Erotica नेताजी और गायिका

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अंकल अब बस भी करो, पिछले एक घंटे से चूस रही हूं, गाना गाने के लिए बुलाया है या लंड चूसने के लिए बुलाया है, श्रेया नेताजी का लंड चूसते हुए साँस लेने के लिए रुकते हुए बोली. श्रेया ठाकुर शास्त्रीय संगीत की एक उभरती हुई गायिका थी, बहुत ही संस्कारी छवि थी श्रेया की और 19 साल की उम्र में इतनी सफलता मिलना एक बहुत बड़ी बात थी.

अरे बेटी तू बस चूस, गाना तो कभी भी सुन लेंगे, नेताजी ने श्रेया के छोटे छोटे निम्बुओ को निचोड़ते हुए बोला, यही निम्बु तो वजह थे जो 55 वर्षीय नेताजी फिदा हो गए थे श्रेया पर जब वो कुछ महीनों पहले एक संगीत स्पर्धा के मुख्य अतिथि बने थे, तब से उनकी नजर ईन नींबुओ पर थी, नेताजी की जो भा जाता था उसे वो किसी भी तरह पा ही लेते थे.

पास बैठे SP विजेंद्र सिंह ने श्रेया की स्कर्ट में हाथ डाल कर उसकी पेंटी के ऊपर से चुत सहलाने की कोशिश की, श्रेया कसमसा उठी, अंकल सिर्फ ऊपर ऊपर की बात हुई है, प्लीज़ नीचे बिल्कुल नहीं हाथ लगाएंगे, नेताजी ने SP को मना करते हुए बोला, अरे विजेन्दर सबर रख थोड़ा, कहीं भागे थोड़ी जा रही, गाना बजाना तो अभी 4 घंटे बाद शुरू होगा तब तक इसका गला तर करते रहो, और श्रेया बेटी सही बोल रही है, सिर्फ ऊपर ऊपर रगड़ो, नीचे नहीं, कहते हुए नेताजी ने अपना वीर्य श्रेया के मुँह में छोड़ दिया

बेटा एक फोटो हो जाए, facebook पर डालना है, नेताजी ने अपनी धोती सही की, श्रेया भी अपना शर्ट स्कर्ट सही कर फोटो के लिए तैयार हुई, ले विजेन्दर एक फोटो ले, नेताजी ने अपना फोन SP को थमाया.

मशहूर गायिका श्रेया ठाकुर के साथ, नेताजी ने कैप्शन लगाया और एक मुस्कराता हुआ फोटो अपने facebook पर डाल दिया. अंकल अभी जाने दो मुझे रियाज भी करना है, मेरा तो मुँह दुखना आ गया है, श्रेया ने शर्माते हुए पूछा, नेता जी ने वापस छोटे निम्बुओ को बड़ी बेरहमी से निचोड़ते हुए बोले, बस कुछ घंटे और बेटा ये गाना वाना तो बहाना है दुनिया के लिए, तू तो मेरी जान है, नेताजी ने छरहरी श्रेया को अपने विशालकाय सीने में दबोचते हुए बोला, छोटी सी गांड पर एक जोरदार चपत लगाते हुए नेताजी रूम से बाहर निकल गए.

श्रेया का गला ही नहीं घुटने भी दर्द कर रहे थे, पिछले दो घंटों से घुटनों के बल रियाज कर रही थी. घुटने लाल हो गए थे, नेताजी ने पिछले 2-3 घंटों में उसके नींबु निचोड़ निचोड़ कर लाल कर दिए थे. अंकल मैं थक गई हू, मुझे थोड़ा आराम करने दो ना प्लीज़, मुझे गाना भी है, श्रेया लगभग गिड़गिड़ाते हुए SP विजेन्द्र सिंह से बोली.


Chapter 2: जन्मदिन

दरवाजे पर नोक हुई, नेताजी थे, SP के साथ कुछ खुसर पुसर करने लगे. विजेन्दर घंटे भर रगड़ ले, मैं तेरी भाभी और बच्चों को ले कर आ रहा हूं, उन्हें भी कुछ फोटो खिंचवाने है श्रेया के साथ, फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी है प्रोग्राम से पहले, जल्दी निपट ले.

मुख्यमंत्री आवास पर आज नेताजी के जन्मदिन के अवसर पर मधुर शास्त्रीय संगीत गायिका श्रेया ठाकुर का प्रोग्राम रखा गया था, नेताजी अपने जन्मदिन के अवसर पर वुमन एम्पोवरमेन्ट पर कुछ घोषणा भी करने वाले थे, सारा कार्यक्रम 7 बजे शाम को शुरू होना था, 5 आलरेडी बज चुके थे, पत्रकारों और मेहमानों का आना शुरू हो चुका था.

विजेंद्र दरवाजा भीड़ा कर अंदर आया, थोड़ी थकी हुई सी लग रही थी, विजेंद्र ने आते ही उसके छोटे छोटे नींबुओ को बेदर्दी से निचोड़ना शुरू किया और उसके पतले किन्तु रसभरे होठों को चूसने लगे. अंकल जल्दी लंड दीजिए चूस देती हू, फिर मुझे तैयार भी होना है, प्रोग्राम की तैयारी भी करनी है, प्लीज़ अंकल, श्रेया फिर से एक बार गिड़गिड़ाते हुए बोली. विजेंद्र उसके बालो को सहलाते हुए बोला तू कहीं थोड़ी भागी जा रही है, कभी भी वापस बुला लूँगा, जा तैयार हो जा. विजेन्द्र ने उसे जाने को बोला.

नेताजी का काल था, सिग्नल था कि वो सपरिवार आ रहे है. आप तो बोलेे थे घंटे भर रगड़ ले और इतने जल्दी आ गए, SP विजेंद्र लगभग शिकायती लहजे में बोला, अरे क्यु मन छोटा करता है कभी भी वापस बुला लेंगे ससुरी को, नेताजी ने विजेंद्र को दिलासा देते हुए बोला और फोन काट दिया.

नीचे गार्डन में भीड लगनी शुरू हो गई थी, लोग श्रेया ठाकुर की झलक पाने को बेताब थी, श्रेया की टीम अपने वाद्य यंत्रों के साथ स्टेज पर तैयारी कर रही थी. अंदर मेकअप रूप में श्रेया शर्ट स्कर्ट छोड़ कर ट्रेडिशनल कपड़ों में आ गई थी, नेताजी की बीवी बच्चे बढ़ चढ़ कर श्रेया के साथ फोटो खींचवा रहे थे, और भी कई मेहमान बहुत उत्साहित थे और दूर से सेल्फी ले रहे थे. दूर खड़े नेताजी, आखों ही आखों में श्रेया को नंगा कर रहे थे और रात के बारे में सोच कर मुस्करा रहे थे.

छोटी सी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, नेताजी ने श्रेया ठाकुर के पास वुमन एम्पोवरमेन्ट की घोषणा करवाई, श्रेया को इस राजकीय योजना का ब्रांड एम्बेसेडर घोषित किया गया और श्रेया के संगीत ट्रस्ट को दस लाख रुपये का चेक दिया गया जो गांव देहात में संगीत को प्रोत्साहित करने के लिए निस्वार्थ भाव से काम करता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताजी श्रेया के कान में फुसफुसाए, ब्रा काहे पहने, मना किया था ना, निम्बुओ को आजाद रखना. अंकल निप्पलस बहुत बाहर आ रहे थे, बड़ा ओकवर्ड लग रहा था, श्रेया कैमरे के सामने मुस्काते हुए नेताजी के कान में फूसफुसाई. नेताजी थोड़े ग़ुस्से में वापस श्रेया के कान में बोले, माँ का भोसडा, जो बोले वो किया करो समझी, श्रेया मुस्करा दी. अगले दो घंटे, प्रोग्राम में श्रेया ने खूब भजन गाए, ब्रा वो निकाल चुकी थी, नेताजी सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठे बैठे बस निम्बुओ को निहार रहे थे, और रात के स्पेशल प्रोग्राम के बारे में सोच रहे थे.


Chapter 3: चोली के पीछे क्या है

प्राइवेट प्रोग्राम अब शुरू हुआ, नेताजी, विजेंद्र, नेताजी के दो पत्रकार दोस्त बस चार लोग थे. महंगी वाली शराब खुली हुई थी, और सब बेसब्री से मैथिली का इंतजार कर रहे थे. नेताजी 55 के हो चले थे विजेंद्र भी 50 का था, नेताजी के दोस्त भी उनके हमउम्र थे, पर नेताजी को शास्त्रीय संगीत से बहुत प्यार था, और जब से श्रेया ने 18वें साल में पैर रखा था, साम दाम लंड भेद सब लगा कर आखिर श्रेया को रानी बना दिया था.

श्रेया ने कमरे में मुस्कराते हुए प्रवेश किया, मारवाड़ी लहंगा चोली में बहुत मादक दिख रही थी, श्रेया नेताजी के पास आई और पैर छू कर बोली, Happy Birthday अंकल, क्या सुनाऊ अंकल. नेताजी बोले "चोली के पीछे क्या है सुना दे" और उन्होंने श्रेया के छोटे छोटे नींबुओ को फिर से बड़ी बेदर्दी से निचोड़ दिए. श्रेया ने अपनी नशीली आवाज में गाना शुरू किया, चारो लोग झूम उठे, शराब का नशा छाने लगा, एक के बाद एक गानों की फर्माइश होने लगी, दिन में लेती हू रात में लेती हू, भोजपुरी लॉलीपॉप लागेलु और होली के बहुत सारे गाने गवाए गए श्रेया के पास. दस बजे के करीब नेताजी ने सभी मेहमानों को अलविदा बोला और श्रेया को अपने रूम में भेज दिया.

हाँ, प्रोग्राम खत्म हो गया है अब बस कुछ घंटे रियाज करूंगी, फिर सो जाऊँगी, अंकल ने अच्छा रूम दिया है. श्रेया फोन पर किसी से बात कर रही थी, हाँ हाँ बोल दूंगी अंकल को जमीन वाली बात, आप बिल्कुल चिंता ना करे, अंकल मेरी बात नहीं टालते, आज तो मुझे चेक के साथ एक आईफोन भी गिफ्ट किया है. नेताजी रूम में आ चुके थे और दूर से श्रेया की कमसिन जवानी को आखों से पी रहे थे.

विजेंद्र का फोन था, उठाते ही बोला, मुझे सर प्यासा छोड़ दिया और खुद रस के सागर में गोते लगा रहे हो, अरे विजेंद्र क्यु परेशान होते हो, कहा ना ससुरी कहीं भागे थोड़े ही जा रही है, महंगी शराब को हमेशा धीरे धीरे पीना चाहिए, क्यु उतावला हुए जा रहा है, जबरदस्ती करने वाला माल लगता है क्या तुझे यह, अरे ठरकी ये धीरे धीरे खोलने वाली गिफ्ट है, थोड़ा मनाएंगे, थोड़ा बिगाड़ेंगे, थोड़ा रगडेंगे, थोड़ा मसलेंगे, धीरे धीरे सब देगी, चुत भी, गांड भी सब कुछ देगी. थोड़ा सबर रख पगले, नेताजी, विजेंद्र को तसल्ली देते हुए बोले.
 
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Chapter 4: बर्फीली शर्म

किसका फोन था अंकल? श्रेया खड़े होते हुए नेताजी की और बढ़ी, बहुत मादक दृश्य था, बीस साल की छरहरे बदन वाली मशहूर शास्त्रीय संगीत गायिका और दूसरी और भारी भरकम छः फूटा शारीर लिए 55 साल का सूबे का मुख्यमंत्री. नेताजी अपनी धोती खोल चुके थे, श्रेया ने नेताजी को कुर्ता खोलने में मदद की. नेताजी बिस्तर पर बैठ गए सिर्फ अन्डरवियर पहने, श्रेया उनकी गोद में एक गुड़िया की भांति बैठ गयी.

नेताजी ने श्रेया के कान को धीरे धीरे सहलाते हुए पूछा, कुछ पियेगी, एक छोटा पेग बनाऊँ. क्यु बिगाड़ते हो बच्ची को श्रेया थोड़ा शर्माते हुए बोली, और नेताजी के छाती के बालो से खेलने लगी, नाटक मत कर भेण की लोडी नेताजी ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोला, अच्छा बना लीजिए पर छोटा बनाइएगा श्रेया थोड़ा घबरा कर बोली, और बर्फ मत डालना, गला खराब हो जाता है. नेताजी उठे और बार में से ब्लैक डॉग की बोतल में से दो पेग बनाए, खुद के लिए छोटा और श्रेया के लिए लार्ज, श्रेया थोड़ा शर्मा रही थी, शराब वो पीती थी पर कभी कभार, नेताजी फिर गुर्राते हुए बोले मादरचोद जब लवडा लेती है मुँह में तो गला खराब नहीं होता, बर्फ नहीं चाहिए नौटंकी. श्रेया चुपचाप पेग हाथ में लेती है और एक सिप लेती है, एक नशीली लकीर सी उसके नाजुक गले से उतर जाती है.

नेताजी बिस्तर पर आराम से तकिये का सहारा ले कर बैठ जाते है, श्रेया उनके पास आ कर उनकी बाहों के सहारे लेट सी जाती है, क्या हुआ अंकल नाराज लग रहे है श्रेया थोड़ा हिम्मत कर के बोलती है, अच्छा नहीं गाया क्या मैंने, किसका फोन था. नेताजी अब थोड़े नॉर्मल हो गए थे, उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं थी, उनका लंड अन्डरवियर में तंबु बना रहा था, तूने SP को नाराज कर दिया आज दोपहर को, नेताजी ने आखिर चुप्पी तोड़ते हुए बोला, नहीं तो अंकल मैंने तो उल्टा उनको बोला था लंड चूस देती हूं, पर वो खुद बोले मैं कहीं भागे थोड़ी जा रही हूं, और कितनी जोर से नींबु निचोड़े, आप से भी ज्यादा जोर से अभी भी दुख रही है मेरी निप्पलस, श्रेया थोड़ा शर्माते हुए बोली. क्या पता शायद वो आज दोपहर को जब तेरी चुत सहलाने की कोशिश कर रहा था और तूने मना किया, हो सकता है शायद उसे बुरा लगा हो, नेताजी बोले.

श्रेया बोली, अंकल प्लीज़ आप तो ऐसे मत बोलो, मुझे प्रोग्राम करना था अगले 2 घंटों में और अगर कोई ऐसे झपाटा मारे तो मना ही करूंगी ना, नेताजी उसके कान पर जीभ फिराते हुए बोले तो क्या मुझे भी अभी मना बोल दोगी, श्रेया थोड़ी शर्मा गई और अपनी चुत को नेताजी के घुटनों पर सटाते हुए उनके सीने पर अपने छोटे छोटे हाथो से मुट्ठी बनाते हुए मारते हुए बोली आप बहुत खराब हो अंकल. नेताजी ने दूधिया रोशनी में देखा श्रेया के निम्बु कडक हो गए थे और चुत भी एकदम गरम हो गई थी, पर इस शातिर दिमाग को कोई जल्दबाजी नहीं थी. तू गाती अच्छा है पर बातें गंदी कर लेती है? नेताजी ने अपनी जीभ से उसकी गर्दन चाटते हुए पूछा, श्रेया थर थर कांप रही थी. चल एक काम कर वीरेन्द्र को फोन लगा और यह समझ मैं यहा नहीं हू और उसे मना ले, आखिर SP है जिले का
 
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Chapter 5: बेक स्टोरी

शास्त्रीय संगीत की गायिका का व्यक्तित्व एक बॉलीवुड की गायिका से बिल्कुल अलग होता है, या दूसरे शब्दों में कहें तो अलग दिखना पड़ता है, श्रेया की शालीन वेषभूषा, विशुद्ध हिन्दी, मुस्कराता हुआ मासूम चेहरा, कहाँ खो गए नेताजी, वीरेंद्र ने कोहनी मारते हुए पूछा. नेताजी, शास्त्रीय संगीत की स्पर्धा के जज बने बैठे थे और सुरों से ज्यादा उनका ध्यान, श्रेया के कमसिन निम्बुओ पर थी, वीरेंद्र नेताजी का पुराना सिपाही था और वो जानता था नेताजी का कमसिन कलियों को मसलने का शौक़, हर साल दो साल में उनके माल रोड वाले बंगले में एक नया माल होता था जिसे, पहले नेताजी रगड़ते थे फिर उनके चेले चपाटे.

मैं करता हु कोशिश पर अभी सिर्फ उन्नीस की ही है, दाने भी नहीं निकले होंगे, कुछ दिन रुक जाते है, वीरेंद्र कान में फूस फुसाया, तुझे कब मेरा टैस्ट समझ आएगा रे वीरू, नेताजी अपने सामने रखी रिजल्ट पुस्तिका में श्रेया को बिना सुने ही विजेता घोषित कर देते है, वीरेंद्र समझ जाता है उसे क्या करना है.

अगले कुछ महीने श्रेया के लिए बिल्कुल सपने के समान होते है, उसकी माँ देविका जो सपना की मैनेजर भी थी श्रेया की बढ़ती लोकप्रियता देख कर सातवें आसमान में होती है. इंडियन आइडल जिताने के बाद, नेताजी ने प्रोड्यूसर्स की लाइन लगा दी थी श्रेया के लिए, सरकारी प्रोग्राम्स, संगीत नाटक अकैडमी, हर तरफ़ से उसे मशहूरी भरपूर मिल रही थी, काम की वजह से राजधानी में रुकना ज्यादा होता था, सो नेताजी की ऐशगाह उसे आवंटित हो गई थी, सरकारी लाल बत्ती मिली वो अलग.

नेताजी की एक खासियत थी वो जबरदस्ती बहुत ही कम परस्थितियों में करते थे, वो अपने शिकार का बहुत धीरे धीरे मज़ा लेते थे. देविका को संदेश मिल चुका था नेताजी के कार्यक्रम का, और उसे पता था जो प्रसिद्धि और पैसा श्रेया को मिल रहा है उसके सामने यह बलिदान कुछ भी नहीं है. श्रेया भी धीरे धीरे अंकल की नजदीकियां समझ रही थी, एक्डेंसीटल टचेज अब धीरे धीरे नॉर्मल होते जा रहे थे, नेताजी का व्यक्तित्व बड़ा विशालकाय सा था, श्रेया को शुरू में थोड़ा अजीब लगता था पर एक बात थी नेताजी बाहरी दुनिया में श्रेया से पूरी सादगी और सम्मान से पेश आते थे पर कार की पिछली सीट पर या शाम को बंगले पर जब नेताजी अपना रेगुलर वाला ड्रिंक लेने आते थे, उनकी बाते और हरक़ते धीरे धीरे श्रेया को नॉर्मल कर रही थी.

संगीत के लिए एक बडे सरकारी ट्रस्ट की स्थापना और एक बड़ी जमीन का आवंटन अब प्लानिंग में था और साथ ही साथ श्रेया के उद्घघाटन का भी. नेताजी की गाड़ी आ के रुकी, श्रेया ने खिड़की से देखा, साथ में अनिरुद्ध रॉय भी थे, बहुत बड़े पत्रकार है. श्रेया ने नमस्ते किया, दोनों ड्राइंग रूम में बैठ कर कुछ डिस्कस कर रहे थे, श्रेया बेटा अंकल के लिए कुछ ड्रिंक बना लाओ, नेताजी ने आवाज लगाई. श्रेया ने दो ड्रिंक बनाए कुछ नमकीन लिया और ड्राइंग रूम में आ कर दोनों को थमाया, नेताजी ने उसे अपने पास बैठने को कहा. नेताजी कान में फूस फूसाए, ब्रा काहे पहनी फिर से कितनी बार कहा है, श्रेया थोड़ी शर्मा गई और बोली, जी आती हू उतार कर, श्रेया रूम में आती है, वैसे उसके बुब्स कुछ खास बड़े नहीं है, ब्रा नहीं पहने तो भी चलता है पर पिछले कई महीनों से जवानी कहीं भी अंगड़ाई ले लेती है और निप्पलस कड़क हो जाते है और दिखने शुरू हो जाते है सो ब्रा पहनना जरूरी हो गया था.

वापस रूम में आती है, दोनों जने कुछ डिस्कस कर रहे होते है, इसबार अनिरुद्ध रॉय उसे अपने पास बैठने को बोलता है, आप बहुत सुन्दर गाती है, और श्रेया के कानो के साथ खेलता है, अपने पेग से एक सिप ऑफर करता है, श्रेया अनमने मन से एक घूंट ले लेती है. नेताजी इस बार चैनल के एक प्रोग्राम में श्रेया का एक कार्यक्रम रखते है, कहते हुए अनिरुद्ध श्रेया की कमर में हाथ डाल कर अपने पास खींचता है, और एक हाथ से श्रेया के एक निम्बु को बराबर से निचोड़ देता है. नेताजी जोर से हंसते हुए बोलते है धीरे अनिरुद्ध बच्ची है अभी. श्रेया को इशारे से अपने पास बुलाते है और एक सिप अपने ग्लास से पिलाते है. थोड़ा खिल जाने दो फिर खेलना ही है, नेताजी हंसते हुए श्रेया की निप्पलस पर हाथ फिराते हुए उसके नाजुक गुलाबी होंठो पर एक लंबा किस लेते है, अनिरुद्ध राय के लंड में एक अजीब सी हलचल होती है, नेताजी चुंबन तोड़ते है और आखों ही आखों में श्रेया को रूम से जाने को कहते है.
 
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Chapter 6: गले का टानीक

राजधानी का स्वच्छंद वातावरण, भरपूर प्रसिद्धि और पैसा, स्वतंत्र बंगला और लाल बत्ती की गाड़ी, किसी भी नाजुक कली के बहकने के लिए काफी होती है, उसपर नेताजी का सॉफ्टकोर प्यार, श्रेया को नेताजी बड़ी शांति से उद्घघाटन के लिए तैयार कर रहे थे, बंगले पर नेताजी की एक बहुत अच्छी पोर्न लाइब्रेरी थी, रोज रात को अलग अलग जोनर की ब्लू फ़िल्म नेताजी श्रेया को अपनी गोदी में बिठा कर उसके मासूम शरीर से हल्के हल्के खेलते हुए शराब के कुछ सिप शेयर करते हुए श्रेया को रियाज करवाते थे, जीम, स्विमिंग पूल, सबकुछ था. नेताजी अपनी राजनीति अपने इसी बंगले से खेलते थे, श्रेया अब सब धीरे धीरे सीख समझ रही थी. देविका को जरूरत के हिसाब से ही आने दिया जाता था.

जी वीरेंद्र अंकल मैं तैयार ही हूँ आप आ जाइए, श्रेया ने फोन पर जवाब दिया, आज अनिरुद्ध अंकल के चैनल पर एक प्रोग्राम था, नेताजी के साथ जाना था, ट्रेडिशनल कुर्ते में श्रेया बहुत की सुन्दर दिख रही थी जैसे ही हॉर्न बजा, श्रेया भाग कर दरवाजे पर पहुंच गई, वीरेंद्र अंकल ड्राइव कर रहे थे, नेताजी पीछे बैठे थे, श्रेया उनके पास जा कर बैठ गई. नेताजी फोन पर बात कर रहे थे, बात करते करते ही उन्होंने श्रेया के निम्बुओ को टटोला, तड़ाक एक जोर का चांटा श्रेया के मेकअप किए चेहरे पर नेताजी ने जड़ा, मादरचोद कितनी बार बोलना पड़ेगा कि ब्रा नहीं पहननी है भेण की लोडी, नेताजी शायद आज किसी बात पर गुस्से थे, वीरेंद्र के लिए यह सब नोर्मल था वो अपनी मस्ती में गाड़ी चलाए जा रहा था, नेताजी ने कुर्ते के अंदर हाथ डाला और नन्ही सी ब्रा को खिंच कर फाड़ते हुए बाहर निकाला, श्रेया डर गई थी, आज पहली बार नेताजी का भारी हाथ उसपर पड़ा था, अंकल आगे से नहीं होगा प्लीज़ मारिये मत, श्रेया गिड़गिड़ाते हुए बोली, फटी हुई ब्रा उसके पैरों में पडी थी और वो डर के मारे थर थर कांप रही थी. नेताजी फिर से फोन पर बिजी हो गए, अचानक उन्होंने अपना लंड धोती से बाहर निकाला, चल चूस मादरचोद, श्रेया के लिए यह पहला मोका था जब वो नेताजी का यह रूप और लंड देख रही थी, और यह पहला लंड भी था जो वो चूसने जा रही थी.

जन आवाज चैनल के बाहर बहुत भीड़ लगी हुई थी, जैसे ही नेताजी की गाड़ी आ कर रुकी पत्रकारों की भीड़ उनकी तरफ दौड़ गई, श्रेया का मुँह अभी भी थोड़ा चिपचिपा था, एक गाल पर उँगलियों के निशान छपे हुए थे और बाल थोड़े अस्त व्यस्त थे. फोटोग्राफर खटाखट फोटो खिंचे जा रहे थे, कई लोग सेल्फी और ओटोग्राफ के लिए होड़ लगा रहे थे, श्रेया मुस्कराते हुए सबका ध्यान रख रही थी, जन आवाज चैनल की सालगिरह पर श्रेया ने मंच पर सारे भाषण ख़त्म होने के बाद शास्त्रीय संगीत का खूबसूरत समा बांध दिया, अनिरुद्ध नेताजी के कान में फूस फूसाया, बिस्तर में आलाप कब छेडेगी, सबर रखो पत्रकार बाबु थोड़ा नेताजी हंसते हुए बोले. श्रेया के महीन कुर्ते से कड़क निप्पलस साफ़ दिख रहे थे, कई लोग संगीत का आनंद ले रहे थे और कई उसके हिलते हुए छोटे छोटे निम्बुओ का. दोनों की खुसफुसाहट अभी चालू थी, कोई बड़ी डील थी जो अनिरुद्ध करवाने में नेताजी की हेल्प कर रहा था.

प्रोग्राम के बाद नेताजी अनिरुद्ध और कुछ बड़े इंडस्ट्रीयलीस्ट मीटिंग्स में थे, श्रेया को गाड़ी में इंतजार करने को बोला गया था सो वो वहां बैठे बैठे उनके आने का वेट कर रही थी. गाड़ी के कांच पर नोक हुई देखा तो वीरेंद्र अंकल थे, श्रेया ने दरवाजा खोल दिया, अंकल अंदर आ कर बैठ गए, श्रेया के गाल को सहलाते हुए बोले ज्यादा जोर से तो नहीं मारा ना, श्रेया ने आखें झुकाते हुए नहीं में सर हिलाया. क्यु बात नहीं मानती, सर की, और वो श्रेया के बालो पर हाथ फेरने लगा. थोड़ा कम्फरटेबल होते हुए वीरेंद्र के हाथ श्रेया के निम्बुओ पर आ गए, और धीरे धीरे वो उन्हें मसलने लगा, श्रेया डरी सहमी सी थी पर उसे थोड़ा थोड़ा मज़ा भी आ रहा था, लंड चूसेंगी, वीरेंद्र ने बड़े प्यार से पूछा और जवाब का इंतजार किए बिना अपना लंड श्रेया के खूबसूरत हाथो में दे दिया, गाड़ी में चूसने की आवाज गूंजने लगी, श्रेया ने जो भी पोर्न मूवीज में देखा था बिल्कुल उसी अंदाज में वीरेंद्र अंकल का लंड चूसने लगी, अंकल के हाथ उसके छोटे छोटे निम्बुओ को मस्ती के साथ निचोड़ रहे थे, थोड़ी देर में अंकल ने रस श्रेया के मुँह में छोड़ दिया, नहीं नहीं थुकते नहीं, यह तो प्रोटीन है और तुम्हारे गले के लिए अच्छा है, पी जाओ.

कुछ देर में नेताजी का फोन आया और वीरेंद्र ने गाड़ी स्टार्ट कर ऑफिस के सामने आया, अनिरुद्ध रॉय नेताजी के साथ था, और वो भी अंदर आ के बैठ गया, श्रेया दोनों के बीच में थी, नेताजी मूड में थे, अनिरुद्ध को थैंक्स बोल रहे थे, बहुत अच्छा गाई आज तुम श्रेया बेटी, अनिरुद्ध ने श्रेया के बालो में हाथ फेरते बोला, गायेगी ही ना अच्छा, आज टानिक जो पिया था, और जोर से हंस दिए, वीरेंद्र भी साथ में हंसता हुआ बोला डबल टानिक पिया है आज तो बिटिया ने, तो फिर आज तो अनिरुद्ध अंकल का लवडा भी चूस लो, नेताजी ने श्रेया के कुर्ते में हाथ डालते हुए दोनों बूब्स को बड़ी बेदर्दी से रगड़ने लगे, अनिरुद्ध ने अपना तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया. राजधानी की सड़कों पर उस रात नेताजी की गाड़ी बड़ी देर तक घूमती रही, तीनों ने बारी बारी से मशहूर शास्त्रीय संगीत गायिका श्रेया ठाकुर से मुख मैथुन किया और नींबुओ की तो बात मत पूछो, अगले कई दिन तक निप्पल ऐसे सुजे हुए रहे कि जरा सा भी टच करने पर सुर और आलाप सब निकलने लगते थे.
 
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Chapter 7: उद्घघाटन की योजना

कार में पड़े जोरदार झापड़, अनापेक्षित लंड चूसाई और चलती कार में मुख मैथुन और स्तन मर्दन ने श्रेया को अपनी औकात का अनुभव करा दिया था, पर किसी एक कोने में उसे यह सब अच्छा लगने लगा था. एक 19 वर्षीया जवानी में आप अगर मादकता भरोंगे तो जवानी का खिल जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया होगी. नेताजी एक बहुत पहुंचे हुए कामुक इंसान थे और उनका अपना एक टैस्ट था, अपनी फैटीशेज थी, समान्य चुदाई तो वो किसी भी ऐरी गेरी रंडी के साथ भी कर सकते थे पर एक ख्यातनाम कच्ची कली का, वो भी एक शालीन और सुमधुर संस्कारी संगीतज्ञ का धीरे धीरे रसपान करना अपने आप में एक ठरकपन की मिसाल थी.

श्रेया की चुत अभी तक कुंवारी थी, और जब से एक्सीडेंटल टचेज वाली दीवार ढह चुकी थी, तब से दिन में संगीत के माइक से रियाज होता था और रात में नेताजी के माइक से, लगभग रोजाना नेताजी श्रेया को नंगा कर के अपनी गोदी में बिठाते और हर जोनर की पोर्न फ़िल्में देखते और फिर होता था डीप थ्रोटींग मतलब मुँह चूदाई, मौका मिलने पर वीरेन्द्र अंकल भी हाथ साफ कर लेते थे, पर ना जाने क्यु अभी तक श्रेया की चुत नेताजी ने कुंवारी छोड़ रखी थी, लंड चूस चूस कर श्रेया के गाल बिल्कुल किसी मोडल की तरह गड्ढेदार हो गए थे, नेताजी को न जाने क्यु श्रेया के निप्पलस से बहुत प्यार था और कभी उनकी सूजन कम नहीं होने देते थे, बिल्कुल सिगरेट के बट के जैसी बड़ी बड़ी निप्पलस जब ब्रा लैस महीन कुर्ते में से उभरती थी, श्रेया, शास्त्रीय संगीत की गायिका कम, मादक जाम का प्याला ज्यादा लगती थी.

अंकल आप समझो मेरी प्रॉब्लम, कॉलेज चुनाव आप मुझे जीता दोगे अपनी ताकत के बल पर किन्तु मुझे केम्पेइनींग करनी पड़ेगी, कई लोगों से मिलना होगा, यह बिना ब्रा वाला फरमान अब तो खत्म कर दो, श्रेया लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोली, वीरेंद्र अंकल आप ही कुछ समझाइए अपने नेताजी को, श्रेया ने हिम्मत करते हुए बोला. वीरेंद्र ने हसते हुए श्रेया को इशारों में ड्रिंक बनाने को बोला और नेताजी को लेकर बाहर गार्डन में आ गया. प्लान क्या है? मुझे कुछ बताओगे भी, वीरेंद्र लगभग झल्लाहट में बोला. वीरू, लल्लन यादव बहुत पंख फैला रहा है, 3-4 साल में विधानसभा चुनाव आ जाएंगे, एक दमदार प्यादा तैयार करना है, अभी कॉलेज राजनीति में खेलेगी तो 3-4 साल में टिकिट मिलने पर कोई शक़ नहीं करेगा, और लल्लन के खिलाफ इससे बड़ा पटाखा और कोई नहीं हो सकता, क्या बोलता है? नेताजी ने वीरेंद्र के कंधे पर हाथ मारते हुए बोला. श्रेया दो पेग एक प्लेट में ले कर आई.

अंकल मेरे संगीत के कैरियर का क्या फिर, श्रेय हिचकिचाते हुए बोली. उसको तेरी चुत में डाल कर तेरी गांड से निकालेंगे नेताजी ने गुर्राते हुए बोला, भोसडे का कैरीयर बनाएंगे तेरा, मस्त वाला. भेण की लोडी अभी तो कुछ प्लान कर रहे है और बीच में टांग अड़ा रही है, नेताजी का पारा गरम होने लगा था. वीरेंद्र ने आंख से इशारा कर के श्रेया को चुप रहने को बोला और उसे अंदर भेज दिया. नेताजी प्लान बिल्कुल परफेक्ट है पर उसके लिए अब इस कली को पहले फूल बनाओ, ना तो खुद कुछ करते हो ना भेनचोद हमारे लंड पर उछालने देते हो, नेतागिरी के लिए भरापूरा भोसडा होना चाहिए, वीरेन्द्र हंसते हुए बोला. बहुत जल्द वीरेंद्र, मेरे जन्मदिन पर इसका उद्घघाटन कर देते है फिर तुम सब लोगों के लिए भी द्वार खोल देते है, अनिरुद्ध, जज भूषण, कुलपति माथुर सब लारे टपकाए बैठे है, नेताजी हंसते हुए बोले. सब मिलकर इसके कैरियर का भोसडा बनाएंगे और यह रांड अपने भोसडे से कैरियर बनाएगी, "अंकल मेरे संगीत के कैरियर का क्या", नेताजी श्रेया की आवाज बनाते हुए बोले, मान गए नेताजी इसे कहते है असली वाला वुमन एम्पोवरमेन्ट, वीरेंद्र चुटकी लेते हुए बोला और दोनों शातिर खिलाड़ी जोर जोर से हंसने लगे
 
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Chapter 8: विदेश यात्रा

विदेश यात्रा, लोग कुंडलियों में योग ढूंढते है विदेश यात्रा का, एक सपना होती है आम भारतीय के लिए विदेश यात्रा, सत्ता के गलियारों में जबरदस्त तैयारीया चल रही थी, राज्य के हथकरघा उद्योग को बढावा देने के लिए अमेरिका में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था, वित्त और वाणिज्य विभाग पूरे जोर शोर से तैयारीयो में जुटा था, उच्च स्तरीय मीटिंग में वीरेंद्र बोल पड़ा, क्यू नहीं उद्घघाटन में कुछ भारतीय शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम रखा जाए, उसने नेताजी की तरफ देखते हुए उद्घघाटन शब्द पर जोर दिया, सबने उसकी बात का समर्थन किया, आखिर शास्त्रीय संगीत से बढ़कर भारतीय संस्कृति को कौनसी चीज बढावा दे सकती है

नौकरशाही अपना काम करती है राजनेता अपना, छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद, श्रेया का पहनावा बदल चुका था, क्रिस्प कॉटन की साडीयो में छरहरा बदन खिल खिल जाता था, नेताजी का अदृश्य हाथ दिनभर उस पर रहता था और रात में वही हाथ उसे रगडता था, दीवारे टूट चुकी थी और साथ ही श्रेया की शर्म और झिझक, न्यूयॉर्क से मिलों दूर एक शानदार से रिज़ॉर्ट में श्रेया बिकीनी पहने स्विमिंग पूल में अठखेलियाँ कर रही थी, नेताजी का मन अभी भी नहीं भरा था उसके नींबुओ से पर अब आगे बढ़ने का समय आ गया था. अंकल धीरे कीजिएगा आपका बहुत बड़ा है, श्रेया थोड़ा घबराते हुए बोली, नेताजी का काला मोटा लंड, श्रेया की मुलायम कुंवारी चुत को धीरे धीरे रगड रहा था, नेताजी श्रेया के निप्पलस को बेतहाशा चूस रहे थे, उस रात श्रेया को नेताजी ने शास्त्रीय संगीत के तबले की तरह खूब बजाया, कोई सुर ताल बाकी नहीं छोड़ा. तीन रातों तक नेताजी ने कमसिन श्रेया को भरपूर भोगा.

अरे वीरेंद्र तीन साल है अभी चुनावों को तब तक तुम लोग चौद चौद कर भरापूरा माल बना दोगे मुझे पूरा यकीन है, नेताजी फोन पर बात कर रहे थे और श्रेया उनके आगे घुटनों के बल बैठी उनका लंड चूस रही थी, बस कल तक इंतजार कर ले ठरकी, नेताजी हंसते हुए बोले, और श्रेया के बालो को सहलाने लगे, नेताजी ने देखा पीछे से श्रेया की गांड बहुत सेक्सी दिख रही थी, नेताजी को कुछ सूझा और उन्होंने फोन काट कर श्रेया को बोला चल बिस्तर पर घोड़ी बन जा, नेताजी के सामने श्रेया की छोटी गांड फैली हुई थी, गुलाब सी छोटी सी कली जैसे मुस्करा रही थी, नेताजी ने अपनी जीभ हल्के से लगाई श्रेया के गांड के छेद पर, श्रेया सिसक पडी, पहली बार किसी नें उसके इस स्पॉट को जीभ से छुआ था, नेताजी ने आगे हाथ बढ़ाते हुए श्रेया के निम्बुओ को थाम लिया और श्रेया की गांड पर जैसे टूट पड़े, प्लीज़ अंकल यहा नहीं, अंकल प्लीज़ गांड मत मारीएगा, गिड़गिड़ाते हुए श्रेया बोली, पर नेताजी जानते थे, माल को पूरा खिलाने के लिए, हर छेद बराबर चुदना चाहिए.

एयरपोर्ट पर पत्रकारों की भीड़ लगी हुई थी, अच्छा हुआ कार्यक्रम या बुरा हुआ, जनता को सिर्फ वही दिखाया जाता है जो नेताजी और अनिरुद्ध तय करते है, "अनिरुद्ध अंकल एक इंटरव्यू लेंगे तुम्हारा, फिर बंगले पर छोड़ देंगे, उनकी गाड़ी में चली जाना", नेताजी का टेक्स्ट मेसेज था श्रेया के मोबाइल पर. नेताजी एयरपोर्ट पर कार्यक्रम की सफ़लता के न्यूज बाइटस दे रहे थे, श्रेया के लिए कार का दरवाजा खोलते हुए अनिरुद्ध उसके कान में फूस फूसाया, बेटा पेंटी पहने हो क्या?, जी? श्रेया एकदम चौंक पडी, अनिरुद्ध हंसते हुए बोला, उतार के रखो मैं नेताजी को सी ऑफ कर के आता हूं. बड़ी सी ईनोवा, मीडिया की छतरी लगी हुई, पीछे से बिल्कुल खाली थी, श्रेया असमंजस में थी पर नेताजी का टेक्स्ट वो समझ चुकी थी, अनिरुद्ध अंकल ड्राइवर को कुछ बोलते हुए अंदर आ गए, श्रेया के हाथ से पेंटी लेते हुए उसे अपनी नाक से लगा लिया, बेटी कितना इंतजार कराया अंकल को, अनिरुद्ध उसके नींबु टटोलने लगा. श्रेया सिसक पडी, हम्म लगता है नेताजी ने बराबर का रगडा है, चिंता ना कर मैं प्यार से रगडुंगा, अनिरुद्ध, श्रेया को अपनी और खिंचते हुए बोला
 
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कश्मकश

बात फेन्टेसी की होती तो इसको में कई मोड़ दे कर कहीं पर खत्म कर देता, पर संयोगवश यह स्टोरी मैंने किसी से प्रेरित हो कर शुरू की थी, एक ऐसा झटका जिसने मुझे विचलित कर दिया. ज़ी हाँ, इस कहानी की नायिका फ़िलहाल एक राजनैतिक पार्टी की किसी बहुत ही छोटे मोटे पद पर कहीं स्ट्रगल कर रही है, छोटी उम्र में कहीं किसी भाषण प्रतियोगिता में कुछ जीता या जिताया गया, वहां से सफर शुरू हुआ, अधेड़ उम्र के नेता ने धीरे धीरे राजनैतिक स्वप्न दिखाते हुए नायिका का शारीरिक शोषण शुरू किया, फिर शुरू हुआ, अलग अलग बड़े नेताओ के साथ फोटो खिंचवाने का शौक, और उनमे से कुछ नेता नायिका को कहीं प्रमोट करते और हाथ साफ कर जाते. नियमित रूप से अलग अलग नेता, छुटभैये से नेता, नायिका को चोदते है, रगड़ रगड़ कर कम उम्र में जवान कर दिया है, और सबसे बड़ी बात है, यह सब सहमती से होता है बस आगे बढ़ने की चाह में.
 
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चैप्टर 9: जापानीज रगड़ाई भाग-1

अनिरुद्ध अंकल ने कार में बैठते ही श्रेया को जैसे दबोच लिया, उसके छोटे पतले होंठों को बेतहाशा चूसने लगे, और हाथ बिटिया के निप्पलस को बेरहमी से मसल रहे थे, "जीभ निकाल" अनिरुद्ध साँस लेने के लिए रुकते हुए बोले, जी अंकल, पर अंकल निप्पलस थोड़ा धीरे रगड़ीये बहुत दर्द कर रहे है, श्रेया ने अपनी रसीली जीभ बाहर निकालते हुए बोला, अनिरुद्ध उसे चूसने लगा, तभी फोन की रिंग टोन बज पडी.

नेताजी का फोन था, अनिरुद्ध ने श्रेया को गाड़ी में अपने पैरों के बीच बिठा दिया, और फोन पर लग गया, श्रेया चुपचाप अंकल के पेंट की जीप खोल कर उनका लवड़ा चूसने लगी, अरे सर मेरी तरफ से कोई कमी नहीं रहेगी, मैंने पहले ही सारी बाते कर रखी है, बस एक आखिरी धक्का और तोलानी जरूर साइन कर लेगा, अनिरुद्ध फोन पर नेताजी को बोल रहा था और दूसरा हाथ श्रेया के बालो में फ़ेर रहा था, लो बात कर लो, नेताजी है, अनिरुद्ध ने फोन श्रेया की तरफ बढ़ाया.

जी अंकल, जी मैं कर लूँगी, पर अंकल चार लोग, आप ये क्या कह रहे है, श्रेया थोड़ा ठिठक ठिठक कर बोल रही थी, अरे बेटा यह डील बहुत जरूरी है, अगर तोलानी अगला पेट्रोकेमिकल प्लांट अपने क्षेत्र में लगाएगा तो अगले पांच साल देखने की जरूरत नहीं, और तू चिंता ना कर वो एक अलग टाइप का ठरकी है, नहीं चोदेगा तुझे सिर्फ जापानीज मालिश का शौकीन है, तू हवा में तैरने लगेगी, चल अब अनिरुद्ध को फोन दे, नेताजी ने बात काटते हुए बोला.

अनिरुद्ध, उसके बोर्ड के दो और लोग है, पेपर्स उसके पास है, मस्त पार्टी करो, और सुबह खुश खबरी दो मुझे, श्रेया का अच्छे से रियाज करवा देना, अनिरुद्ध मुस्करा उठा. ड्राइवर, गाड़ी होलीडे ईन ले लो, अर्जेंट मीटिंग है. अंकल ये जापानीज मालिश क्या होती है, श्रेया कुछ सकुचाते हुए बोली, अरे कुछ नहीं बस तुझे तब तक प्यार से रगडेंगे जब तक तू खुद ना बोले कि प्लीज मुझे चौदो, अनिरुद्ध श्रेया के नींबुओ को निचोड़ते हुए बोला.
 
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चैप्टर 9: जापानीज रगड़ाई भाग-2

कमसिन संस्कारी शास्त्रीय संगीत की गायिका बमुश्किल 19 सावन पार किए हुई, और 45+ के चार ठरकी कामुक मर्द, श्रेया वैसे ही सहमी हुई थी पर जैसे जैसे रात चढ रही थी उसे इस जापानीज रगडाई का नशा चढ रहा था दो जने बहुत ही शांति से उसके दोनों कानो में अपनी जीभ फिरा रहे थे, उनके हाथो में छोटे अंडाकार वाइब्रेटरस थे जिसे वो श्रेया के निप्पलस पर घुमा रहे थे, एक अजीब सी सिहरन श्रेया के कोमल बदन में रह रह कर दौड़ रही थी, तौलानी अंकल और वीरेंद्र अंकल उसके दोनों पावों की उँगलियों को चूस रहे थे, श्रेया सातवे आसमान पर थी, अभी तो बदन से एक भी कपड़ा नहीं उतरा था.

हल्की हल्की सिसकियाँ अब मादक होती जा रही थी, दोनों कान अब दोनों अंकल के मुँह के रस से तर हो गए थे, श्रेया अब ऊपर से पूरी नग्न थी, छोटे छोटे नींबुओ पर वाइब्रेटरस अब टेप से चिपका दिए थे, तौलानी और अनिरुद्ध अब तलवों पर टूट पडे थे और पागलों की तरह उन्हें चूस रहे थे, श्रेया के बदन पर बस एक छोटी सी पेन्टी थी जो अब पूरी तरह से गिली हो चुकी थी, ऊपर वाले दोनों अंकल ने अब अपने लंड से उसकी आर्म पीट्स को रगड़ना शुरू कर दिया था, श्रेया के लिए यह सब कुछ नया और बहुत ही उत्तेजित करने वाला था. तौलानी अंकल ने अब एक बहुत ही ठंडे एहसास वाली जेल ट्यूब निकाली और बहुत सारी जेल श्रेया के बदन पर लगाई, अब चार जोड़ी हाथ कमसिन कली को सहला रहे थे, जापानीज जेल उत्तेजना बढ़ाने वाली थी, श्रेया अनोखे एहसास से कांप रही थी. दो लंड उसकी दोनों आर्म पिट्स को रगड़ रहे थे तो दूसरे दो लंड उसके नन्हें तलवों को रगड़ रहे थे, बहुत सारी और जेल लगने के बाद उसका शरीर चमक रहा था, तोलानी अंकल ने अब उसे घोड़ी बना लिया और उसकी गांड की गुलाबी कली को चूसने लगे, श्रेया की चुत अब ना जाने कितने क्लाइमैक्स झेल चुकी थी और रस अनवरत बहे जा रहा था, अंकल प्लीज़ चोदो मुझे, प्लीज मुझे अपनी चुत में लोडा चाहिए, अनिरुद्ध मुस्करा उठा.

फिर चारो ने उस रात मशहूर गायिका श्रेया ठाकुर को बड़ी तन्मयता से बजाया, चार चार माईक से गायिका ने रियाज किया, खूब तबला बजा, और निप्पलस ऐसे सुजाए गये कि छूने भर से सितार बज उठता था. सुबह श्रेया को अपने खड़े लंड पर बिठा कर प्लांटस के पेपर तौलानी साइन किए, अनिरुद्ध अपनी जीत और आनेवाले चुनाव में पक्के टिकट पर मुस्करा रहा था.
 

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