Incest मेरी मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल

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मेरी मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल

ये कहानी मेंने नही लीखी सिर्फ हींगलीश फोन्ट से हींदी फोन्ट में बदली है।​
 
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मेरा नाम प्रणव है और आज मैं आप सबको, एक “सच्ची कहानी” बताने जा रहा हूँ।।



कहानी वैसे तो आज से कुछ साल पहले की है पर यक़ीनन, आपको मज़ा आएगा।।



कहानी शुरू करने से पहले, मैं आप सबको अपने परिवार के बारे में बता दूँ।।



मेरे परिवार में 4 लोग हैं – मैं, मेरे पापा, मेरी मम्मी और मेरी बड़ी बहन यानी मेरी दीदी।।



मेरी बहन, दूसरे शहर में रह कर पढ़ाई कर रही है।।



मेरे पापा, एक मल्टी नेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी में “प्रोजेक्ट मैनेजर” हैं और ज़्यादातर बाहर ही रहते हैं।।



उनकी कंपनी के सभी क्लाइंट्स, अनुमन “विदेशी” ही रहते हैं इसलिए बमुश्किल वो साल में एक बार या कभी कभी 2 बार ही घर पर लंबे समय के लिए आ पाते हैं।।



घर पर ज़्यादातर, मैं और मेरी मम्मी अकेले ही रहते हैं।।



अब बात मेरी मम्मी की।।



उनका नाम – महक है। सच कहूँ दोस्तो तो वाकई मेरी मम्मी देखने में बहुत सुन्दर है। उनका रंग बिल्कुल गोरा है और मेरी मम्मी का फिगर बहुत अच्छा है। उनकी गाण्ड थोड़ी बड़ी है पर चुचे बिल्कुल आकार लिए हुए हैं। पेट सपाट और बाल लंबे हैं। दोस्तो, यूँ तो उनकी उम्र भी ज़्यादा नहीं है।।



असल में, मेरे मम्मी और पापा ने साथ में एक ही कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी।।



दोनों उस दौरान ही प्यार में पड़ गये थे और कॉलेज ख़तम होते होते, मेरी बड़ी बहन मम्मी के गर्भ में थी।।



पापा की नौकरी लगने से पहले ही, दोनों की शादी हो चुकी थी।।



खैर.. !



कम उम्र में माँ बनने का सदमा हो या शुरू में ज़्यादातर पापा के साथ विदेश में रहने का, पर ये बात तो है की वो अपने फिगर को और अपने आपको काफ़ी फिट रखती हैं।।



अब आते हैं, कहानी पर.. ! .. !



उस वक़्त, जब मैं जब काफ़ी छोटा था तब बराबर अपनी मम्मी के साथ बाहर जाता था।।



मैंने कई बार देखा है, अंकल लोगों को मेरी मम्मी के बदन को घूर घूर के देखते हुए।।



वैसे सच कहूँ तो अब समझ आता है, वो लोग ऐसा क्यों करते थे क्यूंकि ज़्यादातर जवानी विदेश में बिताने के कारण, मेरी मम्मी ऐसे कपड़े पहनती थीं की कोई भी मर्द पागल हो जाए।।



उनका स्कर्ट ऐसा होता था की अगर किसी वजह से नीचे झुकना पड़े तो उनकी पैंटी दिखने लगती थी।।



उनकी गोरी जांघें तो हमेशा, उनकी स्कर्ट से साफ दिखती रहती थीं।।



यूँ तो मेरी मम्मी साड़ी बहुत ही कम पहनती हैं पर मेरी मम्मी के जो ब्लाउज हैं, बहुत ही कसे हुए रहते हैं जिनसे उनके “चुचे की घाटी” साफ दिखती रहती है।।



कम उम्र में ही शादी होने और माँ बनने से, उनको अपने आप को जवान और कमसिन दिखाने का कुछ ज़्यादा ही शौक है।।



हाँ तो अब मैं आप सबको अपनी कहानी पर ले आता हूँ।



मेरा एक बचपन का एक दोस्त है – श्लोक।।



श्लोक मेरे ही मोहल्ले में रहता है और उसके पापा, एक बिल्डर हैं।।



बल्कि मैं जिस अपार्टमेंट में रहता हूँ, वो भी उन्हीं का बनाया हुआ है।।



श्लोक के पापा, बहुत “लंबे चौड़े” हैं। देखने में, बहुत ही स्मार्ट और अच्छे हैं। लगभग 6 फीट लंबाई है और उन्होंने बॉडी बनाई हुई है (मतलब कसरती जिस्म है)। अंकल, अपने कॉलेज में बॉक्सिंग किया करते थे सो बिल्कुल फिट आदमी हैं।।



अंकल, मेरी मम्मी और पापा को बहुत अच्छे से जानते हैं क्यूंकि फ्लैट लेने के समय बराबर उनसे मुलाकात होती थी।।



पापा के काम की वजह से, खास तौर से मम्मी से क्यूंकि मम्मी हफ्ते में एक दो बार ज़रूर देखने आती थीं की फ्लैट का काम कितना आगे बढ़ा है।।



पापा कभी कभी, यानी एक दो बार मम्मी के साथ आते थे।।



इधर, मैं और श्लोक एक ही स्कूल में थे सो हमारा बराबर घर आना जाना था।।



कभी वो मेरे घर, कभी मैं उसके घर।।



कई बार ऐसा होता था की बस स्टॉप पर अंकल, श्लोक को छोड़ने आते थे और मम्मी मुझे।।



वहाँ भी, दोनों की बातें होती थीं।।



चूँकि उस वक़्त, हम काफ़ी छोटे थे और मैं और श्लोक आपस में ही बिज़ी रहते थे सो ज़यादा नहीं बता सकता की क्या बातें होती थीं और वैसे भी दोस्तो, उस उम्र में बड़ों की बातें कहाँ समझ आती हैं।।



हाँ पर जैसे जैसे बड़ा हुआ, इतना समझ आता गया की अंकल मेरी मम्मी की गाण्ड और चुचे को देखते रहते हैं।।



मम्मी के टॉप या उनके ब्लाउज में, उनकी “घाटी” दिखती रहती थीं और अंकल कई बार उनकी घाटी को देखते थे।।



मैंने कई बार मम्मी को अपने चुचे ढकते हुए देखा है, अंकल के सामने।।



अब मैं आप सबको, एक “वार्तालाप” बताने जा रहा हूँ।।



ये वार्तालाप अंकल का है, जो वो उनके दोस्तो के साथ कर रहे थे।।



उर्मी आंटी (श्लोक की मम्मी) अपने मायके गई थीं क्यूंकी श्लोक की नानी की तबीयत खराब थी।।



मैं श्लोक के यहाँ गया हुआ था।।



मैं और श्लोक, अपने होम वर्क पर काम कर रहे थे और अंकल आ चुके थे।।
 
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रात के 8 बज रहे थे और अंकल अपने 2 दोस्तो के साथ, बैठ के शराब पी रहे थे।।



हंसने की आवाज़, अंदर के कमरे तक आ रही थी।।



लगभग 9 बजे, मैंने श्लोक से कहा – भाई, अब मैं चलता हूँ.. ! काफ़ी देर हो गई है.. !



श्लोक ने भी कहा – हाँ भाई.. ! तू जा.. ! अब कल स्कूल में मिलते हैं और वहीं पूरा करेंगे, अपना काम.. !



जाते वक़्त, अंकल ने मुझे देखा और कहा – प्रणव बेटे, यहाँ आना.. !



मैं अंदर चला गया।।



अंकल ने कहा – बेटा, श्लोक को ज़रा बुला देना.. !



उनके कमरे से दारू की भयंकर महक आ रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था की वहीं, मैं उल्टी कर दूँगा।।



मैंने अंकल से कहा – अंकल, कुछ काम है तो बोलिए.. ! मैं कर देता हूँ.. !



तभी अचनाक से एक दूसरे अंकल ने श्लोक के पापा से पूछा – यही है, उसका सपूत.. !



अंकल ने सिर हिलाते हुए कहा – हाँ, यार.. !



अंकल ने मुझे फ्रिज से बर्फ लाने को कहा और मैंने उन्हें बर्फ ला कर दे दिया।।



पर काफ़ी देर, मैं सोचता रहा की आख़िर क्या बात थी।।



उस आदमी ने ऐसा क्यों कहा की यही है, क्यूंकि मैं तो मैं उनसे आज तक मिला नहीं हूँ.. !



सोचते सोचते, मैं बाहर की तरफ निकल गया और खिड़की से चुपके से उनकी बातें सुनने लगा।।



उन्हीं अंकल ने फिर से कहा – ये लड़का, तेरे बेटे का दोस्त है क्या.. !



अंकल ने (श्लोक के पापा ने) कहा – हाँ, दोनों एक ही क्लास में हैं.. !



उस आदमी ने कहा – फिर, तू इतना क्यों सोच रहा है.. ! जा के चोद डाल उसे.. ! इसमें कोई मुश्किल नहीं है.. !



श्लोक के पापा ने कहा – हाँ यार सोचता हूँ, लेकिन साली नहीं मानी तो.. !



उस आदमी ने कहा – देख, उसका पति तो बाहर रहता है और तू जैसा बता रहा है उसके बारे में, वो पक्का “छमिया” है.. ! मुझे लगता है, एक मिनट नहीं लगेगा, ऐसी औरत की टांग खोलने में.. ! और यार, भाभी भी नहीं हैं.. ! देख, जिस औरत का मर्द बाहर रहता है, होता नहीं है या अकेली औरत को, चोदना बहुत आसान होता है.. ! शुरू में नाटक करती हैं पर फिर भड़ाभड़ लण्ड पर कूदती है.. ! सोच मत यार, चोद डाल उसको और मन और लण्ड को शांत कर ले.. ! कितने दिन से उसके बारे में सोच रहा है.. !



श्लोक के पापा ने कहा – यार, कह तो तू सच रहा है.. ! अब बर्दशात नहीं होता.. ! कभी कभी तो मन करता है, उठा के ले आता हूँ, रांड़ को.. ! यार चुचे की घटियाँ, दिखा दिखा कर और गाण्ड मटका मटका के पागल कर रखा है.. ! उसे तो चोदना ही है हर हाल में, चाहे कुछ भी हो.. ! मैं उसे चोद के ही रहूँगा चाहे खुशी से माने या ज़बरदस्ती ही क्यूँ ना करनी पड़े.. ! और अंकल ने शराब का एक पैग लगाया।।



फिर उस आदमी ने कहा – भाई, लेकिन अपना काम होने के बाद हमें मत भूल जाना.. ! इस मामले में तो हम कुत्ते हैं, तेरी झूठन भी खा लेंगे.. ! और, सब ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।।



मैं समझ गया की मेरी “मम्मी की इज़्ज़त” ख़तरे में है।।



मैं ये बात श्लोक को बताना चाहता था पर मैं जानता था की श्लोक कभी नहीं मानेगा, मेरी बात.. !



एक तो अंकल उसके पापा हैं और अपनी बात को मैं कैसे साबित करूँगा।।



कुछ दिन, ऐसे ही बीत गये और अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के करीब आने लगे।।



मैं कुछ नहीं कर सकता था, उस समय क्यूंकि मैं कैसे जाकर मम्मी को ये सब बताता की अंकल की नियत क्या है और वो किस नियत से उनसे इतना दोस्ताना व्यावहार कर रहे हैं।।



सच कहूँ तो मुझे इतना मालूम था की हर मर्द की नियत, अकेली औरत के लिए खराब रहती है और अगर मेरी मम्मी उन्हें लिफ्ट नहीं देंगी तो वो मम्मी को कभी नहीं चोद पाएँगे।।



लेकिन क्या, मैं अपनी मम्मी के बारे में सही था.. ! .. !



अब मैं आपको उस दिन की कहानी सुनने जा रहा हूँ, जिस दिन मैंने अपने दोस्त के पापा को, मेरी मम्मी को चोदते हुए देख लिया।।



31 दिसम्बर की रात थी।।



अंकल ने पार्टी रखी हुई थी।।



जिसमें, हम सब आमंत्रित थे।।



नाच गाना, चल रहा था।।



मुझे आज भी याद है, मेरी मम्मी ने उस दिन “गुलाबी साड़ी” पहन रखी थी।।
 
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होनी देखिए की जैसे ही हम निकले, हमने देखा की हमारी कार पंक्चर खड़ी है।।



और तो और, उस दिन बारिश या कहिए बूंदा बांदी हो रही थी और मम्मी और मैं मजबूरन स्कूटी से गये।।



मम्मी के पास, रेनकोट नहीं था क्यूंकी वो बिना कार के कहीं जाती ही नहीं थीं।।



लाज़मी है की जाते ही समय, थोड़ा सा मम्मी भीग गई थीं।।



सामने से मेरी मम्मी का ब्लाउज इतना तो भीग ही गया था की उनके चुचे अच्छे से आकर में दिख रहे थे।।



अंकल और आंटी ने हमारा स्वागत किया।।



इधर, अंकल उसी गंदी नज़र से मेरी मम्मी को देख रहे थे और सबसे बड़ी बात ये थी की अंकल के वो दोस्त जिन्हें मैंने उस दिन अंकल के घर में देखा था वो भी थे।।



सब मेरी मम्मी को ही देख रहे थे।।



मुझे कुछ ग़लत लग रहा था की यहाँ सब ठीक नहीं है क्यूंकि अंकल ने पार्टी दी थी और यहाँ हमारी सोसाइटी का एक भी बंदा नहीं था।।



पूरी बिल्डिंग में से केवल, हम ही यहाँ थे।।



लेकिन मैंने ये सोचा की शायद, ये मेरे मन का वेहम होगा।।



ऐसा कुछ नहीं होगा।।



और वैसे भी आज तो आंटी यानी श्लोक की मम्मी भी यहाँ पर थीं।।



एक बात ये भी थी की अब तक मैंने मम्मी को ऐसा कुछ करते हुए नहीं देखा था, अंकल के साथ जिससे ये लगे की मम्मी उन्हें अपने लटके झटके दिखा रही है या फिर खुद उनकी तरफ आकर्षित हैं।।



कुछ देर में, मैं सामान्य हो गया और मैं पार्टी का आनंद लेने लगा।।



आंटी दूसरे मेहमानों के साथ व्यसत थीं और मैं और मम्मी कुर्सी पर बैठे हुए थे तभी अंकल हमारे पास आए और मुझसे कहा – प्रणव, तुम जाकर श्लोक के साथ पार्टी एंजाय करो.. !



मैंने कहा – नहीं अंकल.. ! मैं यहीं ठीक हूँ.. ! मम्मी के साथ.. !



अंकल भी वहीं बैठ गये और बातों बातों में मुझसे एक दो बार और कहा, चले जाने को.. !



अंकल को बोलता देख, मम्मी ने भी मुझसे कहा – कोई बात नहीं, बेटा.. ! तुम जाओ और एंजाय करो पार्टी, अपने दोस्त के साथ.. ! जाओ जाकर खेलो.. !



क्या करता, मैं वहाँ से चला गया और दूर से देखने लगा।।



अंकल मम्मी से बातें कर रहे थे और बीच बीच में, दोनों हंस रहे थे।।



ऐसा लग रहा था, जैसे अंकल मम्मी के कानों के तरफ इशारा कर रहे हों क्यूंकि मम्मी बीच बीच में, अपने बाल पर हाथ फेर रही थीं।।



मैंने देखा वही आदमी जो उस समय अंकल से मम्मी को चोद देने की बात कर रहा था, वो ड्रिंक्स लेके आया और अंकल ने मम्मी को उससे इंट्रोड्यूस कराया।।



मम्मी ने शायद कहा – मैं नहीं पीती.. !



अंकल ने थोड़ा ज़ोर दिया लेकिन, शायद मम्मी ने फिर भी मना कर दिया तो अंकल ने अपना ग्लास उठा लिया।।



अब मम्मी, दूसरी तरफ देख रही थीं।।



मैंने अंकल की तरफ देखा, उन्होंने सिर हिलाते हुए इशारे में कुछ कहा और वो आदमी वहाँ से चला गया।।



कुछ ही देर में वो एक ग्लास लाया, उसमें कोल्ड्रींक थी।।



अंकल ने अपने हाथ से ग्लास उठा के मेरी मम्मी को दिया और मम्मी ने ले लिया।।
 
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लगभग, एक घंटा हो गया था।।



श्लोक की मम्मी आईं और अंकल से कहा – अब ख़तम करते हैं, पार्टी.. ! बारिश का समय है.. !



अंकल ने कहा – डार्लिंग, इतनी जल्दी क्या है.. !



आंटी ने कहा – मुझे तो निंद आ रही हे ! आपका क्या है, आप तो पीते रहोगे.. !



इस पर अंकल ने कहा – ठीक है.. ! एक काम करो, तुम लोग जाओ.. ! मैं थोड़ी देर से आता हूँ.. ! और, अपने दोस्त को कहा की वो आंटी और श्लोक को लेके चले जाए।।



जाते जाते, अंकल ने आंटी से कहा – उन्हें, आने मे देर हो जाएगी तो वो उनका इंतेज़ार ना करें और सो जाएँ.. !



आंटी ने भी कहा – ठीक है.. ! और अंकल से पूछा की उनके पास दूसरी चाभी तो है ना.. !



अंकल ने कहा – जानू, तुम बिल्कुल चिंता मत करो.. ! आराम से घर जाओ.. ! और अंकल ने अपने दोस्त को इशारा किया।।



वो आंटी और श्लोक को लेकर निकल गया।।



कुछ ही देर में, धीरे धीरे करके सब निकलने लगे।।



मुझे लगा, शायद अभी बहुत देर हो रही है।।



सो मैं मम्मी के पास गया और उनसे कहा – मम्मी, चलो अब निकलते है.. !



अंकल ने मुझसे कहा – प्रणव, बेटा अभी क्यों जाना है.. !



मैंने कहा – अंकल अब लेट हो रहा है.. ! और, मैंने मम्मी से कहा की वो चलें क्यूंकि मुझे समझ आ रहा था की आज इन लोगों ने पूरा प्लान बना रखा है.. !



सिर्फ़ और सिर्फ़, मम्मी को चोदने के लिए ये पार्टी दी गई है।।



जैसे ही मेरी मम्मी खड़ी हुईं वो शायद ज़मीन पर गिर गईं।।



ओह!! तो मम्मी को इन लोगों ने शराब पिलाई थी।।



जब मैंने ग्लास स्मेल किया तब समझ में आया, ये कोल्ड ड्रिंक नहीं बल्कि इसमें शराब थी।।



अंकल तो नशे में आ ही गये थे।।



मैंने अंकल से कहा – आपने मम्मी को शराब क्यों पिलाई है.. ! जब की आप जानते हैं, वो नहीं पीती.. !



अंकल ने मुझसे कहा – प्रणव, तुम्हारी मम्मी कोई बच्ची नहीं है.. ! देख नहीं रहे हो, वो कितना एंजाय कर रही हैं.. !



अंकल ने मुझसे कहा – प्रणव, तुम्हारी मम्मी स्कूटी नहीं चला पाएगीं.. ! तुम चला के ले जाओ और मैं इन्हे कार में छोड़ दूँगा.. !



मैंने कहा – अंकल, मेरे पास लाइसेंस नहीं है.. !



अंकल ने कहा – अच्छा, ऐसे गाड़ी में घूमते रहते हो श्लोक के साथ, मिल के.. ! और आज, लाइसेंस नहीं है.. !



एक बार मैं और श्लोक, बिना लाइसेन्स के पकड़े गये थे तब अंकल ने ही आकर हमें छुड़ाया था।।



फिर, उनके दोस्त भी मुझ पर प्रेशर बनाने लगे और आख़िर मुझे वहाँ से निकलना पड़ा।।



मैं पार्किंग में खड़ा था और इंतेज़ार कर रहा था की वो लोग आएँ और मैं कार के पीछे पीछे घर तक जाऊं।।



तब तक धीरे धीरे, बारिश होने लगी।।



थोड़ी देर बाद, मैं दरवाज़े के पास जाकर देखने लगा की वो लोग क्यों नहीं आए हैं।।



मैंने देखा, अंकल और उनके साथ उनके एक दोस्त भी थे।।



अंकल ने मेरी मम्मी को उनके कंधे पर से सहारा दिया हुआ था और ला रहे थे।।



मम्मी, पूरी तरह से बहक चुकी थीं।।



सब कार में बैठ के निकल पड़े।।



मैं उनके पीछे पीछे था।।



अंकल ने मुझे नहीं देखा था।।



कुछ दूर जाने के बाद, कार ने दूसरा मोड़ ले लिया।।



अब मेरा शक, यकीन में बदल गया और मैं उनके पीछे निकल पड़ा।।



वो कार उसी आदमी के घर जाके रुकी, जो अंकल के साथ था।।



अंकल ने मम्मी को कार से निकाला और घर के अंदर ले गये।।



मैं किसी तरह कर के अंदर दाखिल हुआ।।



शुक्र है भगवान का की वहाँ कोई कुत्ता नहीं था नहीं तो आज मैं आप सबको जो बता रहा हूँ, शायद नहीं बता पता।।



अंदर जाने के बाद, मैंने दरवाज़े पर हल्का धक्का दिया।।



दरवाज़ा बंद था।।



और थोड़ी सी खुली खिड़की से बस इतना दिख रहा था की अंकल ने मम्मी को गोद में उठाया हुआ है और अपने साथ एक कमरे में लेके जा रहे हैं।।



वो दूसरा आदमी सोफे पर बैठ गया और शराब की बोतल लेकर, ड्रिंक करने लगा।।



मैं दूसरी तरफ जाते हुए, खिड़की के पास गया।।



यहाँ से मुझे बिस्तर साफ दिख रहा था।।



अंकल ने पहले मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया।।



मम्मी, अब पूरे नशे में थीं।।



उनकी आँखें नहीं खुल रही थीं।।



अंकल के कुछ देर घूर के उनके बदन को देखा, उसके बाद वो रूम से बाहर निकल गये और दरवाज़े को सटा दिया।।
 
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मैं वापस मुख्य दरवाज़े के पास, उस खिड़की से देखने लगा।।



अंकल आकर उस आदमी के पास बैठ गये और एक ग्लास में शराब भर के पीने लगे।।



अंकल ने अपने दोस्त से पूछा – यार, कॉन्डम है.. !



उनके दोस्त ने कहा – नहीं यार.. !



फिर उनके दोस्त ने कहा – तेरे पास तो रहता है, ना.. !



अंकल ने कहा – है, पर एक ही है यार.. ! 4 – 5 तो चाहिए ना.. !



उनके दोस्त ने कहा – साले, तू बहुत कमीना है.. ! लगता है, आज सोने का इरादा नहीं है तेरा.. ! फाड़ मत दियो, भाई.. ! और ये कह के दोनों हंसने लगे।।



दारू ख़तम कर के वो दोनों वहाँ से उठ गये और रूम की तरफ जाने लगे।।



मैं दूसरी तरफ आ के देखने लगा।।



अंकल रूम में आ गये और उन्होंने दरवाज़े बंद कर दिया।।



फिर, वो बिस्तर की तरफ बढ़ने लगे।।



तब तक उनके मोबाइल पर फोन आया।।



अंकल ने फोन उठाया।।



अंकल ने कहा – तुम सो जाओ.. ! मैं कल आ जाऊंगा.. ! बारिश में फँस गया हूँ.. ! यहीं अपने दोस्त के यहाँ, रुक गया हूँ.. ! सब यहीं हैं.. ! दारू पी रहे हैं, सब.. ! और अंकल ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।।



मैं समझ गया, आंटी का फोन है।।



फिर, मुझे उनके फोन से आवाज़ आई जो “स्विच ऑफ” करते वक़्त आती है।।



फिर उन्होंने, मोबाइल को टेबल पर रख दिया।।



उसके बाद अपनी शर्ट और बनियान उतार के टेबल के पास पड़ी कुर्सी पर रख दी।।



ये बात तो है की अंकल के “मसल्स” बहुत जबरदस्त थे।।



तब तक मैंने देखा मम्मी उठ गईं और अंकल को इस तरह देख के थोड़ी घबरा सी गईं।।



अंकल ने कहा – आप डरो मत.. ! मैं हूँ.. ! बारिश हो रही थी और आपकी तबीयत भी ठीक नहीं लग रही थी इसीलिए मैं आपको यहाँ लेके आया हूँ.. ! सुबह होते ही, मैं आपको आपके घर छोड़ दूँगा.. !



मम्मी ने मेरे बारे मे पूछा तो अंकल ने कहा – मैंने उसे घर भेज दिया है.. ! अब तक तो पहुँच भी गया होगा.. ! और, इतना कह कर मम्मी के बगल में आकर बैठ गये।।



मम्मी थोड़ी सी सहमी हुई सी, लग रही थीं।।



उन्होंने अंकल से पूछा – आपने दरवाज़े क्यों बंद कर रखा है.. !



अंकल ने हंसते हुए कहा – ताकि आज हमें कोई परेशान ना करे.. ! और, ये कह के मम्मी को गले से लगा लिया।।



अचानक अंकल ने उनके होंठों पर एक किस कर दिया।।



मम्मी ने अंकल को धक्का देते हुए पीछे किया और कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप.. ! आपको शरम आनी चाहिए.. ! मैं शादीशुदा हूँ और दो बच्चों की माँ हूँ.. !



सच कहूँ तो अंकल उस समय बड़ी आसानी से जो चाहते, मेरी मम्मी के साथ कर सकते थे।। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।।



उन्होंने बड़े प्यार से मेरी मम्मी से बात करनी शुरू की – महक जी, आप बहुत खूबसूरत हैं.. ! मैं बहुत दिनों से आपसे ये बात कहना चाहता था पर कह नहीं सका.. ! जब आपको पहली बार देखा था, आपके पति के साथ तब से आपके बारे में सोचता रहता हूँ.. ! अब आप ही बताइए, आप शादीशुदा हैं इसमें मेरी क्या ग़लती है.. ! वैसे सच बात तो ये है महक जी, मैं जानता हूँ की कहीं ना कहीं, आप मुझे पसंद करती हैं.. ! बस आप शादीशुदा हैं इसीलिए आप नहीं कह पा रही हैं.. ! हैं ना.. !



मम्मी ने कहा – प्लीज़ भाई साब.. ! बस कीजिए.. !



अब अंकल मम्मी के करीब आ गये और उन्हें गले से लगाया।।



फिर उन्होंने कहा – देखिए महक जी, किसी को कुछ नहीं मालूम चलेगा.. ! यहाँ कोई नहीं है, आपके और मेरे अलावा.. ! मेरा भरोसा कीजिए.. ! मैं आपको कभी बदनाम नहीं होने दूँगा.. ! और, ये कहते हुए अंकल ने मम्मी के होंठों को अपने होंठों में फँसा लिया।।



वो अब मेरी मम्मी को चूमने लगे।।



मम्मी पूरी तरह से “नशे” में क़ैद थीं।।



उनसे हिला भी नहीं जा रहा था।।



अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ रखे थे और उनके होंठ चूसे जा रहे थे।।



असल में, शायद मम्मी को भी मज़ा आ रहा था क्यूंकि वो अंकल का पूरा साथ दे रही थीं या हो सकता है, “शराब का नशा” उनसे ये सब करा रहा था।।



आज उन्हें देखे कर लग रहा था की पापा का यहाँ ना होना कितना ग़लत है।।



अपने जीवन मे पहली बार, मुझे पापा की कमी का एहसास हुआ।।
 
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आज वो यहाँ होते तो अभी उन्हें बुलाकर, अंकल की पिटाई लगवाता और मम्मी की इज़्ज़त बचा लेता।।



इज़्ज़त बचा लेता ??



माफ़ कीजिएगा।।



मेरी मम्मी तो यहाँ बिना किसी विरोध के, अंकल को अपनी इज़्ज़त गिफ्ट में दे रहीं थीं।।



मुझे बड़ा दुख हुआ की मम्मी ने “एक छोटे से डायलोग” के सिवा, ज़्यादा कुछ भी नहीं किया।।



उसी पल मुझे समझ आ गया, औरत को अकेले छोड़ना यानी उसको “रंडी” बनाना।।



सिर्फ़ ये सोच कर की वो मेरी मम्मी हैं, मुझे विश्वास ही नहीं होता था की वो “छमिया” हैं जाहिर है पापा ने भी मेरी तरह ही सोचा होगा की मेरी पत्नी ऐसी नहीं है।।



पर मम्मी हो या पत्नी, हैं तो पहले वो एक “औरत”।।



खैर.. !



अंकल ने मम्मी की साड़ी उनके कमर तक कर दी और उनकी दोनों टाँगें खोल के अपने गोद में बिठा लिया और किस करने लगे।।



कभी ऊपर के लिप्स, कभी नीचे के।।



कभी मम्मी अपनी जीभ बाहर निकालती और अंकल उसे चूसते और कभी अंकल जीभ निकालते और मम्मी उसे चूसती।।



बीच बीच में, वो मम्मी के गालों को चाटते थे।।



अंकल ने अपने दोनों हाथ से मम्मी के चूतड़ पकड़ रखे थे और उसे मसल रहे थे।।



मम्मी ने नीली पैंटी पहन रखी थी।।



फिर अंकल ने मम्मी की पैंटी के अंदर, अपनी हथेली को घुसा दिया और उनकी गाण्ड के छेद को रगड़ने लगे।।



मम्मी बीच बीच में अपने हाथ को पीछे ले जाकर, अंकल के हाथ को हटाने की कोशिश करती थीं।। पर, अंकल ने हाथ नहीं निकाला।।



मुझे ऐसा लग रहा था की अंकल ने मम्मी की गाण्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा दी है।।



उनके मम्मी को किस करने की – पुच पुच मुआः पुच पुच मुआः पुच पुच मुआः की आवाज़ आ रही थी।।



फिर अंकल ने अपने सिर को झुकाते हुए, ब्लाउज के ऊपर से मेरी मम्मी के चुचे पर अपना मुंह रख दिया और थोड़ा रुक कर स्मेल किया और फिर उनकी छाती चूमने लगे।।



कुछ देर बेतहाशा चूमने के बाद, पहले अंकल ने मम्मी के ब्लाउज का हुक खोल दिया और फिर झटके से ब्लाउज उनके बदन से निकाल दिया।।



फिर, अंकल ने मम्मी की ब्लाउज को सूँघा और खुश्बू लेकर ज़मीन पर फेंक दिया।।



मम्मी ने जो ब्रा पहन रखी थी और बिल्कुल पैंटी से मिलती हुई थी और एक दम “पारदर्शी” थी।।



अंकल ने ब्रा का हुक खोल के ब्रा उनके बदन से अलग कर दिया।।



अब मम्मी के नंगे दूध, उनके और मेरे सामने थे।।



मैंने देखा अंकल के मुंह से एक आवाज़ निकली – उनमह इयाः महक जी, क्या चुचे हैं आपके.. ! क्या किस्मत पाई है, आपके पति ने.. ! पर आज ये मेरे हैं.. ! कहते हुए, उन्होंने मम्मी के सीधे चुचे को पकड़ लिया और उनके निप्पल को अपने मुंह मे लेके चूसने लगे।।



मम्मी – आ आ आहह.. ! अहह.. ! आ आ अहह.. ! इस्स.. ! की सिसकारियाँ लेने लगीं और उन्होंने अपने हाथ को पीछे करके अंकल के सिर को पकड़ लिया।।



अंकल बीच बीच में, मेरी मम्मी के कांख में अपनी नाक घुसा के सूंघते थे और अपने जीभ से चाटते थे।।



अब पहली बार, मम्मी ने कहा – उनमह.. ! अब बस कीजिए.. ! आ अहह.. ! प्लीज़.. ! इसस्स.. !
 
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अंकल ने कहा – महक जी, इतने दिन के बाद आप मिली हैं, आज मुझे.. ! इतनी जल्दी, कैसे छोड दूँ.. ! आज रात को आप यही रहेंगी, मेरे साथ.. ! आज तो आपके जिस्म को निचोड़ निचोड़ के पियूँगा.. ! और कहते कहते, मेरी मम्मी के चुचे चूसने लगे।।



साफ दिख रहा था, मम्मी से कंट्रोल नहीं हो रहा था।।



मुझे लगता है के पापा के जाने के बाद से, वो नहीं चुदी थीं।।



अंकल ने अब मम्मी की साड़ी पूरी निकाल दी और ज़मीन पर फेंक दी।।



मम्मी अब बिना किसी विरोध के, उनके सामने बेशरम की तरह बैठीं हुईं थीं।।



फिर अंकल ने अपनी पैंट निकाल दी और अंडर वियर खींच कर उतार दी और मेरी मम्मी के सामने, खड़े हो गये।।



मम्मी और मेरी भी आँखें फटी की फटी रह गई क्यूंकि अंकल का लण्ड, कम से कम “8-9 इंच” लंबा था और बहुत मोटा था।।



अंकल अब बिस्तर पर बैठ गये और मेरी मम्मी ज़मीन पर घुटनों के बल, बैठ गईं।।



वो ऊपर से पूरी “नंगी” थीं।।



उन्होंने अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।।



उसके थोड़ी देर बाद, मम्मी ने उनके लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं।।



पहले शुरू में, अंकल के लण्ड के थोड़ा हिस्सा मम्मी के मुंह में जा रहा था पर जब अंकल ने मम्मी के बाल पीछे से पकड़े और हल्का ज़ोर दिया तो पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में चला गया।।



अंकल मम्मी के बाल पकड़ते हुए, अपना पूरा लण्ड उनकी मुंह में घुसाने लगे।।



मम्मी के मुंह से – उःम ह्म्म्म ह्म्मह उःमह.. ! की आवाज़ आ रही थी.. ! और, अंकल के मुंह से – आ आ अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ आने लगी।।



फिर, अंकल ने मम्मी से कहा – वाह!! महक जी क्या चूसती हो, आप लण्ड.. ! आज तक किसी रंडी ने भी, मेरा लण्ड ऐसे मस्ती से नहीं चूसा.. ! वाहह.. !



और फिर उन्होंने अपने लण्ड की चमड़ी को नीचे खींचा, जिससे उनका सुपाड़ा बाहर आ गया।।



अब उन्होंने मम्मी से, उनके सुपाड़े को जीभ के छोर से चाटने को कहा।।



मम्मी ने तुरंत ऐसा ही किया और उनके लण्ड के सुपाड़े को अपनी जीभ को चाटने लगीं।।



कुछ ही देर में, मम्मी ने अंकल के “टट्टों” को भी अपने मुंह मे ले लिया और जी भर के चूसा।।



मम्मी को देख कर, ऐसा लग रहा था की उनका लण्ड नहीं फाइव स्टार का बार है और उस पर जेम्स चिपकी हुईं हैं।।



अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और वो बिस्तर पर ही बैठे हुए थे।।



उन्होंने मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया, जिससे उनका पेटीकोट ज़मीन पर जा गिरा।।



मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी, जिससे मैं ये साफ देख सकता था उनकी पैंटी पीछे से उनकी गाण्ड के छेद में घुसी हुई है (लड़कियों की भाषा में, इसे “थोंग” कहा जाता है।)



मुझे ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था की मम्मी अपने साइज़ से भी थोड़ी छोटी, पैंटी और ब्रा पहनती हैं।।



अंकल ने मम्मी को रोल करके घुमा दिया और अब मम्मी की गाण्ड, अंकल के तरफ थी।।



अंकल ने मम्मी को थोड़ा झुकने को कहा और उनके गाण्ड का छेद अंकल के मुंह के सामने आ गया।।



वो बिना पैंटी निकाले, अपनी नाक मम्मी की गाण्ड के छेद के पास ले गये और सूंघने लगे।।



उन्होंने मम्मी को कमर से पकड़ रखा था और उनकी पैंटी के ऊपर से गाण्ड सूंघ रहे थे।।



फिर, उन्होंने मम्मी की पैंटी खींच के जांघें तक कर दी और गाण्ड के छेद पर दो उंगलियाँ रख के फैला दिया और गाण्ड के छेद में, अपनी नाक रख के सूंघने लगे।।



बीच बीच में वो, अपनी जीभ उनकी गाण्ड के छेद में डाल के उसे चाटने लगते और कभी अपनी नाक रख के सूंघने लगते।।



अंकल ने मम्मी से कहा – महक, जब भी आपको मैं देखता था मन करता था आपकी ये “शानदार गाण्ड” मार लूँ.. ! मुझे तो यकीन ही नहीं था की कभी इसे नंगा देख सकूँगा.. ! आज मुझे मौका मिला है, आज अपने आप को मैं शांत करके रहूँगा.. ! और, ये कहते हुए उन्होंने मम्मी की पैंटी नीचे खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी उनके सामने पूरी “नंगी अवस्था” में खड़ी हो गईं।।
 
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अंकल ने अब मम्मी को बिस्तर के कोने में बिठा दिया और खुद घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और उनकी दोनों टांगें फैला दी और मम्मी की फुददी को निहारने लगे।।



दोस्तो, सच कहता हूँ उस समय मेरी मम्मी की फुददी “क्लीन शेव्ड” थी और उस पर एक भी बाल नहीं था।।



अंकल तो बस मम्मी की फुददी देखते ही रह गये और अपने लण्ड को रगड़ने लगे।।



फिर कुछ देर चूत को एक टक देखने के बाद, वो थोड़ा आगे होके मम्मी की फुददी चाटने लगे।।



मम्मी ने अपनी दोनों जांघें पकड़ के अपनी टांगें फैला रखी थीं और – नही स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ अहह.. ! अहह.. ! उ ई ई ईई ईईई ई ई ईई ईईई.. ! माह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! कर रही थीं।।



उनकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था।।



अंकल अपनी जीभ मम्मी की फुददी के अंदर बाहर कर रहे थे और एक हाथ से, अपना लण्ड मसल रहे थे।।



अब मम्मी से बर्दशात नहीं हो रहा था और वो पीछे हट गईं और अंकल से कहा – अब बस कीजिए.. ! मुझसे सहन नहीं हो रहा है.. !



अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।।



मम्मी फिर से, बिस्तर के कोने मे आ गई।।



अंकल ने मम्मी की टांगें फैला दी और अपनी जीभ उनकी फुददी में घुसा दी और चाटने लगे।।



मम्मी ने कहा – भाई साब, अब बर्दाशत नहीं हो रहा है.. ! बस अब, अंदर डाल दीजिए.. !



अंकल ने कहा – महक जी, आप जिस चीज़ के लिए अभी तड़प रही हैं, मैंने उसका इंतज़ार 4 सालों से किया है.. ! थोड़ा तो इंतेज़ार कीजिए.. ! ऐसी फुददी मिलती कहाँ है.. ! सोलह साल की कुँवारी कली की तरह एकदम टाइट चूत और शादीशुदा औरत को तजुर्बा, एक साथ.. ! ना जाने कब से लण्ड अंदर नहीं घुसा है, इस फुददी में.. ! आज तो कुछ अलग ही मज़ा आएगा.. ! और, अंकल ने अपने उल्टे हाथ से मम्मी की फुददी फैला दी और अपनी दो उंगलियाँ अंदर घुसा दी।।



फिर वो उनकी फुददी चाटते हुए, अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे।।



मम्मी – आ आहह.. ! आ आहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ.. ! उंहम म म म ह ह ह ह इयाः करने लगीं।।



वो तो अपने चुचे, अपने आप ही मसलने लगीं।।



उन्होंने अपनी होंठों को अपने दातों से दबा दिया था और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी थीं।।



कुछ देर ऐसे ही उंगली से मम्मी की चूत चोदने के बाद और चाटने के बाद, अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और उन्हें अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों पर बेतहाशा किस करने लगे।।



फिर अंकल अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।।



मुझे तो लग रहा था की इतनी ज़ोर ज़ोर से दबाने पर, मम्मी चीख पड़ेंगीं पर मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रही थीं।।



थोड़ी देर मम्मी के दूध जी भर के दबाने के बाद, अंकल मम्मी को बिस्तर पर ले गये और मैं समझ गया, अंकल अब मेरी मम्मी को चोदने वाले हैं।।



तो दोस्तो, मेरी माँ चुदने वाली थी।।



पलंग पर जाकर, वो लेट गये और मम्मी अपनी दोनों टांगों को अंकल के इधर उधर करके खड़ी हो गईं और “सू सू करने वाले स्टाइल” में बैठ गईं और अपने एक हाथ से मेरे दोस्त के पापा के लण्ड को पकड़ के, अपनी फुददी में लगाया और थोड़ा नीचे की तरफ हो गईं।।



उनके मुंह से बड़ी ज़ोर से – इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आह माह म्मह.. ! निकाला।।



मैंने देखा अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, मेरी मम्मी की फुददी के अंदर चला गया था।।



मम्मी एक और बार बैठीं और उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी में समा गया।।



इस बार, मम्मी और ज़ोर से चीखीं – नहीं स स स स स स स स स स स स.. ! आ हा आ माह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. !



अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – पूरा बैठ.. ! अभी गया नहीं है.. !
 
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मम्मी ने कहा – भाई साब.. ! आपका बहुत बड़ा है, नहीं जा रहा है.. ! तरस खाओ, कम से कम साल भर बाद चुद रही हूँ.. ! और अंकल के पेट पर अपना हाथ रख दिया और धीरे धीरे ऊपर नीचे बैठने लगी।।



अंकल का आधा लण्ड, धीरे धीरे मम्मी की फुददी के अंदर बाहर होने लगा।।



अंकल के मुंह से – आ आ आ आहह.. ! आ आ अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ आ रही थी।।



मम्मी लगातार, ऊपर नीचे हो रही थीं और अंकल से चुद रही थीं।।



और.. !



अंकल मेरे सामने, मेरी “माँ” चोद रहे थे।।



चूत मरवाते हुए, उनके चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे।।



अंकल बीच बीच में मम्मी के चुचे, अपने हाथ से पकड़ ले रहे थे और मसल दे रहे थे।।



अचानक, मैंने देखा की अंकल का लण्ड फिसल गया और मम्मी की फुददी से बाहर आ गया और मम्मी लड़खड़ा कर, अंकल के पेट पर आ गईं।।



शायद मम्मी, ज़यादा “नशे” में थीं।।



अब अंकल मम्मी के बाल पकड़ कर, उन्हें अपने होंठों के पास लाए और उनके लिप्स पर किस किया और अपने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ के मेरी मम्मी के फुददी के ऊपर रखा और फिर दोनों हाथ लपेट कर उनके कमर को पकड़ लिया।।



उन्होंने अपने घुटने मोड़ के थोड़ा ऊपर होते हुए एक धक्का मारा, मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ अहह.. ! नही स स स स स स स स स स स स.. ! निकली।।



अंकल का पूरा 9 इंच का लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी मे समा चुका था।।



अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला और देखा तो उसमें थोड़ा सा खून लगा था।।



एक और धक्का मारा और धीरे धीरे, अपनी कमर ऊपर की तरफ उठाते हुए अपना लण्ड मेरी मम्मी के फुददी में घुसा के उन्हें चोदने लगे।।



मम्मी – आ अहह आ आहह ओई ई ईई उफ फ फ फ फफ्फ़ उफफ फफ फफ्फ़ आ आ अहह आ अ हहा ओई ईई औहह औहह माआ आअ हम ममम नाआ आअ उ उईई औहह।। करने लगीं।।



अंकल लगातार, मम्मी को चोदे जा रहे थे।।



वो बीच बीच में, अपनी स्पीड तेज़ कर दे रहे थे।।



ऐसे रफ़्तार से चोदने पर, अंकल की जांघें जब भी मम्मी के चूतड़ से टकराती थी तब – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप.. ! फट फट फट फट फट फट फट.. ! की आवाज़ निकल रही थी।।



अंकल को देख के ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें कई औरतों के साथ सेक्स किया होगा।।



उनके “स्टेमीना” के सामने, मम्मी की हालत खराब होती नज़र आ रही थी।।



बीच बीच में, मम्मी थक जा रही थीं पर अंकल लगातार, उनकी चुदाई किए जा रहे थे।।



अंकल ने मेरी मम्मी को कस के पकड़ रखा था।।



मम्मी के चुचे, अंकल की छाती से चिपके हुए थे और अंकल मम्मी के लिप्स को अपने होंठ से लगाए हुए उसे चूस रहे थे।।



बड़ी बेदर्दी से वो धका धक.. ! भड़ा भड़.. ! अपना लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी में पेले जा रहे थे।।
 

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