Adultery मेरी बीवी की पहली चुदाई उसके ड्राईवर ने की थी

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यह चुदाई कहानी मेरी वाईफ की है. मेरी वाईफ का नाम पूजा है, मेरा नाम राज है. मेरी हाइट 6 फुट और पूजा की 5.7 है. हम दोनों ही रेगुलर जिम जाते हैं.. दोनों ही बहुत आकर्षक दिखते हैं.
आप लोगों को पहले मैं पूजा के फिगर के बारे में बता दूँ. उसका फिगर 36-33-38 का है और वो बहुत गोरी है. मेरे लंड का साइज़ नॉर्मल 6 इंच ही है.
हम दोनों ने मिलकर खूब सेक्स के मजे लिए हैं. हमने दूसरे जोड़ों के साथ अदला-बदली से लेकर ग्रुप सेक्स तक के सारे मजे लिए हैं.

एक दिन जब मैंने पूजा से अपने पहले सेक्स के बारे में पूछा तो उसने अपना पहला चुदाई का एक्सपीरिएन्स बताया.

सच पूछो दोस्तो, उसका पहला अनुभव सुनकर बहुत मजा आया. उसकी चुदाई के पहले अनुभव को मैं आज आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ. यह बिल्कुल सच है, इसे कोई भी काल्पनिक नहीं समझे.

बात उस समय की है, जब मेरी बीवी जवान ही हुई थी. पूजा के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं, दोनों का अपना एक हॉस्पिटल है. वे दोनों दिन भर अपनी डॉक्टरी में बिजी रहते थे. वे दोनों सुबह निकल कर रात तक ही घर आ पाते थे. घर में नौकर ड्राइवर सब सुविधाएं थीं.

तब एक दिन पूजा ने ड्राइविंग सीखने के लिए पापा को बोला, तो पापा ने अपने ड्राईवर कमल को बोला- कमल, तुम बेबी को ड्राइविंग सिखा देना.

आगे की सेक्स स्टोरी पूजा की जुबानी सुनिए.

दूसरे दिन से कमल दिन के टाईम मुझे ड्राइविंग के लिए ले जाने लगा. कमल की उम्र 30 साल के लगभग थी. वो हमेशा मुझे घूर कर अलग सी निगाहों से देखता था. अपनी जवान हो चुकी उम्र में मैं यह सब अच्छी तरह से समझती थी, पर मैं हमेशा नौकरों से दूरी बना कर रखती थी. बड़े बाप की बेटी जो थी.

कमल अकसर मुझे छूने की कोशिश करता था. कुछ दिनों में मैं थोड़ी ड्राइविंग भी सीख गई थी. इतने दिनों में अब कमल मुझे दूसरे नौकरों की तरह खराब नहीं लगता था. वो अकसर कार का डोर बंद करते समय मेरे मम्मों को अपनी कोहनी से हल्का सा रगड़ लेता था, जिससे मुझे भी मजा आता था और मेरे निप्पल टाइट हो जाते थे. यह खेल रेगुलर चलता रहा और घर आकर मैं अपने मम्मों को देखती तो मुझे अपने चूचे एकदम लाल और कड़क लगते थे.

एक दिन मैं घर पर स्कूल से जल्दी आ गई. मैं उस समय 12 वीं क्लास में पढ़ती थी. उस दिन मैं टी-शर्ट में बिना ब्रा के ही बैठी थी और तभी कमल आ गया.
उसने मुझसे बोला- चलो आज जल्दी ही चलते हैं.. मुझे कहीं काम से जाना है.

मैं सीधा उठ कर उसके साथ चली गई और अन्दर ब्रा पहनना भी भूल गई. जब उसने हमेशा की तरह डोर बंद करते समय मेरे मम्मों पर अपनी कोहनी टच की, तब हम दोनों को ही शॉक लगा.
तब मुझे ध्यान आया कि मैं आज जल्दी में ब्रा पहनना भूल गई.
खैर.. आज मुझे और ज्यादा अच्छा लगा और कमल की तो शक्ल ही बता रही थी कि उसने भरपूर मजा ले लिया है.

उस दिन बस यही हुआ. अगले दिन कमल ने कार के डोर में कुछ फँसा दिया, जिसकी वजह से डोर बन्द नहीं हो रहा था.. इसका पता मुझे बाद में लगा. उसने डोर को जाम बताकर जोर से बन्द करने की कोशिश की और मेरे मम्मों पर आज बहुत जोर से कोहनी मारी, जिससे मेरी तो जान ही निकल गई और मैं जोर से चिल्ला दी.

कमल ने एकदम से मेरी चूचियों को अपने हाथों से पकड़ा और सहलाते हुए और सॉरी बोलने लगा. मुझे दर्द के कारण उस पर गुस्सा आया.
वो बोलने लगा- पूजा ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है.. एक बार मुझे देखने दो.
मैंने मना कर दिया, मेरी आँखों में तो आँसू तक आ गए, पर वो रेगुलरली मेरे मम्मों को सहलाए जा रहा था. अब मुझे भी थोड़ा-थोड़ा बढ़िया लगने लगा.

वो मुझसे बार-बार बोलने लगा कि मुझे एक बार देखने दो, कहीं कुछ ज्यादा तो नहीं लगी.. जिसकी वजह से कहीं बाद में दिक्कत न हो जाए. उसके लगातार हाथ फेरने से मेरी भी काम वासना जाग गई थी और मैंने भी बोल दिया- लो जल्दी से देख लो, मुझे दर्द हो रहा है.

उसने तुरंत मेरी टी-शर्ट को ऊपर किया और उस वक्त मुझे बहुत शरम आई. फर्स्ट टाइम किसी ने मेरे नंगे चूचे देखे थे. वो मुझे मम्मे छू कर बताने लगा कि देखो ये कैसा लाल सा हो गया है.
वो ये कहते हुए मेरे दोनों मम्मों को बड़े प्यार से सहलाने लगा. उसके हाथों के मस्त अहसास से मेरी आँखें बन्द हो गई थीं.

तभी मुझे अपने मम्मों पर कुछ गीला-गीला सा महसूस हुआ. मैंने अपनी आँखें खोलकर देखा तो वो अपनी टंग से मेरे मम्मों को चाट रहा था. मुझे इतना मजा आ रहा था जैसे मानो जन्नत मिल गई हो.

अब मेरे हाथ अपने आप उसके सिर पर चले गए और मैं कमल को सहलाने लग गई. उसे पता चल गया था कि अब मैं पूरी उसकी गिरफ्त में हूँ. वो मेरे कोमल होंठों को किस करने लगा. मैं भी उसका पूरा सपोर्ट कर रही थी. फिर उसने किस करते-करते मेरी नाभि को भी किस करना शुरू कर दिया. मेरी तो हालत ही खराब हो गई.

अब तो कमल अपना एक हाथ मेरी स्कर्ट में डाल कर मेरी बुर को मसलने लगा. इतने में मेरी बुर का पानी निकल गया तो कमल ने तुरंत गाड़ी की सीट को पीछे की तरफ किया और मुझे लिटा कर मेरी पेन्टी उतार दी और मेरी बुर का पानी चाटने लगा. मुझे बुर चुसाई में इतना बढ़िया लगा जितना अब तक जिन्दगी में नहीं लगा था.

अब उसने अपनी पैन्ट और अंडरवियर खोल दी और अपना लंड मुझे पकड़ा दिया. उसका लंड बहुत बड़ा था, लगभग 8 इंच का तो होगा. सच बोलूं तो मैंने अपनी लाइफ में पहली बार लंड देखा था. मुझे उसका काला लंड बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा. लेकिन वो मेरी बुर में उंगली करने लगा, जिससे मैं वासना से भर गई.

अब वो अपने लंड को मेरी प्यारी सी, छोटी सी बुर पर रगड़ने लगा. मुझे लंड का स्पर्श अच्छा तो लग रहा था, पर डर ज्यादा लग रहा था. इतना तो मुझे अपनी सहेलियों से मालूम था कि पहली बार बुर में लंड लेने से बहुत दर्द होता है. पर अब न वो मानने वाला था न मैं बिना चुदवाए रह सकती थी.

उसने मेरी बुर में लंड पेलना स्टार्ट किया. सच बोलूं तो मेरा भाग जाने का मन भी किया.. लंड के कारण बुर में दर्द बर्दाश्त से बाहर था. मेरे मुँह से जोर से एक चीख निकल गई. लेकिन अब तक वो अपना पूरा लंड मेरी बुर में डाल चुका था.
वो बोला- दो मिनट और बर्दाश्त कर लो.. फिर बहुत मजा आएगा.

सच में थोड़ी देर बाद मुझे भी बहुत मजा आने लगा, जिसको मैं ब्यान नहीं कर सकती. करीब 10-12 मिनट बाद हम दोनों का पानी निकल गया. उसने ध्यान रखकर अपने लंड का पानी बाहर निकाला.
झड़ने के बाद वो मुझे प्यार से चूम रहा था. इतने में हमें किसी के गैराज की तरफ आने की आवाज आई, हमने तुरंत अपने कपड़े पहने और ड्राईव पर निकल गए.
 

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