Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

Well-known member
2,893
6,190
143
09c28ecafbb16460dca540adbb5c0517.26.jpg
 
Well-known member
2,893
6,190
143
सरला अब उसके ऊपर चढ़ी और कमर उठाकर उसके लौड़े को अपनी बुर में डालकर चुदवाने लगी। शिवा अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाकर नीचे से लौड़ा उछालकर उसको मज़े देने लगा। राकेश की आँखें मम्मी की बुर में अंदर बाहर हो रहे लौड़े पर थी। उफफफफ कैसे बुर का मुँह खुलता और लौड़ा अंदर चला जाता था और फिर वह जब बाहर आता था तो बुर का छेद साफ़ साफ़ दिखता था ।उफ़ गुलाबी बुर कैसे इतना बड़ा लौड़ा निगले जा रही थी। मम्मी की भूरि गाँड़ का छेद भी उत्तेजना से खुलता बंद होता दिख रहा था। तभी राकेश ने देखा कि शिवा ने अपनी ऊँगली मम्मी की गाँड़ में डाल दिया और उसको हिलाने लगा। अब मम्मी की चीख़ें और मस्ती से भर कर आती हुई सिसकारियाँ राकेश को मानो पागल किए जा रहा था।

वो चिल्लाई: आऽऽऽऽऽहहह और जोओओओओओर से चोओओओओओओओदो। फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो बेएएएएएएटा।

राकेश उत्तेजित हो कर ज़ोर ज़ोर से हाथ चलाने लगा। तभी उसने देखा कि शिवा अब मम्मी की चूचियाँ चूस रहा था। अब मम्मी बोली: बेटा अब ऊपर आकर चोद दे ना।

शिवा अब उसको नीचे लिटाया और ऊपर आकर उसकी बुर चोदने लगा। जल्दी ही सरला बड़बड़ाने लगी : आऽऽऽऽहहह बहुत अच्छा लग रहा है। हाऽऽयययग ऊं ऊं ऊं करके हर धक्के में वह ऊं ऊं करके चिल्ला रही थी।

अब सरला आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह करके झड़ने लगी। शिवा ने अब अपना लौड़ा निकाला और राकेश को दिखाकर उसने अपना पूरा गीला लौड़ा मम्मी के मुँह में दे दिया । वो उसे चूसने लगी। अब जल्दी ही वो ह्न्म्म्म्म कहकर उसके मुँह में झड़ने लगा। राकेश ने आँखें फाड़कर देखा कि मम्मी का मुँह इसके सफ़ेद गाढ़े वीर्य से भर गया था और होंठों के कोनों से बाहर निकल रहा था। वो अब लौड़ा बाहर निकाला और उसके आँख, नाक और गाल में भी अपना वीर्य गिराया। सफ़ेद रस में सनी मम्मी किसी रँडी से कम नहीं लग रही थी।

राकेश अब दूसरी बार मूठ्ठ मारने लगा और झड़ गया। शिवा अब उसके बग़ल में लेट गया । फिर सरला अपना मुँह पोंछकर उठी और बाथरूम से फ़्रेश होकर आयी। अब दोनों साथ में बैठकर बातें करने लगे। शिवा ने देखा कि राकेश अब वहाँ से हट गया था। वो समझ गया कि वो जो देखना था देख चुका है। अब शिवा बोला: मम्मी अब नींद आ रही है। एक बार और चुदवाएँगी क्या?

सरला: नहीं बेटा अब बहुत थक गयी हूँ।

शिवा: तो मैं मालिनी के साथ जाकर सोता हूँ। सुबह जाना भी तो है।

सरला उसको चूमकर बोली: ठीक है बेटा। जाओ अब सो जाओ। वो उठकर बाहर आया और जाकर राकेश के कमरे में गया। तभी सरला को भी प्यास लगी तो वो किचन की ओर गयी और अचानक उसने राकेश के कमरे में बात करने की आवाज़ सुनी। वो सोची कि इस समय राकेश किससे बात कर रहा है? वो चुपचाप उसके कमरे की खिड़की के पास खड़ी होकर देखी कि कौन है राकेश के कमरे में।

वो अंदर झाँकी और हैरान रह गयी क्योंकि वह और कोई नहीं शिवा था। वो उनकी बात सुनने लगी। वो जो सुनी तो सन्न रह गयी।
शिवा: तो मज़ा आया मम्मी की चुदाई देखने में?

राकेश: जीजा जी आप क्या चुदाई किए उफफफफ मैं तो पागल ही हो गया।

शिवा: तुमने देखा कि वो कैसे रँडी की तरह नंगी होकर नाच रही थी।

सरला को लगा कि वो जैसे कोई सपना देख रही है। ये क्या हो रहा है? उसका दामाद उसकी चुदाई उसके अपने बेटे को दिखा रहा था । उसे शिवा पर बहुत ग़ुस्सा आया।

राकेश: आऽऽऽऽह वो दृश्य तो मैं सारी ज़िंदगी में कभी नहीं भूलूँगा। क्या चूचि और गाँड़ हिला हिला कर नाचे जा रहीं थी।
उफफफफ क्या सेक्सी है मम्मी।

सरला तो जैसे शॉक में ही आ गइ। ये उसका अपना बेटा क्या बोल रहा है।

शिवा: देखा क्या मस्ती से चुदवाती है? गाँड़ उछाल कर।

राकेश: हाँ जीजा जी, सच में बहुत चुदक्कड है मम्मी। उफ़फ़्फ़ क्या मज़ा ले रहीं थीं । गाँड़ उछाल कर चुदवाने का मज़ा ली है।

शिवा : वैसे उनकी बुर और गाँड़ का स्वाद बहुत मस्त है। चाटकर मस्ती आ जाती है।

राकेश: हाँ उनकी बुर और गाँड़ दोनों मस्त हैं। और एक बात बताऊँ उनकी चूचियाँ आपके हाथ में आती नहीं थी इतनी बड़ी हैं।

सरला सोची कि उसका बेटा और दामाद उसके बारे में कैसी कैसी बात कर रहे हैं। उसको बड़ी शर्म आयी।

राकेश बोले जा रहा था: जीजा जी वो आपका रस भी कितने प्यार से पी गयीं। उगफफ बहुत ही गरम माल है मम्मी जी।

सरला चौकी कि उसका बेटा उसे गरम माल कह रहा था।

तभी शिवा की बात से वो एकदम से सकते में आ गयी। शिवा बोल रहा था: देख राकेश अब तू देख लिया ना कि मम्मी जी कितनी गरम है और उनको कितना मज़ा आता है चुदवाने में? अब तुम्हारी बारी है उनको पटाने की। मैं तो कल चला जाऊँगा वापस। अब तुम कोशिश करके उनको पटाओ और उनको चोदने का अपना सपना साकार करो। और हाँ मैं कल सुबह तुम्हारी सिफ़ारिश कर दूँगा।

राकेश: सिफ़ारिश करेंगे कैसे?

शिवा: मैं उनको समझाऊँगा कि तुम उनको बहुत प्यार करते हो और उनको चोदना चाहते हो। वह समझ जाएँगी।

राकेश: आपको लगता है कि ये इतना आसान होगा?

शिवा: मैं उनसे तेरी सिफ़ारिश करूँगा। अच्छा एक काम करना तुम कल सुबह मम्मी को किचन में जाकर पीछे से पकड़ लेना और अगर वो तुमसे छूटने की कोशिश नहीं करें तो समझ लेना कि वो पट गयी है। ठीक है?

राकेश अपने लौड़े को दबाकर बोला: आऽऽऽह मेरा तो सोच कर ही खड़ा हो गया। फिर मम्मी के पास वापस जाना पड़ेगा।

राकेश: दीदी की ले लीजिए, वो भी तो है।

शिवा: अरे उसका पिरीयड्ज़ आया हुआ है। मम्मी की ही लेता हूँ और तुम्हारी सिफ़ारिश भी करता हूँ।

राकेश अपने लौड़े को दबाता हुआ बोला: आऽऽऽऽऽह मैं फिर से देखूँगा। आऽऽऽह मम्मी मान जाए तो मैं भी कल ही उनको चोद दूँगा।

सरला ने आँखें फाड़ कर अपने बेटे के लोअर के ऊपर से खड़ा लौड़ा देखी जो कि उसके लिए ही खड़ा था। सरला का मन दो जवान लड़कों के खड़े लौड़ों को देखकर गुदगुदी से भर उठा। उसका हाथ अपनी बुर पर चला गया।

शिवा: अच्छा चलता हूँ। कहकर बाहर आया और वापस सरला के कमरे की ओर चल पड़ा। सरला पहले ही वहाँ से हट कर अपने बिस्तर पर आकर सोने का नाटक कर रही थी। वह अंदर आकर पूरा नंगा हुआ और फिर अपना लौड़ा सहलाते हुए उसके बग़ल में लेट गया और उसके बदन को सहलाया। सरला उठाकर बोली: अरे तुम फिर आ गए?

शिवा : हाँ मम्मी नींद नहीं आ रही थी तो सोचा कि एक राउंड और करलेते हैं।

सरला अनजान बनकर: ओह पर मैं तो थक गयीं हूँ ।

शिवा: अरे मम्मी अभी आपकी मालिश कर देता हूँ थकान मिट जाएगी। वह उसका गाउन खोलते हुए बोला। सरला ने गाउन उतारने में उसकी मदद की। अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी।

शिवा: मम्मी आपने पैंटी उतार दी?

सरला: हाँ बेटा पैंटी पहनकर नींद नहीं आती। यह कहते हुए सरला ने खिड़की की ओर देखा और वहाँ उसे परदे के पीछे राकेश के होने का अहसास हुआ। वो और उत्तेजित हो उठी कि उसका अपना बेटा उसकी चुदाई देख रहा है।

शिवा उसके बदन को दबाता हुआ बोला: मम्मी बताओ कहाँ कहाँ दबाऊँ। वह उसकी बाँह और जाँघ दबाते हुए बोला।

सरला: आह बेटा सब जगह अच्छा लग रहा है।

अब वो ब्रा खोला और दूध दबाकर बोला: इनको दबवाने में मज़ा आता है?

सरला: आऽऽऽऽऽह बेटा इनको जब तुम दबाते हो को मैं स्वर्ग की सैर करने लगती हूँ। हाऽऽऽऽययय।

अब वो उसको करवट लिटाया और इसके बग़ल में लेता और उसकी जाँघ को अपनी जाँघ पर चढ़ा कर मज़े उसकी बुर में अपना लौड़ा दबाया और आराम से चोदने लगा।

शिवा: मम्मी इस आसन में मैं मालिनी को एक घंटा चोद लेता हूँ। आज आपको भी एक घंटा रगड़ूँगा।
 
Well-known member
2,893
6,190
143
सरला अपनी गाँड़ हिला कर बोली: आऽऽऽऽह बहुत मज़ा आ रहा है बेटा। चोद जब तक तेरा मन करे। हाऽऽय ।

राकेश को खिड़की से दोनों के सटे बदन साफ़ दिखाई दे रहे थे। वो अपना लौड़ा बाहर निकाल कर मसल रहा था।

अब दोनों अपनी कमर हिला कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे। शिवा उसकी चूचियाँ होंठ और जीभ भी चूस रहा था। शिवा का एक हाथ उसके एक बड़े से चूतर पर था और वो उसे दबाए जा रहा था ताकि उसका लौड़ा पूरा अंदर उसकी बुर में जा सके।

सरला: उइइइइइइइइ माँआऽऽऽ । आऽऽऽहहहह । बहुत अच्छाआऽऽऽऽऽऽऽ लग रहाआऽऽऽऽ है बेएएएएएएएएरटा ।

थोड़ी देर बाद चोदते हुए वह बोला: मम्मी आज मैं और राकेश पार्क में गए थे। वहाँ राकेश के बारे में एक बात पता चली।

सरला: वो क्या?

शिवा: कि उसको बड़ी उम्र की औरतें अच्छी लगती है।

राकेश ध्यान से सुनने लगा।

सरला: ओह ऐसा क्यों?

शिवा: ऐसा इसलिए कि उसने आपको नंगी देखा है ताऊ से चुदवाते हुए। तभी से वो बड़ी उम्र की औरतें ही पसंद करता है। अब शिवा ने उसे पार्क का पूरा क़िस्सा सुनाया।

सरला: ओह तो वो औरत खुले आम पार्क में अपने भतीजे से चुदवा रही थी?

शिवा: हाँ और तभी शिवा ने बताया कि वो आपको चोदना चाहता है?

सरला अनजान बन कर: हे भगवान ! ये कैसे हो सकता है?

शिवा: मम्मी आजकल सब चलता है। आप भी अभी अपने दामाद से चुदवा रही हो कि नहीं? तो बेटे से भी चुदवा सकती हो? और फिर ये भी हो सकता है कि वो बड़ी उम्र की गंदी रँडियों के चक्कर में पड़ जाए तो उसको गंदी बीमारियाँ भी लग सकती हैं।

सरला: नहीं नहीं ये नहीं होने दूँगी मैं। इससे अच्छा तो यही होगा कि वो मुझे ही चोद ले।

यह सुनकर राकेश का लौड़ा उसके रुमाल पर अपना रस छोड़ने लगा। वो सोचा कि मम्मी तो चुदवाने के लिए मान ही गयी।

शिवा: मम्मी कल सुबह शिवा आपको आकर किचन में पीछे से पकड़ेगा। आप विरोध मत करना तो उसको हरी झंडी मिल जाएगी। अब वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।

सरला: उइइइइइइ आऽऽऽऽऽऽह । ठीक है आऽऽऽऽऽऽह मैं राकेश को मना नहींइइइइइइइ करूँगीइइइइइइइइइइइ । हाऽऽऽऽयययय क्या मज़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है बेएएएएएएएटा।

शिवा ने भी जोश में आकर उसकी गाँड़ में दो ऊँगली भी डाल दी।
अब दोनों उन्न्न्न्न ऊँननन करके झड़ने लगे।

फिर वो आपस में लिपटकर नंगे ही सो गए। राकेश अब अपने कमरे में आकर अगले दिन मम्मी के साथ मिलने वाले मज़े का सोचते हुए सो गया।

अगली सुबह सरला ने शिवा को उठाया तो वो कपड़े पहनकर अपने कमरे में चला गया। मालिनी अब भी सो रही थी। वो नहाया और बाहर आकर मालिनी को उठाया। वो बाहर आया और किचन में गया जहाँ सरला चाय बना रही थी। वो बोली: अरे नहा भी लिए।

शिवा चाय लेकर पीते हुए बोला: हाँ मम्मी जल्दी वापस जाना है ना। आप मालिनी के लिए भी चाय दे दो । मैं ले जाता हूँ।

सरला उसको चाय दी और वो पहले एक बार उसको बाहों में लेकर चूमा और बोला: थैंक्स मम्मी बहुत मज़ा आया। अरे हाँ राकेश आया था क्या?

सरला शर्मा कर: अभी तक तो नहीं आया। एक बात बताओ क्या माँ बेटे का ये सब करना ठीक होगा?

शिवा: अगर आप नहीं करोगी तो वो रंडियो के चक्कर में पड़ेगा। अब आप देख लो।

सरला: ओह ये मैं नहीं होने दूँगी। ठीक है बेटा देखा जाएगा।

शिवा मुस्कुराता हुआ उसके होंठ चूमकर मालिनी के लिए चाय लेकर वहाँ से निकल गया।

मालिनी चाय पीकर फ़्रेश हुई और नहाई फिर तय्यार होते हुए बोली: कल रात मुझे बहुत गहरी नींद आयी थी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था।

शिवा उसको अपने से लिपटाकर उसके होंठ चूमकर बोला: अच्छा है ना माँ के घर में आराम मिल गया।

वो हँसकर बोली: हाँ वो तो है ही। और इस बार आपने भी पिरीयड्ज़ में बिलकुल तंग नहीं किया। थैंक्स।

शिवा: अब तक तो क्लीयर हो गया होगा ना, आज रात को तो चुदवाओगी ?

मालिनी हँसकर उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबायी और बोली: हाँ जी आज रात को जी भर के चोद लेना। इसकी प्यास बुझा दूँगी।

शिवा सोचा कि इसको क्या पता है कि इसकी प्यास तो मम्मी जी ने कई बार बुझा दी है।

उधर राकेश की नींद खुली और वो फ़्रेश होकर किचन में गया। उसका बदन उत्तेजनावश काँप रहा था। उसका लौड़ा लोअर में पूरा खड़ा था। वह किचन में गया तो सरला सब्ज़ी काट रही थी। उसने पीछे से जाकर उसको पकड़ लिया और बोला: मम्मी आइ लव यू। और उसके गाल में चूम्मा ले लिया ।सरला को मानो करेंट का झटका लगा। वो सोची कि अगर अभी इसे नहीं रोका तो शायद बात हाथ से निकल जाएगी। तभी उसने अपना हाथ उसके पेट पर फेरा और चिकने और नरम पेट के अहसास पा कर वह उत्तेजित हुआ और अपना लौड़ा उसकी गाँड़ से सटा कर उसे दबाकर वह मस्ती से भर गया। सरला का रहा सहा विरोध उसके लौड़े की चुभन से धरा का धरा रह गया। उसकी इच्छा हुई कि वो गाँड़ हिलाकर उसके लौड़े का मज़ा ले ले। तभी मम्मी की सहमति मान कर वह अब अपना हाथ मम्मी के दोनो चूचियों पर रखा और उनको दबाने लगा। सरला की अब आऽऽऽऽऽह निकल गया। अब वह खुलकर अपना लौड़ा उसके गाँड़ की दरार में दबाने लगा।
सरला: अरे छोड़ मुझे। मैं तेरी माँ हूँ कोई गर्ल फ़्रेंड नहीं हूँ।

राकेश: मम्मी मुझे जीजा जी ने बताया कि आप मुझसे चुदवाओगी। प्लीज़ थोड़ा मज़ा ले ने दो अभी। मैंने रात को आपको उनसे चुदते देखा था।

अब सरला सहम गयी और बोली: चुप कर अब । अभी जा यहाँ से । कहीं कोई आ गया तो।

राकेश: मम्मी सब लोग तो ११ बजे तक चले जाएँगे फिर आप मुझसे चुदवा लेना। बहुत तमन्ना है आपको चोदने की।

सरला: अभी जा बाद की बाद में देखेंगे।

राकेश ख़ुश होकर मम्मी की चुम्मी लेकर अपने हाथ को साड़ी के ऊपर से उसकी बुर पर रखा और दबाकर हँसते हुए वहाँ से चला गया।

फिर सबने नाश्ता किया और मालिनी और शिवा सबसे विदा लेकर वहाँ से चले गए।

रास्ते में कार में शिवा बोला: पापा से बात हुई क्या?

मालिनी : नहीं मैं सोची कि आप बात कर लिए होगे।

शिवा: अभी फ़ोन लगा लो।

मालिनी : ठीक है। अब वो फ़ोन लगाई और बोली: पापा जी नमस्ते। मैं और शिवा अभी कार में है और हम एक घंटे में घर पहुँच जाएँगे।

राजीव: ठीक है बेटा , आ जाओ।
उसने कोई भी उलटी सीधी बात नहीं की क्योंकि मालिनी की बातों से वह समझ गया था कि शिवा उसके साथ है।
थोड़ी देर में कार उस ढाबे के पार हुई जहाँ कल आते हुए उन्होंने चाय पी थी। शिवा: देखो वही ढाभा जहाँ तुमको शिला मिली थी जो कि अपने ससुर से लगवा रही थी।

मालिनी: हाँ याद है। अच्छा आप ये तो बताओ की दो दिन से आप एक बार भी झड़े नहीं हो। मुझसे चुसवा भी नहीं रहे हो आख़िर आपका काम कैसे चल रहा है?

शिवा पैंट के ऊपर से अपने लौड़े को दबाकर बोला: बस आज रात को देखना क्या मस्त चुदाई करूँगा।

मालिनी हँसकर: आज रात तो मैं भी आपको नहीं छोड़ने वाली हूँ। मेरा तो मन कर रहा है कि अभी आपको चूम लूँ। इतने हैंडसम दिख रहे हो आप अभी।

शिवा ने हँसते हुए कार चलाते हुए अपने गाल उसकी तरफ़ कर दिए। वो उसको चूम ली। फिर इसी तरह चूहलबाज़ी करते हुए वो घर पहुँचे । राजीव अभी भी ट्रैक सूट में था और टी वी देख रहा था। दोनों ने उसके पैर छुए और वो शिवा से गले मिला और मालिनी के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। दोनों अपने कमरे में गए और शिवा जल्दी से तय्यार हुआ और दुकान चला गया । मालिनी ने भी घर के कपड़े सलवार कुर्ता पहना और बाहर आयी और किचन में जाकर बाई से काम करवाने लगी और खाने की तय्यारी भी करने लगी। जब वो किसी काम से ड्रॉइंग रूम से गुज़रती तो राजीव उसे देखकर मुस्कुरा देता और वो भी मुस्कुरा देती। क़रीब १२ बजे बाई काम करके चली गयी । उसके जाने के बाद मालिनी दरवाज़ा बंद करी और सीधी आकर राजीव के सामने आकर खड़ी हुई । राजीव भी उसे देखे जा रहा था । अब वो एकदम से उसके गोद में बैठी और उससे पूरी तरह लिपट गयी और उसके गाल चूमने लगी और फिर अपने होंठ उसके होंठ पर रख दी। अब दोनों एक प्रगाढ़ चुम्बन में डूब गए । अब होंठ और जीभ भी एक दूसरे की चूसे जा रहे थे। फिर जब दोनों हाँफने लगे, तब मालिनी बोली: पापा मैंने आपको बहुत मिस किया। मैं अब आपको प्यार करने लगी हूँ। आपसे एक दिन भी अलग रहकर मुझे चैन नहीं मिला। और वो रोने लगी।

राजीव उसको चूमकर बोला: बेटी मेरा भी यही हाल था और मैं भी एक दिन तुमको देखे बिना नहीं रह सकता। पर रो क्यों रही हो।

मालिनी: पापा ये क्या अजीब सी बात हो गयी है की मैं शिवा को भी बहुत प्यार करती हूँ और अब आपसे भी प्यार करने लगी हूँ। ये क्या हो रहा है?

राजीव ने उसके होंठ चूमे और बोला: बेटी इसमें कोई ग़लत बात नहीं है। एक इंसान दो लोगों से क्यों नहीं प्यार कर सकता। क्या पता शिवा भी किसी और से प्यार करता हो? वो मन में सोचा कि अब जल्दी ही ये बात इसको बतानी होगी और फिर देखे क्या रायता फैलता है?

मालिनी: ओह पापा कई बार मैं बहुत उलझन में पड़ जाती हूँ।

राजीव अब उसके चूचियों पर हाथ फेरा और बोला: बेटा पिरीयड्ज़ का क्या हाल है?

मालिनी: पापा आज शाम तक क्लीयर होना चाहिए। आपको इच्छा हो रही है तो चूस दूँ क्या?

राजीव: अभी ऐसी ही गोद में बैठी रहो और बातें करो। बाद में चूस देना। अच्छा ये बताओ सरला कैसी है?

वो अपना मुँह उसकी छाती में घुसाई और बोली: मम्मी ठीक हैं । मेरी बहने और भाई भी ठीक है। पर इस बार मुझे मम्मी के साथ टाइम बिताने का मौक़ा ही नहीं मिला। मेरे भाई बहनों के साथ ही ऊधम करती रही।
 
Well-known member
2,893
6,190
143
राजीव सोचा कि तभी तो सरला को शिवा से चुदवाने का मौक़ा मिला, वरना कहाँ मिलता। दोनों बड़ी देर तक बातें करे। फिर राजीव ने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाया और उनको चूमा। फिर वह उसकी बाँह उठाया और उसकी बग़ल सूँघा और मस्त होकर चाटने लगा। मालिनी भी अपने गाँड़ के नीचे उसके लौड़े को कड़ा होते महसूस करने लगी।

अब वह उसकी चूचि चूमते हुए बोला: बेटा चूसोगी क्या अभी?

मालिनी: जी पापा , लूँगी निकाल दीजिए। और वह उसकी गोद से उठ गयी।

राजीव अब लूँगी निकाला और मालिनी नीचे ज़मीन पर बैठी और उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहलाई और फिर चूमने लगी। लौड़े को ऊपर से नीचे चाटकर वो अब उसको चूसने लगी। राजीव इसकी छातियों को ब्रा के ऊपर से दबाए जा रहा था। जल्दी ही वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और हाथ से उसके बॉल्ज़ को भी सहलाने लगी। अब राजीव आऽऽह ह्म्म्म्म्म्म करके उसके मुँह में अपना रस छोड़ने लगा। वह उसको पी गयी और उसके सुपाडे को चाट कर साफ़ कर दी। आख़री बूँद जो कि उसके लौड़े के छेद में लगी थी उसे भी जीभ से चाट ली। अब वो मुँह पोंछकर खड़ी हुई तो राजीव उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबाकर बोला: बेटा इसे चूस दूँ?

मालिनी: नहीं पापा अभी पूरा बंद नहीं हुआ है। कल चूस लेना। फिर वह अपनी कुर्ता पहनी और किचन में जाकर चाय बना कर लाई और दोनों चाय पीने लगे।

मालिनी: पापा आप बोले थे ना कि मैं गायनोकोलोजिस्ट से अपना चेक अप करवा लूँ। आप डॉक्टर से बात किए?

राजीव : हाँ बेटा अच्छा याद दिलाया । फिर वो मोबाइल से डॉक्टर को फ़ोन किया और बोला: हाँ डॉक्टर नमस्ते। मेरी बहु आपसे अपना चेक अप करवाना चाहती है। शादी को ६ महीने हो गए हैं और वो अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई है ।

डॉक्टर: -----

राजीव: हाँ हाँ आप सही कह रही हो अभी समय है पर एक बार चेक अप कर लो ना । इसमें कोई हर्ज है क्या ?

डॉक्टर: ------

राजीव: ठीक है मैं उसे कल १२ बजे लेकर आता हूँ। नमस्ते।
फिर उसने फ़ोन बंद किया और बोला: चलो कल १२ बजे तुमको दिखा ही देते हैं।

मालिनी उठकर उसके गोद में आकर बैठी और बोली: पापा मान लो मेरा सब ठीक हुआ तो? क्या शिवा का भी चेक अप करवाएँगे?

राजीव: तब की तब देखेंगे। अभी से क्यों सोच रही हो? वैसे डॉक्टर भी यही बोल रही थी कि आपको इतनी जल्दी क्या है? अभी एक साल भी नहीं हुआ है शादी को।

मालिनी: हाँ ये भी सच है। पर एक बार चेक अप करवा ही लेती हूँ। ठीक है ना पापा?

राजीव उसको चूमते हुए उसकी पीठ सहलाया और बोला: ज़रूर बेटा, चेक अप कराने में क्या हर्ज है।
फिर दोनों एक दूसरे से चिपके हुए प्यार से बातें करते रहे।
उधर सरला शिवा और मालिनी के जाने से थोड़ी उदास थी। सबने नाश्ता किया और अपने अपने स्कूल , कॉलेज और काम पर चले गए।अब वो ड्रॉइंग रूम में बैठी और पसीना पोंछने लगी। तभी पता नहीं कहाँ से राकेश आ गया।

सरला: तू कॉलेज से वापस भी आ गया ? अभी तो गया था?

राकेश: मम्मी मैं आज गया ही नहीं। थोड़ी देर बाहर घूम कर वापस आ गया।

सरला ग़ुस्सा दिखा कर: ये सही नहीं है बेटा, तुम्हारा आख़री साल है।

राकेश आकर उसके पास बैठा और बोला: मम्मी आप जानते हो की मैं पढ़ने में कितना तेज़ हूँ। एक दिन से कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ेगा और मैं आगे से कभी भी क्लास मिस नहीं करूँगा। पर आज तो वो दे दो आप जिसे पाने को मैं सालों से पागल हूँ।

सरला मुस्करायी: अच्छा ऐसा क्या चाहिए मुझसे?

राकेश उसको पकड़कर अपने से सटा कर बोला: आप चाहिए मम्मी जी।

सरला: तो मैं बैठी तो हूँ। ले ले मुझे।

राकेश अब उत्तेजित होकर: मम्मी क्यों तड़पा रही हो। सच मुझे आप चाहिए। वो उसकी बाँह सहलाकर बोला: मम्मी जीजा जी को तो बहुत प्यार किया थोड़ा सा मुझे भी कर दो ना।

सरला: तुझे शर्म नहीं आयी अपनी मॉ के बेडरूम में झाँकता है?

राकेश: मम्मी आपको जबसे देख रहा हूँ जब मैं छोटा था। आप ताऊजी के साथ क्या क्या करती हो मुझे सब पता है। प्लीज़ सबको मज़ा दे रही हो तो मुझे क्यों तड़पा रही हैं आप।

सरला: पर तू मेरा सगा बेटा है मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती।

राकेश अपना लंड अपने लोअर के ऊपर से दिखाया और बोला: मम्मी देखो कैसे पगला रहा है ये आपके लिए। वो यह कहकर उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। सरला उसके कड़े लंड के अहसास से सिहर उठी। फिर बोली: देख बेटा मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती। ज़्यादा से ज़्यादा मैं तेरी मूठ्ठ मार सकती हूँ। वो इसके लंड को अब दबाने लगी थी।

राकेश: क्या मम्मी उसमें पूरा मज़ा थोड़ी ना आएगा। मुझे तो आपको चोदना ही है।

सरला: ओह कैसी बात कर रहा है अपनी मम्मी के साथ। ये नहीं हो सकता। बस अब मैं नहाने जा रही हूँ। छोड़ मुझे।

राकेश अब अपने आप को उसकी गोद में गिरा दिया और बोला: मैं तो नहीं उठूँगा जब तक आप हाँ ना कर दो चुदाई के लिए।

अब सरला ने अपनी आवाज़ को कठोर किया और बोली: उठो अभी और जाओ कॉलेज । कह दिया ना कि माँ बेटे में ये नहीं हो सकता। उठो।

राकेश आवेशित मम्मी के इस रूप से डर गया और बोला: ठीक है मम्मी अगर आपका यही जवाब है तो आप भी सुन लो कि मैं आज से भूक़ हड़ताल कर रहा हूँ। जब तक आप चुदाई के लिए हाँ नहीं करोगी मैं खाना नहीं खाऊँगा।

सरला: वाह तू दुनिया का इकलौता बेटा हो जो कि माँ को चोदने के लिए भूक़ हड़ताल करेगा। जा मर मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

अब राकेश चुपचाप उठा और अपना बैग लेकर बाहर चला गया और बोला: मम्मी मैं कॉलेज जा रहा हूँ।

सरला ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह नहाने को बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतारते हुए सोचने लगी। शाम तक उसकी अक़्ल ठिकाने आ ही जाएगी। फिर वह अपने बदन में पानी डालते हुए सोची कि उसके बेटे का लंड तो काफ़ी बड़ा लग रहा था। वह गरम हो गयी और अपनी बुर में साबुन से सनी ऊँगली डाल कर अपनी बुर रगड़ने लगी। अब वह अपनी छाती भी मसल रही थी और बुर भी और जल्दी ही वो उइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी।

उधर राजीव ने सरला को खाने के पहले फ़ोन किया और बोला: फिर शिवा से भरपूर चुदीं या नहीं?

सरला हँसकर: आपका बेटा आप पर ही गया है। मस्त मज़ा दिया है।

राजीव: अब कुछ दिनों में यहाँ आओ और मालिनी को अपनी और शिवा की चुदाई दिखा दो।

सरला: ये बड़ा मुश्किल होगा । मेरी बेटी का दिल टूट जाएग। प्लीज़ और कोई रास्ता ढूँढिए ना। ये बहुत दुखदाई होगा , हम तीनों के लिए।

राजीव : मुझे लगता है कि इससे मालिनी की सेक्स के प्रति भ्रांतियाँ मिट जाएँगी। वो इसे रिश्तों से ऊपर उठकर आदमी और औरत की ज़रूरत की निगाह से देखेगी।

सरला: फिर भी प्लीज़ कुछ वक़्त दीजिए ना।

राजीव : ठीक है ।चलो रखता हूँ। कोई आ रहा है?

सरला अब खाना खाकर लेट गयी।

उधर रात को शिवा आया और मालिनी से बोला: जान आज बिज़नेस बहुत अच्छा हुआ । देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ।

वो एक सुंदर सी लिंगरी लाया था । वो बोला : आज यही पहनना । बहुत सेक्सी लगोगी।

मालिनी: आह बहुत रोमांटिक मूड में लग रहे हो। लगता है रात भर परेशान करने वाले हैं आप।

शिवा: अब तुम्हारी लाल झंडी हरी हुई है तो गाड़ी तो दौड़ाएँगे ही जानू। फिर दोनों हंसने लगे। अब शिवा बाथरूम में जाकर नहाने लगा। मालिनी को पता नहीं क्या सूझा कि वो सीधे वो लिंगरी लेकर राजीव के कमरे में गयी और बोली: पापा देखो ये मेरे लिए क्या लाए हैं ?

राजीव कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था। वो लिंगरी देखा और बोला: उफफफ क्या मस्त माल लगोगी इसमे ? कब पहनोगी इसको?

मालिनी: सोने से पहले।

राजीव: एक बार मुझे भी दिखाना कि कैसी लगती हो इसमें?

मालिनी: कोशिश करूँगी कि आपको दिखा सकूँ। वरना कल आपको दिन में दिखा दूँगी पहन कर।

राजीव उसको गोद में खींचकर उसके होंठ चूमते हुए बोला: बेटा कोशिश करो कि आज रात को ही दिखा दो।

मालिनी: पापा आज दिखाऊँगी तो आप उत्तेजित हो जाओगे। फिर शांत कैसे होगे?

राजीव: बेटा तुम दिखाओ तो मैं रास्ता निकालूँगा। प्लीज़ ।

मालिनी: ओके पापा मैं कोशिश करती हूँ। आप अभी खाना खाने आ जाओ। वो उसकी गोद से उठते हुए बोली। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसकी गाँड़ दबायी और बोला: ठीक है बेटा अभी आता हूँ।
 

Top