रेखा- फाड़ डालो....लेकिन प्यार से नही.....कुतिया की तरह ....ऑर हंसने लगी
मैं-तो देख आज तुझे कैसे कुतिया की तरह....मज़ा देता हूँ....बहन की लूडी 2 दिन बेड से भी नही उठ पायगी
रेखा – (पैंटी निकालते हुए)-बिल्कुल ऐसे ही मज़ा आता है मुझे....
ऑर रेखा नंगी होकर मेरे पास आ गई...
मैने रेखा के ईक बूब्स को हाथ से पकड़ा ओर दूसरे को मूह मे भर लिया ओर अपना दूसरा हाथ पीछे ले जाकर उसकी गंद को दबोचा ….
तो रेखा की चीख निकल गई
रेखा- आअहह…..मदर्चोद…हाथ से ही फाडेगा क्या
मैं-चुप कर कुतिया ऑर फिर से मैं उसके बूब को चूसने लगा
मैं रेखा की गंद जोरो से दवा रहा था ऑर हाथ से 1 बूब को मसल रहा था….तभी रेखा की चीख निकल गई …पहले से जोरदरर चीख थी
रेखा- आआआहह….म्म्माअररर गग्ग्गाऐइ ….साले काट मत
(मैने रेख के बूब्स को दातों से काट लिया था)
मैं- साली कुतिया की तरह फाड़ना है…तो कुतिया की तरह की खाना होगा तेरे बूब्स को…ओर मैं फिर से बूब्स चूसने लगा…
इधेर रेखा मेरे मुरझाए लंड को हाथ मे लेकर हिला रही थी ऑर मसल रही थी...
थोड़ी देर इसी तरह बूब्स चुसाइ करने के बाद मैने रेखा को पलटा कर अपनी गोद मे उठा लिया....मतलब अब रेखा की चूत मेरे मूह के सामने थी ऑर मेरा लंड रेखा के मूह के सामने...
(मैं डेली जिम करता हू...तो बॉडी दमदार है...)
मेरे ऐसा करते ही रेखा ने मेरे आधे खड़े लंड को मूह मे भर लिया ओर उसे तैयार करने लगी ओर मैं रेखा की चूत की चुसाइ करने लगा
रूम मे बस सिसकारियाँ ही सुनाई दे रही थी…मतलब बाथरूम मे
मैं-साली तेरी माँ को भी ऐसे ही चोदुगा…साली कुतिया की बच्ची
थोड़ी देर बाद रेखा को राहत मिली जब मैने अपनी उंगलिया उसकी गंद से बाहर निकाल ली
मैने उंगली निकालते ही अपना लंड जो अब थोड़ा सूख गया था …रेखा की गंद पर सेट करके 1 ही बाद मे अंदर उतार दिया
रेखा—आआआआअ………….ईईईईईईईईईईईईई
बस इतना ही बोल पा रही थी
मैने फिर ताबड़तोड़ तरीके से अपना लंड रेखा की गंद मे फुल स्पीड से आगे-पीछे करना स्टार्ट कर दिया
रेखा- फाड़ डालो....लेकिन प्यार से नही.....कुतिया की तरह ....ऑर हंसने लगी
मैं-तो देख आज तुझे कैसे कुतिया की तरह....मज़ा देता हूँ....बहन की लूडी 2 दिन बेड से भी नही उठ पायगी
रेखा – (पैंटी निकालते हुए)-बिल्कुल ऐसे ही मज़ा आता है मुझे....
ऑर रेखा नंगी होकर मेरे पास आ गई...
मैने रेखा के ईक बूब्स को हाथ से पकड़ा ओर दूसरे को मूह मे भर लिया ओर अपना दूसरा हाथ पीछे ले जाकर उसकी गंद को दबोचा ….
तो रेखा की चीख निकल गई
रेखा- आअहह…..मदर्चोद…हाथ से ही फाडेगा क्या
मैं-चुप कर कुतिया ऑर फिर से मैं उसके बूब को चूसने लगा
मैं रेखा की गंद जोरो से दवा रहा था ऑर हाथ से 1 बूब को मसल रहा था….तभी रेखा की चीख निकल गई …पहले से जोरदरर चीख थी
रेखा- आआआहह….म्म्माअररर गग्ग्गाऐइ ….साले काट मत
(मैने रेख के बूब्स को दातों से काट लिया था)
मैं- साली कुतिया की तरह फाड़ना है…तो कुतिया की तरह की खाना होगा तेरे बूब्स को…ओर मैं फिर से बूब्स चूसने लगा…
इधेर रेखा मेरे मुरझाए लंड को हाथ मे लेकर हिला रही थी ऑर मसल रही थी...
थोड़ी देर इसी तरह बूब्स चुसाइ करने के बाद मैने रेखा को पलटा कर अपनी गोद मे उठा लिया....मतलब अब रेखा की चूत मेरे मूह के सामने थी ऑर मेरा लंड रेखा के मूह के सामने...
(मैं डेली जिम करता हू...तो बॉडी दमदार है...)
मेरे ऐसा करते ही रेखा ने मेरे आधे खड़े लंड को मूह मे भर लिया ओर उसे तैयार करने लगी ओर मैं रेखा की चूत की चुसाइ करने लगा
रूम मे बस सिसकारियाँ ही सुनाई दे रही थी…मतलब बाथरूम मे
मैं-साली तेरी माँ को भी ऐसे ही चोदुगा…साली कुतिया की बच्ची
थोड़ी देर बाद रेखा को राहत मिली जब मैने अपनी उंगलिया उसकी गंद से बाहर निकाल ली
मैने उंगली निकालते ही अपना लंड जो अब थोड़ा सूख गया था …रेखा की गंद पर सेट करके 1 ही बाद मे अंदर उतार दिया
रेखा—आआआआअ………….ईईईईईईईईईईईईई
बस इतना ही बोल पा रही थी
मैने फिर ताबड़तोड़ तरीके से अपना लंड रेखा की गंद मे फुल स्पीड से आगे-पीछे करना स्टार्ट कर दिया