दोस्तों मेरा नाम राखी है और मेरी बहन जो कि मेरे से बड़े हैं उसका नाम राधिका आज मैं आपको अपने सेक्स कहानी लिखने जा रही हु। यह कहानी मेरे सौतेले पापा की है और वह मेरी बड़ी दीदी जो है राधिका दीदी उसकी रोजाना चुदाई करते हैं और मैं वीडियो बनाती हूं। मम्मी भी पिछले साल कोरोना में नहीं रही इस वजह से यह सब कुछ हो रहा है तो आज मैं पूरी कहानी आपको बताने वाली हूं ताकि आपको पता चले यह दुनिया में क्या-क्या होता है।
आपको मेरी कहानी सुनकर दुख होगा 2 साल पहले ही मेरी मम्मी शादी की है मेरे जो पहले वाले पापा थे वह मेरी मम्मी को और हम दोनों को छोड़ दिए थे और यह मेरे दूसरे पापा थे जहां हम तीनों खुशी-खुशी रह रहे थे पहले कोई बात नहीं थी मेरे पापा मम्मी को बहुत प्यार करते थे और हम दोनों को भी बेटी की तरह मानते थे। कोरोना बीमारी ने मेरी मां को निगल लिया दोस्तों उसके बाद से ही सब कुछ बदल गया हालात बदल गए पापा बदल गए बहन बदल गई मैं खुद बदल गई।
मम्मी की मृत्यु के बाद मैं दीदी और मेरे सौतेले पापा तीनों नोएडा के फ्लैट में रहते हैं। मेरे पापा मम्मी से 8 साल छोटे हैं मम्मी को प्यार हो गया और फिर शादी हो गई। बदलते देर नहीं लगी फिर मैं दीदी और पापा एक साथ रहने लगे। 1 दिन की बात है पापा बोले जब सब कुछ बदल गया है अब इस रिश्ते का क्या नाम दूं अब तुम दोनों जो मेरे साथ रह रहे हो अगर मैं तुम दोनों को बेटी मान कर रख लूं तो आगे मेरी शादी भी नहीं होगी और कोई शादी मेरे से करेगी भी नहीं और जिंदगी बहुत बड़ी होती है इसके लिए हमें कुछ सोचना पड़ेगा इसलिए तुम दोनों इंतजाम कर लो। पर दोस्तों इंतजाम करना इतना आसान नहीं होता है।
पर हम लोग कहां जाते हैं इस हालात में नहीं थे कि हम लोग बाहर जाकर रह सके अपने से फ्लैट किराया पर ले सके या कोई मकान किराए पर ले सके हम दोनों बहनों को साथ ही रहने में भलाई थी आजकल अकेली लड़कियों को बाहर रहने में जिसका बाप मान ना हो उसके लिए बहुत दिक्कत हो जाता है / दोस्तों इसलिए हम दोनों बहनों ने ही डिसाइड किया कि जो भी हो आगे देखा जाएगा हम लोग इस आदमी को पटाते हैं और साथ रहते हैं। औरत के पास लड़के के पास एक जो बड़ी हथियार होती है वह हुस्न के हथियार होती है यह मेरी दीदी ने मुझे समझाया और मुझे भी लगा कि वह सही ही बोल रही है।
धीरे धीरे पापा का व्यवहार भी बदल गया वह हम दोनों को बेटी कम और गर्लफ्रेंड ज्यादा मानने लगे। इसमें हम दोनों को भी कोई नुकसान नहीं था हम दोनों ने पहले ही डिसाइड कर लिया था कि अब हम लोग को यही करना। धीरे-धीरे हम दोनों पापा के साथ बैठकर शराब भी पीने लगे धीरे धीरे हम दोनों के ऊपर वह हाथ फेरना शुरू कर दिए हमारे जांघों पर हमारे कंधे पर हाथ रखने लगे हमारे पेट को सहलाने लगे। 1 दिन पापा ने दीदी को कहीं दिया राधिका तुम चाहो तो मेरे से शादी कर लो फिर हम लोग खुशी खुशी रहेंगे।
पर मेरी राधिका दीदी इसके लिए तैयार नहीं हुई राधिका दीदी बोल दी कि शादी तो नहीं करूंगी पर हां एक जो पत्नी करते हैं एक पति अपनी पत्नी के साथ जो करता है उसके लिए मैं तैयार हूं आप चाहे तो मुझे जैसे मर्जी इस्तेमाल कर सकते हैं मैं आपकी बीवी की तरह रहूंगी पर मैं शादी नहीं करूंगी मुझे आगे का भविष्य देखना है आने वाले वर्षों में मैं अलग हो जाऊंगी और शायद यही आपके लिए भी अच्छा रहेगा और हम दोनों के लिए अच्छा रहेगा। क्योंकि आपने ही बोला है कि जिंदगी आसान नहीं होती है तो हम लोगों को भी लगता है हम दोनों बहनों को भी लगता है कितना आसान नहीं है इसलिए हम लोग अभी तो कंप्रोमाइज कर लेते हैं पर आगे जाकर हम लोग अलग अलग हो जाएंगे ताकि कोई दिक्कत नहीं हो।
पापा बोले ठीक है कोई दिक्कत नहीं है तुम दोनों जैसा चाहो वैसा मैं करने के लिए तैयार हूं शादी भी लोग इसलिए करते हैं ताकि कोई साथ रहने वाली आ जाए और जो सेक्स संबंध होता है जो वासना की आग होती है उसके लिए बाहर मुँह न मारना पड़े। और फिर यहीं से शुरू हो गई है अपनी अलग दुनिया की अलग कहानी।