Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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अब खाना खाकर तीनों रेस्तराँ से बाहर आए और कार में बैठने लगे तो मालिनी बोली: पापा आप पीछे बैठो मेरे पास। अब शिवा कार चलाने लगा और उधर मालिनी ने जो किया उसकी कल्पना दोनों मर्दों ने नहीं की थी। अब तक रात के दस भी बज चुके थे ट्रैफ़िक इस वक़्त कम हो चुका था । मालिनी ने अपना हाथ अपने टॉप के अंदर डाला और अपनी एक चूचि बाहर निकाली और उसे अपने हाथ में लेकर राजीव के मुँह की ओर ले गयी। राजीव ने मुँह खोलकर उसकी चूचि को अंदर लिया और चूसने लगा। मालिनी ने उसका एक हाथ पकड़ा और अपनी दूसरी चूचि पर रख दिया। अब राजीव उसकी एक चूचि चूसते हुए दूसरी दबाने लगा। मालिनी उइइइइइइइ आऽऽऽऽऽह करके सिसकियाँ भरने लगी। शिवा भी आइने से पीछे की ओर देखकर उत्तेजित हो उठा। मालिनी अब आऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽपा कहते हर पैंट के ऊपर से उनका लौड़ा दबाने लगी।

कार के अंदर अब सेक्स की गरमी फैलने लगी थी। अब मालिनी बोली: आऽऽऽह पापा अब बुर चूसिए ना प्लीज़। शिवा और राजीव हैरान रह गए कि ये अब कितना खुल गयी है। ये कहकर वो अपना स्कर्ट उठाई और ऊपर करके नीचे से नंगी हो गयी। अब वो दरवाज़े पर पीठ सटाई और अपनी टांगों को उठाकर फैलाई और एक पैर सामने वाली सीट पर और दूसरा पैर राजीव के कंधे पर रखी और राजीव के सामने उसकी बुर पूरी खुली हुई दिख रही थी। अब राजीव रुक नहीं सका और झुक कर उसकी बुर चाटने लगा। मालिनी : उइइइइइइ मॉआऽऽऽऽऽऽऽऽ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पाआऽऽऽऽऽऽऽपा क्याआऽऽऽऽऽ चूउउउउउउउउस रहें हैं उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ । राजीव की जीभ उसकी बुर के एक एक कोने का मज़ा ले रही थी। उसने दो उँगलियाँ भी अंदर कर दीं और उनको अंदर बाहर करने लगा और जीभ से उसकी क्लिट को छेड़कर उसे मस्ती से भरने लगा। अब मालिनी की गाँड़ के दोनों गोलाइयों के नीचे एक एक हाथ देकर वो उसकी बुर को ऊपर उठाया और ज़ोर से चूसने और चाटने लगा। अब मालिनी आऽऽऽऽऽहहह पाआऽऽऽऽऽऽऽपा मैं गयीइइइइइइइ कहकर उसके मुँह में अपना रस एक फ़ौवारे की माफ़िक़ छोड़ने लगी। राजीव अपनी प्यारी बहू का कामरस पीता चला गया। अब मालिनी आऽऽऽह करके शांत हो कर पड़ गयी। राजीव ने उसकी टांगों को नीचे किया और उसकी स्कर्ट भी नीचे की और अब उसे अपने से चिपका कर बोला: बेटा मज़ा आया?

मालिनी उसको चूमकर: आऽऽऽह पापा बहुत मज़ा आया। मस्त चूसे अभी आप। सच ने मुझे रिलीज़ की बहुत ज़रूरत थी। आऽऽऽऽह अब ठीक लग रहा है।

शिवा: तुम तो शांत हो गयी अब हम दोनों का क्या होगा?

मालिनी हँसकर : आप दोनों मुझे फिर से गरम कर लीजिएगा । इसमे क्या समस्या है?

अब कार घर के सामने रुकी और तीनों घर में घुसे। मालिनी सीधे बाथरूम गयी और जब वहाँ से बाहर आयी तो दोनों मर्द मस्त हो गए। वो पूरी नंगी थी। वो आकर बिस्तर पर लेट गयी और अपने पैरों को फैलाकर अपनी बुर दिखाते हुए बोली: अब आप लोग आओ और मुझे गरम करो और फिर मुझे जी भर के चोदो। वो अपनी जाँघें फैलाईं और घुटनो को मोड़कर अपनी छाती की ओर रखी। उफफफफ क्या मादक दृश्य था। राजीव सोचा कि बहु कैसे अपनी टाँगें फैलाकर चुदाई के लिए अपने पति को और ससुर को आमंत्रण दे रही है। अब दोनों ने अपने कपड़े उतारे और पूरे नंगे होकर मालिनी को बीच में रखकर बिस्तर पर आ गए। अब मालिनी और उत्तेजित करने वाली हरकत कर रही थी। वह अपनी दोनों चूचियाँ दबाकर अपनी गाँड़ उछालकर ऐसा दिखा रही थी मानो चुदवा रही हो। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ अब दोनों मर्दों के लिए कंट्रोल सम्भव नहीं था। दोनों उस पर टूट पड़े और उसके गाल, होंठ और जीभ चूसने लगे। मालिनी ने अपनी जीभ निकाल ली थी जिसे बारी बारी से दोनों चूस रहे थे । फिर दोनों चूचियाँ चूसे और शिवा ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी जिसे वो भी चूसने लगी। जब शिवा ने देखा की मालिनी अब गरम हो गयी है तो वह नीचे जाकर उसकी बुर चाटने लगा और फिर उसमें अपना लौड़ा डाल कर चोदने लगा। राजीव अब अपना लौड़ा मालिनी के मुँह के पास लेकर आया और वो उसे साइड से चूसते हुए शिवा से चुदवाने लगी। शिवा क़रीब १५ मिनट चोदने के बाद आऽऽऽहहह कहकर झड़ गया।
उसके झड़कर अलग होते ही राजीव ने अपना लौंडा उसके मुँह से निकाला और नीचे जाकर एक तौलिए से मालनी की बुर साफ़ की और फिर उसमें अपना लौड़ा डाला और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। अब मालिनी भी उइइइइइइइ पापाआऽऽऽऽऽ उन्न्न्न्न्न्न्न कहकर झड़ने लगी। राजीव भी और चार पाँच धक्के मारा और झड़ गया।

शिवा: पापा आज हम दोनों बहुत जल्दी झड़ गए ना?

राजीव: हाँ बेटा क़रीब ३ घंटे से उत्तेजित हुए जा रहे थे तो जल्दी झड़ना ही था। उफफफफ उन दोनों आदमियों को बहू ने क्या मज़ा दिया? वो साले भी क्या याद रखेंगे? हैं ना बेटा?

मालिनी: जी पापा मैं उनको उत्तेजित करते करते ख़ुद बहुत गरम हो गयी थी। अब जाकर बुर शांत हुई है। वो उठकर बाथरूम जाती हुई बोली।

शिवा और राजीव भी मुस्कुराने लगे उसकी बात सुनकर।
अब सब सो गए।

अगले दिन चाय पीते हुए शिवा बोला: पापा मालिनी को आज गैनोकोलोजिस्ट को दिखा लाइए।

मालिनी: अभी से क्यों? एक दो महीने बाद चलेंगे ना।

राजीव: नहीं बेटी, इन सब चीज़ों में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। मैं तुमको उसी नरसिंग होम में ले जाऊँगा जहाँ तुम्हारी सास को ले जाता था। वो लेडी डॉक्टर बहुत अच्छी है ।

मालिनी: ठीक है पापा जैसे आप चाहो।

शिवा के दुकान जाने के बाद क़रीब १२ बजे मालिनी तय्यार होकर आयी और राजीव को बोली: पापा चलें?

राजीव अख़बार पड़ रहा था । उसने सिर उठाया और प्यार से बोला: वाह बिटिया आज तो बहुत सज रही हो इस साड़ी में । वो उठा और आकर मालिनी का गाल चूमा और हाथ को उसकी गाँड़ पर फिराया और बोला: देखो साड़ी में तुम्हारी गाँड़ क्या मस्त उभरी हुई दिखती है।
फिर उसकी गाँड़ सहलाते हुए बोला: आज पैंटी पहनी हुई हो? क्या बात है?

मालिनी: वाह पापा कैसे नहीं पहनूँगी? डॉक्टर सोचेगी कि मैं पैंटी ही नहीं पहनती? अब चलिए ना प्लीज़।

राजीव हँसकर उसकी कमर सहलाया और बोला: चलो चलते हैं।

कार तो शिवा ले गया था सो उन्होंने ऑटो किया। पूरे रास्ते ऑटो उछलता और मालिनी की चूचियाँ राजीव के हाथ से टकराती और वो मुस्कुरा देता।

नरसिंग होम में राजीव ने पता किया तो उसे बताया गया कि लेडी डॉक्टर तो एक महीने की छुट्टी पर है पर एक दूसरे डॉक्टर देखेंगे। राजीव ने दूसरे डॉक्टर की पर्ची बनवा ली। जब वो उसके चेम्बर में पहुँचे तो पता चला की वो तो आदमी है औरत नहीं। मालिनी ने कहा: पापा मैं आदमी से चेक अप नहीं करवाऊँगी।

राजीव: अरे बेटा डॉक्टर से कैसी शर्म ? मैं मिल कर आता हूँ तुम यहीं बैठो।

थोड़ी देर बाद राजीव बाहर आया और बोला: चलो बेटा वो एक बहुत ही बुज़ुर्ग इंसान है । तुम आराम से चेक करवा लो।

मालिनी कुछ नहीं बोल पायी और राजीव के साथ अंदर चली गयी। अंदर डॉक्टर बैठा था ।पूरा गंजा उम्र क़रीब ६० साल। डॉक्टर: आओ बेटी बैठो। तुम अपने पति के साथ नहीं आयीं?

मालिनी: जी वो दुकान पर हैं । ये मेरे ससुर हैं।

डॉक्टर: चलो ठीक है। मैंने कुछ टेस्ट लिखे हैं। उनको पहले करवा लो। बाद में फिर आना और मैं तुम्हारा चेक अप करूँगा।

मालिनी: जी वो वो कोई लेडी डॉक्टर नहीं है क्या?

डॉक्टर हँसकर: नहीं वो तो अभी छुट्टी पर है। पर घबराओ नहीं जब मैं तुम्हारा चेक अप करूँगा तो एक नर्स भी साथ रहेगी। ठीक है ना?

मालिनी: जी ये ठीक रहेगा, थैंक्स ।

अब डॉक्टर की पर्ची लेकर राजीव मालिनी को लेकर ख़ून और पेशाब का सैम्पल दिलवाया और बाद में वो फिर से डॉक्टर के चेम्बर में वापस आए। डॉक्टर के चेम्बर में अब एक नर्स भी आ चुकी थी। वो एक ३५/३६ साल की थोड़ी भारी बदन की औरत थी। वो मालिनी को देखकर मुस्करायी और बोली: चलो आप अंदर आ जाओ। उसने वहाँ लगे परदे के पीछे बनी बेंच की ओर इशारा किया।
डॉक्टर राजीव से बोला: आपको बाहर इंतज़ार करना होगा।

राजीव मालिनी के कंधे को सहलाया और बोला: बेटा मैं बाहर बैठा हूँ। तुम जाँच करवा लो। राजीव के बाहर जाते ही नर्स मालिनी को बोली: आप अपनी साड़ी खोल दो और बेंच पर लेट जाओ। मालिनी ने साड़ी खोली और पास में रखे एक कुर्सी पर रखी और लेट गयी। अब डॉक्टर अंदर आया और मालिनी को देखकर बोला: बेटी ये तुम्हारी पहली प्रेग्नन्सी है ना?

मालिनी: जी डॉक्टर।
डॉक्टर उसके ब्लाउस के ऊपर से अपने स्टेथोस्कोप को लगा कर जाँच करने लगा। उसकी उँगलियाँ उसकी चूचि के उस हिस्से को छू रही थीं जो कि ब्लाउस से बाहर झाँक रहा था। अब वो बोला: नर्स ब्लाउस उतारना पड़ेगा । इनके ब्रेस्ट्स की भी जाँच करनी होगी।

मालिनी हड़बड़ा कर : वो क्यों डॉक्टर? इनका डिलीवरी से क्या सम्बंध?

डॉक्टर हँसते हुए: बेटी, कैसे सम्बंध नहीं है। बच्चे को दूध इनसे ही पिलाओगी ना? हमको देखना होगा कि ब्रेस्ट्स में कोई गठान तो नहीं है। कई बार हार्मोन की गड़बड़ी से ऐसा हो जाता है। और फिर तुम बच्चे को दूध भी नहीं पिला पाओगी।

मालिनी उसकी इस बात से थोड़ी उलझन में पड़ गयी।तब तक नर्स उसके ब्लाउस का हुक खोलने लगी। उधर वो अब उसके पेट को दबाकर चेक कर रहा था। पता नहीं मालिनी को ऐसा क्यों लगा कि वो उसको चेक करते हुए उसके चिकने पेट को सहला भी रहा था। अब तक ब्लाउस के दोनों पल्ले नर्स ने खोलकर अलग कर दिए थे। अब ब्रा से उसके मस्त चूचे झाँक रहे थे। वो देखी कि अब डॉक्टर का ध्यान भी उसकी चूचियों पर ही था। डॉक्टर ने अपना लंड ऐडजस्ट किया और मालिनी की आँखों से उसकी ये हरकत छुपी नहीं रही।
अब डॉक्टर बोला: नर्स इसकी ब्रा भी निकाल दो ताकि ब्रेस्ट्स की पूरी जाँच हो सके।

नर्स के इशारे पर मालिनी आधी उठी और नर्स ने उसकी ब्रा का स्ट्रैप खोल दिया। अब वो फिर से लेटी और नर्स ने ब्रा के कप हटाए और उसकी मस्त गोल गोरी और सख़्त चूचियाँ नर्स और डॉक्टर को मानो चुनौती दे रहीं थीं । उसके निपल पूरे तने हुए थे।
डॉक्टर बोला: नर्स तुम इनकी जाँच करो तब तक मैं नीचे की जाँच शुरू करता हूँ।
वो उसके पेटिकोट का नाड़ा खोलते हुए बोला: बेटी ज़रा अपनी कमर उठाओ तुम्हारा पेटिकोट नीचे करना है।

मालिनी: आह डॉक्टर आप पेटिकोट उठाकर देख लीजिए ना। वो अपनी बात पर ही शर्मा गयी और बोली: मेरा मतलब है चेक अप कर लीजिए ।

डॉक्टर: बेटी ऐसे अच्छी तरह से चेक नहीं हो पाएगा। कमर उठाओ।

अब तक नर्स ने उसकी एक चूचि दबानी शुरू की और मालिनी आऽऽऽहाह कर उठी और उसी समय वह अपनी कमर भी उठा दी। डॉक्टर ने उसका पेटिकोट नीचे खिसका कर उतार दिया।

डॉक्टर ने उसकी जाँघों को सहलाया और कहा:बेटी तुम्हारी जाँघें काफ़ी चिकनी और भरी हुई हैं । इसका मतलब तुम्हारा शरीर स्वस्थ है। उधर नर्स अब भी उसकी एक चूचि दबाए जा रही थी। डॉक्टर ने नर्स को कहा: देखो निपल भी चेक कर लेना। अब वह उसकी पैंटी को देखा और बोला: बेटी यहाँ नीचे से तुमको कोई डिस्चार्ज सा होता है क्या?

मालिनी की उसी समय आऽऽऽऽऽऽह निकली क्योंकि नर्स अब उसके निप्पेल को दबा रही थी। वो बोली: आऽऽऽऽह नहीं कोई आऽऽऽऽऽऽह नहीं कोई डिस्चार्ज नहीं होता उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

डॉक्टर: बेटी पर तुम्हारी पैंटी तो गीली लग रही है। वो पैंटी पर लगे धब्बे को सहला कर बोला।

मालिनी सोची कि मेरी चूचि दबाओ और मुझे पैंटी में देख करके मुझे अपना फूला हुआ लंड पैंट के ऊपर से दिखा कर गरम करते रहो और क्या मैं गीली नहीं हूँगी? उसे अपनी बुर पसीजती सी महसूस की। वो सामने से कुछ नहीं बोली।

अब नर्स उसकी दूसरी चूचि दबाने लगी। और डॉक्टर ने फिर से उसकी पैंटी पर हाथ फेरा। और बोला: बेटी कमर उठाओ ताकि पैंटी उतार सकूँ।

मालिनी ने चुपचाप अपनी कमर उठायी और डॉक्टर ने उसकी कमर सहलाते हुए उसकी पैंटी में दो उँगलियाँ डालकर उसे उतारने लगा। मालिनी ने अपने पाँव उठाए और उसने पैंटी निकाल दी और उसे ध्यान से देखकर बोला: बेटी देखो ये बहुत गीली हो रही है। फिर वो उसे नाक के पास लेज़ाकर सूँघने लगा। मालिनी के गाल शर्म से लाल हो चुके थे। डॉक्टर: बेटी मैं ये चेक कर रहा हूँ कि कोई इन्फ़ेक्शन तो नहीं है ना?

मालिनी सोची कि महा कमीना है ये बुड्ढा ? ऐसे कोई इन्फ़ेक्शन चेक करता है?

डॉक्टर : बेटी ज़रा अपनी टाँग मोड़ो और जाँघे फैलाओ।

तभी नर्स उसके दोनों दूध एक साथ दबाने लगी और वो आह्ह्ह्ह्ह करके अपनी टाँगें मोड़कर फैला दी। अब डॉक्टर उसकी बुर को पास से देखने लगा और बोला: बेटी बहुत साफ़ रखती हो इसको। लगता है आज ही साफ़ किए हैं बाल। वो उसकी बुर के चिकनेपन का अहसास करते हुए बोला।

मालिनी: आऽऽऽहब नहीं ३ दिन हो गए ।

डॉक्टर: लगता है आपके पति को चिकनी बुर पसंद है ? इसी लिए इतनी चिकनी कर रखी है?

मालिनी चौंकी कि कैसी अश्लील बात कर रहे हैं ये? वो चुप रही । पर डॉक्टर अब उसकी बुर के ऊपर हाथ फेरकर उसके चिकनेपन का अहसास करके वो मस्ती से भरने लगा। मालिनी की चूचियाँ नर्स दबाए जा रही थी और डॉक्टर बुर सहलाए जा रहा था । मालिनी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आऽऽऽऽऽह करने लगी। अब डॉक्टर ने अपनी दो उँगलियाँ उसकी बुर के अंदर डालीं और बोला: आऽऽऽऽं बड़ी टाइट है बेटी तुम्हारी बुर। बहुत स्वस्थ है सब कुछ तुम्हारा? अब वो उँगलियाँ अंदर बाहर करने लगा और मालिनी की हालत ख़राब होने लगी और वो ना चाहकर भी अपनी गाँड़ उछालकर अपनी बुर में ऊँगली करवाने लगी और हल्के से चिल्लाई: उइइइइइइइ आऽऽऽऽहहह । अब डॉक्टर ऊँगली निकाला और उसे चूसने लगा। मालिनी हैरानी से उसे देखने लगी और डॉक्टर बेशर्मी से मुस्कुराकर बोला: बेटी चेक कर रहा हूँ कि सब ठीक है ना?

मालिनी: आऽऽऽह डॉक्टर ये हाऽऽय्य ग़लत है उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़।
डॉक्टर: बेटी चेक कर रहा हूँ ना? इसमें ग़लत क्या है ? तुमको भी तो मज़ा आ रहा है ना? यह कहकर उसने फिर से ऊँगली अंदर डाली और अंदर बाहर करने लगा। उधर नर्स ने उसके निपल्ज़ को मसलना शुरू किया और डॉक्टर उसकी बुर को ऊँगली से चोदते हुए अपना मुँह वहाँ ले गया और अपनी जीभ से उसकी बुर के क्लिट को कुरेदने लगा। अब मालिनी रुक नहीं पा रही थी और वह उइइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽऽऽऽ कहकर अपनी गाँड़ उछालने लगी और उसका सिर पकड़कर अपनी बुर में दबा दी। अब डॉक्टर मज़े से बुर चूसते हुए मालिनी की बुर से निकलने वाले फ़व्वारे को पीने लगा। मालिनी अब भी उसके सिर को अपनी बुर पर दबाए जा रही थी। अब मालिनी ने उसका सिर छोड़ा और आऽऽह करके लेट गयी। अब नर्स भी पीछे हट गयी। अब डॉक्टर उठकर सामने आकर उसकी चूचियाँ दबाकर बोला: बेटी तुम्हारी चूचियाँ बिलकुल ठीक है काफ़ी बड़ी बड़ी है । बेटी अभी ३८ की ब्रा तो पहनती होगी ना?

मालिनी: आऽऽह हाँ ३८ की ही पहनती हूँ। आऽऽऽह अब छोड़िए ना। आपकी जाँच हो गयी होगी ना? आपने जो किया वो ग़लत है डॉक्टर।

डॉक्टर ने अपना हाथ अपनी पैंट के ज़िपर पर ले जाकर उसे खोलते हुए कहा: अरे कितना मज़ा आया तुमको। बस बेटी थोड़ा सा इसको चूस दो और एक बार चोद लेने दो, फिर चली जाना।

अचानक मालिनी को ना जाने क्या हुआ , वो उठ गयी और अपनी ब्रा का स्ट्रैप लगायी और ब्लाउस के हुक भी लगाई। नीचे से वो अभी भी नंगी थी। डॉक्टर बोला: ये क्या कर रही हो? सुनो तो?

मालिनी ने अनसुना करके अपनी पैंटी उठाई और उसे अपने पर्स में डाल ली और पेटिकोट पहन ली। अब वो साड़ी पहन्ने लगी। अपना मुँह ठीक किया बाल सँवारे और बाहर आकर बोली: पापा चलिए।

राजीव: हो गया चेक अप ?

मालिनी: हाँ हो गया। आप जा कर दवाई की पर्ची ले आओ।

राजीव अंदर जाकर दवाई की पर्ची लाया और मालिनी को लेकर दवाई की दुकान से दवाई ख़रीदा और ऑटो में बैठ कर बोला: बेटा क्या बात है तुम थोड़ी उखड़ी हुई हो?

मालिनी: पापा आपसे मैंने कहा था ना कि मुझे लेडी डॉक्टर को दिखाइए । आप सुनते तो हो नहीं ।

राजीव उसकी बात सुनकर समझ गया कि कुछ गड़बड़ हो गयी है। पर वो ऑटो वाले के सामने बात नहीं कर सका।

घर पहुँचकर राजीव बोला: चलो खाना खाते हैं।

मालिनी: चलिए पहले अपने कमरे में। वहाँ पहुँचते ही मालिनी अपनी साड़ी उतारने लगी। फिर वह अपना पेटिकोट भी उतारी और बोली: पापा चलिए कपड़े उतारिए जल्दी से।पेटिकोट उतरते हो वो नीचे से नंगी हो गयी थी क्योंकि पैंटी तो उसके पर्स में थी। राजीव उसे नंगी देखकर गरम होने लगा।वह अब पैंट और शर्ट उतार दिया। अब वो अपना ब्लाउस भी खोल दी और ब्रा भी उतार दी। अब तक राजीव भी चड्डी उतार दिया था और बिस्तर पर आकर लेट गया। उसका आधा खड़ा लंड देखकर मालिनी मस्ती से भर गयी और सीधे उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगी। फिर वह अपनी चूचि को अपने हाथ में पकड़कर अपने ससुर के मुँह में डाल दी जिसे वो चूसने लगा। फिर वो चूचि बदली और उसे भी चूसवाई । राजीव के हाथ अब उसके बदन पर घूम रहे थे।

तभी मालिनी का फ़ोन बजा । शिवा था वो बोला: जानू डॉक्टर ने क्या कहा?

मालिनी: सब ठीक है मेरा। अब आप फ़ोन रखो मुझे पापा से अभी चुदवाना है। आऽऽऽऽऽहहहह । पापा और चूसो मेरी चूचि। हाऽऽय्य्य्य्य्य । पाआऽऽऽऽपा। शिवा फ़ोन काटो प्लीज़ । बाद में सब बताऊँगी। और वो फ़ोन काट दी।

शिवा हैरान हो गया कि मालिनी इतनी चुदासि क्यों हो रही है? वो मुस्कुराया कि ज़रूर अस्पताल में कुछ हुआ होगा। फिर उसने लैप्टॉप चालू किया और पापा के बेडरूम के कैम में अपनी बीवी और अपने पापा की चुदाई देखने लगा। उफफफफ मालिनी तो पापा से वैसे ही चुदवा रही थी जैसे मम्मी पापा के दोस्तों से चुदवाती थीं । वो अपना लंड बाहर निकाल कर अपने कैबिन में मूठ्ठ मारने लगा।

उधर मालिनी उठकर ६९ की पोज़ीशन में आयी और उसका लौड़ा चूसने लगी। वह भी उसकी बुर चूस रहा था और उसकी गाँड़ भी दबा रहा था। अब मालिनी उठी और आकर उसके लंड को अपनी बुर में डालकर ऊपर नीचे होकर चुदाई में लग गयी।

राजीव नीचे से अपना लौड़ा उछालकर उसकी बुर में पेलता हुआ बोला: आऽऽऽऽह जानू क्या हुआ अस्पताल में जो इतना गरम हो गयी हो?

मालिनी: आऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽपा बस आपकी बहू चुदी नहीं बाक़ी सब कुछ तो हो ही गया था। आऽऽऽऽऽहहहह। साआऽऽऽऽऽऽला बड़ा कमीनाआऽऽऽऽऽऽ था। आऽऽऽऽहहह ।

राजीव: क्या उसने तुमको चोदा भी?

मालिनी: आऽऽह्हा नहीं मैंने उसे चोदने नहीं दिया। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पापा मैं गयीइइइइइइइइइ। अब वो झड़ने लगी।

राजीव उसको पलट कर उसके ऊपर आया। उसने तौलिए से उसकी बुर का पानी साफ़ किया और फिर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखा और फिर से उसे चोदने लगा। अब मालिनी फिर से गरम हो गयी और मज़े से गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी। थोड़ी देर की ज़बरदस्त चुदाई के बाद दोनों झड़ कर शांत हो गए।

उधर शिवा भी अपना पानी छोड़ने लगा।

अब मालिनी अपने ससुर से लिपटकर पड़ी रही और धीरे से उसने उसको पूरी कहानी सुनाई उस डॉक्टर की।
राजीव: अरे बेटा तो क्या हुआ चुदवा लेती उससे? मज़ा आ जाता तुमको भी।

मालिनी: पापा मैं बस आपसे और शिवा से ही चुदवाना चाहती हूँ। बाहर वालों से नहीं।

राजीव ने प्यार से उसकी चूचि दबाई और बोला: ठीक है बेटी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। तुम शिवा से बात तो कर लो।

मालिनी: चलो पापा खाना खाते हैं। खाने के बाद कर लूँगी।

शिवा ने अब लैप्टॉप बंद किया।
फिर दोनों खाना खाने लगे।


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