अब सरला उठी और आकर उसके ऊपर बैठी और उसके होंठ चूसने लगी। वो भी उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ दबाने लगा। अब वो अपनी कमर उठाई और उसके लौड़े को पकड़कर अपनी बुर के मुँह पर रखी और नीचे दबाकर अपनी बुर में उसको अंदर करते हुए उइइइइइइइ कहकर अपनी कमर को पूरा दबा दी और लौड़े को जड़ तक अपने अंदर कर लिया। अब वह अपनी कमर उछालकर उसे चोदने लगी। शिवा भी नीचे से धक्के मारकर ह्म्म्म्म्म्म कहते हुए मस्तीसे उसका साथ देने लगा।
अब मालिनी : आऽऽऽऽऽहहह बेएएएएएटा आऽऽऽऽऽऽऽह फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइ बुर।
शिवा: ह्म्म्म्म्म्म मम्मी क्या मज़ा आ रहा है। सरला की कमर हिले जा रही थी। फिर वो बोली: बेटा अब मैं थक गयी हूँ। तुम ऊपर आ जाओ।
शिवा उसको अपनी बाहों में भरकर उसे लिए हुए ही पलट गया और ख़ुद ऊपर आ गया। अब वो उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रखकर बुरी तरह से चोदने लगा । अब तो कमरा सरला की आऽऽऽऽऽह उइइइइइइइ ऊम ऊम ऊम की आवाज़ों से भर गया। पलंग की चरमराहट अब अपनी चरम सीमा पर था जो बुरी तरह से हिल रहा था। मालिनी सोची कि जवान लड़के की चुदाई अलग ही होती है। उफफफफ क्या ताक़त है इस लड़के में। फिर वह चिल्ला कर उइइइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी। शिवा भी ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। अब वह आकर उसकी बग़ल में लेट गया। अब वो सरला के गाल चूमकर बोला: मम्मी आपको पता नहीं है कि आपने आज मुझे कितना मज़ा दिया है। मेरे सालों की इच्छा थी कि मैं एक आपकी उम्र की औरत को चोदूँ। आज मैं बहुत संतुष्ट हूँ।
सरला: अच्छा वो क्यों?
शिवा: मैंने अपनी मम्मी को कई बार कपड़े बदलते हुए नंगी देखा था। उनकी बड़ी बड़ी छातियाँ और उनकी बड़ी गाँड़ मुझसे बहुत आकर्षित करतीं थीं। आज आपको चोदते समय मुझे लगा मानो मैं अपनी मम्मी को ही चोद रहा हूँ। मेरी बहुत बड़ी फ़ैंटासी को मानो आपने रीऐलिटी में बदल दिया है।
अब वो उसकी चूचि चूसने लगा। अब शिवा ने उसके बड़े बड़े चूतरों को सहलाया और बोला: मम्मी आपके चूतर तो मख्ख्नन की तरह चिकने हैं । फिर वह अपनी ऊँगली गाँड़ में घुमाने लगा। वह बोला: मम्मी मालिनी की गाँड़ में तो एक ऊँगली भी मुश्किल से जाती है। बहुत टाइट है उसकी गाँड़। मेरी हिम्मत ही नहीं होती उसकी गाँड़ मारने की।
सरला: पहली बार गाँड़ मरवाने में सच में बहुत दर्द हुआ था पर अब सब ठीक है। अब तो कुछ दिन ना मरवाओ तो गाँड़ खुजाने लगती है बेटा। आऽऽऽऽहहह क्या कर रहा है? थूक लगा कर डाल ना ऊँगली। सूखे ही घुसेडे जा रहा है अंदर?
शिवा: सारी मम्मी । फिर वो ऊँगली में थूक लगाया और गाँड़ में दो उँगलियाँ डाल दिया। सरला आऽऽऽऽह कर उठी।
शिवा: मम्मी ये पापा की दूसरी शादी का क्या अपने मालिनी को बताया है?
सरला उसके लौड़े को सहलाकर: हाँ उसे पता है। वो काफ़ी परेशान है। पर तुमको इस लिए नहीं बताई कि वो तुमको परेशान नहीं देख सकती।
शिवा गाँड़ में उँगलियाँ घुमाते हुए: ओह, ऐसा? एक बात पूँछु मम्मी अगर ग़ुस्सा ना होगी तो?
सरला: अरे पूछ ना बेटा जो भी पूछना है। वो उसके बॉल्ज़ को सहलाते हुए बोली।
शिवा:पापा ने आपको क्यों बताया कि वो दूसरी शादी करने का सोच रहे है?
सरला हड़बड़ा कर: मुझे क्या पता? ऐसा क्यों पूछा?
शिवा: मम्मी मुझे शक है कि आपके और पापा के बीच भी कुछ हो चुका है। उस दिन पार्टी में पापा जिस तरह से आपको देख रहे थे और आप भी उनको जैसी निगाहों से देख रहीं थीं, मुझे तो गड़बड़ लगी थी।
सरला: देखो बेटा, अब तुमसे ये सब करने के बाद अब मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूँगी। वह उसके लौड़े को मुठियाते हुए बोली: हाँ मैं उनके साथ भी ये सब कर चुकी हूँ।
शिवा: ओह तो मेरा शक सही था। कितनी बार मिली हो आप पापा से ?
सरला: तीन चार बार। बस अब कुछ और ना पूछना। मुझे अजीब लग रहा है।
शिवा: ठीक है नहीं पूछूँगा । बस इतना बता दीजिए कि क्या आपने पापा से गाँड़ भी मरवायी थी? वह उसकी गाँड़ में उँगली करते हुए कहा।
सरला: हाँ मरवाई है। उनको बहुत अच्छा लगता है गाँड़ मारना। वो बताए थे।
शिवा: ओह तो ताऊजी भी मारते है क्या?
सरला: हाँ मारते हैं।
शिवा: मम्मी उस बार जब आप और ताऊजी हमारे घर आए थे और रात रुके थे पार्टी के बाद । उस दिन भी आप पापा से चुदवायी थी ना?
सरला: हाँ।
शिवा: पर ताऊ भी तो थे वहाँ । उनको तो पता होगा ना?
सरला: बेटा, तुम मुझे बहुत एम्बारस कर रहे हो।
शिवा : प्लीज़ मम्मी बताइए ना। वह अब उसकी चूचि चूसने लगा।
सरला: आऽऽँहह । हाँ श्याम को सब पता है बल्कि उस रात को हम तीनों ने साथ में ही किया था।
शिवा का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था। वो बोला: मतलब आप तीनों ने एक साथ सेक्स किया था? Wow। तो कैसे किया था? किसने आपकी गाँड़ मारी थी और किसने बुर? वह चूचि चूसकर दबाते हुए बोला । उसकी उँगली अभी भी गाँड़ में घुसी हुई थी।
सरला अब गरम हो चुकी थी । वो बोली: आऽऽहहह हाँ एक गाँड़ मारता था और दूसरा बुर चोदताथा। ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाय । अब कुछ करो ना। प्लीज़ ।
शिवा भी गरम हो चुका था और उसने सरला को लुढ़का कर पेट के बल लिटाया और वो उसके मस्त चूतरों को सहलाया और दबाया । दिर वह उनको चूमने लगा। अब सरला ख़ुद ही चौपाया बन गयी और अपनी गाँड़ बाहर कर उसे चोदने का मानो आमंत्रण दी। सरला बोली: बेटा थोड़ा सा क्रीम लगा ले। और डाल दे। सच बहुत खुजा रही है।
शिवा मस्त होकर क्रीम लेकर उसकी गाँड़ में और अपने लौड़े पर लगाया और उसके चूतरों को फैलाया और अपने लौड़े को उसके छेद में लगाकर धक्का दिया। अब लौड़ा उसकी गाँड़ में धँसता चला गया। सरला आऽऽऽहहह मरीइइइइइइइ चिल्लाई।
शिवा अब मस्ती में आकर उसकी गाँड़ मारने लगा। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मज़ाआऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽ है। वह अब पिस्टन की तरह आगे पीछे होकर उसकी गाँड़ मार रहा था सरला की चीख़ें निकल रही थी। शिवा हाथ नीचे कर के उसकी चूचियाँ दबाए जा रहा था । जल्दी ही सरला भी आऽऽऽंहहह करके अपनी बुर की क्लिट मसलने लगी। फिर उसने शिवा का हाथ पकड़ा और उसे अपनी क्लिट में रगड़ने लगी। शिवा अब ख़ुद उसकी क्लिट रगड़ने लगा और गाँड़ में धक्के भी मारता रहा। जल्दी ही दोनों चिल्ला कर झड़ने लगे।
सरला पेट के बल गिर गयी और वो उसके बग़ल में लेट गया। सरला हाँफते हुए बोली: जानते हो आज तो तुमने मेरे साथ ये चुदाई की है । ये मेरे जीवन की सबसे बढ़िया चुदाई है जिसे मैं जीवन भर नहीं भूलूँगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या ताक़त है तुममें। कितना दम में है तुम्हारी कमर में। सच में मालिनी बहुत क़िस्मत वाली है जो उसे ऐसा बढ़िया चुदक्कड पति मिला है। जितनी बढ़िया तुमने बुर चोदी उतनी ही बढ़िया गाँड़ भी मारी।
शिवा हँसकर: मम्मी अभी तो एक राउंड और होगा।
सरला: नहीं नहीं बस मैं थक गयी हूँ। और नहीं करवा सकती।
शिवा: मम्मी ये सब मूवी देखकर अब आते होंगे । चलो हम तय्यार होकर ड्रॉइंग रूम में चलते हैं। वो दोनों फिर बाथरूम में फ़्रेश होकर ड्रॉइंग रूम में पहुँचे और सरला चाय बनाकर लाई। वो इस बीच अपनी जेठानी को भी पानी और चाय उसके कमरे में दे आयी थी।
शिवा: मम्मी एक बात पूछूँ ? ग़ुस्सा मत करना।
सरला: सब कुछ तो बता दिया है । अब और क्या बताना है?
शिवा: मम्मी मालिनी और राकेश क्या श्याम ताऊ जी के बच्चें हैं।
सरला: नहीं वो मेरे पति से हैं । बल्कि यहाँ उलटा है।
शिवा चाय पीते हुए: उलटा मतलब ?
सरला:असल में चारु और मुन्नी मेरे पति की संतान हैं। ये बात मैंने कभी किसी को नहीं बतायी। यहाँ तक कि मालिनी को भी नहीं। हुआ ये था कि जब जेठानी के बच्चा नहीं हो रहा था तब उसका चेक अप करवाया था मैंने । और वो बिलकुल ठीक थी कमी ज़ेठ जी यानी श्याम जी में थी। उनके वीर्य में कुछ कमी थी। फिर मैंने अपने पति को मनाया और जेठानी को उनसे चुदाया और वो दो बच्चियों की मॉ बनी। इसलिए जेठानी के बच्चे मेरे बच्चों से छोटें है।
शिवा: ओह ये तो बड़ी अजीब बात है। ताई जी पापा जी से आपके सामने चुदतीं थीं क्या?
सरला: हाँ शुरू में वो झिझकती थीं ना। इसलिए मैं वहाँ सामने रहती थी। बाद में वो ख़ुद दोपहर को चुदवा लेती थीं।
शिवा: और आप ताऊ जी से कैसे शुरू हुई?
सरला: वो तो मेरे पति की मृत्यु के बाद श्याम मुझे पटा लिए। मैं भी प्यासी थी तो फँस गयी।
शिवा : ओह , । तभी बहुत शोर करते हुए सभी बच्चे मालिनी के साथ अंदर आए। और मूवी के बारे में उत्साह से बताने लगे।
मुन्नी भी बहुत ख़ुश होकर अपना नया मोबाइल शिवा को दिखाई और बोली: थैंक्स जीजा जी , दीदी ने आपके कहने से दिलवा दिया। और उसने शिवा के पास आके उसकी पप्पी ले ली। सब हँसने लगे। शिवा ने भी मुन्नी के गाल में एक पप्पी दे दी।
सरला ने सबके लिए चाय बनाई। सब खाते पिते बहुत बातें किए। शिवा : मालिनी कब वापस चलना है?
चारु: प्लीज़ कल चले जाइएगा ना। अभी दीदी से बहुत सी बातें करनी हैं।
सरला: और क्या बेटा। प्लीज़ एक रात के लिए रुक जाओ।
शिवा उसकी आँखों में देखा और वहाँ वासना साफ़ साफ़ दिखाई दी उसको।
वो मुस्कुराकर: ठीक है आप सब चाहते हो तो यही सही, पर हमको कल सुबह सुबह ही जाना होगा। ११ बजे तक दुकान खोलनी रहती है ना।
सब ख़ुश हो गए। मुन्नी उससे आकर लिपट गयी और बोली: थैंक्स जीजा जी। शिवा ने भी प्यार से उसके गाल सहला दिए।