Incest शरारत वो भी इतनी by Rash singh

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अपडेट- 1
सुबह सुबह जब आंख खुली तो सबसे पहले घडी की तरफ देखा तो पाया अभी तो सिर्फ छः बज रहे हैं थोड़ी देर और सो लूँ बैंचो ये रात बहुत ज्यादा दारु पी ली अब तक सर भारी था और साला रात की कोई याद भी नहीं थी की घर कब आया रूम तक कैसे पहुंचा कब सोया कुछ याद नहीं बस इतना याद था की बस इतना की कुछ तो अलग हुआ है क्या दारु के नशे मैं मैंने कोई अलग ड्रामा तो नहीं किया

फिर लेटें लेटें रात की बातो को याद करने लगा की जब मैं घर से कल निकला तो घर पर सिर्फ बड़ी दीदी ही थीं बाकी सब तो घर से बहार गए हुए थे फिर मैंने अपने कुछ दोस्तों के साथ बियर की दो बोतल पी फिर वहाँ से मैं बाइक से अपने गर्ल फ्रेंड निहारिका के पास उसके फ्लैट पर गया दो बियर उसके लिए भी खरीदी थीं क्युकी उसने ही मुझे बताया की उसकी फ्लेट मेट आज रात को लेट आएगी तो आ जाओ थोड़ी मस्ती करेंगे तो जब मैं पहुंचा

पहले तो ऐसे ही कुछ नार्मल बातें की उसके बाद हमने अपनी अपनी बियर एन्जॉय की बियर एन्जॉय करते हुए हमने कुछ किस वगैहरा भी किया तो मैंने थोड़ा आगे अप्रोच करते हुए उसे सेक्स के कहा तो उसने हमारा वो बैंचो चूतिया एग्रीमेंट याद दिया ये सब शादी के बाद माँ की छूट उस अग्रीमेंट की

अब उसके साथ ऊपर ऊपर से करने मैं कोई मज़ा नहीं आता था तो मैंने कहा चलो आगे से नहीं तो पीछे से कर लेते हैं उससे तुम्हारी वर्जिनिटी भी बनी रहेगी और हमारा एग्रीमेंट भी बना रहेगा

बस बहनचोद माँ चुद गयी इतना बोलते ही भड़क गयी और बहनचोद सारा अच्छा खासा मूड ख़राब हो गए हां गांड ही तो मांगी तो कोण सी बड़ी बात हो गयी वैसे भी हम ओरल मैं तो सब करते ही हैं

मैंने भी कह दिया माँ चुढा अपनी और सीधे ठेके पर गया और एक हाफ लेके चढ़ा लिया उसके बाद साला कुछ याद ही नहीं कैसे घर आया रूम मैं पंहुचा क्या बड़ी दीदी से कुछ बात हुई समझ मैं ही नहीं आ रहा था साला इतना तगड़ा हैंग ओवर तो कभी नहीं हुआ
और यही सब बातें सोचते हुए मुझे फिर नींद आ गयी
 
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अपडेट 2

कल का पूरा घटना क्रम सोचने के बाद जब मेरी आँखे दुबारा खुली तो घडी मैं देखा तो ग्यारह बज रहे थे और अब थोड़ा हैंगओवर भी कम था पर जब मैंने थोड़ा सा हिलने की कोशिश की तो पाया की मेरे दोनों हाथ और पैर रस्सी से बेड के चारो पायों से बहुत टाइट बंधे हुए थे और मैं बिलकुल भी नहीं हिल पा रहा था मेने चारो तरफ देखा तो कोई नहीं था बस मेरे रूम का दरवाजा खुला हुला था ऐसा देख कर मेरी गांड फट गयी और मैं पूरी ताकत से चीखा दिद्दी बचाओ दीदी जल्दी आओ कोई है मुझे खोलो

और थोड़ी देर बाद मेरी दीदी जिनका नाम है ललिता इससे मैं कभी प्यार से लल्ली, लोलिता या लोलो भी बोल देता हूँ वो मुझसे दो साल बड़ी है (22) रूम मैं बड़े ही शानदार अंदाज से अंदर आती है

दीदी --तो बाबू जी उठ गए नशा उतर गया जनाब का रात तो बड़ा शेर बन रहा था साले
मैं- दीदी ये सब क्या है खोलो मुझे और रात का मुझे कुछ भी याद नहीं
दीदी- हाँ याद भी क्यों होगा तुझे साले दारु पी कर तो बड़ा हरामी बन रहा था अब बताऊगी तुझे
मैं- ऐसा क्या कर दिया मैंने और अगर कर भी दिया तो कौन सी नई बात है हमारे बीच मैं
दीदी--अच्छा बच्चू बहनचोद तुम्हारी गर्ल फ्रेंड अगर तुम्हे गांड देने से मना कर देगी तो बहनचोद हमरी ही गांड मरोगे देख तो सही रात क्या हाल किया है ना हगा जा रहा है मुता

ये कह कर दीदी पलटी और अपनी पजामी और कच्ची एक बार मै नीचे कर दी और झुक कर अपनी गांड मेरे सामने कर दी
दीदी की गांड देख कर लगा बड़ा गर्व हुआ यार बजाई तो मस्त है गांड के दोनों पल्ले अभी भी लाल हैं और छेद तो ऐसा हो रहा है जैसे रेगमाल से रगड़ दिया हो देख कर मेरे चेहरे पर थोड़ी हसी आ गई
तभी दीदी एक साथ पलटी और अपनी पजामी ऊपर की
दीदी- अच्छा बेटे हसी आ रही बताती हूँ तुझे

मेरी कुछ समझ नहीं आया क्या बोलू बस अपनी हसी को काबू मैं किया

मैं - sorry😉 ( कुछ सुझा ही नहीं क्या बोलूं )

दीदी --अच्छा बेटा सॉरी देख अब बताती हूँ तुझे ! क्या हाल किया है पिछवाड़े का अब पता चलेगा तुझे की दर्द क्या होता है मैंने तो सोचा चलो बहुत अच्छा मौका मिला मम्मी पापा और उनकी वो परी कोई नहीं अच्छे चुदाई करेंगे पर तुम बहनचोद दारु पिलो

मैं - सॉरी लल्ली अब आगे से ऐसा मेरी प्यारी लोलिता दीदी अब मुझे खोल दो आज का दिन तो हैं हम खूब ऐश करेंगे प्लीज ( मैंने अपना दाँव खेला )

दीदी- मैं तेरी कोई बात नहीं मानने वाली रात जो तूने मेरे साथ किया न उसका एहसास तो मैं तुझे करवा के रहूंगी रुक अभी आती हूँ

ये कह कर वो गुस्से मैं डारवाजा पटक कर बहार चली गई
मैं सोचने लगा क्या सच मैं रात मैंने दीदी की गांड मार ली उनके बंद की तो एक शीन उभरने लगा मैं दीदी की गांड के उप्पर एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर उनकी गांड मैं लंड फसा कर दक्के लगा रहा था और दूसरे हाथ से चटाक ही चटाक तभी मैंने आंखे खोली बहनचोद क्या सच मैं ऐसा हुआ

अब मेरे साथ क्या होगा अच्छा खासा तरीके से मैंने दीदी को चुदाई के लिए करीब दो महीने पहले ही तो पटाया था जब भी मौका मिलता हम अपना कार्यक्रम कर लेते थे सब से बच कर पर अब दीदी हो गई गुस्सा अब बैंचो मेरा क्या होगा हाथ पेर बंधे हैं दीदी धमकी देकर गई हैं क्या सजा देंगी ऐसे कुछ ख्याल मेरे मन मैं आने लगे जैसे
कही वो मेरी गांड तो नहीं मारेंगी गांड का बदला गांड नहीं ये मैं करवा सकता मारने की बात अलग है पर मरवा नहीं सकता
एक बात और ये निहारिका मेरी गर्लफ्रेंड को भी जानती है वो भी इतनी खुलकर
है प्रभु बस आज बचा ले आगे से गांड मारने की तो छोड़ो मैं तो देखूंगा भी नहीं
हे लंड बाबा तुम्ही बचा लो किया धरा तो तुम्हारा ही है इसके लिए मैं अपनी गांड मैं डंडा तो नहीं ले सकता

तभी दीदी आयीं तो डर के मारे मेरी गांड भिंच गई
 
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अपडेट 3
और दीदी जब रूम वापस लौट कर आयी तो उनके दोनों हाथ पीछे की तरफ थे मतलब कुछ तो उनके हाथ मैं था मतलब मेरी गांड के लिए कुछ तो औजार जरूर लाई हैं अब तो मेरी गांड ने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए खुद को और टाइट कर लिया

वो टहलते हुए मेरे पैरों के सामने कड़ी हो गई और न ना न न ना न नं ... कर के कोई धुन भी गन गुना रही थी उनके इस अंदाज को देख कर मेरे होठो पर पता नहीं क्यों एक दबी दबी सी फेक हँसी आ गई तब उन्होंने गुनगुनाना बंद कर के मेरी तरफ गुस्से से घूरा मैं फिर डर गया

दीदी- हस ले बच्चू जितना है हँसना है आज तेरी खैर नहीं है

मैं- दीदी प्लीज छोड़ दो न मैं भगवन कसम खाता हूँ आगे से ऐसा नहीं होगा कभी नहीं होगा

दीदी- ये तो तुझे पहले सोचना अब तो बेकार का ड्रामा है तुझे पता है मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा तो तब आया जब इतना दर्द सहने के बाद और पता नहीं कितने जोरदार चांटे अपनी गांड पर खाने के बाद जब धीरे धीरे मज़ा आना शुरू ही हुआ था की तुम भोसड़ी के बीच मैं सो गए

मैं- ल्यो ये भी कोई बात हैं अगर मज़ा आने लगा है तो ये तो अब दुबारा से भी कर सकते हैं मेरी लोलिता दीदी ( बड़े ही शरारती अंदाज मैं )

दीदी --मुझे पता था तू सुधरने वाला नहीं है भेच्चों देख तेरा क्या हाल करती हूँ तुझे आज के बाद गांड मारने लायक छोडूंगी ही नहीं

तभी उन्होंने अपने हाथ आगे किये जिसमे एक कैंची थी और जैसे ही उन्होंने उसे बजाया कच कच

मेरी गांड तो ढीली हो गई पर ये लुंड महाराज जिसे अपने आकार प्रकार पर बहुत घमंड था सिकुड़ के २ इंच के हो गए और ये टट्टे जो चोदते समय मस्त लटकते थे आज उनकी भी बरफ जम गई मेरी पिछली वाली पंच लाइन मेरे लंड की कुर्बानी ले लेगी ये नहीं सोचा था

मैं- दीदी ऐसा मत करना मैं मरजाऊंगा मर्डर हो जाएगा जो चाहे करलो चाहे मेरी गांड पीटलो या गांड मैं बेलन दाल दो पर प्लीज इस कैंची को दूर कर लो प्लीज

दीदी --चल अब चुप हो बिलकुल नहीं तो तेरा मुंह भी बंद कर रात तो होश नहीं पेण्ट उतर के नंगा नशे मैं पड़ा रहा था चाहती तो रात को ही तेरी धज्जी उड़ा देती पर मैंने सोचा तुझे तो कल देखूंगी और देख तुझे पेंट भी मैंने ही पहनाई थी पर अब देख मैं तेरा क्या करती हूँ

मैं- प्लीज दीदी मेरी प्यारी दीदी मान जाओ तुम जो कहोगी मैं सब करूँगा बस इस बार छोड़ दो प्लीज

दीदी - अब चुप बिल्कुल चुप इक शब्द भी नहीं ( बहुत गुस्से मैं )

उसके बाद वो तेजी से कैची ले कर मेरे एक पैर के पंजे की तरफ दर के मारे मैंने तो जोर जोर से रोना चालू कर दिया
उन्होंने कैंची का मुँह मेरी पैंट के एक पैर की तरफ कर के कच कच कच कच कच करके पैंट काटना चालू कर दिया और जैसे जैसे कैंची मेरे लंड की तरफ बढ़ रही मेरा लंड सिकड़ता जा रहा वो तो शायद मेरे अंदर कही घुस जाना चाहता था बस मैंने तोअपनी ऑंखें बंद लिया और दांतो से अपने जबड़े भींच लिए और कर भी क्या सकता था मेरे लंड को बचने वहां कोई नहीं आने वाला था
धीरे धीरे कैंची और दीदी काम कर रही थी उन्होंने कैची से मेरी पूरी पेंट और अंडरवियर काट डाला और अब मेरा लाडला उस कसाई के सामने नंगा पड़ा था

और अब दीदी कैची लेकर मेरी दोनो चौड़ी टांगों के बीच मैं बड़ी कमीनी स्माइल के साथ मुझे कैची दिखा रही थी कच कच और शायद मेरे लंड को आखिरी बार देख रहीं थी

तभी उन्होंने कैंची को साइड मैं रखा और मेरी दोनों टांगों के बीच मै घोड़ी बनके मेरे मुरझाये छुटकू से लंड को अपने मुहं मैं समा लिया जैसे कोई डरे हुए बच्चे को माँ संभालती है वैसे ही मेरे लंड को अपनी जीभ का नरम स्पर्श दे रही थी

अब मैं समझ गया की ये अब ये शायद मेरी आखिरी लंड मेरी आखिरी लंड चुसाई हैं तो क्योंना मज़ा लिआ जाये

हाँ जब चुसाई हो ही रही है तो क्यों ना लंड चुसाई का मज़ा लिया जाये l
मैं - ओह मेरी लोलो तुमने तो मेरी गांड ही फाड़ दी थी चलो अपने मुँह मैं लंड पो लो

तभी दीदी ने लंड चूसते हुए मेरे गाल पर एक झन्नाटेदार थप्पड़ रशीद कर दिया पर जिस प्रकार से वो मेरे पुरे लंड को मुँह मैं भर का अपनी जीभ से मेरे मुलायम लंड को चारों तरफ घुमा रही लंड की कसम लंड से ज्यादा मज़ा तो मुझे आ रहा था धीरे धीरे मेरा लंड भी अपने आकार मैं आता जा रहा था
तभी दीदी ने अपने एक हाथ की ऊँगली बीच वाली फिंगर मेरे मुँह मैं डाल दी तो मैंने भी अपना काम चालू कर दिया मैंने उनकी ऊँगली अपने मुँह मैं ली उसे चूसना चालू कर
तभी उन्होंने अपने चूसने के तरीके मैं थोड़ा बदलाब कर मेरा तरीका से मेरा लंड चूसना चालू कर दिया जैसे मैं उनकी ऊँगली चूसता वो भी बिलकुल मेरी जैसी रिथम मैं मेरे लंड को चूसने लगी ऐसा लग रहा था जैसे उनके होंठ जीभ मुहं उनके मुँह का थूक सब मेरे कण्ट्रोल मैं है
इससे तो मेरे लंड मैं तबाही मच गयी मेरा लंड जिसकी अब तक फटी पड़ी थी अचानक ताव मैं आ गया और मैं जैसी लंड चुसाई चाह रहा था उसी तरह से उनकी ऊँगली चूस रहा था और दीदी वही रेथम पकड़ी हुई था बस ऐसी चूसाईं मेरा लंड ज्यादा देर और नहीं झेल सकता तभी मैं जोर से बोला

मैं - दीदी आ रहा है ममम मेरी ललऔललऔ आ आ रहाहा है

और वो तो मेरी सुन ही नहीं रही अब मैंने भी उनकी ऊँगली को चूसना छोड़ दिया बस पर उन्होंने वो आखिर रेथम चालू रखी और आखिरकार मेरे लंड ने अपने अपने हथियार डाल दिए और चार पांच झटकों से मेरे लंड का सारा माल उनके मुँह मैं गिरा दिया

वो शायद यही चाहती थी और मेरा सारा माल धीरे धीरे गटक गयी जो थोड़ा बहुत उनके मुँह से निकल कर मेरी छोटी छोटी झांटो पर गिरा वो भी चाट गयी
मैं तो मज़े मैं आराम करने लगा आंखे बंद दिल मैं सुकून

पर दीदी अभी भी मेरे लंड को चूसे जा रही थी मेने भी सोचा कोई बात नहीं चूसने दो कम. से कम वो फिलहाल कैची को तो भूल ही गई कुछ देर बाद मेरे लंड ने साधारण रूप ले लिया पर दीदी मेरे लंड को छोड़ने को तैयार नहीं थी

पर अब मुझे पैसाब लगने लगा तो मैंने कहा
दीदी - अब मुझे छोड़ो मुझे अब जोर से पेसाब आ रहा अगर तुम इसे नहीं छोड़ोगी तो मैं तुम्हारे मुँह मैं ही मूत दूंगा

उन्होंने अभी भी मेरा लंड छोड़ा तो मुझे ऐसा लगा की अब वो मेरा मूत भी पीना चाहती है हालांकि उन्होंने इस पहले कभी मूत तो नहीं पिया है पर हो सकता उनकी इच्छा हो चलो इच्छापूर्ति कर देते है

और हलकी सी कमर उठा कर जैसे ही मूतना चालू किआ उन्होंने अपना मुँह से मेरा लंड बाहर निकाल दिरा और साली मेरे ही मूत की धार सीधे मेरे ही मुँह पर पड़ी

मैंने बचने के लिए मुँह घुमाया तो मूत मेरे गालौ पर आ गया जब और बचने की कोशिस की तो दीदी ने लंड को उसी तरफ पिचकारी की तरह इस्तेमाल किया बहन चोद मैं तो मूत पिलाने के चक्कर मैं था मेरे ही लंड ने मेरे ही मुँह मैं मूत दिया

क्या बतायें बैंचो दारू और पैसाब का कोकटेल कितना गन्दा महकता है बैंचो उलटी करने का दिल पर क्या करें हाथ पाऊं बंधे थे कुछ नहीं कर पाए

ये सब देख कर दीदी बहुत हसीं मैं बैंचो बहुत गाली देना चाहता था पर नहीं दी पता था कैची पास मैं है पड़ी थी
दीदी - हाँ अब बोल आया कुछ मज़ा
मैं - हाँ दीदी बहुत मज़ा आया अब झोड़ दो देखो बारह बज गए पूरा एक घंटा हो गया
दीदी - अभी कहाँ अभी तो तो असली बारा बजने बाकी हैँ

और ये कहते ही मेरे लंड फिर से टूट पड़ी पर इस बार प्यार से नहीं 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
 
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अपडेट 3 पार्ट 2

दीदी एक बार फिर मेरे लंड को चूसने लगी पर अंदाज थोड़ा नया था मेरा लंड जो साला अभी अभी मेरे मुँह मैं मुता था वो तो निढाल पड़ा हुआ था जिसे दीदी अपने होठों से बार नीचे से ऊपर की तरफ थोड़े से बल प्रयोग के साथ खींच रही थी जैसे लंड उखाड़ फेकने का इरादा बना लिया हो हां अगर मेरा लंड अपने रूआब पर होता तो कोई फर्क नहीं पड़ता पर मुरझाये होने के कारण थोड़ा सा दर्द तो हो ही रहा था पर मैंने सोचा कोई नहीं इतने मज़े के इतना दर्द तो बनता है और अभी कुछ और समय तो ये अभी ऐसे ही पड़ा रहेगा वो मेरा लंड चूसती रही मैं आँख बंद कर के उसके दोबारा खड़े होने का इंतज़ार करने लगा क्योँकि मज़ा तो तभी आएगा
कुछ देर बाद दीदी ने हार मान ली और मेरा लंड चोद कर मेरे सामने खड़ी हो गयी शायद अब ये सारा खेल ख़तम

मैं - दीदी अब ये अभी तो खड़ा होने वाला है नहीं थोड़ा टाइम तो लगेगा ही तब तक मुझे खोल दो बहुत भूख भी लगी हैँ मैं जल्दी से नहा कर खाना खा कर ये लंड तुम्हारे मुँह मैं फिर डाल दूंगा चूसती रहना

दीदी - हममम
मैं - क्या सोच रही हो मेरी लोलिता डार्लिंग बस थोड़ी देर की बात है फिर खूब लंड चूसाउँगा अपनी लोलो को
दीदी - हममम

पता नहीं क्या सोच रही थी खड़े खड़े बस मेरी शक्ल घूरे जा रही थी फिर उन्होंने हल्की सी मुस्कुराहट के साथ धीरे धीरे अपनी टी शर्ट को ऊपर करना चालू किआ और अपनी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही मसलना चालू किया और बड़े कातिलाना अंदाज मैं पहले पहले अपनी टी शर्ट और फिर अपनी ब्रा खोल कर मेरे मुँह पर फेकी मैं इस नज़ारे को मिस नहीं करना चाहता तो मैंने जल्दी से अपनी गर्दन हिला कर उसे साइड किया दीदी की चूची उफ़ मेरी कुत्ते की जीभ बाहर आ गयी
दीदी ने फिर मेरी तरफ पीठ कर के अपनी पजामी और कच्छी भी उतार दी हाय क्या गर्दन पतली कमर उसपर लहराते उसके हलके सुनहरे बाल और उनकी गोल गोल लाल लाल गांड नहीं अभी उसके बारे मैं नहीं उस प्यारी गांड के चक्कर मैं तो अभी तक बंधा पड़ा हूं पर फिर भी क्या गांड थी उसके चक्कर मैं तो बहुत दिन से था और मारी भी ऐसे मुझे बड़ा पश्चायाताप हुआ की बैंचो मारते मारते सो कैसे गया

तब दीदी मेरी तरफ मुड़ी और अपनी चुत की इकलौती रेखा को अपनी उंगली से रगड़ते हुए मेरे पास आकर मेरे ऊपर बैठ कर अपना मुँह मेरे लंड के पास एक बार फिर ले गई बस इस बार उनकी चुत और गांड मेरे आँखों के पास थे
अब तक लंड फिर से अपने आकार पकड़ने लगा था और जब उन्होंने चूसने के स्पीड भड़ाई तो उनकी गांड और चुत भी आगे पीछे हिलने लगी मैंने इस उम्मीद मैं की गांड या चुत कुछ तो चाटने के लिए मिल जाये अपनी गर्दन उठाई और जितनी अपनी जीभ बाहर आ सकती थी उतनी बाहर निकल ली पर मेरी जीभ वहां तक पहुँच ही नहीं रही तो मैंने अपनी कमर उठा कर दीदी को थोड़ा सा धक्का दिया जिससे एक बार उनकी चुत और मेरी जीभ का मिलन हो गया पर दीदी को मेरी इस हरकत का अंदाजा हो गया
बस फिर क्या दीदी का एक हाथ पीछे की तरफ आया चटाक चटाक दो जोरदार थप्पड़ मेरे दोनों गालों पर छप गए
और अब वो मेरे साइड मैं बैठ कर अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को तेजी से हिलाने लग गई
थप्पड़ की कोई बात नहीं पर जो स्वाद चुत का मिला उसका तो कोई जवाब नहीं मेरा लंड पुरे ताव पर आ गया था और किसी भी समय मेरी लंडमलाई कभी भी फूट सकती थी
दीदी ने लंड हिलाने की स्पीड इतनी भड़ा दी की उसके कंपन्नों का हिसाब कंपकापाती चूची दे रही थी मैं तो उनकी तेजी से हिलती चूचियों को ही देख रहा था की बस लंड ने एक बहुत तेज़ धार निकली जो लगभग दो फिट तो गयी ही होंगी पर जब वो नीचे आई तो मेरे सीधे मेरी छाती पर गई छपाक जिसकी कुछ छोटी बुँदे मेरे मुँह पर भी आई
तब दीदी ने मेरा लंड छोड़ा और और मेरा झड़े लंड पर अपनी चुत टिका कर मेरे पेट को चाटती हुई ऊपर की ओर धीरे धीरे बढ़ने लगी मुझे मालूम था लैंडमालाई तो नहीं झोड़ने वाली थी


पर तभी अचानक हमारे घर की डोर बेल बजी तो दीदी सकसपाके एक साथ उठ खड़ी हुई और जल्दी से अपने कपडे उठा कर मेरा रूम बाहर से बंद कर के चली

बैंचो कौन आ गया और कम से कम मलाई तो साफ कर जाती कब तक ऐसे पड़ा रहूँगा अब तो कुछ ज्यादा हो गया मैं जोर से चीखा अरे भूखे को कोई खाना तो देदो
मैं बिचारा भिखारी
 
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अपडेट 4

दो बार निचोड़े जाने के बाद अब मुझे बहुत जोरदार भूख लग रही थी पर क्या करू एक बार तो मन किआ की मेरा जो बीर्य मेरी छाती पर पड़ा है उसी को चाट लू टेस्ट कैसा भी हो कुछ तो भूख मिटाएगा पर जब दीदी पी लेती है तो बुरा तो क्या ही होगा मैं अपने बीर्य को अपने मुँह की तरफ बहा कर लाने की कोशिश कर ही रहा था रूम का दरवाजा खुला और दीदी अंदर आयी और उनके हाथ मैं एक प्लेट थी जिसमें दो समोसे और कुछ पकोड़े थे जिसे देख कर बड़ी राहत मिली
उन्होंने वो प्लेट मेरे पास रख कर वापस जाने लगी

मैं - दीदी खाऊंगा कैसे तुम ही अपने हाथों से खिला दो
दीदी - हाँ हाँ क्योँ नही मेरे प्यारे राजा अभी खिलाती हूं
मैं - हां दीदी बहुत भूख लगी लगी है

और मेरे पास आकर उन्होंने एक समोसा उठाया और मेरे मुँह के पास जा कर मुझे चिढ़ाने लगी तो मैने भी मौका देख कर समोसे पर झपट्टा मारा और एक टुकड़ा मेरे मुँह मैं लिया बैंचो गांड फट गयी इतना गर्म समोसा बहनचोद मुँह जल गया दीदी इतनी जोर से हसीं उनकी हसीं देख कर गांड जल गई
फिर उन्होंने समोसा मेरे मुँह पर फ़ेंक के मारा और बोली
दीदी - ले भोसड़ी के खाले हाँ बहनचोद को खिलाने के लिए नौकरानी चाहिए

गुस्सा तो इतना आया की ये समोसा उसकी चुत मैं डाल दूँ पर अभी कुछ बोल पाने की स्थिति मैं नही था

मैं - पर दीदी इससे खाऊ कैसे

इसके बाद कुछ सोच कर उन्होंने मेरा एक हाथ खोल दिया और रूम से बाहर चली गई

फिर मैं अपने एक हाथ की मदद से वो समोसा और पकोड़े ख़त्म किये तो जब डोर बेल बजी थी तो कोई समोसा ले के आया था वाह बहन चोद हलवाइयों ने होम डिलीवरी चालू कर दी क्या

पर उस साले आखिरी पकोड़े ने तो हालत खराब कर दी साले मैं हरी मिर्ची भरी पड़ी थी अब मुझे बस पानी चाहिए था तो मैं जोर से चीखा अरे अब मुझे पानी तो दे जा हराम जादी मिर्च लग रही है पानी पानी पानी मैं लगातार चीखे जा रहा तो थोड़ी देर मैं दीदी एक पानी की बॉटल ले कर रूम मैं आयी

दीदी - चुप कर चूतिये ये ले पानी
मैं - जल्दी जल्दी

ये कह कर वो मेरे पास बॉटल लेके आयी और जैसे ही वो मेरे ऊपर छुकी मेरे बड़ी फुर्ति के साथ अपने एक खुले हाथ से उसके बाल कस के पकड़ लिए और और खींच कर उसके होंठ अपने होंठ से लगा दिए बालो पर अच्छी पकड़ होने के कारण वो असहाय हो चुकी थी अब मैं उसके होठो भयंकर तरीके से चूमने चाटने और काटने लगा वो सिर्फ गु गु गु कर पा रही थी अपने दोनों हाथों से मेरी छाती पर मुक्के मार रही जिससे मेरी छाती पर लगा वीर्य उसके हाथों से पूरी छाती पर फेल गया काफी देर बाद चुम्मन प्रकिया होने के बाद जब मेने उन्हें हटाया तो देखा उनके होठों से हल्का हल्का खून, आंख मैं लालिमा चेहरे पर दर्द का मिलजूला संगम था पर बैंचो उसने जो किआ उसकी उम्मीद तो सपने मैं भी ना थी

उसने जोरदार आवज लगाई

दीदी - नेहाहाहा नेहा नेहा जल्दी आ जल्दी आ

नेहा यानि निहारिका मेरी गर्लफ्रेंड यहाँ....
 
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अपडेट 5
जब दीदी ने निहा को आवाज लगाई तो मुझे डर लगा की वो मुझे इस हालत मैं और वो भी अपनी सगी बहन के साथ देखेगी तो क्या सोचेगी पर फिर भी मैंने डोडो के बालों को नही छोड़ा अब मैंने ठान लिया लिया जो होगा देखा जाएगा तभी नेहा रूम मैं दाखिल हुई

दीदी - नेहा मुझे बचा देख तेरा आशिक़ क्या कर रहा है
नेहा खबराते हुए क्या करूँ क्या करूँ फिर उसके चेहरे पर मेरे नंगे शरीर को देख कर एक शरारत सूझी उसने मेरे लंड के नीचे लटके मेरे पोतों की खाल को इतनी जोरदार से मसला की दर्द के मारे मेरे हाथों से दीदी के बाल छूट गए

और दीदी ने मेरी फटी हुई पेंट की चमड़े की बेल्ट उठा कर चटाक चटाक दो चार बेल्ट मेरी छाती पर जड़. दी प्रहार इतना जोरदार था की मेरी छाती पर बेल्ट के निशान बन गए और मेरे तो प्राण ही निकल गए

दीदी - देखा नेहा कितना हरामी हो गया है ये कैसे मेरे बालों को खींच कर मेरे को किस किआ ऐसे कौन किस करता है
निहा - हाँ दीदी मैं ना कहती थी दिखने मैं ही सीधा है पर है बड़ा मादरचोद
दीदी - बहनचोद इतने एहसान का बदला ये दे रहा है
निहा - हाँ दीदी ये इतना एहसान फरामोश निकलेगा ये तो नही सोचा था
दीदी - चल आज दोनों मिलके इसे ऐसा सबक सिखाते है की ये साला जिंदगी भर भूलेगा नही
निहा - हाँ दीदी ये तो करना ही पडेगा

मैं गुस्से मैं बस उनकी बात सुन रहा था और बहन चोद मुझ पर ऐसा कौन सा एहसान कर दिया एक तो चूत नही देती और दूसरी अगर देती भी है तो खुद भी तो पुरे मज़े लेती है

मैं - कौन सा एहसान किया है तुम दोना ने

दीदी - साले तुझें क्या लगता है निहा को तूने पटाया साले जब मैंने एप्रोच की तब नेहा मानी तेरे जैसे गांडू के लिए जब मैंने तुझे अकेले मुठ मारते देखा तो मुझसे रहा नही गया तो साले मेने निहा से कह कर तेरा ये इंतज़ाम करवाया

निहा - हाँ तो मैं भी कब तक अपनी चूत अपनी ऊँगली से झाड़ती तो मैंने ललिता से हाँ कह दी और तू तो लट्टू था ही मेरे ऊपर

मैं - अच्छा कभी चूत दी तो नही

निहा - वो तो दीदी के कारण नही तो मैं कब का चुदवा लेती दीदी ने वादा लिया था जब तक तुम्हारी शादी ना हो जाये तब सिर्फ वो तुमसे चुदना चाहती हैँ तभी तो मैं तुमसे अपनी चूत चटवाने के बाद तुम्हें गरम कर के छोड़ देती थी की दीदी को इस बात का फायदा मिले और वो आसानी से तुम्हें पता सके

मैं - लो बहन चोद मैं सोचता था तीन दिन मैं दो दो लड़किया पता ली दीदी तुम तो बड़ी चुदाइल निकली

दीदी - और तुझे क्या लगा तू बड़ा स्मार्ट है है जो साले मुझे और नेहा जिसने आज तक किसी को खास नही दी उन्हें तू अकेला पटा लेगा साले तुझसे हमारी झांट ना पटे

निहा - दीदी इसकी तो मुझसे बात करने मैं गांड फट जाती थी

दीदी - और सॉरी नेहा तुझे तो शादी के बाद सारी जिंदगी इसके लंड से चुदना है तो सोचा पहले मैं मैं अच्छे से चुद लूँ पर इसने तो मेरी गांड मार ली

नेहा - और साले किस करना आता नही और गांड मरने चला है

और ये कह कर दोनों ने अपने होंठ एक दूसरे के होटों से लगा दिए और इतनी सेंसुअल किश की मैं बता नही सकता जैसे कोई हॉलीवुड मैं लेस्बियन सीन होता है किश मैं उमम उमम की आवाज़ साफ साफ आ रही थी
फिर धीरे उन्होंने एक दूसरे के कपडे उतरने चालू कर दिए और कुछ की देर के बाद वो दोनों पूरी तरह से नंगी हो गई
धीरे धीरे एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगी कभी एक दूसरे के चुचोँ को सहलाती चूमती चूसती, कभी बारी झुक कर चूत चाटती, कभी एक दूसरे के पीछे आ कर गर्दन पर किश करते हुए नीचे गांड तक पहुंच जाती बड़े ही ताल मेल के साथ वो एक दूसरे को मज़ा दे रही रही हो जैसे इस खेल की पुरानी महारथी हों

मैं तो बस उस खेल का दर्शक मात्र था पर उनका यह खेला देख कर दो बार चूसे लंड ने एक बार सलामी दे ही दी पर उन दोनों को जैसे इस बात की कोई परवाह थी ही नही

मैंने बड़े प्यार से उनसे
मैं - अरे मेरे प्यार की देवियों अब जरा हमें भी खोल दो ताकि मैं भी इस प्यार के समुन्द्र मैं कुछ डुबकी लगा लूँ

तब दोनों एक दूसरे से अलग हुयी और मेरा खड़ा लंड देख उनकी आँखों मैं वासना के ढोरे तैर गए वो दोनों मेरे दोनों साइड आ कर बैठ गई और मैं कभी अपनी दीदी के चुचे देख रहा था कभी निहा के बैंचो बिल्कुल भी अंतर नही था बिलकुल सामान आकर, गुलाबी निप्पल मेरा लंड तो खुशी से ठुमकने लगा

फिर दोनों ने एक साथ मेरे मेरे पैर को चूमना चाटना शुरू किया और धीरे धीरे ऊपर की तरफ आना चालू कीया और जब वो मेरे लंड के पास आयी तो भगवान कसम जो झीभ का जो कमाल दिखाया मेरी तो आहें निकल गई

उन्होंने फिर ऊपर आना चालू किया तो जो मेरा वीर्य लगभग सुख चूका था उसे अपने गीला कर के चाट के साफ कर दिया

उसके बाद उन्होंने एक दूसरे को किस करते हुए मेरे वीर्य का आदान प्रदान किया और अपनी आँखो आँखों मैं कुछ इशारा आदान प्रदान किया और फिर वो दोनों मेरे निप्पलो पर ऐसा टूटी है की क्या बताऊँ

ये मेरा पहला अनुभव था की किसी ने मेरे निप्पल चूसे हों और वो भी दोनों निप्पल एक साथ क्या फीलिंग थी मैंने सोचा भी नही था की हमारे निप्पल भी इतने कामुक हो सकते हैँ अगर मेरा लंड दो बार झड़ा ना होता तो अब तक शहीद हो गया होता

अब दोनों मेरे निप्पलों को चूसने के साथ अपने एक एक हाथ से मेरे लंड को हिलाने लग गई और धीरे धीरे लंड हिलाने की स्पीड बढ़ाने लगी अब तो मेरे लंड मैं भी हल्का हल्का दर्द होने लगा दो बार झड़ने के बाद अब पटा नही कुछ माल बाकि भी होगा उसमें कहना मुश्किल था
कुछ देर और मेरे निप्पलों को चूसने के बाद अब वो दोनों अपने मुँह हो मेरे लंड के पास ले गई और दोनों ने अपने दोनों होठों से मेरे लंड के पास एक घेरा बना लिया और फिर दोनों एक साथ अपने होठों के बनाये घेरे को नीचे से लेकर ऊपर मेरे लंड के टोपे तक ले जाना चालू किआ पहले तो रफ़्तार कम रखी पर धीरे धीरे उन्होंने अपनी रफ़्तार बढ़ानी चालू कर और मेरे लंड के इंजिन ने अपनी रफ़्तार पकड़नी चालू कर दी

जैसे जैसे वो वो अपनी स्पीड बड़ा रही थी मेरी सासों की रफ़्तार वैसे ही बढ़ रही थी और लंबी और जोरदार आह के साथ मेरे लंड के इंजिन की हवा निकल गई बहुत ज्यादा मात्र मैं तो नही पर माल निकला तो जिसे मैं देख तो नही पा रहा था पर वो उसे मजे ले लेकर चाट जरूर रही थी

अब इतनी चूसाईं के बाद अब ना तो लंड मैं ना ही मुझ मैं कुछ ताकत वो दोनों पटा नही कितनी देर मरे लंड को चूसती रही मुझे अहसास ही नही

अब तो मुझे मेरे लंड का एहसास ही नही हो रहा था की लंड है भी की नही बैंचो सुन्न हो गया था और बिना कुछ किये शरीर भी ऐसा हो गया था की पता नही कितना काम किया है पता ही नही पड़ा की मैं कब नींद के आगोश मैं चला गया.

आँख खुली तो देखा नज़ारा कुछ अलग ही दिख रहा था सब कुछ उल्टा पुल्टा.....
 

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