Romance Ajnabi hamsafar rishton ka gatbandhan

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Shandar aur jandar update
ravan ka ye plan bhi nakamiab raha. par ek bat to kehna padega mahes se toh jyada samajhdar uski biwi beti hai. kamla ko raghu pe pura bharosa hai . 1 minute ke liye laga ki rista tut jayega lekin sukr hai dono family me sare gile sikve dur ho gaye . raghu bhi jab sasuraal aya to wo bhi shant ho gaya... to raghu aur aman jis baat se anjan the wo baat bata di surbhi ne.. dono hi bahut bhadke huye the . lekin samjhane pr sant ho gaye.. dekhte hai age kya hota hai.

Thank you 🙏
Sasural pahuchte hi teda se teda banda bhi shant ho jata hai. Raghu to pahle se hi sidha sadha banda hai vo kase na shant hota.

Sasural me kadm rakhte hi raghu ki pahli najar uski muskurati hone wali bibi par pada. Jiski muskan dekh raghu sab kuch bhul jata hai.
 
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Update - 27

अंदर आकर सुरभि राजेंद्र को संभालने में लग गई। लेकिन राजेंद्र अधीर हुए जा रहे थे। उनके आंखो से अविरल अश्रु धारा बहे जा रहा था। आंसु तो सुरभि भी बहा रही थीं। आंसु बहाते हुए सुरभि बोली…ख़ुद को संभालिए आप ही ऐसा करेगें तो रघु को कैसे संभालेंगे।

राजेंद्र...खुद को कैसे संभालू कितने अरमानों से बेटे की शादी की तैयारी कर रहा था एक पल में सब चकना चूर हों गया। समाज में मेरी क्या इज्जत रह जायेगा। जब उन्हें पाता चलेगा लडकी वालो ने शादी से सिर्फ दस दिन पहले रिश्ता तोड़ दिया हैं।

सुरभि...अभी दिन हाथ में हैं। किसी को पाता नहीं की ऐसा कुछ हुआ हैं। इसलिए हमें उनसे एक बार ओर बात करना चाहिए।

राजेंद्र…मेरे इतना कहने पर भी जब उन्होंने नहीं सुना मेरे पग का भी मान नही रखा तो आगे भी कुछ नहीं सुनेंगे।

सुरभि...आप पहले ख़ुद को संभालिए आप ऐसा करेगें तो रघु को भी पाता चल जायेगा। अच्छा हुआ जो रघु यहां नहीं हैं नहीं तो रघु को क्या जवाब देते?

सुरभि के बातों का असर राजेंद्र पर होने लगा। धीरे धीरे ख़ुद को संभालने में लग गए। कुछ हद तक राजेंद्र ने खुद को संभाल लिया फिर बोले...सुरभि चलो हमे ज्यादा देर नहीं करना चाहिए। हमे एक बार ओर महेश बाबू से बात करना चाहिए। वो नहीं माने तो हमें जल्दी ही कोई ओर लड़की ढूंढकर उसी तारिक में रघु की शादी करना होगा नहीं तो मेरी बनी बनाई इज़्जत नीलम हों जाएगा।

सुरभि...न जानें किस मनहूस का छाया हमारे परिवार पर पडा हैं। हमने तो कभी किसी का कुछ नहीं बिगड़ा फिर कौन हमारे साथ ऐसा कर रहा हैं।

राजेंद्र...सुरभि उसे तो मैं ढूंढकर रहूंगा जिस दिन मेरे हाथ लगा उसका सिर कलम कर दुंगा। चलो अब हमें ज्यादा देर नहीं करना चाहिए।

सुरभि... हा चलो।

दोनों जैसे थे जिस हाल में थे उसी हाल में महेश के घर चल दिए। उधर महेश जब घर पहुंचा तब मनोरमा देखकर पुछा...अचानक आप कहा चले गए थे। आप जानते है न आज कमला की शादी का जोड़ा लेने जाना हैं।

महेश…मनोरमा शादी का जोड़ा लेकर क्या करना है? जब शादी ही टूट गया।

शादी टूटने की बात सुनकर मनोरमा भौचक्की रह गई। उसे लगा जैसे उनके पैरों तले की जमीन ही खिसक गई हों। कमला उसी वक्त कुछ काम से रुम से बहार आ रही थीं। शादी टूटने की बात सुनकर वो भी अचंभित रह गईं। अब तक उसने रघु के साथ घर बसाने की जो सपना देखा था। वह चकना चूर होता हुआ दिख रहा था। कमला ने न जाने कौन कौन से अरमान सजा रखे थे? सब बिखरता हुआ दिख रहा था। कमला को लग रहा था। पहली बार किसी लडके ने उसके दिल में घर बनाया था। वह घर उसे ढहता हुआ दिख रहा था। रघु के प्रति जो प्रेम दीया उसके मन मंदिर में जल रहा था वह बुझता हुआ दिख रहा था। क्षण मात्र में ही कमला ने इन्ही सब बातों पर विचार कर लिया। विचार करते हुए उसके आंखे नम हों गई, नम आंखों से महेश के पास आई फिर बोली…पापा आप कहो न आप जो कह रहे हों वो झूठ हैं। कहो न पापा।

महेश...नहीं मेरी बच्ची मैं झूठ नहीं कह रहा हूं। मैं खुद जाकर रिश्ता तोड़ आया हूं।

ये सुनते ही कमला और मनोरमा को एक और झटका लगा। कमला ये सोचने लग गई। उसके ही बाप ने उसके खुशियों को ग्रहण लगा दिया और मनरोमा सोच रहीं थीं। बाप ने ही बेटी के घर बसाने की तैयारी करते करते घर बसने से पहले ही उजड़ दिया। ये सोच मनोरमा बोली...ये आप ने क्या किया? बाप होकर अपने ही बेटी का घर उजड़ आए। अपने ऐसा क्यों किया?

कमला...आप को मेरी खुशी का जरा सा भी ध्यान नहीं रहा। ऐसा करने से पहले एक बार तो मेरे बारे में सोच लिया होता। आप ने पल भर में मेरे सजाए सपनों को चकना चूर कर दिया।

महेश…कमला तेरे बारे में सोचकर ही शादी तोड़ कर आया हूं। मैं नहीं चाहता मेरी बेटी जिन्दगी भर दुःख में गुजारे। तिल तिल जलती रहे और बाप को कोसती रहे।

कमला...मैं भला आप'को क्यों कोसती अपने मेरे लिए एक अच्छा लडका ढूंढा, उनमें वो सभी गुण मौजूद हैं जो एक संस्कारी लडके में होना चाहिए। रघु जैसा लडका विरलय ही मिलता हैं और अपने क्या किया? रिश्ता तोड़ आए। बोलो न पापा आप ने ऐसा क्यों किया?

मनोरमा...अपने कभी देखा या सुना हैं कमला को किसी लडके का गुण गाते हुए। लेकिन जब से रघु के साथ कमला का रिश्ता तय हुआ हैं। तब से कमला रघु का गुण प्रत्येक क्षण गाती रहती हैं। हमारी बेटी ने कुछ तो देखा होगा तभी तो वक्त बेवक्त रघु का राग अलप्ति रहती हैं और अपने क्या किया रिश्ता तोड़कर आ गए। अपने सोचने की जहमत भी नहीं उठाया रिश्ता टूटने के बाद लोग किया कहेंगे। कितना लांछन हमारे बेटी पर लगाएगा। तब आप किया करेंगे सुन पाएंगे जमाने की लांछन भरी बातें।

कमला...पापा बताओ न अपने ऐसा क्यों किया क्यों मेरा घर बसने से पहले उजाड़ आए।

महेश…कमला नकाब में छुपा चेहरा तभी दिखता है जब नकाब हट जाता हैं। तुम जिस रघु की इतनी तारीफ करते थे। उसका गुण गाते नहीं थकती थीं। उसने अपना असली चेहरा नकाब से ढक रखा था। लेकिन सही समय पर उसके चेहरे से नकाब उतर गया। उसका असली चेहरा मेरे सामने आ गया। इसलिए मै रिश्ता तोड़ आया।

महेश की बाते सुन कमला बाप की और चातक की तरह देखने लग गईं। जैसे उम्मीद कर रहीं हों बाप ने जो कहा सरासर झूठ हैं। जब बाप ने कुछ ओर न कहा तब कमला मन ही मन निर्णय करने लग गई। लेकिन कमला किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रही थीं। मनोरमा भी महेश के कहने का अर्थ नहीं समझ पाई इसलिए जिज्ञासू भाव से पुछा...आप क्या नकाब चेहरा लगा रखा हैं। सीधे सीधे और साफ साफ लावजो में बोलो आप कहना किया चाहते हों।

महेश...मनोरमा कमला के लिए रघु सही लडका नहीं हैं उसमें न जाने कौन कौन से दुर्गुण भरे पड़े हैं। मैं नहीं चाहता ऐसे लडके से शादी कर कमला पूरा जीवन दुखों में गुजारे इसलिए मै रिश्ता तोड़ आया।

महेश की कही हुई बातों पर न मनोरमा को यकीन हो रहा था न ही कमला को यकीन हों रहा था। दोनों सिर्फ महेश का मुंह तक रहे थे। दोनों को ऐसे ताकते देख महेश बोला...जैसे तुम दोनों को मेरी बातो पर भरोसा नहीं हो रहा हैं वैसे ही मुझे हों रहा था लेकिन अंतः मुझे भरोसा हों ही गया। कैसे हुआ तो सुनो….

महेश ने अनजान शख्सों से जितना सुना था एक एक बात विस्तार से बता दिया। महेश की बाते सुन कमला और मनोरमा अचंभित रह गई। दोनों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा था। कोई ऐसा भी कर सकता हैं। दोनों खुद ही वकील और मुजरिम बन मन ही मन जिरहा करने लग गए। कहा तो कहा क्यों इसके पीछे करण किया हों सकता हैं। लेकिन कमला कुछ अलग ही सोच रहा था। नहीं रघु ऐसा नहीं हैं जरुर किसी ने झूठ कहा होगा। मैं मान ही नहीं सकती फिर भी किसी ने उन पर लांछन क्यों लगाया?

दोनों को विचारधिन देख महेश बोला…इतना सोच विचार करने की जरूरत नहीं हैं मैने जो भी फैसला लिया सोच समझ कर लिया।

मनोरमा...जरा मुझे भी तो समझाइए अपने कितना सोचा क्या विचार किया? किसी ने कह दिया और अपने मान लिया ख़ुद से खोज ख़बर लेने की कोशिश तो करते।

महेश…खोज ख़बर लेने की बात कहा से बीच में आ गया। एक आध लोग बताते तो एक बार को मैं नहीं मानता लेकिन चार चार लोगों ने बताया। वो क्या झूठ बोल रहे थे कुछ तो जानते होंगे तभी न बताया।

कमला जो अब तक इनकी बाते सुन रहा था और खुद में विचार कर रहे थे। इसलिए बाप की बातों पर असहमति जताते हुए बोली…कोई कुछ भी कहें मैं नहीं मानती मेरा रघु ऐसा नहीं हैं। आप एक बात बताइए जब आप शादी तोड़ने की बात करने गए थे। तब उन्होंने क्या कहा?

कमला के पुछने पर राजेंद्र के घर पर जो जो हुआ सब बता दिया। सुनते ही कमला बोली...पापा अपने क्या किया? उन्होंने हाथ जोड़कर विनती किया यह तक की उन्होंने पग उतरने की बात कह दिया फिर भी आप रिश्ता तोड़कर आ गए। अपने ये सही नहीं किया।

मनोरमा...छी अपने ये क्या किया? एक भाले व्यक्तित्व वाले इंसान के पग का भी मान नहीं रखा। वो भाले लोग नहीं होते या उनके बेटे में कोई दुर्गुण होता तो वो कभी ऐसा नहीं करते अपने बहुत गलत किया हैं।

कमला...हां पापा अपने बहुत गलत किया अच्छा आप मुझे एक बात बताइए उनके जगह आप होते और कोई मेरे ऊपर लांछन लगाता। मेरे बारे में कोई झूठी बातें बताता तब आप किया करते।

महेश…मै जानता हूं मेरी बेटी ऐसा कुछ भी नहीं करेंगी जिससे मेरा सिर शर्म से झुक जाएं। कोई कितना भी कहें मैं उनकी बातों को कभी नहीं मानता।

कमला...जब आप नहीं मन सकते तो वो कैसे मानते की उनके बेटे में कोई दुर्गुण हैं।

मनोरमा... हां आप'को समझना चाहिए था। उनके बेटे में कोई दुर्गुण नहीं हैं तभी तो इतना विनती कर रहे थे। आप इतने समझदार और सुलझे हुए इंसान होकर आप समझने में भुल कैसे कर सकते हैं।

इतना कुछ सुनने के बाद महेश एक एक बात को पुनः सोचने लग गए। सोचते हुए उन्हें अपना ही गलती नज़र आने लग गया। जब उन्हें लगा उनसे बहुत बडा भुल हों गया। तब महेश घुटनों पर बैठ गए फिर बोले….ये मैंने किया कर दिया अपने ही हाथों से बेटी का जीवन बरबाद कर आया। मैंने ऐसा क्यों किया? क्यों मैं उन कमीनों की बातों पर ऐतबार किया? क्यों मैंने किसी से नहीं पुछा? क्यों मैंने तुम दोनों से बात नहीं किया? बात कर लेता तो शायद मुझ'से इतना बडा भुल न होता। अब मैं किया करू?

मनोरमा...जो होनी था वो हो चुका हैं। आप को भुल सुधरना हैं तो अभी चलो उनसे माफ़ी मांग कर टूटे रिश्ते को जोड़कर आते हैं।

कमला...हां पापा अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा हैं चलो जल्दी नहीं तो बहुत देर हों जाएगी।

महेश...इतना कुछ होने के बाद क्या वो मानेंगे? मैंने उनका इतना अपमान किया अब तो वो ख़ुद ही रिश्ता तोड़ देंगे।

कमला...जो भी हो आप को उनसे माफ़ी मांगना होगा नहीं माने तो मैं ख़ुद उन्हें मनाऊंगी।

मनोरमा...हां मैं भी उनसे विनती करूंगा। जल्दी चलो जितना देर करेंगे उतना ही बात बिगड़ जाएगा।

तीनों घर से निकलने ही वाले थे । तभी उनके घर के बहार एक कार आकर रुका कार से राजेंद्र और सुरभि बहार निकले फिर घर के अन्दर चल दिए। दोनों को देख महेश उनके पास गए। घुटनों पर बैठें फिर हाथ जोड़कर बोले….राजा जी मुझसे बहुत बडा भुल हों गया। मुझे माफ़ कर देना मैं लोगों की बातों में आकर बहक गया था और न जानें आप'के बेटे को क्या क्या कह आया।

महेश की बाते सुन सुरभि और राजेंद्र अचंभित हों गए। दोनों आए थे महेश को मानने लेकिन यहां तो नजारे ही बादल गया दोनों सोच कर आए थे कितना भी हाथ जोड़ना पड़े कितना भी पाव पड़ना पड़े पड लेंगे लेकिन टूटे रिश्तों को जोड़कर ही आयेंगे। महेश के देखा देखी मनोरमा भी घुटनों पर बैठ गई फिर बोली….इनके किए पर हमे शर्मिंदगी महसूस हों रही हैं। इन्होंने जो अपमान आप दोनों का किया उसे तो बदल नहीं सकते फिर भी आप'से विनती हैं आप हमें माफ़ कर दे।

महेश और मनोरमा को घुटनों पर बैठे माफ़ी मांगते देख सुरभि और राजेंद्र कुछ कुछ समझ गए यह हुआ किया था। दोनों कुछ बोलते उससे पहले कमला दोनों के पास गई। सुरभि और राजेंद्र के करीब घुटनों पर बैठ गई फिर बोली…मुझे आप'के बेटे पर पूरा विश्वास हैं वो गलत नहीं हों सकते पापा ने जो किया उसकी भरपाई तो नहीं हों सकती फिर भी मैं आप'से माफ़ी मांगता हूं आप मुझे अपने घर की बहु स्वीकार कर लें।

कमला की बाते सून सुरभि का मन गदगद हों गया एक लड़की जो बस कुछ ही दिन हुए उसके बेटे से मिला और इतना भरोसा हों गया की उसे किसी की बात सुनकर विश्वास नहीं हों रहा हैं जो रघु के बरे मे कहा गया वो सच हैं। इतनी जल्दी रघु पर इतना भरोसा करने वाली लड़की कोई ओर मिल ही नहीं सकती इसलिए सुरभि ने कमला को उठाया और गले से लगा लिया फिर बोली...मैंने तो तुम्हें कब का मेरे घर की बहु मान लिया था। सुरभि की बहु घुटनो पर बैठकर माफ़ी मांगे ये सुरभि को गवारा नहीं। इसलिए तुम माफ़ी न मांगो।

राजेंद्र ने जाकर महेश को उठाया और मनोरमा को भी उठने को कहा फिर बोला…महेश बाबू माफ़ी मांगकर आप मुझे शर्मिंदा न करें। आप ने तो वोही किया जो एक बेटी के बाप को करना चाहिए। कोई भी बाप नहीं चाहेगा। उस'की बेटी एक ऐसे लडके के साथ जीवन बिताए जिसमें दुर्गुण भरे हों। लेकिन मेरा बेटा बेदाग हैं इस बात का आप'को यकीन हों गया इससे बढकर मुझे ओर कुछ नहीं चाहिएं।

महेश…राजा जी आप सही कह रहे थे आप के बेटे में कोई दुर्गुण नहीं हैं लेकिन मैं आप'का कहना नहीं माना लोगों की बातों में आकर इतना भी नहीं सोचा की आप'के जगह मैं होता और मेरी जगह आप होते तो क्या होता। मुझे माफ करना मैंने आप'के पग का भी मान नहीं रखा।

राजेंद्र...महेश बाबू जो हों गया बीती बात समझकर भुल जाओ नहीं तो ये बातें हमारे जीवन के खुशियों को निगल जायेगा।

मनोरमा...राजा जी आप भले मानुष हों इसलिए इतना कुछ होने के बाद भी भुल जानें को कह रहे हों नहीं तो कोई और होता तो टूटे रिश्तों को जोड़ने नहीं आते बल्कि कोई और लडकी ढूंढकर तय तारिक में ही अपने बेटे की शादी करवा देते।

राजेंद्र...समधन जी मैं घर से मन बनाकर आया था की यहां आकार महेश बाबू को कुछ भी करके मनाऊंगा आगर नहीं माने तो कोई ओर लड़की देखकर तय तारिक पर ही रघु की शादी करवा दुंगा। पर यह आकार जो देखा उसके बाद मुझे अपना विचार बदलना पड़ा।

महेश…राजा जी सिर्फ मेरी एक भुल की वजह से आज मेरी बेटी के खुशियों को ग्रहण लग जाता। मैं बिना जांच पड़ताल के सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों की बातों में आकार रिश्ता थोड़ आया। ये अपराध बोध मुझे हमेशा कचोटता रहेगा।

राजेंद्र...महेश बाबू आप खुद को अपराधी मन कर खुद को ही सजा दे रहें हैं। जबकि मैं इस घटना को दूसरे नजरिए से देख रहा हू। आज की ये घटना न होता तो मुझे पाता ही नहीं चलता जिसे मैंने रघु की जीवान संगिनी के रूप में चुना हैं। उसे रघु पर इतना विश्वास हैं की कोई कितना भी रघु पर लांछन लगाए पर उसे विश्वास है कि रघु वैसा नहीं हैं।

राजेंद्र की इतनी बाते सून कमला मंद मंद मुस्कुरा दिया। कमला को मुसकुराते देख सभी के चेहरे पर खिला सा मुस्कान आ गया। फिर सभी कमला की तारीफे करने लग गई। महेश ऊपरी मन से सामान्य दिखा रहा था पर मन ही मन अभी भी अपराध से गिरा हुआ था। शायद महेश का यहां अपराध बोध जीवन भार रहने वाला था।

इधर सुरभि और राजेंद्र के निकलने के कुछ देर बद रघु घर आया। मां बाप को न देखकर रघु ने नौकरों से पुछा तब नौकरों ने वहा घाटी घटना को बता दिया। सुनते ही एक पल को रघु ठिठक गया। उसे यकीन नहीं हों रहा था किसी के कहने पर महेश रिश्ता तोड़ने आ गया और उसके बाप को उस पर इतना भरोसा हैं कि बेटे पर लांछन लगते देख बाप ने किसी के सामने अपना पगड़ी उतर दिया। सुनने के बाद रघु को महेश पर गुस्सा आने लग गया। गुस्से में रघु बोला…रमन चल मेरे साथ

रमन…कहा जायेगा

रघु...कमला के घर जाना हैं।

ये कहकर रघु रमन को खींचते हुए बहार लेकर गया कार लेकर चल दिया। रघु को गुस्से में देख रमन बोला...यार वहा जाकर कुछ भी बखेड़ा न करना राजा जी और रानी मां बात करने गए हैं उनको ही करने देना।

रघु…मैं कतई बर्दास्त नहीं कर सकता पापा किसी के सामने गिड़गिड़ाए उनका भी कुछ मान सम्मान हैं मै उनके मान सम्मान को ऐसे धूमिल नहीं होने दे सकता। उन्होंने मुझपर लानछन लगाया वो मैं सहन कर लेता लेकिन उनके करण पापा कितने आहत हुए ये मैं सहन नहीं कर पाऊंगा।

रमन...रघु किसी बात का फ़ैसला जल्दबाजी में करना ठीक नहीं हैं। पहले जानना होगा ऐसा किया हुआ जिस करण उन्हें रिश्ता तोड़ना पड़ा।

रघु...रिश्ता जोड़ना जीतना कठिन हैं उतना ही आसान हैं तोड़ना मैं तो ये समझ नहीं पा रहा हूं कि कमला के पापा इतना समझदार होने के बाद ऐसा कदम कैसे उठा सकते हैं।

रमन...कमला के पापा! ससुरजी बोलने में शर्म आ रहा हैं।

रघु...ससुरजी तो तब बनेंगे जब कमला से मेरा शादी होगा शादी तो टूट गया तो कहे की ससुर।

रमन...तुझे बडा पता हैं। पहले जान तो ले हुआ किया हैं। बिना जानकारी के तू किसी मुकाम पर कैसे पहुंच सकता हैं।

रघु आगे कुछ नहीं कहा बस नज़र सामने ओर कर कार चलाने लग गया। कुछ ही क्षण में दोनों कमला के घर पहुंच गए। अन्दर जाते हुए रमन बोला...यार तू बिलकुल शान्त रहना कुछ भी बोलने से पहले उनकी बाते सुन लेना।

रघु हां में सिर हिला दिया फिर दोनों अन्दर पहुंच गए। अन्दर का नज़ारा बदल चुका था। राजेंद्र और महेश हंसी ठिठौली कर रहें थे। सुरभि और कमला एक जगह बैठे बाते कर रहें थे। रघु की नज़र कमला पर पहले पडा कमला सुरभि के कहे किसी बात पर मुस्करा रहीं थीं। ये देख रघु भी मुस्कुरा दिया। रमन कमला को पहली बार देख रहा था इसलिए रघु को कोहनी मरकर धीरे से बोला…यार तूने जितना तारीफ किया था भाभी तो उसे भी ज्यादा खूबसूरत और हॉट है तू तो बडा किस्मत वाला निकला तेरे तो बारे नियारे हों गया।

रमन के बोलते ही रघु ने भी एक कोहनी मारा रघु की कोहनी थोड़ा तेज रमन को लगा। रमन ahaaa कितना तेज मरा इतना बोल पेट पकड़ कर झुक गया। रमन के बोलते ही सभी की नजर इन दोनों कि ओर गए। दोनों को दरवाज़े पर खडा देख सुरभि बोली...रघु तू कब आया और रमन तुझे किया हुआ। ऐसे पेट पकड़कर क्यों झुका हुआ हैं।

रमन सुरभि के पास गया फिर बोला...रानी मां आप'के सुपुत्र को मेरा भाभी का तारीफ करना अच्छा नहीं लगा इसलिए मुझे कोहनी मर दिया।

ये सुन सुरभि मुस्कुरा दिया और कमला के चेहरे पर भी खिली सी मुस्कान आ गई। कमला टूकर टूकर रघु को देखे जा रही थी और मुस्कुरा रही थीं। रघु और रमन को यह देख राजेंद्र बोला...तुम दोनों कब और किस काम से आए हों?

रघु…पापा मुझे पाता चला मेरा और कमला का रिश्ता टूट गया है। किसलिए टूटा ये जाने आया था। लेकिन यह आकर तो कुछ ओर ही देख रहा हूं।

राजेंद्र...वो एक गलतफैमी के करण हुआ था लेकिन अब सब ठीक हों गया हैं।

रघु…पापा मैं जन सकता हूं गलत फैमी क्या हैं?

राजेंद्र…तू जानकर किया करेगा तेरा जानना जरूरी नहीं हैं। जो हो गया सो हों गया अब गड़े मुर्दे उखड़कर कोई फायदा नहीं।

रघु... पापा आप कह रहे हों तो मैं कुछ नहीं पूछता लेकिन आज किसी की बात सुनकर रिश्ता तोड़ने की नौबत आ गई कल को कोई और कुछ बोलेगा तब क्या होगा?

महेश…रघु जी आप का कहना सही हैं आगे भी तो कोई ऐसा कर सकता हैं। मैं बताता हूं। क्यों मुझे रिश्ता तोड़ने की बात कहना पड़ा?

महेश सभी बाते बता दिया जिसे सुनकर रघु को फिर एक बार गुस्सा आ गया और भड़कते हुए बोला…किसकी इतनी मजाल जो मुझ पर लंछन लगाया। मैं उसे छोडूंगा नहीं मैं उसे ढूंढ कर जान से मार दुंगा।

रघु की बात सुनकर कर सुरभि रघु के पास आई फिर बोली...रघु बेटा शान्त हों जा ये बात आज से नही बहुत पहले से हो रहा हैं हम भी उसे ढूंढ रहे है जो ऐसे बहियाद हरकते कर रहा हैं।

रघु...कब से चल रहा हैं और कौन कर रहा हैं? मुझे अभी के अभी जानना हैं।

राजेंद्र...रघु चुप हों जा मैं उसे ढूंढ लूंगा एक बार तेरी शादी हों जाएं फिर उस सपोले को ढूंढ निकलूंगा।

रमन...किया हुआ और क्यों हुआ मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं। जरा मुझे एक एक बात खुल कर बताएंगे।

सुरभि...ये समय उन बातों को जानने का नहीं हैं। पहले रघु की शादी निपट जाए फिर तुझे जो जानना है जान लेना।

रमन...मुझे अभी के अभी जाना है। किसी ने मेरे यार पर कीचड़ उछाला और आप कह रहे हों मैं न जानू रानी मां आप को मेरी कसम आप मुझे बेटा मानती हों तो एक एक बात मुझे बताएंगे।

रमन की कसम देने पर सुरभि सभी बाते बता देती हैं। जिसे सुनकर रमन गुस्से में आग बबूला हों जाता हैं। गुस्सा तो रघु को भी आ रहा था। दोनों को गुस्से में देख सुरभि बोली...रमन रघु अपने गुस्से को शान्त करो और रमन एक बात कान खोल कर सुन ले आज तूने जो कहा आगे कभी भुलकर भी न कहना।

रमन...sorry रानी मां लेकिन मैं किया करू इतना कुछ हों रहा था और आप मुझे कुछ भी नहीं बताया। एक बार मुझे तो बता देते।

सुरभि दोनों को शान्त करते हैं। मनोरमा और महेश रघु और रमन की दोस्ती देख मन ही मन कहता है क्या दोस्ती हैं दोनों के बीच एक पर लांछन लगा तो दूसरा तिलमिला उठा और ऐसे लडके के बारे में लोग गलत सलात बोल रहे थे। उनके बातों में आकर मैं अनर्थ करने चला था।

रघु रमन को शान्त करने के बाद कुछ क्षण और बात करते हैं। मौका देख रघु कमला को इशारे से बात करने को बुलाता हैं। तो कमला पहले तो मना कर देती हैं लेकिन बार बार इशारे करने पर मान जाती हैं। तब दोनों बात करने छत पर चलें गए। दोनों के साथ साथ रमन भी चल दिया। छत पर तीनों कुछ क्षण तक हसी ठिठौली करते हैं। फिर निचे आकर सभी के साथ घर को चल देते है। एक बार फिर महेश बेटी की शादी की तैयारी करने में लग गए। ऐसे ही पल गिनते गिनते आज का दिन बीत गया।


आज के लिए इतना ही आगे की कहानी अगले अपडेट से जानेंगे यह तक साथ बने रहने के लिए सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद ।

🙏🙏🙏🙏
Badhiya update ab dil ko sukun mil gawa meko laga raghu kuanra na mar Jaye is ravan ke chakkar me
 
A

Avni

Mahes ko ab ehasas ho raha hai jo Manorama aur kamla ne waqt rehte use samjhaya aur baat sambhal li. nhi to kyaa anarth ho jata. mahesh ne apni galti maan ke rajendra aur subhi se maafi maang li rajendr aur surbhi ne maaf kar diya, lekin asal baat ye hai k dono mahes ko samjhane aaye the. rajendr aur surbhi is masle me shant hoke nirnay liya hai warna ye rista tutna tay tha. raghu bhi gussa mein ramesh se milne us'se sawal jawab karne aaya tha lekin waha pe rajendr aur surbhi ne baat ko sambhal liya. lekin dar ki baat ye hai, jab ye khabar ravan ke kaano tak pahuchigi to wo jarur agbabula ho jayega aur jarur koi galat hathkande ajmane ki koshis karega.. bahut hi acha update tha. ab raghu aur kamla alag nahi honge..
 
Eaten Alive
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Ye mahesh kitna bada chutiya hai..itni si baat sakh aayi ushe.. chalo koi na ...ab mahesh akal ghas khake laut aaya hai kamla aur manorama ki meharbaani se :roflol:
ye kya koi ladayi jhagda nahi hua :bat: bad bhery bhery bad :bat:
Are kam se kam raghu to jhagda kar leta.. ek do baar haath bhi utha leta... are baat jab baap pe aati hai to maar kaat tak ho jaata hai, yaha to mahesh ne Sare aam beijjati ki uske baap ki.. aur raghu hai ki kamla ko dekhke sab kuch bhool gaya :roflol: kam se kam ek thappad hi laga dete rameshwa ko :D are kab khaulega iska khoon.... lagta hai bas naam ka hihi raja ka beta hai.. baaki khoon to gidar ka hai.. Kayar kahi ka...
sara mood kharab kar diya thulle ne :yuck:
main kya soch ke aayi thi ki do teen lashe to gir jaane hai is update mein to lekin yaha to scene hi badal gaya... :sigh:
Btw raghu ko ab jaake pata chala ki uski jawani ke josh ko thanda karne liye uske ma baap uski shaadi ke liye ladkiya dekhti aa rahi hai bahot dino se lekin har baar mamla chaupat ho jata hai kisi dushman ki chugali ki wajah se...
well to matlab ab kamla aur raghu ki shaadi hoke hi rahegi... matlab is baat lock kiya jaye..

shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi... Khas Kar kamla..
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 
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Mahes ko ab ehasas ho raha hai jo Manorama aur kamla ne waqt rehte use samjhaya aur baat sambhal li. nhi to kyaa anarth ho jata. mahesh ne apni galti maan ke rajendra aur subhi se maafi maang li rajendr aur surbhi ne maaf kar diya, lekin asal baat ye hai k dono mahes ko samjhane aaye the. rajendr aur surbhi is masle me shant hoke nirnay liya hai warna ye rista tutna tay tha. raghu bhi gussa mein ramesh se milne us'se sawal jawab karne aaya tha lekin waha pe rajendr aur surbhi ne baat ko sambhal liya. lekin dar ki baat ye hai, jab ye khabar ravan ke kaano tak pahuchigi to wo jarur agbabula ho jayega aur jarur koi galat hathkande ajmane ki koshis karega.. bahut hi acha update tha. ab raghu aur kamla alag nahi honge..
Bahut bahut kuch shukriya ji

Rawan ko jab pata chalega tab kiya hoga:think2::hmm: ye to maine socha hi nehi jab aisaa pucha jayega tab kiya jawav dunga khair jo bhi hoga next update me pata chal jayega.
 
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Ye mahesh kitna bada chutiya hai..itni si baat sakh aayi ushe.. chalo koi na ...ab mahesh akal ghas khake laut aaya hai kamla aur manorama ki meharbaani se :roflol:
ye kya koi ladayi jhagda nahi hua :bat: bad bhery bhery bad :bat:
Are kam se kam raghu to jhagda kar leta.. ek do baar haath bhi utha leta... are baat jab baap pe aati hai to maar kaat tak ho jaata hai, yaha to mahesh ne Sare aam beijjati ki uske baap ki.. aur raghu hai ki kamla ko dekhke sab kuch bhool gaya :roflol: kam se kam ek thappad hi laga dete rameshwa ko :D are kab khaulega iska khoon.... lagta hai bas naam ka hihi raja ka beta hai.. baaki khoon to gidar ka hai.. Kayar kahi ka...
sara mood kharab kar diya thulle ne :yuck:
main kya soch ke aayi thi ki do teen lashe to gir jaane hai is update mein to lekin yaha to scene hi badal gaya... :sigh:
Btw raghu ko ab jaake pata chala ki uski jawani ke josh ko thanda karne liye uske ma baap uski shaadi ke liye ladkiya dekhti aa rahi hai bahot dino se lekin har baar mamla chaupat ho jata hai kisi dushman ki chugali ki wajah se...
well to matlab ab kamla aur raghu ki shaadi hoke hi rahegi... matlab is baat lock kiya jaye..

shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi... Khas Kar kamla..
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:

Itni khubsurat aur shandar raghu aur mahesh ko ade hatho lene wala revo dene ke liye bahut bahut shukriya.

Raghu kahe marpit karta. Jab bapu aur maa khud hi has has ke bat kar rahe hai to raghu kahe apna rajshahi akad kahe dikhata.

Kiya kare vichra ek to kuwara upar se kamla parm sundari to dekhte hi raghu ka josh thanda pad gaya. Sirf itna hi nehi maa ko haans haans se hone wali bahu se bat karte dekh raghu ka gussa kafur ho gaya.

Ha ye baat computer ji se lock🔐 karwa diya gaya hai ki raghu aur kamla ka gathbandhan hokar rahega par usse pahle kuch aur hone wala hai jiska pata next update me chal jayega.
 
Will Change With Time
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Sukanya is update mein gayab rahi.. Bichari kab se udhar haweli mein intezaar kar rahi hai ki kab surbhi laut aaye :D
Abhi sukanya ka intejaar karna hi theek hai. Suruwati pyaar hai jaydaa mel jol karne so nazaar pad jayega. :sad-smiley-067:
 

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