Arz Kiya Hai...
Koyi Gham Nahi Magar Dil Bahut Udaas Hai,
Tujh Se Koi Rishta Nahi Fir Bhi Ehsaas Hai,
Kahne Ko Bohut Apne Hain Magar Ek Tu Khas Hai,
Emotional Mat Hona Upar Likha Sab Bakwas Hai.
(Waah Waah Waah Waah)
खोला पोटली निकला चिराग।
घिसा चिराग निकला जिन।।
जिन निकलकर मुंह खोला।
बोला आका क्या हैं आपकी उम्मीद।।
मैं ठहरा वे उम्मीद।
कहा से लाता उम्मीद।।
खिसियाकर मैं बोला।
घिसता हूं दुबारा चिराग।।
चला जा वापस।
जहां से तू आया।।
मैं ठहरा वे उम्मीद।
कहा से लाता उम्मीद।।
खोला पोटली निकला चिराग।
घिसा चिराग निकला जिन।।
जिन निकलकर मुंह खोला।
बोला आका क्या हैं आपकी उम्मीद।।
मैं ठहरा वे उम्मीद।
कहा से लाता उम्मीद।।
खिसियाकर मैं बोला।
घिसता हूं दुबारा चिराग।।
चला जा वापस।
जहां से तू आया।।
मैं ठहरा वे उम्मीद।
कहा से लाता उम्मीद।।