए। मैं चूत चाटते हुए उसके बोबे भी मसलने लगा। थोड़ी देर बाद उठ कर अपना लोअर और चड्डी भी उतार दी। मेरा तना हुआ 6.6-6.75 इंची लंबे और मोटे लण्ड को देख कर शिवानी के चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। शिवानी-

हाययययययय…… इससे भी कसरत कराते हो क्या जीजू। मैंने अपने लण्ड को हाथ में लेके थोडा पीछे खिंचा तो वो और फूल गया। मैं- हाँ मेरी रानी अभी तुम इसकी वर्जिश करोगी पहले मुंह से फिर निचे चूत से। ।। वो इशारा समझ गयी और उठ कर मेरे लण्ड को पहले सहलाया फिर चूमा।। फिर अपने होंठों की कैद में ले लिया। क्या चूस रही थी वो मेरा लण्ड। करीब पौना लण्ड वो गटक जा रही थी। जब उसने जीभ से लण्ड को सहलाया मेरा पूरा बदन अकड़ गया। मैंने गौर से देखा क्या चमकता जिस्म था शिवानी का , एक दम कस हुआ मस्त बोबे पतली कमर चौड़ी गांड और चूत पर एक बाल नहीं शायद कुछ दिन ही हुए होंगे झांट कटे हुए। मेरा रोम रोम खिल उठा।शिवानी पूरी शिद्दत से लण्ड चूस रही थी और एक हाथ से मेरे आंड सहला रही थी। फिर मैंने उसे फिर से सोफे पर लिटा दिया। उसने टाँगे फैला दी। उसकी गीली गीली मस्त फांकों जैसी चूत को देख कर मेरी हवस सांतवे आसमान पर पहुँच गयी। शिवानी ने एक मादकता भरी अंगड़ाई ली और बाहें फैला के मुझे करीब बुलाया। मैं उसकी बाँहों में समां गया और होंठों को चूसने लग गया मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत को चूम रहा था। शिवानी अपनी कमर उठा उठा कर उसे खा जाने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसके होंठ छोड़े और चूचियों को चूसने और मसलने लगा।।

शिवानी- उफ्फ्फ…. ओह्ह्ह…. उम्ह्ह्ह्…. और कितना तड़पाओगे अब घुसा भी दो जीजू। ।। मैं घुटनो पे हुआ और लण्ड के सुपाड़े को चूत पे रगड़ा शिवानी सिहर उठी। फिर मैंने लण्ड को निशाने पे रखा और फिर से शिवानी पे झुक गया। शिवानी ने कमर उठाई और ठीक तभी मैंने एक जोरदार धक्का दिया और सुपाड़ा पूरा चूत में। शिवानी की चीख निकल गयी। वो थोड़ी उप्पर सर्किट तो मैंने जकड लिया। मैं- क्या हुआ जान शादी के 4 महिंने बाद भी दर्द हो रहा है।। शिवानी- होगा नहीं क्या डेढ़ महीने से चूत सुखी थी।आज इस पर बरसात की बुँदे गिरेंगी।। मैं- बुँदे नहीं जान पूरी बाढ़ आएगी आज। सुबह तक तुम्हे सोने नहीं दूंगा। ।। फिर में धीरे धीरे लण्ड अंदर डालने लगा। ।। शिवानी- आह्ह….उफ्फ्फ…मुझे तो लग रहा है सुबह तक मेरी उठने की भी श्रद्धा नही रहेगी।आईईइ… ।। मैंने एक तगड़े झटके के साथ पूरा लण्ड पैल दिया।। शिवानी- जान निकाले मानोगे। फिर ऐसे ही धीरे धीरे लण्ड पिलाई करता रहा। बड़ा मज़ा आ रहा था। शिवानी आँखें बन्द किये मेरे बालों में उँगलियाँ फिरा रही थी। और मैं चूत की जड़ तक धीरे धीरे लण्ड पेलते हुए उसके सुन्दर सुडौल बोबों को चूसने चाटने दबाने के मज़े ले रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसकी टांगे कंधे पर रखीं और ताबड़तोड़ लण्ड पेलने लगा। । ।। शिवानी- wowww…..जी…..जू ….आह्ह…. उम्ह्ह्…ओह्ह्ह… और जोर से मारो प्ली…….ज।आह्ह… मज़ा आ गया। हाँ ऐसे ही उफ्फ्फ… मैं तो गयी। ।। और शिवानी ने अपनी कमर उठा दी जिससे मेरा लण्ड और दमदार शॉट मारने लगा।उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गदा दिए। और वो झड़ गयी। कोई 8-10 झटकों के बाद मैं भी उसकी चूत की गहराई म झड़ गया। ।।

फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपके सोफे पर पड़े रहे। मेरा लण्ड अभी भी नहीं बेठा था वो शिवानी की कसी हुई चूत में अभी भी खड़ा था। ।। मैं- कैसा लगा जान। ।।मैं लण्ड हल्के हल्के आगे पीछे करने लगा।। शिवानी- कौन सी चक्की का आटा खाते हो पूरा हिला दिया। आज पता चल गया दीदी क्यों तुम्हे अकेला नहीं छोड़ती।क्या चुदाई की है मज़ा आ गया।और अभी भी लण्ड तना हुआ है। ।।वो मेरे होंठ चूसने लगी।। मैं- शिवानी तुम्हारे गदराये जिस्म और इस टाइट चूत के कारण मेरा मन तुम्हे बस चोदते ही रहने का कर रहा है।। ।शिवानी- तो आपको किसने रोका है जी भर के लूटो अपनी साली की जवानी।जब तक जी करे चोदते रहो में भी अब तो आपकी मर्दानगी के जी भर के मज़े लेना चाहती हूँ। ।।मैं- हाय मेरी जान अब तो तुम्हारी ढंग से खातिरदारी करनी पड़ेगी।घोड़ी बनोगी….. ।। शिवानी- जैसा मन करे वैसे चोदो।चाहे घोड़ी बनाओ चाहे गोदी में उठा के चोदो। बीएस मेरी आग पूरी बुझा दो जीजू। फिर पता नही कब मौका मिले।। फिर मैंने अपना लण्ड निकाल लिया शिवानी घोड़ी बन गयी।उसकी चूत से मेरा और उसका रस रिस कर जांघों पर आ गया था।मैंने अपने अंडरवेअर से पहले लण्ड साफ़ किया फिर चूत पोंछ दी।लण्ड को चूत के मुहाने पर रख कर एक जोरदार झटके से पूरा लण्ड घुसा दिया। शिवानी- आह्ह्ह…. जान निकलोगे क्या।सुबह दीदी के पास भी जाना है। मैं- चली जाना पहले जीजा की तो सेवा कर दो।कितने सालों से तुझइ चोदने का मन था। आज सारी हसरत पूरी करूँगा।

मैंने कमर पकड़ के 8-10 झटके जोरदार दे लिए। शिवानी- woww……. उफ्फ्फ…. हाय तो इतने साल क्यों तरसाया। इतने मौके थे कभी भी चढाई कर लेते।। मैं- तेरे बोबे मसले तो थे।पर और आगे बढ़ने की हिम्मत नही हुई। शिवानी- मैंने आपको कुछ कहा थोड़े था।पटक लेते और मेरे कुंवारे पन का पूरा मज़ा लेते।मैं तो आपकी दीवानी तब से हूँ जब से एक रात आपको दीदी की धमाकेदार चुदाई करते देखा था। मैं- कोई बात नही रानी आज दोनों की आग ठंडी कर दूंगा। ।फिर मैं उसकी कमर पकड़ कर उसे दबा कर चोदने लगा।लण्ड की थाप और शिवानी की सिसकारियों से कमरा गूँज रहा था।कोई 5-7 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद शिवानी झड़ गयी और सोफे पर पसर गयी। मैं- ये अच्छी बात नही है जान मेरा लण्ड तो ठंडा ही नही हुआ और तुम साइड हो गयी।। शिवानी- हाययय, इसे ठंडा करते करते मैं पूरी ठंडी हो जाउंगी।क्या खाते हो और कितनी मारोगे मेरी सुबह तक।अब बस करो जीजू कल चोद लेना जी भर के। मैं- जानू तुमने ही तो कहा था चोदने के लिए।चलो आ जाओ उप्पर बैठो जिंदगी के मज़े लो।। फिर बड़ी मुश्किल से मना कर उसे उप्पर बिठा कर चोदा।कोई 10 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए।अगले 15 दिन मैं शिवानी को ऐसे ही जी भर के चोदता रहा। फिर मेरी बीवी के आने के बाद वो चली गयी।
 

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