होनी देखिए की जैसे ही हम निकले, हमने देखा की हमारी कार पंक्चर खड़ी है।।
और तो और, उस दिन बारिश या कहिए बूंदा बांदी हो रही थी और मम्मी और मैं मजबूरन स्कूटी से गये।।
मम्मी के पास, रेनकोट नहीं था क्यूंकी वो बिना कार के कहीं जाती ही नहीं थीं।।
लाज़मी है की जाते ही समय, थोड़ा सा मम्मी भीग गई थीं।।
सामने से मेरी मम्मी का ब्लाउज इतना तो भीग ही गया था की उनके चुचे अच्छे से आकर में दिख रहे थे।।
अंकल और आंटी ने हमारा स्वागत किया।।
इधर, अंकल उसी गंदी नज़र से मेरी मम्मी को देख रहे थे और सबसे बड़ी बात ये थी की अंकल के वो दोस्त जिन्हें मैंने उस दिन अंकल के घर में देखा था वो भी थे।।
सब मेरी मम्मी को ही देख रहे थे।।
मुझे कुछ ग़लत लग रहा था की यहाँ सब ठीक नहीं है क्यूंकि अंकल ने पार्टी दी थी और यहाँ हमारी सोसाइटी का एक भी बंदा नहीं था।।
पूरी बिल्डिंग में से केवल, हम ही यहाँ थे।।
लेकिन मैंने ये सोचा की शायद, ये मेरे मन का वेहम होगा।।
ऐसा कुछ नहीं होगा।।
और वैसे भी आज तो आंटी यानी श्लोक की मम्मी भी यहाँ पर थीं।।
एक बात ये भी थी की अब तक मैंने मम्मी को ऐसा कुछ करते हुए नहीं देखा था, अंकल के साथ जिससे ये लगे की मम्मी उन्हें अपने लटके झटके दिखा रही है या फिर खुद उनकी तरफ आकर्षित हैं।।
कुछ देर में, मैं सामान्य हो गया और मैं पार्टी का आनंद लेने लगा।।
आंटी दूसरे मेहमानों के साथ व्यसत थीं और मैं और मम्मी कुर्सी पर बैठे हुए थे तभी अंकल हमारे पास आए और मुझसे कहा – प्रणव, तुम जाकर श्लोक के साथ पार्टी एंजाय करो.. !
मैंने कहा – नहीं अंकल.. ! मैं यहीं ठीक हूँ.. ! मम्मी के साथ.. !
अंकल भी वहीं बैठ गये और बातों बातों में मुझसे एक दो बार और कहा, चले जाने को.. !
अंकल को बोलता देख, मम्मी ने भी मुझसे कहा – कोई बात नहीं, बेटा.. ! तुम जाओ और एंजाय करो पार्टी, अपने दोस्त के साथ.. ! जाओ जाकर खेलो.. !
क्या करता, मैं वहाँ से चला गया और दूर से देखने लगा।।
अंकल मम्मी से बातें कर रहे थे और बीच बीच में, दोनों हंस रहे थे।।
ऐसा लग रहा था, जैसे अंकल मम्मी के कानों के तरफ इशारा कर रहे हों क्यूंकि मम्मी बीच बीच में, अपने बाल पर हाथ फेर रही थीं।।
मैंने देखा वही आदमी जो उस समय अंकल से मम्मी को चोद देने की बात कर रहा था, वो ड्रिंक्स लेके आया और अंकल ने मम्मी को उससे इंट्रोड्यूस कराया।।
मम्मी ने शायद कहा – मैं नहीं पीती.. !
अंकल ने थोड़ा ज़ोर दिया लेकिन, शायद मम्मी ने फिर भी मना कर दिया तो अंकल ने अपना ग्लास उठा लिया।।
अब मम्मी, दूसरी तरफ देख रही थीं।।
मैंने अंकल की तरफ देखा, उन्होंने सिर हिलाते हुए इशारे में कुछ कहा और वो आदमी वहाँ से चला गया।।
कुछ ही देर में वो एक ग्लास लाया, उसमें कोल्ड्रींक थी।।
अंकल ने अपने हाथ से ग्लास उठा के मेरी मम्मी को दिया और मम्मी ने ले लिया।।
मैं वापस मुख्य दरवाज़े के पास, उस खिड़की से देखने लगा।।
अंकल आकर उस आदमी के पास बैठ गये और एक ग्लास में शराब भर के पीने लगे।।
अंकल ने अपने दोस्त से पूछा – यार, कॉन्डम है.. !
उनके दोस्त ने कहा – नहीं यार.. !
फिर उनके दोस्त ने कहा – तेरे पास तो रहता है, ना.. !
अंकल ने कहा – है, पर एक ही है यार.. ! 4 – 5 तो चाहिए ना.. !
उनके दोस्त ने कहा – साले, तू बहुत कमीना है.. ! लगता है, आज सोने का इरादा नहीं है तेरा.. ! फाड़ मत दियो, भाई.. ! और ये कह के दोनों हंसने लगे।।
दारू ख़तम कर के वो दोनों वहाँ से उठ गये और रूम की तरफ जाने लगे।।
मैं दूसरी तरफ आ के देखने लगा।।
अंकल रूम में आ गये और उन्होंने दरवाज़े बंद कर दिया।।
फिर, वो बिस्तर की तरफ बढ़ने लगे।।
तब तक उनके मोबाइल पर फोन आया।।
अंकल ने फोन उठाया।।
अंकल ने कहा – तुम सो जाओ.. ! मैं कल आ जाऊंगा.. ! बारिश में फँस गया हूँ.. ! यहीं अपने दोस्त के यहाँ, रुक गया हूँ.. ! सब यहीं हैं.. ! दारू पी रहे हैं, सब.. ! और अंकल ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया।।
मैं समझ गया, आंटी का फोन है।।
फिर, मुझे उनके फोन से आवाज़ आई जो “स्विच ऑफ” करते वक़्त आती है।।
फिर उन्होंने, मोबाइल को टेबल पर रख दिया।।
उसके बाद अपनी शर्ट और बनियान उतार के टेबल के पास पड़ी कुर्सी पर रख दी।।
ये बात तो है की अंकल के “मसल्स” बहुत जबरदस्त थे।।
तब तक मैंने देखा मम्मी उठ गईं और अंकल को इस तरह देख के थोड़ी घबरा सी गईं।।
अंकल ने कहा – आप डरो मत.. ! मैं हूँ.. ! बारिश हो रही थी और आपकी तबीयत भी ठीक नहीं लग रही थी इसीलिए मैं आपको यहाँ लेके आया हूँ.. ! सुबह होते ही, मैं आपको आपके घर छोड़ दूँगा.. !
मम्मी ने मेरे बारे मे पूछा तो अंकल ने कहा – मैंने उसे घर भेज दिया है.. ! अब तक तो पहुँच भी गया होगा.. ! और, इतना कह कर मम्मी के बगल में आकर बैठ गये।।
मम्मी थोड़ी सी सहमी हुई सी, लग रही थीं।।
उन्होंने अंकल से पूछा – आपने दरवाज़े क्यों बंद कर रखा है.. !
अंकल ने हंसते हुए कहा – ताकि आज हमें कोई परेशान ना करे.. ! और, ये कह के मम्मी को गले से लगा लिया।।
अचानक अंकल ने उनके होंठों पर एक किस कर दिया।।
मम्मी ने अंकल को धक्का देते हुए पीछे किया और कहा – ये क्या कर रहे हैं, आप.. ! आपको शरम आनी चाहिए.. ! मैं शादीशुदा हूँ और दो बच्चों की माँ हूँ.. !
सच कहूँ तो अंकल उस समय बड़ी आसानी से जो चाहते, मेरी मम्मी के साथ कर सकते थे।। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया।।
उन्होंने बड़े प्यार से मेरी मम्मी से बात करनी शुरू की – महक जी, आप बहुत खूबसूरत हैं.. ! मैं बहुत दिनों से आपसे ये बात कहना चाहता था पर कह नहीं सका.. ! जब आपको पहली बार देखा था, आपके पति के साथ तब से आपके बारे में सोचता रहता हूँ.. ! अब आप ही बताइए, आप शादीशुदा हैं इसमें मेरी क्या ग़लती है.. ! वैसे सच बात तो ये है महक जी, मैं जानता हूँ की कहीं ना कहीं, आप मुझे पसंद करती हैं.. ! बस आप शादीशुदा हैं इसीलिए आप नहीं कह पा रही हैं.. ! हैं ना.. !
मम्मी ने कहा – प्लीज़ भाई साब.. ! बस कीजिए.. !
अब अंकल मम्मी के करीब आ गये और उन्हें गले से लगाया।।
फिर उन्होंने कहा – देखिए महक जी, किसी को कुछ नहीं मालूम चलेगा.. ! यहाँ कोई नहीं है, आपके और मेरे अलावा.. ! मेरा भरोसा कीजिए.. ! मैं आपको कभी बदनाम नहीं होने दूँगा.. ! और, ये कहते हुए अंकल ने मम्मी के होंठों को अपने होंठों में फँसा लिया।।
वो अब मेरी मम्मी को चूमने लगे।।
मम्मी पूरी तरह से “नशे” में क़ैद थीं।।
उनसे हिला भी नहीं जा रहा था।।
अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ रखे थे और उनके होंठ चूसे जा रहे थे।।
असल में, शायद मम्मी को भी मज़ा आ रहा था क्यूंकि वो अंकल का पूरा साथ दे रही थीं या हो सकता है, “शराब का नशा” उनसे ये सब करा रहा था।।
आज उन्हें देखे कर लग रहा था की पापा का यहाँ ना होना कितना ग़लत है।।
अपने जीवन मे पहली बार, मुझे पापा की कमी का एहसास हुआ।।
आज वो यहाँ होते तो अभी उन्हें बुलाकर, अंकल की पिटाई लगवाता और मम्मी की इज़्ज़त बचा लेता।।
इज़्ज़त बचा लेता ??
माफ़ कीजिएगा।।
मेरी मम्मी तो यहाँ बिना किसी विरोध के, अंकल को अपनी इज़्ज़त गिफ्ट में दे रहीं थीं।।
मुझे बड़ा दुख हुआ की मम्मी ने “एक छोटे से डायलोग” के सिवा, ज़्यादा कुछ भी नहीं किया।।
उसी पल मुझे समझ आ गया, औरत को अकेले छोड़ना यानी उसको “रंडी” बनाना।।
सिर्फ़ ये सोच कर की वो मेरी मम्मी हैं, मुझे विश्वास ही नहीं होता था की वो “छमिया” हैं जाहिर है पापा ने भी मेरी तरह ही सोचा होगा की मेरी पत्नी ऐसी नहीं है।।
पर मम्मी हो या पत्नी, हैं तो पहले वो एक “औरत”।।
खैर.. !
अंकल ने मम्मी की साड़ी उनके कमर तक कर दी और उनकी दोनों टाँगें खोल के अपने गोद में बिठा लिया और किस करने लगे।।
कभी ऊपर के लिप्स, कभी नीचे के।।
कभी मम्मी अपनी जीभ बाहर निकालती और अंकल उसे चूसते और कभी अंकल जीभ निकालते और मम्मी उसे चूसती।।
बीच बीच में, वो मम्मी के गालों को चाटते थे।।
अंकल ने अपने दोनों हाथ से मम्मी के चूतड़ पकड़ रखे थे और उसे मसल रहे थे।।
मम्मी ने नीली पैंटी पहन रखी थी।।
फिर अंकल ने मम्मी की पैंटी के अंदर, अपनी हथेली को घुसा दिया और उनकी गाण्ड के छेद को रगड़ने लगे।।
मम्मी बीच बीच में अपने हाथ को पीछे ले जाकर, अंकल के हाथ को हटाने की कोशिश करती थीं।। पर, अंकल ने हाथ नहीं निकाला।।
मुझे ऐसा लग रहा था की अंकल ने मम्मी की गाण्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा दी है।।
उनके मम्मी को किस करने की – पुच पुच मुआः पुच पुच मुआः पुच पुच मुआः की आवाज़ आ रही थी।।
फिर अंकल ने अपने सिर को झुकाते हुए, ब्लाउज के ऊपर से मेरी मम्मी के चुचे पर अपना मुंह रख दिया और थोड़ा रुक कर स्मेल किया और फिर उनकी छाती चूमने लगे।।
कुछ देर बेतहाशा चूमने के बाद, पहले अंकल ने मम्मी के ब्लाउज का हुक खोल दिया और फिर झटके से ब्लाउज उनके बदन से निकाल दिया।।
फिर, अंकल ने मम्मी की ब्लाउज को सूँघा और खुश्बू लेकर ज़मीन पर फेंक दिया।।
मम्मी ने जो ब्रा पहन रखी थी और बिल्कुल पैंटी से मिलती हुई थी और एक दम “पारदर्शी” थी।।
अंकल ने ब्रा का हुक खोल के ब्रा उनके बदन से अलग कर दिया।।
अब मम्मी के नंगे दूध, उनके और मेरे सामने थे।।
मैंने देखा अंकल के मुंह से एक आवाज़ निकली – उनमह इयाः महक जी, क्या चुचे हैं आपके.. ! क्या किस्मत पाई है, आपके पति ने.. ! पर आज ये मेरे हैं.. ! कहते हुए, उन्होंने मम्मी के सीधे चुचे को पकड़ लिया और उनके निप्पल को अपने मुंह मे लेके चूसने लगे।।
मम्मी – आ आ आहह.. ! अहह.. ! आ आ अहह.. ! इस्स.. ! की सिसकारियाँ लेने लगीं और उन्होंने अपने हाथ को पीछे करके अंकल के सिर को पकड़ लिया।।
अंकल बीच बीच में, मेरी मम्मी के कांख में अपनी नाक घुसा के सूंघते थे और अपने जीभ से चाटते थे।।
अब पहली बार, मम्मी ने कहा – उनमह.. ! अब बस कीजिए.. ! आ अहह.. ! प्लीज़.. ! इसस्स.. !
अंकल ने कहा – महक जी, इतने दिन के बाद आप मिली हैं, आज मुझे.. ! इतनी जल्दी, कैसे छोड दूँ.. ! आज रात को आप यही रहेंगी, मेरे साथ.. ! आज तो आपके जिस्म को निचोड़ निचोड़ के पियूँगा.. ! और कहते कहते, मेरी मम्मी के चुचे चूसने लगे।।
साफ दिख रहा था, मम्मी से कंट्रोल नहीं हो रहा था।।
मुझे लगता है के पापा के जाने के बाद से, वो नहीं चुदी थीं।।
अंकल ने अब मम्मी की साड़ी पूरी निकाल दी और ज़मीन पर फेंक दी।।
मम्मी अब बिना किसी विरोध के, उनके सामने बेशरम की तरह बैठीं हुईं थीं।।
फिर अंकल ने अपनी पैंट निकाल दी और अंडर वियर खींच कर उतार दी और मेरी मम्मी के सामने, खड़े हो गये।।
मम्मी और मेरी भी आँखें फटी की फटी रह गई क्यूंकि अंकल का लण्ड, कम से कम “8-9 इंच” लंबा था और बहुत मोटा था।।
अंकल अब बिस्तर पर बैठ गये और मेरी मम्मी ज़मीन पर घुटनों के बल, बैठ गईं।।
वो ऊपर से पूरी “नंगी” थीं।।
उन्होंने अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।।
उसके थोड़ी देर बाद, मम्मी ने उनके लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं।।
पहले शुरू में, अंकल के लण्ड के थोड़ा हिस्सा मम्मी के मुंह में जा रहा था पर जब अंकल ने मम्मी के बाल पीछे से पकड़े और हल्का ज़ोर दिया तो पूरा लण्ड मेरी मम्मी के मुंह में चला गया।।
अंकल मम्मी के बाल पकड़ते हुए, अपना पूरा लण्ड उनकी मुंह में घुसाने लगे।।
मम्मी के मुंह से – उःम ह्म्म्म ह्म्मह उःमह.. ! की आवाज़ आ रही थी.. ! और, अंकल के मुंह से – आ आ अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ आने लगी।।
फिर, अंकल ने मम्मी से कहा – वाह!! महक जी क्या चूसती हो, आप लण्ड.. ! आज तक किसी रंडी ने भी, मेरा लण्ड ऐसे मस्ती से नहीं चूसा.. ! वाहह.. !
और फिर उन्होंने अपने लण्ड की चमड़ी को नीचे खींचा, जिससे उनका सुपाड़ा बाहर आ गया।।
अब उन्होंने मम्मी से, उनके सुपाड़े को जीभ के छोर से चाटने को कहा।।
मम्मी ने तुरंत ऐसा ही किया और उनके लण्ड के सुपाड़े को अपनी जीभ को चाटने लगीं।।
कुछ ही देर में, मम्मी ने अंकल के “टट्टों” को भी अपने मुंह मे ले लिया और जी भर के चूसा।।
मम्मी को देख कर, ऐसा लग रहा था की उनका लण्ड नहीं फाइव स्टार का बार है और उस पर जेम्स चिपकी हुईं हैं।।
अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और वो बिस्तर पर ही बैठे हुए थे।।
उन्होंने मम्मी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया, जिससे उनका पेटीकोट ज़मीन पर जा गिरा।।
मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी, जिससे मैं ये साफ देख सकता था उनकी पैंटी पीछे से उनकी गाण्ड के छेद में घुसी हुई है (लड़कियों की भाषा में, इसे “थोंग” कहा जाता है।)
मुझे ना जाने क्यों ऐसा लग रहा था की मम्मी अपने साइज़ से भी थोड़ी छोटी, पैंटी और ब्रा पहनती हैं।।
अंकल ने मम्मी को रोल करके घुमा दिया और अब मम्मी की गाण्ड, अंकल के तरफ थी।।
अंकल ने मम्मी को थोड़ा झुकने को कहा और उनके गाण्ड का छेद अंकल के मुंह के सामने आ गया।।
वो बिना पैंटी निकाले, अपनी नाक मम्मी की गाण्ड के छेद के पास ले गये और सूंघने लगे।।
उन्होंने मम्मी को कमर से पकड़ रखा था और उनकी पैंटी के ऊपर से गाण्ड सूंघ रहे थे।।
फिर, उन्होंने मम्मी की पैंटी खींच के जांघें तक कर दी और गाण्ड के छेद पर दो उंगलियाँ रख के फैला दिया और गाण्ड के छेद में, अपनी नाक रख के सूंघने लगे।।
बीच बीच में वो, अपनी जीभ उनकी गाण्ड के छेद में डाल के उसे चाटने लगते और कभी अपनी नाक रख के सूंघने लगते।।
अंकल ने मम्मी से कहा – महक, जब भी आपको मैं देखता था मन करता था आपकी ये “शानदार गाण्ड” मार लूँ.. ! मुझे तो यकीन ही नहीं था की कभी इसे नंगा देख सकूँगा.. ! आज मुझे मौका मिला है, आज अपने आप को मैं शांत करके रहूँगा.. ! और, ये कहते हुए उन्होंने मम्मी की पैंटी नीचे खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी उनके सामने पूरी “नंगी अवस्था” में खड़ी हो गईं।।
अंकल ने अब मम्मी को बिस्तर के कोने में बिठा दिया और खुद घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गये और उनकी दोनों टांगें फैला दी और मम्मी की फुददी को निहारने लगे।।
दोस्तो, सच कहता हूँ उस समय मेरी मम्मी की फुददी “क्लीन शेव्ड” थी और उस पर एक भी बाल नहीं था।।
अंकल तो बस मम्मी की फुददी देखते ही रह गये और अपने लण्ड को रगड़ने लगे।।
फिर कुछ देर चूत को एक टक देखने के बाद, वो थोड़ा आगे होके मम्मी की फुददी चाटने लगे।।
मम्मी ने अपनी दोनों जांघें पकड़ के अपनी टांगें फैला रखी थीं और – नही स स स स स स स स स स.. ! इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह.. ! आ अहह.. ! अहह.. ! उ ई ई ईई ईईई ई ई ईई ईईई.. ! माह ह ह ह ह ह ह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! कर रही थीं।।
उनकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था।।
अंकल अपनी जीभ मम्मी की फुददी के अंदर बाहर कर रहे थे और एक हाथ से, अपना लण्ड मसल रहे थे।।
अब मम्मी से बर्दशात नहीं हो रहा था और वो पीछे हट गईं और अंकल से कहा – अब बस कीजिए.. ! मुझसे सहन नहीं हो रहा है.. !
अंकल ने मम्मी के दोनों पैरों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।।
मम्मी फिर से, बिस्तर के कोने मे आ गई।।
अंकल ने मम्मी की टांगें फैला दी और अपनी जीभ उनकी फुददी में घुसा दी और चाटने लगे।।
मम्मी ने कहा – भाई साब, अब बर्दाशत नहीं हो रहा है.. ! बस अब, अंदर डाल दीजिए.. !
अंकल ने कहा – महक जी, आप जिस चीज़ के लिए अभी तड़प रही हैं, मैंने उसका इंतज़ार 4 सालों से किया है.. ! थोड़ा तो इंतेज़ार कीजिए.. ! ऐसी फुददी मिलती कहाँ है.. ! सोलह साल की कुँवारी कली की तरह एकदम टाइट चूत और शादीशुदा औरत को तजुर्बा, एक साथ.. ! ना जाने कब से लण्ड अंदर नहीं घुसा है, इस फुददी में.. ! आज तो कुछ अलग ही मज़ा आएगा.. ! और, अंकल ने अपने उल्टे हाथ से मम्मी की फुददी फैला दी और अपनी दो उंगलियाँ अंदर घुसा दी।।
फिर वो उनकी फुददी चाटते हुए, अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे।।
मम्मी – आ आहह.. ! आ आहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ.. ! उंहम म म म ह ह ह ह इयाः करने लगीं।।
वो तो अपने चुचे, अपने आप ही मसलने लगीं।।
उन्होंने अपनी होंठों को अपने दातों से दबा दिया था और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी थीं।।
कुछ देर ऐसे ही उंगली से मम्मी की चूत चोदने के बाद और चाटने के बाद, अब अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और उन्हें अपने सीने से चिपका लिया और उनके होंठों पर बेतहाशा किस करने लगे।।
फिर अंकल अपने दोनों हाथों से, मेरी मम्मी के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे।।
मुझे तो लग रहा था की इतनी ज़ोर ज़ोर से दबाने पर, मम्मी चीख पड़ेंगीं पर मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रही थीं।।
थोड़ी देर मम्मी के दूध जी भर के दबाने के बाद, अंकल मम्मी को बिस्तर पर ले गये और मैं समझ गया, अंकल अब मेरी मम्मी को चोदने वाले हैं।।
तो दोस्तो, मेरी माँ चुदने वाली थी।।
पलंग पर जाकर, वो लेट गये और मम्मी अपनी दोनों टांगों को अंकल के इधर उधर करके खड़ी हो गईं और “सू सू करने वाले स्टाइल” में बैठ गईं और अपने एक हाथ से मेरे दोस्त के पापा के लण्ड को पकड़ के, अपनी फुददी में लगाया और थोड़ा नीचे की तरफ हो गईं।।
उनके मुंह से बड़ी ज़ोर से – इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ आ आ आ आह माह म्मह.. ! निकाला।।
मैंने देखा अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, मेरी मम्मी की फुददी के अंदर चला गया था।।
मम्मी एक और बार बैठीं और उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी में समा गया।।
इस बार, मम्मी और ज़ोर से चीखीं – नहीं स स स स स स स स स स स स.. ! आ हा आ माह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह.. !
अंकल ने मेरी मम्मी से कहा – पूरा बैठ.. ! अभी गया नहीं है.. !
मम्मी ने कहा – भाई साब.. ! आपका बहुत बड़ा है, नहीं जा रहा है.. ! तरस खाओ, कम से कम साल भर बाद चुद रही हूँ.. ! और अंकल के पेट पर अपना हाथ रख दिया और धीरे धीरे ऊपर नीचे बैठने लगी।।
अंकल का आधा लण्ड, धीरे धीरे मम्मी की फुददी के अंदर बाहर होने लगा।।
अंकल के मुंह से – आ आ आ आहह.. ! आ आ अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ आ रही थी।।
मम्मी लगातार, ऊपर नीचे हो रही थीं और अंकल से चुद रही थीं।।
और.. !
अंकल मेरे सामने, मेरी “माँ” चोद रहे थे।।
चूत मरवाते हुए, उनके चुचे ऊपर नीचे हो रहे थे।।
अंकल बीच बीच में मम्मी के चुचे, अपने हाथ से पकड़ ले रहे थे और मसल दे रहे थे।।
अचानक, मैंने देखा की अंकल का लण्ड फिसल गया और मम्मी की फुददी से बाहर आ गया और मम्मी लड़खड़ा कर, अंकल के पेट पर आ गईं।।
शायद मम्मी, ज़यादा “नशे” में थीं।।
अब अंकल मम्मी के बाल पकड़ कर, उन्हें अपने होंठों के पास लाए और उनके लिप्स पर किस किया और अपने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ के मेरी मम्मी के फुददी के ऊपर रखा और फिर दोनों हाथ लपेट कर उनके कमर को पकड़ लिया।।
उन्होंने अपने घुटने मोड़ के थोड़ा ऊपर होते हुए एक धक्का मारा, मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आ अहह.. ! नही स स स स स स स स स स स स.. ! निकली।।
अंकल का पूरा 9 इंच का लण्ड, मेरी मम्मी के फुददी मे समा चुका था।।
अंकल ने अपना लण्ड बाहर निकाला और देखा तो उसमें थोड़ा सा खून लगा था।।
एक और धक्का मारा और धीरे धीरे, अपनी कमर ऊपर की तरफ उठाते हुए अपना लण्ड मेरी मम्मी के फुददी में घुसा के उन्हें चोदने लगे।।
मम्मी – आ अहह आ आहह ओई ई ईई उफ फ फ फ फफ्फ़ उफफ फफ फफ्फ़ आ आ अहह आ अ हहा ओई ईई औहह औहह माआ आअ हम ममम नाआ आअ उ उईई औहह।। करने लगीं।।
अंकल लगातार, मम्मी को चोदे जा रहे थे।।
वो बीच बीच में, अपनी स्पीड तेज़ कर दे रहे थे।।
ऐसे रफ़्तार से चोदने पर, अंकल की जांघें जब भी मम्मी के चूतड़ से टकराती थी तब – ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप.. ! फट फट फट फट फट फट फट.. ! की आवाज़ निकल रही थी।।
अंकल को देख के ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें कई औरतों के साथ सेक्स किया होगा।।
उनके “स्टेमीना” के सामने, मम्मी की हालत खराब होती नज़र आ रही थी।।
बीच बीच में, मम्मी थक जा रही थीं पर अंकल लगातार, उनकी चुदाई किए जा रहे थे।।
अंकल ने मेरी मम्मी को कस के पकड़ रखा था।।
मम्मी के चुचे, अंकल की छाती से चिपके हुए थे और अंकल मम्मी के लिप्स को अपने होंठ से लगाए हुए उसे चूस रहे थे।।
बड़ी बेदर्दी से वो धका धक.. ! भड़ा भड़.. ! अपना लण्ड, मेरी मम्मी की फुददी में पेले जा रहे थे।।
कुछ देर बाद, अंकल ने अपनी स्पीड कम कर दी और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।।
मम्मी, अंकल की छाती से चिपकी हुई थीं।।
अंकल ने मम्मी को कमर से पकड़ते हुए, पलटा मारा और मम्मी अब नीचे हो गईं और अंकल उनके ऊपर हो गये।।
अंकल ने मम्मी के सिर के नीचे तकिया दिया और उनके होंठ के पास आ गये और उन्हें चूमने लगे।।
अब मम्मी ने, अंकल से धीरे से कहा – अब बस कीजिए.. ! मैं बहुत थक गई हूँ.. !
अंकल ने उनके होंठों पर किस करते हुए कहा – महक जी, अभी तो मेरा निकला भी नहीं और अभी आप ख़तम करने की बात कर रही हैं.. ! लगता है, कभी आपका किसी “मर्द” से पाला नहीं पड़ा.. ! माफ़ कीजिएगा, आज तो मैं आपको जी भर के चोदने के बाद ही छोड़ूँगा।। और, अंकल हंसते हुए उनके होंठ चूमने लगे।।
फिर, उन्होंने मम्मी से कहा – मैं जानता हूँ, आप बहुत “प्यासी” हैं.. ! मुझे बस आपकी मदद करने दीजिए.. ! मस्त कर दूँगा, मैं आपको.. !
फिर वो अपने एक हाथ से, मम्मी के चुचे मसलते हुए उनके होंठ चूमने लगे।।
मम्मी ने अपने सीधे हाथ से, उनके बालों को पकड़ रखा था और अंकल का साथ दे रही थीं।।
फिर मम्मी ने अपने एक हाथ को नीचे लेजा कर, उनका लण्ड पकड़ के अपनी फुददी पर बैठा दिया और अंकल ने धीरे से धक्का दिया।।
उनका आधा लण्ड, मम्मी के फुददी के अंदर चला गया और अंकल धीरे धीरे मम्मी के कानों मे कुछ कहते हुए, अपना लण्ड उनकी फुददी के अंदर बाहर करने लगे।।
अब अंकल ताबड़तोड़ मम्मी को चोद रहे थे और मेरी माँ ताबड़तोड़ चुद रहीं थीं।।
मम्मी ने कस के अंकल को दबोच कर, उनकी पीठ पकड़ रखी थी और दोनों टांगें खोल के अंकल से, बिल्कुल “दो पैसे की रंडी” की तरह चुदवा रही थीं।।
अंकल के हर झटके पर, जब भी उनकी जाँघ मम्मी की जाँघ से टकराती थी, तब – ठप ठप ठप.. ! फट फट फट.. ! की गूँज आती थी और मम्मी के मुंह से – आ आहह आह आह उःमह इयाः हह उई माह ह ह ह ह ह.. ! की आवाज़ निकल रही थी।।
मम्मी की पायल की “छन छन” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी।।
अंकल पूरी ताक़त से मम्मी के होंठ चूमते हुए, उन्हें चोद रहे थे और बीच बीच में अपना मुंह उनकी चुचे पर रख के चूस रहे थे।।
कुछ देर ऐसे मम्मी को चोदने के बाद, वो ठंडे से पड़ गये।।
उनके मुंह से – आ आआ आ अहह अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. ! की आवाज़ निकली और उनकी कमर धीरे धीरे हिलने लगी फिर उसके बाद, वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट कर उनके बगल में लेट गये।।
मैंने देखा अंकल के लण्ड पर, उनका वीर्य और हल्का सा “खून” लगा हुआ था और मेरी मम्मी की फुददी से उनका वीर्य बाहर निकल रहा था।।
मम्मी और अंकल के शरीर से, जबरदस्त पसीना निकल रहा था और उनकी साँसें तेज़ तेज़ चल रही थीं।।
मम्मी भी बुरी तरह से थक गई थीं।।
मुझे लगा की अंकल, शायद अब मेरी मम्मी पर तरस खा कर उनको घर छोड़ देंगें पर उनका प्लान तो उन्हें आज रात भर चोदने का था।।
थोड़ी देर निढाल पड़े रहने के बाद, मम्मी उठ के बाथरूम की तरफ चली गईं।।
इधर अंकल, बिस्तर पर ही लेटे हुए थे।।
मम्मी के दरवाजा बंद करने के बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की पैंटी ज़मीन से उठा ली और उसे सूंघने लगे।।
खास कर के जो उनकी “चूत वाला हिस्सा” था, वो।।
एक दो मिनट में, मम्मी बाहर आ गईं और उन्होंने अंकल से अपनी पैंटी माँगी और कहा – अब वो, उन्हें घर छोड़ दे.. !
अंकल ने मम्मी के हाथ को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा।।
मम्मी, सीधा अंकल की गोद में चली गईं और अंकल ने मम्मी को किस करते हुए कहा – जानू, अभी कहाँ जाना है.. ! मैं आपको, सुबह घर छोड़ दूँगा.. ! आज आप, यहीं रुक जाओ, मेरे पास.. ! और फिर, आपकी तबीयत भी कुछ खराब है.. ! वैसे भी कौन सा, आपका पति आपका घर पर इंतेज़ार कर रहा है।। और, वो मम्मी के होंठों पर किस करने लगे।।
कुछ देर मम्मी के होंठों का रसपान करके, अंकल ने कहा – मैं शराब लेकर आता हूँ.. ! आज रात भर, पार्टी करेंगे.. !
मम्मी ने अब, थोड़ा गुस्से में कहा – मैं नहीं पीती.. ! प्लीज़, मेरे सिर में बहुत दर्द हो रहा है.. ! और अब तो आप मुझे चोद चुके ना, अब क्यूँ नशा कराना है मुझे.. !
अंकल ने कहा – जानेमन, अभी कहाँ चोद चुके.. ! ये तो बस “टेस्ट ड्राइव” थी और तुम चिंता क्यूँ करती हो, कुछ नहीं होगा.. ! महक मेरी जान, ये शराब नहीं है ये तो दवाई है.. ! तुम्हारा सब दर्द, ख़तम हो जाएगा.. ! वैसे भी आप जितनी नशीली हैं, उसके सामने ये शराब क्या नशा करेगी.. ! और, वो ज़ोर से हंस पड़े।।
आधे घंटे तक, “रंडी की तरह” बड़ी बेशरमी से अपनी टाँगें खोल खोल के चुदवाने और अंकल के लण्ड पर छीनाल की तरह कूदने के बाद, अंकल की तारीफ़ से मेरी “भोली भाली मम्मी” कुछ शरमा सी गईं।।