Incest मम्मी मेरी जान

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ये कह के सानिया अपने बेटे के मुह के ऊपर बैठने लगी.... उसने अपने हाथों से अपनी गांड का छेद खोला हुआ था... सतीश की नाक
सीधी उसकी गांड के छेद में घुस्स गयी और उसका पूरा फेस अपनी मम्मी की बड़ी गांड में छूप गया...

सानिया के मुह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गयी...
"म्म... आह....."
अपनी मम्मी की गांड की मदहोश करने वाली खुश्बु सूँघ के सतीश के लंड से प्रीकम निकलने लगा... सानिया की बड़ी गांड की स्मेल बहुत सेक्सी और कामुक थी... सतीश के रोम रोम में उत्तेजना भर रही थी...
सानिया ने आगे झुक के अपने बेटे के लंड के सुपडे पे उभरे हुए प्रीकम को अपनी जुबान से चाट के कहा...
सानिया : मम... सूंघ.... अपनी मम्मी की गांड की खुश्बू... हाँ ऐसे ही... है बड़ा मज़ा आ रहा है मेरे शेर...सूंघ.... अपनी खूबसूरत मम्मी की मदमस्त गांड की मदहोश खुसबू सूंघ... मेरे लाल...
सतीश बहुत मज़े ले के अपनी मम्मी की गांड की खुश्बु ले रहा था...
तभी अचानक सानिया ने अपनी गांड उठायी और कहा....
सानिया : चल अब अपनी ज़ुबान से मेरी सेक्सी गांड के छेद को चाट... मेरी गांड के छेद को अपनी थूक से गीला कर के अपनी जुबान को उस छेद के अंदर बाहर कर के मुझे मज़ा दे.... मम.....
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश ने अपनी जुबान बाहर निकाली...
सानिया ने अपने दोनों हाथों से अपने चूतडों को खोल कर अपनी गांड के छेद को अपने बेटे के जुबान के ऊपर रख दिया... सतीश अपनी मम्मी के गांड के छेद को अपनी जुबान पे मेहसुस करके मस्ती में पागल कुत्ते की तरहा चाट्ने लगा...
सतीश को अपनी मम्मी की सेक्सी गांड के छेद का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था... वो अपनी जुबान गांड के छेद के अंदर ले जा कर मज़े ले के चाट्ने लगा.
सानिया मस्ती में सिसकारी लेते हुए अपने बेटे की जुबान पे अपनी गांड को ऊपर निचे आगे पीछे कर रही है..
सतीश मस्ती में अपनी जुबान से अपनी मम्मी की मोटी गांड के छेद को कुरेदते हुए अंदर बाहर करते हुए चाट रहा है... सानिया की गांड अपने बेटे के थूक से गीली हो गयी है... सतीश अपनी जुबान को गांड के छेद के अंदर तक दाल रहा था..
सानिया लगभग आधे घंटे तक उसी पोज़ में अपनी गांड अपने बेटे मुह के ऊपर रख के अपने बेटे से अपनी गांड चटवा के मज़े लेती रहि... अचानक सानिया का जिस्म मस्ती में काम्पने लगा और वो झड ने के करीब पहुँच गयी...
सानिया : है... बेटा... मैं झड़ने वाली हु....
ये कह के थोड़ा ऊपर उठि और अपनी चुत को अपने बेटे के मुह पे रख के अपने हाथ से अपनी चुत के दाने को घिसते हुए... अपनी चुत को अपने बेटे के मुह पे आगे पीछे करने लगी...
सतीश मस्ती में अपनी मम्मी की चुत चाट के उसकी चुत का मीठा वीर्य पीने लगा...
कुछ ही देर में सानिया मस्ती में सिसकारी लेते हुए अपने बेटे के मुह में झड़ने लगी...
सानिया : आह... बेटा.... मैं गयी... आह... ... आह...
सतीश मज़े ले के अपनी मम्मी की रसीली चुत से बेह्ते हुए पानी को पीने लगा... कुछ देर बाद... सानिया आगे झुकि और अपने बेटे का खड़ा लंड अपने मुह में लेके मज़े से उसे चूसने लगी... सतीश को अपनी मम्मी की गांड चाट के इतनी मस्ती चढ़ी हुई थी की वो कुछ ही देर में अपनी मम्मी के मुह में झड गया... सानिया मज़े ले के अपने बेटे के लंड से निकल रहे वीर्य को पीने लगी... फिर दोनों निढाल हो के वहीँ लेट गये... कुछ देर के बाद सानिया मस्ती में उठि और अपने रूम में जाने लगी...
सतीश ने फ़ौरन उसे रोका और खीँच के अपनी गोद में बिठा लिया...
सानिया : क्या बात है मेरा बेटा आज बड़े जोश में है..?
सतीश : जिसकी मम्मी इतनी खूबसूरत और सेक्सी होगी वो जोश में क्यों न हो...
सानिया : तुझे में कहाँ से सेक्सी लगती हु...?
सतीश : मुझे तुम हर जगह से सेक्सी लगती हो, चेहरे से, चूची से, चुत्तड़ से और चुत से... लेकिन...
सानिया : लेकिन क्य...?
सतीश : लेकिन ये की तुमने अमेजोन फारेस्ट क्यों ऊगा रखा है...?
सानिया : क्या कहा...? अमेजोन फॉरेस्ट.. हा है है ह... कहाँ है अमेज़न फॉरेस्ट...?
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सतीश : ये क्या है...? तुम्हारी हसीन चुत पर...?
सानिया : ये तो मैंने तेरे एनाकोंडा के लिए घर बनाया है...? क्यूँ तुझे और तेरे अनाकोंडा को मेरा ये घर पसंद नहीं आया क्य...?
सतीश : मुझे और मेरे एनाकोंडा को तुम्हारा ये घर तो बहुत पसंद है... लेकिन घर के ऊपर का जंगल पसंद नहीं... तुम इस जंगल को निकाल दो...
सानिया : अगर तुझे ये जंगल पसंद नहीं है तो तू खुद ही इसे क्यों नहीं नीकाल देता...?
सतीश : मम्मी आप सच कह रही हो...? क्या में सच में इस जंगल को काट के तुम्हारी हसीन चुत को बेपरदा कर सकता हु...?
सानिया : हा... अगर तुझे अच्छा लगे और तुझे कोई प्रॉब्लम न हो तो...
सतीश : मम्मी में तो शौक से ये करना चाहूंगा... लेकिन...
सानिया : लेकिन क्य...?
सतीश : लेकिन ये की में इस जंगल के अलावा भी तुम्हारे जिस्म का पूरा जंगल साफ़ करना चाहता हु...
सानिया : अब मेरी चुत के अलावा और कौन से बाल हैं जिसे तू साफ़ करना चाहता है...? तु मुझे टकली करने की बात तो नहीं कर रहा है...?
सतीश : हहहहा... नहीं मम्मी में तुम्हारे सर के बालों की बात नहीं कर रहा हूं.
सानिया : तो फिर..? तु कौन से बालों की बात कर रहा है.?
सतीश : मैं तो तुम्हारी बगल के, हाथ के, पैर के चुत के और चुत्तड़ के बालों की बात कर रहा हु. मैं अपनी मम्मी को पूरी चिकनी बनाना चाहता हूँ अगर तुम हाँ कहो तो...?
सानिया : लेकिन इसकी क्या ज़रुरत है...?
सतीश : ज़रुरत है... आज में अपनी मम्मी को इस दुनिया की सबसे खूबसूरत परी बनाना चाहता हु...
सानिया : अच्छा... तो तुझे चिकनी पसंद है...
सतीश : हा... बाल होते हैं तो मज़ा नहीं आता... चिकने जिस्म की तो बात ही कुछ और है...
सानिया : मुझे चिकनी बन के किसे दीखाना है...? मुझे बिना कपड़ों के देखने वाला है ही कौंन...?
सतीश : क्यूँ में हूँ ना...? मैं देखूँगा तुम्हे...?
सानिया : बस सिर्फ देखेंगा...?
सतीश : नही... करुँगा भी...
सानिया : क्या करेंगा...?
सतीश : मैं वो तुम्हारी चिकनी चुत, बगाल, चुत्तड़ और गांड चाटूंगा... है कितना मज़ा आयेगा... मोम..
सानिया : मुझे पता है... तु ऐसा ही कुछ करेग... तु मेरे बाल कम साफ़ करेगा और मेरा जिस्म ज़्यादा चाटेगा... इस लिए तू मुझे अपनी शेविंग क्रीम और रेजर दे... मैं खुद अपने जिस्म के बाल साफ़ कर लुंगी...
सतीश : लेकिन मम्मी तुम अपने चुत्तड़ और गांड के छेद के पास के बाल कैसे साफ़ कर पाओगि...?
सानिया : वो तो है...
सतीश : इस लिए तुम्हारे जिस्म के बाल में साफ़ कर देता हु...
सानिया : ठीक है... तु ही कर दे मेरे जिस्म के बाल साफ़... जा जल्दी से अपना शेविंग किट ले आ...
 
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सतीश फ़ौरन जा के अपना शेविंग किट ले आता है...
ओर मम्मी को पकड़ के बाथरूम में ले जाता है... वहाँ वो कमोड पे बैठ जाता है... और अपनी मम्मी को सामने खड़ी होने को कहता है... मम्मी का पेट् ठीक उसके मुह के सामने है... सतीश फ़ौरन मम्मी का पेट् चूम के नाभि में अपनी जुबान फिराने लगता है...
सानिया मस्ती में सिसकार के फ़ौरन पीछे हो जाती है...
सानिया : सतीश मस्ती नही... तुम जो करने आये थे वो करो... नहीं तो में चली...
सतीश : नहीं मम्मी.. तुम मत जाव... प्लीज्... मैं क्या करूँ मम्मी तुम्हे देख के मुझे मस्ती चढ़ने लगती है...
सानिया :वो में कुछ नहीं जानति... अगर तुम ने मस्ती की तो... मैं चली...
सतीश : अच्छा मम्मी अब में कोई मस्ती नहीं करुँगा... ये कह के सतीश ने शेविंग ब्रश गीला किया और मम्मी से कहा की अपना एक हाथ उठा के सर के ऊपर कर लो...
सानिया ने वैसा ही किया...
सतीश ने ब्रश पे शेविंग क्रीम लगयी और उनकी आर्मपिट पे रख के पहला स्ट्रोक लगया तो वह मचल उठी...
सानिया : आआआह्ह्... है... जानु गुदगुदी हो रही है...
सतीश : मम्मी थोड़ा गुदगुदी बर्दाश्त करलो...
सानिया ने ठीक से खड़ी रहने की कोशिश की... लेकिन सतीश के ब्रश लगते ही वह फिर से मस्ती और गुदगुदी में हिल गयी... उस को बड़ी गुदगुदी लग रही थी...
सतीश : मम्मी ऐसे काम नहीं चलेगा... रुको में कुछ करता हु...
ये कह के सतीश ने अपनी मम्मी का एक स्तन अपने हाथ में पकड़ ली और मम्मी की बगल में ब्रश चलने लगा...
सानिया मस्ती में सिसकार उठि... आह... मम... सतीश ये क्या कर रहा है...
सतीश : मम्मी ऐसे तुम्हे गुदगुदी कम लगेगी...
सानिया : है... ऐसे भले ही मुझे गुदगुदी कम लगेगी... मगर मस्ती जो चढेगी उसका क्या...?
सानिया की चुत में सनसनी दौडने लगी... और मुह से सिसकारी निकलने लगी...
आंह... मम... ओह...
सतीश मज़े से मम्मी के स्तन को दबाते हुये उनकी आर्मपिट में ब्रश घुमाने लगा...
इस तरहा से दोनों को मज़ा आ रहा था... एक आर्मपिट पर फोम बनाने के बाद सतीश खुद उठ के खड़ा हो गया और उसने अपनी मम्मी को कमोड़ पे बैठा दिया... और अपना खड़ा लंड मम्मी के मुह के पास हिलाते हुए उसने मम्मी की आर्मपिट पे रेजर चलाया...
सानिया मस्ती में सिसकार उठि... ओह... ममा... आह...

सतीश मस्ती में अपनी मम्मी का स्तन दबाते हुए आर्मपिट शेव करने लगा... वो अपना खड़ा लंड मम्मी के होठो के पास ऊपर निचे करके हिलाने लगा... जल्दी ही सानिया का वह आर्मपिट शेव हो गया... फिर सतीश दूसरे आर्मपिट को शेव करने लगा...
सतीश के लंड से प्रिकम निकल के सुपाडे पे चमकने लगा... सतीश ने अपनी मम्मी की दूसरी आर्मपिट शेव करते हुए अपने लंड के सुपाडे पे लगे हुए प्रिकम को अपनी मम्मी के होठो पे लगा दिया... सानिया इतनी मस्ती में थी की उसे इस बात का पता भी नहीं चला... वो तो बस मस्ती में अपनी आँखें बंद करके अपना मुह खोले सिसकारी ले रही थी... आह...
ओह...
सतीश को जाने क्या सुझा... उसने मौके का फायेदा उठाया और अपनी मम्मी के खुले मुह में अपने लंड के सुपाडे को अंदर बाहर करते हुए उनकी आर्मपिट शेव करने लगा...
कुछ ही देर में सानिया की दोनों आर्मपिट शेव हो गयी... और जैसे सानिया ने अपनी आंखे खोली और अपना खुला मुह बंद किया... सामने का नज़ारा देख और अपने बेटे के लंड का सुपडा अपने मुह में मेहसुस करके वो मस्ती में उछल पदि... उसके होश उड़ गया... उसका जिस्म मस्ती में काम्पने लगा... और वो अपने बेटे के लंड का सुपाडा अपने मुह में लिए झड़ने लगी... उसकी चुत से वीर्य की नदी बहने लगी...

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कुछ देर बाद जब उसे होश आया तो उसने अपने बेटे का लंड अपने मुह से बाहर निकाला और अपना सर झुका के शरमाने लगी...
सानिया : सतीश... ये क्या था... तुम ये क्या कर रहे थे..
सतीश : मम्मी.. वो में... तो बस ऐसे ही... प्लीज मम्मी..
सतीश : वो मम्मी.. वो उस वक़्त तुम बहुत सेक्सी लग रही थी... तुम्हारा मुह खुला हुआ था... तो..
सानिया : तो क्या...? मेरा मुह खुला हुआ था... ("सानिया ने अपने बेटे के नौ इंच के लंड को देखते हुए कहा") तो इसका ये मतलब नही... की तुम उस में कुछ भी दाल दो...?
सतीश : सॉरी मम्मी.. वो न जाने उस वक़्त मुझे क्या हो गया था... वो तो बस हो गया...
सानिया : अरे कम से कम डालने से पहले मुझे बता तो दिया होता...? कहीं मस्ती में में उस प्यारी सी चीज़ को चबा गई होती तो...?
सतीश : इस का मतलब... तुम मुझसे नाराज़ नहीं हो...
सानिया : नही... लेकिन...
सतीश : लेकिन क्य...
सानिया : लेकिन ये की... अगली बार जब भी ऐसा कुछ करना मुझे बता के करना... समझे...
सतीश : हाँ मम्मी..
सानिया : चलो... अब तुम जो काम कर रहे थे उसे पूरा करो...
अपनी मम्मी की बात सुन के सतीश अपना नौ इंच का खड़ा लंड अपनी मम्मी के मुह के पास ले के कहता है...
सतीश : चलो मम्मी.. जल्दी से अपना मुह खोलो... ताकि में अपना लंड तुम्हारे मुह में दाल सकूँ...
सानिया : जी नही...
सतीश : नहीं क्यूं...? तुम ने ही तो अभी कहा की जो काम कर रहे थे उसे पूरा करो...
सानिया : हाँ मैंने ही कहा था... की तुम जो काम कर रहे थे उसे पूरा करो...
सतीश : तो फिर... मैं वो ही तो कर रहा हु...
सानिया : जी नही... तुम वो नहीं कर रहे हो...
सतीश : मतलब....!
सानिया : मतलब ये की तुम मेरे जिस्म के बाल शेव कर रहे थे... न की मुझे अपना लंड चुस्वा रहे थे...
सतीश : मम्मी.. एक बार मेरा लंड चूस दो ना प्लीज्...
सानिया : नही... मैं नहीं करुँगी ऐसा कुछ... तुझे जो करने को कहा था वो तू कर रहा है... या फिर में चलि...
ये कह के सानिया मुस्कुराने लगती है... सतीश अपना सर झुका के हाँ कहता है...
सानिया : क्या बात है...? मेरा जानु नराज़ हो गया क्य...? चल तू भी क्या याद करेगा की किस दिलदार से मिला था... तु जो चाहता है वो में करुँगी...
सतीश : सच्... क्या सच में तुम मेरा लंड चूसोगी...
सानिया : हा... अगर तेरी यही चाहत है... तो मैं सच में अपने बेटे का लंड चूसूंगी... लेकिन...
सतीश : लेकिन क्या...?
सानिया : लेकिन अभी नही... बाद मे... अभी तू मेरे जिस्म के पूरे बाल शेव कर...
सतीश : हाँ हाँ चलो ना...
सानिया : चलो... कहाँ चलो...?
सतीश : बाहर हॉल में डाइनिंग टेबल पर... वहाँ डाइनिंग टेबल पे तुम्हे आराम से लेटा के में तुम्हारे जिस्म के सारे बाल शेव करुँगा...
ये कह के सतीश अपनी मम्मी को गोद में उठा के बाहर हॉल में ले जाता है... और उसे डाइनिंग टेबल पे लीटा देता है...
 
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सानिया इस वक़्त अपने बेटे के सामने डाइनिंग टेबल पे बिलकुल नंगी लेटी हुई शर्मा रही है...
सतीश अपनी मम्मी के पैरों को घुटने से मोड़ देता है... जिससे उसकी मम्मी की झाँटों भरी चुत खुल के सामने आ जाती है...
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सानिया : अरे ये क्या कर रहा है...?

सतीश : इस तरहा से में तुम्हारे पैर अच्छे से शेव कर पाउन्गा. सानिया : अच्छा तो ये बात है... मैं तो कुछ और ही समझि थी...
सतीश : क्या समझि थी...?
सानिया :ये की...तु मेरी... चुत चाटने वाला है...
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सतीश : ओह... अगर ऐसी बात है तो में तुम्हारी प्यारी रसीली चुत अभी चाटता हु...
सानिया ने फ़ौरन अपने हाथों से अपनी चुत छुपा ली

सानिया : नही... अभी नही... अभी तू वो काम कर जिसके लिए तू मुझे यहाँ लाया है... मेरे जिस्म के बाल शेव कर...
सतीश : ठीक है मम्मी..
ये कह के उसने ब्रश उठाया और अपनी मम्मी के पैरों पे शेविंग क्रीम लगा के उन्हें शेव करने लगा... कुछ ही देर में सानिया के दोनों पैर शेव हो गयी...
सतीश : वाओ मम्मी तुम्हारे सेक्सी पैर शेव होने के बाद और भी सेक्सी लग रहे है... अब अगर तुम्हारी इजाज़त हो तो में तुम्हारी सेक्सी चुत की झांट साफ़ कर के उसे और भी सेक्सी बनना चाहता हु... क्या आपकी इजाज़त है...
ये सुन के सानिया शर्मा जाती है...
सानिया : हा... इजाज़त है... शुरू करो...
सतीश फ़ौरन ब्रश उठता है... और उसपे शेविंग क्रीम लगा के... उसने मम्मी की झाँटों पे हाथ फेरा और फिर ब्रश लगया... मम्मी का पूरा जिस्म मस्ती में काँप सा गया... मम्मी की कमर मस्ती में अपने आप ऊपर नीचे होने लगी... उसकी मुह से से सिसकारी निकलने लगी...
आंह... मम... ओह...
सतीश मम्मी की झाँटों पे शेविंग ब्रश घुमने लगा... वो धीरे धीरे मम्मी की चुत पे ब्रश को रगड़ने लगा...
फिर जैसे ही ब्रश मम्मी की झाँटों से होता हुआ चुत की क्लीट पे आया... मम्मी के मुह से एक जोर की सिसकारी निकल गयी... आह... वो मस्ती में आके अपने स्तन दबाने लगी... सतीश ज़ोर ज़ोर से मम्मी की क्लीट पे ब्रश रगड़ने लगा...
मा की सिसकारी धीरे धीरे तेज़ होने लगी...
आंह.. ओह...
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उसकी चुत मस्ती में वीर्य छोड़ने लगी... ओह... मा... ओह... है.. ऐसे ही रगड़ो है.. बड़ा मज़ा आ रहा है.. है.. झाँट की सफाई में मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नहीं आया.. अब तो में रोज़ तुम से अपनी चुत की शेविंग करूंगी.. फिर सतीश ने रेजर लिया और अपनी मम्मी की झाँटों को साफ़ करने लगा.. वो अपनी मम्मी की क्लीट को रगडते हुए उनकी झाँट साफ़ कर रहा था. रेजर से मम्मी की झांटें कम हो रही थी और मस्ती बढ़ रही थी.. जैसे ही मम्मी की चुत चिकनी हुई.. वो मस्ती में आके झड़ने लगी... आह... सतीश... मैं गयी... मम्मी की चुत शेव करने के बाद... सतीश उनकी गांड के बाल भी शेव करता है... फिर अपनी मम्मी की चिकनी गुलाबी चुत को झुक के चूम लेता है... अपने बेटे के होथों को अपनी चिकनी चुत पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में सिसक उठि...

सानिया : ओह... आह... सतीश बेटे ये क्या कर रहा... है मम.. मैं मस्ती में पागल हो रही हु... अब बस कर... आह... ओहह...
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सतीश मम्मी की चुत के दाने को मुह में ले के चूसने लगता है... और अपनी ऊँगली को मम्मी चुत में अंदर बाहर करने लगा... सानिया मस्ती में सिसकारी लेने लगी... मस्ती में मचलने लगी...
सानिया : आह... मम.. ओह... सतीश.. हाँ ऐसे ही... और ज़ोर से चूस है बड़ा मज़ा आ रहा है... मम... में झड़ने वाली हु... ओह... है ये कैसा जादु है तेरे हाथों में है में गयी....
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सानिया की चुत बहने लगती है... उसकी चुत से तेज़ी से वीर्य निकल के सतीश के मुह में जाने लगता है... सतीश अपनी मम्मी की चुत से मुह लगा के बड़े मज़े से उस वीर्य को चूस के पी रहा है...
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सतीश : मम्मी अब अपने नौ इंच के लंड से में तुम्हारी चुदाई करुँगा...
सानिया : आह... बेटा... जो करना है कर आज से में तेरी हु... मेरा ये जिस्म भी तेरा है...
तभि सतीश ने अपना नौ इंच का कड़क लंड मम्मी की चुत के छेद पे लगया ही था की मैं डोर की बेल्ल बज गयी.. बेल्ल की आवाज़ सुन के सतीश की झांटें सुलगने लगी उसके साथ केएलपीड़ी हो गया...
ओ ग़ुस्से में उठा और अपनी कमर पे टॉवल लपेट के दरवाज़ा खोलने चला गया... वो इस वक़्त ग़ुस्से में पागल हो रहा था..
उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला उसे एक झटका सा लगा... दरवाज़े के ख़ुलते ही उसका टॉवल जो उसने अपनी कमर पे लपेट रखा था वो भी खुल के निचे गिर गया... और उसका नौ इंच का खड़ा लंड टॉवल के गिरते ही स्प्रिंग की तरहा उछलने लगा... उसे इस बात का होश ही नही... वो तो बस घर के बाहर खड़े उस इंसान को देखे जा रहा है...
ये और कोई नहीं बल्कि सतीश की उनकी पड़ोसी सपना है.. सतीश एक तक सपना को देखे जा रहा है... उसे कुछ होश ही नहीं है... वो तो बस खोया हुआ है...
तभी अचानक सानिया की आवाज़ सुन के उसकी तंत्र तूटति है...
सानिया नंगी लेते हुए ही अपने बेटे से पूछती है...
सानिया : कौन है बेटा....?
सतीश : मम्मी.. ओ... ओ... ओ...
तभी सपना कहती है...
सपना : सानिया... मैं हु.... सपना...
सपना की आवाज़ सुन के सानिया फ़ौरन उठ के अपने कपडे पहेन ने के लिए बैडरूम में घुस जाती है...
सपना : अब तू मुझे इस तरहा घूरता ही रहेगा या फिर घर के अंदर भी आने देगा...
सतीश : ओह सोर्री... आओ ना...
फिर सपना जैसे ही अपना शॉपिंग बैग उठाने के लिए निचे झुकति है... सतीश की हालत देख के. उसका मुह खुला रह जाता है और आँखें हैरत से बड़ी हो जाती है...
सतीश : अरे क्या हुआ...? आओ ना आन्दर...

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सपना : बेटा तू अब बड़ा हो गया है... कपडे पेहन के घर में रहा कर.. सपना की बात सुन के जब सतीश खुद को देखता है तो हडबडा जाता है... उसका टॉवल निचे गिरा हुआ है और वो इस वक़्त सपना के सामने अपना नौ इंच का खड़ा लंड लिए नंगा खड़ा है.... सतीश शर्म के मारे अपना टॉवल उठा के अपनी कमर में लपेट लेता है और और जल्दी से अपने रूम की तरफ भागता है.... मगर दरवाज़े तक पहुंचते ही उसका टॉवल खुल के निचे गिर जाता है और वो एक बार फिर से नंगा हो जाता है.... सतीश इस बार अपना टॉवल उठाने की कोशिश नहीं करता... वो उसे वहीँ छोड़ के अपने रूम में घुस जाता है.... सतीश की हालत देख के सपना ज़ोर ज़ोर से हॅसने लगती है.... तभी सानिया अपने कपडे पहन कर बाहर हॉल में आती है.... वो सपना को हस्ते हुए देख के उलझन में पड़ जाती है और सपना से पूछती है क्या हुआ किस बात पे इतना हस रही हो
[Image: images?q=tbn%3AANd9GcSVElXP11v1chjV4WWlN...fTwD2DKbob]


सपना- अरे कुछ नही मैं शॉपिंग करने गए थी सोचा चलो तुम्हें अपनी ख़रीदारी दिखा दु इसलिए चली आई दोनो सानिया के बेडरूम में चले गये
उधर सतीश ने बाथरूम में जाकर लंबी सांसे ले रहा था आज उसे बहुत शर्म आरही थी सपना ने उसे आज नंगा देखा था उसे बाहर आने में बेहद शर्म आ रही है... उसकी पडोसन सपना ने उसे नंगा जो देख लिया था और वो भी तब जब उसका लंड पूरे जोश में खड़ा हो के मस्ती में हिल रहा था... सतीश छुपके से बाहर आया और इधर उधर देखने लगा.... वहाँ हॉल में किसी को न पा कर उसने सुकून की सांस ली.... वो वहां से सीधा मम्मी के कमरे की तरफ गया.... कमरा बंद था अंदर उसकी मम्मी और सपना बात कर रही थी... उसे उनकी बात साफ़ सुनाइ नहीं दे रही थी.... उसने उन्हें डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा और वो वहां से किचन की तरफ चला गया और अपने लिए खाना निकाल के खाने लगा खाना खा के वो अपने रूम में गया
फिर कुछ देर बाद उसकी मम्मी ने अपने रूम में जाने से पहले उसके रूम का दरवाज़ा खोला और अंदर झाँक के कहा.
सानिया : "रेडी, स्वीटी?"
अपनी मम्मी की आवाज़ सुन के सतीश का जिस्म सिहर उठा.. ये वो पल है जिसका न जाने उसे कब से इंतज़ार था... अपनी मम्मी को चोदने का उसका सपना आज सच होने वाला है... उसका जिस्म मस्ती में काम्पने लगा... वो कुछ न कह सका चुप चाप अपने बेड पे बैठा रहा...
सानिया अपने बेटे के पास आके खड़ी हो गयी... और उसने अपने बेटे का हाथ अपने हाथ में लेके कहा.
सानिया : तुम नर्वस हो...? तुम्हे नर्वस होने की कोई ज़रूरत नहीं है... तुम बहुत अच्छा करोगे......
सतीश : "याह."
दोनो को ये पता है की सबसे एक्ससायटिंग पार्ट वो होगा जब सतीश अपना लंड अपनी मम्मी की चुत में डालेंगा...
सानिया : "कम ऑन."
ये कह के सानिया उठि और अपने बेटे का हाथ पकड़ के उसे खड़ा कर दिया.
फिर सानिया ने जो कहा वो सतीश को चोंकाने के लिए काफी था. सानिया : उतारो...
सतीश : क्या...
सानिया : क्या सच में इसे किसी लड़की ने नहीं देखा...? क्या मेरे सिवा कभी किसी और लड़की ने तुम्हे ब्लोजॉब या हैंडजॉब नहीं दिया...?
सतीश : नहीं मम्मी.. मैंने इसे किसी भी लड़की को छुने तो दूर देखने भी नहीं दिया... मैंने तो बस इस का इस्तेमाल पिशाब करने ओर...
सानिया : ओर...?
सतीश : और तुम्हारे नाम पे मुठ मारने के लिए किया है...
सानिया : यु नॉटी बोय... मेरे नाम पे ही क्यूं...?
सतीश : क्यूँ की मम्मी..
सानिया : हा... हाँ बताओ शर्माओ मत.. मैं तो तुम्हारी मम्मी हूँ मुझसे क्या शरमाना..

[Image: 7702489116_60d7df4dc6.jpg]

सतीश : अभी मेरी उम्र १८ साल है... करीब ९ साल पहले मुझे तुमसे प्यार हो गया था... धीरे धीरे तुम्हारे लिए मेरा प्यार बढ्ने लगा. वो इतना बढा की मुझे हर लड़की में तुम्हारा ही चेहरा नज़र आता है... यहाँ तक की मैंने ये भी फैसला किया की में शादी करूँगा तो सिर्फ तुमसे करुँगा... इस जनम में तुम ही मेरी बीवी बनोगी...
सानिया : क्या सच में तुम मुझसे इतना प्यार करते हो...
सतीश : हाँ मम्मी.. मैं सच में तुम्हे अपनी जान से भी ज़यादा चाहता हु... तुम्हारे बगैर में जी नहीं पाउंगा... मैं मर जाउंगा...
अपणे बेटे के मुह से मरने की बात सुन के सानिया ग़ुस्से में उठि और उसने अपने बेटे के गाल पे ज़ोर का थप्पड़ मारा...
"चटाक....."
सानिया : ख़बरदार जो दुबारा तुमने मरने की बात की तो... तुम से पहले में अपनी जान दे दूंगी...
ये कह के सानिया ने उसे अपने गले से लगा लिया और रोते रोते कहने लगी...
सानिया : तुम्हे क्या लगता है में तुमसे प्यार नहीं करति.... मैं पिछले २ साल से तुम्हे दिवानो की तरह चाहती हु.
सतीश : क्या सच में मम्मी..?
सानिया : हा... ये सच है... मैं भी तुमसे बेहद प्यार करती हु... लेकिन में ये कहने से डरती थी... वरना तुम खुद ही सोचो की मैं क्या ऐसे ही तुमसे चुदवाने को तैयार हो गयी... ये बात जान लो की चाहे जो भी हो जाए एक माँ अपने बेटे से चुदवाने को कभी राज़ी न होगी... मैं तुम्हे अपना बेटा नहीं अपना लवर, अपना पति मानती हु... इसी लिए में तुमसे चुदाई करवाने तैयार हुई हु तुम मुझे अपनी बीवी बना लो... आई लव यु सतीश.. आई लव यु ...
 

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