Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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सरला अपने फ़ोन को नीचे अपनी बुर के सामने लायी । राजीव उसे देखकर बोला: आऽऽऽऽह जाऽऽऽऽऽन क्या चिकनी दिख रही है? लगता है अभी झाँटें साफ़ की है?

सरला: अभी अभी साफ़ की है आपके बेटे के लिए। अगर मौक़ा मिला तो वो देखकर मस्त हो जाए। अब देखते हैं मौक़ा भी मिलता है या नहीं।

राजीव: अरे जान मौक़ा भी मिलेगा और मस्ती भी। आज ही शिवा से चुदवा लेना बस फिर सब ठीक हो जाएगा।

सरला: देखती हूँ क्या होता है? आप क्या अपना हिला रहे हो? आपका हाथ हिलते दिख रहा है।

राजीव ने फ़ोन लौड़े के सामने रखा और अपने लौड़े को सरला को दिखाया। सरला की बुर खुजा उठी उसके मस्त लौड़े को देख कर। वह बोली: अगर आप आसपास होते तो इसको तो मैं खा ही जाती । उफफफफ क्या मस्त दिख रहा है शैतान।

अचानक कोई आवाज़ दिया तो सरला बोली: अच्छा अब रखती हूँ। श्याम आवाज़ दे रहे हैं। बाई।

राजीव ने भी फ़ोन काटा और सोचा कि आज बस एक बार शिवा इसके हाथ चढ़ा तो बस उसे इस कामुक स्त्री से कोई नहीं बचा सकता वो मन ही मन मुस्कुरा उठा।

उधर सरला भी गरम हो गयी थी । वो शॉवर के नीचे खड़े हो कर पानी से अपना बदन ठंडा करने लगी। फिर वह तय्यार होने लगी।वो सोची कि शिवा और मालिनी शायद एक घंटे में आ जाएँगे।

शिवा को कार चलाते हुए क़रीब एक घंटे हो गए थे। वो दोनों रोमांटिक गाने सुन रहे थे और थोड़ी बहुत छेड़ छाड भी कर रहे थे।सुनसान जगह देख कर शिवा कभी उसके गाल सहला देता था तो कभी उसकी चूचि। उसकी जाँघ को तो वो सहलाए ही जा रहा था। मालिनी भी मज़े में आकर उसकी जाँघ को दबा देती थी और कभी उसके लौड़े को भी पैंट के ऊपर से सहला देती थी।

शिवा: तुमने इस बिचारे को चूसा नहीं सुबह? देखो कैसे मुँह उठाकर तुम्हारी तरफ़ लाचार सा होकर देख रहा है।

मालिनी हँसकर लौड़े को दबा कर: ये और बिचारा? ये तो मेरा प्यारा राजा है। जो मेरे ऊपर राज करता है।

दोनों हँसने लगे। तभी एक नया सा रिज़ॉर्ट की तरह का एक सुंदर सा ढाबा दिखा नाम था" लवर्ज़ ढाबा एंड रिज़ॉर्ट"।

मालिनी: बहुत ही सुंदर दिख रहा है। लगता नया नया बना है। कितनी हरियाली है, बहुत रोमांटिक जगह लगती है।

शिवा ने कार धीमी की और बोला: यार मैं थक गया हूँ। चलो ना थोड़ी देर रुकते हैं। कुछ खाते पीते हैं।

मालिनी: चलिए सच में अच्छी जगह लग रही है।

दोनों कार से उतर कर अंदर रेस्तराँ में गए। सिर्फ़ दो जोड़े बैठे थे। एक अधेड़ उम्र का जोड़ा था जो चाय पी रहे थे। दूसरी जोड़ी थोड़ी बेमेंल थी, आदमी थोड़ा मोटा सा ५०/५२ का था और लड़की थी क़रीब २०/२२ की। लड़की ज़्यादा सुन्दर नहीं थी पर जवानी तो छलक रही थी उसके टॉप और स्कर्ट से ।

शिवा: चलो यहाँ बैठते हैं। वो एक अलग सी टेबल की ओर इशारा किया। दोनों बैठ गए।

मालिनी ने देखा की वो लड़की उस बुजुर्ग से बहुत हंस हंस के बात कर रही थी।

शिवा: क्या देख रही हो? देखो बूढ़ा क्या मज़े ले रहा है छोकरी से।

मालिनी: छि ऐसा क्यों बोलते हो? हो सकता है दोनों रिश्तेदार हों?

शिवा: अरे ऐसी जगहों में लोग माल लाते हैं चोदने के लिए। ये लड़की या तो इसके ऑफ़िस में काम करती होगी जिसे वो यहाँ चोदने के लिए लाया है। और या फिर वो कोई रँडी होगी जो कि पैसों के लिए आयी होगी।

मालिनी: वाह आपको बड़ा अनुभव है? कहीं आप भी तो यहाँ किसी को नहीं लाते।

शिवा उसकी जाँघ दबाकर बोला: अरे जिसके पास ऐसा माल हो वो थूका हुआ क्यों चाटेगा?

मालिनी हँसने लगी और फिर बोली: अरे देखो उसके गले में मंगल सूत्र है। कहीं यह उसकी बीवी तो नहीं?

शिवा: वाह क्या क़िस्मत है साले की। हो सकता है जानू।

तभी उस लड़की का फ़ोन बजा और जैसे ही वो उसे उठाई वह बंद हो गया। वो बोली: ओह मेरा फ़ोन डिसचार्ज हो गया है। फिर वो अपना पर्स खोली और बोली: ओह मैं तो चार्जर लाना ही भूल गयी। अब क्या होगा?

उसका साथी बुज़ुर्ग बोला: ओह देखो रेस्तराँ वाले के पास है क्या?

वो उठी और जैसे ही शिवा के टेबल के पास से गुज़री वो रुकी और बोली: आपका और मेरा फ़ोन एक ही मेक का है। आपके पास चार्जर होगा क्या?

शिवा: है तो पर हम सिर्फ़ आधा घंटा ही रुकेंगे।

वो: ठीक है इतनी देर में मेरा थोड़ा बहुत तो चार्ज हो ही जाएगा।

शिवा: ठीक है ले जाइए ।

वो: मैं चार्जर ले जाती हूँ और थोड़ी देर में इसे वापस पहुँचा दूँगी। मैं यहीं पीछे कॉटिज नम्बर ३ में हूँ।

शिवा : ठीक है । वो चार्जर लेकर चली गयी। वो आदमी भी उसके साथ चला गया।

मालिनी उसको चिढ़ाई: वाह बस लड़की देखी और फिसल गए।

शिवा: अरे तो क्या मना कर देता। तभी वेटर उनका ऑर्डर ले आया। दोनों खाने लगे और फिर चाय पिए।

शिवा: मैं वाशरूम जा रहा हूँ। तुमको जाना है?

मालिनी: हाँ मुझे भी जाना है।

शिवा ने वेटर से पूछा : भाई वाश रूम किधर है।

वेटर: सर आपका वाश रूम वो है। मगर लेडीज़ टोयलेट को ठीक किया जा रहा है। इसलिए मैडम आप पीछे कोट्टेज नम्बर ४ में चली जाइए। वो खुला है आप उसका टोयलेट उपयोग कर लीजिए। ये कहकर उसने कोट्टेज का रास्ता भी दिखा गया।

शिवा तो चला गया male वाशरूम में। और मालिनी पीछे के रास्ते से कोट्टेज की ओर चली गयी। कोटेज नम्बर ४ में जाते हुए अचानक वो ठिठक गयी। उसे जिस कोट्टेज के पास से गुज़र रही थी, वहाँ से अजीब सी आवाज़ें सुनाई पड़ीं। वो ठिठकी और सामने खिड़की के पास खड़ी हुई और सुनने की कोशिश की । अंदर की आवाज़ से उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी। आवाज़ें साफ़ साफ़ चुदाई की थीं । वो मन ही मन मुस्कुराकर आगे बढ़ कर कोटेज नम्बर ४ पर पहुँची और बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुई और फिर वापस जाने लगी। तभी उसकी निगाह उस साथ वाले कोटेज के नम्बर पर पड़ी ३ नम्बर था। वही जहाँ वो लड़की और बुज़ुर्ग ठहरे थे जिसने उसका चार्जर लिया था। इसका मतलब है कि वो लड़की उस बुज़ुर्ग से चुदवा रही थी। ओह तो शिवा सही था कि वो उसको चोदने ही लाया है ।अब वो वापस कोटेज नम्बर ४ में वापस गयी क्योंकि दोनों जुड़े हुए थे। फिर वो उसके एक कमरे में गयी जो नम्बर ३ से जुड़ा था। वहाँ एक खिड़की थी जो की बरामदे में खुलती थी। वो उसके पास आयी और खुली खिड़की से पर्दा हटाकर झाँकी और उसका मुँह खुला ही रह गया।

अंदर वो लड़की का स्कर्ट ऊपर चढ़ा हुआ था और उसका टॉप भी ऊपर था और वो पलंग के किनारे में अपनी गाँड़ हवा में लटका कर चौपाया बनी हुई थी। उसके बड़े दूध जो कि नीचे की ओर लटक रहे थे उसके दोनों पंजों में दबे थे। और वो बुज़ुर्ग जिसकी पैंट नीचे गिरी हुई थी उसे पीछे से चोद रहा था ।

उसका लौड़ा जो शिवा से थोड़ा सा ही बड़ा था उसकी बुर में अंदर बाहर हो रहा था। वो लड़की उइइइइइइइ कहकर मज़े लेकर अपनी गाँड़ पीछे करके उसका लौड़ा पूरा अंदर तक ले रही थी। फ़च फ़च की आवाज़ें गूँज रही थीं। मालिनी वहाँ से हटने ही वाली थी कि उसके पैर रुक गए जब उसके कान में ये आवाज़ पड़ी: ओह्ह्ह्ह्ह्ह पाआऽऽऽऽऽऽपा और ज़ोर से चोओओओओओदो।
 
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मालिनी पापा शब्द से चौंकी। वो वापस आकर झाँकने लगी। वो लड़की फिर चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह पापा फ़ाआऽऽऽऽऽड़ दो नाआऽऽऽऽ। आऽऽऽह क्या मज़ाआऽऽऽ देते हो आऽऽऽऽऽऽऽप।हाऽऽऽऽय्य काऽऽऽऽऽश आऽऽऽऽऽपके बेटे का भी इतना आऽऽऽऽह मस्त होओओओओओओता तो क्याआऽऽऽऽऽऽ मज़ाआऽऽऽऽ आऽऽऽऽ जाता।

आदमी: आऽऽहहह अगर उसका भी मस्त लौड़ा होता तो मुझे कैसे मजाऽऽऽऽऽऽमिलताआऽऽऽऽ। मेरी बच्चीइइइइइइइ। । ह्म्म्म्म्म्म्म्म।

लड़की: आऽऽऽह पाऽऽऽऽऽपा फाऽऽऽऽड़ दो मेरी बुर। कितना मज़ाआऽऽऽऽऽ दे रहे हो हाऽऽययय।

आदमी: आऽऽऽऽऽहहह मेरीइइइइइ रँडी और चिल्ला साऽऽऽऽऽऽऽऽली कुतियाआऽऽऽऽऽऽ। तू मेरी रँडीइइइइइइइइ है। है ना?

लड़की: हाऽऽऽऽऽऽऽऽय हाँ मैं आऽऽऽऽऽऽऽऽऽपकी रँडीइइइइइइइ हूँ। फिर वो उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी और नीचे बिस्तर पर गिर गयी। वो आदमी अभी भी उसपर चढ़ कर चोदे जा रहा था और चिल्लाया: आऽऽऽह मेरी रँडी बेटी मैं भी गया। अब वो भी उसपर गिर सा गया।

लड़की पलट कर बोली: पापा अपनी रँडी बहु को पेमेंट नहीं करेंगे?

आदमी मुस्कुराया और पर्स से पैसे निकाला और उसे दिया और बोला: लो मेरी रँडी बहु अपनी पेमेंट।

लड़की उठी और अपने कपड़े ठीक किए और पैसे किसी रँडी के माफ़िक़ अपनी ब्रा में डाल लिया। वह आदमी उसको फिर से अपनी बाँहों में खींच कर बोला: आऽऽऽँहह मेरी रँडी बहु तुम तो अब पक्की रँडी बन गयी हो। क्या चुदवाइ हो आज । मज़ा आ गया।

अब वो उठा और बाथरूम में गया। वो लड़की भी बाथरूम में घुसी। पहले वो आदमी वापस आया और तौलिए से अपना बदन पोंछा। तभी वो लड़की भी बाहर आयी। अब उसका टॉप और स्कर्ट सही था। वो आदमी अभी भी नंगा था। तभी फ़ोन बजा। उस आदमी ने अपना फ़ोन उठाया और बोला: राज का फ़ोन है।

लड़की: आप बात करो।

आदमी: हेलो बेटा क्या हाल है?

उधर: -----

आदमी: हम ठीक हैं बेटा। हाँ अपने घर पर ही हैं। और कहाँ होंगे बेटा? वो आँख मारते हुए बोला।
उधर: ----

आदमी: हाँ हाँ यही है , बुलाता हूँ किचन में होगी।

तब तक वो लड़की उसके पास आकर खड़ी हो गयी थी और उसे चूम रही थी। और फिर वो अपना हाथ उसके बॉल्ज़ और लौड़े पर ले गयी और उसको सहला रही थी। अब आदमी ने दिखाने के लिए आवाज़ लगाई: शीला बहू , राज का फ़ोन है।

लड़की आँख मारकर उसके लौड़े को सहलाते हुए फ़ोन ली: हाय जी। कैसे हैं? कब वापस आएँगे?

उधर:-----

लड़की: जल्दी वापस आइएगा । आपकी बहुत याद आती है। ये कहकर वो इस आदमी के निपल चाटने लगी। वो भी उसकी चूचि दबाने लगा ।
उधर:------

लड़की: हाँ हाँ पापा जी का पूरा ख़याल रखती हूँ। वो बिलकुल मज़े में हैं। आप उनकी बिलकुल चिंता ना करें ।मैं हूँ ना उनके लिए यहाँ। वो मुस्कुरा कर उसका लौड़ा सहलाने लगी।

उधर/ -----

लड़की: ठीक है आप अपना ख़याल रखिए और अपना पूरा काम निपटा के ही आइए। यहाँ की चिंता मत करिए। अच्छा बाई।

लड़की हँसकर : पापा मुझे कहना था कि आप वहीं रहो क्योंकि मुझे तो मेरा प्यार मिल गया है । वो उसकी छाती को चूमी और और फिर नीचे बैठी और उसके सोए हुए लौंडे को चूम ली।

उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या गरम लड़की है, मालिनी सोची। अपने ससुर से क्या मज़े मार रही है।

तभी आदमी बोला: शीला तुमको चार्जर भी वापस करना है ना?

शीला: ओह सच में पापा । चलो मैं अभी देकर आती हूँ। आप तय्यार होकर आओ।

अब वहाँ से जल्दी से हटकर मालिनी कांपते हुए क़दमों से वापस आयी और उसका लाल चेहरा देखकर शिवा बोला: क्या हुआ ? बड़ी देर लगा दी?

मालिनी: बाद में कार में बैठकर बताऊँगी।

शिवा: ओह ठीक है। देखो वो लड़की भी आ गयी मेरा चार्जर ले कर। चलो अब चलते हैं। वो दोनों खड़े हुए और तभी वो लड़की आके उसको चार्जर दे कर बोली: थैंक्स।मेरा नाम शीला है। आपका?

शिवा: मैं शिवा हूँ और ये मालिनी है मेरी पत्नी। वो जो आपके साथ हैं वो कौन है?

शीला: वो मेरे ससुर जी हैं। हम पास के शहर में रहते हैं। मेरे पति विदेश में हैं और पापा मुझे यहाँ मेरा मन बदलने के लिए लाए हैं।

मालिनी सोची कि कमिनी कितना झूठ बोल रही है। अभी गाँड़ दबाकर अपने ससुर से चुदवा रही थी और अपने पति से फ़ोन पर बात करते हुए अपने ससुर का लौड़ा सहला रही थी।

मालिनी: बहुत अच्छी बात है कि आपके ससुर आपका इतना ख़याल रख रहे हैं।

शीला: हाँ जी इस मामले में मैं बहुत ख़ुश नसीब हूँ। मुझे सास और ससुर दोनों प्यार करते हैं।

मालिनी: ओह तो आपकी सास नहीं आयी?

शीला: वो एक शादी में बाहर गयीं हैं ।

मालिनी सोची कि सास नहीं है तो क्या मज़े से चुदवा रही है ससुर से । वह बोली: अच्छा लगा आपसे मिलकर।

शीला: आप चाहो तो हम फ़ोन नम्बर शेयर कर लेते हैं।

मालिनी: ठीक है मेरा नम्बर ------ है तुम मुझे अभी काल करो मैं सेव कर लेती हूँ।

शीला और मालिनी ने एक दूसरे का नमबर सेव कर लिया। तभी वहाँ शीला का ससुर भी आ गया। शीला ने उसको भी दोनों से मिलवाया। शिवा ने नोटिस किया कि वो मालिनी को चाहत भरी निगाह से देख रहा था। क्योंकि वो एक ही शहर के थे तो एक दूसरे को अपने घर आने का निमंत्रण दिए।

अब वो एक दूसरे से हाथ मिलाए और फिर शिवा और मालिनी अपनी कार में चल पड़े।

रास्ते में शिवा बोला: हाँ बताओ क्या हुआ था?

मालिनी: ये शीला अपने ससुर से चुदवा रही थी पीछे अपने कोटेज में!

शिवा हैरानी से : क्या? सच में?

मालिनी: हाँ मैंने अपनी आँखों से देखा है। और एक बात बताऊँ ? वो किसी रँडी की तरह ही चुदवा रही थी। और उसका ससुर उसे रँडी ही बोल रहा था। और जानते हो उसने उसे रँडी की तरह पाँच हज़ार रुपए भी दिए।

शिवा: हे भगवान। सुनकर भी अजीब लगता है। वो लड़की अपनी ससुर की रँडी है ? हमारा समाज कहाँ जा रहा है?

अब मालिनी को भी थोड़ा सा डर सा लगा। वो भी तो अपने ससुर के साथ फँसी हुई थी। कहीं शिवा को इसका पता लगा तो पता नहीं वो कैसे रीऐक्ट करेगा? वो बोली: हाँ बड़ा अजीब तो है। पर वो लड़की बोल रही थी कि उसका पति अक्सर बाहर रहता है और शायद उसका हथियार भी कमज़ोर है।

शिवा: ओह तब तो लड़की का बहुत ज़्यादा दोष नहीं है। बुर तो सबकी खुजाती है। और अगर पति उसकी प्यास नहीं बुझा पाए तो वो किसी से तो चुदेगी ही। और एक तरह से ठीक ही है कि वो अपने ससुर से ही चुदवा रही है। वरना बाहर किसी से चुदवाती तो बदनामी का भी डर रहता है।

मालिनी सोची कि अगर मजबूरी में चुदवा रही है तो शिवा को कोई ऐतराज़ नहीं है। ये एक बड़ी बात है पर उसके ख़ुद के साथ तो इस तरह की कोई मजबूरी नहीं है। शिवा उसे पूरे मज़े देता है और उसका हथियार भी तगड़ा है। ये बहाने तो उसके लिए नहीं चलेंगे अगर वो ससुर के साथ पकड़ी गयी। वो सोची कि उग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ वो क्या करे? पापा को कैसे कंट्रोल करे। उनकी प्यास तो बढ़ती ही जा रही है। और सच तो ये है कि अब उसे ख़ुद को भी पापा के साथ मज़ा आता है। हे भगवान क्या करूँ। वो बोली: आपका मतलब है कि मजबूरी में अपने ससुर से चुदवाना ग़लत नहीं है।

शिवा: हाँ मेरे हिसाब से तो ठीक ही है। फिर हँसकर बोला: अरे मैं तो तुमको पूरा मज़ा और पूरी संतुष्टि देता हूँ ना? तुमको तो ज़रूरत नहीं है ना किसी से चुदावने की?

मालिनी ने झूठा ग़ुस्सा दिखाते हुए उसकी जाँघ पर एक मुक्का मारकर बोली: आप भी कुछ भी बोले जा रहे हो।
पर वो मन ही मन चिंता करने लगी कि क्या अपने ससुर के साथ वो जो भी मजबूरी में कर रही है वो सही है क्या? वो कैसे शिवा को समझाए कि पापा को दूसरी शादी से रोकना ही उसकी मजबूरी है। फिर वो सोची कि ये सच है कि ये मजबूरी तो है पर ये भी सच है कि आजकल उसको ख़ुद को भी पापा के साथ मस्ती करने में मज़ा आने लगा है। वो फ़ैसला करी कि अब वो उनसे दूर होने की कोशिश करेगी। पर पता नहीं वो उनकी दूसरी शादी को कैसे टालेगी उसे नहीं पता।

मालिनी को चिंता में डूबा देखकर शिवा बोला: क्या बात है किस चिंता में हो?

मालिनी: कुछ नहीं। तभी मालिनी का फ़ोन बजा। सरला की काल थी। वो बोली: हाय मम्मी बस आधे घंटे में पहुँचेंगे।

सरला: बहुत देर हो गयी है इसलिए फ़िक्र कर रही थी । चलो ठीक है आओ। वो फ़ोन काट दी।

जब वो घर पहुँचे तो दरवाज़ा सरला ने ही खोला।शिवा उसको देखता ही रह गया। वो बहुत सेक्सी लग रही थी । उसने मस्त गुलाबी साड़ी पहनी थी जो करीब पारदर्शी थी। और साथ ही सलीवलेस ब्लाउस से उसकी गोल गोल गोरी बाहं भी मस्त दिख रही थीं । उसने खुले गले का ब्लाउस पहना था। उसकी आधी चूचियाँ ब्लाउस और पारदर्शी साड़ी से बाहर झाँक रही थी। मालिनी उसके गले लगी और बोली: मम्मी बहुत सुंदर लग रही ही। फिर वो उससे अलग हुई और शिवा झुककर उसके पैर छुआ। सरला उसे बाँह पकड़कर उठाने लगी और शिवा के नाक में मस्त सेण्ट की ख़ुशबू आयी। अब वो उठा और उसकी निगाह चिकने पेट और गहरी नाभि पर पड़ी। सरला की बाहँ अब ऊपर हुई और उसकी मस्त गोरी चिकनी बग़ल देखकर वो मस्त होने लगा । सरला ने उसका सिर झुकाया और उसका माथा चुमी। अब शिवा की आँखें उसकी खुली अर्धनग्न छातियों पर थीं और वहाँ से आ रही मस्त और मादक करने वाली गंध उसके लौडे में हलचल मचा दी। उसे अपने आप पर शर्म आयी कि वो अपनी माँ की उम्र की सास को ऐसी निगाहों से देख रहा है। वो सरला से अलग हुआ और बोला: मम्मी जी कैसी हैं ?

सरला: बेटा मैं बिलकुल ठीक हूँ। चलो अब अंदर आओ।

वो दोनों अंदर आए। अंदर ताई जी भी बैठी थीं और बीमार सी दिख रहीं थीं । उन्होंने उनके भी पैर छुए।

फिर सब बातें करने लगे । तभी ताऊ जी भी आए और उन्होंने उनके पैर भी छुए ।शिवा ने देखा कि ताऊजी की आँखें बार बार सरला पर जा रही थी। उनकी आँखों में वासना स्पष्ट नज़र आ रही थी।
 
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तभी मालिनी का भाई कोलेज से आया और मालिनी से लिपट कर प्यार किया। तभी ताऊ की दोनों बेटियाँ भी आयीं। स्कर्ट ब्लाउस में दोनों बहुत प्यारी लग रहीं थीं। वो सब शिवा से भी हाथ मिलाए।

राकेश जो कि मालिनी का भाई था बोला: दीदी चलो ना हमारे कमरे में बातें करेंगे।

चारु जो बड़ी थी बोली: हाँ दीदी चलो ना।

मुन्नी जो छोटी थी , मालिनी का हाथ पकड़कर उसे खिंचने लगी। मालिनी हँसकर बोली: अच्छा बाबा चलती हूँ। फिर शिवा को बोली: आप भी आइए ना ।

शिवा हँसकर : तुम जाओ मैं आता हूँ। मेरे सामने ये शर्माएँगी।

जब बच्चे चले गए तो मालिनी बोली: क्या लोगे बेटा? ठंडा या गरम?

शिवा: मम्मी जी पानी दे दीजिए।

सरला उठी और अपनी मोटी गाँड़ मटकाते हुए किचन में गयी और पानी लाकर गिलास को देती हुई अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करने के बहाने अपनी क्लिवेज़ शिवा को अच्छे से दिखा दी। शिवा के नाक में उसके मस्त सेण्ट की गंध आइ और वो उत्तेजित होने लगा। फिर वो थोड़ी देर बातें किए और ताई जी लेटने चली गयीं। ताऊ जी भी एक फ़ोन आने से बाहर चले गए। अब सरला और शिवा ही आसपास बैठे थे। बातें करते करते वो उसकी जाँघ दबा देती थी। फिर वो बोली: बेटा, खाना लगा दूँ?

शिवा : जी मम्मी लगा दीजिए।

सरला उठी और मटकती हुई किचन में चली गयी। थोड़ी देर वह टी वी देखता रहा फिर उसे बाथरूम जाने की ज़रूरत महसूस हुई। वो ड्रॉइंग रूम से बाहर आकर इधर उधर देखा तो उसे बाथरूम दिखाई दिया। वो जब पेशाब करके बाहर आया तो वह एक कमरे के सामने से गुज़रा। उसमें से उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें आ रही थीं । वो रुका और एक खुली खिड़की के परदे को हटा कर अंदर झाँका। अब वो चौका क्योंकि उसने देखा कि ताऊ जी मम्मी को अपने से चिपका कर खड़े थे और उनकी खुली चूचियों को चूमे जा रहे थे। मम्मी भी मज़े से उनका सिर दबा रही थी। ताऊजी मम्मी की मस्त मोटी गाँड़ भी मसल रहे थे। ताऊजी: मेरी जान आज क्या माल दिख रही हो? उफफफ बहुत ही सुंदर सजी हुई हो। क्या बात है? आख़िर क्यों इतना सेक्सी रूप धरी हो। क्या दामाद को पटाना है?

शिवा एकदम से चौंक गया। ये क्या बोल रहे हैं ताऊजी।

सरला: आप भी कुछ भी बोलते हो। क्या मैं अच्छे कपड़े नहीं पहन सकती?

श्याम उसको चूमते हुए बोला: अरे क्यों नहीं पहन सकती। क्या माल दिख रही हो?

सरला: आऽऽऽह अब छोड़ो । मुझे खाना लगाना है।

वह आख़िर बार उसकी चूचियाँ दबाया उसे छोड़ा और बोला: चलो अब खाना लगाओ।

शिवा जल्दी से वहाँ से हट गया।

सरला अब खाना लगाने लगी।

शिवा आकर सोफ़े पर बैठकर अपना खड़ा लौड़ा ऐडजस्ट किया और सोचने लगा कि ये क्या देखा मैंने? मम्मी ताऊजी से लगी हुईं हैं। क्या मालिनी को पता है? पर उसने कभी ज़िक्र नहीं किया। इसका मतलब है कि मालिनी भी मुझसे बातें छिपा लेती है? वह सोचा कि वो ख़ुद भी तो अपनी सास को ख़राब नज़र से देख रहा है। उसके लौड़े का बार बार खड़ा होना इसका सबूत था। वो अपने लौड़े पर हाथ फेरा मानो उसे तसल्ली दे रहा हो, और सोचने लगा कि उस दिन मम्मी की सहेली भी तो ऐसी ही औरत थी जो कि उसका लौड़ा ही चूस गयी थी। तो क्या सच में मम्मी चरित्रहीन है ?

तभी मालिनी और उसके कज़िन हँसते हुए कमरे में आए और चारु बोली: जीजा जी आज हम दीदी और आपके साथ मूवी देखेंगे।

शिवा: हाँ हाँ क्यों नहीं साली साहिबा। आप जो चाहेंगी वैसा ही होगा।

मालिनी: आह तेरे जीजा जी का मूड अच्छा है और कुछ भी माँग ले।

मुन्नी: जीजा जी मुझे मोबाइल दिलवाइए ना।

शिवा: बिलकुल दिलाएँगे अगर तुम एक मीठी सी पप्पी दोगी।

लाड़ प्यार में पली मुन्नी फट से आगे आयी और उसकी गोद में बैठ गयी और अपने गाल आगे करके बोली: लीजिए पप्पी।

शिवा की हालत ख़राब हो गयी। वो उसके पैंट में फँसे खड़े लौड़े पर बैठ गयी थी। अब उसे दुखने लगा था, वो जल्दी से उसकी पप्पी लिया और उसको अपनी गोद से उठाया और बोला: मालिनी इसे मोबाइल दिलवा देना। अब शिवा अपनी पैंट के ऊपर हाथ रखकर अपना इरेक्शन मालिनी से छुपाने की कोशिश किया। पर उसकी कोशिश नाकामयाब रही क्योंकि मालिनी को आभास हो गया था कि शिवा का लौड़ा शायद खड़ा है। पर क्यों? वो सोची।

मालिनी दिखाने के लिए ख़ुश होकर: जी दिलवा दूँगी। अब मुन्नी ख़ुश होकर मालिनी की गोद में बैठ कर उसको भी पप्पी दे दी।

तभी सरला आयी और बोली: चलो सब लोग खाना लग गया है।

मुन्नी: चाची, आपको पता है, जीजा जी मुझे मोबाइल दिलाएँगे। और आज हम सब मूवी भी देखने जाएँगे । हैं ना जीजा जी? वो शिवा की बाँह पकड़कर बोली।

शिवा मुस्कुराया: ज़रूर छोटी साली जी।

सब हँसने लगे। पर सरला सोच में डूब गयी। वो सोची कि ये अच्छा अवसर है अगर शिवा ना जाए तो बात आगे बढ़ सकती है। उसने एक योजना बनाई और बोली: देखो मैं तो नहीं जाऊँगी। तुम सब जाओ।

मालिनी: क्यों मम्मी आप भी चलो ना।

सरला: नहीं बेटी मैं नहीं जा सकती हूँ। तेरी ताई का भी ध्यान रखना पड़ता है। पिछले कुछ दिनों से उसकी तबियत ज़्यादा ही ख़राब है।

अब सब खाना खाने बैठे तब सरला धीरे से किचन में जाकर शिवा के फ़ोन में sms की। उसने लिखा: मुझे तुमसे बहुत ज़रूरी बातें करनी है,वो भी अकेले में। अगर तुम कुछ बहाना बना कर मूवी ना जाओ तो हम अकेले में बातें कर सकेंगे। बात इतनी सेन्सिटिव है कि अभी मैं मालिनी को भी नहीं बता सकती।

सब खाना खा रहे थे। सरला ने शिवा के फ़ोन में sms आने की आवाज़ सुनी। पर वह मस्ती में बातें कर रहा था। उसने sms की तरफ़ ध्यान नहीं दिया। सरला चाहती थी कि वो एक बार फ़ोन चेक करे। पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो ये काम कैसे करे? ख़ैर सबने खाना खाया और शिवा ने खाने की बहुत तारीफ़ भी की। फिर सब खाना खा कर बैठे और मस्ती करने लगे। मूवी जाने में अभी एक घण्टे थे। इसी समय में सरला चाहती थी कि किसी तरह से शिवा अपना sms पढ़ ले।

जब बहुत देर हो जाने के बाद भी वो फ़ोन चेक नहीं किया तो सरला बोली: शिवा तुम्हारा फ़ोन मैंने आज लगाया था जब तुम यहाँ आ रहे थे। पर वो लगा नहीं। तुमने अपना नम्बर बदला है क्या?

शिवा: नहीं तो, मेरा नम्बर वही है।

सरला: अच्छा मैं तुमको एक मिस्ड कॉल देती हूँ तुम देखो बजता है कि नहीं। अब वो उसे फ़ोन करी और शिवा की घंटी बजी । अब वो अपना फ़ोन उठाया और बोला: मम्मी देखो आपका नम्बर आ रहा है।

सरला: ओह फिर ठीक है। तभी वो देखी कि शिवा ने sms को नोटिस किया। उसे पढ़कर वो सवालिया नज़रों से उसे देखा। सरला ने हाँ में सिर हिलाया और बोली: बेटा थोड़ा आराम करना हो तो मेरे कमरे में आराम कर लो।

शिवा उसका इशारा समझ गया और बोला: मालिनी तुम बातें करो मैं थोड़ी देर लेट लेता हूँ।

सरला उसे लेकर अपने बेडरूम में आयी और बोली: बेटा तुमको कोई बहाना बनाना है क्योंकि मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है। श्याम भी शाम के पहले नहीं आएँगे।

शिवा: वो तो मैंने sms में पढ़ा पर ऐसी क्या बात है जो आप मालिनी को भी नहीं बताना चाहती?

सरला: बेटा बात तुम्हारे पापा के बारे में है। प्लीज़ कोई बहाना बना लो।

शिवा हैरानी से : मेरे पापा के बारे में ? ओह, ठीक है मैं लेट जाता हूँ। बाद में मैं सिर दर्द का बहाना बना दूँगा।

सरला ख़ुश होकर: ठीक है बेटा आराम करो। वह झुक कर उसको चादर उढाई और झुकने के कारण उसके उभारों के दर्शन कर वह एक बार फिर से गरम हो गया। फिर वह बाहर चली गयी।

फिर वही हुआ जो सरला चाहती थी। ठीक समय पर शिवा ने सर दर्द का बहाना बनाया और मालिनी आख़िर में हराकर अपने कजिंस के साथ मूवी देखने चली गयी।

उनके जाने के बाद शिवा उठकर ड्रॉइंग रूम में आया और सरला से बोला: हाँ मम्मी जी अब बताइए क्या बात है वो भी पापा के बारे में?

सरला मुँह उतराके बोली: बेटा एक बहुत बड़ी समस्या आ गयी है।

शिवा: क्या समस्या आप बताइए तो सही।

सरला: बेटा तुम्हारे पापा दूसरी शादी का सोच रहे है।

शिवा: क्या ? आपसे किसने कहा?

सरला: ख़ुद तुम्हारे पापा ने।

शिवा: ओह ये तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी।

सरला: और भी सुनो, वो तो लड़की भी मालिनी से छोटी लाएँगे ऐसा बोले हैं !

शिवा: हे भगवान। ये पापा को क्या हो गया है?

सरला: बेटा, मुझे तो तुम दोनों की बहुत चिंता है। एक तो मालिनी की सास उससे छोटी उम्र की और दूसरी ओर उसके भी बच्चे हुए तो तुम्हारे लिए एक और सर दर्द हो जाएगा। जायदाद में वो भी बराबर का हिस्से दार हो जाएगा। घर की शांति भंग होगी वो अलग। मेरा तो सोच सोच कर सिर फटा जा रहा है। बेचारी मेरी बच्ची का क्या होगा? ये कहते हुए वो रोने लगी।

शिवा उसके रोने से हड़बड़ा गया और उठ कर उसके पास आकर बैठा और उसको दिलासा देते हुए बोला: मम्मी आप क्यों रो रही हो? हम कुछ करेंगे ना। पापा को समझाएँगे।

सरला ज़ोर से रोती हुई बोली: वो सब मैं कर चुकी हूँ वो नहीं मान रहे हैं। अब शिवा उसके हाथ को सहलाया और बोला: मम्मी रोने से कोई समस्या हल नहीं होगी। वह उसकी बाँह को सहलाया और उसकी उँगलियाँ उसके बड़े स्तन से छू गयीं। उसे जैसे बिजली का झटका लगा। उधर सरला ने रोते हुए अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया था और उसकी साड़ी का पल्लू भी गिर गया था । अब शिवा को उसके आधे दूध जो कि ब्लाउस से बाहर थे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे और उसके लौड़े ने फिर से अपनी अकड़ दिखानी शुरू कर दी।

सरला भी अब रोते हुए बोली: क्या करूँ रोने केअलावा और क्या कर सकती हूँ?
 

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