Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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Ju bhi to cnp kar rahe hai :laugh1:
हा लेकिन एक तय समय तक क्योकि वहा ये कहानी होल्ड पर है ,,जबतक यहा अपडेट ना देदू पुरे ।
 
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समझे क्या हो नादनो, रागिनी कोई भोली नहीं इतना जानो
वो है साँपो की रानी ,कांटा मांगे ना पानी
सागर से मोती छिन ले, दीपक से ज्योति छिन ले
पत्थर से आग लगा दे, साये से रात चुरा ले
दिल में हलचल कर दे, किसको को भी पागल बन दे
उसकी आँखों में जादू , उसकी साँसों में खुश्बू
जब उसका तन लचके , जाये ना कोई बचके
कोई बचके , हाँ हाँ जी बचके
सूरत ही रागिनी ने ऐसी पायी , की करते हैं सभी रागिनी की वाह वाही ... 🤭 ( बूढ़ी घोड़ी लाल लागाम 🤭 )
:hugme: morning wala hug
 
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Update 24

अब तक

मै - तो अन्दर चलो ना मा मुझे भी करने का मन है आपके साथ
मा - धत्त पागल,,तेरी बुआ कभी भी आ सकती है
मै मन मार कर रह गया
मा मुझे ऐसे देख कर बोली - चिन्ता ना कर रात मे अगर हुआ तो तुझे भी मौका दूँगी ,,,अब खुश
मै - हा खुश और फिर से मा को किस्स दिया और काम करने मे लग गया

अब आगे :

फिर करीब 2 बजे तक बुआ वापस आई फिर हम लोग बात किये हाल चाल हुआ
मा - चलिये दीदी अन्दर कमरे मे चलते है वही बात करनेगे,, यहा गरमी ज्यादा है
बुआ - चलो ठीक है भाभी
फिर वो दोनो पीछे पापा के कमरे मे चले गये
मै भी अपना चेयर कमरे से थोड़ा करीब ले जाकर बैठ गया

अन्दर कमरे मे
बुआ - अरे वाह यहाँ तो कुलर भी लगा है
मा - जी दीदी ,, आईये बैठीये ना
बुआ - अच्छा यही वो बिस्तर जहा रोज रात मे मेरे भैया आपकी जम कर लेते है ,,,,हिहिहिही
मा - हा क्यो नही ,,,, आप भी आजाओ आज रात मे दीदी आपके भईया आपकी भी ले लेंगे। ,,, ह्हिहिही
दीदी - क्या भाभी आप भी भईया है वो मेरे कुछ तो लिहाज करो
मा - शिला बानो जितनी मोटी तुम्हारी चुतड है ना इससे तुम्हारे बाप का भी लण्ड खड़ा हो जाये वो तो भईया है । हहहहह
बुआ - क्या भाभी आपसे तो मजाक करना अपना घाटा करना है,,,,हीहीहि
मा - वो सब छोडो ये बताओ नंदोई जी लगता है बहुत मेहनत करते है आपके पिछवाडे पे,,,तभी ये हाथी जैसा निकल गया है
बुआ - क्यू आपको भी करवाना है क्या ,,,तो चलियेगा मेरे साथ आपके नंदोई जी आपका भी मेरे जैसा कर देंगे ,,,,, हिहिहिहिज
मा - ना बाबा ना मुझे नही करवाना ,,हीहीहि
मा - हा आपको यहा हफ्ता दस दिन रहना है तो कहो मै आपके किये आपके भैया से बात करु ,,,, वैसे भी बड़ी गांड के दीवाने है ही वो ,,,हहह्हह्जा
बुआ - क्या भाभी आप भी न हिहिहिजी
मा - वैसे मै 2 दिन के लिए मायके जाऊंगी मन करे तो आजाना निचे ,,,राज के पापा अकेले सोये रहेंगे
बुआ थोडी देर चुप रही
मा - क्या हुआ जीजी कही सोचने तो नही न लगी कि कैसे कैसे आपके भैया आपको भोगने वाले है ,,,, हिहिहिही
बुआ - हिहिहिह भक्क भाभी ,,,आप भी
मा - ओहो भईया को सईया बनाने का सोच कर कैसे मुस्कुरा रही है हम्म्म्म्म्ं,,,, और ये दूध भी कड़े हो रहे है । क्या बात है जीजी
बुआ - छिईईई ,,,ऐसा कुछ नही है भाभी ,,, वो तो आप कबसे सेक्स को लेकर बाते किये जा रही है इसिलिए ऐसा हो हुआ है
मा - अच्छा कही भईया के नाम से आपकी मुनिया भी नही न बहने लगी
बुआ - अह्ह्ह्ह्ह भाभी इस्स्स्स उम्म्ंम हाथ हटाओ भाभी क्या कर रही है ।
मै चेयर पर बैठे हुए लण्ड को हल्का सहलाते हुए सोचने लगा - अचानक से ये बाते सिस्कियो मे कैसे बदल गयी और ये देखने के लिए मै खिडकी के पास गया तो देखा

बुआ की आंखे बंद है और उनका एक हाथ बेडशिट को अपनी मुथ्थी मे भरने की कोसिस कर रहा और दुसरा हाथ मा के हाथ को पकडे हुए है
और मा का हाथ बुआ के कुर्ती के अंदर लेगी के ऊपर से उनकी फुली हुई चूत पर रेग रहा है ।
इधर मा एक कातिल मुस्कान से बुआ के चेहरे को देख रही थी जो उनकी चुत पर मा के उंगलियो के स्पर्श के साथ अपने भाव कामुक सिसिकियो के साथ बदल रहा था ।

अब बुआ ने अपनी जान्घे थोडी खोल दी और मा ने मुस्कुराते हुए अच्छे से हाथों मे उनकी चुत को भरते हुए मसलना सुरु कर दिया

बुआ - अह्ह्ह्ह उम्म्ंं भाभी क्या कर रही हो ,,,, मुझसे रहा नही जायेगा
मा - तो चली जाना ना अपने भईया के पास ,, कुटवा लेना अपना ये भोस्डा,,,, और फिर वापस बुआ की चुत को रगड़ने लगी ।

बुआ - भाभी अब मुझसे नही रहा जा है कुछ करो आह्हह उम्म्ंं उफ्फ्फ्फ
और मा के हाथ को पकड कर अपनी चुत पर दबाते हुए कमर पटकने लगी और लपक कर मा के होटो को अपने मोटे-मोटे होटों मे दबोच कर चूसने लगी ,,,, पहले तो मा चौकी फिर वो भी आंखे बंद करते हुए बुआ के होटों को चुस्ते हुए उनकी चुत सहलाने लगी ,,,,

फिर बुआ ने अपनी कुर्ती ऊपर की और मा का हाथ अपनी लेगी मे डाल कर पैंटी के अंदर से नंगी नरम पाव जैसी फुली चुत पर रगड़ने लगी
बुआ के लेगी मे मा के हाथो की हरकत दिख रही थी ,,,फिर मा अपनी उंगली बुआ की चुत मे डाल दी

बुआ - अह्ह्ह्ह भाभी उम्म्ंम चोद दो मुझे अम्म्म्ंं उफ्फ्फ
मा तेज़ी से बुआ की चुत मे उंगली से पेलने लगी और बुआ भी अपनी गांड उठा कर उनका साथ देने लगी

मा - क्यो दीदी अब भी नही लोगी अपने भैया का लण्ड
बुआ - आह्हह भाभी अभी किसी का भी लण्ड मिल जाये तो मै ले लुंगी ,,,,,आआआ उम्म्ंम्मम्म्ं उफ्फ़फ्फ रुकना मत भाभी निकाल दो मेरा आह्हह उम्म्ंम
फिर बुआ तेजी से आहे भरते हुए अपने चुतडो को पटक कर झडने लगी ,,, फिर मा ने उनकी चुत से उंगली बाहर निकाली और अपना साडी ऊपर कर पेतिकोट मे हाथ पोछा ,,,उधर बुआ थक कर लेट गयी

फिर मै भी लण्ड को ठीक किया और दुकान मे आ कर बैठ गया
फिर 10 मिंट बाद मा और बुआ बाहर आई फिर ऊपर चली गयी

मै मन मे खुश होने लगा क्या मस्त चुद्क्क्ड परिवार है मेरा और सारी औरते कितनी भुखी है लण्ड के लिए यहा

शाम को कोचिंग का समय हुआ तो मै कोचिंग पहुचा तो मेरी दीदी , पहले से ही पहुची थी ।
मैने एक नजर उसको देखा ,,, वो मुझे देखते ही मुह घुमा ली क्योकि वो अभी भी कल की बात को लेके गुस्सा थी ।

मेरी फटी पडी थी क्योकि 2 दिन बाद रक्षाबंधन था ,,, मै कितना भी भाग लेता लेकिन उस दिन तो उसका सामना करना ही था ,,,,
फिर मुझे दिदी की बात याद आई की उनको एक मोबाईल चाहिये था ,,,, मैने सोचा कि क्यों मोबाईल के साथ और भी एक गिफ्ट लेलू ,,,लेकिन उससे पहले दीदी से बात करना जरुरी है। मगर कैसे करू ये तो मुझे देखते ही भडक जा रही है ।
चलो ठीक है घर जाते समय बात कर लूंगा रास्ते में,, हा यही सही रहेगा और रास्ते मे चिल्ला कर या गुस्से मे बात नहीं करेगी हहहहाहाहा

फिर मै पढाई मे लग गया लेकिन बार बार मेरा मन दीदी मे लगा ,,, सब कुछ सोचने के बाद भी बात कहा से सुरु करूगा इसी मे सोचने लगा और खुद ही बड़बड़ाते हुए कोचिंग मे बैठा रहा

मै वैसे ज्यादतर दीदी या और किसी लडकी की क्लास मे नही देखता था लेकिन आज बार बार दीदी पर नजर जा रही थी
इसी बिच मेने नोटिस किया कि दीदी ने कई बार स्माइल किया लेकिन क्यू
फिर मैने क्लास मे नजर दौडाई की किसकी निगाहे मेरी दीदी की तरफ है

35 लडके और 15 लड़कियो के बैच मे करीब 7 8 लड़को की नजर मेरे दीदी पर थी ,,कुछ तो आपस मे उसको लेकर बात भी कर रहे थे ।
फिर मुझे लगा ऐसे नही पता चलेगा ,,, तो मैने लगातार 10 मिंट तक दीदी को घूरा और जब दीदी ने अपना राइट साइड के बालो का लट अपने कान मे खोस्ते हुए उनकी दाई तरफ आगे की सीट पर बैठे अमन को देखते हुए स्माइल की ,,,,

मै मन मे - अबे साला ये अमन ,,, मादरर्चोद मेरी बहन के पीछे पडा है साले की हड्डी ना तोडी तो मेरा नाम भी राज नही

मेरा सारा मूड खराब हो गया था एक पल मे ,,, अचानक से मेरे अंदर मेरी बड़ी बहन को लेके एक अलग ही भावना आ गई,,,, जिस बहन को मै कुछ दिनो से खुद हवस की नजर से देख रहा था आज उसके लिए एक भाई का बहन के प्रति फिक्र उमड कर आ गया ।

मैने सोचा कि अब इस अमन से बात करनी और इसे समझाना पडेगा ।

नया परिचय
अमन - चमनपुरा मे मेरे मुहल्ले के बगल वाले मुहल्ले में रहता है जो मेन मार्केट के पास है । ये अपने मा बाप का एकलौता बेटा है लेकिन बहुत ही सीधा और सरल स्वभाव है और पढाई मे अव्वल दर्जे में है,,,मेरे साथ बचपन से ही पढा है और हमेशा मेरी पढाई मे मदद की है

सेठ मुरारीलाल - अमन के पिता जी , क्षेत्र के नामी गिरामी सेठ है और पैसो की कोई कमी नहीं है ।
ममता देवी - अमन की मा ,, बहुत ही अच्छी और सुशील महिला है ,,, थोड़े भारी जिस्म की है ,,कद काठी भी चौडी है एकदम पंजाबन जैसी ,,, इसी वजह से इनका साइज़ भी 42 38 46 का है और भारी जिस्म की वजह से ये सूट सलवार ही पहनती है और और एक बड़ी साल से हमेशा खुद को ढक कर रखती है ।
मदनलाल - अमन के चाचा ,,,ये आर्मी से रिटायर है और इन्होने शादी नही की इसका एक मात्र कारण उनका पेशा ,,,क्योकि तब के समय मे आर्मी की नौकरी वालो से कोई भी अपनी बेटी नही व्याहता था । समय के साथ उसके जीवन मे नवजात भतीजे अमन ने प्रवेश कर लिया क्योकि वो उनको जान से भी प्यारा था और उसके लिए प्यार कम न हो इसिलिए मदनलाल ने फिर कभी शादी की फिक्र नही की और इसी वजह से मुरारिलाल ने दुसरा बच्चा नही किया ।

खैर ये सुनी सुनाई बात है असल सच्चाई वो लोग ही जानते है ।

वापस कहानी पर
मै इसी उधेड़बुन मे लगा था की क्या बात करना है तभी क्लास खतम हो गया ,,, मेरा आज का पुरा क्लास क्या था मुझे पता नही चला मै बाहर दीदी का वेट करने लगा ,,, वो अपने फ्रेंड्स से मिल कर 5 मिनट बाद बाहर आई और गेट पर मुझे खड़ा देखा तो इग्नोर करते हुए सीधि निकल गयी मै भी उसके पीछे पीछे चल दिया,,,अक्सर हम साथ ही आया करते थे घर

जब हम कोचिंग से थोडी दूर आ गये तो मै उसके पास गया और बोला - दीदी अभी भी नाराज हो ,,,, सॉरी
वो सीधे चल रही थी बिना कुछ बोले
मै फिर बोला - दी.....
दीदी थोड़ा गुससे मे जवाब दी हुए - अब क्या यहा भी कोई तमाशा करना है तुमको राज

मै थोड़ा सहम गया क्योकि मै भी बिच सड़क पर कोई बवाल नही चाहता था
तो --- सॉरी न दीदी प्लीज
दीदी - जो बात करनी है घर पे करना,,, इतने मे अमन अपनी बाइक से हम दोनो को क्रास करते हूए आगे निकला और बाइक धीमा कर सीसा ठीक करते हूए निकल गया , जिस वक़्त वह अपनी बाइक का सीसा ठीक कर रहा था उस समय उसका चेहरा दिख रहा था मतलब उसको सीसे मे हम दोनो दिख रहे होगे तब ,,, जिसको देख दीदी ने दुसरी तरफ मुह करके हल्की स्माइल दी ।

मेरी जल कर रह गयी ,, मेरा मूड खराब होने लगा एक बार फिर ,,,,
फिर दीदी ने मुझे देखा तो मै सीधे चल रहा था और मेरे चेहरे पर गुस्से का भाव था

दीदी - मै बोली न घर बात करेंगे
मै उनको देखा - हा ठीक है
फिर घर पहुचे हम लोग तो दुकान मे बुआ और मा बैठे थे , वो दोनो हस रहे थे बात करते हुए

बुआ मुझे देखते ही- अरे भाभी सोनल ही क्यू अब तो राज भी सादी के लायक हो गया है
मा - अरे नही दीदी राज अभी बच्चा है ,,, आप बस मेरी सोनल के लिए उस रानीपुर वाले रिस्ते के लिए कुछ बात आगे बढ़ाईये ,,,, तो राज के पापा भी जाकर देख लेंगे

ये बात सुन के मै शौक मे आ गया अरे दीदी की शादी अब ये बात बिच मे कहा से आई ,,, ये साले रिस्तेदार मिल जाये तो इनको सिर्फ शादी की बाते करनी होती है ,,,
इधर मै ये सब सोच रहा था कि इतने दीदी तेज़ी से छत पर भाग गयी
बुआ हस्ते हुए - देखा भाभी सोनल कैसे शादी के नाम पर शर्मा कर भाग गयी ऊपर हहहहहह्हाहह
मुझे बहुत अजीब लगा की दीदी के लिए तो मै भी ऊपर जाने ल्गा जैसे ही मै 4 सीढ़ी ऊपर गया कि मा की आवाज आई

मा - हा जीजी ,,नही तो आजकल की लडकिया तो खुद ही देख सुन ले रही है अपनी पसन्द से
बुआ - अरे भाभी इन लोगो का बहुत अच्छा है की शादी से पहले जांच परख लेती है कि हथियार ठीक है या नही कितना समय तक रुकेगा ,,,,, और हमारे समय मे जिसके गले बाँध दो वही मिलता है

मा - हिहिहि क्या दीदी आप भी ,,,,छीईईई कैसी बात कर रही हो आप मेरी बेटी है वो

बुआ - अरे भाभी जब 2 बार अन्दर हथियार लेगी ना ,,,, फिर वो भी आगे जाकर अपनी भाभी या नंद से ऐसे ही बात करके मज़े लेगी ,,, हहहह्ह्हाहहा

मा - धत्त,, आप तो ऐसे कह रही है जैसे बाऊजी ( मेरे दादाजी ) ने आपके लिए हल्का हथियार खोजा हो

बुआ - अरे भाभी हतियार तो जबर है ही और लम्बी रेस का घोड़ा भी है

मा - तो मै भी मेरी बेटी के लिए ऐसा ही खोजूंगी
बुआ - उसके लिए खुद ट्राई करना पडेगा ना चुद कर ,,,, और कितने लण्ड पर झुलोगी रानी इस उम्र मे हहहह्हहाह्हा

मा - अच्छा आपकी भी तो बेटिया है आपको तो मेरे से ज्यादा झूलना पडेगा

बुआ - नही मै तो मेरे बेटियो की पसनद से शादी करवाऊंगी जहा वो चाहे ,,,,,

ऐसे ही इनदोनो की गर्मा गर्म बाते चलती रही फिर मुझे दीदी का ख्याल आया तो मै कमरे मे गया जहा दीदी चादर ओढ़े सोयी थी ।
ऐसा दीदी कभी नही करती थी की क्लास से आई और सो जाये
मै धीरे धीरे उनके पास गया तो मुझे रोने की सिसकी सुनाई दी
तो मैने तुरंत चाद्दर खीच ली देखा

दीदी फफ्क फ्फ्क कर रोए जा रही है
मै दीदी के बगल मे बैठ गया और उनके कन्धे पर सर रखा - दीदी क्या हुआ आप रो क्यू रही हो ।
वो मुझे झटकते हुए उठ गयी और गुस्से मे बोली - तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझे छुने की चला जा राज यहा से मेरा मूड बहुत खराब है और फिर उठ कर बाथरूम मे चली गई

मै कुछ देर औचक बिस्तर पर बैठे नजरे झुका कर फर्श को देखता रहा और मेरी आंखे एक टक फर्श को देखने से भर आई थी ,,,, मै एक गहरी सोच मे डूब गया कि आखिर क्या हो गया है दीदी को तो ऐसा रिएक्ट नही करती कभी ,,, कही शादी की बात से तो ,,, कही वो भी अमन को पसंद तो नही ,,,, मेरे मन में कई सवाल आ रहे थे

लेकिन मै वही जैसे का जैसे बैठा फर्श को निहारता रहा
फिर दीदी आई और मुझे देखा तो गुस्से मे मेरा कन्धा पकड के खीचते हुए - मैने तुझे बो.....
और मेरा चेहरा देखते ही रुक गई क्योकि मेरी आंखे भरी हुई थी जैसे ही उनहोंने मुझे खीचा वो बहने लगी
दीदी को लगा मै रो रहा हू
दीदी - अरे भाई तू ... फिर वो भी मेरे बगल मे बैठ गई और अपने नखुनो को आपस मे तोडते हुए बोली - सॉरी भाई मै तुझे खामखा डाट दी ,,,, लेकिन मै क्या करू निचे मा और बुआ अभी से मेरी शादी करवाने के लिए बात करने लगी है तो उनका गुस्सा भी तेरे पर आ गया । माफ कर दे भाई

मै शौक था कि दीदी को अचानक से क्या हुआ जो ये बदल गई,,,, सोचा छोडो यार मान गई बला गई,,,,

मै थोड़ा मासूमियत से - तो आप पापा से बोल दो की अभी आपको शादी नही करनी है,,,
दीदी - लेकिन कैसे
मै - आप कहो तो मै बात करु
दीदी - तु ..... और पापा से,,, सच कह रहा न
मै - पापा क्या कहो तो मा से कह कर अभी रुकवा दु, हिहिहिहिह
दीदी - पक्का न
मै - हा दीदी ,,,पक्का
दीदी ने मुझे हग किया और बोली - थैंक्स भाई

लेकिन मै कोई खास रेपोन्स नही देते हुए अलग हो गया और बिना कोई शो ऑफ़ के निचे चला गया ।
क्योकि कब उसका मूड घूम जाता पता नही ।

अब देखते हैं दोस्तो आगे क्या होता है
आने वाले दिन मे राज को कई सारे सेक्सुअल अनुभव और कहानी को नयी दिशा मिलने वाली है ,,,
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
mast garma garam fadu update tha bhai.
ye bilkul sahi kaha , sale ristedar mil jate hai to sirf shadi biyah ki bate karne lag jate . ragini ungli se bua ki bur sant kar rahi thi usko loda kab milega :angsad:
 
R

Riya

Ye apki soch aur najar par nibhar karta hai ke ap duniya ko aur apne parivar ke liye kya soch rakhte hai, kis nazar dekhte hai. yahi theme hai is mul kahani ka.
 

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