Fantasy मेरे अंतरंग हमसफ़र

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अंतरंग हमसफ़र भाग 18
मेरे अंतरंग हमसफ़र

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -11

अलका फूफेरी बहन के साथ चुंबन

जिस तरह और गति से, मुझे नयी नयी लड़किया मिल रही थी और मैं उनकी चुदाई कर रहा था, उससे मैं भी हैरान था, पर यहाँ शिकायत किसको थीl मजे मिल रहे थे और मैं उनको लूट रहा था l

इस तरह मैंने अलका के नंगे कंधे को चूम लिया। मैं धीमी गति से चुंबन करते हुए उसकी ब्रा के पट्टे से होते हुए उसकी गर्दन पर चुंबन रोपण किये जिससे अलका कराहने लगी ।

मैंने उसे बिस्तर पर चित्त लिटा दिया। मैंने धीरे से उसकी गर्दन को चूसा जिससे अलका फिर से कराहने लगी। अपने होठों को अलग करते हुए, मैंने उसे उस प्यार से एक छोटे से निशान से लेकर उसके कान के निचले हिस्से तक चूमते हुए उसकी कामुक गर्दन को अपनी जीभ की नोक से गीला कर दिया। उसने धीरे से उसके कानों को चूसा, उस पर अपने होठों से किस किया। फिर अपनी जीभ उसके पूरे कान के बाहरी हिस्से पर घुमाई, फिर जीभ की नोक उसके कान के अंदर गुसाई तो वो फिर इसससस करती हुई कराह उठी और फिर धीरे से उसके कान के नीचे की लटकन को चूसने लग गया ।

मैं जो कुछ कर रहा था, उसकी कामुकता पर अलका हैरान थी। उसका मन नियंत्रण से बाहर हो रहा था और उसका शरीर पहले से ही खुशी की लहर पर सवार था, जिसकी तीव्रता धीमी होने का कोई संकेत नहीं दिखा रहा था। मेरे होठ उसके कान से उसके माथे पर चले गए, और फिर मैंने उसकी आँखों में से प्रत्येक पर एक कामुक नरम चुम्बन किया । उसके गाल उसके नाक, और फिर उसकी ठोड़ी। अलका की आँखे बंद थी । जैसे मैं उसे किस कर रहा था उससे उसने अनुमान लगाया के अब मैं उसे ओंठो को किस करूंगा ।

बेसब्री से मेरे होठों का अपने होठों का अनुमान लगाते हुए, अलका ने अपना सिर ऊपर कर लिया ताकि हमारे ओंठ मिल जाए लेकिन मैंने उसके ओंठो पर अपनी कुछ गर्म साँसे छोड़ी जिससे उसे मालूम हो गया मेरे ओंठ उसके ओंठो के ऊपर ही मंडरा रहे हैं, इतना पास के उसे मेरे ओंठो का अनुमान लगता रहे पर किस न हो । हमारी साँसे तेज चल रही थी मेरी गर्म सांसे वो मह्सूस कर रही थी और मैं उसकी गर्म साँसे महसूस कर रहा था ।

उसने अपने होंठ अलग किए और मुँह खोला और फिर से अपना सर उठा कर मुझे चुंबन करने की कोशिश की, लेकिन मैंने अपना सर उतना ही पीछा कर लिया जितना उसने उठाया था ताकि ओंठो का चुम्बन उसकी पहुँच से बाहर रहे । वह व्यग्र हो उठी और आँखे बंद रखते हुए बोली"मेरे ओंठो पर चुम्बन कीजिये प्लीज, मेरे ओंठो को क्यों तरसा रहे हो आप, प्लीज, मुझे अपने ओंठ दीजियेl"अलका ने गुहार लगायी और उसने अपने ओंठ खोलते हुए जीभ को लहराते हुए अपना सर और ज्यादा ऊपर उठा दिया। वो तड़प उठी थी ।

मैं उसकी तड़प को और नहीं देख सका और अपने खुले मुंह को उस के मुँह पर लगाया। अब इस के बाद व्यग्रता के कारण अलका ने ऐसा तीव्र चुंबन किया जिसकी तीव्रता बहुत अधिक थी । यह किस काफी लम्बा चला ये क्षण सिर्फ मेरा और अलका का था, इस क्षण और कुछ महत्त्व नहीं रखता था, कुछ नहीं और कुछ भी अस्तित्व में नहीं रहा। वह मेरी थी और मैं उसका था । शरीर, मन और आत्मा दोनों एक हो गए ।

शाश्वत प्रेम में डूबे हुए प्रेमी, पता नहीं कितनी देर तक एक दुसरे को चूमते रहे, ऐसे जैसे कोई जन्मे के बिछड़े प्रेमी मिल गए हो । हम प्रेमियों ने एक दूसरे को, अपने हाथ और पैर, शरीर के चारों ओर लपेटकर चूमा। कभी मैं ऊपर कभी वह ऊपर बस पागलो की तरह चूमते रहे । अलका ने अपनी उंगलियों को मेरी नंगी पीठ के ऊपर और नीचे दौड़ाया, धीरे से उसने अपने नाखूनों को नेरी पीठ की त्वचा पर रगड़ दिया। मेरी उंगलियों ने उसकी रेशमी अधोवस्त्रो को महसूस किया मालूम ही नहीं चल रहा था कहाँ अधोवस्त्र समाप्त हो रहे हैं और उसकी त्वचा कहाँ से शुरू हुई। मेरा स्पर्श उसकी निर्दोष चिकनी रेशमी त्वचा जो वस्त्रो की मुकाबले काफी गर्म थी उसे महसूस कर रहा था ।

मैंने हाथ नीचे खिसकाया और धीरे से उसकी गांड को सहलाया। जैसे-जैसे हमारे होंठ और जीभ अपने हमले जारी रखते थे, मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ और उनके कामुक नितम्बो के गालो को ऊपर-नीचे हो रहे थे। मैंने धीरे से अपने हाथों से उसकी गांड को दबाया तो अलका ने मुझे और भी अधिक आक्रामक तरीके से चुंबन करते हुए जवाब दिया। मैंने उसकी गांड की दरार में अपनी उंगलियाँ फँसा दी और उसकी गीली पैंटी से ढँकी चूत तक पहुँच धीरे से अपनी उंगली उसके ऊपर चलाई। अपनी उंगली पर गीलेपन का आनंद लेते हुए, उसने उसकी चूत को रगड़ा और अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को दबाया। मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा उसे जैसे करंट सा लगा और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उसका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया थाl

"ऊह यस।"अलका कराही और उसने चुंबन तोड़ दिया । उसने वासना भरी आँखों से मुझे देखा और उसे फिर मुझे उतनी ही उत्तेजना से दुबारा चूमा, मैंने अपने जीभ उसके मुँह में सरका दी तो वो मेरी जीभ चूसने लगी । मेरा हथियार अपने पूरे जोश पर था वो भी उसके बदन पर अपने चुम्मे दे रहा था और अपनी म्यान को छुपा रही उसकी हीरे के आकार वाली पेंटी को फाड़ कर म्यान प्रवेश के लिए मचल रहा था। वो अभी भी अपने हाथों को मेरी पीठ और नितंब पर चला रही थी ।

वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगाl अलका मुझसे कस कर लिपट गयीlमेरे हाथ अब उसके स्तनों पर पहुँच गए मैंने चुम्बन करते करते उसके गोल गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर ब्रा के ऊपर से ही दबायाl मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थेl मेरे हाथ को उसके निप्पल जो उत्तेजना के अतिरेक से कड़क मह्सूस हुए और लगा अब समय आ गया है जब अलका के बदन को सब बंदनों से आज़ाद कर देना चाहिए ताकि प्रेम के सागर में वो आज़ादी भरी डुबकी का आनंद ले सके l

मैंने चुम्बन को तोड़ दिया तो उसने मेरी तरफ ऐसे देखा के चुम्बन क्यों तोड़ दिया और वो दुबारा मेरे सर को पकड़ कर किश करने लगी l तो मैंने अपनी उंगलिया उसके गले के पास उसकी रेशमी ब्रा के स्ट्राप में घुसा कर उसकी पीठ तक ले गया चुम्बन को तोडा फिर उसको उसके सिर के ऊपर खींच लिया तो उन भी बाहे ऊपर उठा कर पूरा साथ दिया, जिससे वह ब्रा लेस हो गई। पर अभी भी उसकी छाती पर हार और गहने थे । मैंने एक बार फिर उसको देखा गहनों में अलका बेहद आकर्षक लग रही थी मैंने उसे गले लगाया तो तो धीरे से बोली , हार चुभ रहा है l आपको नहीं चुभा l मैं कुछ नहीं बोला और उसकी गर्दन के पीछे हार की डोरी को ढीला करने लगा उसे भी समझ आ गया, अब सभी बंधन खोलने का समय आ गया थाl

मैंने उसके बूब्स को सहलाया अब उसे ये भी समझ आ गया l मैंने चुम्बन क्यों तोडा था और उसके गले में पहने गहनों को उतार दियाl l बिच बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी मेरे एक हाथ उसकी पीठ पर था l

मैं बैठ गया तो अलका भी अपनी बाजुओं के भार होकर बैठने लगी जिससे उसके बड़े बड़े गोल सुडोल और दृढ अनछुए स्तन अपना आकार बताने लगे । मैंने बस धीरे से उनके ऊपर हाथ चलाने से पहले उन्हें गौर से देखा । और स्तनों के नीचे हाथ रख कर उनका बजन महसूस करने लगा उसके सख्त और गुलाबी निप्पल सीधे मेरी और इशारा कर रहे थे । मेरी वासना चरम पर थी तो मैंने उसके स्तनों की मालिश करना शुरू कर दिया ।

अलका फिर कराहने लगी जिसे सुनकर, मैंने अलका को धीरे से उसकी पीठ पर लेटा दिया। और उसकी ओंठो पर किस किया फिर उसकी ठोड़ी पर गर्दन पर किस करते हुए धीरे धीरे उसके स्तनों की और बढ़ा उसके दाए स्तन को किस किया और फिर स्तनों के बीच की घाटी को किस करके चाटा और फिर उसके दाए स्तन को किस किया और चाटा क्योंकि मैं उसके दायी और ही था l फिर उसके स्तनों के नीचे मुँह लेजाकर स्तनों के निचले हिस्सेको भी चूमा और चाटा l जहाँ उसके स्तन उसकी छाती से मिलते थे वहां चूमा तो वह कराह उठी l फिर धीरे धीरे चूमते हुए उसके निप्पल की और बढ़ने लगा उसके निप्पल उत्तेजने से एकदम खड़े हो कर मुझे आमंत्रित कर रहे थे प्लीज हमे चूसो उधर अलका आँखे बंद कर लेटी हुई थीl

आगे जो हुआ वो मेरे लिए बहुत मुश्किल था पर मैंने पता नहीं कैसे कर लिया मैंने उसके निप्पल को न तो चूमा न चूसा l एक दो फूक मारी और उनके आस पास चूमते हुए सारे स्तन को चूमने लगा अलका इस प्रत्याशा में थी के अब मैं उसके निप्पल चूसूंगा उनसे खेलूंगा पर मैंने सोचा इसे एक बार फिर जैसे ओंठो के चुम्बन के लिए तड़पाया था वैसे ही तड़पाया जाय l क्योंकि उसके बाद जैसा चुम्बन मिला था शायद वैसा की कुछ अब फिर हो जाए l

तो मैंने फिर बाए स्तन पर किस करते हुए उसके नीचे के हिस्से तक गया और उन्हें भी बाए स्तन की तरह निचले हिस्सेको भी चूमा और चाटा l तो वह कराह उठी l फिर धीरे धीरे चूमते हुए उसके निप्पल की और बढ़ने लगा उसे लगा मैं उसके बाये निप्पल को चूसना अब शुरू करूंगा पर मैंने निप्पल को न तो चूमा न चूसा l एक दो फूक बाए निपल पर मारी और उनके आस पास चूमते हुए सारे स्तन को चूमने लगा उसे मेरी गर्म साँसे पाने स्तनों पर महसूस हो रही थीl

पर इस बारी वो मेरी शरारत भरी चाल को समझ गयी थी उसने मेरा सर पकड़ा एक गति में, उसने मेरा मुंह उसके उभरे हुए निप्पल पर उतारा और मैंने उस को चूमा फिर पूरे निप्पल को चूसा, मेरी इस अचानक आक्रामकता ने अलका को उत्तेजित कर दिया और उसने मेरे द्वारा और अधिक निप्पल चूसने के लिए अपनी पीठ उठा कर उसे धनुषाकार कर दिया। वो बोली दीपक चूसो इनको जोर से चूसो आह उह प्लीज ऐसे ही चूसते रहोl मैं एक हाथ से एक स्तन दबा रहा था और दुसरे हाथ से दूसरा और साथ साथ निपल चूस रहा था और आसपास के स्तन के हिस्से को अपने मुँह में ले लिया।

मैंने उसका बाय निप्पल पूरा मुँह में लेते हुए अपनी जीभ पूरे निप्पल पर घुमाई और उसके स्तन के कुछ हिस्से को को धीरे-धीरे मुँह से बाहर निकाल दिया। मैंने निप्पल को चूसना जारी रखा, अपनी जीभ को निपल के चारो और घुमाते हुए उसके निप्पल को ओंठो के बीच दबा कर धीरे से खींचा। फिर स्तनों को अपने हाथ से सहलाया और धीरे से नीपल्ल को हल्का सा काटा जिससे अलका के शरीर में हलके से दर्द भरे आनद की लहर दौड़ गई। उसने मुझे"चूसोl मेरे बेबी! इनको चूसो"कह कर मेरा जोश बढ़ाया और बोली"यह बहुत अच्छा लगता है!"

जहाँ तक निप्पल चूसने का मसला था , मुझे इसके लिए किसी प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं थीl लड़कियों के स्तन मुझे हमेशा आकर्षित करते थे और मैंने एक बार अपनी माँ को किसी से बात करते हुए सुना था की बचपन में भी दूध पीते हुए मैं उनके निप्पल आसानी से छोड़ता नहीं था l और स्तनों पर खूब हाथ मारता था l वैसे भी मनोविज्ञानिक कहते है नवजात के लिए भी चूचक वो स्थान है जहाँ पर उसे मीठा दूध मिलता है इसलिए स्तन और चूचक हर इंसान चाहे वो लड़का हो या लड़की हो, अति प्रिय होते हैं और मैं भी इस मामले में कोई अपवाद नहीं था l

आगे क्या हुआ ...
ये कहानी जारी रहेगी l
आपका दीपक
 
LEGEND NEVER DIES................................
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Update 13

जेन के साथ सेक्स.- अंतरंग हमसफ़र भाग 13


"मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -12 " में पढ़ा



मेरे होंठ जेन के ओंठो के साथ चिपके रहे, हमारी भुजाओं ने एक दूसरे को कमर के करीब से जकड़ा हुआ था, उसका हाथ मेरे कठोर लंड की ऐंठन को पकडे हुए था, जबकि मेरे दुसरे हाथ की उंगलियां क्लिटोरिस और उसकी योनि के साथ व्यस्त थींl उस समय केवल हमारे चुंबन और हमारी आह की आवाज ही वहां सुनाई दे रही थीl ये तब तक चलता रहा जब तक मेरे द्वारा उसकी चूत की छेड़ छाड़ और उसके चूत के दाने को सहलाने के कारण उसका शरीर हल्का सा थर्र्राया और मेरी उंगलियो ने उसकी योनि से निकलता हुआ गीलापन महसूस किया। और वह तेज तेज साँसे लेती हुई धीमे से मेरे कानो में बोली "ओह! दीपक मजा आ गया! अरे ये मुझे क्या हुआ?" "मुझे माफ़ कीजियेगा मैंने आपका हाथ गीला कर दिया।" वह शर्माते हुए बोलीl "


मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयीl उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिली और मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी, तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला, कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुईl उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदाl फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनायाl रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुईl फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदाl रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ, और रोजी मेरे साथ शहर आ गयीl उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आयेl मैं मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया और वहां उससे प्रेम निवेदन किया और रात में रोजी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआl अगले दिन सुबह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं और जेन नाश्ते के बाद घूमने निकले ( मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -1 -12)।


अब आगे


ये कह कर मैं चुप हो गया क्योंकि मैं भी उस अनुभव की यादो में खो गया था तो प्रीती बोली आगे क्या हुआ? जेन के साथ आपका मिलन कैसे और कहाँ हुआ.. बताइये प्लीज ।


तो मैं बोला;


थोड़ी ही देर में जेन की उखड़ी हुई साँसे, संयत हो गयी और फिर मैंने उसे समझाया कि जिस परमानंद को उसने अभी महसूस किया था, वह केवल उस खुशी का थोड़ा सा संकेत मात्र था जो मैं उसे दे सकता था, अपने लंड को उसकी योनि में डालकर।
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मेरी मजेदार प्रेरक वाक्पटुता और उसकी इच्छाओं की गर्माहट ने जल्द ही उसके सभी स्त्री सुलभ डर और दबाव को खत्म कर दिया, और वो मुझे चूमने लगी मेरे लिए इतना इशारा काफी था।


फिर उसकी ड्रेस को नुकसान पहुंचने के डर से, या मेरे हल्के सफ़ेद रंग की पतलून के घुटनों पर घास का हरा दाग लगने के डर से, मैं उसे एक गेट जो वहां था उस पास ले गयाl मैंने उसे गेट के पास खड़े होने के लिए राजी कर लिया और मैं उसके पीछे आ गया। उसने गेट का एक हिस्सा पकड़ते हुए अपना चेहरा अपने हाथों में छिपा लिया, जैसे ही मैंने धीरे से उसकी ड्रेस उसके नितम्बो से ऊपर कर दी, तो मेरे देखने के लिए क्या नजारा मेरे सामने आया थाl मेरा लंड जो पहल ही पेण्ट से बाहर था, उसकी गोल चिकने नितंबों को देखते हुए एक पल में अपने पूरे विकराल रूप में आ गयाl लंड की कठोरता नवीनीकृत हो गई थीl उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया.आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी ।


मैंने उसके नितम्बो के बीच की सफ़ेद सुंदर दरार को सहलाया तो वह कहराने लगी जैसे उसे बहुत राहत मिली हो। मैंने नितम्बो को दबाया क्या नरम और मजबूत नितम्ब थे मैंने दरार को थोडा खोला और उसके मांस को उजागर किया, तो मैं उसकी योनि के मोठे होंठों को देख सकता था, जो दो पंखो जैसे लग रहे थे , जो नीचे की तरफ नरम थेl उसकी सुदृढ़ पुष्ट जाँघे, सुन्दर घुटने उसके प्यारे पैर, लम्बी केले के पेड़ के तने जैसी लम्बी चिकनी टाँगे, सुन्दर लम्बे जूते सब मिला कर, बहुत सुन्दर बना रहा था, जिसे मैं लिख और वर्णन करता हूँ तो आज भी मेरा लंड उत्साहित हो कठोर हो रहा है ।
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ये नज़ारा मेरे लंड की सूजन के विकराल होने का कारण बन गया l सबसे खूबसूरत और शानदार दृश्य था। मैं उसके नीचे झुका, और उसके नितम्बो को चूमा, और सब कुछ जहाँ तक मेरी जीभ तक पहुँच सकता थी उसको भी चूमा । यह सब मेरा था, मैं उठ कर खड़ा हुआ और प्रेम सिंघासन का कब्जा लेने के लिए तैयार हो । ऐसे में गोरी चिट्टी जेन को मुँह से गू गू आवाजे निकली वो गाये के रम्भाने जैसी थी।


अपना प्रेम औजार को पकड़ कर प्रेम की गुफा के द्वार के पास लाने ही वाला था की जेन अचानक से चीखी! बचाओ! जेन बेहद परेशान हो गई और डर गयी थी । उसकी गु गु की आवाज सुन कर एक सांड आकर्षित हो कर उसी और आ गया था। उसे एक बहुत बड़ा भयानक सांड अप्रत्याशित रूप से उसके सामने की तरफ दिखाई दिया,और उस सांड की ठंडी नम नाक जेन के माथे से अचानक छूने से मेरी प्यारी जेन उस समय बहुत ज्यादा डर गयी। वह पलटी और सीधी खड़ी हो गयी और मेरे साथ लिपट गयी और उसके कपड़े उसके बदन पर गिर गए, हमारी सारी व्यवस्था एक पल में उलट पलट हो गयी।
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जेन चिल्लाते हुए बेहोश होने वाली थी, " दीपक, दीपक! बचाओ मुझे इस भयानक जानवर से बचाओ!" मैंने उस जानवर को देखा और बोला ऐ भागो यहाँ से। ये देख कर ये वो गाय नहीं है जिसकी पुकार सुन कर वो यहाँ आया था. वो आज्ञाकारी सेवक की तरह एक तरफ को चला गया। जेन मुझ से लिपटी हुई थी और बोली प्लीज दीपक यहाँ से चलो मुझे बहुत डर लग रहा है। मैंने जेन को भरोसा दिलाया के गेट बंद है और गेट की इस तरफ हम दोनों बिलकुल सुरक्षित हैं। और फिर खुले और जंगल में प्यार का यही तो रोमांच है। जो इस प्यार को ख़ास बनाता है।
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मैं शान्ति के साथ उसे गेट के मध्य के पास ले गया, वहां पर लगा हुआ ताला दिखाया और गेट की ग्रिल और ताले को को हिला कर दिखाया के वो मजबूत हैं तो जेन आश्वस्त हो गयी के हम सुरक्षित हैं।



पर फिर भी वह बोली प्लीज यहाँ से चलो मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है यहाँ। तो मैंने उसे कुछ प्यार भरे चुम्बन किये तो वह कुछ संयत हो गयी और चुम्बन में मेरा साथ देने लगी।

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उसने अपनी ड्रेस थोड़ी ठीक की, मैंने भी अपनी पेण्ट थोड़ी ठीक की जिससे मैं चल पाऊ और फिर हमने दोनों ने चलना फिर शुरू किया, और कोई और अनुकूल जगह ढूंढने लगे । जल्द ही एक अनुकूल छायादार स्थान हमने ढूंढ लिया । मैंने कहा क्या यह जगह आपको ठीक लगती है प्रिय जेन तो उसने सहमति में सर हिला दिया। "आओ, प्रिय जेन , मेरे पास बैठ जाओ और मुझे यकीन है, प्रिय उस चौंकाने वाली रुकावट से उबरने और उसकी भरपाई के लिए ये अच्छी जगह है आप बहुत घबरा गयी थी।"

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मैंने उसे अपने साथ लायी बोतल जिसमे शराब और ख़ास देसी दवा की कुछ बूंदे मिली हुई थी वह उसे पीने को दी। उसने कुछ घूँट पि तो मैंने भी उसके कुछ घूँट भर लिए।. वैसे दवा कुछ बूंदे मैंने जेन से छुपा कर उसके नाश्ते में भी मिला दी थी ताकि आज वह मेरे साथ खुल कर बेजिझक संसर्ग कर सके। कुछ देर मैं उसकी खूबसूरती की तारीफ करता रहा आपकी बड़ी बड़ी नीली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ सुनहरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्स. नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर 36 26 36 था. कद 5 फुट 7 इंच था, मीठी कोयल जैसी आवाज़ मुझे मदहोश करती है। बहुत सुन्दर हो आप जब से मैं जवान हुआ हूँ और आप को देखा है तब से आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता था।आज आप मेरी हो गयी हैं ।
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आप बहुत सुन्दर , सबसे गोरी मस्त माल हो . आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँl मैंने हल्की सी आवाज में ' आई लव यू जेन' आपको मालूम नहीं है. मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है आपने मेरे दिल दिमाग पर काबू कर लिया हैl मैं उसको बोला आपके गुलाबी नरम गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले।



जिसे सुन कर वह शर्माने लगी और उसका चहेरा लाल हो गया । मैंने पुछा क्या आपको अभी भी डर लग रहा है तो वह बोली नहीं । मैंने फिर उसको अपने से हल्का सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की । उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो उसने आँखे खोली और मुस्करायी। मैं फिर तो मैंने उसे चूमना शुरू किया। उसके ओंठ बेहद नरम और गीले थे लेकिन इस बार वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।


फिर एक हाथ उसकी छाती पर ले गया और उसे सहलाते हुए उसके मुलायम बदन को महसूस कर रहा था और उसके गोल गोल बूब्स को सहला दबा रहा था। धीरे धीरे दवा ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और वह भी मेरी छाती पर अपने हाथ फिराने लगी। मैंने उसकी छाती को कस कर दबाया तो वह मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 36 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी।


फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला. तो जेन ने कहा कि दीपक प्लीज धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उसके होठों को चूमता हुआ, नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब जेन भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। मैं उसका पूरा चेहरा गाल नाक माथा आँखे धीरे धीरे सब चूमते चूमते चाट गया।


अब में जेन की की ड्रेस के ऊपर का हिस्सा खोल कर उसके बूब्स को दबाने लगा था ।. उसके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, मैंने उसकी ड्रेस के टॉप को बिलकुल ढीलाकर दिया। उसने उसके नीचे लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी । मैंने पहले उसकी ब्रा पर हाथ फिराया और उसके नरम बूब्स को महसूस किया। बहुत शानदार अहसास था!! फिर उसकी लाल ब्रा भी खोल दी तो उसने भी अपनी बाजुए ऊपर कर दी तो मैंने खींच कर ब्रा उतार दी। उफ़फ्फ़! भगवान् ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था! अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और खुले हुए पोस्ट बॉक्स में से अपने आप ही उत्तेजित होकर बाहर आ गया जैसे वह भी उन शानदार बूब्स की पहली झलक देखना चाहता हो। उसके गुलाबी निपल भी उत्तेजित होकर कड़े हो गए थे।


मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे। मैंने उसके निप्पल कड़क मह्सूस किये और उसकी छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा। मेरे दबाने से दोनों गोरे बूब्स एक दम लाल हो गए।


मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा । दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे । जेन के पिंक गुलाबी निप्पल उत्तेजना से खड़े हो चुके थे । मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगीl उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। मैंने उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा।


उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में था। मैंने उसको अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया उसकी पीठ बहुत चिकनी थी ।


मैंने अपनी शर्ट को खोल दिया और जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया। उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे। मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता। मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि. फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था। मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था । मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा। हे भगवान्! मैं बता नहीं सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी।


मैंने उसके दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया। मैंने चूचियों को दांतो से काटा। जेन कराह उठी आह! आह! दीपक!! प्लीज धीरे करो, प्लीज काटो मत।


मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह, उह, आह! फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दियाl उनके मोमो कड़क हो गए थेl मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो जेन कराह रही थी, आह1 यह1 आह1


जेन बोली धीरे प्रिय धीरे प्यार से चूसो, खेलो सब तुम्हारा ही हैl उसके बूब्स अब सुर्ख लाल हो चुके थेl


मैं बार बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहा, जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग सी न लग गयी। पहली बार कोई ऐसा उसके साथ सम्भोग कर रहा था। उसके शरीर में एक उफान सा आया। उसका शरीर अकड़ा और फिर कांपने लगा और वह निढाल सी हो गयी और उसकी चूत को छूआ मुझे योनी में एक बार फिर गीलापन महसूस हुआ।


कुछ देर वह मेरी बाहो में ऐसे ही लेटी रही और हम लिप किश करते रहे । मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी । फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा । मैं जेन को बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 5-10 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा ।


जब मुझे लगा जेन की उखड़ी हुई सांस संयत हो गयी है तो फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा । वह बोली आज मार ही डालोगे क्या? मैंने कहा इसके अलावा मैं चाहता हूँ के हमारे प्रेमालाप में उस बैल के कारण आये व्यवधान से हुई निराशा की भरपाई करि जाए और इसके लिए आप अभी और उत्तेजना को प्राप्त करें। "


ये जान कर के कि अब वो समय लगभग आ गया, उसके प्यारे चेहरे पर गर्म लाल खून की धारें बहने लगती है। उसने अपनी आँखें नीचे झुका ली तो मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और एक दुसरे को देखते हुए हम कंधे से कंधा मिलाकर गहरी घास पर लेटे रहे और एक दुसरे को एक प्रगाढ़ आलिंगन में चुमबन करने लगे।


" जेन! ओह! जेन!" मैंने हांफते हुए कहा, " मेरी प्यारी जेन मुझे अपनी जीभ की नोक दो ।" जैसे उसे पहले से ही कामना के अनुरूप उपजने वाली रमणीय प्रत्याशा हो की मैं ऐसा ही कुछ करूंगा या मांगूंगा उसने मेरी कामना की पूर्ती करते हुए बिना किसी हिचकिचाहट के, बिना किसी झिझक के, अपनी मखमली जीभ एक गहरी आह के साथ मेरे मुँह में डाल दी। मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था, और दूसरे के साथ मैंने धीरे से उसके स्कार्फ़ को हटा दिया, और एक तरफ अपने शर्ट को उतार कर फेंक दिया, और इस दौरान उसकी जीभ को चूसता और चूमता रहा।



आगे क्या हुआ ..
अगले भाग में जेन के साथ मुखमैथुन और सेक्स की कहानी जारी रहेगी- अंतरंग हमसफ़र भाग 14
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जेन के साथ सेक्स.- अंतरंग हमसफ़र भाग 14

"मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -13 " में पढ़ा

" जेन! ओह! जेन!" मैंने हांफते हुए कहा, " मेरी प्यारी जेन मुझे अपनी जीभ की नोक दो ।" जैसे उसे पहले से ही कामना के अनुरूप उपजने वाली रमणीय प्रत्याशा हो की मैं ऐसा ही कुछ करूंगा या मांगूंगाl उसने मेरी कामना की पूर्ती करते हुए बिना किसी हिचकिचाहट के, बिना किसी झिझक के, अपनी मखमली जीभ एक गहरी आह के साथ, मेरे मुँह में डाल दी । मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था, और दूसरे के साथ मैंने धीरे से उसके स्कार्फ़ को हटा दिया, और एक तरफ अपने शर्ट को उतार कर फेंक दियाl इस दौरान उसकी जीभ को चूसता और चूमता रहा । "


मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिली और मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुई । उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुई । फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा । रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयी । उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये और मैं और मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया । वहां उससे प्रेम निवेदन किया और रात में रोजी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ अगले दिन सुबह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं और जेन नाश्ते के बाद घूमने निकले वहां हमने संसर्ग शुरू किया ही था की एक बैल वहां आ गया जिससे जेन डर गयी और हमने जगह बदल कर दुबारा संसर्ग शुरू करने की कगार पर थे ( अंतरंग हमसफ़र -1 -13) ।

अब आगे


तो मैं बोला प्रीती फिर मैंने जेन के गले पर बेतहाशा किस किया और काटने लगाl

वो बोली प्लीज काटो मत निशाँ पड़ जाएंगे l कोई पूछेगा तो क्या जवाब दूँगी?

मैंने फिर उसकी कंधो पर किस किया फिर मैं उसके गालो पर टूट पड़ा। उसके गाल बहुत नरम मुलायम सॉफ्ट और स्वाद में मीठे थे । वह कराहने लगी आअह्ह्ह्ह! आयीीी! ऊह्ह्हह्ह! मर गयी, मार डाला, प्लीज प्यार से करो, दर्द होता है ,और उसकी कराहट से मेरे जोश और बढ़ गया।.

मैं अपने हाथ उसके पीछे ले गया और उसकी मुलायम नरम पीठ को पहले सहलाया फिर कस कर पकड़ लिया। कुछ देर बाद मैंने उसे थोड़ा ऊपर किया और फिर मैंने मैं उसके दाए निप्पल को चूसा और काटाl फिर मैंने बाए निप्पल को चूसा और काटा, और पहली को हाथ से दबोच रहा था! वो बहुत फूल चुकी थी।और बोला जेन तू बहुत मीठी हैl मैं तुझे खा जाऊँगाl
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जेन बोली अगर खा जाओगे तो प्यार किसे करोगेl मेरे दोनों चुची को एक साथ चूसने से वह कराह रही थी, आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगीl जेन अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी।
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अब मैंने फैसला कर लिया. अब मुझे उसे पूर्ण नग्न देखना है और मैंने उसे नग्न करने के लिए उसकी स्कर्ट खोलने का और उसे उतारने का उपक्रम शुरू करने लगा, तो उसने बहुत हल्का सा प्रतिरोध किया । तो मैंने उसे प्यार से उसके स्तन चूमते हुए बोला क्या तुम्हे अपने बाकी जिस्म को छूने , सहलाने और चूमने का जादू अनुभव नहीं करना है तो उसने प्रतिरोध छोड़ते हुए अपना जिस्म ढीला कर मेरे हवाले कर दियाl
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जेन बोली "जैसा आप ठीक समझो करो, मेरे प्रिय प्रेमी! अब सब कुछ तुम्हारा ही है ।"

मैंने खींच कर उसकी स्कर्ट को उतार डाला और उसकी पैंटी को खींचा तो उसने चूतड़ उठा कर पेंटी उतारने में मेरा साथ दिया और मैंने उसे पूरी नंगी कर दिया।
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मैंने उनको एक तरफ रख दियाl उसकी योनि पर कोई बाल नहीं था । मैंने हाथ फिराया तो बोली मैंने आज ही साफ़ किये हैंl जैसे आप किश करते हैं, उससे मुझे लगा आपको यहाँ बाल बिलकुल पसंद नहीं होंगे।

मैंने जेन के एक हाथ को अपने तैयार कठोर लंड पर रखा, जो उत्तेजना के कारण फटने की स्थिति में थाl मैंने उसकी जीभ को एक पल के लिए छोड़ दिया और कहा "जेन , हमारे प्यार के हथियार को अपने हाथ में ले लो।"

उसने घबराते हुए उसे पकड़ लिया और वह धीरे-धीरे मेरे कान में फुसफुसाते हुए बड़बड़ा रही थी: "ओह, दीपक , अभी भी मुझे बहुत डर लग रहा है, और फिर भी, आप मुझे सबसे प्यारे लगते हो । हालाँकि मैंने पढ़ा और सुना है ये ही वह यह निषिद्ध फल है जिसके कारण आदम और ईव को जन्नत से निकाला गया था । मुझे लगता है, अगर इसमें मैं मर भी जाऊं तो भी, मुझे प्यार की इस सबसे सुस्वादु मिठाइ का स्वाद लेना चाहिए। "

उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी फिर उसने मेरे लंड को दबाया और मेरे लंड पर ऊपर नीचे हाथ फेरा। उसके द्वारा लंड को प्यार से सहलाने से लंड और व्यग्र हो गया और नसे कुछ ज्यादा फूल गयी।

उधर मेरा हाथ भी नीचे अपना रास्ता खोजने में व्यस्त था वहीँ मैंने फिर से उसका मुँह चूमने लग गया, और उसकी जीभ को तब तक चूसा, जब तक कि मैं उसकी बढ़ी हुई उत्तेजना के अतिरेक के कारण उसके पुरे बदन का कंपन महसूस नहीं किया और मेरा हाथ, जो आनंद की गुफा के द्वार पर पहुँच गया था, उसके गर्म रज से भीग गया।

चुकी रोजी और रूबी के साथ थ्रीसम में मुझे मुखमैथुन के जादू के बारे में पता चल चूका था तो मैं जेन को भी इस अमृत से परिचित करवाना चाहता थाl

" मेरी प्यारी जेन! अब मैं तुम्हें वहाँ चुंबन करूंगा, और तुम्हारे प्रेम का अमृत का स्वाद चखना चाहूंगा ।" मैंने कहा और चुम्बन तोड़ कर होंठ अलग करते हुए अपनी स्थिति को उलटते हुए अपना चेहरा उसकी जाँघों के बीच घुसा दिया, उसने या उसकी जांघो ने कोई प्रतिरोध नहीं किया। उसकी योनि पर और उसके आसपास कोई बाल नहीं थाl

मैंने उसके तंग योनि के होंठों को आनंद के साथ चूसा, फिर मेरी जीभ ने अपनी संवेदनशील भगशेफ को छेड़ने लगी , जिसने उसे चुदने की पागल इच्छा के उन्माद में डाल दिया, उसने आनंद लेते हुए अपने टांगो को मेरे सिर के ऊपर घुमायाl मेरे सिर को अपनी शानदार चिकनी और मजबूत जांघों के बीच दबा दिया।

मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत की दरार में डाली तो वह गीली हो गयीl मैंने आसानी से अपनी ऊँगली को उसके छेद में डाल दियाl मेरी जीभ उसके कड़े छोटे से भगशेफ को टटोलने, छेड़ने में व्यस्त थीl मेरी ये हरकते उसे इतनी उग्र अवस्था में ले गयी कि उसने मेरा लंड पकड़ लिया, और अपने मुँह को मेरे लंड को पर ले आयी और उसने लंड मुंड पर एक मीठी किस करिl

मैं भी उसे ऐसा करने का मौका देने के लिए उसके ऊपर लेटा हुआ थाl उसने अपनी जीभ को लंड के सिर पर फिराया और फिर उसने अपने ओंठ खोलते हुए लंडमुंड को मुँह के अंदर ले लिया उसने ख़ास ख़याल रखा के लंड को उसके दांत न लगें। दोनों कामोत्तेजक आनंद में कराह रहे थे । फिर अत्यधिक उत्तेजना से उसके जलाशय में बाढ़ में आ गयी, जिसे मैं चूस गया और उसने भी लंड से हुए शुक्राणु विस्फोट की हर बूंद को चाट गयी।

हम दोनों अपनी भावनाओं की अधिकता से निढाल होकर लगभग बेहोश हो गएl थके हुए हौं दोनों तब तक वैसे ही लेटे रहेl जब तक मुझे लगा कि उसके प्यारे होंठ फिर से मेरे प्यार के इंजन को दबाने और चूसने लगे हैं। इसका प्रभाव जादुई था और मेरा लंड हमेशा की तरह कठोर हो गया था।

"अब प्रिय, क्या तुम प्यार के असली स्ट्रोक के लिए तैयार हो ।" मैंने कहा। मैंने अपनी जगह को बदला और उसकी खूबसूरत स्पंदन करती हुई जांघों को अलग किया, ताकि मैं उनके बीच अपने घुटने टेक सकूं। मैंने अपने घुटनो को उसकी जांघो के बीच में रखा और उसकी और देखा ।

वह मेरे सामने एक प्रसन्नचित्त अवस्था में लेटी हुई थीl उसका गोरा खूबसूरत चेहरा शर्म के मारे लाल हो गया था और काली पलकें बंद, उसके होंठ थोड़े खुले हुए, और उसके बड़े बड़े उभरे हुए गोल सुडोल स्तन और उन पर ललचाते हुए उत्तेजना से कठोर हो चुके निप्पल, जो साँसों के साथ ऊपर नीचे हो कर मुझे ललचा रहे थे यह दृश्य बेहद उत्तेजक थाl मैं वासना से पागल हो गया था, और अब अपने आप को इसके बाद योनि प्रवेश से रोक नहीं सकता था।

मुझे मन ही मन अफसोस हो रहा था की ये सुंदर युवती जो मुझे पूरी तरह समर्पित है, उसका कौमार्य भंग करते समय मैं उसे असहनीय दर्द देने जा रहा था! और ये भी अफसोस था की मेरे पास कोई ऐसा उपाय नहीं था जिससे मैं उसे इस दर्द से बचा सकू। यह वह दर्द भरी राह थी जिस से गुजर कर ही हम दोनों उस अलौकिक आनंद को अनुभव कर सकते थे। उसके कौमार्य के लिए! मैं अपने लंड के सर को उसकी योनि के होंठों के बीच में लगाया।

जैसे ही मेरे लंड ने उसकी योनि को स्पर्श किया, मुझे उसी समय आनंद की एक सिहरन उसके बदन से गुजरती हुई महसूस हुई, उसकी आँखें खुलीं, और वह एक नरम, प्यार भरी मुस्कान के साथ, फुसफुसायी, "मुझे पता है कि मुझे अब चोट लगेगी और दर्द होगा, लेकिन दीपक, मेरे प्रिय दीपक, आप दयालु और दृढ़ दोनों रहें। मुझे पूरे आनंद की खोज में इस से गुजरना ही होगा, शायद ये दर्द मुझे मार ही डालेl तब भी मैं इस दर्द से गुजरना चाहूंगीl "
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उसने मेरी गर्दन के चारों ओर अपनी बाहों को फेंकते हुए, वो मेरे होंठों को अपने पास ले आयीl मुझे किस किया और फिर उसने अपनी जीभ को मेरे मुंह में डालते हुए बेहद प्यार के साथ चूमने चूसने लगी, और मेरे लंड से मिलने के लिए अपने चूतड़ ऊपर उठा दिए और बोली मुझ में समा जाओ दीपक। .

मैंने अपना एक हाथ उसके नितंबों के नीचे रखा, जबकि दूसरे से, मैंने अपना लंड सीधे निशान पर रखा; फिर जोर से धक्का दिया, लंडमुंड लगभग एक इंच तक घुस गयाl मैंने फिर तब तक जोर लगता रहा जब तक कि यह कुदरती विरोध करने वाले अवरोधक हाइमन तक नहीं पहुंच गया। जब लंड ह्यमन से टकराया तो उसे दर्द की शुरुआत हो गयी की, लेकिन तब भी उसकी आँखों ने मुझे पूरे उत्साह से देखा।
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वो दर्द से कराहते हुए बोली "ओह्ह, आह , मेरे दर्द की परवाह मत करो, आप अपना काम पूरा करोl "

"अपने पैरों को मेरी पीठ पर ले जाओ , प्रिय," मैं सांस लेने के लिए रुकाl मैंने एक पल के लिए उसकी जीभ को छोड़ कर बोला और फिर दुबारा दुगने जोश के साथ उसे चूमने लगा। उसने सबसे ज्यादा होने वाले दर्द को सहन करने की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ अपनी टांगो से मेरी कमर और नितम्बो को लपेट लिया। फिर जब मैंने एक निर्दयी धक्का दिया, तब उसके नितम्ब भी इस तरह ऊपर को उठ गए और उसकी टांगो ने मेरे नितम्बो को नीचे की और इस तरह दबा दिया, जैसे वो मुझसे मिलने के लिए तड़प रही हो और काम पूरा हो गया था।
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मेरे लंड महाराज ने हमारे आनंद भोग के मार्ग की सभी बाधाओं को तोड़ दिया था। उसने अपने दर्द को वश में करते हुई दर्द से कराही, और मैं अपने सबसे बड़े आकर्षण को उसके कब्जे में कठोर और फूलता हुआ महसूस कर रहा था। .
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" जेन डार्लिंग! मेरी जान! तुम मुझसे बेहद प्यार करती हो! मेरी बहादुर जेन, तुम कितनी अच्छी तरह से इस असहनीय दर्द को झेल गयी। चलो हम एक-दो पल के लिए लेटे और फिर प्यार की खुशियों लूटेंगे।" मैंने कहा, और उसके चेहरे, माथे, आंख, मुंह और ओंठो को जीत के आनंद में चूमा।

उसके बाद मैं उसकी योनि के तंग म्यान को अपने लंड पर सिकुड़ता महसूस कर रहा था । मेरे लंड के आवेग के लिए यह चुनौती बहुत ज्यादा थी। मैंने एक हल्का सा झटका दिया तो मैं उसके खूबसूरत चेहरे पर दर्द की ऐंठन से देख सकता था, कि यह अभी भी उसके लिए दर्दनाक थाl
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लेकिन, अपनी ललक को रोकते हुए, मैंने बहुत धीमे से काम किया, और धीरे धीरे लंड को हिलाना शुरू कियाl

हालाँकि मेरी वासना और उत्तेजना इतनी ज्यादा थी कि मैं अपने चरमोत्कर्ष को रोक नहीं सका और उनकी योनि के अंदर मैंने अपने वीर्य से भर दियाl मेरे लंड के घर्षण के कारण वह भी मेरे साथ ही कांपती हुई झड़ गयी और मेरे लंड को उसने अपने जलाशय के रस से भिगो दिया और मैं आंनद और प्यार की सुस्ती में उसकी छाती पर गिर गया।
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यह केवल कुछ ही क्षणों के लिए था, मैं उसे अपने से नीचे कांपती हुई महसूस कर सकता था, और उसकी म्यान अब अच्छी तरह से चिकनी हो गयी थी, और मेरा लंड भी अभी तक कठोर ही थाl हमने परमानंद के लिए एक रमणीय संसर्ग की शुरुआत की और मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये। उसका सारा दर्द गायब हो गया था,
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मेरे वीर्य के बहाव से उसकी योनि के घायल हुए भाग अब केवल प्रेम के रमणीय घर्षण का आंनद ले रहे थेl

मेरा प्रसन्नचित्त लंड उसमें घुसा, फिर मेरा लंड मेरे पूरे मर्दाना जोर से अंदर-बाहर हो रहा था और वो बार बार झड़ रही थीl
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इस तरह मैं भी उसके अंदर तीन चार बार झड़ गयाl जब तक हमारी काम प्रचंडता काफी हद तक कम नहीं हो गयी।
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आगे क्या हुआ? ये कहानी जारी रहेगीl.. अंतरंग हमसफ़र भाग 15
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अंतरंग हमसफ़र भाग 15
अंतरंग हमसफ़र द्वितीय अध्याय परिवार से मेलजोल
भाग - 8 जेन के साथ सेक्स

"मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -14 " में पढ़ा
यह केवल कुछ ही क्षणों के लिए था, मैं उसे अपने से नीचे कांपती हुई महसूस कर सकता था, और उसकी म्यान अब अच्छी तरह से चिकनी हो गयी थी, और मेरा लंड भी अभी तक कठोर ही थाl हमने परमानंद के लिए एक रमणीय संसर्ग की शुरुआत की और मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये। उसका सारा दर्द गायब हो गया था, मेरे वीर्य के बहाव से उसकी योनि के घायल हुए भाग अब केवल प्रेम के रमणीय घर्षण का आंनद ले रहे थेl

मेरा प्रसन्नचित्त लंड उसमें घुसा, फिर मेरा लंड मेरे पूरे मर्दाना जोर से अंदर-बाहर हो रहा था और वो बार बार झड़ रही थीl इस तरह मैं भी उसके अंदर तीन चार बार झड़ गयाl जब तक हमारी काम प्रचंडता काफी हद तक कम नहीं हो गयी।

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयी और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिली और मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुई । उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया और रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुई । फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा । रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयी । उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये और मैं और मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया । वहां उससे प्रेम निवेदन किया और रात में रोजी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ अगले दिन सुबह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं और जेन नाश्ते के बाद घूमने निकले वहां हमने संसर्ग शुरू किया ही था की एक बैल वहां आ गया जिससे जेन डर गयी और हमने जगह बदल कर दुबारा संसर्ग शुरू करने की कगार पर थे ( अंतरंग हमसफ़र -1 -14) ।

अब आगे



फिर इस तरह मैंने जेन को उस दिन हमारे पहले मिलन पर तीन चार बार नॉनस्टॉप चोदा और जेन तो पता नहीं कितनी बार झड़ीl

उस दोपहर उसके अंदर आखिरी बार जब मैं झडा तो उसके कुछ देर बाद मेरा लंड आधा मुरझाया हुआ आधा बाहर आ गया, जिस पर उसकी नज़र पड़ी तो उसने मुझ से शांत होने की अपील की और साथ ही ये भी बोली की कृपया अत्यधिक आनंद से खुद को घायल मत कीजियेl अब बस कीजिये। तो मैं रुक गया ।

फिर उसने आह भरते हुए बोला "ओह दीपक! क्या इस तरह के रमणीय आनंद से किसी का खुद को चोट पहुंचाना भी संभव हो सकता है?" उसने आहें भरींl
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उसने अब तक तो मेरे लंबे कठोर लंड को ही देखा था पर इस बार उसने मुझे अपना मुरझाया हुआ लंगड़ा उपकरण उसकी योनि से निकालते हुए देखा तो वह कुछ चिंता करते हुए बोली थी अब बस कीजिये ।

वह मंद मंद मुस्कुराई, जैसा कि उसने शरमाते हुए कहा था, "मेरी अशिष्टता के लिए मुझे क्षमा कीजिये, प्रिय दीपक, लेकिन मुझे डर है कि हम दोनों में से तुम ही सबसे ज्यादा घायल हो। देखिये आपका औज़ार खून से पूरा सना हुआ है । "
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" हे थोड़ी अनजान, अनाड़ी सुंदरी ," उसे हर्षातिरेक से चुंबन करते हुए मैंने कहा " ये तुम्हारा खुद के कुंवारेपन का रक्त है। मुझे, इसे पोंछने दो, प्रिय जेन," फिर मैंने अपना रुमाल ले कर उसकी सूजी गई योनि के ऊपर और अंदर पोंछने के बाद
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मैंने अपना लंड भी उससे पोंछ कर साफ किया और बाद में उससे कहा। "यह सबसे प्यारी जेन , इसे मैं आपके कुंवारे और पहले प्यार के सबूत के रूप मे अपने खजाने में रखूंगा, आज आपने मेरे आगे आत्मसमर्पण करते हुए मुझे अपना सब कुछ सौंप दिया हैl" उसके लहू से सना हुआ रुमाल उसको प्रदर्शित किया और फिर उसे अपनी जेब में छुपा लिया ।
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फिर मैंने उससे पुछा उसे कैसा लगा? तो वह बोली "बस शुरू में जब पहली बार आपने अंदर डाला था तब कुछ देर दर्द हुआ था। उसके बाद तो बहुत मजा आया। उससे पहले भी जब आपने चूमा चाटा तो सब बहुत अच्छा लगा। आपको कैसा लगा?"
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तो मैंने कहा मुझे तो हर पल बहुत मजा आया और आपके साथ जब भी संभव हो सके तब करना चाहूंगाl आपको जो दर्द होना था वह हो गया अब कभी वैसा दर्द नहीं होगा। नाही अब फिर कभी खून निकलेगा। अब तो बस मजे लूटिये प्यार के खेल के। मैंने जेन को अपने कमरे में आने के लिए आमंत्रित किया।
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अब हम अपने नरम हरी घास के बिस्तर से उठे, और एक-दूसरे की सहायता करके हमारे प्रेम संबंधों के सभी निशान वहां से हटा दिए। एक दुसरे को कपडे पहनायेl वैसे तो कपडे उतारने में मजा आता है पर कपडे पहनाने के भी आनंद आया। फिर हम वापिस भवन की और चले और रास्ते में मैंने प्रिय जेन को प्यार की सभी कलाओं और प्रथाओं के बारे में बताया।
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"क्या आपको लगता है," मैंने टिप्पणी की, "आपकी बहनों या बॉब और टॉम को इस बात का कोई अंदाजा है कि प्यार की खुशियाँ क्या होती हैं?" इससे पहले के जेन कोई जवाब देती मुझे लगा के कोई लड़की मुझे पुकार रही थी ।
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दीपक! कहाँ है आप? इससे पहले हम कुछ समझते हमें सामने अलका आती हुई दिखाई दीl उसके हाथ में मोबाइल फ़ोन था।

वो मेरे पास आयी और मुस्कुराते हुए बोली दीपक आप कहाँ थे? तो मैंने कहा मैं और जेन बस यही घूम रहे थे। तो वह बोली मेरी माँ आपसे बात करना चाहती है। तो मैंने कहा ठीक है आप चलो मैं जेन को उनके निवास पर छोड़ कर आता हूँ। तो मैंने जेन और अलका दोनों मौसेरी बहनो का आपस में परिचय करवाया।
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तो उसके बाद अलका बोली नहीं माँ घर पर नहीं है, वो इनकी माँ ( मौसी) और मौसा के साथ गयी हैं और फिर उसने फ़ोन मिला कर मुझे पकड़ा दिया। तो मैंने बुआ को प्रणाम किया तो बुआ ने कहा वह, बहन और जीजा के साथ किसी काम से किसी परिचित के यहाँ गए थे और शाम तक वापिस आने का कार्यक्रम थाl पर अब वो अगले दिन वापिस आएंगे। ऐसे में अलका अकेली है, इसलिए वो चाहती थी की आज मैं अलका के पास रात को सो जाऊं, क्योंकि अलका कभी भी रात को अकेली नहीं रही है। तो मैंने कहा क्यों न अलका मेरे भवन पर मेरे पास आ कर रात में रहे, वहां और लोग भी हैं तो उसके लिए बुआ मान गयी। तो मैंने अलका को दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया जिसे उसने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
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इतने में जेन की माँ और पिताजी का भी फ़ोन आ गया और उन्होंने भी अपने वापसी के कार्यक्रम के एक दिन टल जाने की बात बताई और खाने पर इंतज़ार न करने के लिए कह दिया ।

इस पर अलका मुस्कुराती हुई वापिस चली गयी और जेन ने भी अपना कमरे में वापिस जाने की बात कही तो उसको उसके कमरे में छोड़ कर मैं अपना कमरे में आ गया । तो रोजी मेरे पास आ कर मुझ से पूछने लगी आज आप जेन के साथ काफी लम्बे चक्कर पर चले गए नाश्ते के बाद तो मैं कुछ नहीं बोला और अपनी पेण्ट बदलने लगा तो उसमे से जेन के कौमार्य के लहू, वीर्य और जेन के चूत रस से सना रूमाल बाहर गिर गया ।
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रोजी उसे उठा कर सूंघते हुए बोली "ठीक है फिर तो आप शायद जल्दी वापिस आ गए" और मुझे बधाई देती हुई बोली .. कैसी लगी जेन आपको?
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मैंने कहा "वह एक शानदार युवती हैl" ये मेरे द्वारा पटायी गयी पहली युवती के साथ मेरे संसर्ग की निशानी है। इसे संभाल कर खजाने में रख दो और वहां जगह बना लो ऐसे बहुत से रुमाल इकट्ठे करने का मैंने निश्चय कर लिया है।
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मैंने कहा " रोजी, मैंने अब तक तुम्हारे , रूबी, मोना और टीना के साथ कई बार संसर्ग किया है और आज जेन के साथ भी संसर्ग किया हैl हरेक के साथ मैंने भरपूर मजे लिए हैं और आगे भी लेता ही रहूंगा, पर अपने अनुभव से कह सकता हूँ, की एक कुंवारी के साथ पहला संसर्ग करने के आनंद का कोई मुक़ाबला नहीं है।
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मैं चाहता हूँ के इस यादगार को ख़ास बनाया जाए और लड़की को भी हमारे इस मिलन की प्यारी स्मृति रहे, इस के लिए उसे कुछ तोहफा दूँl तुम ऐसा करो हमारे परिचित सुनार के पास जा कर कुछ अँगूठिया बनवा लो जिन्हे मैं अपनी प्रेमिकाओ को पहले मिलन की निशानी के तौर पर तौह्फे के तौर पर देना चाहूंगाlमैं उन्हें फ़ोन कर दूंगा और मैंने उसे स्वस्तिक का निशाँ बना कर दे दिया और कहा हर अंगूठी पर ये निशाँ बनवा देनाl ये मेरी याद उन्हें दिलवाएगाl
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मैंने कहा " रोजी, आज मैं बहुत खुश हूँ और अगर प्रभु की कृपा ऐसे ही बनी रही. तो आज रात को एक नयी कुंवारी से भी पहला मिलन हो जाएगाl "
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तो रोजी बोली कौन है वह सौभाग्यशाली कन्या तो मैंने कहा शाम को आएगी तुम खुद ही देख लेना . तो रोजी मुस्कुराते हुए बोली अलका आएगी ऐसा क्यों नहीं कहते आपl तो मैं चौंका और बोलै तुम्हे कैसे मालूम अलका आएगीl हे प्राणप्रिया! अन्तर्यामी सुंदरी ये राज बताओl
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वह मुस्कराते हुए बोलीl " मेरे भोले प्रेमी! सुबह के नाश्ते के कुछ देर बाद अलका तुम्हे ढूंढती हुई आयी थी और मुझे उसने सब बताया था, तो मैंने ही उसे तुम्हे ढूंढ़ने के लिए पीछे मैदान और जंगल की तरफ भेजा था।"
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तो मुझे संशय हुआ जब अलका हमें ढूंढते हुए इतनी जल्दी आ गयी थी तो हमे इतनी देर बाद जब हमारा संसर्ग ख़तम हो गया ,तब क्यों मिली पर अभी मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं था।
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दोपहर के खाने के समय मैंने अपने फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम और फूफेरी बहनो जेन , लूसी और सिंडी से. मैंने कहा जेन आप पहले ही अलका से आज नाश्ते के बाद जब हम सैर करके वापिस आ रहे थे तब अलका से मिल ही चुकी हैं और उसके बाद सबका परिचय अलका के साथ करवाया। अलका जाकर जेन जो मेरे साथ बैठी थी उसके पास दूसरी तरफ बैठ गयी । फिर मैंने उन सब को ये भी बताया की आज रात बुआ और फूफा वापिस नहीं लौटने वाले हैं।. तो ये सुन कर बॉब और टॉम अति प्रसन्न हो गए।
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फिर मैंने उन्हें ये भी बताया की आज रात को अलका भी यहीं हम सब के साथ रुकने वाली है. तो अलका बोली उसे घर में कुछ काम है जिन्हे ख़त्म करके वह रात के खाने के समय यहाँ आ जायेगी ।
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खाना ख़त्म करके हम लोग कुछ इधर उधर की बाते करते रहे अलका वापिस चली गयी और बॉब मेरे पास से गुजरा और फुसफुसाता हुआ बोला जेन को संभाल लो और आँखो से इशारा करते हुए वापिस पुस्तक पढ़ने अपने कमरे में चला गया। लूसी और सिंडी अपने कमरे में जाकर टीवी से चिपक गयी कोई वेब सीरीज देख रही थी। जिसके काफी हिस्से थे और उसे ख़त्म किये बिना छोड़ने वाली नहीं थी। और टॉम भी अंगड़ाई लेते हुए बॉब के कमरे में चला गया ।
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वहां मैं और जेन दोनों रह गए तो मैंने कहा जेन चलिए बाहर का एक चक्कर लगा कर आते हैं तो उसने कोई जवाब नहीं दिया । शायद मुझ से किसी बात के लिए नाराज हो गयी थी। लेकिन मैं चाहता था वह यहाँ से बाहर चले ताकि बॉब और टॉम अपनी प्रेमिकाओ से मिल सके। मेरे बार बार अनुनय करने पर नाराजगी भरे स्वर में जेन बोली " आप अपनी अलका के पास जाईये मुझ से अब आपको क्या मिलेगा? "
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मैंने वहीँ जेन का हाथ पकड़ लिया और बोला आप ही बताइये मैं क्या करता, अगर बड़े कह रहे हैं तो मैं उसे कैसे टालता?

अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है आप कुछ सुझाव दीजिये। जेन बोली मैं आज रात आपके साथ रहना चाहती हूँ ऐसा मौका हमे दुबारा पता नहीं कब मिलेगा?
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चाहता तो मैं भी यही हूँ की आपका साथ मुझे फिर मिले। तो मैंने कहा ये तो अच्छा है आप अलका के साथ देने के बहाने मेरे भवन में आ जाइये। फिर तो सारी रात हमारी है आज सारी रात आपको प्यार करूँगा। आप अलका से दोस्ती बढ़ा लीजिये ताकि वही ये प्रस्ताव कर दे। (मुझे लगा अभी अलका के साथ संसर्ग करने का समय नहीं आया है।वैसे भी अलका तो यही हैं कभी भी दुबारा मौका मिल सकता है।)
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मैंने कहा अब आप खुद देख लीजिये आप कैसे करेंगी। चलिए थोड़ा बाहर घूम आते हैं और अगर आप थकी हुई हैं तो मेरा कक्ष देखने चलिए, वहां आपकी सारी नाराजगी दूर कर दूंगा और उसे अपने पास खींच कर उसे एक लिप किश कर दिया। तो वह बोली यहाँ ठीक नहीं रहेगा। मैं आपके साथ चलती हूँ और मैं उसका हाथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया।

कमरे में घुसते ही हमारे ओंठ जुड़ गए । मैंने उसकी ड्रेस ढीली करि और उसके बूब्स पकड़ लिए . तो उसने भी मेरा सदा कठोर रहने वाला लंड पकड़ लिया । फिर मैने उसे घुमा कर घोड़ी बना दिया और बोलै उस बैल के अचानक आ जाने से जो अधूरा रह गया था उसे अभी पूरा कर देता हूँ । फिर अपनी पेण्ट से लिंग को बाहर निकाला उसकी ड्रेस उठा कर ऊपर करि और पैंटी को साइड में कर के चूत को सहलाया । मैंने देखा आगे क्या होने वाला है इसकी अपेक्षा में उसकी योनि थोड़ी सी गीली और तैयार हो गयी थी।.
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मैंने एक झटके से उस म्यान में अपनी तलवार डाल दी । जेन के मुँह से हलकी सी चीख निकली जिसे सुन रोजी भागी हुई आयी पर हमे इस अवस्था में देख कर वापिस चली गयी।
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फिर मैंने तलवार की धार को तेज करने के इरादे से तलवार को म्यान में आगे पीछे करना शुरू कर दिया, मानो उस घिस रहा हूँ । मैं उसके ऊपर झुक गया और उसके स्तन पकड़ कर उन्हें दबाने लगा मैंने उसके मोमे उसकी ड्रेस ढीली कर बाहर निकाल लिए । .
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फिर वो मेरे लंड पर अपनी नितम्बो को ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया. । जेन भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी और हम दोनों रिदम में चुदाई करने लगे और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

मैं पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा और चूचिया मसलता रहा मैं जेन अपना मुँह पीछे घुमा लेती थी और में उसे लिप किस करता रहा । इस बीच मेरा लण्ड फस फस कर अंदर बाहर जाता रहा। उसकी चूत का छेद बहुत टाइट था । करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा। हमारी हालत बुरी हो गयी थी । हम दोनों तेज तेज सांस ले रहे थे फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए । मैंने जेन की चूत अपने वीर्य से भर दी मैं जेन के ऊपर ही लेट कर उसकी जीभ चूसने लगा ।..
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कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे मैंने उसके कपडे उतारने चाहे तो उसने मना कर दिया बोली रात को सब देख लेना। अभी कही कोई आ न जाए ख़ास तौर पर तुम्हारी चहेती अलका । मैंने देखा था वह खाने की टेबल पर तुम्हे कैसे घूर रही थी। लड़कियों में नज़रो को पहचाने की एक जनम ज़ात काबलियत तो हमेशा होती है ।
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मैंने कहा छोड़ो अलका को, आप वो बाताओ जो मैंने आपसे पुछा था वह बोली क्या पुछा था आपने? तो मैं बोला "क्या आपको लगता है," "आपकी बहनों या बॉब और टॉम को इस बात का कोई अंदाजा है कि प्यार की खुशियाँ क्या होती हैं?"


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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LEGEND NEVER DIES................................
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अंतरंग हमसफ़र भाग 16
मेरे अंतरंग हमसफ़र


द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -9

अलका


इस तरह से मैंने जेन से उसके भाई बहनो बॉब, टॉम, लूसी और लिंडा के सेक्स के बारे में ज्ञान को जानना चाहा। .

"मुझे विश्वास है अगर एक बार उन्हें इसका ज्ञान हो जाए और उन्हें पता लग जाए तो वो भी पूरी तल्लीनता और गंभीरता से इस ज्ञान की बारीकियां सीख लेंगे तो मेरी ही तरह से वो सब करेंगे जो मैंने किया हैl" उसने जवाब दिया। " बॉब जब भी हमें चुंबन करता है तो मैंने अक्सर बॉब को कहते हुए भी सुना हैं कि हम उसके तन बदन में आग लगा देती हैंl" और फिर उसकी आँखों में गहराई से झाँकते हुए मेरी आँखों से मिली तो उसने शर्मा कर अपनी आँखे झुका ली।

मैं उसका जवाब सुन कर सोच रहा था. ये अपने भाइयो को कितना शरीफ समझती है जबकि दोनों एक नंबर के सेक्स के खिलाड़ी हैं और उन्होंने ही मुझे भी इस ज्ञान से परिचित करवाया हैl
वह फिर बोली . "ओह! प्रिय दीपक , मुझे डर है कि आप सोचेंगे कि हम कितनी ज्यादा असभ्य लड़कियां हैं, जब आपको पता चलेगा की लंदन में जब हम रात को सोते हैं, तो मैं और बहनें अक्सर हमारे नवोदित आकर्षण की तुलना करते हैं, और कुछ सेक्सी चुटकले जो हम अपनी दोस्तों से सुनती हैं वह आपस में सुनाती है। "

लूसी के पास तो मेरी और लूसी के गुप्तांगो पर बढ़ती हुई झांटो के बारे में और सिंडी की बाल रहित योनि के बारे में गंदे गंदे चुटकुले का भण्डार हैl जब वो एक बार शुरू हो जाती है तो काफी देर तक नए-नए चुटकुले सुनाती रहती हैl हमारे पास थप्पड़ मारने के ऐसे खेल हैं, और कभी-कभी रति क्रिया जैसे खेल भी खेलती हैं, इनसे अक्सर मेरा बदन अक्सर उत्तेजना से तपने लगता है, जैसे मुझे तेज बुखार का एहसास करा देता है। जिसका कारण मैं पहले नहीं समझ पाती थी पर अब आपके साथ हुए संसर्ग से मैं सब जान गयी हूँl इसके लिए हार्दिक धन्यवाद, मेरे प्रिय, काश, आप ऐसे समय में हमारे कमरे में झाँक कर देख पाते।"

"शायद इसका प्रबंध आसानी से किया जा सकता हैl आप जानती ही हैं उस भवन में मेरा कमरा आपके कमरे की बगल में है, मैं उसमे रात को सोने आ जाता हूँl फिर मैं आपको रात में हँसता और खेलता सुन सकूंगा।"

"मुझे पता है कि हमने कल भी ये किया, था हमें इसमें बहुत मज़ा आया था ," उसने जवाब दिया, "लेकिन मुझे डर है अगर आज भी हमने ऐसा किया तो मेरी सफाचट और सूजी हुई योनि देखकर उन्हें हमने आज क्या किया उसका सब अंदाज़ा हो जाएगा, प्रिय?"

फिलहाल जेन हमारे बीच जो भी हुआ था उसे सब पे उजागर नहीं करना चाहती थी, इसलिए उसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया।

उसने पूरी तरह आनंद लेने के लिए से मेरी सब योजनाओं में हिस्सेदार होने का उत्साह दिखाया, अंत में मैंने एक प्लान बनाया जो यह बहुत अच्छा काम कर सकता थाl मैंने वो जेन के साथ सांझा किया और उसके परामर्श के अनुसार उसमे कुछ बदलाव भी किये।

फिर ये प्लान बना की मैं पहले बॉब को प्यार के तरीकों के बारे में में थोड़ा प्रबुद्ध करूं और जो की मैं जानता था वो हमारे उद्देश्य के लिए पहले से ही पका हुआ त्यार थाl जेन अपनी बहनो को एक साथ नग्न स्नान के लिए त्यार करेगीl हम तीनों बहनों को नग्न स्नान करते हुए आश्चर्यचकित कर देंगे, और उनके नग्न नितम्बो के चारों तरफ से थप्पड़ मारेंगेl जेन अपनी बहनों को हमारे सभी कपड़े फाड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी, और फिर हम सभी रति क्रिया में संलिप्त हो सकते हैं।

जेन इस विचार पर बहुत प्रसन्न थी, पर मेरे मन में एक संशय था क्या बॉब टॉम , जेन लूसी और लिंडा अपने भाइयो के साथ प्रेम का खेल खुल कर खेल पाएंगीl इतने में मेरा फ़ोन बजा और हमे शाम की चाय के लिए बुलाया गया और मैंने बाद में जेन से इस बारे में आगे बात करने का निश्चय किया और मैंने जेन से वादा किया की अगले दिन या अगर ठीक मौका मिला तो आज शाम को ही बॉब के साथ इस बारे में बात करूंगा।

हम घर वापस आ गए, खून तेज प्रवाह से जेन के गाल लाल हो गए थे और बॉब ने उसे देख कर टिप्पणी की कि बग़ीचे में घूमने का जेन के स्वस्थ्य पर जाहिर तौर अच्छा प्रभाव पड़ा था, जबकि असलियत ये थी की उसकी बहन ने, ईव की तरह, निषिद्ध फल का आज सुबह सुबह स्वाद चखा था। निषिद्ध फल, के प्रभाव का नतीजा था और इसीलिए वह बहुत खुश थी।
शाम की चाय के बाद मैंने बॉब से मेरे कमरे में सिगरेट पीने के लिए कहा, वह ख़ुशी ख़ुशी मेरे पीछे पीछे मेरे कमरे में आ गया जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया, मैंने कहा, " दोस्त क्या आपने कभी प्यार और आनंद की एक सुंदर किताब "कामसूत्र " देखी है?
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"क्या, मुझे लगता है कि आप का मतलब है हिन्दुतान की मशहूर सेक्स ज्ञान पुस्तक,? दीपक , लेकिन अगर आपको यह मिल गयी है तो मैं उसे अवश्य देखना चाहूंगाl " वह बोला तो उसकी आँखें चमक रही थी।

"मेरे भाई, ये लो, केवल तुम्हारे लिए, मुझे आशा है कि यह आपको बहुत ज्यादा उत्तेजित नहीं करेगीl आप इसे अपने आप एकांत में देख और पढ़ सकते हैंl," मैंने कहा, और उसे अपनी अलमारी से निकालकर वो पुस्तक उसे दे दी। उसने उसे बहुत उत्सुकता से फटाफट पकड़ लिया।

वह वही मेरे करीब बैठ गया, और मैंने उसे देखा तो जब वह उस पुस्तक के पन्नो को पलट रहा था और जहाँ भी उसमे फोटो थी, वहां वो उनको रुक कर गौर से देखता थाl देखते ही देखते उसकी पेण्ट के अंदर उसका हथियार काफी कठोर और प्रचंड हो गया।
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मैंने उसे जो योजना जेन के साथ मिल कर बनायीं थी, वह बताई तो उसने सहर्ष उसमे शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी और मेरी योजनाओं में मेरा साथ देने का वादा कियाl हमने मौका मिलते ही लड़कियों से एक साथ मिलने का दृढ़ निश्चय किया।

तो मैंने उससे जो मेरा संशय था वो पुछा क्या आप दोनों बॉब और टॉम ,अपनी बहनो जेन लूसी और लिंडा साथ प्रेम का खेल खुल कर खेल पाओगेl बॉब ने मुझे तो अपने परिवार का एक विशेष राज बताया उसने कहा मेरे पिताजी, तुम्हारे फूफाजी की एक नहीं कई पत्निया हैंl जिनमे तुम्हारी बुआ भी शामिल है जेन और लूसी तुम्हारी बुआ से हैं और हम दोनों भाइयो की और शेष बहनो की माताए अलग अलग हैl हम सब आपस में सौतेले भाई बहन है, पर आपकी बुआ हम सबको अपनी ही संतान मानती है और एक जैसा प्यार करती हैंl हमे अपनी माओ से ज्यादा स्नेह आपकी बुआ से मिलता है और वह बहनो के साथ प्रेमालाप करने को उत्सुक हैं।
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रात के भोजन से समय से बाद अलका वहां आयी तो जेन ने उसके साथ मित्रता कर ली और उसके अनुरोध पर अलका के साथ साथ जेन भी रात को वही मेरे भवन वाले भाग में रात में रुकने के लिए आ गयी।

अलका अपने साथ स्पेशल हलवा ले कर आयी थी मैंने उसमे मौका देखकर ख़ास देसी दवा मिली दी फिर हम सब ने मिल कर वो ख़ास दवा मिला हलवा खाया और मैंने उन दोनों को अपने कमरे में आमंत्रित कियाl
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अलका बोली वह अपने कपडे बदल कर आती हैं और उन दोनों को जो कमरा दिया गया था वो उसमे चली गयी मैं अपने कमरे में गया, तो रोजी बिस्तर तैयार कर रही थी तो मैं दुसरे कमरे में जाकर बैठ गया ।

कुछ देर बाद अलका ने मेरा दरवाजा खटखटाया और कहा कि मैं तुम्हें परेशान करने के लिए माफी चाहती हूँ। तो मैंने पुछा क्या आपको कुछ और तो नहीं चाहिए? तो वो बोली नहीं कुछ ख़ास तो नहीं लेकिन आज मैं अकेला नहीं रहना चाहती, क्योंकि मैं कभी रात में अकेली नहीं रही हूँ। नींद भी नहीं आ रही है और जेन सोने जा रही है। मैंने कहा कोई बात नहीं आप मेरे पास बैठो।
उसने मुझसे पूछा कि क्या हम उसकी पसंदीदा फिल्म देख सकते हैंl मैं मान गया और उसे कुर्सी पर बैठने को कहा और मैं बिस्तर पर था। उसने कहा मैं भी बिस्तर पर बैठना चाहती हूँ, मैंने कहा ठीक है और हम बिस्तर पर बैठे मूवी देखने लगे। मूवी एक पुरानी रोमांटिक फिल्म थी और जब फिल्म चल रही थी तो एक भावनात्मक दृश्य था और वह अचानक रोने लगी।

मैं उसे देखकर हंस रहा था और मूवी देखते हुए रोने का मज़ाक बना रहा था। वह क्रोधित हो गयी और मुझ से लड़ने लगी तो मैंने एक बार और उसका मजाक बनाया तो वो मुझे मारने लगी, मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन उसने वास्तव में मुझे 2 बार चोट दी और तीसरी बार उसके हाथों को मैंने पकड़ लिया और उससे पुछा कि तुम्हें क्या हो गया है मुझे वास्तव में लग रही है।
मैंने उसे कहा मुझे माफ़ कर दे मेरा इरादा उसे हर्ट करने का नहीं था मैं तो मजाक इसलिए कर रहा था ताकि वो रोना बंद कर दे क्योंकि वो रोती हुई बिलकुल अच्छी नहीं लगती हैl तो वोह बोली छोड़ो मुझे अब मैं तुम्हे नहीं मारूंगी, तो मैंने उसके हाथो को छोड़ कर उसका सिर पकड़ा और उसे ऊपर खींच लिया। उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गई । मुझे
बिलकुल नहीं पता था कि क्या हो रहा था।

और बोली " जब आपने मेरा मजाक बनाया तो मुझे बहुत बुरा लगा । ऐसी पिक्चर देख कर मैं ऐसे ही भावुक हो जाती हूँl मुझे खेद है मैं नहीं जानती मुझे क्या हुआ लेकिन मैं अभी भी उसी स्थिति में हूँ।" और फिर धीरे-धीरे मेरी छाती पर लेट गयी। मैंने एक बार फिर उससे माफ़ी मांगी तो उसने कहा कोई बात नहीं अभी आप मेरे बारे में कुछ भी ख़ास नहीं जानते हैं। उसने भी अपने व्यवहार और मुझे मारने के लिए मुझ से माफ़ी मांगी । मैं भी उससे कहा " अब ठीक है तो वो मुस्कुराने लगी तो मैंने कहा आप ऐसे ही मुस्कुराती हुई अच्छी लगती हैं। "
वो मेरे ऊपर लेटी रही और उसी पोजीशन में उसने मुझ से पुछा क्या मैं आपको अच्छी लगती हूँ? तो मैंने कहा बेशक आप मुझे अच्छी लगती हैं। आपकी मुस्कराहट इतनी अच्छी है के जब

आप मुस्क़ुराती है तो आपके चेहरे से नज़र ही नहीं हटती हैl मन करता है आप मुस्कराती रहे और मैं आपको देखता रहूl पहले तो वह थोड़ा शर्मायी फिर वह बोली बस इतना ही मेरा और कुछ आपको अच्छा नहीं लगता तो मैंने कहा अच्छा तो आपका पूरा पैकेज लगता हैl
अब मैंने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी।

आप कमसिन अल्हड सुन्दर गोरी तरुणा होl आपकी फिगर शानदार है और जबसे आपको उस दिन बग़ीचे में फूल चुनते हुए देखा है, तबसे मैं तो आपका दीवाना हो गया हूँ।
और फिर वह मेरे चेहरे के पास अपना चेहरा ले आयी और बोली मैं तुम्हें प्यार करती हूँ और मैं कुछ भी कह पाता इससे पहले कि उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया मैंने उसके चुम्बन का जवाब दिया और उसे वापस चूमना शुरू कर दिया।

उसके होंठ उसकी लार से भरे हुए थे और वे इतने स्वादिष्ट और रसीले थे मैं उसके ओंठो को रास भरे आम के जैसे चूसने लगा। फिर उसने धीरे से मेरे लंड पर अपना हाथ रखा और कहा ओह तुम्हारा हथियार जाग गया है । फिर मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं जागेगा एक सुन्दर सेक्सी लड़की जिसे मैं पसंद करता हूँ, उसके रस भरे होंठो को चूस रहा हूँ और वो मेरे ऊपर लेटी हुई हैl क्या इतना काफी नहीं है इसके अरमान जगाने के लिए या आपको लगता इससे भी कुछ ज्यादा शरारती होना चाहिए।

तभी रोजी आ गयी और बोली आपका कमरा तैयार है आप कमरे में चलो कुमार। फिर अलका ने अपना हाथ हटा लिया और कहा कि फिर तो इसे कुछ देर और इंतजार करना होगा। तो अलका रोजी को अपने साथ ले गयी। बोली आप अपने कमरे में चलो हम आते हैं ।

मैं सोच रहा था कि वह क्या कर रही थी, तब एक नाइट गाउन में लिपटी वापस आयी और उसने मुझसे पूछा कि तुम इस गाउन के अंदर क्या है वो देखना चाहते हो? तो मैंने अपने पायजामे के ऊपर से ही लंड पर हाथ फिराते हुए कहा कि ये पूछने की क्या जरूरत है, बेशक हाँ।

आगे क्या हुआ ..

ये कहानी जारी रहेगीl

आपका दीपक
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