Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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मालिनी सोची कि पापा को शायद परेशानी होगी। सो वह बोली: पापा के खाने का क्या होगा?

सरला: अरे एक रात बाहर खा लेंगे। मैं उनको बोल देती हूँ।

शिवा मुस्कुराया और सोचा कि वो आपकी बात तो मान ही जाएँगे। फिर चारु और मुन्नी मालिनी को अपने कमरे में ले गए। शिवा बोला: राकेश मैं थोड़ा सैर करके आता हूँ। कोई पार्क है क्या पास में?

राकेश: जीजा जी आप चाहो तो मैं ले चलता हूँ आपको।

शिवा: हाँ हाँ चलो ना। साथ रहेगा तो अच्छा ही लगेगा।

राकेश: मैं अभी आया जूते बदलकर। वो अपने कमरे में चला गया।

सरला किचन में खाने की तय्यारी कर रही थी । शिवा उसके पास आया। वो उसको पीछे से पकड़कर उसके कंधों को चूमकर बोला: मम्मी अब रोक तो लिया है आपने , रात का प्रोग्राम बनेगा क्या।

सरला: क्यों रात को मालिनी की नहीं लोगे क्या?

शिवा: उसका पिरीयड्ज़ आया हुआ है। आज तीसरा दिन है।

सरला: तभी मेरी लेने का ख़याल आया है?

शिवा उसकी गाँड़ दबाकर और चूचि मसलकर बोला: उफफफ मम्मी क्या माल हो आप। कुछ करो ना रात की चुदाई का इंतज़ाम।

सरला: उइइइइइइ छोड़ ना बेटा। मार ही डालेगा क्या। चल कुछ सोचती हूँ। और कुछ नहीं कर पाई तो मालिनी के दूध में नींद की एक गोली डाल दूँगी। वो मज़े से सोती रहेगी और तुम आके मज़े कर लेना। ठीक है ना?

शिवा उसे चूमकर: वाह मम्मी आपका प्लान बढ़िया है। लगता है ताई जी पर भी यही प्लान आज़माती होगी।

सरला उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर बोली: धत्त बदमाश कंही का। शिवा हंसकर उसकी बुर को साड़ी के ऊपर से दबाकर: ठीक है मम्मी मैं और राकेश थोड़ा पार्क तक घूम कर आते हैं । आप पापा से हमारे कल आने की बात कर लेना। फिर वह बाहर आया और तभी राकेश भी आया और दोनों पार्क की ओर चल पड़े।

उधर सरला ने अपने कपड़े ठीक किए जो शिवा ने ब्लाउस और साड़ी मसलकर ख़राब कर दिए थे और बुर को खुजाकर वो सोची कि उफफफ कितना गरम ख़ून है इस लड़के का?

फिर वो राजीव को फ़ोन लगाई: नमस्ते समधी जी। कैसे हैं ?

राजीव : बहुत उदास हूँ, बहु को तुमने हज़म जो कर लिया है।

सरला हँसकर : वो दोनों तो आज रुकने का सोचे हैं। कल सुबह वापस आएँगे।

राजीव: ये तो ग़लत बात है। शाम को वापस आने की बात हुई थी। मेरे डिनर का क्या होगा?

सरला: अरे एक रात बाज़ार से ऑर्डर करके मँगा लीजिएगा ना। रात के लिए कोई छम्मक छल्लो भी बुला लीजिए। आपकी रात रंगीन कर देगी।

राजीव: तुम जानती हो मुझे रँडी में कोई दिलचस्पी नहीं है। अच्छा ये तो बताओ तुम्हारा और शिवा का कुछ हुआ? बात आगे बढ़ी कि नाहीं ?

सरला हँसते हुए: वो तो आपका सगा बेटा ही निकला ।आज ही दोपहर को उसने मेरी आगे और पीछे दोनों की ले ली।

राजीव ख़ुशी से चिल्लाया: क्या बोलती हो? हो भी गया?

सरला: आप दुनिया के इकलौते बाप होगे जो अपने बेटे की ऐसी करतूत से ख़ुश हो रहे हैं। कोई दूसरा होता तो बेटे को दस जूते मारता ।

राजीव: अरे मेरा बेटा है। मुझे उस पर गर्व है। अच्छा बताओ कुछ सीखा है वो कि नहीं की बिस्तर पर औरत को कैसे मज़ा देना है?

सरला: अरे वो तो उस्ताद हो गया है। आख़िर मेरी बेटी भी तो साथ में ट्रेनिंग दी है ना उसको?

राजीव: अच्छा बताओ कि मेरे साथ ज़्यादा मज़ा आया कि शिवा के साथ?

सरला हँसती हुई: सच बोलूँ? शिवा का जवान बदन और उसका मस्त हथियार पागल कर देने वाला है। और जानते हो जवानी का स्टेमिना कितना ज़्यादा होता है। पूरे आधे घंटे बिना रुके उसने मुझे चोदा है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मेरी तो जैसे बरसों की प्यास बुझा दी उसने। आपको जलन तो नहीं हो रही है?

राजीव: अरे नहीं । बल्कि गर्व हो रहा है अपने बेटे की मर्दानगी पर। फिर आज रात का क्या प्लान है?

सरला: अभी आया था किचन में। सब कुछ दबाकर बोला है कि रात को आएगा मेरे कमरे में ।

राजीव: और मालिनी उठ गयी और देखी कि शिवा नहीं है तो?

सरला: उसको तो नींद की एक गोली दे दूँगी। सुबह तक मस्त सोएगी।

राजीव: चलो बढ़िया। अब इसके बाद तुम यहाँ आना और मैं मालिनी को तुम्हारी और शिवा की चुदाई दिखाऊँगा। बस उसके बाद सब कुछ बढ़िया हो जाएगा।

सरला थोड़ा परेशान होकर: शिवा को पता चला आपके और मालिनी के बारे में तो पता नहीं वो इसे कैसे लेगा?

राजीव : अरे तुम चिंता ना करो मैं उसका पहले ही ब्रेन वाश कर दूँगा। अब उसे थोड़ी इनसेस्ट का मतलब समझाना होगा।

सरला: वो तो मैंने यहाँ ही शुरू कर दिया है। वैसे आपको बता दूँ कि आज उसने मेरे सामने कई बार बोला कि वो अपनी सगी माँ को नंगी देख चुका था और उसकी फंतसि थी किवो अपनी माँ को चोदे।

राजीव हैरानी से बोला: ओह। ऐसा क्या? ये तो नयी बात पता चली।

सरला: वो मुझसे और अपनी माँ में तुलना भी कर रहा था। ख़ासकर हमारी छातियों की।

राजीव: ओह तब तो काम आसान हो जाएगा। चलो रात में मज़े लो और कल रिपोर्ट देना। हैपी फ़किंग मेरे बेटे के साथ। फिर वो फ़ोन काट दिया।

उधर मालिनी अपनी बहनों के साथ बातें कर रही थी। बातों बातों में बात सेक्स की ओर मुड़ गयी। स्कूल में होने वाली बातों के बारे में लड़कियाँ बताने लगीं।

चारु: पता दीदी, हमारे स्कूल में कई लड़कियाँ बड़े अजीब अजीब से कपड़े पहन कर आती हैं । हमारी चाची तो हमको ऐसे कपड़े कभी पहनने ही ना दे।

मालिनी: पर स्कूल में तो यूनीफ़ॉर्म होती है ना?

चारु: शनिवार को कुछ भी पहन सकते है। कुछ लड़कियाँ तो मिनी स्कर्ट पहनकर आती हैं और लड़के अपनी पेन्सल कागच ज़मीन पर गिरा कर उनको उठाने के बहाने उनकी स्कर्ट के अंदर झाँकते है। ही ही ही । वो शर्मा कर हँसी।

मालिनी भी मज़े से आँख मटका कर: अब तू १८ की हो गयी है। बता क्यों झाँकते हैं?

चारु मस्ती में: वही देखने को झाँकते हैं जो कि जीजा जी आपकी साड़ी में देखने के लिए झाँकते हैं ।

मालिनी झूठा ग़ुस्सा दिखाकर: ठहर साली बहुत बोलना आ गया है। ये कहते हुए मारने दौड़ी। चारु चिल्लायी: चाची बचाओ ।और भाग कर किचन में सरला के पास आ गयी।

सरला हँसकर: क्या हुआ मालिनी क्यों मार रही है इसको?

मालिनी हँसकर: मम्मी ये बड़ी बदमाश हो गयी है। पर उसने शर्म के मारे उसको सब बात नहीं बताई। फिर दोनों वापस कमरे में आयीं। मालिनी: बहुत सयानी हो गयी है तो कोई बीएफ़ बनाया या नहीं?

चारु: धत्त दीदी। मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ। पर सच में बहुत सी लड़कियों के हैं। वो सब बुरे बुरे काम भी कर चुकी हैं।

मालिनी हँसकर :ओह, कैसे बुरे काम?

चारु: दीदी आप भी ना । मैं कैसे बताऊँ। वो भी मुन्नी के सामने। देखो ना कैसे कान खोलकर सब सुन रही है।

मालिनी: अरे तो क्या हुआ। अब मुन्नी भी तो जवान हो गयी है। देखो ना इसके दूध कितने बड़े हो गए हैं। दो साल से तो ब्रा भी पहन रही है। अब कोई बच्ची थोड़ी है।

सब हँसने लगे। मुन्नी: दीदी आप भी मुझे चिढ़ा रही हैं । मैं जीजा जी से शिकायत करूँगी।

मालिनी: ज़्यादा जीजा जीजा मत कर। कहीं साली को आधी घरवाली समझ कर पकड़ लिया तो उइइइइइ कर उठेगी।

अब चारु मस्ती से बोली: तो लगता है कि जीजा जी आपको बहुत उइइइइ कराते हैं । है ना?

मालिकी: अरे शादी के बाद तो जब वो चाहें मुझसे उइइइइइ या आऽऽहहह करा सकते हैं। उनके पास तो लाइसेंस है। पर कहीं इस बेचारी मुन्नी को उन्होंने पकड़ लिया तो ये तो गयी। हा हा हा।

मुन्नी: हमारे जीजा जी बहुत अच्छें है। वो ऐसा नहीं करेंगे। हाँ चारु ज़्यादा उछल रही है। शायद इसके साथ वो ऐसा कर लेंगे ।

चारु: दीदी अगर वो मेरे साथ कुछ करेंगे तो मैं आपको बता दूँगी। आप उनको ठीक कर दीजिएगा ।

मालिनी हँसकर : अपने जीजा से ख़ुद ही निपटो तुम लोग। मुझे क्यों बीच में लाते हो। हा हा ।


इस तरह की चूहल हो रही थी। मालिनी को लगा कि दोनों कलियाँ फूल बनने को मरी जा रही हैं। अगर इनको शिवा ही फूल बनाए तो ज़्यादा अच्छा होगा बनिस्बत इसके कोई बाहर वाला इनकी मलाई खा जाए। वो उसकी बहनों को बड़े ही प्यार से जवान करेंगा। बाहर वाले का तो कोई भरोसा ही नहीं कि किस तरह से इन नादान लड़कियों को मसलेंगे।पता नहीं ये शादी के पहले हो प्रेगनेंट ही ना हो जाएँ। वो सोची कि इस बारे में शिवा बात करेगी।
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उधर राकेश और शिवा में बातें हो रहीं थीं । राजेश का आख़िर साल था । अगले साल वो इंजीनियर बन जाएगा। वह अपनी पढ़ाई और नौकरी की बातें कर रहा था।
शिवा: देखो नौकरी बस ३/४ साल ही करना। फिर अपना काम शूरु करना। जो मज़ा अपने काम में है वो नौकरी में कहाँ। फिर इधर उधर की बात करके शिवा पूछा: कोई गर्ल फ़्रेंड बनायी या नहीं? देखो पार्क में क्या हो रहा है?
पार्क में रोमैन्स का माहोल था। जगह जगह लड़के लड़की चिपके हुए थे। और चूमा चाटी चल रही थी।
राकेश: नहीं जीजा जी नहीं बनाई। मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
शिवा: अरे वो क्यों? गे हो क्या?
राकेश: धत्त आप भी ना। पर मैं अभी पढ़ाई पर ध्यान दे रहा हूँ। तभी वहाँ से एक अधेड़ बहुत सुंदर थोड़ी मोटी सी औरत एक लड़के के साथ गुज़री। दोनों ने हाथ पकड़े हुए थे । शिवा ने देखा कि अब राकेश में एक अजीब सा परिवर्तन आ गया था। उसकी आँख लाल हो गयी थी और साँस भी तेज़ चलने लगी थी। वो कुछ सोचा और उस औरत और लड़के के पीछे हो लिया। राकेश भी उसके साथ चला जा रहा था। शिवा ने नोटिस किया कि राकेश की आँखें उस जोड़े से हट ही नहीं रही थी।
वो जोड़ा एक सूनी सी जगह में एक बेंच पर बैठ गए। शिवा और राकेश आगे बढ़ गए। पर थोड़ी दूर जाकर शिवा घूमकर पीछे से आया और उस जोड़े के पीछे एक पेड़ की ओट में छुप गया और राजेश को भी छुपा लिया। शिवा ने देखा कि राकेश बहुत उत्तेजित था और उसकी साँस बहुत तेज़ चल रही थी। शिवा हैरान हुआ कि इतनी देर से जवान जोड़ों को देखकर तो इसे कुछ नहीं हुआ पर इस बेमेल जोड़े को देखकर ये तो आपे से बाहर ही हुए जा रहा है।
तभी वो लड़का बोला: चाची आज आप बहुत सुंदर दिख रही हो। स्लीव्लेस ब्लाउस में आप बहुत सेक्सी दिखती हो?
औरत: चल हट बदमाश। मैं देख रही हूँ आजकल ज़्यादा ही बोलना सीख गया है। ये कहकर वो इधर उधर देखी और किसी को ना पा कर वो उसके होंठ चूम ली। अब वो लड़का भी अपनी बाँह उसके कंधे पर रखा और उसके कंधे और बाँह सहलाने लगा। शिवा ने कनख़ियों से देखा तो राकेश के पैंट में एक ज़बरदस्त तंबू बन गया था और वो उसको पकड़कर दबा रहा था ।राकेश उससे क़रीब ४/५ साल ही छोटा था।
उधर लड़के ने अपना हाथ औरत के ब्लाउस के अंदर कर दिया और उसकी चूचि दबाने लगा। वो औरत हाय्ययय करने लगी और उसका हाथ लड़के के पैंट के ऊपर उभार पर गया और वो उसको दबाने लगी। अब शाम हो चली थी थोड़ा अँधेरा भी हो रहा था। अब लड़के ने कहा: चाची अपनी साड़ी उठाओ ना। बुर सहलानी है।
वो बोली: बेटा कोई आ गया तो?
लड़का: अरे चाची कोई नहीं है यहाँ। प्लीज़ साड़ी उठाओ ना। आप ऐसा करो खड़ी हो जाओ साड़ी उठाकर। कोई आएगा तो नीचे कर लेना।
शिवा ने राकेश को देखा और वो दंग रह गया । उसकी आँखें वहीं पर जमी थीं। और उसका लौड़ा बाहर आ गया था और वो उसे मूठिया रहा था। अच्छा ख़ासा ७ इंच का मोटा और बहुत गोरा लौड़ा था। तभी वो औरत खड़ी हुई और अपनी साड़ी ऊपर करली। उसकी पीठ लड़के के सामने थी।
लड़के ने उसके बड़े बड़े गोरे मोटे चूतरों को दबाया और फिर बीच में मुँह डालकर उसको आगे झुका कर उसकी बुर चाटने लगा। वो सामने को झुक कर आऽऽऽऽह करके अपनी बुर चटवा रही थी। अब लड़के से नहीं रहा गया और वो अपने पैंट से अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसकी बुर में पीछे से ही पेल दिया अब वो उसको चोदने लगा। शिवा ने देखा कि राकेश की हालत बहुत ख़राब हो रही थी उत्तेजना से । तभी राकेश मुट्ठी मारकर झड़ने लगा। उसका गाढ़ा वीर्य पेड़ से टकरा कर नीचे गिरने लगा।
उधर अचानक दो लड़के से आ गए और उस लड़के को और औरत को धमकाने लगे। वो औरत थर थर काँप रही थी और लड़का भी अपनी पैंट की जीप बंद कर रहा था। वो दो लड़के बोले: तुमको पुलिस में देंगे। वरना जितना पैसा और ज़ेवर है हमको दे दो। साफ़ लगता है की ये बुढ़िया तुमको फंसा कर तुम्हारी जवानी को लूट रही है। अरे छोड़ो इसे हम तुमको बढ़िया जवान माल दिलाएँगे
लड़का: आप इनको सब दे दो। वरना कहीं इन्होंने शिकायत कर दी और घर में पता चल गया तो आफ़त आ जाएगी।
औरत: हाँ हाँ सब ले लो। बस हमें जाने दो।
शिवा समझ गया था कि ये गुंडे थे और इनका काम ही यही है की पैसे लूटो ब्लैकमेल करके। वो राकेश को बोला: चलो हम इनकी मदद करते हैं। वो दोनों बाहर आए और शिवा गरज कर बोला: क्या है बे? कमिनो चलो भागो यहाँ से । वरना पुलिस तुम नहीं मैं बुलाऊँगा।
शिवा की क़द काठी देखकर वो दोनों घबरा गए और देख लूँगा कहते हुए भाग गए।
वो औरत रोने लगी और बोली: थैंक्स बेटा आज आप लोगों ने हमको बचा लिया।
लड़का: आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सच में आप दोनों देवदूत बन कर आए हो।
शिवा: देखो हमने आप दोनों को मज़ा लेते देखा था और हम जानते हैं कि आप चाची और भतीजा हो। मैं चाहता हूँ कि आप थोड़ी देर यहाँ बैठो और हमें अपने रिश्ते के बारे में बताओ। देखो हम एक दूसरे को नहीं जानते और ना ही जानना चाहेंगे। पर अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मुझे भी पुलिस को सब बताना होगा।
उन दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया। वो सोचे कि ये क्या नई मुसीबत खड़ी हो गयी है। औरत रुआंसी होकर बोली: बेटा हमें जाने दो। हमें माफ़ कर दो।
शिवा: देखिए आप मुझे ग़लत समझ रहे हो। मैं आपको सिर्फ़ कुछ समय के लिए रोक रहा हूँ। असल में मैं एक लेखक हूँ। मैं ये समझना चाहता हूँ कि आख़िर वो क्या परिस्थिति है जिसने आप चाची और भतीजे को ये सब कुछ करने पर मजबूर कर दिया ?
राकेश हैरानी से जीजा को देख रहा था। तभी शिवा थोड़ी सख़्त आवाज़ में बोला: बैठिए आप दोनों। वो दोनों डर के बैठ गए।
शिवा: अब जल्दी से अपनी आप बीती सुना दो।
लड़का: भय्या हम एक संयुक्त परिवार में रहते है। बचपन से ही मैं अपने परिवार में सबका सेक्स देखा हूँ। पापा मम्मी का, ताया जी और ताई जी का और इन चाची और चाचा जी का भी। मैंने हमेशा ये नोटिस किया की चाची जी संतुष्ट नहीं होती थी चाचा जी से। इस लिए मैंने इनको ही निशाना बनाया। और ये भी प्यासी थीं तो आराम से मेरी बाहों में आ गयीं। बस इतनी सी ही बात है।
शिवा: नहीं तुमने अभी पूरी बात नहीं बताई है। सच सच बोलो कि तुम क्या सिर्फ़ इनको ही चोदना चाहते थे? या किसी और को भी?
लड़के ने सिर झुका कर कहा: हाँ मैं अपनी मम्मी को ही चोदना चाहता था। पर वो नहीं तो चाची ही सही।
औरत: ओह तभी ये कभी कभी मुझे करते हुए माँ माँ बोलता है।
शिवा ने राकेश को देखा जिसका चेहरा एक बार फिर से उत्तेजना से भर गया था । शिवा ने देखा कि उसके पैंट में फिर से टेंट बन गया था।
शिवा : देखो मेरा ये दोस्त कभी चुदाई नहीं देखा है। आप दोनों एक बार उसे चुदाई दिखा दो तो वो भी सीख जाएगा।
औरत इसका विरोध करते हुए बोली: ये कैसे हो सकता है?
शिवा: देखिए आपको पूरा नंगी होने की ज़रूरत नहीं है। आप जैसा कर रहे थे वैसा ही कर लो।
लड़का: चाची हमको देर हो रही है। एक बार कर लो फिर हम घर जा सकेंगे।
औरत: मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
लड़का: प्लीज़ चाची जल्दी से कर लो। यह कहते हुए अपनी पैंट का जीप खोल कर अपना नरम लौड़ा बाहर निकाला और चाची को सामने बैठा कर उसके मुँह के पास अपना लौड़ा ले आया।चाची थोड़ा सा हिचकिचाई फिर उसे चूसने लगी। राकेश आँखें फाड़े हुए चाची को देख रहा था। अब लड़के का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था।उसने ब्लाउस में हाथ डालकर वो उसकी चूचियाँ मसलने लगा। अब वो चाची को खड़ा किया और उसको पहले जैसे ही झुकाया और उसकी साड़ी उठाकर उसकी बुर में लौड़ा डाल दिया। चाची: आऽऽऽऽऽऽह बेटाआऽऽऽ धीरे से। हाऽऽऽऽऽय उग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।
लड़का ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था और बड़बड़ा रहा था: आऽऽऽहब माँ लो मेरा लंड आऽऽऽहब लो माँआऽऽऽ लोओओओओओ। मेंएएएएएरा लंड ।
राकेश की आँखें फटी जा रहीं थीं कि ये क्या हो रहा है। ये लड़का माँ माँ चिल्लाए जा रहा है। उफ़्फ़। अब वो फिर से अपना लौड़ा दबाने लगा।
उधर लड़का अब माँआऽऽऽऽऽ हम्म कहकर झड़ने लगा। चाची भी उइइइइइइ कहकर झड़ गयी। दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे। फिर वो अलग हुए और चाची ने अपनी साड़ी को नीचे किया। और अपनी साड़ी से बुर को दबाकर शायद उसने अपनी गीली बुर को साफ़ किया पेटिकोट से। लड़का भी रुमाल से अपना लौड़ा साफ़ करके उसको अंदर किया । अब वो बोला: अब हम जाएँ ?

शिवा: हाँ भाई अब जाओ। धन्यवाद ।
 
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दोनों जल्दी से वहाँ से भाग गए। अब शिवा और राकेश भी वहाँ से वापस जाने लगे। राकेश को चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी क्योंकि टाइट जींस में उसका खड़ा लौड़ा उसको बहुत तंग कर रहा था।

रास्ते में शिवा बोला: तो देखा दुनिया कितनी अजीब है? वो चाची को चोद रहा था और बोले जा रहा था मॉ मॉ। मानो मॉ को ही चोद रहा हो।

राकेश: हाँ सच में ऐसा ही था। पर एक बात बताओ आपने उनको सेक्स करने को क्यों कहा? मैंने तो आपको कुछ ऐसा कहा नहीं था कि मैं वो सब देखना चाहता हूँ।

शिवा: याद है मैंने पूछा था कि तुम्हारी गर्ल फ़्रेंड है क्या? तुमने कहा कि नहीं। पर उसकी समय तुम चाची और उसके भतीजे को देखकर कितना उत्तेजित हो गए थे। मैं समझ गया कि तुमको बड़ी उम्र की औरतें पसंद हैं। बोलो सही कहा ना?

राकेश: जी जीजा जी। सच है।

शिवा: बताओ तुम क्यों बड़ी उम्र की औरतों को पसंद करते हो?

राकेश: मैं आपको नहीं बता सकता।

दोनों बातें करते हुए घर को आ रहे थे।

शिवा को याद आया कि सरला बोली थी कि बच्चों को शायद पता है कि वो श्याम से चुदती है। वह बोला: तो तुमने अपनी मम्मी को किसी के साथ देखा है। यही ना ?

अब वो बुरी तरह से चौका और बोला: जीजा जी आपको कैसे पता?

शिवा: तुमने मम्मी को ताऊ जी के साथ देखा है ना।

राकेश अब सन्न रह गया। वो बोला: हे भगवान ! आपको कैसे पता?

शिवा का गेस सही बैठा था। वो बोला : तो तुमने अपनी मम्मी को ताऊजी के साथ कितनी बार देखा होगा अब तक?

राकेश: मैंने गिना नहीं। पर कई बार देखा है।

शिवा: एक बात पूछूँ ? ग़ुस्सा नहीं होना। क्या तुमको अपनी मम्मी का नंगा बदन पसंद है ?

राकेश धीरे से : हाँ बहुत।

शिवा: ओह, तो क्या तुम अपनी मम्मी को चोदना चाहते हो?

राकेश चलते चलते रुक गया। अब वो उसे उदासी से देखा और बोला: मेरे जवाब से क्या फ़ायदा? जो हो नहीं सकता वो आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं?

शिवा: घबराओ मत। मैं भी कभी अपनी मम्मी को चोदना चाहता था। पर वो बीमार होकर भगवान के पास चली गयी।

शिवा: मेरी बात का साफ़ साफ़ जवाब दो राकेश, क्या तुम अपनी मम्मी को चोदना चाहते हो या नहीं?

राकेश: हाँ हाँ चोदना चाहता हूँ। और मैं उनके पीछे पागल सा हूँ।

शिवा: ओह चलो कोई बात नहीं। कम से कम तुम्हारे दिल की बात का पता तो चला।चलो अब इसके लिए कुछ करेंगे।

राकेश : क्या करेंगे?

शिवा मुस्कुरा कर: देखो ये तो समय ही बताएगा चलो अब घर आ गया है। आज की बात का ज़िक्र किसी से नहीं करना।
वैसे रात को कितने बजे सोते हो?

राकेश: ऐसा कोई तय समय नहीं है। क्यों पूछ रहे हैं ?

शिवा: मैं तुमको एक मिस्ड काल करूँगा और तुम अपनी मम्मी के कमरे की खिड़की पर आ जाना। और चुप चाप देख लेना अपनी मम्मी की चुदाई।

राकेश सन्न रह गया और कांपते हुए बोला: क्या आप मम्मी को चोदेंगे?

शिवा: हाँ आज मैंने उनको दोपहर को जब तुम फ़िल्म देखने गए थे तब चोदा था और आज रात भर चोदूँगा

राकेश उत्तेजना से अपना लौड़ा दबाकर : आऽऽह क्या दीदी को इसका पता है?

शिवा मुस्कुराकर: नहीं अभी तक तो नहीं।

राकेश अपना लौड़ा दबाकर: उफफफफफ मैं ज़रूर आऊँगा।

शिवा और राकेश घर में घुसते है और सामने सरला आकर बोलती है: कहाँ थे दोनों? मुझे चिंता हो रही थी।

शिवा: अरे मम्मी यहीं पास में पार्क में टहल रहे थे

सरला: चलो अब डिनर लगा रहीं हूँ । सब लोग बैठो ।
 
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डिनर करते हुए मालिनी और लड़कियाँ मस्ती करती रहीं। अब सब खाना खाके थोड़ी देर गप शप मारे फिर सोने चले गए। मालिनी को शिवा के साथ एक कमरा मिल गया था।
शिवा कपड़े बदलते हुए बोला: तो आज बहुत मस्ती हुई बहनों के साथ?

मालिनी: हाँ आज बहुत मज़ा आया। लड़कियाँ बड़ी हो गयीं हैं और शरारती भी।

शिवा: बड़ी तो हो गयीं हैं । मुन्नी में अभी भी बचपना है।

मालिनी: हाँ वो अभी छोटी भी तो है।

शिवा अब सिर्फ़ चड्डी में था और उसका मस्त भरा हुआ बदन देखकर मालिनी की बुर ऐसी हालत में भी गरम होने लगी।
शिवा बोला: वैसे मुन्नी शरीर से तो बड़ी हो गयी है। उसके दूध भी काफ़ी बड़े दिख रहे थे इस बार। कोई BF है क्या जो दबाकर बड़ा किए जा रहा है? अब उसका लौड़ा आधा तन गया मुन्नी के दूध का साइज़ सोच कर। मालिनी हँसकर बोली: देखो आपका तो खड़ा होने लगा, उसके दूध का सोचकर।

शिवा हँसते हुए लोअर पहना और बोला: अब क्या करे बिचारा , दो दिन से प्यासा है। तुमने तो लाल झंडी लगा रखी है।

मालिनी बड़े प्यार से बोली: ओह बिचारा। लाओ चूस देती हूँ।

शिवा आज चूसवाना नहीं चाहता था क्योंकि उसे सरला को चोदना था। इसके पहले कि वो कुछ कहता दरवाज़े में आवाज़ आयी और वो अपनी टी शर्ट भी पहन लिया। तभी सरला अंदर आइ और दो गिलास दूध का लाई। उसने एक गिलास शिवा को दिया और एक मालिनी को दिया। दोनों दूध पीते हुए बातें करने लगे और सरला बोली:मैंने राजीव जी को बता दिया था कि तुम लोग कल सुबह आओगे।

शिवा: थैंक्स मम्मी जी। मालिनी का ध्यान टी वी पर था और शिवा अपने लौड़े का शेप लोअर से सरला को दिखाया और इशारा किया कि ये कब तक सो जाएगी?

सरला: अच्छा बेटी अब तुम दोनों आराम करो मैं चलती हूँ। वो शिवा को आँख मारी।

शिवा बाथरूम में जाकर शॉवर लिया और बाहर आया तो मालिनी बोली: मुझे बहुत नींद आ रही है । आपको लौड़ा चूसवाना है तो जल्दी करो।

शिवा: अरे जान तुमको नींद आ रही है तो सो जाओ यार। इसको कल चूस देना।

मालिनी: सच आप बहुत अच्छे हो। चलो मैं सोती हूँ । गुड नाइट।

जल्दी ही वह गहरी नींद में समा गयी। अब शिवा उठा और बाहर आया और राकेश के कमरे में गया। वह अभी भी पढ़ाई कर रहा था। उसको देखकर वो बोला: आप जा रहे हो मम्मी के कमरे में?

शिवा: हाँ मैंने सोचा की क्या मिस्ड कॉल करूँ , इसलिए तुमको बताने ही आ गया। चलो अब शो चालू करता हूँ। अपनी मम्मी को मुझसे चुदता देख लो।

राकेश खड़ा हुआ और उसका लोअर पूरी तरह से सामने से उठा हुआ था। शिवा उसकी हालत देखकर मुस्कुराया और बाहर जाकर उसको एक खिड़की के पास खड़ा किया और बोला: मैं अंदर से खिड़की खोलता हूँ तुम पर्दा हटा कर देखना। राकेश ने हाँ में सर हिलाया। शिवा कमरे में दाख़िल हुआ और सरला को एक करवट सोते पाया। उसकी बड़ी सी गाँड़ उसकी तरफ़ थी। वो चुपचाप जा जाके खिड़की को धीरे से थोड़ा सा खोला और जाकर बिस्तर पर बैठ कर सरला को निहारने लगा। कमरे में नाइट लैम्प जल रहा था। उसने एक सेक्सी गाउन पहना था। उसे शायद इंतज़ार करते हुए नींद आ गयी थी। उसकी आधी चूचियाँ गाउन से बाहर झाँक रहीं थीं। वो मस्ती से उसे देखा और फिर खिड़की की तरफ़ देखा। वहाँ उसे परदे के पीछे एक हल्की सी परछाईं दिखाई दी । वो समझ गया कि राकेश अपनी जगह ले चुका है। वो मन ही मन मुस्कुराया। आज एक बेटा अपनी माँ को अपने दामाद से चुदते देखेगा। वो ये सोचकर गरम हो गया।

उसे लगा कि चोदने से ज़्यादा मज़ा तो ये सोच कर आएगा कि बेटा अपनी माँ को चुदते देख रहा है। अब उसने सरला के कमर से लेकर उसकी बग़ल से होकर उसके बाँह सहलाते हुए उसके गाल सहलाए। सरला हिली और उठकर बोली: बड़ी देर कर दी। मेरी शायद आँख लग गयी थी।

शिवा झुककर उसके गाल चूमा और बोला: मम्मी ,मालिनी के सोने का तो इंतज़ार करना ही था ना।

सरला: मैं ज़रा बाथरूम से फ़्रेश हो कर आती हूँ। तुम कपड़े उतारो। वह उसे चूमकर उठी और बाथरूम में चली गयी। शिवा ने लोअर और शर्ट उतारी और चड्डी में बिस्तर पर बैठ गया।
थोड़ी देर में सरला बाहर आयी और बोली: क्या बात है शर्म आ रही है चड्डी उतारने में ?

शिवा: नहीं मम्मी आप उतारोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा । वह पलंग के हेड बोर्ड के सहारे बैठा था। अब सरला उसके पास आयी और उसकी छाती में अपना सिर रख कर उसकी छाती के बालों से खेलने लगी। वह भी उसके मुँह को ऊपर किया और उसके होंठ चूमने लगा। दोनों क़रीब दस मिनट तक एक दूसरे के होंठ से चिपके रहे और जीभ चूसते रहे। शिवा के हाथ उसकी चूचियों और कमर और चूतरों पर घूम रहे थे। अब वो बोला: मम्मी इस सेक्सी नायटी में आप बहुत मस्त दिख रही हो। ज़रा गाँड़ मटका कर चल के दिखाओ ना।

सरला हँसती हुई खड़ी हुई और कमरे में एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी गाँड़ हिला हिला कर चल कर दिखाई। उफफफफ क्या फाड़ू माल दिख रही थी। भरे बदन पर सेक्सी नायटी और उसके अंदर से उसके हिलते वक्ष और हिलते चूतर, किसी हिजड़े को भी मर्द बना सकते थे। शिवा और राकेश दोनों की हालत ख़राब हो रही थी। राकेश ने तो अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था। उधर शिवा का भी लौड़ा चड्डी से बाहर आकर झाँक रहा था।

शिवा: मम्मी प्लीज़ गाउन उतार दो ना सेक्सी तरीक़े से । नीचे क्या पहना है आपने?

सरला: ख़ुद ही देख लेना कि नीचे क्या पहना है। हा हा ।
अब वह गाउन की रस्सी खोली और धीरे धीरे गाउन को अपने कंधे से नीचे को खिसखाई। उफफफ जैसे जैसे उसका बदन नंगा होता जाता, उसका गोरा बदन ग़ज़ब ढा रहा था। जब गाउन उतरा तो नीचे उसने एक सेक्सी ब्रा और उससे भी ज़्यादा सेक्सी पैंटी पहनी थी।
राकेश के लौड़े ने अपनी माँ को इस रूप में देखकर झटका मारा और उसे लगा कि वो अभी झड़ जाएगा। उग्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त रँडी लग रही थी वो। अब शिवा बोला: मम्मी अब एक बार फिर से चलकर दिखाओ ना प्लीज़।

वो हँसकर अपनी गाँड़ मटका कर फिर से चल कर दिखाई। सामने से उसकी ब्रा में से निपल बाहर निकले थे एक जाली से । उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ उस छोटी सी ब्रा में आधी भी नहीं छुप रहीं थीं। उसकी पैंटी के सामने हिस्से में एक जाली से उसकी बुर आधी नंगी दिख रही थी। पीछे का तो क्या कहना। सिर्फ़ एक रस्सी उसके चूतरों के दरार में फँसी हुई थी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उसके बड़े बड़े चूतर बुरी तरह से मटक रहे थे। वो तो जैसे पागल हो गया।राकेश अब अपने लौड़े को मुठियाने लगा। अब शिवा बोला: मम्मी एक बढ़िया गाना लगाता हूँ। आप डान्स करो प्लीज़। उसने मोबाइल में धीमी आवाज़ में - बिड़ी जला ले --बजाया। और फिर सरला ने एक ऐसी हरकत की जो दोनों मर्दों को पागल करने के लिए काफ़ी थी। वो अपनी छातियों को किसी रँडी की तरह हिलाकर और अपनी गाँड़ को भी मटका कर नाचने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या दृश्य था । शिवा के लौड़े ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया। और बाहर राकेश का वीर्य ही झड़ गया। बिना आवाज़ के आऽऽऽहहह करे वो अपने रुमाल में पोंछा ।

शिवा अब मस्ती में आकर अपना लौड़ा बाहर निकाला और राकेश ने देखा कि उसका लौड़ा उसके हथियार से काफ़ी बड़ा है। वह अब देखा की शिवा भी अपना लौड़ा मूठिया रहा था।

अब शिवा बोला: मम्मी अब पूरी नंगी हो जाओ और एक बार फिर से नाचो।

सरला हँसकर बोली: आज पूरी रँडी बनाने का मूड है बेटा। चल ये भी कर देती हूँ। अब वो अपनी ब्रा धीरे से खोली और ब्रा के कप को एक हाथ से पकड़कर उसको और ललचाई । फिर उसने ब्रा फेंक दी। अब उसकी बड़ी बड़ी गोरी चूचियाँ उसके नज़रों के सामने थी। वह अब अपनी पैंटी नीचे को करी और धीरे से नीचे खिसका कर अपनी पैंटी शिवा के ऊपर फेंक दी। शिवा उसको नाक के पास लेज़ाकर सूँघने लगा। और बोला: हम्म मम्मी मस्त गंध है आपकी बुर की। फिर वह उसको अपने लौड़े पर रगड़ने लगा। अब शिवा ने फिर से गाना लगाया और वो अब अपनी चूचियाँ हिलाकर और गाँड़ मटका कर नाचने लगी।
राकेश ने कभी नहीं सोचा था कि मम्मी को इस हालत में भी देखेगा।

शिवा अब मस्ती में आकर उठा और नंगा ही उसके साथ उसको अपने से सटा कर नाचने लगा। दोनों हँसते हुए बिस्तर पर गिर गए। अब शिवा उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा। फिर वो उसकी चूचियाँ दबाकर मस्ती से उनको चूसने भी लगा। अब सरला उठी और उसको लिटा कर उसके जाँघों के बीच में आकर उसके लौड़े को क़रीब बीस मिनट तक चूसी और चाटी और डीप थ्रोट भी दी। वह पूरे समय उसके बॉल्ज़ को सहलाती भी रही। राकेश को मम्मी का मुँह साफ़ साफ़ ऊपर नीचे होते दिखाई दे रहा था उसके लौड़े के ऊपर। वो अब फिर से मूठ्ठ मारने लगा था।

अब शिवा बोला: मम्मी ६९ करोगी?

सरला मुस्कुराई और ख़ुद ही उलटा होकर शिवा के ऊपर आ गयी और फिर से उसका लौड़ा चूसने लगी। अब शिवा भी उसकी बुर के फाँकों को फैलाकर उसके गुलाबी छेद को चाटने लगा। उफफफफ राकेश सोचा कि जिस छेद से मैं बाहर आया हूँ वहीं जीजा जी मुँह घुसेडे हुए हैं। अचानक राकेश ने देखा कि शिवा अब उसकी भूरि सी मख़मली गाँड़ का छेद भी चाट रहा था। अब सरला आऽऽहहह उइइइइइइ माँआऽऽऽ कहकर और ज़ोर से लौड़ा चूस रही थी। राकेश का बुरा हाल था। वो इस सबके किए तय्यार नहीं था।

अब वह सरला को बोला: मम्मी अब रुका नहीं जा रहा है। चलो चुदाई करते हैं। उस दिन जैसे आप पहले चढ़ जाओ मुझ पर।
 

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