Adultery Mami

Member
157
189
43
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रोहित है। मैं 22 साल का हूं। मेरा लंड 7 इंच का है जो किसी की भाभी, चाची, आंटी, मामी और जवान लड़की की कुंवारी चूत की गहराईयों को नापता हुआ चूत की बखिया उधेड़ सकता है।

अगर कोई भी चूत एक बार मेरा लंड खा ले तो फिर वो चूत मेरा लंड खाए बिना नहीं रह सकती है।
मित्रो, मुझे शादीशुदा चूत बहुत ज्यादा पसंद है। शादीशुदा चूतों में भरपूर माल होता है इसलिए इन चूतों को चोदने में बहुत ज्यादा मजा आता है।

अब तक मैं मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी और मेरी मामी की चूत चोद चुका था।

इन चूतों से मुझे बहुत ज्यादा मजा मिला। मुझे इनको चोदने में इतना रस मिला जो कुंवारी चूत में भी न मिले.

निशा भाभी की चूत चोदने के बाद मैं मेरे मामाजी के यहां आ गया था।
यहां आने के बाद मैंने सरिता मामी की चूत का भरपूर आनंद लिया लेकिन अब मामीजी चूत नहीं दे रही थी। अब वो चूत देने में बहुत नखरे दिखा रही थी. काफी दिन हो गये थे लंड को चूत का स्वाद नहीं मिला था और मेरे लंड को उस वक्त एक चूत की बहुत सख्त जरूरत थी.

मैंने सोचा कि अब चूत के छेद के लिए कहीं दूसरी जगह ही नज़र मारनी पड़ेगी। जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा था कि मेरे चार मामा हैं। चार में से तीन तो एक साथ रहते हैं जबकि एक मामा अलग रहते हैं.

अब मैं मेरे दूसरे मामा के यहां चला आया जहां पर तीन मामा एक साथ रहते थे. मेरे नाना-नानी नहीं हैं। मुझे चूत की बहुत ज्यादा ज़रूरत थी। मुझे पता था कि मेरे इन वाले मामा के यहां बहुत सारी चूतें हैं. इसलिए कोई ना कोई चूत चोदने का जुगाड़ तो यहां हो ही जाएगा.

यहां सभी मुझे बड़े प्यार से रख रहे थे। सभी मेरी हर इच्छा को पूरी करने की कोशिश करते थे लेकिन अब मैं किसी को कैसे बताता कि मुझे चूत चाहिए!

मुझे इनके यहां रहते हुए 4 दिन हो गए थे लेकिन मेरे लन्ड को अभी तक कोई चूत चोदने का जुगाड़ नहीं दिख रहा था. मेरी नज़र मेरी तीसरी मामी पर पड़ी। उनका नाम सीमा था।

सीमा मामी 32 साल की हैं। उनके दो बच्चे हैं। वो एकदम मस्त माल है. देखने में गोरी चिट्टी, फिगर 32-30-34 का है, बदन कमाल का है और चूचे बहुत बड़े हैं.

उनके बोबे देखकर ऐसा लगता है कि उनको दबा दबा कर दूध निकाल लो. अगर कोई भी उनको देख ले तो चोदे बिना नहीं रह पाये. वो अलग बात है कि आंखों को पसंद आने वाली हर चीज हर किसी को नहीं मिल पाती है.

साड़ी में से दिखता उनका चिकना पेट बहुत ही मस्त लगता है. उनकी गांड बहुत कसी हुई है जो चलते हुए बहुत मटकती है. उनके रसीले होंठ ऐसे हैं कि चूसने से दिल न भरे. कुल मिलाकर मेरी सीमा मामी एक कामुक बदन की मालकिन है.

मामी की चूत लेना इतना आसान काम नहीं था. परिवार बहुत बड़ा था. मौका नहीं मिल पा रहा था शुरूआत करने के लिए। मैंने सोचा कि बिना योजना बनाये तो चूत नहीं मिल पायेगी.

अब मैंने धीरे धीरे उनके करीब आने का प्लान बनाया। सुबह-सुबह मामा जी खेत पर काम करने के लिए जाते थे और भैया पास ही के गांव में काम करने चले जाते थे।

मामी जी और भाभी के बच्चे भी स्कूल चल जाते थे। अब दिन में घर पर दोनों भाभियां और तीनों मामी जी के साथ मैं ही रहता था। दोनों भाभियां और सीमा मामी मेरे साथ बहुत हंसी मजाक करती थीं।

सुबह-सुबह सभी अपने-अपने काम में बिजी रहती थीं। उसी समय मैं सीमा मामी के कमरे में आकर बैठ जाता था। एक दिन मैं उनके कमरे में बैठा हुआ था। उसी समय वो बाल्टी में पानी भरकर लाईं और कमरे में पोंछा लगाने लगीं।

जैसे ही वो झुकी तो उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया। अब मेरी नजर सीधे उनकी चूचियों पर जा टिकी. क्या मस्त बोबे थे उनके … एकदम से रस से भरे हुए.

उनकी चूचियों को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. वो नीचे फर्श पर झुक कर पोंछा लगा रही थी और उनके ब्लाउज में हिलती उनकी मोटी मोटी चूचियों को देखकर मैं पागल हुआ जा रहा था.

अचानक उनकी नजर मेरी नजर से टकरा गई। वो समझ गई कि मैं उनके स्तनों को ही घूर रहा था. ये देखकर उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू तुरंत ऊपर कर लिया. उस दिन फिर उसके बाद मुझे कुछ मौका नहीं मिला.

अब अगले दिन भी मैं ऐसे ही उनके कमरे में बैठा हुआ था. जब वो पोंछा लगाने आई तो मैं सतर्क हो गया कि आज भी कुछ नजारा देखने के लिए मिलेगा. कल की तरह मुझे फिर से उनके स्तनों के ऊपरी दर्शन हुए.

इस तरह चार-पांच दिन तक यही चलता रहा. उनका साड़ी का पल्लू नीचे सरक जाता और मैं उनकी चूचियों को ताड़ता रहता और फिर बाथरूम में जाकर मुठ मार लिया करता था.

मगर बात उससे आगे बढ़ ही नहीं रही थी. मामी ने कई बार मुझे उनकी चूचियों को ताड़ते हुए देख लिया था लेकिन वो कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी.

मैं सोचने लगा कि अब मुझे कोई अलग तरकीब अपनानी होगी. उनके घर में पक्की ईंटो
 
Member
157
189
43
ं का बाथरूम नहीं बना था बल्कि तिरपाल का बाथरूम बना हुआ था. सब लोग उसी में नहाते थे.

अब जब मैं अगले दिन सुबह नहाने गया तो जानबूझकर नहाने का साबुन भूल गया। बाथरूम में जाकर मैंने मेरे सारे कपड़े खोल दिए। अब मैं सिर्फ अंडरवियर में ही था।

मेरा पूरा शरीर गीला था और गीली अंडरवियर में मेरा लन्ड फुफकार मार रहा था। अब मैंने साबुन लाने के लिए सीमा मामी को आवाज़ लगाई। जैसे ही वो साबुन लेकर मेरे पास आई तो उनकी नजर सीधे मेरे मूसल जैसे लंड पर पड़ी।

मेरे लंड को देखकर वो हक्का बक्का रह गईं। उस समय मेरा लंड बहुत ज्यादा कड़क हो रहा था। उनकी नजर मेरे लंड से नहीं हट रही थी। थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को ही घूर रही थी.

तभी मैंने उनको टोका- मामी जी क्या हुआ?
उनको कुछ जवाब नहीं सूझा और वो साबुन देकर वापस अपने कमरे में चली गईं।
यह देख कर आज मैं बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि सीमा मामी मेरे लंड के दर्शन कर चुकी थी।

अब अगले दिन फिर से मैं जानबूझकर नहाने का साबुन भूल गया। आज मैंने फिर से साबुन लाने के लिए उन्हीं को आवाज लगाई। आज फिर से मेरा लंड उनको सलामी देने लगा. मैं अंडरवियर में था और मेरा लंड उछल रहा था.

साबुन देकर वो वापस चली गई। मैं मेरी योजना के अनुसार धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। अब एक दिन दोपहर का समय था। मैं उनके साथ उनके कमरे में बैठा हुआ था। हम दोनों बैठे बैठे टीवी देख रहे थे.

देखते देखते तभी लाइट चली गई। अब मैंने मेरा मोबाइल निकाला और मामीजी को वीडियो दिखाने लग गया। वीडियो देख देखकर हम दोनों बहुत हंस रहे थे और एक दूसरे को टच कर रहे थे।

तभी मेरे दिमाग में एक शातिर विचार आया। मैंने सोचा कि इनको कुछ ऐसा दिखाया जाए जिससे ये खुद चुदने को तैयार हो जाए। अब मैंने सोच लिया था जो होगा वह देखा जाएगा. अगर मामी की चुदाई करनी है तो कुछ तो हिम्मत दिखानी ही पड़ेगी.

अब मैंने हिम्मत करते हुए चुदाई का वीडियो चालू कर दिया।
चुदाई का वीडियो देखकर वो हक्की बक्की रह गई। उनके चेहरे पर हवाईयां उड़ गईं। मामीजी अब पसीने पसीने हो गईं। वो उठकर कमरे से बाहर जाने लगी।

उसी समय मैंने हिम्मत करते हुए उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें वापस खींचकर अपने पास बैठा लिया।
वो बोली- मैं ऐसी गन्दी चीज नहीं देखती हूं! छोड़ मुझे, जाने दे।

मैंने कहा- मामीजी इसमें क्या गन्दा है? क्या मामाजी आपके साथ ऐसा नहीं करते हैं?
वो बोली- करते तो हैं लेकिन मैं तुम्हारे साथ बैठकर ये सब नहीं देख सकती।

उनको अपने पास खींचते हुए मैंने कहा- एक बार देखो तो प्लीज … आपको बहुत ज्यादा मज़ा आयेगा।
वो बोलीं- अगर तू यह सब दिखाएगा तो मैं नहीं देखूंगी।

मैंने कहा- अगर आपको देखने में मजा नहीं आए तो मैं आगे वीडियो नहीं दिखाऊंगा लेकिन आप एक बार देखो तो सही?
इतना कहने पर मामीजी चुदाई का वीडियो देखने के लिए मान गईं।

चुदाई का वीडियो शुरू हुआ।

अब मैं धीरे-धीरे वापस उनके करीब सरकता गया। अब चुदाई देख देखकर मामीजी धीरे धीरे गर्म होने लगीं। अब मैं उनके बदन को टच कर रहा था। उनको भी चुदाई के वीडियो देखने में मजा आने लगा.

तभी मैंने मौके को समझते हुए मामीजी के चूचों के पास हाथ ले जाकर बोबे को टच कर लिया।
उन्होंने कुछ नहीं कहा। वो अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।

इधर मेरा लंड भी बहुत ज्यादा टाइट हो रहा था। मेरा लंड मेरी सेक्सी मामी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो रहा था। अब मैंने हिम्मत करते हुए उनकी चूची को पकड़ लिया।

चूची पर हाथ लगते ही मेरी आह्ह निकल गयी … आह्ह … क्या मस्त चूची थी उनकी. एकदम से नर्म और मुलायम. बहुत ही गद्देदार चूचियां थीं. ऐसा मन कर रहा था कि दबा दबाकर दूध निकाल लूं इनका.

जैसे ही उनको आभास हुआ कि मैं उनकी चूची को दबा रहा हूं तो वो बोली- नहीं रोहित, ऐसा मत करो. मैं तुम्हारी मामी हूं. ये गलत है.
मगर मैं मानने वाला नहीं था. मैं तो मामी की चूत चुदाई करने के लिए मरा जा रहा था. बड़ी मुश्किल से ये मौका हाथ लगा था और मैं इस मौके को किसी भी कीमत पर अपने हाथ से जाने नहीं दे सकता था.

मुझे ये भी मालूम था कि सीमा मामी इतनी सरलता से मुझे अपनी चूत तक पहुंचने नहीं देगी. अगर पहुंच भी गया तो चोदने नहीं देगी. इसलिए मैं पूरी कोशिश कर रहा था कि वो इतनी गर्म हो जाये कि मेरा लंड लेने के लिए खुद ही बोले.

वो मेरे हाथ को हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने मामीजी के बोबे पर से हाथ नहीं हटाया। अब मैंने उनकी चूचियों को दोनों हाथों में भींच लिया और जोर से दबाने लगा. उन्होंने जोर से मेरा हाथ पकड़ा और झटक कर हटा दिया.

मैं उनके बदन से सटा हुआ चुदाई का वीडियो देख रहा था. मैंने दूसरे हाथ को उनकी कमर में डाल लिया. धीरे धीरे मैं उनकी कमर को सहलाते हुए हाथ को अंदर घुसाने लगा. उनको अब मस्ती आनी शुरू हो गयी थी.

वो मेरे हाथ की हरकत का विरोध नहीं करना चाह रही थी. फिर भी हल्के से नखरे दिखा रही थी और ये जता रही थी कि उनकी सहमति नहीं है. मगर
 
Member
157
189
43
मैं समझ गया था कि अब उनको अच्छा लगने लगा है.

कमर से होते हुए मेरा हाथ उनके पेट पर जा चुका था. बहुत ही चिकना बदन था उनका. पेट तो बहुत ही कोमल और मुलायम था. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और मामी जी को भी गुदगुदी हो रही थी. वो बार बार हिल-डुल रही थी और सेक्स वीडियो में ध्यान लगाए हुए थी.

हिम्मत करते हुए मैं अपने हाथ को पेटीकोट के नाड़े तक ले गया. मैं हाथ को अंदर घुसाने लगा. उन्होंने तुरंत मेरे हाथ को पकड़ लिया.
वो बोली- नहीं, ऐसा मत करो. ये गलत है. तुम बहुत आगे बढ़ रहे हो.
इस बार मैंने उनकी बात मान ली और अपने हाथ को उनके पेट से हटा लिया.

अभी मैंने हथियार नहीं डाले थे. थोड़ी देर बाद फिर से हिम्मत करते हुए मैं मेरा हाथ मामीजी के पेट पर ले गया। उन्होंने फिर से मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन इस बार मैंने मेरा हाथ नहीं हटाया।

इधर पोर्न वीडियो में धमाधम चुदाई चल रही थी और यहां मैं मामीजी को पटाने की कोशिश कर रहा था। अब मैंने आगे बढ़ते हुए मेरा हाथ उनके पेटीकोट के अंदर घुसा दिया।

पेटीकोट के अंदर हाथ घुसते ही वो सिहर गई। वो मेरे हाथ को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. मगर मैंने हाथ कसकर फंसाया हुआ था और मैं जोर लगाकर हाथ को बाहर नहीं आने दे रहा था. वो मेरे हाथ को बाहर नहीं निकाल पा रही थी.

अब मैं हाथ को आगे सरकाने लगा. धीरे धीरे सरक सरक कर मेरा हाथ मामी की चूत तक जा पहुंचा. मेरी उंगलियां उनकी गीली मखमली चूत से टच हो गयीं और मेरे अंदर चुदाई की आग भड़क उठी.

मामी की चूत पर हाथ लगा तो मामी सकपका गयी. उनकी चूत मुझे बहुत ज्यादा गर्म और गीली महसूस हो रही थी. उनकी चूत पर मुझे घने बाल भी महसूस हो रहे थे. उनकी झांटें काफी घनी थीं.

अब मैं उनकी चूत में उंगली डालने लगा. जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत के अंदर घुसी तो उनकी सिसकारी निकल गयी- आह्ह … क्या कर रहा है रोहित … ऐसे मत कर … अहाह् … नहीं, रहने दे पागल … मत छेड़ इसे।

चूत अन्दर से बहुत ज्यादा गर्म थी। अब मैं उनकी चूत को उंगली से कुरेदने लगा। इधर अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं। मगर वो अभी भी मेरा हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन कामयाब नहीं हो पा रही थी.

मुझसे अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था. इसलिए मैंने मोबाइल को साइड में पटका और सीमा मामी के ऊपर टूट पड़ा। मैंने उनको पलंग पर पटक कर अच्छी तरह से दबोच लिया। अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया।

वो अपने आपको छुड़ाने के लिए झटपटाने लगी लेकिन मैंने उनको अच्छी तरह से दबोच रखा था। अब मैं बेतहाशा उनके स्तनों को मसलने लगा। उनकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा.

चूचियां दबाते हुए मैं उनके रसीले, गुलाबी, कोमल होंठों को चूसने लगा. वो मुझे अपने होंठ नहीं चूसने दे रही थी और नखरे कर रही थी. मगर मैंने उनको और ज्याद जोर से दबोच लिया और कसकर उनके होंठों पर अपने होंठों को चिपका दिया.

मैं जोर लगाकर उनके होंठ चूसने लगा और फिर वो नर्म पड़ गयीं और मेरा साथ देने लगीं. माहौल बहुत गर्म हो गया था और मैं अपनी जीत पर मन ही मन खुश होते हुए मामी को चूसे जा रहा था.

मगर तभी बाहर से ‘मम्मी … मम्मी’ करके आवाजें आने लगीं. मामी ने मुझे जोर से धक्का मारा और पीछे धकेल दिया. वो फटाक से उठी और अपनी साड़ी को ठीक करने लगी. कुछ ही पलों में उन्होंने खुद को व्यवस्थित कर लिया.

फिर उठकर दरवाजे की ओर दौड़ी और दरवाजा खोल दिया. दरवाजे पर उनके बच्चे खड़े हुए थे. मेरा तो दिमाग ही खराब हो गया. सारे मूड की मां चुद गयी.

बड़ी मुश्किल से मैंने मामी को चुदाई के लिए उकसाया था लेकिन उनके बच्चों ने सारी मेहनत और उम्मीदों पर पानी फेर दिया. मेरा लंड खड़ा का खड़ा रह गया. मैं बहुत निराश सा महसूस करने लगा.

उसके बाद क्या हुआ वो मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा. तब तक आप मेरी मामी सेक्स की कहानी पर अपने विचार मुझे बतायें और सुझाव भी दें
 
Member
157
189
43
छोटी मामी की चुदाई बाड़े में- 3


दोस्तो, मैं रोहित एक बार फिर से आप लोगों का स्वागत करता हूं अपनी मामी की चुदाई की कहानी के तीसरे भाग में. अब तक आपने देहात सेक्स कहानी के दूसरे भाग
छोटी मामी की चुदाई बाड़े में- 2
में जाना कि कैसे मैंने देहात सेक्स मामी के साथ किया था.

फिर किस तरह से सीमा मामी चूत चुदवाने के लिए बाड़े में चलने के लिए तैयार हुई। अब तक मैं उनकी चूत को अच्छी तरह से चाट चुका था और उनके बोबों को मसल मसल कर लाल कर चुका था.

अब आगे देहात सेक्स कहानी:

मैंने उनके रसीले होंठों को बुरी तरह से भींच लिया। मेरा लन्ड उनकी चूत में जाने के लिए दबाव बनाने लगा। तभी मैंने अचानक उनको पलट दिया। मामी जी को पलटते ही अब उनकी गांड ऊपर हो गई और बोबे गेहूं के भूसे को छूने लगे।

अब उनकी मस्त, कमाल की गदराई हुई गांड मेरे सामने थी। उनकी फूली हुई गांड को देखकर मेरा लन्ड और ज्यादा टाइट हो गया. मैंने जल्दी से कपड़े निकाले और मैं दो पल बाद सिर्फ अंडरवियर में ही था। अंडरवियर में मेरा मूसल जैसा लंड उनकी गांड को सलामी दे रहा था।

बहुत कामुक नजारा था. वो चुपचाप भूसे पर लेटी हुई थी। उनकी पीठ और गांड में भूसा चिपका हुआ था। मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी पीठ पर किस करने लगा। उनकी पीठ पर बहुत सारा भूसा चिपका हुआ था.

मगर मुझे कोई दिक्कत नहीं हो रही थी. मुझे तो सिर्फ उनकी गोरी चिकनी पीठ ही नजर आ रही थी। अब मैं जल्दी जल्दी उनकी पीठ को चूम रहा था। वो फिर से मदहोश होने लगी। अब शायद चूत चुदवाने को का नशा मामी पर भी होने लगा था.

मैंने उनकी चोटी को भी खोल दिया और मामी के बाल बिखर गये. अब वो और ज्यादा सेक्सी लगने लगी. अब मुझे उनको चोदने का जोश और ज्यादा चढ़ने लगा.

पीछे से मैं मामी की गर्दन पर बालों को हटाकर किस करने लगा.
अब वो मस्त होकर सिसकार रही थी- आह्ह … अम्म … रोहित … बहुत अच्छा लग रहा है … तेरे मामा ने इतने प्यार से मुझे कभी नहीं चूमा. आह्ह … तू तो पूरा खिलाड़ी हो गया है रे!

मामी के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर मुझे भी और मजा आ रहा था. फिर मैंने उनके ब्लाउज के हुक खोल दिये. उनकी छरहरी काया मेरे सामने आ गई। अब मैं मामी जी की पीठ को ज़ोर ज़ोर से सहलाने लगा।

वो उत्तेजना में मुट्ठियों को भींचने लगीं। मुझे मामी जी की गोरी चिकनी पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैंने बहुत देर तक मामी जी की पीठ पर किस किया।

उन्होंने अंदर ब्रा भी पहन रखी थी लेकिन मैंने ब्रा को इस समय नहीं खोला। अब मैं थोड़ा नीचे सरका और उनकी की फूली हुई गोल-गोल गांड को साड़ी के ऊपर से ही चूमने लगा। मैंने दोनों चूतड़ों को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा।

मैं फिर से उनकी गांड को चूमता हुआ पीठ तक पहुंच गया। अब मैंने तुरंत उनको दूसरी ओर पलट दिया। अब उनका चेहरा मेरे सामने था. मामी मेरे अंडरवियर में तने हुए मेरे लंड को देखने लगी. ऐसे देख रही थी जैसे पहले कभी उन्होंने किसी मर्द को अंडरवियर में न देखा हो.

मैंने उनका पेटीकोट खोला और साड़ी को पेटीकोट समेत नीचे सरकाने लगा. मगर साड़ी उनकी गांड के नीचे दब गयी थी. उनकी गांड को मैंने थोड़ा सा ऊपर उठाया और साड़ी को खोल कर उतार दिया.

वो अब मेरे सामने ब्रा और पैंटी में ही थी. लाल रंग की ब्रा और हरे रंग की पैंटी में वो बहुत सेक्सी लग रही थी. गोरे बदन पर उनकी ब्रा और पैंटी बहुत मस्त जंच रही थी.

उनका ये मादक बदन मुझे पागल कर रहा था। मैं जोर जोर से उनके होंठों को चूसने लगा और उस भूसे के कमरे में पुच … पुच … मुच … मुच … की आवाजें जोर जोर से सुनाई देने लगीं. इस बार मामी भी बुरी तरह से मेरे होंठों को चूस रही थी.

फिर मैंने उनको पलटा दिया और ब्रा के हुक खोल दिये. मामी के बोबे उनकी ब्रा से आजाद हो गये. मैं तो उनकी चूचियों का पहले से ही कायल था. अब जब वो ऐसे सुनसान माहौल में मेरे सामने नंगी थी तो मैं जोर जोर से उनकी चूचियों को भींचने लगा.

वो जोर से कराह उठी और चिल्ला कर बोली- आआआ ह्ह … आराम से नहीं कर सकता क्या कुत्ते? उखाड़ेगा क्या इनको?
मैं बोला- हाए … मेरी सेक्सी मामी … तुम्हारी चूचियों को देखकर कंट्रोल नहीं हो पाता है, क्या करूं यार?

मैं दोबारा से उनकी चूचियों को भींचने लगा. इतनी बड़ी चूचियां थीं कि हाथों में आ ही नहीं रही थी. उनकी चूचियों को मसलकर और दबा दबाकर मैंने बिल्कुल लाल कर डाला.

अब मैंने एक बोबे को हाथ में पकड़ा और दूसरे बोबे को चूसने लग गया। उनके बोबे को मुंह में लेते ही मुझे तो मज़ा आ गया। एकदम मुलायम रसदार चूचे थे, जैसे उनमें मीठा दूध भरा हो.

कुछ देर बाद सच में उनकी चूचियों
 
Member
157
189
43
से दूध बाहर निकलने लगा और मैं तो जैसे पागल हो गया. मैं जोर जोर से उनका दूध खींचने लगा और वो मीठा मीठा दूध पीने लगा. दोस्तो, मजा आ गया मामी का दूध पीकर।

वो प्यार से मेरे बालों में अपना हाथ घुमा रही थी और अपनी चूचियां पिला रही थी. मुझे मामी जी के बोबे का दूध पीने में बहुत ज्यादा मज़ा आया। अब मैं मामी जी के गोरे चिकने पेट को चूमते हुए उनकी चूत पर आ गया।

उनकी पैंटी चूत के रस से पूरी गीली हो चुकी थी। मैं पैंटी को खोलने लगा तो फिर से वो नखरे करने लगी और पैंटी को पकड़ लिया. मैंने झटके से हाथ हटवाया और पैंटी को नीचे किया.

उनकी चूत का शानदार नजारा मेरे सामने था. मामी जी की मखमली चूत घनी झांटों के बीच अटी पड़ी हुई थी। चूत के बीचोंबीच पानी की झील भी नजर आ रही थी। उनकी की चूत को देखते ही मेरे लन्ड की बांछें खिल उठीं।

अब मैंने झटका देते हुए उनको मेरी तरफ खींचा। अब मैंने उनकी दोनों टांगों को मेरे कंधे पर रख लिया और चूत को चाटने लगा। उनकी चूत बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी।

मैं मामीजी की गर्मा-गर्म चूत को चाट रहा था। अब उनकी सिसकारियां बढ़ती जा रही थी। मैं लगातार मामीजी की चूत को चाट रहा था। थोड़ी ही देर बाद उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने तुरंत ही पूरा का पूरा रस पी लिया।

अब मैंने एक बार फिर से मामी की चूत में उंगली डाल दी। उंगली डालते ही वो एकदम से सिहर उठीं। उनकी सिसकारियां एकदम से बढ़ गईं। थोड़ी देर तक मैंने उनकी चूत में उंगली डाल डालकर चूत को अच्छी तरह से कुरेद डाला।

मामी की चुदाई करने से पहले मैं उनको अच्छी तरह से मसल देना चाहता था इसलिए मैंने उनको एक बार फिर से पलट लिया. उनकी पीठ पर भूसा चिपक गया था. थोड़ा भूसा गांड की दरार में भी अंदर तक चिपक गया था.

मैंने भूसा लगी उनकी मस्त गांड को चाटा और फिर उनके मस्त नर्म चूतड़ों को मसलने लगा। चूतड़ों की गोलाइयों में और गहराई में भी भूसे ने जगह बना ली थी। मुझे चूतड़ों को मसलने में बहुत आनंद आ रहा था.

इसी बीच मैंने उनकी गांड के छेद में मेरी उंगली घुसा दी। उंगली घुसाते ही वो एकदम से सिहर उठी और तुरंत उंगली को बाहर निकालने के लिए कहने लगी. मैंने उनकी बात नहीं मानी और उनकी गांड में उंगली करता रहा।

गांड में उंगली करने के बाद उनको वापस पलट दिया। उनको पलटते ही मैंने देखा कि अब वो पूरी की पूरी भूसे में सन चुकी थी. वो ऊपर से लेकर नीचे तक भूसे में सन चुकी थी। पूरे बालों में भूसा ही भूसा भर चुका था।

चूत की झांटों में चारों ओर भूसा अटा पड़ा था। मैंने चूचियों को दबाया और चूत को जोर से हथेली से सहला दिया. वो सिसकार उठी. फिर मैंने उनको मेरा लंड चूसने के लिए कहा.

मामी ने लंड चूसने से मना कर दिया. वो कहने लगी कि उन्होंने कभी लौड़ा नहीं चूसा है.
मैं भी मनाने लगा कि एक बार चूस कर देख लो तो मजा आयेगा.
मगर कई बार कहने के बाद भी उन्होंने लंड चूसने के लिए हां नहीं की.

अब मुझे गुस्सा आ गया. मैंने उनको अपनी ओर खींचते हुए उनकी दोनों टांगों को मेरे कंधे पर रख लिया। अब मैंने मेरे लन्ड को हाथ में पकड़ा और उनकी मखमली चूत पर रख दिया।

जिस सीमा मामी ने कभी मुझे नंगा अपना गोद में खिलाया होगा आज वही बच्चा उनकी चूत को चोदने के लिए उतारू हो रहा था।
वो मेरी ओर देख कर जैसे गुहार लगा रही थी कि अब तो चोद दे … और कितना तड़पायेगा?

अब मैंने मौके की नज़ाकत को समझते हुए मेरे लन्ड का सुपारा उनकी की रसीली चूत पर रखा, उनकी चूत की दोनों फांकों को फैलाया और एक जोरदार धक्का लगा दिया. मेरा पूरा का पूरा लन्ड उनकी चूत की दीवारों को खोलता हुआ उनकी चूत की गहराई में उतर गया.

चूत खुली थी लेकिन धक्का अचानक लगा इसलिए उनको दर्द होने लगा. मैंने उनको अच्छी तरह से दबोच रखा था जिसे वो हिल भी नहीं पा रही थी। उनकी चूत अंदर से बहुत ज्यादा गर्म और गीली थी जो मुझे मेरे लंड पर अलग से महसूस हो रही थी.

मैं लंड को उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा।
धीरे धीरे मामी चुदाई का मजा लेने लगी और उनके मुंह से अब आनंद की सिसकारियां निकलने लगीं- आह्हह … ओह्ह … रोहित … आऊऊ … ओह्ह … हांह्ह … आह्हह … अच्छे से कर … मजा आ रहा है … चोद मुझे जी भर कर!

मुझे तो जैसे जन्नत ही नसीब हो गई थी। मैं मामीजी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। मैं लगातार चोदने की गति को बढ़ाता जा रहा था। जैसे जैसे मेरा लंड उनकी की चूत में घुसता जा रहा था वैसे वैसे ही उनको भी अब चुदने में मज़ा आने लगा था।

अब मैं आराम से मलाई की तरह सीमा मामी की चूत में लंड पेलने लगा। वो भी अब गांड उठा उठाकर चूत चुदवा रही थी। मेरे हर झटके के साथ उनके चेहरे का आनंद और ज्यादा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा था. वो जैसे मदहोश हो रही थी.

मेरे सामने चूत खोलकर अपनी चुदाई करवा रही नंगी मामी को देख देखकर मेरा जोश और ज्यादा बढ़ रहा था. मैं और तेजी से उनकी चूत को चोदने लगा था.

उन्होंने मेरी पीठ पर अपनी बांहें प्यार से लपेट ली थीं. अब ध
 
Member
157
189
43
ीरे धीरे उनकी चूत का लाल दाना बाहर नजर आने लगा। उनकी चूत में लंड पेलते हुए मुझे बहुत देर हो चुकी थी। वो शायद अब झड़ने वाली थी।

थोड़ी ही देर में उनकी चूत ने रस की बौछार कर दी। अब मैं तेज गति से मामी की चूत को चोदने लगा। उनकी चूत चुदकर भोसड़ा बन चुकी थी। उनके भोसड़े में से फच … फच … फच … की आवाज आ रही थी.

अब मेरा लन्ड भी माल छोड़ने वाला था।
मैं बोला- मामी, मेरा आने वाला है. कहां निकालूं अपने माल को?
वो बोलीं- जहां तेरी मर्जी हो, वहीं डाल दे.
फिर उनकी चूत को पेलते हुए मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.

मैंने अपना सारा माल मामी की चूत में निचोड़ दिया. माल गिराने के बाद अब धीरे धीरे मेरा लन्ड ढीला होने लगा। अब मैं निढाल होकर थोड़ी देर तक मामी जी के ऊपर ही पड़ा रहा। उनकी चूत मेरे लन्ड के रस से पूरी भर चुकी थी।

थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लन्ड सीमा मामी की चूत में जाने के लिए बेकरार होने लगा। अब मैंने फिर से उनकी चूत पर निशाना साधा लेकिन वो मना करने लगी और कहने लगी कि अब बहुत देर हो गयी है. अब यहां कोई भी आ सकता है और हमारी चोरी पकड़ी जा सकती है.

मगर मैं एक बार और उनको चोदना चाह रहा था इसलिए मैं काफी देर तक उनको मनाता रहा. काफी मेहनत के बाद वो फिर से चूत देने के लिए तैयार हुई. मैंने लंड का सुपारा फिर से चूत पर रखा और धक्का देकर लंड को पेल दिया.

इस बार वो आराम से चूत चुदवा रही थी। मैं भी पूरी ताकत और जोश से सीमा मामी की चूत चोद रहा था। जोर से चुदते हुए मामी एक बार फिर से झड़ गयी. पांच मिनट बाद अब मेरा लन्ड पानी छोड़ने वाला था। थोड़ी ही देर में मेरे लन्ड ने पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया.

दूसरे राउंड के बाद हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे। अब मैंने उनको उठाया और अच्छी तरह से साफ किया। उनकी गांड और पीठ पर बहुत ज्यादा भूसा चिपका हुआ था। पूरे जिस्म में चिपके हुए भूसे को मैंने झटकारा और बालों में फंसे हुए भूसे को भी साफ किया।

फिर मैंने एक एक करके उनके सारे कपड़े वापस से पहनाये. ब्रा-पैंटी, पेटीकोट, ब्लाउज आदि मैंने पहना दिये और फिर साड़ी तो मामी ने खुद ही बांध ली. फिर उन्होंने अपने खुले बाल भी बांध लिये.

फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े पहन लिये. पूरी तरह से ठीक-ठाक होकर हम दोनों एक एक करके उस कच्चे घर से बाहर निकले. पहले मामी निकलीं और फिर कुछ देर बाद मैं निकला.

बाहर आने के बाद मामी ने पानी की खाली बाल्टी उठाई और हम घर की ओर चल पड़े. घर जाने के बाद वो नहाईं और फिर मैं भी अच्छी तरह से नहाया. मैं अब सीमा मामी की चूत चोदकर बहुत खुश था.

दोस्तो, ये थी मेरी मामी की चुदाई की स्टोरी. आपको मेरी देहात सेक्स कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे बतायें और कुछ कमी रह गयी हो तो वो भी बतायें. मुझे आपके सुझावों का इंतजार रहेगा.
 

Top