Adultery साइबर कैफे में सेक्स का मजा

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दोस्तो, मेरा नाम रोनित है. मैं राजकोट का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र तेईस साल है और मैं एक अच्छा खासा मर्द दिखता हूँ. मेरी त्वचा भी काफी गोरी है, जो किसी भी लड़की या भाभी को आकर्षित कर लेती है.

आपको मैं अपनी पहली मगर सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ. यह कहानी दिसम्बर 2003 की है.

मैं राजकोट में अपना एक साइबर कैफे चलाता हूँ, वहां पर काफ़ी सारी लड़कियों का आना जाना रहता है. मगर मैं एक बहुत शर्मीला टाइप का बंदा हूँ, इसलिए मेरी किसी भी लड़की से बात करने की हिम्मत ही नहीं होती थी.

मुझे याद है ये काफी साल की बात है. उस दिन शाम के साढ़े सात बजे होंगे, तब मैं अपने साइबर कैफे में अकेला था. उस वक्त एक सुंदर सी लड़की अन्दर आई. उसने अपना नाम कृपा बताया था.
मैंने उससे ओके कहा और इशारा किया कि किसी भी सिस्टम पर अपना काम कर ले.

वो मेरे सामने वाले कंप्यूटर पर आकर का बैठ गई थी. मैं उसे देख रहा था, वो बला की खूबसूरत माल लग रही थी. उसने शॉर्ट शर्ट और लो-वेस्ट जींस पहनी हुई थी. उसका बड़ा ही कातिलाना फिगर था. मैंने उसकी फिगर की नाप का अंदाजा 34-26-36 का लगाया था. उसके चूचे एकदम उभरे हुए थे.

कुछ मिनट बाद उसने मुझसे वो कम्प्यूटर ख़राब होने का बहाना बनाया. मैंने सोचा कि अभी तक तो सब सिस्टम सही थे, ये कैसे खराब हो गया है. मगर शायद उसने मुझे जानबूझ कर अपने पास बुलाया था. मैंने उसके करीब जाकर सिस्टम को चैक किया, तो वो बिल्कुल सही चल रहा था.

मैंने उससे कहा- क्या खराबी लग रही है. सिस्टम सही तो है?
इस पर उसने मुझसे कहा- मुझे कंप्यूटर चलाना ठीक से आता नहीं है. प्लीज़ आप मुझको थोड़ा सा सिखा दो.

अब इतनी हॉट लड़की देख कर मेरा भी मन डोल गया था.
मैंने कहा- ठीक है

जैसे ही मैं उसके बाजू में बैठा कि उसने पहले नीचे से अपने पैर को मेरे पैर पर रखा और धीरे धीरे उसको अपने पैर से सहलाने लगी. मैं तो एकदम से दंग रह गया. मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.

मैं चुप रहा और मैंने अपनी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई.

ये देख कर उसने धीरे धीरे करके मेरे लौड़े पर अपना हाथ रख दिया. उसका हाथ जैसे ही मेरे लंड पर आया तो मुझे एक अजीब सी सिहरन हुई और मैंने वहां से उठ कर जाने की कोशिश की.

उसने मुझे मना करते हुए मेरा हाथ खींच लिया और कहने लगी- मेहरबानी करके मुझे अकेला मत छोड़ो, मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो.
मैंने कहा- ये क्या बात हुई .. अभी तो हम दोनों पूरी तरह से एक दूसरे को जानते भी नहीं हैं … और तुम मेरे से ये सब कर रही हो.

इससे आगे मैं कुछ और बोलता कि उसने मुझे गाल पर किस कर दिया और अगले ही पल मेरे होंठों से होंठ लगा कर मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी.

बस फ़िर क्या था … मैं भी तो आख़िर मर्द ही था … मैंने भी उसे सहयोग करना शुरू कर दिया और उसे अच्छे से किस करने लगा.

अब वो मेरी जुबान को चूस रही थी और मैं उसकी. तभी मैंने अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया, तो उसने कुछ नहीं बोला … बल्कि उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर खुद की गांड पर लगा दिया.

वो मुँह हटा कर मुझे देख कर जोर जोर से बोलने लगी- ओह रौनी .. प्लीज़ जोर से दबाओ आह .. और मेरे बूब्स जोर जोर से दबाओ आह कितना मजा आ रहा है.

मगर मैं डर रहा था कि कहीं कैफे पर कोई और कस्टमर न आ जाए, सो मैंने उसे वहीं पर रोका और उससे कहा- हम कहीं अकेले में आराम से मिलके एन्जॉय करेंगे. अभी इधर कोई आ जाएगा, तो सब गड़बड़ हो जाएगी.

उसने अपने टॉप को ठीक करते हुए कहा- ठीक है. मैं इसी संडे को सुबह छह बजे तुम्हारे कैफे पर आउंगी.
मैंने कहा- इतनी सुबह क्यों भला!
उसने कहा- सर्दियों के दिन हैं … सुबह सुबह का मजा ही कुछ और आएगा. वैसे भी मैं घर से सुबह घूमने के लिए निकलती हूँ, सो घर पर सबको यही पता रहेगा. फिर छह बजे थोड़ा सा अंधेरा भी होता है.

चूंकि सर्दी का मौसम था तो उसकी बात सही थी. मैं उसकी तरफ देखने लगा.

उसने कहा कि तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना!
मैंने सोचा और अपने आपसे भी कहा कि ऐसा मौका फ़िर नहीं मिलेगा … साली खुद ही चुत चुदने मचल रही है. मैंने कहा- ठीक है मैं आ जाऊंगा.

फ़िर उसने मुस्कुराते हुए मुझे एक किस की और गांड मटकाते हुए मेरे कैफे से निकल गई.

दो दिन बाद संडे था. मैं सुबह सुबह जल्दी पांच बजे उठा और फ्रेश होकर एक चाय पी और बाइक उठा कर फुल स्पीड से कैफे आ पहुंचा.

मैंने कल रात को ही पूरी व्यवस्था कर दी थी. एक बार अन्दर जाकर फिर से सब ठीक किया. थोड़ा रूम फ्रेशनर भी स्प्रे कर दिया और उसके आने का इन्तजार करने लगा. मैं कैफे की शटर आधी उठा रखी थी ताकि उसे मेरे आ जाने का अहसास हो जाए.

तभी वो शटर उठा कर अन्दर आ गई और आते ही मुझसे लिपट गई.
मैंने कहा- एक मिनट शटर तो बंद कर लेने दो.

वो अलग हुई, तो मैंने शटर बंद कर दी और उसकी तरफ घूम गया. वो मुझे देख कर सीधे आकर मुझसे लिपट गई.
मैंने ध्यान से देखा वो जॉगिंग सूट में आई थी. उसके खुले हुए लंबे बाल उसकी खूबसूरत जवानी को और भी ज्यादा मदहोश कर देने वाली बना रहे थे.

हम दोनों ने करीब दस मिनट तक किस किया. चूमाचाटी के दौरान एक बार तो उसने मुझे काटा भी, मगर मैंने कुछ नहीं कहा. वो काफी गरम हो रही थी.

मैंने उसके टॉप की जिप खोली, तो उसने अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहनी थी.
जैसे ही मैंने उसके दूध दबाए, तो वो मादक सिस्कारियां भरने लगी- आह जोर से … और जोर से!

उसके चूचे काफी नर्म थे. मैंने उसका टॉप खोल दिया और उसकी ब्रा भी निकाल दी. उसकी चूचियां हवा में एकदम से फुदकने लगीं. मैंने उसका एक निप्पल मुँह में ले लिया.

बदले में उसने मेरी गांड पर जोर से दबाते और कहा- आह मेरे राजा और जोर से चूस ले इसको.

फ़िर मैं उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसता और चूमता हुआ उसके पेट तक आ गया. कुछ ही पलों के बाद मैंने उसके पैंट और पैंटी को भी उतार फैंका.

तभी उसने कहा- एक मिनट.

मैं रुका, तो उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और मुझे हर जगह पागलों की तरह चूमने लगी. अब चुदास बढ़ी … तो मैंने भी एक दो बार उसके निप्पल को काटा.

फिर वो नीचे बैठ कर तुंरत ही मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी. एक मस्त लौंडिया के मुँह में अपने लंड का अहसास पाते ही मैं अपने होश खो बैठा. ऐसा आनन्द आ रहा था मानो मैं किसी जन्नत की हूर से अपने लंड को चुसवा रहा हूँ.

मैंने आह भरते हुए कहा- आह जान अब और मत तड़पाओ … तुम अकेली अकेली मजा मत लो. मुझे भी मजा चाहिए.

वो तुंरत समझ गई और सोफे पर लेट गई. उसने मुझे अपने ऊपर उल्टा लेटा दिया. अब मेरे मुँह में उसकी चुत थी. मैं चुत पर टूट पड़ा. वो लंड को कुल्फी के जैसे चूसने लगी. उसे जो चाहिए था, उसे मिल गया और मुझे जो चाहिए था, मुझे मिल गया था. हम दोनों 69 में आकर मस्त मजा ले रहे थे.

सच में यार क्या मलाईदार चूत थी उसकी .. लगता था उसने अभी सुबह ही चुत की शेव की हो. उसकी चुत काफी गर्म भी थी और उसने चुत पर कोई मस्त स्वादिष्ट सा फ्लेवर भी लगाया हुआ था.

मैंने तुंरत ही अपनी जुबान नुकीली की और किसी पागल कुत्ते की तरह चुत चाटने लगा. मेरी जीभ उसकी चुत में अन्दर भी जाने लगी थी. वो भी काफी मजे से मेरा लौड़ा चूस रही थी.

कुछ मिनट बाद मेरा पानी निकल गया और उसने बड़े मजे से मेरे लंडरस को चाट लिया. उसने मेरे वीर्य को पूरा का पूरा खा लिया था. एक बूंद भी बेस्ट नहीं जाने दी थी.

फ़िर पांच मिनट के बाद उसने फ़िर से मेरे लौड़े को चूस कर गरम किया और बोली- अब मेहरबानी करके मुझे जल्दी से चोद दो … मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने कहा- ठीक है रानी.

उसकी टांगें चौड़ी करके मैंने अपने कंधे पर रख लीं और अपना लौड़ा अन्दर पेलने के लिए कोशिश की. मगर लंड चुत के अन्दर नहीं गया. उसे दर्द भी हो रहा था.

उसे दर्द से कराहते हुए देख कर मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- एक मिनट रुको.

उसने अपने मुँह से ढेर सारा थूक निकाल कर मेरे लौड़े पर लगाया और कुछ अपनी चूत पर भी लगा लिया. फिर अपने हाथों से अपनी चूत को चौड़ा करके बोली- अब आ जाओ मेरे राजा.
मैंने कहा- हां ये ले मेरी रानी.

ये कहते हुए मैंने अपने खड़े लंड को एक ही झटके में पूरा का पूरा अन्दर डाल दिया.
लंड लेते ही वो चिल्लाने लगी- उई मां … मर गई … मेरी फट गई.

मैंने कहा- चिल्लाओ मत … कोई आ जाएगा तो मुसीबत हो जाएगी.
वो अपनी चीख दबाते हुए बोली- दर्द बहुत हो रहा है रौनी … तुम एक काम करो तुम मेरे दर्द की परवाह किये बिना जल्दी से लंड को दो तीन बार अन्दर बाहर करो.

मैंने वैसे ही किया.
वो कराहते हुए अपने मुँह बंद किये हुए मेरे लंड के प्रहार झेलती रही.

कोई आठ दस धक्कों के बाद उसका दर्द जाता रहा. अब वो अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी. मैं भी उसके मम्मों को दबा रहा था, उसे किस कर रहा था.

थोड़ी देर के बाद वो बोली कि मुझे तुम्हारे ऊपर आना है.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं लंड खींच कर उठा और सोफे पर लेटने जा रहा था कि तभी उसे न जान क्या सूझा और वो मेरी गांड में उंगली डालने की कोशिश करने लगी.

मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.

वो हंसने लगी और बोली- चलो लेट जाओ, मुझे रायडिंग करने दो.
मैंने कहा- नहीं, पहले मुझे तुम्हारी गांड मारने देनी होगी.
वो बोली- आज नहीं … फ़िर कभी ले लेना.

वो मुझे धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गई और लंड पकड़ कर चुत में फंसा कर बैठती चली गई.

आह क्या गजब की बला थी वो .. मेरे ऊपर क्या मस्त माल लग रही थी. लंबे बाल और हिलते हुए चुचे मुझे काफी मदहोश किए जा रहे थे.

करीब दस मिनट के बाद मेरा पानी निकलने वाला था.

मैंने पूछा- क्या करूं?
उसने कहा- अन्दर नहीं निकालना. मुझे पीना है … तुम्हारा गाढ़ा पानी बहुत मस्त स्वाद देता है.
मैंने कहा- ठीक है.

वो उठ कर अलग हुई और उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया. अगले ही पल मेरा रस छूट गया और उसने लंड का सारा पानी पी लिया.

चुदाई के बाद हम दोनों ने करीब आधे घंटे तक एक दूसरे को चूमा सहलाया और अपने अपने कपड़े पहने.

मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरा, तो उसने वादा किया कि वो मुझे अपनी गांड मारने देगी.

मेरे प्यारे दोस्तो, अन्तर्वासना के लिए ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई भूल हुई हो, तो प्लीज़ नजरअंदाज कर देना. कमेंट्स करना न भूलें.
 

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