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इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे कोई हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद,
मैं पूछता ही रहा उससे खताएं अपनी,
वो बहुत रोई थी मेरे सवालों के बाद।
Iss Tarah Mili Wo Mujhe Saalo Ke Baad,
Jaise Koi Haqikat Mili Ho Khayalon Ke Baad,
Main Poochhta Hi Raha Uss Se Khatayein Apni,
Wo Bahut Royi Thi...
शायरी और गजल™
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