Adultery आँचल की अय्याशियां

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आँचल
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ख़ान और सना के साथ थ्रीसम के बाद रात में आँचल को सेक्सी सपने आए. सपने में उसने देखा ख़ान उसे और सना को चोद रहा है. लेकिन फिर सपना बदल गया और आँचल ने देखा उसका ससुर उसे और सना दोनो को चोद रहा है. आँचल जब सुबह उठी तो उसे रात का सपना याद आया. आज उसका ससुर आने वाला था. ससुर से मुलाकात को लेकर आँचल को डर के साथ एक्साइट्मेंट भी हुआ. आँचल को पूरा यकीन था सुनील के लौटकर आने से पहले घर में उसे अकेला पाकर ससुरजी चोदने में बिल्कुल भी देर नही करेंगे. ससुर से चुदवाने के ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी, लेकिन उसका दिमाग़ कह रहा था ये ग़लत है.

“क्या करूँ ?” आँचल सोच में डूब गयी.

आँचल एक खूबसूरत और जवान औरत थी. एक बार जब उसने खुलकर सेक्स के मज़े ले लिए , जब उसे पता लगा की असली चुदाई क्या होती है तो अब वो अपने को चुदाई का मज़ा लेने से रोक नही पाती थी. उसकी कामइच्छाएँ उसके दिमाग़ पर भारी पड़ जाती थी. अगर शादी के कुछ महीने बाद समीर और किमी ने आँचल को सिड्यूस करके जबरदस्त चुदाई के मज़े नही दिलवाए होते तो शायद वो आज एक पतिव्रता औरत होती और सुनील के साथ जैसे तैसे गुजारा कर लेती. शायद वो अपनी कामइच्छाओं को दबा लेती या फिर मूठ मारकर काम चला लेती. लेकिन समीर और किमी के साथ उस घटना के बाद उसको पता चल गया की अगर मर्द अच्छे से चोदे तो औरत को बहुत मज़ा दे सकता है. बड़े लंड से अपनी टाइट चूत के स्ट्रेच होने की फीलिंग ही कुछ और थी. अब आँचल को जब भी चुदाई का मौका मिलता था तो वो अपने को रोक नही पाती थी और चुदवा लेती थी.

आँचल को एक दो बार ससुर ने पैंट के बाहर से अपना लंड पकड़वाया था , ससुरजी का भी तो बड़ा लंड था, आँचल को ससुर के साथ हुई वो घटना याद आई , उसको उत्तेजना आई. फिर आँचल सोचने लगी, एक बार ससुरजी ने उसे चोद दिया तो वो बार बार उसे चोदेंगे. कभी ना कभी उसकी सास या पति सुनील उन्हे पकड़ ही लेगा. फिर क्या होगा ? घर में बाप बेटे के बीच झगड़ा हो जाएगा , वो अपने मम्मी पापा को क्या मुँह दिखाएगी. बाहर तो कभी कभार चुदवाने में पकड़े जाने के चांस कम हैं पर घर में ससुर के साथ तो वो ज़रूर पकड़ी जाएगी. नहाते समय आँचल के मन में यही सब विचार आ रहे थे. कुल मिलाकर वो उलझन में थी , ससुर से चुदाई में उसे कोई ऐतराज़ नही था पर दिमाग़ कह रहा था की इसमे बहुत रिस्क है , ससुर से बच के रहो.

नहाकर फैक्ट्री जाने के लिए तैयार होकर आँचल अपने मम्मी पापा के साथ नाश्ता करने लगी. वो परोठा खा रही थी तभी उसके ससुर का फोन आ गया.

“आज तुम अपना बैग पैक करके रखना. फैक्ट्री से हम साथ साथ तुम्हारे पापा के घर जाएँगे और तुम हमारे साथ अपने घर वापस आओगी. आज की रात तो बहुत रंगीन होगी, तेरी बाँहों में…” ससुर मस्ती में बोला.

ससुर का प्लान सुनकर आँचल को डर लगा , पर उसे उत्तेजना भी हुई, वो केवल “उनन्ं…जी …” ही बोल पाई.

“बस तुम जल्दी से फैक्ट्री आ जाओ, तुम्हें देखने और चूमने का दिल कर रहा है.” ठरकी ससुर ने कहा.

“ज्ज्ज…जी..” आँचल ने धीरे से कहा.

“ये क्या जी… जी लगा रखा है . जल्दी आओ मेरा लंड बहुत तड़प रहा है.” उत्तेजित होते हुए ससुर ने कहा.

“उम्म्म…हाँ, बस अभी आ रही हूँ…” आँचल ने धीरे से जवाब दिया.

“क्यूँ तुझे भी तड़पन हो रही है ? बोलो ना…” ससुर मस्ती में था.

“ज्ज…जी हाँ …” आँचल धीरे से बोली. टेबल पर सामने परोठे खाते हुए उसके मम्मी पापा उसको ही देख रहे थे. आँचल का मुँह शरम से लाल हो गया , उसने सोचा ससुरजी तो फोन रखेंगे नही, ऐसी ही कामुक बातें बोलते रहेंगे. आँचल ने फोन काट दिया.

आँचल की मम्मी ने पूछा , तो आँचल ने बताया की वो दोपहर में फैक्ट्री से लौटते वक़्त ससुरजी के साथ आएगी और फिर अपना सामान पैक करके वापस ससुराल चली जाएगी.

आँचल के पापा बोले, बेटा ये तो अच्छी बात है . तुम बहुत दिनों से मायके में हो. आज अपने घर चली जाओगी.

अब आँचल से परोठा निगला ही नही जा रहा था. वो सोचने लगी , ससुरजी तो कह रहे थे , तेरी बाँहों में आज की रात बहुत रंगीन होगी. आज तो मैं किसी हाल में नही बच सकती. धीरे धीरे उसने नाश्ता खत्म किया और कार लेकर फैक्ट्री आ गयी.

फैक्ट्री पहुँचकर आँचल ने देखा उसका ऑफिस अंदर से बंद था. नॉक किया तो बंसल ने दरवाज़ा खोला और आँचल के अंदर आने के बाद फिर से लॉक कर दिया.

आँचल ने देखा टेबल पर बहुत सारी नोटो की गड्डियां पड़ी हुई हैं और बंसल उनको गिन रहा है.

आँचल ने पूछा तो बंसल ने बताया की ससुरजी अभी कहीं बाहर गये हैं एक दो घंटे में वापस आ जाएँगे.

फिर बंसल रुपये गिनना छोड़कर आँचल की कमर में हाथ डालकर उसको अपनी तरफ खींचते हुए बोला,”कल ख़ान और सना के साथ बहुत मज़े किए तुमने ? ”

ब्लाउज के नीचे नंगी कमर पर बंसल के हाथ घूमने लगे. आँचल ने बंसल को धक्का देकर हटाने की कोशिश की लेकिन बंसल ने उसकी कमर और टाइट पकड़ ली और सोफे पर आँचल को खींच लिया.

“ये क्या कर रहे हो तुम बंसल ? छोड़ो मुझे …” आँचल ने रूखेपन से बंसल को झिड़कते हुए कहा.

“छोडूं या चोदूँ ..” बंसल ज़ोर से हंसते हुए बोला.

फिर एक हाथ से आँचल के खूबसूरत चेहरे को ज़ोर से दबाते हुए बोला,” भूल गयी क्या ? मेरे पास टेप है. तेरी चुदाई का सबूत, तेरे नौकर के साथ….”

फिर उसने और भी ज़ोर से आँचल के गालों को अपने हाथ से पकड़कर दबाया , आँचल दर्द से कसमसाई.

“मेरे साथ अच्छे से पेश आओ मैडम. नही तो मैं वो टेप तुम्हारे ससुर को दे दूँगा. समझी ?”

“ओइईई…….बंसल , प्लीज़ ….दर्द हो रही है ……..मेरा चेहरा तो छोड़ दो ” दर्द से चिल्लाते हुए आँचल बोली.
“प्लीज़ …बंसल जी…ओके ओके , मैं अच्छा व्यवहार करूँगी तुम्हारे साथ…..”

आँचल को दर्द से कसमसाते देखकर बंसल ने उसका चेहरा छोड़ दिया. फिर उसके कंधे में हाथ डालकर उसको अपने पास खींचते हुए बोला,” अब बताओ आँचल जी , मज़ा किया कल तुमने ?”

“हाँ..” आँचल ने धीरे से कहा.

बंसल फुसफुसाया,” बस हाँ ? ये क्या जवाब है आँचल जी ? ज़रा खुलकर बताओ , क्या क्या मस्ती की तुमने ख़ान और सना के साथ ?

“हाँ , बहुत मज़ा आया..” आँचल भी फुसफुसाते हुए बोली.

“क्या तुम दोनो को चोदा ख़ान ने ?” बंसल फिर फुसफुसाया. बंसल ने अब पीछे से आँचल का ब्लाउज खोल दिया था और फिर लेस वाली ब्रा भी उतार दी. ब्लाउज और ब्रा को एक तरफ फेंक दिया. आँचल चुपचाप बैठी रही. बंसल उसको टेप का डर दिखाकर ब्लैकमेल कर रहा था.


मादक आँचल को ऊपर से नंगा करके बंसल उसकी गोरी गोरी बड़ी चूचियों का हाथ लगाकर वजन तौलने लगा. फिर उसने ज़ोर से चूची का निपल उंगलियों से दबा दिया.

“ओइईई……आआहह..” आँचल दर्द से चिल्लाई.

“बोलो आँचल जी , सारी की सारी कहानी बताओ . चुप मत रहो , नही तो ..” कहते हुए बंसल ने फिर से उसके निपल को ज़ोर से दबाकर दर्द कर दी.

“अच्छा अच्छा ….प्लीज़ ऐसे दर्द मत करो. सब कुछ बताती हूँ प्लीज़…” बेचारी आँचल अपनी चुदाई का किस्सा बंसल को बताने लगी.

बंसल उसकी बात सुनते हुए उसकी चूचियों और निपल को मुँह में भरकर चूसने लगा.

आँचल अपना किस्सा सुना रही थी और बंसल उसकी चूचियों को मसल रहा था , चूस रहा था. अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी और किस्सा सुनाते हुए बीच बीच में सिसकारियाँ लेने लगी. बंसल समझ गया , साली गरम कुतिया उत्तेजित होने लगी है.

उसने आँचल को सोफे से खड़ा कर दिया और बोला,” फटाफट साड़ी पेटीकोट उतार दो.”

“कोई आ जाएगा बंसल जी..” आँचल उत्तेजना से काँपती आवाज़ में बोली , लेकिन कपड़े उतारने लगी.

“दरवाजा बंद है. घबराओ नही.” बंसल भी फटाफट अपने कपड़े उतारते हुए बोला.

नंगी आँचल को डेस्क के पास ले जाकर बंसल ने झुका दिया और एक हाथ से उसकी पीठ को नीचे दबाते हुए पीछे से उसकी चूत में उंगली घुसा दी.

“सना की चूत चाटने में तुझे बहुत मज़ा आया लगता है …”

आँचल की चूत गीली देखकर बंसल खुश हो गया. सोचने लगा , ये साली गरम कुतिया हमेशा चुदाई को तैयार रहती है. साली बहुत कामुक है.

बंसल ने अपना छोटा लेकिन मोटा लंड पीछे से आँचल की चूत में पेल दिया. और धक्के मारने लगा.

“आह ओह्ह …ऊऊ……” आँचल सिसकने लगी.

आँचल की बड़ी चूचियां डेस्क के उपर लगे ठंडे ग्लास में दबी हुई थी और उसकी बड़ी गांड ऊपर को उठी हुई थी.
बंसल आँचल को धीरे धीरे चोदने लगा और आँचल से अपना किस्सा जारी रखने को कहा.

आँचल चुदते हुए किस्सा सुनाने लगी. तभी उसको लगा की ओर्गास्म आने वाला है.

“आअहह…..बंसल जी……..ओइईईईईईई………..”

बंसल धीरे धीरे इसलिए चोद रहा था ताकि चुदाई का मज़ा देर तक आए .

जब वो दोनो ही झड़ने को हुए तो किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटा दिया.

“दरवाजा खोलो बंसल ”, मिस्टर जोशी (आँचल का ससुर ) तेज आवाज़ में बोला.

बंसल का लंड तुरंत मुरझाकर आँचल की चूत से बाहर आ गया. वो फटाफट अपने कपड़े पहनने लगा.

आँचल डेस्क पर झुकी हुई चुदाई की मदहोशी में थी लेकिन ससुरजी की कड़क आवाज़ सुनकर उसका ओर्गास्म गायब हो गया . वो सीधी खड़ी हो गयी और फटाफट पेटीकोट पहनने लगी.

बंसल ने तो फटाफट पैंट कमीज़ पहन ली पर आँचल को तो साड़ी ब्लाउज पहनना था. उसने बिना ब्रा के ही ब्लाउज पहन लिया और बंसल की मदद से साड़ी बाँध ली.

बंसल ने फर्श पर पड़ी ब्रा को अपनी जेब में छुपा लिया और टेबल से बहुत सारे नोट फर्श पर गिरा कर बिखेर दिए.
फिर वो दरवाजा खोलने लगा और आँचल से कहा फर्श पर पड़े नोट उठाने का नाटक करे.
 
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जब बंसल ने ऑफिस का दरवाज़ा खोला तो मिस्टर जोशी (ससुर) अंदर आए. बंसल बिना पूछे तुरंत सफाई देने लगा की बहुत सारा पैसा टेबल से गिरकर बिखर गया है , हम उसी को उठा रहे थे.

ससुर ने देखा आँचल झुकी हुई है और फर्श से नोट उठा रही है. उसने ब्रा नही पहनी थी जिससे उसकी बड़ी चूचियां साफ दिख रही थी क्यूंकी झुके होने से साड़ी का पल्लू हटा हुआ था. ससुर ने ऊपर से झाँका तो उसको निपल भी दिखाई दिए.

ससुर दरवाज़ा खोलने में हुई देरी से नाराज़ था और बंसल से जवाब तलब करना चाह रहा था लेकिन मादक आँचल की चूचियों को देखकर उसका गुस्सा काफूर हो गया. वो आँचल के पास गया और उसके स्लीवलेस ब्लाउज के थोड़ा नीचे उसकी बाँह पकड़कर उसे उठाने लगा. ससुर की अंगुलियां आँचल की कांख को टच कर रही थी. और उसकी नज़र आँचल की बिना ब्रा की चूचियों पर थी. आँचल को उठाने के बहाने ससुर ने उसकी कांख पर अंगुलियां फेरते हुए , कांख से आ रही खुशबू को अपनी नाक में भर लिया. …आहह…..क्या मादक गंध है…मैं कितना तड़प रहा हूँ , इस सेक्सी बहू को चोदने के लिए.

आँचल ने देखा उसका ससुर उसे कांख के पास बाँह पकड़कर उठा रहा है. आँचल उठी और एक नर्वस स्माइल के साथ ससुर को विश किया. वो अभी भी घबराई हुई थी. चुदाई की मदहोशी में उसे ओर्गास्म आने ही वाला था की ससुर ने दरवाज़ा भड़भड़ा दिया था. उसकी साँसे अभी भी भारी थी और बदन कांप रहा था.

ससुर ने देखा बहू गहरी साँसे ले रही है और उसकी बड़ी चूचियां सांसो के साथ ऊपर नीचे हो रही हैं, आँचल का चेहरा भी चुदाई के आनंद से थोड़ा लाल हो रखा था. ससुर ने सोचा बहू मुझे देख के उत्तेजित हो रही है. शायद ये भी मेरे लिए उतना ही तड़प रही है, जितना मैं इसके लिए.

तब तक बंसल ने गिराए हुए सारे नोट उठा लिए थे.
बंसल बोला, “ सर , मैं इन रूपयों को बैंक में जमा कर दूं.”

ससुर बोला,” हाँ बंसल जी , ये पैसा बैंक में जमा कर दो और मेरे सेक्रेटरी से कहना , कोई मुझे डिस्टर्ब ना करे.”

बंसल के जाने के बाद ससुर आँचल को देखकर मुस्कुराया.
“बहुत दिन हो गये तुम्हें देखे. बहुत सुंदर लग रही हो.”

फिर ससुर आँचल का हाथ पकड़कर उसी सोफे पर बैठ गया जहाँ थोड़ी देर पहले बंसल ने आँचल को नंगा किया था. सोफे पर बैठकर ससुर ने आँचल को अपने पास बैठा लिया और उसके कंधे पर अपनी बाँह रख दी. फिर वो आँचल की खूबसूरती की तारीफ करने लगा और आँचल के गालों को सहलाते हुए कहने लगा की ख़ान से लोन निकलवाकर तुमने बहुत अच्छा काम किया.

आँचल ससुर की बाँहों में घबराहट और उत्तेजना से काँपने लगी. उसकी चुदाई अधूरी रह जाने से ओर्गास्म निकल नही पाया था. ससुर के बदन को सहलाने से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी. वो चुदकर अपने ओर्गास्म को बाहर निकालने को तड़प रही थी.

ससुर उसके गालों को सहलाकर उसकी तारीफ करता रहा. आँचल के बदन को काँपते देखकर वो बोला,”डरो नही मेरी जान. मैं तुम्हें बहुत कुछ सिखाऊंगा. कैसे मज़ा मिलता है और कैसे मज़ा देते हैं. डरती क्यूँ हो, आज की रात तुम्हारी अब तक की सबसे रंगीन रात होगी.”

फिर ससुर ने आँचल के होठों पर चुंबन ले लिया.

“ओह्ह …ससुरजी…” आँचल सिसकी.

ससुर आँचल के रसीले होंठो को चूसने लगा. आँचल ने अपने होंठ अलग कर दिए और ससुर की जीभ को अपने मुँह के अंदर आने दिया , आँचल के मुँह की मिठास पाकर ससुर खुश हो गया. आँचल ने अपने को पूरी तरह से ससुर के हवाले कर दिया. उत्तेजना से उसकी चूत से रस बहने लगा. आँचल ने अपने ससुर को लंबे समय तक टीज़ किया था , वो जानती थी उसका ससुर उसको चोदने का कोई मौका नही छोड़ेगा.

ससुर आँचल को चूमता रहा. आँचल आँखे बंद किए ससुर की बाँहो में सिसकते रही. ससुर का लंड पैंट में खड़ा हो गया था. उसने आँचल के होठों से अपने होंठ हटा लिए और बोला,” देखो मेरा लंड कितना तड़प रहा है , तुम्हारी चूत में जाने के लिए.”

आँचल ने ससुर के पैंट में बने हुए तंबू को देखा. वो वासना से तड़प उठी.
सेक्सी आँचल को खुले हुए कंपकंपाते होठों से अपने लंड के उभार को देखते हुए पाकर ससुर सुध बुध खो बैठा. उसने आँचल को घर में रात भर आराम से चोदने का प्लान बनाया था. पर आँचल को उत्तेजना से काँपते हुए चुदने को तैयार देखकर वो कंट्रोल खो बैठा. उसने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया.

आँचल ने देखा ससुरजी का लंड बहुत बड़ा और मोटा है. लाल रंग का मोटा सुपाड़ा था. आँचल ने लंड को हाथ से पकड़ लिया और सुपाड़े को चाट लिया.

“ओह….” आँचल की जीभ का स्पर्श अपने सुपाड़े पर लगते ही ससुर सिसका.

आँचल सुपाड़े को चाटने लगी और गोलियों को हाथ से सहलाने लगी. मादक आँचल को अपने लंड को चाटते देखकर ससुर सिसकारियाँ लेने लगा. अपनी बहू से लंड चुसवाने की उसकी बहुत इच्छा थी . वो काबू नही कर पाया और उसकी गोलियाँ टाइट होने लगी. फिर उसने आँचल के बाल पकड़ लिए और उसके होठों में वीर्य की धार छोड़ दी.

आँचल ने अपने होठों पर जीभ फिराकर ससुर का वीर्य चखा. वो ससुर के इतनी जल्दी झड़ने से हैरान थी. अभी तो उसने लंड को मुँह में भी नही लिया था और ये झड़ गया. जैसा बेटा वैसा बाप , वो सोचने लगी. उसका ओर्गास्म अभी निकल नही पाया था.

ससुर ने देखा आँचल अपने होठों से उसका वीर्य चाट रही है और उसके मुरझाए हुए लंड को मुँह में लेने की कोशिश कर रही है. बहू बहुत उत्तेजना में है. ससुर भी आँचल की उत्तेजना देखकर फिर से उत्तेजित होने लगा.

अपने मुँह में ससुर के मुरझाए हुए लंड को फिर से बढ़ते देखकर आँचल को हैरानी हुई क्यूंकी उसके पति सुनील का एक बार झड़कर फिर खड़ा नही होता था . वो लंड चूसकर और बड़ा करने लगी. ससुर का लंड तनकर फिर से बहुत बड़ा हो गया. आँचल बहुत खुश हो गयी. ससुर में अभी बहुत जान है. बेटे का जैसा बुद्धू नही है.

तभी किसी ने दरवाजा नॉक कर दिया. ससुर जल्दी से खड़ा होकर , झुंझलाते हुए बोला,” कौन है ? मैंने कहा था ना की डिस्टर्ब मत करना.”

बाहर से उसका सेक्रेटरी बोला,”सर, एक क्रेडिटर आया है, आपसे अर्जेंट्ली मिलना चाहता है.”

ससुर बोला,” ठीक है , 10 मिनिट बाद भेज दो उसको.”

फिर आँचल को देखकर मजबूरी जताने लगा,” ओह्ह मेरी जान, थोड़ा सबर करो. आज रात को पूरा मज़ा दूँगा.”

फिर उसने आँचल के चेहरे पर लगा वीर्य टॉवल से पोंछ दिया और उसके कपड़े ठीक करने में मदद करने लगा. आँचल की प्यास एक बार फिर अधूरी रह गयी.

जब क्रेडिटर अंदर आया तो आँचल ने देखा की ये वही आदमी ने जिसने पहले दिन मीटिंग में अपने पैसों के लिए , बंसल के सामने उसे डांट पिला दी थी और बहुत खरी खोटी सुना दी थी, जिससे आँचल की आँखों में आँसू आ गये थे. आज वही आदमी उसके ससुर के सामने भीगी बिल्ली बना बैठा था और यस सर, यस सर …… कर रहा था. ससुरजी की पावर से आँचल इंप्रेस हो गयी. ये आदमी मेरे सामने शेर बन रहा था आज चूहा बन गया है. आँचल सोचने लगी , ससुरजी के सामने बंसल भी चूहा बन जाता है. ससुरजी सुनील के जैसे नही है जो सभी मायनो में चूहा है. छोटा लंड है, एक बार झड़ के फिर खड़ा नही होता. इतनी खूबसूरत बीवी होकर भी उसकी चुदाई की इच्छा ही नही होती है.

अपने ससुर की पावरफुल पर्सनॅलिटी को बाहर के लोगो के सामने आँचल ने आज देखा. वाह… ससुर जी के सामने तो सब चूहे बन जाते हैं. आँचल ने एक्साइटेड फील किया. अंजाने में वो साड़ी के अंदर एक पैर के ऊपर रखे हुए दूसरे पैर को हिलाने लगी, जिससे उसकी तनी हुई क्लिट रगड़ खाने लगी. आँचल सामने बैठी अपने ससुर को देख रही थी , और ससुर के साथ चुदाई की कल्पना करते हुए, अपनी ऊपर वाली टांग हिलाते रही और क्लिट रगड़कर मूठ मारती रही. वो इतनी उत्तेजित थी की उन दोनो आदमियों के सामने ही कुछ ही देर में उसको रुका हुआ ओर्गास्म आ गया और गर्मी बाहर निकलने से उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया. अपने होठों को दांतो से काटकर उसने सिसकारी निकलने से रोका. उसकी आँखे मदहोशी में डूबी हुई थी. उन दोनो आदमियों को पता ही नही चला की उनके सामने बैठे बैठे टाँगे रगड़कर आँचल को ओर्गास्म आ गया है.

अपने पैसे वापस मिलने की बात से संतुष्ट होकर जब क्रेडिटर गया तब तक 2 pm हो चुका था.

आँचल अपने ससुर के साथ कार चलाकर अपने मायके से सामान लाने चली गयी. आँचल का ससुर रास्ते भर उसके गालों, उसके कंधों को सहलाता रहा. आँचल कार चलाने पर ध्यान दे रही थी, पर ससुर का स्पर्श उसे उत्तेजित कर दे रहा था.

जब वो दोनो आँचल के मायके पहुँचे तो वहाँ लंच टेबल पर मेहमान आए हुए थे. आँचल ने देखा उसकी कज़िन रिया अपने मम्मी पापा के साथ आई हुई है. रिया ने आँचल को देखते ही खुश होकर उसे अपने आलिंगन में भर लिया और दोनो ने एक दूसरे के गालों को चूमकर विश किया.

मिस्टर जोशी को आँचल के मम्मी पापा ने रिया के मम्मी पापा से मिलवाया. और रिया को आँचल अपने बेडरूम में ले गयी.

रिया ने आँचल को बताया की उसकी शादी तय हो गयी है और वो शादी के लिए शॉपिंग करने देल्ही आई है. आँचल ने जब उसकी शादी की खबर सुनी तो रिया को बाँहों में भर लिया और उसके दोनो गालों को चूमकर पप्पी दे दी. रिया आँचल से एक साल छोटी थी और अपने मम्मी पापा के साथ चंडीगढ़ में रहती थी. एक ही औलाद होने से वो अपने मम्मी पापा के खूब मुँह लगी थी. आँचल से उसकी खूब बनती थी.

जब रिया को पता चला की उसके जीजाजी सुनील बाहर गये हैं तो उसने आँचल से कहा की मैं तुम्हारे ही साथ रहूंगी और तुम मुझे देल्ही में शॉपिंग करवा देना.

आँचल रिया की बात से खुश हो गयी की वो 2 दिन उसके साथ रहेगी. हम दोनो खूब जमकर शॉपिंग करेंगे. आँचल ने खुशी खुशी अपना सामान पैक किया और दोनो लंच के लिए टेबल पर आ गयी.

लंच करते वक़्त रिया ने अपनी मम्मी से कहा की आप लोग यहाँ रुक रहे हो , लेकिन मैं आँचल के घर जा रही हूँ और वहीं रहूंगी. वो मुझे शॉपिंग करवा देगी. रिया की कोई बात उसके मम्मी पापा टालते नही थे , वो तुरंत राज़ी हो गये.

आँचल के साथ रिया के रहने की बात सुनकर ससुर का मुँह एकदम से लटक गया, बहू को चोदने का ये सुनहरा मौंका भी गया हाथ से. लेकिन वो क्या कर सकता था. चुपचाप लंच करते रहा. उसने एक नज़र आँचल की ओर डाली. आँचल ने ससुर का लटका हुआ चेहरा देखा. वो समझ गयी ससुर उसको चोदने का मौका निकल जाने से निराश हो गये है. उसने ससुर को टीज़ करने के लिए उसकी तरफ देखकर बड़ी सी मुस्कान बिखेर दी………साली मादक आँचल.
 
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आँचल और बंसल फैक्ट्री से ख़ान के ऑफिस को चले. रास्ते में बंसल आँचल से कहते रहा की फैक्ट्री के लिए ख़ान से लोन लेना बहुत ज़रूरी है. जब वो दोनो ख़ान के ऑफिस पहुँचे तो आँचल काफ़ी चिंतित दिख रही थी.

ऑफिस में उनको एक छोटे कमरे में बैठाया गया. आँचल ने अपायंटमेंट नही लिया था इसलिए उसे इंतज़ार करने को कहा गया. बगल में एक बड़ा कमरा था जिसमे बहुत सारे लोग बैठे हुए थे.

आँचल ने ख़ान के टॉप क्लास ऑफिस में इतने सारे लोगों को इंतज़ार करते देखा तो वो इंप्रेस हुई. सोफे में बंसल उससे सट के बैठा था और एक बाँह उसने आँचल के कंधों पर रख दी. और फिर आँचल के कंधों पर उंगलियाँ फिराने लगा. आँचल के साथ अकेले उस छोटे कमरे में बैठने से वो खुश हो रहा था.

तभी उस कमरे में एक साँवली सेक्सी लड़की आई और उनके सामने सोफे में बैठ गयी. उसने एक टाइट ब्लाउज और छोटी स्कर्ट पहनी हुई थी. आँचल ने देखा उस सेक्सी लड़की ने ब्रा नही पहनी हुई है और उसके बूब्स ब्लाउज को बाहर को धक्का दे रहे हैं.

बंसल अपना मुँह आँचल के गाल से चिपकाते हुए धीरे से बोला,” ये लड़की **** हिन्दी फिल्म में एक्टिंग कर चुकी है. सना ख़ान नाम है इसका. बहुत सेक्सी लग रही है. आपको क्या लगता है मैडम ?”

आँचल को बंसल का अपने से चिपकना अनकंफर्टबल फील हुआ लेकिन लड़की ठीक सामने बैठी थी इसलिए उसने भी धीमे से जवाब दिया,” हाँ उस मूवी में ये बारिश वाले सांग में आइटम गर्ल थी.”

बंसल आँचल से और भी चिपटते हुए बोला,” मैडम ये बहुत सेक्सी लग रही है, आपको नही लगता ?”

“उननग्ज्ग…हाँ है. लेकिन ये यहाँ क्या कर रही है ?” आँचल ने पूछा.

तभी उस लड़की ने अपनी टाँगे जोकि एक के उपर एक चढ़ा रखी थी , अलग अलग कर दी. जिससे उसकी चिकनी जांघें और ब्लैक पैंटी दिखने लगी.
बंसल की नज़रें उसकी पैंटी पर ही थी.

वो आँचल के कान में बोला,” मैडम, देखो कितनी छोटी स्कर्ट पहन के आई है.”
फिर बोला,” ये ज़रूर ख़ान के पास उन फिल्मों में रोल माँगने आई होगी, जिनमे वो पैसा लगा रहा है.”

“इसने ब्रा भी नही पहनी है, साफ़ दिख रहा है.” फुसफुसाते हुए अब आँचल भी उत्तेजित होने लगी थी.

“हाँ मैडम , ये ब्रा तो नही पहनी है. लेकिन इसके छोटे हैं, आपके जैसे बड़े नही. ….. हेहेहे…..” बंसल कमीना मुस्कुराने लगा.

“उम्म्म….हूँ…..” आँचल थोड़ा झेंप गयी.

अब बंसल की हिम्मत बढ़ गयी. वो आँचल के कंधे से हाथ ले जाकर उस तरफ के बूब को साइड से दबाने लगा. आगे से साड़ी का पल्लू होने के कारण उस लड़की को ये सब नही दिख रहा था.

फिर आँचल को थोड़ा और अपनी तरफ दबाते हुए बोला,” फिल्म में रोल के लिए ये लड़की ख़ान के साथ सोएगी. पक्का है. कास्टिंग काउच मैडम…”और आँचल की क्लीन शेव कांख (armpit) और बूब पर हाथ फेरते हुए मज़े लेते रहा.

बंसल के हाथ फेरने और सेक्सी बातों से आँचल अब सिसकने लगी थी. पिछले तीन दिनसे उसकी हरकतें जारी थी. आँचल के रेजिस्टेंस को इन तीन दिनों में धीरे धीरे कम करने में बंसल सफल हो गया था.

“उम्म्म…..तुम्हारा मतलब रोल के लिए सना , ख़ान के साथ सेक्स करेगी?” बंसल के बूब्स दबाने से आँचल अब हल्की सिसकियाँ लेने लगी थी.

“हाँ मैडम, ख़ान इसे चोदेगा, बिल्कुल चोदेगा …” आँचल को सिसकियाँ लेते देख बंसल उत्तेजना से गंदे शब्द बोला. और खुश होते हुए सोचने लगा अपनी मादक बॉस का रेजिस्टेंस मैंने तोड़ ही दिया . अब ये सिसकारी लेने लगी है. धीरे धीरे गरम हो रही है. अब मैं इसे चोद पाऊँगा.

बंसल के मुँह से चोदेगा सुनकर आँचल की पैंटी गीली होने लगी.

“मैडम , उस दिन जब मैंने आपको फोन किया तो आप कौन सी मूवी देख रही थी ? उसमे भी तो चुदाई हो रही थी, मैंने समझा की आपका रेप हो रहा है….” आँचल के कान में बंसल बोला.

तभी ख़ान का सेक्रेटरी वहाँ आया और सना को बुला ले गया.
अब उस रूम में वो दोनो फिर से अकेले रह गये.

बंसल ने इसका पूरा फायदा उठाया और आँचल के बूब्स को दबाने लगा. उसके पतले ब्लाउज के बाहर से तने हुए निपल पर अंगूठा फेरते हुए बोला,” बोलो ना मैडम, वो कौन सी मूवी थी ?”

“ओह्ह …मिस्टर बंसल…..” अब आँचल थोड़ा ज़ोर से सिसकी क्यूंकी बंसल उसके निपल को चिकोट रहा था. फिर झूठ बोलते हुए बोली,” वो….उन्ह…एक ब्लू फिल्म थी……”

“मैडम पर उसमे तो मेमसाब कह रहा था कोई …” बंसल अपने पैंट में बने तंबू पर आँचल का हाथ रखते हुए बोला.

“उन्न्नह….बंसल…उहह…ये क्या कर रहे हो ? कोई देख लेगा….छोड़ दो मुझे…” आँचल सिसकी लेती हुई बोली.

बंसल आँचल के बूब्स दबा रहा था और आँचल ने पैंट के बाहर से बंसल का लंड पकड़ा हुआ था.
“अरे साली, तुम्ही ने तो मेरा लंड पकड़ रखा है और बोलती है मैं छोड़ दूं…” बंसल बोला.

आँचल के लंड पकड़ने से बंसल खुश हो रहा था की अब तो ये पट गयी है. अब चुद ही जाएगी.

तभी उस रूम में ख़ान आया , सना भी उससे चिपकी हुई थी.

बंसल और आँचल एक दूसरे से अलग होते हुए झेंपते हुए खड़े हो गये. ख़ान और सना ने सब देख लिया था लेकिन ख़ान आँचल की खूबसूरती में डूब गया और बोला,” आई ऍम सॉरी, मिसेज जोशी. मैं थोड़ा बिज़ी था इसलिए आपकी फैक्ट्री के डॉक्युमेंट्स देख नही पाया. शायद आज शाम को डिनर के टाइम , अगर आप फ्री हैं तो …”

आँचल के जवाब देने से पहले ही बंसल बीच में बोल पड़ा,” हाँ सर, ज़रूर सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”

फिर आँचल को भी यही बोलना पड़ा,” हाँ सर, आज शाम को ठीक रहेगा.”

आँचल ने देखा , ख़ान लंबा चौड़ा , करीब 45 साल की उमर का , आकर्षक व्यक्तित्व का आदमी है. उसकी आवाज़ भी गहराई लिए हुए थी. आँचल को वो बहुत सेक्सी लगा. वो सना से ईर्ष्या करने लगी, इतने पावरफुल आदमी का इसे साथ मिल रहा है और मज़े से चुदाई भी करवाती होगी ख़ान से.

उधर ख़ान भी आँचल से बहुत प्रभावित था. क्या खूबसूरत औरत है, गोरी , लंबी है. बड़े बड़े बूब्स, शानदार गांड है. ये मोटे बंसल के साथ क्या कर रही है. इसको तो किसी अच्छे आदमी के साथ होना चाहिए. इस मादक औरत को चोदने में तो मज़ा ही आ जाएगा.

आँचल ने जब ख़ान को अपनी तरफ एकटक देखते पाया तो वो शरमा गयी. वो जानती थी ये भी मेरे उपर फिदा हो गया है. कोई मर्द नही बचा उसके रूप के जादू से.

फिर उन्होने रात 8:30 बजे एक 5 स्तर होटेल में डिनर का टाइम फाइनल किया. ख़ान सना के साथ वहाँ से चला गया और बंसल और आँचल भी ऑफिस से बाहर आ गये.

ऑफिस से बाहर आकर कार की तरफ जाते समय बंसल ने आँचल की कमर में हाथ डालकर चलना चाहा लेकिन आँचल ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया. बंसल गाल सहलाते हुए सोचने लगा, अब इसे क्या हुआ.

आँचल अब अपने ऊपर काबू पा चुकी थी और उसने बंसल को उसकी जगह बता दी की बॉस कौन है.

बंसल का मूड ऑफ हो गया. कहाँ तो वो मैडम हाथ में आ गयी है सोच रहा था यहाँ कमर में हाथ डालते ही थप्पड़ पड़ गया.

आँचल कार चलाने लगी. बंसल चुपचाप बैठा था. बंसल को फैक्ट्री में उतारकर वो अपने पापा के घर चली गयी.
घर आने के बाद अपने बेडरूम में पहुँचकर उसे बंसल पर बहुत गुस्सा आया. उसकी हिम्मत कैसे हुई अपनी बॉस पर हाथ डालने की.
पति से आंचल की सुलगते जिस्म की गर्मी बुझाया nehi जा रहा तो अचल दूसरे मर्दों का सहारा लेकर प्यास भुजा रही। उसके लिस्ट में एक के बाद एक मर्द जुड़ता जा रहा है जो आंचल के मादक जिस्म को नोच नोच कर आंचल के जिस्मानी भूख को मिटा रहे है।

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ख़ान के आँचल के बगल में लेटने के बाद बंसल को मौका मिल गया. उसने आँचल को बेड के किनारे तक खींचा और उसकी टाँगे उठाकर अपना छोटा लेकिन मोटा लंड आँचल की चूत के फूले हुए होठों के अंदर डाल दिया और उसे चोदने लगा.

आँचल ख़ान की जबरदस्त चुदाई से थक चुकी थी. वो मदहोशी में बंसल को अपनी चुदाई करते देखती रही. बंसल के छोटे लंड से चुदाई में उसे कुछ मज़ा नही आ रहा था. लेकिन बंसल आँचल को चोदने में बहुत खुश था और कुछ ही देर में झड़ गया. अपने लंड से वीर्य की कुछ बूंदे आँचल की चूत में गिराकर वो मोटा आँचल के ऊपर ही ढेर हो गया. आँचल मोटे के वजन से दब गयी. उसने धक्का देकर बंसल को अपने ऊपर से हटा दिया.

ख़ान अपना लंड धीरे धीरे हिलाते हुए मज़े से ये सब देख रहा था. बंसल के झड़ने के बाद वो उठने लगा.
ख़ान को फिर से अपने ऊपर आते देख आँचल बोली,” बस …अब और नही…..मेरी फट जाएगी…”

ख़ान ने आँचल के विरोध को नज़रअंदाज़ कर दिया और बेड में बैठकर आँचल को अपनी तरफ खींचा. उसने आँचल को पेट के बल लिटाकर उसके नितंबों को अपनी गोद में रख लिया.

आँचल को अपनी जांघों में ख़ान का तना लंड रगड़ ख़ाता महसूस हुआ, उसकी समझ में नही आया ख़ान करना क्या चाहता है ?

तभी ख़ान ने उसके एक नितंब पर ज़ोर का थप्पड़ मारा , फिर कुछ पल रुककर दूसरे नितंब पर थप्पड़ मारा. ऐसे करके वो बारी बारी से दोनो नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा.

“आअहह….ओह…ओइईईईईईईईईई………मुझे क्यूँ मार रहे हो ? ….ओइईई…” आँचल ज़ोर से चिल्लाई.
उसके नितंबों में थप्पड़ मारने से लाल निशान पड़ गये थे.

“आँचल जी , आपको इसलिए मार रहा हूँ की अगर आपने मेरा ब्याज़ लेट दिया या लोन टाइम पर वापस नही किया तो मैं आपको आपके पति के सामने ऐसे ही मारूँगा. समझी आँचलजी…” ख़ान ने जवाब दिया.

दर्द से आँचल की आँखो में आँसू आ गये. ख़ान थप्पड़ मारते हुए बीच बीच में उसकी क्लिट को अपनी उंगलियों से मसलने लगा.

आँचल दर्द से चिल्लाती रही. उसने देखा की बंसल उसे मार खाते हुए देख रहा है. इससे अचानक उसको उत्तेजना आने लगी और उसकी चूत गीली होने लगी. और उसकी चीखें अब सिसकारियों में बदल गयी. बंसल को अपनी तरफ देखते हुए पाकर आँचल को ह्युमिलिटेड फील हुआ लेकिन वो एक अजीब से रोमांच भरे आनंद में नितंबों पर थप्पड़ खाते हुए अपना बदन हिलाने लगी.

“साली को इसमे भी मज़ा आ रहा है. लगता है इसके पति ने इसे बहुत तडपाया है.” बंसल की तरफ देखते हुए ख़ान बोला.

“आ…..आहह…..चोदो मुझे साजिद…..प्लीज़ चोदो….” आँचल सिसकी. अब उत्तेजना से उसकी चूत गीली होकर लंड के लिए तड़प रही थी.

ख़ान ने थप्पड़ मारना बंद कर दिया और आँचल को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर आँचल के बूब्स को ज़ोर से पकड़कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी तड़पती चूत में डाल दिया.

“आहह…….” ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत के स्ट्रेच होते ही आँचल सिसकी.

अब ख़ान ने आँचल के नितंबों को टाइट से पकड़ा और आँचल को अपने लंड पर उछालने लगा. इस पोज़ में लंड आँचल की चूत में बहुत गहराई तक घुस जा रहा था.

“आहह…………..उन्न्ञनह….ऊऊहह……” आँचल दर्द भरी सिसकारियाँ लेने लगी. उसके नितंब थप्पड़ मारे जाने से दर्द कर रहे थे और ख़ान उनको टाइट पकड़कर उसे लंड पर उछालकर चोद रहा था.

चोदते हुए ख़ान आँचल के बूब्स को दाँतों से काटने लगा.

“उहह…..साले ….आअहह……चोद मुझे……..” आँचल उत्तेजना में सिसकते हुए ख़ान को गालियाँ देने लगी. फिर उसको एक के बाद एक कई ओर्गास्म आ गये और वो ख़ान की गोद में उछलते हुए झड़ गयी.

अब आँचल में बिल्कुल भी ताक़त नही बची थी और वो ख़ान की छाती में सर टिकाकर पस्त पड़ गयी. जितने मज़े उसने लेने थे वो ले चुकी थी अब वो चाहती थी कि ख़ान झड़ जाए और उसकी चूत की बेरहम रगड़ाई बंद हो.

लेकिन ख़ान लगातार उसे चोदता रहा. आँचल को अब चूत में दर्द होने लगा था. वो चिल्लाई,” आह …बस करो…..ख़ान अब और नही…प्लीज़…..बस करो…” और वो निढाल होकर ख़ान के ऊपर लुढ़क गयी.

ख़ान को रोकने के लिए वो बोली,” अब मैं चूसूंगी …”

आँचल के निढाल पड़ जाने से ख़ान को अब उसे गोद में उछालना मुश्किल हो गया. उसने आँचल को सामने लिटा दिया और उसकी छाती के दोनो तरफ पैर रखकर आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया.आँचल थक चुकी थी लेकिन ख़ान को झड़ाने के लिए उसने तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया. वरना वो फिर उसकी दर्द करती चूत चोदने लग जाएगा. थोड़ी ही देर में आँचल ने चूस चूसकर ख़ान का पानी निकाल दिया.

ख़ान ने आँचल का सर पकड़े रखा और पूरा वीर्य उसके मुँह के अंदर ही निकाल दिया. मुँह में वीर्य भर जाने से आँचल को अपना दम घुटता महसूस हुआ. वीर्य उसके होठों से बाहर निकलकर बहने लगा. और वो अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगी.

फिर ख़ान बेड से उठा और फर्श से आँचल की साड़ी उठाकर , उस साड़ी से अपने लंड और बदन को पोछकर कपड़े पहनने लगा.

उसके बाद बंसल से बोला,” इस गरम कुतिया को घर तक पहुँचा देना.” और रूम से बाहर चला गया.

बंसल आँचल को बेड से उठाने लगा. आँचल इतना थक चुकी थी की उससे हिला भी नही जा रहा था.
वो बोली,” नही , मैं इस हालत में घर नही जा सकती. थोड़ी देर ठहर जाओ बंसलजी …” और फिर पीछे को बेड पर लुढ़क गयी और कुछ ही देर में उसे नींद आ गयी.

बंसल ने देखा, आँचल बिल्कुल नंगी बेड पर पड़ी है. उसकी चूत, जांघों, चेहरे सब जगह वीर्य लगा हुआ था. मादक आँचल को ऐसे नंगी हाथ पैर फैलाए बेड पर पड़ी देखकर बंसल का मन हुआ इस चिकनी को फिर से चोद डाले, अभी तो ये विरोध कर पाने की हालत में भी नही है.

लेकिन दो बार झड़ जाने से इस उमर में उसका लंड भी जवाब दे गया था. वो अपने कपड़े पहनकर, वहीं पर सोफे में बैठकर आँचल के नंगे बदन को देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसने आँचल को नींद से जगाया और बेड में बिठाया.

फिर आँचल की तुड़ी मुड़ी साड़ी और कपड़े लाकर उसे दिए. आँचल ने कपड़े पहने और बंसल कार चलाकर उसे घर पहुँचा आया.
पैसे का बंदोबास करने गई पैसे का बंदोबस्त हुआ की नहीं हुआ वो तो बाद में पता चलेगा लेकिन आंचल को एक मस्त लण्ड और धमाकेदार चूदाई हों गया। बंसल जो कब से अपना रोटी छेकना चाहता था उसने भी मौके का फायदा बखूबी उठा लिया।

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जब ख़ान , सना और आँचल को अपने रेस्टरूम में ले गया तो आँचल समझ गयी की आज ख़ान का थ्रीसम का प्लान है. आँचल का , फिल्म एक्ट्रेस सना को ख़ान से चुदते हुए देखने का सपना आज पूरा होने वाला था , इस ख़याल से उसकी चूत गीली हो गयी.

रेस्टरूम में ख़ान बेड पर बैठ गया और सना को अपनी गोद में बिठा लिया. फिर उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचियों को मसलने लगा.

आँचल ने देखा सना सिसकारी लेने लगी है और ख़ान की शर्ट के बटन खोलने की कोशिश कर रही है. ख़ान ने सना के मुँह में जीभ डाल दी और उसके मुंह को चूमने लगा.

आँचल अकेले खड़ी होकर ख़ान और सना को एक दूसरे का चुंबन लेते देख रही थी. ख़ान ने सना का ब्लाउज खोल दिया और सना की चूचियों के निपल को उंगलियों से दबाने लगा. फिर सना के होठों का चुंबन खत्म करके उसने अपना मुँह सना की चूचियों पर लगा दिया. सना ज़ोर से सिसकारियाँ लेते हुए अधमुंदी आँखो से आँचल को देख रही थी. आँचल ने देखा सना की तनी हुई चूचियों को ख़ान ने चूस चूसकर अपनी लार से गीला कर दिया. ख़ान दोनो चूचियों को बारी बारी से चूसने और काटने लगा. सना आनंद और दर्द से मचलते हुए सिसकारियाँ लेने लगी. उन दोनो की कामक्रीड़ा देखकर आँचल की साँसे भारी हो गयी, उसकी चूचियां तन गयी और चूत से रस बहने लगा.

ख़ान ने आँचल को अकेली खड़े देखा. उसने आँचल को पास बुलाया,” यहाँ आओ, ज़रा सना के बदन पर हाथ तो फिराओ. देखो ये कितनी सेक्सी है.”

आँचल पास आई और सना के चेहरे को हाथों से सहलाने लगी. फिर झुककर, उसने सिसकारियाँ लेती सना के रसीले होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगी. दोनो एक दूसरे के मुँह में जीभ घुमाने लगी.

आँचल को सना के होठों का चुंबन अच्छा लगा और वो उसे चूमती रही. ख़ान झुकी हुई आँचल की चूचियों को दबाने लगा. फिर ख़ान ने आँचल को खींचकर सना से अलग कर दिया क्यूंकी वो आँचल की टीशर्ट को उतारकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियों से मज़े लेना चाह रहा था. उसने आँचल के सर के ऊपर से खींचकर टीशर्ट निकाल दी. आँचल ने ब्रा नही पहनी थी. उसकी बड़ी गोरी चूचियां आज़ाद हो गयी.

सना ने आँचल की चूचियों को देखा तो उसने हाथ लगाकर उनका वज़न तौलने की कोशिश की . फिर ख़ान की गोद से उतरकर दोनो हाथों से आँचल की चूचियों को दबाने लगी और अपने मुँह में भरकर चूसने लगी. आँचल आँखे बंद करके सिसकारियाँ लेने लगी. अब सना की सेक्सी गांड ख़ान की तरफ थी. ख़ान ने सना की स्कर्ट और फिर पैंटी उतार दी. अब सना पूरी नंगी हो गयी थी.

सना के चूचियों को चूसने से आँचल अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी. ख़ान उठकर आँचल के पीछे आ गया और उसका जीन्स खोलकर उसकी गीली हो चुकी पैंटी भी उतार दी. और आँचल को उठाकर बेड पर लिटा दिया.

आँचल की टाँगों को सना ने अलग कर दिया और आँचल की चूत में अपना मुँह लगा दिया. आँचल की तनी हुई क्लिट को सना जीभ से छेड़ने लगी और आँचल की गीली चूत में दो उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगी.

“उनह……आअहह…..ओह्ह …” आँचल सिसकने लगी.

फिर सना ने आँचल की चूत से अपनी उंगलियाँ बाहर निकाल ली जो चूतरस से पूरी भीग चुकी थी और अब उसने आँचल की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसका चूतरस चाटने लगी. अपनी नाज़ुक चूत में सना की रफ जीभ के घूमने से आँचल बहुत उत्तेजित हो गयी और अपनी गांड को सना के मुँह पर उछालने लगी. कुछ ही देर में आँचल को जबरदस्त ओर्गास्म आ गया और उसने सना का सर पकड़कर अपनी चूत में दबा दिया. सना को अपना दम घुटता सा महसूस हुआ.

“आअहह………….ओह………उफफफफफफफफफफफफफ्फ़…………ओइईईईईईईईई” करते हुए आँचल झड़ गयी और उसकी चूत से निकले रस ने सना का मुँह भिगो दिया. अब जाकर आँचल ने सना के सर से अपनी पकड़ ढीली की.

तब तक ख़ान अपने कपड़े उतारकर लंड को हाथ में लिए हिला रहा था और उन दोनो की काम लीला देखकर मज़े ले रहा था. आँचल को ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेकर झड़ते देखकर ख़ान से अब रुका नही गया. उसने सना को बाल पकड़कर आँचल की चूत से हटा दिया और आँचल की दोनो टाँगे पकड़कर फैला दी.

ख़ान ने अपने मोटे और बड़े लंड को आँचल की फूली हुई चूत के छेद पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का लगाकर लंड अंदर घुसा दिया.

“आहह…उन्न्ह…ओइईई…म्म्माआअ…” अपनी गीली , पर टाइट चूत में ख़ान का मोटा लंड घुसते ही आँचल चिल्लाई.

ख़ान के मोटे लंड से अपनी चूत की दीवारों को स्ट्रेच होते महसूस कर आँचल कामोन्माद में डूब गयी. ख़ान उसकी चूत में तेज तेज शॉट मारने लगा , उन धक्कों से आँचल का बदन और उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. ख़ान आँचल की मांसल जांघों को पकड़े हुए उसकी चूत की ठुकाई करते रहा.

सना आँचल की चुदाई देखकर कामवासना से बेहाल हो गयी , वो अपनी चूत में खुद ही उंगली करके अपना ओर्गास्म लाने की कोशिश करने लगी. फिर सना आँचल के खूबसूरत चेहरे पर बैठ गयी और अपनी गीली चूत को आँचल के मुँह पर रगड़ने लगी. आँचल ने सना की बिना बालों वाली चूत में जीभ घुसाकर उसे चाटना शुरू किया. अपने हाथों से उसने सना की पतली जांघों को पकड़ लिया और अपने सर को थोड़ा उठाकर सना की चूत चाटने लगी.

आँचल ने सना की चूत को इतना मज़ा दिया की जल्दी ही सना को ओर्गास्म आ गया
“ऊऊओ…ओह…..आआअहह….” सिसकारियाँ लेते हुए सना झड़ गयी और उसकी चूत ने रस बहाते हुए आँचल का मुँह भिगो दिया. जबरदस्त ओर्गास्म से सना अपने को सम्हाल नही पाई और सिसकते हुए बेड पर आँचल के बगल में गिर गयी. आँचल ने अपने ऊपर से सना की टाँगे हटाकर साइड में कर दी.

इधर ख़ान आँचल को पेले जा रहा था , अपने को झड़ते हुए महसूस करके ख़ान ने आँचल की चूत में धक्के तेज कर दिए.

मोटे लंड के धक्कों की मार से आँचल ज़ोर से सिसकने लगी …..ऊओह…….ओइईईई…..आआहह…

तभी ख़ान ने आँचल की चूत को अपने गाड़े वीर्य से भर दिया. और अपना लंड आँचल की चूत से निकाल लिया. जबरदस्त चुदाई से थककर ख़ान भी आँचल के बगल में लेट गया.

वो तीनो बेड पर लेटे हुए अपनी सांसो पर काबू पाने का प्रयास करने लगे. आँचल बेड पर नंगी अपनी टाँगे फैलाए लेटी हुई थी. उसकी चूत से वीर्य और चूतरस निकलकर चादर पर गिर रहा था. अभी तक की चुदाई का आँचल ने जी भरकर आनंद लिया. ख़ान और सना के साथ चुदाई से उसे भरपूर कामतृप्ति मिल गयी.

थोड़ी देर आराम करने के बाद आँचल ने देखा सना उठ बैठी है. फिर सना आँचल के ऊपर आ गयी. अब दोनो एक दूसरे के बदन को चूमने लगी और हाथ फिराने लगी. फिर आँचल ने अपने ऊपर झुकी हुई सना की चूचियों को मुँह में भर लिया और उन्हे चूसने लगी. सना ने आँचल की चूत में तीन उँगलियाँ डाल दी और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी. दोनो ही औरतें सिसकारियाँ लेने लगी.

आँचल और सना को सिसकारियाँ लेते देखकर ख़ान अपना लंड हिलाने लगा. फिर उसने आँचल के मुँह में अपना लंड घुसा दिया. आँचल ख़ान का लंड चूसने लगी और उसकी गोलियों को सहलाने लगी. आँचल अब लंड चूसने में माहिर हो चुकी थी. उसके लंड चूसने से जल्दी ही ख़ान सिसकने लगा.
“उउउ…ओह्ह …आँचल…..हाँ हाँ ऐसे ही चूसो ….. चूसती रहो….”

आँचल ख़ान का लंड भी चूस रही थी और अपनी गांड भी बीच बीच में ऊपर को उछाल रही थी क्यूंकी सना उसकी चूत को उंगलियों से तेज तेज चोद रही थी.

तभी ख़ान को लगा की वो अब झड़ने वाला है. उसने जल्दी से आँचल के मुँह से अपना लंड निकाल लिया. अब वो सना को चोदना चाह रहा था.

ख़ान ने सना को बेड में उल्टा लिटा दिया और उसकी गांड हवा में उठाकर अपना लंड सना की चूत में घुसा दिया.

“आअहह….उफफफ्फ़…ओह” ख़ान का मोटा लंड अपनी चूत में घुसते ही सना सिसकी.
ख़ान अब सना की चूत में धक्के मारने लगा. दुबली पतली सना उसके धक्कों से पूरी तरह से हिल जा रही थी.

“आअहह….ओह…उननगज्गग…..आआआआ…..ओइईईई….” सना चिल्लाने लगी.
ख़ान सना को अब पीछे से तेज़ी से चोदने लगा.

आँचल लेटे हुए ही सना को डॉगी पोज़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर चुदते हुए देखने लगी. चुदते हुए सना को अलग अलग तरह का मुँह बनाते देखकर आँचल रोमांचित हो गयी. और अपनी फूली हुई क्लिट को उंगलियों से मसलने लगी. कुछ ही देर में सना की चुदाई देखकर अपनी क्लिट को मसलते हुए आँचल झड़ गयी.

ख़ान ने सना को चोदना जारी रखा. दुबली पतली सना के नितंब आँचल की तरह भरे हुए सुडौल नही थे. ख़ान उत्तेजना मे सना को चोदते हुए सना के नितंबों पर थप्पड़ मारने लगा. सना उत्तेजना और दर्द से चिल्लाती रही.

कुछ देर बाद ख़ान ने सना की चूत से अपना लंड निकाल लिया और सना को उठाकर उसके सेक्सी मुँह में डाल दिया. सना के मुँह में लंड घुसाकर ख़ान उसका सर टाइट पकड़कर उसे रफ तरीके से चोदने लगा. और जल्दी ही उसने सना का मुँह अपने वीर्य से भर दिया.

जब ख़ान ने सना के मुँह से अपना लंड बाहर निकाला तो आँचल ने देखा की सना के मुँह के किनारे से वीर्य बाहर निकल रहा है. आँचल ने सना के मुँह का चुंबन ले लिया और दोनो औरतें मज़े से ख़ान के वीर्य को निगल गयी.

थोड़ी देर बाद ख़ान बेड से उठा. सना और आँचल के नितंबों पर हल्के से एक एक थप्पड़ लगाकर ख़ान ने उन्हे उठने को कहा. ख़ान को एक बिज़नेस मीटिंग के लिए देर हो रही थी. आँचल और सना दोनो बेड से उठ खड़ी हुई और चादर से अपने चेहरे और नंगे बदन से वीर्य और चूत रस पोछने लगी. फिर दोनो ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए.

आँचल चुदाई के आनंद लेते हुए बंसल को भूल ही गयी और कामतृप्त होकर खुशी खुशी अपने मम्मी पापा के घर कार चलाकर चली गयी. घर जाकर आँचल बाथटब में बैठकर , मस्त चुदाई को याद करके गुनगुनाते हुई नहाने लगी.

फिर उसको अपने ससुर का ध्यान आया , कल उसका ससुर वापस आने वाला था. फोन पे उसके ससुर ने उससे जो कामुक बातें कही थी , उन्हे यादकर आँचल सोचने लगी, इस बार तो उसका ससुर मौके को हाथ से जाने नही देगा और उसे चोदकर ही मानेगा क्यूंकी अभी ससुराल में सास भी नही है और सुनील भी नही है.

आँचल अपने ससुर से संबंध बनाने में , सुनील और सास की वजह से, डरती थी , इसीलिए उसने अभी तक अपने आप को ससुर से बचाकर रखा था. लेकिन ससुर उसे चोदेगा इस ख़याल से उसकी चूत गीली भी हो जाती थी. अब जब कल ससुर वापस आएगा तो फिर क्या होगा , यही सोचते हुए वो बाथटब से उठ गयी.

Ek bara aur Khan ne aanchal ki jamkar chudai ki ab anchal ka sasur aanchal ki marne wala hai

अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
 
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शाम को आँचल अपने ससुर और रिया के साथ अपनी ससुराल आई. वहाँ पहुँचकर उसने देखा की उसकी सास भी आ गयी है. सास अब बेड पर अपने रूम में ही पड़ी रहती थी. बीमारी की वजह से वो ज़्यादा चलने फिरने में सक्षम नही थी. आँचल ने देखा की उसकी सास ने एक बड़ी उमर के आदमी को कुक रखा हुआ है और अपने रोज़ के काम में सहायता के लिए और अपनी देखभाल के लिए एक नौकरानी रखी हुई है. नौकरानी जिसका नाम सुनीता था, एक जवान लड़की थी और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां थी.

आँचल के बेडरूम में आने के बाद रिया मुस्कुराते हुए बोली,” आँचल डार्लिंग, ध्यान रखना. ये तुम्हारी नौकरानी सुनीता तो बहुत सेक्सी लग रही है. उस पर नज़र रखना कहीं जीजाजी को फंसा ना ले.”

फिर थोड़ा सीरीयस होकर बोली,” घर में ऐसी सेक्सी नौकरानी नही रखनी चाहिए. यू नो , ये लड़कियाँ थोड़े बहुत पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं , घर के मर्दों को फंसा सकती हैं.”

आँचल मन ही मन हँसी , तेरे जीजाजी का जब लंड खड़ा होगा तभी तो कोई लड़की उसे फँसायेगी.

वो बोली,” अरे यार रिया, नौकरानी को छोड़ो. अपनी सगाई और अपने मंगेतर के बारे में मुझे डिटेल में बता.”

“मेरा मंगेतर डॉक्टर है. रवि नाम है उसका. बहुत हैंडसम है यार. लंबा चौड़ा है. तू देखेगी ना उसको , तो तू भी उस पर मर मिटेगी. इतना खूबसूरत है वो.” रिया गर्व से बोली.

रिया को खुश देखकर आँचल ने भी खुशी महसूस की. और उसे बधाई दी की तुझे इतना हैंडसम पति मिलने वाला है.

आँचल सोचने लगी की जब मेरी शादी हुई थी तब तो रिया वर्जिन थी लेकिन अब मालूम नही. उसने पूछा,”क्या रिया, तुमने रवि के साथ कुछ किया तो नही है अभी तक ?”

रिया बिना शरमाये बोली,” आँचल डार्लिंग, वो इतना खूबसूरत है की मैं तो उसे रोक ही नही सकी.”

फिर रिया डिटेल में बताने लगी की कैसे सगाई के अगले ही दिन रवि ने अपने दोस्त के घर में उसे सिड्यूस कर लिया था और फिर दोस्त के बेडरूम में उसे चोदा था. रिया ने ये भी डिटेल में बताया की रवि ने उस रात जमकर उसकी चुदाई की थी.

रिया बिंदास होकर अपने कौमार्यभंग होने का किस्सा सुनाती रही, आँचल भी उसकी बातों से गरम हो गयी.

रिया उत्तेजित होते हुए बोली,” मुझे इतना मज़ा आया ना आँचल, की मुझे तो लत ही लग गयी . अब जब भी हम मिलते हैं तो चुदाई कर लेते हैं. मुझसे तो शादी का भी इंतज़ार नही हो रहा, जल्दी से शादी हो तो फिर हम जब चाहे और जितना चाहे चुदाई कर सकते हैं. सच में, बहुत मज़ा आता है.”

फिर उसने अपनी बात जारी रखी,” मैं देल्ही आने से पहले तीन दिन से रवि से नही मिल पाई और अब दो दिन यहाँ रुकना है. गॉड, उसके बिना तो मैं रह ही नही पाती हूँ.”

आँचल रिया की बिंदास बातों से शरमा गयी. ये रिया तो बहुत ही बोल्ड हो गयी है. शादी से पहले ही खुल्लमखुल्ला चुदाई कर रही है.

रिया बोली,” अरे यार तू बता, तुझे जीजाजी के साथ कैसे मज़ा आता है. तू तो बहुत तड़प रही होगी, वो इतने दिन से बाहर जो गये हुए हैं.”

फिर हंसने लगी,” जीजाजी को सोचकर तू मूठ मार रही होगी , है ना बेचारी आँचल.”

आँचल मुस्कुरा कर रह गयी. रिया उसके बहुत क्लोज़ थी फिर भी उसने अपनी दुख भरी कहानी रिया को नही बताई की सुनील तो शुरू होने तक झड़ जाता है. शायद वो सुनील की बेइज़्ज़ती नही करना चाहती थी. ये राज़ , ये दुःख उसने अपने सीने में ही दबाये रखा किसी को नही बताया. रिया को भी नही जो उसकी पक्की सहेली थी.

कुछ देर आँचल के बेडरूम में आराम करने के बाद वो दोनो शॉपिंग के लिए चली गयी. रिया ने जमकर शॉपिंग की. घर लौटने में उन्हे बहुत देर हो गयी.

उधर ससुर का मूड ऑफ हो गया था जिस रात को वो आँचल के साथ रंगीन बनाने की सोच रहा था , वो रात उसे अकेले काटनी पड़ रही थी. आँचल तो मिली नही अब उसने अपना ध्यान नौकरानी सुनीता की तरफ लगाया.

शॉपिंग करने के बाद रात में घर लौटकर आँचल और रिया देर तक बेडरूम में बाते करते रहे. रात 12:30 pm के आस पास आँचल की नींद खुली तो उसने देखा , बेडरूम में वो अकेली है और रिया बेड पर नही है. आँचल थोड़ी हैरान हुई , वो उठी और अपना बाथरूम चेक किया , रिया वहाँ भी नही थी. आँचल बेडरूम से बाहर आई तो देखा रिया लिविंग रूम के दरवाज़े से अंदर झाँक रही है. रिया की पीठ आँचल की तरफ थी. उसकी नाइटी ऊपर उठी हुई थी और वो थोड़ा दीवार पे झुकी हुई थी. उसके हाथ के हिलने से आँचल समझ गयी की रिया मूठ मार रही है. रिया के मुँह से हल्की सी सिसकारियाँ भी निकल रही थी.

आँचल दबे पाँव रिया के पीछे पहुँची तो उसे लिविंग रूम से किसी लड़की के ज़ोर से सिसकारियाँ लेने की आवाज़ आई. रिया ने आँचल को अपनी पीछे खड़ी देखा तो हड़बड़ा कर नाइटी ठीक कर ली. आँचल ने देखा रिया की आँखे उत्तेजना से लाल हो रखी थी.

अब आँचल ने भी रूम के अंदर झाँका की रिया क्या देखकर मूठ मार रही थी. वहाँ फर्श पर सुनीता नंगी लेटी हुई थी और आँचल का ससुर भी पूरा नंगा था और सुनीता की जमकर चुदाई कर रहा था. सुनीता मज़े से सिसकारियाँ ले रही थी और अपने बदन पर पड़ रहे ज़ोर के धक्कों से उसकी बड़ी चूचियां ज़ोर से आगे पीछे को हिल रही थी. ससुर इतने जबरदस्त तरीके से सुनीता को चोद रहा था की वो नज़ारा देखकर आँचल की चूत भी गीली हो गयी.

आँचल का मुँह हैरानी से खुला हुआ देखकर रिया उसके कान में फुसफुसाई,” देख तेरा ससुर कैसे जोरो से सुनीता को चोद रहा है…”

सुनीता की जबरदस्त चुदाई देखकर दोनो की चूत रस बहाने लगी. तभी ससुर ने अपना लंड सुनीता की चूत से निकाल लिया और सोफे पर बैठ गया . फिर सुनीता को अपनी गोद में बिठाकर चोदने लगा. ससुर का लंड देखकर रिया का मुँह खुला रह गया.

“हाय आँचल , देख कितना बड़ा लंड है तेरे ससुर का , सचमुच खंभा है …” रिया अब खुलेआम आँचल के सामने ही मूठ मारते हुए बोली.

रिया को अपनी क्लिट मसलते देखकर आँचल भी अपनी नाइटी के अंदर हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगी. ससुर और सुनीता की चुदाई का लाइव शो देखते हुए दोनो हल्की हल्की सिसकारियाँ लेने लगी. फिर रिया से कंट्रोल नही हुआ और वो आँचल को चूमने लगी. रिया को ज़ोर से सिसकारियाँ लेते देखकर आँचल डर गयी की कहीं उसका ससुर ना देख ले. आँचल रिया का हाथ पकड़कर उसे अपने बेडरूम में खींच ले गयी और दरवाजा बंद कर दिया.

रूम मे आने के बाद दोनो एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगी. रिया आँचल की बड़ी चूचियों को दबाने और मसलने लगी. दोनो ने अपनी नाइटी उतार फेंकी और पैंटी उतारकर दोनो नंगी हो गयी. कुछ देर खड़े खड़े एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने के बाद बेड में 69 की पोज़ में आ गयी और एक दूसरे की चूत चाटने लगी. दोनो तब तक चूत चाटते रही जब तक ओर्गास्म नही आ गया. फिर वो दोनो झड़ गयी और एक दूसरे की बाँहो में नंगी ही सो गयी.

जब सुबह उनकी आँख खुली तो एक दूसरे की बाँहो में नंगे सोए देखकर दोनो शरमा गयी. फिर रिया ने चुप्पी तोड़ी और बोली की उसको आँचल की चूत का टेस्ट अच्छा लगा और आँचल से चूत चटवाने में भी उसे बहुत मज़ा आया. आँचल हंस पड़ी और नंगी रिया को बेड पे आलिंगन कर लिया. वो दोनो फिर से शुरू हो गयी और एक दूसरे को चूमने और बदन पर हाथ फिराने लगी.

तभी कुक ने उसके रूम के दरवाज़े पर नॉक किया. आँचल जल्दी से बाथरूम में चली गयी और रिया ने नाइटी पहन ली और दरवाज़ा खोला. कुक उनके लिए बेड टी लाया था.

फिर आँचल नहाने के बाद किचन में चली गयी. आज सुनील वापस आने वाला था तो वो उसका पसंदीदा खाना बनवाना चाहती थी. रिया आँचल के बेडरूम से लगे बाथरूम में नहाने चली गयी.

कुछ देर बाद सुनील आ गया और आँचल को सरप्राइज देने के लिए चुपचाप बेडरूम में गया. बेडरूम में आँचल नही थी लेकिन बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी. सुनील ने समझा , आँचल नहा रही है वो बाथरूम में घुस गया.

जैसे ही उसने बाथरूम का दरवाज़ा खोला , उसने देखा अंदर कोई लड़की नंगी नहा रही है. रिया सुनील को देखते ही ज़ोर से चीखी और अपने हाथों से अपनी चूचियां ढकने की कोशिश करने लगी. फिर एक हाथ से चूत को ढकने लगी. फिर वो नंगे बदन में लपेटने के लिए तौलिया की तरफ लपकी.

तभी उसका पैर फिसल गया और वो धड़ाम से बाथरूम के फर्श में गिर गयी.

आँचल के बेडरूम से चीखने की आवाज़ सुनकर आँचल और उसका ससुर दोनो दौड़कर आए. उन्होने बेडरूम के अंदर आकर देखा , घबराया हुआ सुनील पूरी नंगी रिया को बाथरूम के फर्श से उठा रहा है.
 
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पति से आंचल की सुलगते जिस्म की गर्मी बुझाया nehi जा रहा तो अचल दूसरे मर्दों का सहारा लेकर प्यास भुजा रही। उसके लिस्ट में एक के बाद एक मर्द जुड़ता जा रहा है जो आंचल के मादक जिस्म को नोच नोच कर आंचल के जिस्मानी भूख को मिटा रहे है।

शानदार अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
thanks dear Destiny
 
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पैसे का बंदोबास करने गई पैसे का बंदोबस्त हुआ की नहीं हुआ वो तो बाद में पता चलेगा लेकिन आंचल को एक मस्त लण्ड और धमाकेदार चूदाई हों गया। बंसल जो कब से अपना रोटी छेकना चाहता था उसने भी मौके का फायदा बखूबी उठा लिया।

अदभुत अतुलनीय लेखन कौशल
Thanks Dear Destiny
 

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