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अपडेट : 50
तृप्ति : एक मिनिट रूको पहले तुम दोनों की आरती कर लूं। शादी के बाद बहू पहली बार घर में आई है और तृप्ति आरती उतारती हैं। फिर अविनाश और दीप्ति घर में प्रवेश करते हैं। पूरी परंपरा के अनुसार दीप्ति का गृह प्रवेश कराया जाता है।
आज दीप्ति को घर में अलग ही लग रहा था। चेहरे सब पहचाने हुए थे लेकिन रिश्ते अब बदलने लगे थे। जीवन जो उसका पति था अब उसे जीवन पराया लगने लगा था। तृप्ति तो अब बहू की जगह उसकी दोस्त बन गई थी और बेटी उसकी सौतन बनने वाली थी।
अनुष्का : मम्मी आपने बहुत देर लगा दी थोडा समय पर निकल लेती देखों कितनी रात हो गई है।
दीप्ति : बेटा मैंने तो कहा था इनसे लेकिन ये बोले कि लेट नाइट में ही घर पहुंचेगे।
अविनाश : हां क्योंकि रात को घर आने से हमें आसपास के लोग नहीं देख पाएंगे और हमें किसी के सवालों का जवाब नहीं देना होगा। नहीं तो लोग पूछते कि दीप्ति अविनाश के साथ कहां से आ रही हैं। दीप्ति अब तुम सबकी नजर में मेरी बीबी है और मैं नहीं चाहता कोई उस पर सवा उठाए। क्योंकि बाहरवालों की नजर में जीवन की ही पत्नी है। अविनाश ने आज पहली बार जीवन को अंकल की जगह नाम से संबोधित किया था और किसी ने इस पर आपत्ति में नहीं जताई।
तृप्ति : हां ये बात सही हैं चलो अब सब लोग खाना खा लो तुम्हारे चक्कर में किसी ने खाना भी नहीं खाया है और तुरंत ही खाना टेबिल पर लगा दिया गया। सभी लोग टेबिल पर बैठने लगे और जीवन अपनी कुर्सी पर बैठने को बढ़ा तो तृप्ति ने उसे टोक दिया। और कहा पापा ये कुर्सी आप भी जानते हैं इस धर में जिसकी सबसे ज्यादा चलती है उसकी हैं पहले आप इस पर बैठते थे लेकिन अब आप ही फैसला करें कि घर में अब किसकी सबसे ज्यादा चलने वाली है। तृप्ति की बात सुनते हुए जीवन वो कुर्सी छोड देता है और दूसरी कुर्सी पर जाकर बैठक जाता है।
दीप्ति अविनाश से कहती है कि सुनिए आज से आप इस कुर्सी पर बैठेंगे और मैं अविनाश को लेकर जाती हूं और कुर्सी पर बैठा देती हूं। खाना पीने खाते खाते साढे बारह बज जाते हैं।
अविनाश : जान हमारा रूम कौन सा है हम लोग कहां सोएंगे।
दीप्ति : अब मैं क्या कहूं ये इंतजार तो तृप्ति ने किया होगा मैं तो आपके ही साथ थी।
अविनाश : अरे तृप्ति क्या इंतजाम है। और अविनाश तृप्ति के पास पहुंच जाता है।
तृप्ति : इंतजाम तो पूरे हैं जीवन का जो कमरा है वो अब आपका है कमरे में एक सोफा भी बिछा दिया है और जीवन अब उसी सोफे पर सोया करेगा।
अविनाश : और वो हमारी चुदाई में दिक्कत तो नहीं देगा।
तृप्ति : अरे तुम चिंता मत करो मैं उसे पूरी तरह से तैयार कर दिया है वो तुम्हारी और दीप्ति की चुदाई में मदद ही करेगा। तुम कहोंगे तो तुम्हारा लंड तैयार करेगा, दीप्ति की चूत भी चाट देगा वो भी तब जब तुम्हारा माल दीप्ति की चूत में हो। तुम्हें भरोसा नहीं हो रहा हो तो जीवन से ही पूछ हो और तृप्ति जीवन को आवाज देकर बुलाती है।
जीवन : हां बहू तुमने बुलाया।
तृप्ति : हां पिताजी, वो मैंने अविनाश को सबकुछ बता दिया है जो आपने मुझसे कहा था। आप अपने कमरे में ही सोएंगे लेकिन सोफे पर। और दीप्ति पर आपका उतना ही अधिकार होगा जितना अविनाश आपका उस समय देगा जब दीप्ति आपके सामने होंगी।
जीवन : हां मैं तुमसे वादा कर तो चुका हूं;
अविनाश : ठीक है जीवन जी वैसे भी अब दीप्ति अपकी नहीं मेरी पत्नी है और मेरी पत्नी को आप कब हाथ लगाएंगे ये मैं तय करूंगा।
जीवन : सिर झुकाकर हां
तृप्ति : और हां अविनाश मैंने अलमारी से जीवन के कपडे हटवा दिए हैं और उसमें दीप्ति के अलावा सिर्फ तुम्हारे कपडे हैं।
अविनाश : ठीक है जो कपडे मैंने दीप्ति को दिलवाए थे अब तो वो उन्हीं कपडों को अधिकतर पहनेगी।
तृप्ति : कोई बात नहीं वो कपडे दीप्ति खुद लगा लेगी। अब देर हो रही है आप लोग कमरे में चलिए और अविनाश दीप्ति के पास आता है और उसे बताता कि जीवन भी हमारे कमरे में ही सोएगा।
दीप्ति : क्या और आप तैयार भी हो गए।
अविनाश : अरे जान कहां सोएगा, घर में तीन कमरे में एक में हम हो जाएंगे एक अनुष्का का रूम हैं और एक तुम्हारे बेटे और मेरी रखैल का। ये बेचारा कहां जाएंगे।
दीप्ति: तो सिर्फ हमारा कमरा ही क्यो है ये कहते हुए दीप्ति का दिमाग खराब होने लगता है
अविनाश : दीप्ति के पास आता है और उसके कान में कुछ कहता है और कहता है जान मेरी बात मान लो प्लीज।
दीप्ति : शरमाते हुए आप भी ना क्या क्या करवाते हैं। लेकिन में जीवन को अपने शरीर से हाथ नहीं लगाने दूंगी।
अविनाश : आंख मारते हुए हाथ की जगह कुछ और लगा दिया तो।
दीप्ति : आपकी भी ना, चलो अब कमरे में चलते हैं बहुत थक गई हूं नींद आ रही है।
अविनाश : हां यार मैं भी बहुत थक गया हूं। शरीर टूट रहा है।
दीप्ति : कहो तो मालिस कर दूं।
अविनाश : नहीं यार तुम्हारी हालत भी खराब होगी, यदि मुझे थकान नहीं होती तो मैं ही तुम्हारी मालिस कर देता। अविनाश और दीप्ति लम्बा सफर वो भी बाइक पर करके आए थे इसलिए हकीमत में उन्हें बहुत ज्यादा थकान हो रही थी। इसलिए वो लोग कमरे में पहुंचे और जल्दी ही वॉशरूम में घुस् जाते हैं जहां से दीप्ति एक पारदर्शी नाइटे पहनकर आती हैं जिसे देख जीवन का भी लंड सेमी हार्ड हो जाता है जीवन के लंड की ये ही औकात थी।
दूसरी ओर अविनाश शार्ट पहने हुए था। विस्तर पर पहुंचकर अविनाश अपना शार्ट उतार देता है और दीप्ति को भी नंगा कर देता हैं जीवन को लगता है कि अब जल्दी ही उसके सामने चुदाई शुरू होगी। विस्तर पर दोनों एक दूसरे के होठ चूमने लगते हैं दीप्ति भी अविनाश का लंड अपने हाथ में पकडकर सहलाने लगती है।
जीवन जब अविनाश का लंड देखता है तो उसकी आंखें फटी रह जाती हैं क्योंकि ऐसा लंड उसने सिर्फ पॉर्न मूवी में ही देखा था जीवन समझ जाता है कि आखिर दीप्ति क्यो अविनाश की गुलाम बन गई हैं जो भी अविनाश कहता है वो बिना कोई सवाल जबाब के मान लेती है। उसके पीछे का जो कारण सबसे बडा है वो है अविनाश का लंड। जबकि हकीकत ये थी कि दीप्ति अविनाश के लंड से खुश थी ही साथ ही वो अविनााश के प्यार में भी पागल हो चुकी थी। और इसके बाद दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में लपेट सो जाते हैं।