अपडेट 3
रेखा को यकीन नहीं आ रहा था की उसके ससुर के लंड से निकलता हुआ वीर्य उसके हाथों और कपड़ों को गन्दा कर चूका था, अनिल के लंड से जब वीर्य की पिचकारियां निकलना बंद हुयी तो उसने अपनी आँखें खोली । ऑंखें खोलते ही अनिल के पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी ।
अनिल ने जल्दी में अपने बाथरूम का दरवाज़ा बंद न करने की जो गलती की थी उसका नुकसान तो हो चूका था।" बाबूजी आपको शर्म नहीं आती इस उम्र में भी यह काम करते हो और अपने बाथरूम का दरवाज़ा भी बंद नहीं करते" अनिल कुछ कहता इससे पहले रेखा ने गुस्से से उसे डाँटते हुए कहा और वहां से जाते हुए अपने कमरे में आ गयी।
रेखा ने अपने कमरे में पुहंच कर दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया, रेखा का प्लान सफल हो चूका था । वह अपने बेड पर बैठते हुए अपने ससुर के वीर्य से भरे हुए हाथ को देखने लगी ।
रेखा ने अपने हाथ को देखते हुए ऊपर उठाया और उसे अपने नाक के पास ले जाकर सूँघने लगी, अपने हाथ को सूँघते हुए रेखा की आँखें बंद होने लगी ।
रेखा ने अपनी जीभ निकाली और अपने हाथ पर लगे हुए अपने ससुर के वीर्य को चाटने लगी, रेखा ने अपनी जीभ से अपने दोनों हाथों को चाट कर साफ़ कर दिया ।और वह कपडे उतारकर दूसरे पहन लिए । रेखा कपडे बदलकर जैसे ही बाहर निकली उसका ससुर बाहर बैठा था ।
रेखा को देखते ही उसका ससुर कुर्सी से उठते हुए उसके क़रीब आ गया, रेखा के दिल की धडकनें अपने ससुर को अपनी तरफ आते हुए देखकर तेज़ चलने लगी । रेखा इससे पहले कुछ समझ पाती उसका ससुर रेखा के पैरों में गिर गया।
"बहु मुझे माफ़ कर दो में बहक गया था, तुमने अगर इस बारे में किसी को बताया तो मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहुँगा" ।अनिल रेखा के पैरों को पकडकर गिडगिडा रहा था ।
रेखा को मन ही मन में हंसी आ रही थी, उसने नीचे झुकते हुए अपने ससुर के हाथों को अपने पैरों से हटाते हुए उसे ऊपर उठाने लगी ।अनिल ने जैसे ही अपना मूह ऊपर किया उसको रेखा की बड़ी बड़ी चुचियां ठीक अपने मूह के सामने नज़र आने लगी ।
अनिल ने फ़ौरन अपनी नज़रें वहां से हटा ली और उठकर सीधा खडा हो गया, रेखा ने अपने ससुर के सीधा होते ही उससे कहा "आप हमारे पाँव पकड़कर हमें पापी क्यों बना रहे हो ?" ।अनिल ने अपना सर झुकाते हुए कहा "बहु हम तुम्हारे गुनहगार हैं" ।
रेखा ने मुस्कुराते हुए कहा "बाबू जी इस में आप का कोई दोष नहीं है", अनिल ने हैंरान होते हुए कहा।
"मगर बहु हम गन्दा काम कर रहे थे "बाबू जी आप की बीवी को गुज़रे हुए १० साल हो चुके है, आपकी भी कुछ ज़रूरतें होंगी । हमें आपके बाथरूम की तरफ नहीं जाना चाहिए था"।
रेखा की बात सुनकर अनिल को कुछ सुकून महसूस हुआ, रेखा ने आगे बोलते हुए कहा "वैसे भी आपको गरम करने में मेरा ही क़सूर है" । अनिल अपनी बहु की ऐसी खुली हुयी बात को सुनकर हैरान रह गया ।
अनिल ने रेखा को देखते हुए कहा "नही बेटी तुम अपने ऊपर क्यों दोष डाल रही हो", रेखा ने अपनी साड़ी को ठीक करते हुए कहा "सही तो कह रही हूँ बाबजी, सारा दिन तो आप घर में ही रहते हो और मुझे ही देखते रहते हो" ।
आपको गरम करने में मेरा ही तो दोष हुया", अनिल अपनी बहु की बातें सुनकर फिर से गरम होने लगा । उसने रेखा से कहा "तुम बुहत अच्छी हो, मेरी इतनी बड़ी गलती को तुमने इतनी जल्दी माफ़ कर दिया" ।
रेखा ने अपने ससुर के सामने से अपनी गांड को मटकाते हुए सोफ़े की तरफ जाते हुए कहा "बापु जी मैंने कहा न आपकी गलती नहीं है, अब आप सुबह सुबह अपनी बहु के बड़े बड़े ताज़े आम देख लोगे तो गरम तो होंगे ही" ।।।। अनिल मन ही मन में सोचने लगा साली दिखने में बुहत सीधी है मगर लगता है बुहत बड़ी छिनाल है।
रेखा ने अपने ससुर को चुप देखकर कहा "बाबूजी एक बात पूछुं?", अनिल ने जल्दी से कहा "हा पूछो" । "आपको मैं केसी लगती हुँ?" रेखा ने सोफ़े पर बैठते हुए कहा ।
अनिल अपनी बहु का सवाल सुनकर हड़बड़ा गया और हकलाते हुए कहा "कैसी मतलब क्या, तुम बुहत ख़ूबसूरत हो तो हमें भी ख़ूबसूरत लगती हो" । रेखा ने अपने ससुर की बात सुनकर कहा "वो तो हमें भी पता है की हम ख़ूबसूरत हैं, मेरा मतलब है हमारा जिस्म कैसा लगता है"।
अनिल अपनी बहु के सीधे सवाल पर हैरान रह गया, उसने रेखा से कहा "बेटी तुम कैसी बातें कर रही हो, तुम मेरी बहु हो" । रेखा ने मुसकुराकर कहा "बाबूजी हमें पता है आप हमारे ससुर है, मगर क्या हम दोनों आपस में दोस्त नहीं बन सकते ?"
अनिल ने कहा "हा क्यों नही", रेखा ने खुश होते हुए कहा "जब हम आपस में दोस्त बन चुके हैं तो फिर एक दुसरे से क्या शरमाना, हम एक दुसरे से कोई भी बात नहीं छुपायेंगे । अब आप बताओ हमारा जिस्म आपको कैसा लगता है ?"
अनिल ने अपनी बहु की बात सुनकर कहा "बेटी सच में तुम्हारा जिस्म बहुत अच्छा है", रेखा अपने ने ससुर की बात सुनकर खुश होते हुए कहा " बाबूजी सच बताओ आप को मेरे जिस्म में सब से ज़्यादा क्या अच्छा लगता है?" । अनिल ने रेखा की चुचियों की तरफ देखते हुए कहा "बेटी तुम्हारे वह बड़े बड़े आम के फल हमें बुहत अच्छे लगते हैं" ।
रेखा ने हँसते हुए अपनी चूचियों को अपने हाथों से पकडते हुए कहा "इसलिए तो आप हमें झाडू लगाते हुए हमारे इन आम के फ़लों को देखकर गरम हो गये थे"।
अनिल ने कहा "हाँ तुम्हारे यह आम झाडू लगाते हुए आधे से ज़्यादा नंगे नज़र आ रहे थे।
"ह्म्मम इसीलिए आप इतने उतावले हो रहे थे की अपने बाथरूम का दरवाज़ा भी बंद नहीं किया" रेखा ने हँसते हुए कहा।
हम खाना बनाने जारहे हैं आप बताओ आज क्या खाओगे आज आपकी पसंद की डिश बनाते हैं ।
"बहु मुझे तो खीर बुहत पसंद है" अनिल ने अपनी बहु की चुचियों की तरफ देखते हुए कहा।
"बाबू जी पहले क्यों नहीं बताया आपने ।
अच्छा मैं अभी आपके लिए खीर बनाती हूँ", रेखा ने अपने चुचियों को हिलाते हुए कहा और किचन में जाकर अपने ससुर के लिए खीर बनाने लगी।