Recent content by badmaster2

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    Incest वासना ओर बदले की आग

    दोस्तो, उम्मीद है.. आपको कहानी में मज़ा आ रहा है। अब मुनिया तो गई रसोई में, तब तक चलो टोनी के पास चलते हैं। वहाँ क्या हो रहा है.. अभी ये भी जान लो। सुनील- बॉस अपने तो कमाल कर दिया.. एक बार तो मैं डर ही गया था कि सारा प्लान चौपट हो गया। विवेक- अरे ऐसे-कैसे चौपट हो जाता.. बॉस पर मुझे पूरा...
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    Incest वासना ओर बदले की आग

    मुनिया- क्या बाबूजी.. आप भी कैसा मजाक करते हो.. मैं अपने गाँव से कभी बाहर ही नहीं निकली.. आपने कहाँ देख लिया मुझे? सन्नी- शहर या गाँव मेंने देखा है तुझे.. यार कहाँ देखा है ये समझ नहीं आ रहा.. लेकिन देखा है मैंने! रॉनी- अरे क्या सन्नी.. ये गाँव की छोरी है.. तू शहर के नुस्खे ना आजमा.. हा हा...
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    Incest वासना ओर बदले की आग

    काफ़ी देर तक सन्नी और रॉनी बाहर खड़े बातें करते रहे.. उसके बाद अन्दर आ गए। पुनीत- रॉनी मेरे भाई.. यहाँ आ.. यार मुझसे ऐसे नाराज़ मत हो। रॉनी- पर ये तूने क्या कर दिया.. उस टोनी की बातों में आ गया.. अब क्या होगा? हमारी बहन को तू यहा इस गंदे गेम का हिस्सा बनायेगा? अरे वो कितनी स्वीट है.. मासूम...
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    Incest वासना ओर बदले की आग

    सन्नी- रात को मुझे खुद नहीं पता था कि इसका ये प्लान है.. अब सुनो रात को मैं बुलबुल गेस्ट हाउस के पास था.. वहाँ इसको देख कर शक हुआ.. तो मैंने छुप कर इसका पीछा किया। इसने बुलबुल गेस्ट हाउस को बुक किया.. फिर फ़ोन पर किसी से बात की कि काम हो गया.. अब कल देखना असली तमाशा.. उसके बाद ये सलीम गंजा से...
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    Incest वासना ओर बदले की आग

    सन्नी- होश में आओ पुनीत.. ऐसा नहीं होता.. वो उसकी बहन है.. कोई रंडी नहीं.. जो तुम उसकी कीमत लगा रहे हो.. संभालो अपने आपको.. अब मैं उसको लेकर आता हूँ। ये बात दोबारा मुँह से मत निकालना.. वरना उनके साथ मैं भी चला जाऊँगा। पुनीत कैसा भी हो.. सन्नी की बात मानता था, उसने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया और...
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    Incest वासना ओर बदले की आग

    सन्नी- हाँ सही है.. दोस्तों में ये सब चलता रहता है और पुनीत चाहे तो कुछ भी मुमकिन हो सकता है.. कहीं ऐसा ना हो कि टोनी खुद अपनी बहन को इसके हवाले कर दे.. सुनील- नहीं नहीं यार.. ऐसा नहीं हो सकता.. कोई भाई ऐसा नहीं कर सकता.. रॉनी- पैसे में बहुत ताक़त होती है साले.. हम जिसे चाहे खरीद लें...
  7. B

    Incest वासना ओर बदले की आग

    अब चलते हे फार्म हाउस पर, जहाँ गेम की मीटींग होने वाली है। मुनिया की चुदाइ के बाद दोनों भाइयों ने लंच किया और टीवी देखने लगे.. तभी वहाँ सुनील और विवेक आ गए। विवेक- हाय रॉनी हाय पुनीत.. कैसे हो? पुनीत- अरे आओ आओ.. तुम्हारा ही इंतजार था और टोनी कहाँ है.. वो नहीं आया क्या? सुनील- वो बस...
  8. B

    Incest वासना ओर बदले की आग

    मुनिया की चुदाइ तो आपने देख ली अब चलते हें गर्लस हाॅस्टल। रामू और बबलू अपने कमरे में बैठे चाय पी रहे थे और बातें कर रहे थे। रामू- अरे बबलू भाई.. अब तो बता दे रात क्या हुआ था.. तू किसके साथ मज़ा ले रहा था? बबलू- अरे बताता हूँ ना.. सुन तुझे तो पता है.. मैं रात को हॉस्टल के हर कमरे के पास...
  9. B

    Incest वासना ओर बदले की आग

    मुनिया- नहीं बाबूजी पैसे से इज़्ज़त का सौदा मत करो.. मुझे घर जाना है.. बस अब यहाँ नहीं रहना मुझे.. रॉनी- अरे मेरी भोली रानी घर जाने से क्या होगा.. अब यहीं रह.. देख तेरी माँ बहुत गरीब है.. तू यहाँ रह कर पैसे कमा उसका सहारा बन.. रॉनी बहुत देर तक मुनिया को समझाता रहा.. जब जाकर वो मानी।...
  10. B

    Incest वासना ओर बदले की आग

    रॉनी- ये मर गई क्या.. कुछ बोल नहीं रही.. देख इसकी आँखें कैसे फटी हुई हैं.. पुनीत- अरे कुछ नहीं हुआ इसे.. पूरा लौड़ा अन्दर गया तो ये ऐसी हो गई.. थोड़ा हिला इसको.. आह्ह.. मज़ा आ गया क्या टाइट चूत है। रॉनी ने मुनिया के चेहरे को थोड़ा हिलाया तो वो होश में आई और रोने लगी कि उसको बहुत दर्द हो रहा...
  11. B

    Incest वासना ओर बदले की आग

    दोनों बस अपने काम में लगे हुए थे धीरे-धीरे पुनीत उसके पेट से होता हुआ उसकी चूत तक पहुँच गया। रॉनी- उफ्फ.. क्या रस है यार.. इसके मम्मों में मज़ा आ रहा है.. वैसे इसका मुहूरत कौन करेगा.. ये अभी सोचा की नहीं तुने? पुनीत- सोचना क्या था.. तेरा ट्रक बाद में चलाना.. बड़ा है.. पहले मैं अपनी कार...
  12. B

    Incest वासना ओर बदले की आग

    रॉनी ने मुनिया के मम्मों को सहलाते हुए उससे पूछा- सच बता मुनिया.. पुनीत के पहले कभी किसी ने तेरे इन अनारों को छुआ है क्या? मुनिया एकदम शर्मा कर ‘ना’ में सर हिलाती है.. तब रॉनी खुश होकर मुनिया के होंठों को अपने होंठों से चूसने लगता है और उसके जिस्म पर हाथ फेरने लगता है। मुनिया थोड़ा विरोध...
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