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पूजा: “क्या मोम इतनी लम्बी कहानी कर रही थी जब मैंने इतना कह रखा था और तुम भी तो नंगी होने का वादा कर चुकी थी”.
मोम: “सही है बेटा पर कभी कभी बोलते वक़्त ऐसा कुछ नहीं होता पर जन वोही बात का सामना करना पड़े तो गांड फट सी जाती है मैंने कहा तो था पर बेटे मुझे नहीं पता था की मुझे डर भी लगेगा तुम को पता नहीं पर मै उस से बात करते हुए कांपती थी”.
पूजा: “हां देखा था मोम तभी कह रही थी की क्यों ???? तुम तो ऐसे डर रही थी की उसका मह फोन से बहार आके तेरी चूत से चिपक जाएगा”.
मोम:” हा हा हा हा चल अब बहोत नंगी हो रही हो तुम “.
पूजा: “गलत है ??”
मोम “नहीं बेटे अब हम एक ही लंड की खूंटी से बंधी है तो अब हमारे बिच क्या नंगा और क्या छुपाना पर स्वभाव भी तो होता है और ये ना भूल की अभी भी मै तुम्हारी मा ही हु जब तक हम बिस्तर पर ना हो जब बिस्तर पर हो तब हम एक दुसरे की शौतन है समजी”.
पूजा: “मुझे तो ये दोहरा नाटक नहीं आएगा इसलिए मै तो जो मन में आएगा बोलूंगी और तुम्हे सहना भी पड़ेगा”.
मोम: “हा मुझे पता है तुजे जो बोलना है बोल मै भी कोई पीछे नहीं हट ने वाली समजी” ???
और मोमने पूजा के स्तनों को दबा दिया और बोली अभी भी कड़क माल है तू और हस दी.
पूजा: “नहीं मोम मजाक नहीं सच कह रही हु अगर तुम्हारी इच्छा नहीं है की तुम रमेश के सामने नंगी हो और वो तुम्हारी चूत में अपना मुह डाले तो मै अभी उसे फोन कर के कह देती हु की मा मना कर रही है “.
मोम: “नहीं बेटा अब फोन मत कर तुम्हे ये पहले करना चाहिये था जब उसने उसकी बात तुम्हे की और तुमने मुझे बताया अब जो होगा देखेंगे वैसे भी”.
पूजा: “मोम देखो दीपू से डरना नहीं है वो तेरा और मेरा पति जरुर है और हमें उसके लंड की जरुरत भी है पर इसका मत्लाब्ये नहिकी हम उस से डर के रहे और हां एक बात दीपू भी पुरुष है उसको मेरा और तेरा खजाने की जरुरत हैऔर कोई भिपुरुष उस खजाने को लूटना चाहेगा और कोई उसे छोड़ना नहीं चाहेगा तो दीपू वो नहीं कर सकेगा जिस से तुम डर रही हो उसे भी तो हमरे छेद की जरुरत है”.
मोम: “सही कहा बेटे इसी खजाने के लिए लोगो राजपाट खो दिए है डीप क्या चीज़ है”.
पूजा: “ह्म्म्म ये बात हुई ना मा स्त्री के पास भगवान ने भी तो ऐसा मादक हथियार दिया है की भलभले उसमे गोटा खा सकते है”
मोम: “हां बेटा सही है वैसे ये बता की रमेश चाटता कैसा है क्या वो पानिनिकाल देता है तुजे तो सब से ज्यादा अनुभव है इसलिए पूछ रही हु”.
पूजा: “इस में भी तुम्हे शक है ??? मा बहोत अच्छे से चाट देता है तुम्हे कुछ नहीं करना पड़ेगा मुझे लगता है की तुम अपनी गांड उछल उछल के तेरा भोसडा उसके मूह में डालोगी और वो तुम्हे कई बार झाड देगा सच में, कुछ क्वोलिटी तो होती ही है सब में वो नपुंसक नहीं है और हां वो नपुंसक नहीं है उसका वीर्य में दम नहीं पर चोद तो सकता है “.
मोम: “मै चुदवाना नहीं चाहूंगी वो तो दीपू चोद ही देगा बस पानी निकाल दे गांड चाट दे जरा सी जो दीपू नहीं करता वो कर ले बस”.
पूजा: “यही तो रमेश वो सब कर देगा मा जो दिप्पू नहीं करता मुझे उस पर पूरा भरोसा है की वो तुम्हारी गांड को पूरी की पूरी खा जायेगा शायद थोडा चोद भी ले”.
मोम: “नहीं नहीं वो सब नहीं”.
पूजा: “जब सेक्स चडेगा तो वो भी करोगी मम्मी”.
मोम: “हा ये बात भी है अगर थोडा चोद भी लेगा तो क्या फर्क पड़ेगा मन ही मन बोली”.
इन दोनों में ये सब बात हो ही रही थी की ऊपर से दीपू निचे उतरा उसने कही बाहर जानेवाले कपडे पहने हुए थे
“पूजा, मंजू मै जरा बहार जा रहा हु कुछ काम याद आ गया है और हां रात को थोडा लेट हो जाऊंगा मेरी राह मत देखना मै डिनर भी बहार ही कर लूँगा”.
मोम: “लेकिन बेटा जा कहा रहा है “?
दीपू: “कुछ नहीं मंजू बस थोडा सा दोस्तों के साथ घुमने जा रहा हु और वो शान्तिलाल के वहा भी हो आता हु लास्ट 2 महीने से भाड़ा नहीं दिया चूतिये ने”.
मोम: “हा पैसा ले ले उस से”.
दीपू: “हा आज तो नहीं दिया तो उसकी मा ही चोदुंगा”.
मोम: “नहीं उसकी मा मत चोदना बेटे हम कहा जायेंगे यहाँ दो दो सौतने बैठी है तुम्हारे लंड के लिए”.
दीपू नज्दीक आया और मा के चेहरे को उठाया और बोला “तेरी तो गांड मारनी है अब”.
मोम: “तो किसने मन किया है कब से तैयार है मेरी गांड अभी मैंने तेल भी लगा के रखा है हम दोनों सौतनो ने”.
दोनों हसी.
दीपू: “ठीक है आज नहीं तो कल जरुर मारूंगा तुम दोनों की गांड”.
पूजा:” नहीं मै तो चूत में ही लुंगी तेरा माल मुझे मा बन न है अब मा की गांड मार लेना वैसे भी साले तुमने मेरी गांड तेरे इस लंड की साइज़ की बना दी है बड़ा होल बना दिया है”.
मा और बेटी जोरो से हसी.
मोम: “जो भी करना है करना पर रात को लेट ना करना”.
दीपू: “हा हा अभी मुझे जाना होगा” कह के दरवाजे की तरफ बढ़ा और मुह फिरा के बोला “हां पूजा जीजू आ रहे है तो जरा उनका भी डिनर बना लेना और जो कहे वो बना लेना मोम एक बेटा नहीं होगा खाने को पर दूसरा बेटा आ ही जाएगा खाने को” ऐसा वो डबल अर्थ में बोला जिस से मा समज गई की रमेश ने उसे बोल दिया है.
ठीक है बेटा जैसा तु कहे.
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मोम: “सही है बेटा पर कभी कभी बोलते वक़्त ऐसा कुछ नहीं होता पर जन वोही बात का सामना करना पड़े तो गांड फट सी जाती है मैंने कहा तो था पर बेटे मुझे नहीं पता था की मुझे डर भी लगेगा तुम को पता नहीं पर मै उस से बात करते हुए कांपती थी”.
पूजा: “हां देखा था मोम तभी कह रही थी की क्यों ???? तुम तो ऐसे डर रही थी की उसका मह फोन से बहार आके तेरी चूत से चिपक जाएगा”.
मोम:” हा हा हा हा चल अब बहोत नंगी हो रही हो तुम “.
पूजा: “गलत है ??”
मोम “नहीं बेटे अब हम एक ही लंड की खूंटी से बंधी है तो अब हमारे बिच क्या नंगा और क्या छुपाना पर स्वभाव भी तो होता है और ये ना भूल की अभी भी मै तुम्हारी मा ही हु जब तक हम बिस्तर पर ना हो जब बिस्तर पर हो तब हम एक दुसरे की शौतन है समजी”.
पूजा: “मुझे तो ये दोहरा नाटक नहीं आएगा इसलिए मै तो जो मन में आएगा बोलूंगी और तुम्हे सहना भी पड़ेगा”.
मोम: “हा मुझे पता है तुजे जो बोलना है बोल मै भी कोई पीछे नहीं हट ने वाली समजी” ???
और मोमने पूजा के स्तनों को दबा दिया और बोली अभी भी कड़क माल है तू और हस दी.
पूजा: “नहीं मोम मजाक नहीं सच कह रही हु अगर तुम्हारी इच्छा नहीं है की तुम रमेश के सामने नंगी हो और वो तुम्हारी चूत में अपना मुह डाले तो मै अभी उसे फोन कर के कह देती हु की मा मना कर रही है “.
मोम: “नहीं बेटा अब फोन मत कर तुम्हे ये पहले करना चाहिये था जब उसने उसकी बात तुम्हे की और तुमने मुझे बताया अब जो होगा देखेंगे वैसे भी”.
पूजा: “मोम देखो दीपू से डरना नहीं है वो तेरा और मेरा पति जरुर है और हमें उसके लंड की जरुरत भी है पर इसका मत्लाब्ये नहिकी हम उस से डर के रहे और हां एक बात दीपू भी पुरुष है उसको मेरा और तेरा खजाने की जरुरत हैऔर कोई भिपुरुष उस खजाने को लूटना चाहेगा और कोई उसे छोड़ना नहीं चाहेगा तो दीपू वो नहीं कर सकेगा जिस से तुम डर रही हो उसे भी तो हमरे छेद की जरुरत है”.
मोम: “सही कहा बेटे इसी खजाने के लिए लोगो राजपाट खो दिए है डीप क्या चीज़ है”.
पूजा: “ह्म्म्म ये बात हुई ना मा स्त्री के पास भगवान ने भी तो ऐसा मादक हथियार दिया है की भलभले उसमे गोटा खा सकते है”
मोम: “हां बेटा सही है वैसे ये बता की रमेश चाटता कैसा है क्या वो पानिनिकाल देता है तुजे तो सब से ज्यादा अनुभव है इसलिए पूछ रही हु”.
पूजा: “इस में भी तुम्हे शक है ??? मा बहोत अच्छे से चाट देता है तुम्हे कुछ नहीं करना पड़ेगा मुझे लगता है की तुम अपनी गांड उछल उछल के तेरा भोसडा उसके मूह में डालोगी और वो तुम्हे कई बार झाड देगा सच में, कुछ क्वोलिटी तो होती ही है सब में वो नपुंसक नहीं है और हां वो नपुंसक नहीं है उसका वीर्य में दम नहीं पर चोद तो सकता है “.
मोम: “मै चुदवाना नहीं चाहूंगी वो तो दीपू चोद ही देगा बस पानी निकाल दे गांड चाट दे जरा सी जो दीपू नहीं करता वो कर ले बस”.
पूजा: “यही तो रमेश वो सब कर देगा मा जो दिप्पू नहीं करता मुझे उस पर पूरा भरोसा है की वो तुम्हारी गांड को पूरी की पूरी खा जायेगा शायद थोडा चोद भी ले”.
मोम: “नहीं नहीं वो सब नहीं”.
पूजा: “जब सेक्स चडेगा तो वो भी करोगी मम्मी”.
मोम: “हा ये बात भी है अगर थोडा चोद भी लेगा तो क्या फर्क पड़ेगा मन ही मन बोली”.
इन दोनों में ये सब बात हो ही रही थी की ऊपर से दीपू निचे उतरा उसने कही बाहर जानेवाले कपडे पहने हुए थे
“पूजा, मंजू मै जरा बहार जा रहा हु कुछ काम याद आ गया है और हां रात को थोडा लेट हो जाऊंगा मेरी राह मत देखना मै डिनर भी बहार ही कर लूँगा”.
मोम: “लेकिन बेटा जा कहा रहा है “?
दीपू: “कुछ नहीं मंजू बस थोडा सा दोस्तों के साथ घुमने जा रहा हु और वो शान्तिलाल के वहा भी हो आता हु लास्ट 2 महीने से भाड़ा नहीं दिया चूतिये ने”.
मोम: “हा पैसा ले ले उस से”.
दीपू: “हा आज तो नहीं दिया तो उसकी मा ही चोदुंगा”.
मोम: “नहीं उसकी मा मत चोदना बेटे हम कहा जायेंगे यहाँ दो दो सौतने बैठी है तुम्हारे लंड के लिए”.
दीपू नज्दीक आया और मा के चेहरे को उठाया और बोला “तेरी तो गांड मारनी है अब”.
मोम: “तो किसने मन किया है कब से तैयार है मेरी गांड अभी मैंने तेल भी लगा के रखा है हम दोनों सौतनो ने”.
दोनों हसी.
दीपू: “ठीक है आज नहीं तो कल जरुर मारूंगा तुम दोनों की गांड”.
पूजा:” नहीं मै तो चूत में ही लुंगी तेरा माल मुझे मा बन न है अब मा की गांड मार लेना वैसे भी साले तुमने मेरी गांड तेरे इस लंड की साइज़ की बना दी है बड़ा होल बना दिया है”.
मा और बेटी जोरो से हसी.
मोम: “जो भी करना है करना पर रात को लेट ना करना”.
दीपू: “हा हा अभी मुझे जाना होगा” कह के दरवाजे की तरफ बढ़ा और मुह फिरा के बोला “हां पूजा जीजू आ रहे है तो जरा उनका भी डिनर बना लेना और जो कहे वो बना लेना मोम एक बेटा नहीं होगा खाने को पर दूसरा बेटा आ ही जाएगा खाने को” ऐसा वो डबल अर्थ में बोला जिस से मा समज गई की रमेश ने उसे बोल दिया है.
ठीक है बेटा जैसा तु कहे.
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