Romance मै सिर्फ तुम्हारा हूँ

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अस्वीकरण
इस कहानी के सभी पात्र , घटनाए , स्थान सब कुछ लेखक के दिमाग की बिना परिवार नियोजन वाली प्रजनन प्रक्रिया का नतिजा है ।
इसे अन्यथा ना ले क्योकि लेखक बहुत ही ढीठ और बेशरम है , टिप्पणिओं मे ही आपकी ले लेगा और आप किंकर्तव्यविमूढ़ होकर रह जायेंगे ।
धन्यवाद
 
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R

Riya

UPDATE 005


अब तक आप सभी ने पढा कि पुरे शुक्ला भवन के स्टाफ मेम्बर से चोरी चोरी चुपके चुपके मीरा ने चारु को अपनी देवरानी बनाने की फुल प्लानिंग कर ली और पहला मोहरा ने खुद चारु को बनाया उसका ब्रेन वाश किया और उसे सपनो का आशियां दिखा दिया । इधर हमारे नायक साहब को भनक तक नही कि उनके लिये क्या कयामत आने वाली है । वो तो अपने मन मौजी दोस्त 3D के साथ घूमने निकले हुए हैं । और 3D उसे एक सिनेमा हाल की ओर ले जा रहा है । तो देखते है आज कौन फ़िल्म चलने वाली है इस कहनी मे
अब आगे



प्यार का पंचनामा
3D आयुष को लेकर एक सिनेमा हाल के पास आता है और गाड़ी पार्क करता है ।

आयुष - अबे कल रात की नौटंकी उतरी नही जो फिर से पिच्चर दिखाये लेके आ गये

3D आयुष को चिल्ल कराता हुआ - अबे शुक्ला तुम भाउक बहूते जल्दी हो जाते हो यार ।

3D एक फालुदा स्टाल के ओर इशारा करके - उधर देखो क्या है
आयुष की नजर फालुदा स्टाल पर जाते ही चेहरे पर मुस्कान आजाती है - अबे इ तो वही अपने कालेज के बाहर वाला फालुदा स्टाल है बे

3D थोडा अपने अंदाज मे - हा तो ,
आयुष - लेकिन ये तो बंद हो गया था ना
3D- अबे तुम्हाये लिये हम फायनैन्स कराये इसको बे
आयुष चौक कर - सच मे
3D हस्ते हुए - गुरू तुम फिर भाऊक हो गये ,,, वो बाऊजी से सूद का पैसा लेके खोला है शानू ने

आयुष उसका मजाक समझ कर अपना माथा पीट लेटा है ।

फिर दोनो स्टाल पर जाते है
3D - अरे शानू ,, दो फालुदा कुल्फ़ी लगाओ विथ एक्स्ट्रा कोल्ड ,,,, इतना समझ लो कि आज इ फलुदा की सीलन हमाये इन्जीनियर साब के नीव तक जाये के चाही

आयुष 3D के नानवेज जोक पर हस्ते हुए उसकी गर्दन पीछे से दबोच कर कुछ बर्फ के टुकड़े उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डालकर उसकी बनियान मे गिरा देता है।

अब 3D को ठण्ड भरी गुदगुदी होने लगी और बर्फ निकालते निकालते उसका डीप बेली एरिया भीग गया ।

आयुष हस कर 3D को उसका भीग हुआ हिस्सा दिखाते हुए - हा अब पहुची है नीव मे सीलन हाहाहाहा

3D झल्ला कर - क्या यार शुक्ला , तुम सारा गिला गिला कर दिये बे

आयुष हस कर - अबे थोडा सा ही तो है , निमोनिया नही हो जायेगा तुमको उससे

3D रौंदू सा मुह बना कर- अरे यार स्वीटी आ रही होगी मिलने हमसे ,,, का सोचेगी ऊ

आयुष और तेज हसने लगा
और 3D भैया की बुरी किसमत तो देखो , स्वीटी ठीक उनके सामने ही आ गयी ।
और उसको देखते ही 3D घूम जाता है

स्वीटी सामने से एक साइड बैग लिये आयुष से मुखातिब होते हुए - अरे आयुष जी ,, का हो गया इनको ,

स्वीटी 3D से - काहे मुह छिपा रहे है दुबे जी

तो कहानी मे एक और नये किरदार की एन्ट्री हो गयी है
नाम - स्वीटी
20211118-185859
उम्र कद अता पता ठिकाना ये सब तो बाद मे भी जान लेंगे लेकिन फिलहाल इतना जान लिजीये , ये हमारे 3D की प्रेमिका है और स्वभाव से थोडी कम अकल और बक्लोल टाइप की लगती तो है मगर स्ट्रेट फोर्वोर्ड मिन्ड सेट ,,, किसी के झांसे मे नही आती है ।


3D रौंदू सी शकल के साथ स्वीटी की ओर पीठ किये - काहे की हम मुह दिखाये लायक नही रहे स्वीटी,,,

स्वीटी चौक के - का !!!!
स्वीटी तेजी से रोते हुए - कौन मुइ आपके साथ मुह काला कर गयी ,हाय राम !!!!

3D पलट कर स्वीटी के कन्धे को पकड कर - अरे नही नही यार हम अभी भी स्टील भरजिन है ,,, यार बताओ ना शुक्ला

स्वीटी सुबकते हुए - पक्का ना ,किसी और से वो सब
3D स्वीटी को विश्वास दिलाते हुए - तुम्हाई कसम स्वीटी ,,,

आयुष उन दोनो की बाते सुन कर हस रहा होता है ।

तभी स्वीटी की नजर 3D के भिगे पजामे पर गयी और 3D से दुर होते हुए अपनी नाक पर हाथ रख कर बोली - आप दारु पिए हो का ,,,जे पैंट मे ही सब लभेड़ लिये हो

3D परेशान होकर - अरे नाही हमार अम्मा ,, इ शुक्ला ,

3D आयुष को दिखा कर - इ शुक्ला ने बर्फ डाल थी हमाये कपड़ो म तो गलत जगह से बही रहो है

आयुष उन दो प्यार के कबूतरों के चोच लड़ाई से काफी ज्यादा हस हस कर पागल हुआ जा रहा था ।
तब तक शानू ने फालूदा तैयार किया और फिर तीनो ने खाया और थोडा गप्प हाके और फिर 3D ने एक इ-रिक्शा रुक्वाया

3D- यार काहे इतना चिकचिक की हो ,, चलो ना हम छोड दे रहे है घर
स्वीटी इतरा के रिक्से मे बैठते हुए - हम कह दिये ना ,, अब आप अम्मा बाऊजी को लेके ही आईयेगा घर ,तब ही आपके साथ घूमेंगे

स्वीटी - चलो भैया , वर्मा कालोनी लेलो

फिर इ-रिक्शा वाला स्वीटी को लेके निकल जाता है ।

3D पिछे से आवाज देता है - स्वीटी सुनो तो ,
मगर वो आगे जा चुकी थी ।

आयुष 3D को उदास देख कर - अबे इतना प्यार करते हो तो शादी कर काहे नही लेते बे

3D उखड़ कर - यार हम तो तैयार है , लेकिन बाऊजी तो रट लगाये है ना कि लड़के वाले है हम नाही जायेंगे बात करने ,,,

3D झल्ला कर - जे कोनो बात होता है का शुक्ला ,,, यार बडी मुस्किल से उसका तीन रिस्ता तुड़वाये है ,,, 23 की हो गयी है तो बाप को बोझ लग रही है


आयुष 3D की भड़ास पर चुपचाप मुस्कुराता रहा
क्योकि वो जानता था अगर वो थोडा भी रियक्ट करेगा तो फिर से 3D अपना वही पुराना रोना गाना लेके बैठ जायेगा ।


मेरा पिया घर आयो

इधर हमारे नायक साहब मौज मस्ती मे थे वही ,, शुक्ला भवन की इंचार्ज ने आज अपने पति को लपेटने की तैयारी मे थी ।
तो शाम से किचन मे लगी पड़ी है और नये नये अशीष के मनपसंद पकवानो की तैयारी मे लगी है ।

वही निचे के कमरे मे टीवी के आगे बैठे हुए मुन्शी जी की मैनेजर श्री मती शान्ति शुक्ला जी भन्नाय जा रही है

शान्ति - जे सूंघ रहे हो अशीष के बाऊजी ,, जे सब ऊ चौबेपुर वाली मोटासी के खाये के लिए बन रहो है

मनोहर अपनी पत्नी की बातो से मुस्कुरा कर वापस टीवी मे ध्यान लगा देते है

तभी उनको एक बढिया म्साले के भूनने की महक आती है

शान्ति अपना माथा पिटते हुए - हय भोलेनाथ!!! देखो देखो ,,अशीष के बाऊजी ,, आपन बड़के जो महगा वाला मसालो ला के दियो रहो ,,जे भी डाल रही है दुल्हीन


मनोहर शान्ति को समझाते हुए - अरे तुम का फाल्तू की बात लेके बैठ गयी हो आशिष की अम्मा ,,, मेहमान है , खायेंगे ही ना
इधर किचन मे छौका तडका जोरो पर था और मीरा के दिमाग मे आगे की प्लानिंग भी ।

शाम ढली और आशिष जी घर आये और फिर थोड़ी ही देर मे आयुष बाबू भी ।

हाल मे घुसते ही आयुष की नजर अशीष पर गयी ।
आयुष किचन से आते खाने की खुस्बु लेते हुए - आह्ह भैया का पक्वा रहे हो आज भऊजी से

आशीष किचन मे आवाज देके - का बना रही हो मीरा ,, बड़ी जोरदार महक है

मीरा हाथ धुल कर बाहर आई- अरे आ गये का आप ,, रुकिये पानी लाई रहे है

मीरा कीचन से पानी लेके वापस आई तो आयुष ने पुछा- का बनाई हो भऊजी ,, गजब की खुस्बु है

मीरा थोडा मुस्कुरा कर - कुछ नाही देवर जी बस खाना ही तो बनाये हैगे ना

आयुष अपनी नाक सुरकते हुए - फिर भी आज कुछ चटक महीक रहा है,, है ना भैया

आशीष - अब तो खाने का मन है बबुआ ,, ये मीरा खाना लगाओ

फिर सब खाने के लिए बैठ जाते है और खा कर सब मीरा की तारिफ करते है सिवाय शान्ति जी के ,,, कारण तो जानती ही है आप लोग ,,,भई उनका महगा वाला मसाला जो खर्च हुआ था


राणा जी मुझे माफ करना

यहा सब खाने पिने के बाद अपने कमरे मे गये और मीरा आखिर मे दो ग्लास दूध लेके उपर गेस्टरूम मे जाती है ।

जिसे देख कर सोनमती मुस्करा कर - अरे नाही नाही मीरा, हमसे दूध नही पिया जाता है ,,,गैस होती है

मीरा तुनक कर मुह बनाते हुए - अरे ENO डालो है इमा बुआ, गटक लो गटक लो

सोनमती बिस्तर से उठ कर दूध का ग्लास लेने आती है तो मीरा डांटते हुए - जे पगला गयी का बुआ ,,,जे दूध हम आयूष के लिए लाये है

सोनमती मीरा का टोंट सुन कर थोडा अजीब सा मुह बना कर हसती है

मीरा चारु से - हे पगली इधर आ
फिर चारु उठकर आती है और मन गिरा कर बोलती है - अब का है जीजी ,,

मीरा उसको एक ग्लास दूध थमा कर- जा आयुष को देके आ ,,और सुन थोडा बात कर लेओ और थोडा ,,,समझ रही है ना

सोनमती उलझन से - का करने को बोल रहि है मीरा उको ,

मीरा चारु को दूध के साथ बाहर भेजते हुए - हे पगली तू जा, और ध्यान रखना जे हम बोले है

सोनमती मीरा को खीच कर - अरे ऊ ग्लास तो आयुष के लिये था तो जे किसके लिये है

मीरा शर्मा के - जे ग्लास हमाओ उनको लिये है बुआ हिहिही

सोनमती भी समझ गयी और वो सोने चली गयी ।
वही आयुष के कमरे मे चारु दूध लेके घुसती है ।

आयुष - अरे चारु तुम , ये भाभी भी ना तुमको भी भिड़ा ली है घर के काम मे हिहिही

चारु थोडी डरी हुई मुस्कराइ क्योकि मीरा ने उसे आयुष से घूलने मिलने के लिए भेजा था , अपने हुस्न का जादू चलाने भेजा था

मगर हमारे आयुष बाबू तो संत ठहरे ,,मजाल है कोई माया उन्हे अपने जाल मे फास ले ।

इधर चारु बडी उल्झन मे थी कि क्या करे , कहा से सुरु करे ,, एक तो घबडाहट मे उसका दिमाग भी सही से काम नही कर रहा था ।।
बडी कोसिस कर चारु ने मीरा के सिखाये अदाओ मे से एक का इस्तेमाल करते हुए ,दूध का ग्लास टेबल पर रख कर, एक बार आयूष के सामने ही अपने लम्बे बालो को झटका कर एक तरफ से दुसरे तरफ करना चाहा लेकिन उसके बालो की चुटिया आयुष बाबू की कनपटी पर ऐसे जोर कि पड़ी की आयुष बाबू तुरंत चौन्हा गये और अपना कान पकड कर लेट गये ।


चारु को ज्ञान हुआ की उस्से गलती हुई है और जब उसे ध्यान आया कि उसके बाल खुले हुए ही नही है तो मन मे बड़बड़ाई - हाय राम जे बडी गडब्ड़ी हय गयी ,, जे ईसटाइल तो जीजी ने भिगे बालन के साथ करने के कही रही

और चारु इतना डर गयी कि बस इतना बोली - सारी आयुष जी

और फिर कमरे से भाग गयी ।


जारी रहेगी



इजहार ए मोहब्बत
अरमानो के सेज सजाये , उम्मीद का दिया लिये
आपके की प्रतिक्रिया के इंतजार मे
Wonderful update. 3D aur sweeti dono ki bate ruthna manana padhkar bahut acha laga. umid hai ke ap 3D aur sweeti ke pyar bare nok jhok age bhi dikhaege.
meera kisi dusre ke ghar par khana nahi bana rahi thi, ayush ki mom ka ye behavior mujhe bilkul pasand nahi hai, shanti ji bahut matlabi aurat hai. bahu beti me fark karne wali 😡 ayush ke pita kitne samjhdar aur ache hai. dusri or ada dikhane gai charu ayush ko hi chotil kar di.
 
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mast fadu update tha bhai.
sweety ka body measurement nhi likha bhai :cry2: kitna ego usme ittu s bat par premi ko chod ke chali gayi.
Meera ko mast khusbu wala khana banata dekh garam dimag wali santi devi ka dimag aur jada garam hai . :lol: par mast khana banaya kai ku :thinking: ayush ko Pata ne ke liye kya :D
बहुत बहुत धन्यवाद भाई आपका
आयुष बाबु के जीवन का लभेड़ देखते है कितना फैलता है :D
 
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Wonderful update. 3D aur sweeti dono ki bate ruthna manana padhkar bahut acha laga. umid hai ke ap 3D aur sweeti ke pyar bare nok jhok age bhi dikhaege.
meera kisi dusre ke ghar par khana nahi bana rahi thi, ayush ki mom ka ye behavior mujhe bilkul pasand nahi hai, shanti ji bahut matlabi aurat hai. bahu beti me fark karne wali 😡 ayush ke pita kitne samjhdar aur ache hai. dusri or ada dikhane gai charu ayush ko hi chotil kar di.
:Cupidgirl:
Kinna achcha revo deti h ji ap :shy:
Thank you :kiss4:


Happy holi :celebconf:
 
expectations
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UPDATE 005


अब तक आप सभी ने पढा कि पुरे शुक्ला भवन के स्टाफ मेम्बर से चोरी चोरी चुपके चुपके मीरा ने चारु को अपनी देवरानी बनाने की फुल प्लानिंग कर ली और पहला मोहरा ने खुद चारु को बनाया उसका ब्रेन वाश किया और उसे सपनो का आशियां दिखा दिया । इधर हमारे नायक साहब को भनक तक नही कि उनके लिये क्या कयामत आने वाली है । वो तो अपने मन मौजी दोस्त 3D के साथ घूमने निकले हुए हैं । और 3D उसे एक सिनेमा हाल की ओर ले जा रहा है । तो देखते है आज कौन फ़िल्म चलने वाली है इस कहनी मे
अब आगे



प्यार का पंचनामा
3D आयुष को लेकर एक सिनेमा हाल के पास आता है और गाड़ी पार्क करता है ।

आयुष - अबे कल रात की नौटंकी उतरी नही जो फिर से पिच्चर दिखाये लेके आ गये

3D आयुष को चिल्ल कराता हुआ - अबे शुक्ला तुम भाउक बहूते जल्दी हो जाते हो यार ।

3D एक फालुदा स्टाल के ओर इशारा करके - उधर देखो क्या है
आयुष की नजर फालुदा स्टाल पर जाते ही चेहरे पर मुस्कान आजाती है - अबे इ तो वही अपने कालेज के बाहर वाला फालुदा स्टाल है बे

3D थोडा अपने अंदाज मे - हा तो ,
आयुष - लेकिन ये तो बंद हो गया था ना
3D- अबे तुम्हाये लिये हम फायनैन्स कराये इसको बे
आयुष चौक कर - सच मे
3D हस्ते हुए - गुरू तुम फिर भाऊक हो गये ,,, वो बाऊजी से सूद का पैसा लेके खोला है शानू ने

आयुष उसका मजाक समझ कर अपना माथा पीट लेटा है ।

फिर दोनो स्टाल पर जाते है
3D - अरे शानू ,, दो फालुदा कुल्फ़ी लगाओ विथ एक्स्ट्रा कोल्ड ,,,, इतना समझ लो कि आज इ फलुदा की सीलन हमाये इन्जीनियर साब के नीव तक जाये के चाही

आयुष 3D के नानवेज जोक पर हस्ते हुए उसकी गर्दन पीछे से दबोच कर कुछ बर्फ के टुकड़े उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डालकर उसकी बनियान मे गिरा देता है।

अब 3D को ठण्ड भरी गुदगुदी होने लगी और बर्फ निकालते निकालते उसका डीप बेली एरिया भीग गया ।

आयुष हस कर 3D को उसका भीग हुआ हिस्सा दिखाते हुए - हा अब पहुची है नीव मे सीलन हाहाहाहा

3D झल्ला कर - क्या यार शुक्ला , तुम सारा गिला गिला कर दिये बे

आयुष हस कर - अबे थोडा सा ही तो है , निमोनिया नही हो जायेगा तुमको उससे

3D रौंदू सा मुह बना कर- अरे यार स्वीटी आ रही होगी मिलने हमसे ,,, का सोचेगी ऊ

आयुष और तेज हसने लगा
और 3D भैया की बुरी किसमत तो देखो , स्वीटी ठीक उनके सामने ही आ गयी ।
और उसको देखते ही 3D घूम जाता है

स्वीटी सामने से एक साइड बैग लिये आयुष से मुखातिब होते हुए - अरे आयुष जी ,, का हो गया इनको ,

स्वीटी 3D से - काहे मुह छिपा रहे है दुबे जी

तो कहानी मे एक और नये किरदार की एन्ट्री हो गयी है
नाम - स्वीटी
20211118-185859
उम्र कद अता पता ठिकाना ये सब तो बाद मे भी जान लेंगे लेकिन फिलहाल इतना जान लिजीये , ये हमारे 3D की प्रेमिका है और स्वभाव से थोडी कम अकल और बक्लोल टाइप की लगती तो है मगर स्ट्रेट फोर्वोर्ड मिन्ड सेट ,,, किसी के झांसे मे नही आती है ।


3D रौंदू सी शकल के साथ स्वीटी की ओर पीठ किये - काहे की हम मुह दिखाये लायक नही रहे स्वीटी,,,

स्वीटी चौक के - का !!!!
स्वीटी तेजी से रोते हुए - कौन मुइ आपके साथ मुह काला कर गयी ,हाय राम !!!!

3D पलट कर स्वीटी के कन्धे को पकड कर - अरे नही नही यार हम अभी भी स्टील भरजिन है ,,, यार बताओ ना शुक्ला

स्वीटी सुबकते हुए - पक्का ना ,किसी और से वो सब
3D स्वीटी को विश्वास दिलाते हुए - तुम्हाई कसम स्वीटी ,,,

आयुष उन दोनो की बाते सुन कर हस रहा होता है ।

तभी स्वीटी की नजर 3D के भिगे पजामे पर गयी और 3D से दुर होते हुए अपनी नाक पर हाथ रख कर बोली - आप दारु पिए हो का ,,,जे पैंट मे ही सब लभेड़ लिये हो

3D परेशान होकर - अरे नाही हमार अम्मा ,, इ शुक्ला ,

3D आयुष को दिखा कर - इ शुक्ला ने बर्फ डाल थी हमाये कपड़ो म तो गलत जगह से बही रहो है

आयुष उन दो प्यार के कबूतरों के चोच लड़ाई से काफी ज्यादा हस हस कर पागल हुआ जा रहा था ।
तब तक शानू ने फालूदा तैयार किया और फिर तीनो ने खाया और थोडा गप्प हाके और फिर 3D ने एक इ-रिक्शा रुक्वाया

3D- यार काहे इतना चिकचिक की हो ,, चलो ना हम छोड दे रहे है घर
स्वीटी इतरा के रिक्से मे बैठते हुए - हम कह दिये ना ,, अब आप अम्मा बाऊजी को लेके ही आईयेगा घर ,तब ही आपके साथ घूमेंगे

स्वीटी - चलो भैया , वर्मा कालोनी लेलो

फिर इ-रिक्शा वाला स्वीटी को लेके निकल जाता है ।

3D पिछे से आवाज देता है - स्वीटी सुनो तो ,
मगर वो आगे जा चुकी थी ।

आयुष 3D को उदास देख कर - अबे इतना प्यार करते हो तो शादी कर काहे नही लेते बे

3D उखड़ कर - यार हम तो तैयार है , लेकिन बाऊजी तो रट लगाये है ना कि लड़के वाले है हम नाही जायेंगे बात करने ,,,

3D झल्ला कर - जे कोनो बात होता है का शुक्ला ,,, यार बडी मुस्किल से उसका तीन रिस्ता तुड़वाये है ,,, 23 की हो गयी है तो बाप को बोझ लग रही है


आयुष 3D की भड़ास पर चुपचाप मुस्कुराता रहा
क्योकि वो जानता था अगर वो थोडा भी रियक्ट करेगा तो फिर से 3D अपना वही पुराना रोना गाना लेके बैठ जायेगा ।


मेरा पिया घर आयो

इधर हमारे नायक साहब मौज मस्ती मे थे वही ,, शुक्ला भवन की इंचार्ज ने आज अपने पति को लपेटने की तैयारी मे थी ।
तो शाम से किचन मे लगी पड़ी है और नये नये अशीष के मनपसंद पकवानो की तैयारी मे लगी है ।

वही निचे के कमरे मे टीवी के आगे बैठे हुए मुन्शी जी की मैनेजर श्री मती शान्ति शुक्ला जी भन्नाय जा रही है

शान्ति - जे सूंघ रहे हो अशीष के बाऊजी ,, जे सब ऊ चौबेपुर वाली मोटासी के खाये के लिए बन रहो है

मनोहर अपनी पत्नी की बातो से मुस्कुरा कर वापस टीवी मे ध्यान लगा देते है

तभी उनको एक बढिया म्साले के भूनने की महक आती है

शान्ति अपना माथा पिटते हुए - हय भोलेनाथ!!! देखो देखो ,,अशीष के बाऊजी ,, आपन बड़के जो महगा वाला मसालो ला के दियो रहो ,,जे भी डाल रही है दुल्हीन


मनोहर शान्ति को समझाते हुए - अरे तुम का फाल्तू की बात लेके बैठ गयी हो आशिष की अम्मा ,,, मेहमान है , खायेंगे ही ना
इधर किचन मे छौका तडका जोरो पर था और मीरा के दिमाग मे आगे की प्लानिंग भी ।

शाम ढली और आशिष जी घर आये और फिर थोड़ी ही देर मे आयुष बाबू भी ।

हाल मे घुसते ही आयुष की नजर अशीष पर गयी ।
आयुष किचन से आते खाने की खुस्बु लेते हुए - आह्ह भैया का पक्वा रहे हो आज भऊजी से

आशीष किचन मे आवाज देके - का बना रही हो मीरा ,, बड़ी जोरदार महक है

मीरा हाथ धुल कर बाहर आई- अरे आ गये का आप ,, रुकिये पानी लाई रहे है

मीरा कीचन से पानी लेके वापस आई तो आयुष ने पुछा- का बनाई हो भऊजी ,, गजब की खुस्बु है

मीरा थोडा मुस्कुरा कर - कुछ नाही देवर जी बस खाना ही तो बनाये हैगे ना

आयुष अपनी नाक सुरकते हुए - फिर भी आज कुछ चटक महीक रहा है,, है ना भैया

आशीष - अब तो खाने का मन है बबुआ ,, ये मीरा खाना लगाओ

फिर सब खाने के लिए बैठ जाते है और खा कर सब मीरा की तारिफ करते है सिवाय शान्ति जी के ,,, कारण तो जानती ही है आप लोग ,,,भई उनका महगा वाला मसाला जो खर्च हुआ था


राणा जी मुझे माफ करना

यहा सब खाने पिने के बाद अपने कमरे मे गये और मीरा आखिर मे दो ग्लास दूध लेके उपर गेस्टरूम मे जाती है ।

जिसे देख कर सोनमती मुस्करा कर - अरे नाही नाही मीरा, हमसे दूध नही पिया जाता है ,,,गैस होती है

मीरा तुनक कर मुह बनाते हुए - अरे ENO डालो है इमा बुआ, गटक लो गटक लो

सोनमती बिस्तर से उठ कर दूध का ग्लास लेने आती है तो मीरा डांटते हुए - जे पगला गयी का बुआ ,,,जे दूध हम आयूष के लिए लाये है

सोनमती मीरा का टोंट सुन कर थोडा अजीब सा मुह बना कर हसती है

मीरा चारु से - हे पगली इधर आ
फिर चारु उठकर आती है और मन गिरा कर बोलती है - अब का है जीजी ,,

मीरा उसको एक ग्लास दूध थमा कर- जा आयुष को देके आ ,,और सुन थोडा बात कर लेओ और थोडा ,,,समझ रही है ना

सोनमती उलझन से - का करने को बोल रहि है मीरा उको ,

मीरा चारु को दूध के साथ बाहर भेजते हुए - हे पगली तू जा, और ध्यान रखना जे हम बोले है

सोनमती मीरा को खीच कर - अरे ऊ ग्लास तो आयुष के लिये था तो जे किसके लिये है

मीरा शर्मा के - जे ग्लास हमाओ उनको लिये है बुआ हिहिही

सोनमती भी समझ गयी और वो सोने चली गयी ।
वही आयुष के कमरे मे चारु दूध लेके घुसती है ।

आयुष - अरे चारु तुम , ये भाभी भी ना तुमको भी भिड़ा ली है घर के काम मे हिहिही

चारु थोडी डरी हुई मुस्कराइ क्योकि मीरा ने उसे आयुष से घूलने मिलने के लिए भेजा था , अपने हुस्न का जादू चलाने भेजा था

मगर हमारे आयुष बाबू तो संत ठहरे ,,मजाल है कोई माया उन्हे अपने जाल मे फास ले ।

इधर चारु बडी उल्झन मे थी कि क्या करे , कहा से सुरु करे ,, एक तो घबडाहट मे उसका दिमाग भी सही से काम नही कर रहा था ।।
बडी कोसिस कर चारु ने मीरा के सिखाये अदाओ मे से एक का इस्तेमाल करते हुए ,दूध का ग्लास टेबल पर रख कर, एक बार आयूष के सामने ही अपने लम्बे बालो को झटका कर एक तरफ से दुसरे तरफ करना चाहा लेकिन उसके बालो की चुटिया आयुष बाबू की कनपटी पर ऐसे जोर कि पड़ी की आयुष बाबू तुरंत चौन्हा गये और अपना कान पकड कर लेट गये ।


चारु को ज्ञान हुआ की उस्से गलती हुई है और जब उसे ध्यान आया कि उसके बाल खुले हुए ही नही है तो मन मे बड़बड़ाई - हाय राम जे बडी गडब्ड़ी हय गयी ,, जे ईसटाइल तो जीजी ने भिगे बालन के साथ करने के कही रही

और चारु इतना डर गयी कि बस इतना बोली - सारी आयुष जी

और फिर कमरे से भाग गयी ।


जारी रहेगी



इजहार ए मोहब्बत
अरमानो के सेज सजाये , उम्मीद का दिया लिये
आपके की प्रतिक्रिया के इंतजार मे
charu bechari aur kya kahun usko kisi ko jaal me fansana aata hai try kiya aur hua kya uska dekhte kaamyabi milti hai nai
 

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