Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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उधर शाम की चाय मालिनी और राजीव भी पी रहे थे।

राजीव: और बताओ क्या क्या किया मम्मी के यहाँ?

मालिनी: पापा बताया था ना बहनों के साथ शॉपिंग की और फ़िल्म देखी। शिवा नहीं जा पाए थे। उनका सर दर्द हो रहा था।

राजीव अनजान बन कर : तो उसे घर में अकेला छोड़ गए थे। सरला भी तो तुम्हारे साथ गयी होगी ना ?

मालिनी: नहीं, मम्मी नहीं गयी थीं ।

राजीव : ओह तो तुम शिवा को सरला के पास अकेले छोड़ गयी थी? ये क्या किया बेटा तुमने? तुम अपनी मम्मी को जानती हो ना कि वो कितनी चुदासी है? वो ज़रूर शिवा से चुदवा ली होगी।

मालिनी का मुँह हैरानी से खुला ही रह गया। वो बोली: छी पापा आप कितनी गंदी बात कहते हैं। शिवा ऐसे नहीं है और ना ही मम्मी कभी उनसे चुदवाएँगी। ये सब आपकी कोरी गंदी कल्पना है।

राजीव: अरे बेटा मैंने शिवा को उस दिन पार्टी में सरला की चूचियों को घूरते हुए देखा था। अगर मौक़ा मिला तो वो उसे चोदे बिना नहीं रहा होगा।

मालिनी: पापा आप भी कुछ भी बोले जा रहे हो। मैं नहीं मान सकती। वह ग़ुस्से से पैर पटक कर चली गयी।


राजीव मन ही मन मुस्कुराया और सोचा कि तीर निशाने पर लगा है। जल्दी ही बात आगे बढ़ाऊँगा।

रात को शिवा के साथ दोनों ने खाना खाया। शिवा और मालिनी अपने कमरे में आ गए।

जल्दी ही दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे और फिर चूमने सहलाने के बाद शिवा उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा। जब दोनों मस्ती से चुदाई कर रहे थे तभी मालिनी उसके कान को काट कर बोली: आऽऽहहह क्या मस्त चोओओओओओद रहे हो हाऽऽययय जाऽऽऽऽऽऽऽन । अच्छा ये तो बताओ कि क्या आप मम्मी के साथ भी ये सब किए थे जब हम फ़िल्म देख रहे थे।

शिवा तो जैसे आसमान से गिरा। वो हड़बड़ाकर बोला: क्या फ़ालतू बात कर रही हो।

तभी मालिनी ने महसूस किया कि उसका लण्ड नरम पड़ गया है। वो सोची कि इसकी क्या वजह हो सकती है। क्या सच में वह मम्मी को चोदा है। इस लिए घबरा गया है। या मैंने इतनी ग़लत बात कह दी है कि वो अपसेट होकर अपनी उत्तेजना गँवा बैठा है। पता नहीं क्या सच है और क्या झूठ?

शिवा अब उसके ऊपर से उतरकर बग़ल में लेटकर बोला: क्या पूरा चुदाई का मूड ख़राब कर दिया। आख़िर ये बात तुमको सूझी कैसे? वो मन ही मन डर भी रहा था कि इसको शक कैसे हो गया?

मालिनी: अरे मैं तो मस्ती कर रही थी और आप इतना सीरीयस हो गए? वो सोची कि इसे ये तो नहीं बता सकती कि ये सब पापा के दिमाग़ की ख़ुराफ़ात है।

मालिनी अब उठ कर सॉरी बोली और उसका लण्ड सहलायी और फिर चूसने लगी। जल्दी ही वो फिर से मूड में आ गया और उसका मस्त खड़ा हो गया। वो अब फिर से उसके ऊपर आकर मालिनी की ज़बरदस्त चुदाई में लग गया। फिर दोनों झड़कर सुस्ताने लगे।

शिवा: जान ये मम्मी वाली बात तुम्हारे दिमाग़ में आयी कैसे?

मालिनी बात बना कर बोली: उस दिन पार्टी में आप मम्मी की चूचियों को घूर रहे थे। तो मैंने सोचा कि कहीं मौक़ा मिलते ही आपने उनका मज़ा तो नहीं ले लिया ?

शिवा: मेरा छोड़ो तुमको अपनी मम्मी पर विश्वाश नहीं है क्या?

मालिनी थोड़ी सी गम्भीर होकर: देखो आज आपको एक बात बताऊँगी किसी को कहिएगा नहीं।

शिवा: क्या बात?

मालिनी: मम्मी पापा के जाने के बाद ताऊजी से सम्बंध बना चुकी थीं । घर में सबको पता है पर सब ऐसा दिखाते हैं जैसे किसी को भी पता नहीं है।

शिवा बनते हुए : ओह ऐसा क्या? वो सोचा कि ये तो उसको पता ही है।

मालिनी: हाँ मैंने दोनों को कई बार चुदाई करते देखा है। इसीलिए मैं सोची कि कहीं वो आपसे भी तो नहीं चुदवा ली?

शिवा हँसकर: अच्छा अगर वो सच में मुझसे भी चुदवा लेती तो तुम क्या करती?

मालिनी हँसकर : तो मैं आपसे बदला ले लेती।

शिवा: वो कैसे ?

मालिनी: आप मेरी मम्मी को चोदे तो मैं किससे चुदवाऊँगी बदला लेने के लिए? बताइये ।

शिवा सोचकर: ओह भगवान । तो क्या तुम वही सोच रही हो जो मैं सोच रहा हूँ।

मालिनी: मुझे क्या पता आप क्या सोच रहे हो?

शिवा: यही कि बदला तो तभी पूरा होगा जब तुम मतलब- याने कि - ओह मैं कैसे कहूँ?

मालिनी: मैं बोल देती हूँ जब मैं पापा से चूदूँ । यही ना।

शिवा सन्न रह गया और हैरानी से मालिनी को देखने लगा।

फिर वो बोला : हाँ बदला तो यही हो सकता है। पर- क्या - तुम--

मालिनी: आप बर्दाश्त कर पाओगे? मैं आपके पापा से चुदवाऊँ?

शिवा चुप होकर उसको ध्यान से देखने लगा। दोनों अभी भी चुदाई के बाद नंगे ही थे। अचानक उसने देखा कि मालिनी के निपल्ज़ अब पूरे तन गए थे। उधर मालिनी ने भी देखा कि शिवा का लण्ड अब फिर से फ़नफ़ना रहा था।

दोनों सोचने लगे कि मालिनी का पापा से चुदवाने का ख़याल भी दोनों को ही उत्तेजित कर रहा है। इसका मतलब?

शिवा मालिनी को लुढ़काया और वो पेट के बल हो गयी। वो उसके पीछे जाकर उसको कमर से पकड़कर घोड़ी बनाया। अब उसके उसकी बुर में ऊँगली डाली और वो स्तब्ध रह गया क्योंकि वहाँ तो जैसे रस की धार निकल रही थी। इसका क्या मतलब है वो सोचा। क्या पापा से चुदवाने के ख़याल से ही वो उत्तेजित हो उठी है। वो ख़ुद बहुत उत्तेजित होने लगा। उसका लण्ड बहुत कड़ा हो गया था और दर्द कर रहा था। उसने अपना लंड उसकी बुर में एक झटके में डाला। बुर गीली थी गपाक से उसको निगल ली। अब वो जैसे पागल हो गया हो वैसे उसकी ज़बरदस्त धक्कों के साथ चुदाई करने लगा। मालिनी की चीख़ें निकलने लगीं: आऽऽऽऽऽऽहहह और जोओओओओओओओर सेएएएएए चोओओओओओदो।

शिवा भी बिना रुके धक्के मारे जा रहा था। मालिनी को भी लगा कि शायद इतनी भयानक चुदाई शिवा ने आजतक नहीं की है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मज़ा आ रहा था। क्या मस्त चुदक्कड हो गया है शिवा। आज तो लगता है मेरी बुर सुज़ा कर ही मानेगा। जल्दी ही दोनों चिल्लाकर झड़ने लगे। फिर दोनों लस्त होकर पड़ गए। और नींद की आग़ोश में समा गए।

उधर सरला के घर में रात का खाना सबने खाया। मगर राकेश नहीं आया। श्याम ने भी पूछा: राकेश नहीं दिख रहा?

सरला: वो अभी आराम कर रहा है। मैं उसे खिला दूँगी बाद में। वो श्याम को क्या बताती कि उसका बेटा ज़िद में अड़ा है कि वो खाना तभी खाएगा जब वो अपने बेटे से चुदने के लिए राज़ी होगी। कोई सुनेगा तो क्या कहेगा।

सब खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले गए। श्याम ने सरला को इशारे से बताया कि आज चुदाई का मूड है। सरला मुस्कुरा कर हाँ कर दी।
अब सरला ने एक थाली में खाना सजाया और राकेश के कमरे में गयी। वो अभी भी लेटा हुआ था। उसका चेहरा बुरी तरह से कमज़ोर दिख रहा था। माँ का दिल कचोट गया। वो बिस्तर पर बैठ कर उसका सर सहला कर बोली: चल अब पागलपन छोड़ और खाना खा ले।

राकेश : नहीं मम्मी मैं नहीं खाऊँगा।

सरला: मैं तेरे ताऊ जी को बुलाऊँ? वो ही तुझे ठीक करेंगे।

राकेश: मम्मी आप उनको कहोगी क्या ये तो सोच लो।

सरला ग़ुस्सा दिखाकर: मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। चल उठ और खाना खा।
 
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राकेश उठकर बैठा और बोला: मम्मी लो मैंने अपने गाल आपके पास किया । मारो थप्पड़ ज़ोर से ।
अब सरला रुआंसी होकर: बेटा क्यों तंग कर रहा है अपनी माँ को। प्लीज़ खाना खा ले । ऐसी ज़िद नहीं करते बेटा।
राकेश: मम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ। मैं अपने बिना नहीं रह सकता । आप हाँ कर दो मैं अभी खाना खा लूँगा।
सरला: मेरे हाँ करते ही तू मेरे ऊपर टूट पड़ेगा । हैं ना ?
राकेश: नहीं मम्मी आप बस हाँ कर दो। फिर आप जब कहोगी और जैसा कहोगी वैसा हो होगा।
सरला:मतलब हाँ कहने पर भी तू मुझे थोड़ा वक़्त देगा ना?
राकेश: मम्मी बिलकुल । आप जब तक नहीं चाहोगी मैं आपको नहीं चोदूँगा। पर प्यार तो हम कर हो सकते हैं ना?
सरला : अच्छा चल मैंने हाँ की। पर तुझे मेरे को मानसिक रूप से तय्यार होने का समय देना होगा।
राकेश ख़ुशी से उछल कर मम्मी की गोद में लेट गया। वह उसके बालों में हाथ फेरी और बोली: बहुत ज़िद्दी हो गया है तू। अपनी बात आख़िर मनवा कर ही माना। चल अब खाना खा।
राकेश : मम्मी आप ही खिलाओ आज। अब वह अपनी मम्मी की साड़ी का पल्लू गिराया और उसकी ब्लाउस में से बाहर झाँकती छातियों को चूमकर मस्त हो गया।
सरला हँसकर: अच्छा अब तबियत ठीक हो गयी। चल बदमाश ठीक है मैं ही खिला देती हूँ। फिर वो अपने बेटे को प्यार से खिलाने लगी। वो भी सुबह से भूका था इसलिए जल्दी जल्दी खाने लगा। मालिनी ने उसे पकड़कर उठाया और बिठाकर खिलाने लगी। उधर वो उसकी साड़ी के ऊपर से जाँघें दबाने लगा, और बोला : मम्मी आपकी जाँघें कितनी गद्दीदार हैं।
वो हँसकर: अच्छा, और क्या गद्दीदार है मेरा ?
राकेश: ये मम्मी । कहते हुए वो उसकी छातियाँ दबाने लगा।
सरला ने उसका हाथ वहाँ से नहीं हटाया और कहा: अच्छा ये बता कि तू मेरी छातियाँ ऐसे दबाएगा तो मैं परेशान नहीं होऊँगी क्या? और क्या तू मुझे परेशान करना चाहता है?
राकेश उसी समय उसकी छातियों से हाथ हटाया और बोला: नहीं मम्मी मैं आपको बिलकुल परेशान नहीं करना चाहता। मैं तो बस आपको प्यार करना चाहता हूँ।
सरला: अगर तू मुझे सच्चा प्यार करता है तो चल जल्दी से खाना खा ले । और मुझे जाने दे ।
राकेश: मम्मी आज मेरे साथ सो जाइए ना प्लीज़। मैं आपको नहीं चोदूँगा। पक्का।
सरला: अरे तू तो नहीं चोदेगा मगर तेरे ताऊ तो अभी इशारा करके गये हैं कि वो आज आयेंगे चुदाई के लिए। अब तुझसे क्या छिपाना। तुम तो सब जानते हो।
राकेश: ओह मम्मी कोई बात नहीं। मैं तो बस आपसे चिपक कर सोना चाहता था। चलो कल सही। आप जाओ ताऊ जी के साथ आपका रिश्ता बहुत पुराना है। मैंने कई बार आप दोनों को चुदाई करते देखा है ।
सरला: सच तू अब बड़ा हो गया है। मुझे तुझपर गर्व है। अच्छा अब चलती हूँ। उसके खाने के ख़ाली बर्तन उठाए और झुक कर बेटे का गाल चूमने लगी। पर बेटा कहाँ कम था , उसने अपने गाल घुमाए और अपने होंठ अपनी मम्मी के होंठ पर रख दिए। एक लम्बे चुम्बन के बस सरला अलग हुई और हाँफते हुए बाहर चली गयी। जाते हुए राकेश का खड़ा लण्ड इसकी तेज़ निगाहों से नहीं बच सका।
उस रात सरला के कमरे में श्याम करीब रात को ११ बजे आया और उसने जमकर चुदाई की। राकेश चुदाई देखने के लोभ से अपने आप को वंचित नहीं रख सकता था । सो वह खिड़की से पूरी चुदाई देखा ।आज श्याम उसे घोड़ी बनाकर पीछे से चोद रहा था। मम्मी की बड़ी सी गाँड़ में श्याम की जाघें थप्प थप्प कर के आवाज़ निकाल रही थी। वह उसकी चूचियाँ भी दबाए जा रहा था। राकेश मज़े से भर गया और मूठ्ठ मारकर अपनी भूक़ शांत किया। वहाँ बिस्तर पर मम्मी पेट के बल लेटी थी और उसकी बड़ी गोरी गाँड़ बहुत मस्त लगी राकेश को। श्याम का लण्ड अब सिकुड़ चुका था। वो उठा और बोला: सरला मैं अब जाता हूँ जान।
राकेश चुपचाप वहाँ से हट गया और ताऊ को बाहर जाते देखा। फिर वो खिड़की से अंदर झाँका और वहाँ मम्मी नहीं थी। शायद बाथरूम गयी होंगी। वो चुपचाप अंदर कमरे में पहुँच कर बिस्तर पर बैठ कर मम्मी के वापस आने का इंतज़ार करने लगा। सरला बाहर आइ और वो सिर्फ़ नायटी में थी। उसकी हिलती बड़ी चूचियाँ इस बात की गवाही दे रही थी कि उसने ब्रा नहीं पहनी है। वो राकेश को देखकर बोली: बेटा, तू इस समय यहाँ क्या कर रहा है? वो उसके पास आकर बैठी।
राकेश: मम्मी आपकी चुदाई देख रहा था। मैं तो बचपन से ही आपकी चुदाई देख रहा हूँ। मुझे बहुत अच्छा लगता है।
सरला: पागल है तू। एक ही चीज़ को बार बार देखने में क्या मज़ा आता है तुझे?
राकेश उसकी गोद में लेट गया और बोला: मम्मी मैं तो आपके बदन का दीवाना हूँ। अब वो नायटी के ऊपर से उसकी चूचियों को सहलाने लगा और बोला: मम्मी दुद्दु पिलाओ ना।
सरला: चल हट बदमाश। इतना बड़ा हो गया है। अभी भी माँ का ही दूध पीना है। कोई गर्ल फ़्रेंड ढूँढ ले और उसका दूध पी।
राकेश ने देखा कि मम्मी उसका हाथ अपनी चूचियों से हटाया नहीं था। इसलिए वो अब उसके निपल्ज़ को दबाया। सरला: आऽऽऽऽऽह क्यों तंग कर रहा है बेटा। जा अब सो जा। मैं भी थक गयी हूँ।
राकेश: मम्मी चुदाई से थकावट हो जाती है क्या?
सरला: हाँ बेटा मुझे अब थकावट हो जाती है। मेरी उम्र भी तो हो रही है।
राकेश: मम्मी अभी तो आप मस्त जवान हो। उफफफ क्या मस्त चूचियाँ हैं आपकी। मम्मी एक बार चुदवा लो ना अभी? प्लीज़।
सरला ने देखा कि उसका लोअर पूरी तरह से तन गया था। वो उसके उभार को देखकर बोली: देख तू तो अपना खड़ा कर के बैठ गया।
राकेश: मम्मी तभी तो कह रहा हूँ कि चुदवा लो ना।
सरला: अच्छा चल बाहर निकाल । चूस देती हूँ। चुदाई के लिए मैं अभी भी तय्यार नहीं हूँ। माँ बेटे में चुदाई नहीं हो सकती।
राकेश अपना लोअर और चड्डी नीचे किया और सरला उसके लण्ड को प्यार से देखी और बोली: बाप रे कितना बड़ा हो गया है तेरा। ये कहकर उसने प्यार से मुट्ठी में भर लिया। और उसको सहलाने लगी। फिर उसके टोपी के ऊपर की चमड़ी पीछे की और मोटे सुपाडे को देखकर मस्त होकर उसे अंगूठे से सहलाई।
राकेश के सपने मानो साकार होने लगे थे। वो मस्ती में आकर मम्मी की गोदे में लेटे हुए नायटी के ऊपर से उसके दूध को मुँह में लेने लगा। अब सरला बोली: चल बिस्तर पर लेट तभी तो चूसूँगी। अच्छा ये तो बता कि किसी लड़की के साथ मज़ा लिया है या नहीं?
राकेश: मम्मी आप पहली औरत हो जिसने इसे पकड़ा है। मैं तो आपका ही दीवाना हूँ । मुझे कोई लड़की नहीं चाहिए।
अब वह बिस्तर पर लेट गया। सरला ने उसके लौड़े पर अपना मुँह झुकाया। और उसकी झाँटे सहलाते हुए उसके सुपाडे को चूमने लगी। राकेश आऽऽऽऽहह कर उठा। अब सरला ने उसके पूरे लम्बाई को चूमा और फिर उसके बालों से भरे बॉल्ज़ को भी चूमी। अब वो अपने होंठ और जीभ से उसके सुपाडे को चूसने लगी। अब राकेश की -आऽऽऽह मम्मी - निकल गयी। अचानक उसने लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। अब वो उसे डीप थ्रोट देने लगी। राकेश आऽऽऽऽहहह मम्मीइइइइइइइ मैं तो गयाआऽऽऽऽऽऽऽ। अब वो प्यासी औरत अपने बेटे का कामरस पीती चली गयी। राकेश आँखें फाड़े मम्मी को अपना वीर्य पीते देख रहा था और झटके मार मार कर झड़े जा रहा था। बाद में वो उसके लण्ड के एक एक हिस्से को प्यार से चाट कर साफ़ की। जब वो मुँह ऊपर उठाई तो उसके होंठों में कुछ बूँदें लगी हुईं थीं जिसे वो हाथ से साफ़ की और फिर हाथ को भी चाट ली। राकेश मज़े से लस्त होकर पड़ा रहा। सरला उसकी ओर देखी और मुस्कुराती हुए बोली: मज़ा आया?
राकेश: मम्मी इससे ज़्यादा मज़ा आज तक कभी किसी चीज़ में नहीं आया। थैंक्स ।
सरला हँसती हुई बाथरूम चली गयी। अब वो भी अपना लोअर ऊपर किया। मम्मी के आने पर वो उससे लिपट गया और दोनों ने एक दूसरे को बहुत प्यार किया। फिर सरला बोली: चल अब जा अपने कमरे में देर हो गयी है। कल कोलेज भी जाना है ना?
राकेश : ठीक है मम्मी । कहकर वहाँ से चला गया। सरला भी अब लेटकर सोने की कोशिश की।
उधर राजीव भी सोने की कोशिश कर रहा था। दिन भर की घटनाओं के बारे में सोचने लगा। आज बहुत कुछ हुआ था। मालिनी ने उसको शीला की बुर दिलाई थी। साथ ही आज उसने मालिनी के मन में शिवा और सरला के बारे में शक की बुनियाद रख दी है। देखें तीर कितना निशाने पर लगता है? वो भी सो गया।
सुबह किचन में चाय बनाकर वह राजीव को आवाज़ दी। वह बाहर आकर चाय पीते हुए बोला: रात में शिवा ने चोदा?
मालिनी: उफफफ पापा आप भी ना। शायद ही दुनिया में कोई ससुर अपनी बहु से ऐसा अजीब सवाल पूछता होगा?
राजीव: ये मेरी बात का जवाब तो नहीं हुआ बेटा।
मालिनी : ओह्ह्ह्ह्ह अच्छा आपकी बात का जवाब है हाँ हाँ । बस अब ख़ुश? वैसे आपके कारण बड़ी अजीब स्तिथि बन गयी थी । जब मैंने उनको पूछा कि आप मम्मी के साथ कुछ किए थे क्या? तो उनका तो बस खड़ा हुआ उसी समय नरम पड़ गया था।
राजीव: ओह तो चुदाई आधी रह गयी क्या?
मालिनी: नहीं बाद में वो फिर और ज़्यादा उत्तेजित होकर बुरी तरह से चोदे।
राजीव: पर बाद में ऐसा क्या हो गया कि वो इतना उत्तेजित हो गया? मुझे कुछ समझ नहीं आया।
मालिनी: वो वो असल में अब कैसे बताऊँ? छोड़िए ना।
राजीव ने उसका हाथ पकड़ा और बोला: बेटा बताओ ना ऐसा क्या हुआ?
मालिनी: जब हम दोनों में थोड़ी बहस हुई तो मैंने कह दिया कि अगर आप मेरी मम्मी से करोगे तो मैं भी बदला लूँगी।
राजीव : कैसे लोगी बदला?
मालिनी: आपको बताऊँगी तो आप मस्त हो जाओगे।
राजीव: अरे जान अब बता भी दो ना। वैसे उसे अंदाज़ा हो गया था पर वह उसके मुँह से सुनना चाहता था।
मालिनी: मैंने कहा कि आप मेरी माँ से करोगे तो मैं आपके पापा से करूँगी। हा हा मज़ा आ गया ना आपको?
राजीव: आऽऽऽऽह बेटी सच मज़ा आ गया।
वह उठकर उसके पास आकर उसकी बग़ल की कुर्सी पर बैठा और उसकी जाँघ दबाकर बोला: फिर शिवा क्या बोला?
मालिनी: वो बहुत उत्तेजित हो गए थे और - और -
राजीव: उसकी जाँघ सहलाकर: हाँ हाँ बोलो बेटा।
मालिनी: मैं भी बहुत उत्तेजित हो गयी थी। फिर उन्होंने मुझे ज़बरदस्त तरीक़े से चोदा। एक बात कहूँ मुझे लगता है इतना उत्तेजित वो कभी नहीं हुए थे पहले। उफफफफ क्या चुदाई किए। पागल ही हो गए थे वो।
राजीव हैरान होकर: वो ग़ुस्सा नहीं हुआ बल्कि उत्तेजित हुआ? Wow । अच्छा ?
वो सोचने लगा कि इसका क्या मतलब हो सकता है?
तब वो सोचा कि कहीं शिवा भी तो यही नहीं चाहता कि वो मालिनी को चोदे? पर ये कैसे हो सकता है ? वो तो इसको प्यार करता है? इसका मतलब क्या वो भी कुछ नया चाहता है? वो सामने से बोला: ओह वो उत्तेजित क्यों हुआ ये तो पता नहीं पर एक बात बताओ कि तुम क्यों उत्तेजित हुई?
मालिनी ने आँखें झुकाकर कहा: पता नहीं।
अब वो उसकी नायटी के ऊपर से जाँघ दबाकर बोला: इसका मतलब है कि तुम भी मुझसे चुदवाना चाहती हो?
मालिनी: पापा आपको इसमे शक है क्या? पर आप जानते हो कि मेरा ज़मीर इसकी इजाज़त नहीं देता। राजीव ने उसका हाथ अपने लण्ड पर रखा और वो उसे लूँगी के ऊपर से दबाकर बोली: आज सुबह सुबह ही शुरू हो गए आप?
राजीव: तुमने बात ही इतनी बढ़िया बताई है।
अब मालिनी भी उसके लण्ड को दबाकर महसूस की और उठती हुई बोली: पापा अब मैं शिवा को भी उठा देती हूँ।
जैसे ही वो उठी राजीव ने उसकी नायटी के ऊपर से उसकी मस्त गाँड़ को अपने पंजों में भर लिया और दबाकर बोला: आऽऽऽह बेटी कब चुदवाओगी मुझसे ? सच बहुत मन करता है तुम्हारी जवानी का मज़ा लूटने का।
वो: पापा बस थोड़ा सा और इंतज़ार करो। मुझे लगता है कि आप जल्दी ही अपनी इच्छा पूरी कर पाओगे।
वह उसको छोड़ा और बोला: आह पता नहीं बेटा कितना और इंतज़ार करवाओगी? चलो ठीक है देखते हैं क्या होता है?
वह चाय बनाई और शिवा को उठाई । शिवा बाथरूम से आकर उससे चिपक गया और बोला: आह रात की चुदाई बहुत मस्त थी। पता नहीं हम दोनों बहुत उत्तेजित हो गए थे। वो उसके कमर को सहला कर मस्त होकर बोला।
मालिनी: हाँ सच बहुत मज़ा आया था। अच्छा अब आप तय्यार हो जाओ।
शिवा उसके गाल को चूमकर उसकी चूचियाँ दबाया। और फिर बाथरूम में चला गया।
मालिनी सोची कि दोनों बाप बेटा हर समय मेरे बदन को दबाकर मुझे मस्त करते रहते हैं। वो मुस्कुराकर किचन में चली गयी।
शिवा दुकान जाकर सरला को फ़ोन किया। उस वक़्त सरला सबको नाश्ता कराके आराम कर रही थी। सरला: हेलो हाँ शिवा कैसे हो।
शिवा: नमस्ते मम्मी । ठीक हूँ। आज आपकी याद आ रही थी।
सरला: ओह सच । मैं तो सोची थी कि तुम मुझे भूल ही गए।
शिवा: मम्मी आपको कोई कैसे भूल सकता है। क्या मज़ा दिया था आपने। उफफफ अब भी याद आता है तो लण्ड खड़ा हो जाता है। मैंने अपने जीवन में सिर्फ़ आपको और मालिनी को ही तो चोदा है। तो कैसे भूल जाऊँगा आपको ?
सरला: चल बदमाश कहीं का। मेरी हड्डी हड्डी दुखा दी थी तेरी चुदाई ने। सच कहती हूँ तू तो घोड़ा है आदमी थोड़ी है।
शिवा हँसकर : मम्मी आप भी ना। अच्छा एक बात बताओ कल रात को मालिनी बोल रही थी चुदाई के समय कि क्या मैंने आपको चोदा है उस दिन जब वो फ़िल्म देखने गयी थी? उसे ऐसा शक कैसे हुआ होगा?
सरला: ओह तुमने मना कर दिया ना?
शिवा: अरे मना तो किया पर ये ये विचार उसे आया कैसे?
सरला: पता नहीं। हो सकता है कि तुम्हारे पापा ने उसे ये बोला हो?
शिवा: पापा ने ? क्या पापा उसके साथ ऐसी बात कर सकते हैं?
सरला: पता नहीं पर मुझे लगता है कि मालिनी को ये बात उन्होंने ही कही होगी।
शिवा: पर आप ऐसा कैसे कह सकते हो? पापा उसे अपनी बेटी मानते हैं और वो उससे मेरी और आपकी चुदाई की बात कैसे कहेंगे?
सरला: बेटा मैंने तुमको बताया था ना कि तुम्हारे पापा दूसरी शादी की बात करे हैं मालिनी से । वो तुमको कहाँ बताई। वो और क्या क्या बोलते होंगे मालिनी शायद तुमको नहीं बता पाती होगी।
शिवा: ओह हाँ ये हो सकता है कि वो किसी दबाव में होगी? मुझे पता करना ही होगा।
सरला: बेटा कोई आया है बाहर घंटी बज रही है मैंने बाद में बात करूँगी।
शिवा ने फ़ोन बन्द किया और सोचने लगा कि ये माजरा क्या है? सबसे पहले मालिनी का ये कहना कि वो मम्मी के साथ मज़ा लिया क्या। और अब सरला का ये कहना कि पापा मालिनी से इस तरह की बातें कर सकते है। और सबसे बड़ी बात वो सोचा कि जब मालिनी उससे बदले लेने की बात की तो वो ख़ुद इतना क्यों उत्तेजित हो गया था? इसका क्या मतलब है कि वो ख़ुद चाहता है कि उसकी बीवी पापा से चुदे? और एक बात ये मालिनी भी इतनी उत्तेजित क्यों हुई थी? उसकी बुर में मानो नदी बह रही थी। इसका क्या मतलब है कि मालिनी भी पापा से चुदवाना चाहती है? उफफफ वो ये क्या सोच रहा है? उसने देखा कि उसका लंड पूरा तन गया था। वो सोचने लगा कि वो ख़ुद क्या चाहता है। अपने लण्ड को सहलाकर लैपटॉप खोला और उसने एक सीडी लगाई जो वो अपने कैबिन में छिपा कर रखता था। उस सीडी में एक बाप और बेटा एक लड़की को चोद रहे हैं । वो लड़की उस लड़के की गर्ल फ़्रेंड है। जिसको बेटा बाप को ऑफ़र करता है।

इस सीडी को वो कई बार देख चुका था। ये उसकी पसंदीदा सीड़ी है। अब क्या सच में उसके जीवन में ऐसा ही कुछ होने वाला है?
 
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शिवा सीडी देखकर अपना लंड दबा रहा था। बहुत ही कामुक दृश्य था जिसमें एक जवान लड़की पीठ के बल लेट कर सिसकियाँ भर रही थी और बाप बेटा उसके एक दूध चूस रहे थे। उफफफफ क्या मज़ा ले रहे थे दोनों। लड़की के एक एक हाथ में दोनों के बड़े बड़े लण्ड थे जिनको वह सहला रही थी। दोनों आदमियों के हाथ उसके बदन पर घूम रहे थे और उसकी बुर में भी तीन उँगलियाँ घुसी हुई थीं।
तभी फ़ोन बजा। शिवा ने फ़िल्म बंद की और फ़ोन उठाया। सरला का ही फ़ोन था। वो बोली: हाँ बेटा क्या बोल रहे थे।
शिवा: मम्मी रात को मालिनी बदला लेने की बात कर रही थी । वह बोली अगर आप मेरी मम्मी को चोदे हो तो मैं भी आपके पापा से चुदवाऊँगी।

सरला: ओह इसका मतलब कि तुम्हारे पापा अपने मक़सद में कामयाब होते दिखाई दे रहें हैं।

शिवा: क्या मतलब? क्या मक़सद है पापा का?

सरला: मालिनी को चोदना । वो अपनी बहु पर बहुत दिनों से निगाह रखे हैं। वो कहते हैं कि वो दूसरी शादी करेंगे। इसलिए मालिनी उनकी बात शायद मान गयी है। तभी ऐसा बोल रही है।

शिवा: मेरे पापा के बारे में आप इतना सब कैसे जानती हैं जो कि मैं भी नहीं जानता।

सरला: वो - वो - क्या है ना - मतलब - अब मैं क्या बोलूँ?

शिवा: मम्मी कहीं आप पापा से चुदीं तो नहीं हो?

सरला: ये कैसे बोल रहे हो? क्या ऐसी बात कोई पूछता है भला?

शिवा: मम्मी आप भूल रही हो कि मैं भी आपको चोद चुका हूँ। और आप सिर्फ़ मेरी सास नहीं हो बल्कि मेरी चुदाई पार्ट्नर भी हो। मैं तो चाहता हूँ की आप कुछ दिनों के लिए यहाँ आ जाओ ताकि मैं आपको मस्ती से चोद सकूँ।

सरला: धत्त ये कैसे हो सकता है, वहाँ मालिनी और तुम्हारे पापा भी होंगे। तुम्हें मज़ा लेने यहाँ मेरे घर आना होगा।

शिवा: मम्मी वो तो सिर्फ़ इतवार को ही हो सकता है। चलो प्लान करते हैं। अच्छा रखता हूँ।

शिवा फ़ोन काट कर सोचने लगा। कही कुछ गड़बड़ है। उसे पता करना होगा कि पापा और मालिनी के बीच क्या चल रहा है? पर कैसे पता करे वो? वो सोचता रहा । तभी उसे याद आया कि वो जब लिंगरी लेकर गया था मालिनी के लिए तो रात में उसे पहनकर वो पापा को दूध देने गयी थी। उसने उस दिन उसके ऊपर एक कपड़ा ढाँक लिया था। क्या वो सब उसे धोका देने के लिए था। अगर ऐसा है तो वह पापा को लिंगरी में अपना बदन दिखाने गयी थी। वो जितना इस बात के बारे में सोचता उतना ही उसका शक पक्का होता जाता। वो सोचा कि आज फिर एक सेक्सी ड्रेस लेकर जाता हूँ। देखता हूँ कि वो फिर से कोई बहाना बना कर पापा के कमरे में जाती है क्या? अगर गयी तो फिर साफ़ है कि वो पापा के साथ मज़ा कर रही है। उसका लण्ड इन बातों को सोचकर पूरा तना हुआ था। वो बाथरूम में गया और मालिनी के नाम की मूठ्ठ मारा। और फिर शांत होकर बाहर आया और एक सेक्सी ड्रेस खोजने लगा। आज उसने एक ऐसी ड्रेस पसंद की जिसका सोच कर वो फिर से उत्तेजित होने लगा। इस ड्रेस से उसकी चूचियाँ आधी से ज़्यादा नंगी दिखाई देंगी और पूरा पेट और आधी कमर भी नंगी रहेगी। और सिर्फ़ बुर का भी आधा हिस्सा ही ढकेगा।जाँघों के ऊपर एक कपड़े का हिस्सा अलग अलग लहरा रहा था। पीछे से गाँड़ के ऊपर एक रस्सी भर होगी। उसने ड्रेस पैक कर ली। आज ये फ़ैसला होना था कि क्या सच में मालिनी और पापा के बीच कुछ है?

उधर शिवा के जाने के बाद मालिनी नहाकर सलवार क़ुर्ती में बाहर आयी और किचन में बाई के साथ खाना बनाने लगी। तभी राजीव ने उसे आवाज़ दी: बेटा ज़रा आना तो।

मालिनी उसके कमरे में आयी और बोली: जी पापा।

राजीव उसके बदन की ओर देखता हुआ बोला: वाह नहा कर कितनी मस्त लग रही हो। बाल ऐसे ही खुला रखा करो।

मालिनी हँसकर: अच्छा समझ गयी। बोलिए किस लिए आवाज़ दी?

राजीव: तुमको ये दिखाने को। ये कहते हुए उसने एक सेक्सी ड्रेस निकाली और बोला: ये मैंने तुम्हारी सास के लिए ख़रीदी थी। पर वह कभी नहीं पहनी। तुम पहनकर दिखाओ। मस्त लगोगी।

मालिनी ने उस ड्रेस को चेक किया और हँसकर बोली: पापा सासु माँ ने नहीं पहना ठीक ही किया। आप इसको ड्रेस कहते हो? इससे तो अच्छा है कि कुछ पहना ही ना जाए। देखिए तो यहाँ से तो पूरा खुला हुआ है। पूरी नंगी ही दिखूँगी।

राजीव: बेटा एक बार पहन कर तो दिखा दो। इतने प्यार से ख़रीदी थी मैंने।

मालिनी उसको हाथ में पकड़कर बाहर जाकर दरवाज़े के पास खड़ी होकर बोली:अब आप सुनिए मैं इसको अपनी सेकंड सुहागरत में पहनूँगी जो आपके साथ मनाऊँगी। वो कहकर हँसी और वहाँ से भाग गयी। राजीव के लण्ड ने ये सुनकर झटका मारा और वो भी बाहर आया । पर तब तक मालिनी किचन में जा चुकी थी जहाँ काम वाली बाई काम कर रही थी। उसके पैर थम गए। वह मन ही मन मुस्कुराता हुआ सोचा कि अब दिल्ली दूर नहीं है। जल्दी ही उसकी बहु उसकी बाहों में होगी। उसका दिल बल्लियों उछलने लगा।

उधर सरला ने राजीव को फ़ोन लगाया: कैसे है आप?

राजीव : ठीक हूँ जान। आ जाओ ना कुछ मज़े करेंगे।

सरला: आपको बस एक ही बात सूझती है। अच्छा ये बताओ कि आपने मालिनी के दिल में ये शक क्यों डाला कि शिवा और मेरे बीच कुछ हुआ होगा। क्या फ़ायदा होगा आपको ऐसा कहकर।

राजीव: अरे फ़ायदा तो हो गया। मालिनी कल शिवा को बोली कि अगर ये सच है तो वो इसका बदला लेगी। और बदला होगा कि क्योंकि शिवा ने उसकी मम्मी को चोदा है इसलिए वो शिवा के पापा से चुदवाएगी। बताओ कितना मीठा सा बदला लेगी ना तुम्हारी बिटिया।

सरला: ओह हे भगवान। आपने क्या क्या भर दिया है उसके दिमाग़ में। प्लीज़ उसे छोड़ दीजिए शिवा के लिए। आपको जो करना है मेरे साथ कर लीजिएगा।

राजीव: अरे तुम्हारे साथ भी कर लेंगे और तुम्हारी प्यारी सी बिटिया के साथ भी कर लेंगे।

सरला: अरे आप क्यों उसकी शादीशुदा ज़िन्दगी में आग लगा रहे हो।

राजीव: आग तो तुम लगायी हो शिवा के बदन में ,मैं तो मालिनी की आग बुझाऊँगा जानू।

सरला कुछ कहती इसके पहले श्याम अंदर आने लगा, तो वह अच्छा अभी रखती हूँ कहकर फ़ोन काट दी।

रात को आठ बजे शिवा घर आया और अपने कमरे में जाकर फ़्रेश हुआ। मालिनी उसके पास आइ और बोली: कैसा रहा दिन आज का?

शिवा: बहुत अच्छा धन्धा हुआ है। इसीलिए देखो तुम्हारे लिए ये गिफ़्ट लाया हूँ।
मालिनी ने गिफ़्ट खोली और उसमें एक बहुत ही सेक्सी ड्रेस देखकर उसका मन हुआ कि अपना सर पीट ले। वहाँ बाप उसे एक सेक्सी ड्रेस दे रहा है और यहाँ बेटा भी एक सेक्सी ड्रेस लेकर आ गया है। वो मन ही मन सोची कि बाप बेटा एकदम एक जैसे ही हैं।

शिवा: आज रात को ये पहन कर दिखाना और फिर तुम्हारी चुदाई करूँगा जैसे ब्लू फ़िल्म में होता है। ठीक है ना? मेरी जान।

मालिनी: अब क्या कहूँ आपको । आप हमेशा ही अपने मन की तो करते हो। है कि नहीं?

शिवा: चलो अब भाषण मत दो जान। बस पहन लेना।

मालिनी हँसके : अच्छा जो चाहोगे सब हो जाएगा मेरी जान। चलो अब खाना लगाती हूँ।

सबने खाना खाया। आज पहली बार शिवा ध्यान से देख रहा था कि क्या पापा मालिनी को ताड़ते हैं? उसने पाया कि वो उसको अच्छी तरह से घूर रहे थे। कभी उसकी चूचियों को तो कभी उसके पेट को और उसकी गाँड़ को भी। वो सोचा कि उसने तो कभी सोचा ही नहीं कि पापा ऐसा भी कर सकते हैं ? फिर वो अचानक महसूस किया कि उसका लण्ड तन रहा है । वो अपने आप पर हैरान था कि उसे ग़ुस्सा नहीं आ रहा था बल्कि वो उत्तेजित हो रहा था। यह क्या हो रहा है उसे? क्या वो ख़ुद ही चाहता है कि पापा अपनी बहु के साथ ये सब करे? वो काफ़ी कन्फ़्यूज़्ड था।

खाना खाने के बाद शिवा अपने कमरे में आ गया और इंतज़ार करने लगा कि कब वो आए और वो उसे लिंगरी में देखे। फिर देखना ये है कि क्या बहाना बना कर मालिनी ससुर के कमरे में जाएगी?

उधर मालिनी किचन जाकर काम निपटाई और दूध का गिलास लेकर ससुर के कमरे में दे आइ।
फिर वो बोली: पापा आपको पता है कि जैसी लिंगरी आप लाए हो वैसी ही या उससे भी ज़्यादा सेक्सी लिंगरी आपका बेटा भी लाया है। और वो मुझे अभी पहनकर उनको दिखाना है।

राजीव: उसके बाद वो तुम्हारी ज़बरदस्त चुदाई भी करेगा। है ना?

मालिनी: वो तो करेंगे ही। चलती हूँ अब वो रास्ता देख रहे होंगे।

राजीव: जान एक बार मुझे भी दिखाना कैसी लगती हो लिंगरी में। प्लीज़ ।

मालिनी: क्या बहाना बनाऊँगी? पिछली बार तो दूध का बहाना बनाया था। आज तो दूध भी ले कर आ गयी हूँ।

राजीव: अरे कुछ भी बहाना बना लेना।बस एक बार जलवा दिखा देना।

मालिनी: अच्छा देखती हूँ। कोई बहाना बन पाया तो।

अब वो अपने कमरे में गयी और देखी की शिवा सिर्फ़ एक चड्डी में उसका इंतज़ार कर रहा था । उसका लण्ड आधा खड़ा था। वह टी वी देख रहा था।

शिवा: क्या जान बड़ी देर लगा दी?

मालिनी: वो किचन साफ़ की और फिर पापा को दूध देकर आयी हूँ।

शिवा: जान चलो अब वो लिंगरी पहन कर दिखा दो। देखो लण्ड कैसे झटके मार रहा है।

मालिनी हँसकर : अच्छा अभी आयी। ये कहकर वो बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुई और फिर सब कपड़े निकल कर सिर्फ़ लिंगरी पहन ली। उसकी बड़ी छातियाँ आधी नंगी थीं और जाघें भी नंगी थीं । सिर्फ़ बुर के ऊपर एक छोटी सी पट्टी थी उसमें से भी आधी बुर बाहर दिख रही थी। उफफफ क्या क़यामत दिख रही थी। वो ख़ुद से ही शर्मा गयी । जब वो बाहर आइ तो शिवा मस्ती से भर गया और अपनी सेक्सी बीवी को देखकर लंड दबाने लगा। शिवा: आऽऽऽह क्या माल लग रही हो मेरी जान।

मालिनी शर्माकर: सच में बहुत ही छोटी सी लिंगरी है। पूरी तो नंगी ही दिख रही हूँ।

फिर से शिवा ने उसे चलकर दिखाने को कहा और वो भी गाँड़ मटकाकर चल के दिखाई। शिवा मस्ती से भर गया। तभी शिवा सोचा कि अब वो पापा के कमरे में जाने का अगर बहाना बनाई तो उन दोनों में कोई ना कोई चक्कर है ये पक्का हो जाएगा। वो इंतज़ार करने लगा। उसका दिल बुरी तरह से धड़क रहा था। क्या मालिनी कोई बहाना बनाएगी। पर मालिनी आकर शिवा के पास आकर बैठ गयी। शिवा को मानो निराशा ही हुई। वो सोच रहा था कि वो पापा के पास जाएगी। पर ऐसा हुआ नहीं।

शिवा सोचा कि उसे तो ख़ुश होना चाहिए। पर वो उदास क्यों है। आख़िर वो ख़ुद क्या चाहता है?

अब मालिनी उसकी गोद में आकर बैठी और वो उसे चूमने लगा।मालिनी अपनी गाँड़ हिलाकर बोली: आपका तो खड़ा है बहुत चुभ रहा है। उसके बाद वो भी चुम्बन में उसका साथ देने लगी।

पर शिवा का लण्ड बैठने लगा था । शायद वो उम्मीद किया था कि वो पापा के पास जाएगी। पर ऐसा कुछ हो नहीं रहा था। तभी उसके दिमाग़ में एक विचार आया और वो सोचा कि शायद उसे मालिनी को थोड़ा सा समय अकेले में देना चाहिए। वो ये सोचकर बोला: जान मैं ज़रा बाथरूम जाकर आता हूँ। नहाने की इच्छा हो रही है।

मालिनी: इस समय आप नहाओगे ?

शिवा: बस दस मिनट दो फिर नहा कर आता हूँ। फिर चुदाई करेंगे।

मालिनी : ठीक है। आप आओ। यह कहकर वो बिस्तर पर बैठी और टी वी लगा ली।

शिवा ने अंदर जाकर शॉवर चालू किया। थोड़ा सा भीगकर वह तौलिए से ख़ुद को पोंछ भी लिया। फिर धीरे से दरवाज़ा थोड़ा सा खोलकर उसके अंदर से झाँका। उसने देखा कि मालिनी फ़ोन पर मेसिज कर रही थी। फिर वो उठी और उसने एक शॉल सी लपेटी और बाहर निकल गयी। हुआ ये था कि मालिनी अकेली होते ही राजीव को sms की और पूछा :क्या आप जाग रहे हो?

राजीव : हाँ ।

मालिनी: मैंने लिंगरी पहनी है देखोगे?

राजीव: अरे आ जाओ ना मेरी जान। दिखा दो।

मालिनी: बस दो मिनट के लिए। कोई गड़बड़ नहीं । ठीक?

राजीव: प्रॉमिस ।

इसके बाद मालिनी उठकर गयी जिसे शिवा ने देख लिया और जल्दी से तौलिया लपेट कर उसके पीछे जाकर पापा के कमरे की खिड़की से अंदर झाँका। उसका मुँह खुला का खुला रह गया।

अंदर मालिनी शाल लपेटी पापा के सामने वैसे ही चल रही थी जैसे अभी वो उसके कमरे में चल कर दिखाई थी। राजीव बिस्तर पर बैठे लूँगी के ऊपर से अपने तने लंड को सहला रहा था। वो बोला: बेटी, शॉल उतारो ना। अपनी जवानी का जलवा दिखाओ ना।

वो मुस्कुराई और शॉल को धीरे से उतारी और लिंगरी में उसकी आधी नंगी जवानी देखकर राजीव गरम हो गया और लूँगी से अपना लण्ड बाहर निकाल कर सहलाने लगा।

शिवा ने भी अपना लण्ड सहलाना शुरू किया और आँखें फाड़े अपनी बीवी को अपने ससुर के सामने लिंगरी में गाँड़ मटका कर चलते देखने लगा।

राजीव उत्तेजना में भर कर लंड मूठियाते हुए बोला: आऽऽऽऽऽऽऽह क़याऽऽऽऽऽ गाँआऽऽऽऽऽऽऽड़ है बेएएएएएएएएटी तेरी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कब चुदाअअअअअअअअअअएगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

मालिनी उसके पास आइ और झुककर उसके लण्ड के सुपाडे को चुमी और बोली: बस थोड़ा सा और इंतज़ार मेरे राऽऽजा। पापा ने उसकी चूचियाँ दबाई और उसकी मस्त गाँड़ पर हाथ भी फेरा और बोला: आऽऽऽऽह बहु अभी तो मूठ्ठ मारे बगेर नींद आएगी ही नहीं।

वो हँसकर शाल लपेटी और बोली: चलती हूँ शिवा नहाकर आने वाले होंगे। बाई । और इसके पहले कि वो निकल आती शिवा जल्दी से अपने कमरे में आकर बाथरूम में घुस गया। फिर अपनी फूली हुई साँसों को क़ब्ज़े में करके वो बाहर आया। मालिनी बिस्तर पर बैठी कितनी भोली लग रही थी। कौन कह सकता था कि ये लड़की अभी अपनी जवानी का जलवा अपने ससुर को दिखा कर आइ थी और उसका लण्ड चूस कर आइ थी। शिवा का लण्ड तो उत्तेजना के मारे फटा जा रहा था । वह बाहर आके मालिनी को बिस्तर पर लिटाया और फिर उसके ऊपर आकर उसकी चूचियाँ दबाके होंठ चूसने लगा। फिर वो लिंगरी से चूचियाँ बाहर निकाला और उनको दबाके बारी बारी से चूसने लगा। फिर वो नीचे जाकर उसकी बुर के पास से लिंगरी का कपड़ा हटाकर वहाँ अपना लंड सेट किया और एक ही धक्के में अपना आठ इंचि अंदर पेल कर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख कर मज़े से चोदने लगा । मालिनी भी नीचे से कमर उठाकर चुदवाने लगी। मस्ती से उन्न्न्न्न्न्न उन्न्न्न्न करके वो हर धक्के का मज़ा ले रही थी। शिवा भी उत्तेजना में भरकर उसकी बुर फाड़ने में जुटा हुआ था। पलंग तो मानो आज टूटने ही वाला था। उफ़्ग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आज क्या चुदाई कर रहा है शिवा। मालिनी सोची की आज इनके सिर पर क्या सवार हो गया है? लिंगरी अभी भी उसके बदन पर थी। जल्दी ही दोनों हाय्ययय कहकर झड़ने लगे। मालिनी अब शांत होकर पड़े शिवा को देखी। अब वो उठकर बाथरूम में गयी और वापस आकर सो गयी। शिवा भी सोने की कोशिश कर रहा था पर उसके आँखों के सामने बार बार मालिनी का चेहरा आ रहा था जो कि पापा के लौड़े के सुपाडे को चूस रही थी। अचानक उसने नोटिस किया कि उसका लण्ड फिर से तन गया था। वो मुड़कर पास ही सोयी मालिनी के सुंदर चेहरे को देखता रहा और सोचा कि उफफफ क्या बच्ची सी भोली दिखाई दे रही थी। और उसकी आँखों के सामने उसका बदन घूम गया जिसको वो गाँड़ हिलाकर लिंगरी में से पापा को दिखा रही थी। वह अपना लण्ड दबाया और सोने की कोशिश करने लगा।
 

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