मैं बर्तन मांझने के लिए तैयार हूँ
विक्रम को तलाश थी एक सेकंड हैण्ड बाइक की. एक दिन उसे ऐसी बाइक मिली जिसकी कंडीशन नई से भी अच्छी थी. उसने उसे खरीदते समय उसके मालिक से पुछा कि ये इतनी नई कैसे लगती है तो उसने बताया कि वैसलीन की डब्बी हमेशा अपने पास रखो और जैसे ही बारिश शुरू हो इसकी क्रोम पर वैसलीन लगा दो हमेश नई जैसी ही रहेगी.
एक दिन विक्रम अपनी बाइक पर अपनी गर्ल फ्रेंड को घुमाने ले गया तो उसने उसे अपने घर खाने पर आने का न्योता दिया. जैसे ही वो दोनों खाने के लिए उस लड़की के घर जाने लगे तभी उसकी गर्ल फ्रेंड ने एक अजीब बात बताई.
वो बोली " हमारे घर में खाना खाने के टाइम पर जो भी कुछ भी बोलेगा उसे घर के सारे बर्तन मांझने पड़ते हैं. इसलिए खाना खाते समय कुछ भी मत बोलना".
वो दोनों उसके घर पहुँचते हैं तो विक्रम ये देख कर हैरान रह गया कि उसकी गर्ल फ्रेंड के घर के हर कोने में झूठे बर्तनों का ढेर लगा हुआ है. सभी लोग खाना खाने बैठते है और सब चुपचाप खाना खा रहे हैं, कोई कुछ नहीं बोल रहा है.
विक्रम ने ऐसे मौके का फायदा उठाते हुए अपनी गर्ल फ्रेंड को किस किया, उसके कपडे उतरने शुरू किये फिर वो दोनों खाना भूल कर सेक्स में लग गए. वो दोनों जमीं पर ही सेक्स करने लगे पर कोई कुछ नहीं बोला.
उसकी गर्ल फ्रेंड की मां, उसका भाई, उसका बाप, उसकी बहन सब ये तमाशा देख रहे थे पर बर्तन मांझने के डर से सभी चुप थे.
गर्लफ्रेंड को अच्छी तरह चोदने के बाद विक्रम ने उसकी बहन को भी चोदना शुरू कर दिया पर सब चुप ही रहे.
बहन के बाद उसकी मां को भी चोदना शुरू कर दिया पर कोई कुछ नहीं बोला.
जब विक्रम उसकी मां को चोद कर चुका ही था तभी जोर से बारिश होने लगी और उसे अपनी बाइक की फिक्र होने लगी.
उसने तेजी से जेब में हाथ डाला और वैसलीन की डब्बी जेब से निकाली ही थी कि लड़की का बाप बोला " नहीं नहीं मैं बर्तन मांझने के लिए तैयार हूँ।"