Fantasy अनौखी दुनियाँ चूत लंड की(completed)

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इधर राहुल और तनु करीब आ रहे थे तो दूसरी तरफ मित्तल अपने घर में एक साजिश को अंजाम देने के लिए त्यार था बस प्रिया के आने की देरी थी । मित्तल ने प्रिया को फ़ोन करके बुला चुका था और अब वो अपने घर के आफिस रूम में नँगा कुर्सी बैठा प्रिया का इंतजार कर रहा था । उसने अपनी कुर्सी दीवार की तरफ घुमा रखी थी ताकि प्रिया आते ही उसे न देख पाए । मित्तल तब से कामाग्नि में जल रहा था जब से उसने प्रिया का वीडियो देखा था ।

पापा आपने मुझे बुलाया था उसे प्रिया की आवाज़ सुनाई दी । उसने दीवार पर लगे शीशे से अपनी बेटी को देखा । सफेद रंग की शर्ट और जीन्स में प्रिया को देखते ही उसके का जानवर उसपर हावी हो गया और वो उससे वैसे ही खेलने लगा जैसे शेर अपने शिकार से खेलता है ।

मित्तल- आओ बैठो ।

प्रिया-पापा क्या बात है जो इतनी अर्जेंटली मुझे बुलाया आपने ।

मित्तल(अपने खड़े हो चुके लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया तुम्हारी इन हरकतों के कारण न जाने कितनी बार मैं और हमारा परिवार बदनाम होते होते बचा है । तुम जवान हो ,सेक्सी हो और मानता हूँ कि तुम्हारे शरीर की जरूरतें हैं पर .....

प्रिय(अपने बाप को ऐसे बातें करते देख उसका दिमाग चकरा गया)-क्या हुआ पापा ।

मित्तल-क्या नहीं हुआ यह पुछो । आज फिर एक वीडियो आया है जिसमें तुम उस दो कौड़ी के मनोज के साथ ......बैठ जाओ खड़ी क्यों हो ?

प्रिया(बैठते हुए)-इस मनोज को मैं मार डालूँगी मैं ।

मित्तल-मारने से क्या होगा ,गलती मनोज की नहीं है।

प्रिया-पापा आप मुझे गलत कह रहे हैं ?

मित्तल-प्रिया इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है गलती है तुम्हारी इस जवानी की गर्मी का जिसे कोई मर्द शांत नहीं कर पा रहा । कहते हुए मित्तल अपनी कुर्सी घुमाकर प्रिया के सामने आ जाता है ।

प्रिया(ऐसा मूसल लन्ड उसने आज तक नहीं देखा था ,इतना मोटा और लम्बा..वो चाहते हुए भी अपनी नज़रें अपने बाप के लन्ड से नहीं हटा पा रही थी )-प..पपप....पापा आप पागल हो गए हैं क्या ,प्लीज़ अपने कपड़े पहनों ।

मित्तल(अपने लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया इसकी आग भी कोई लडक़ी भुझा नहीं पाई और तेरी भी कोई लन्ड ।

प्रिया अपने बाप के मुँह से लन्ड शब्द सुनकर प्रिया पर एक डर एक अनहोनी की आशंका छा जाती है । वो कुर्सी से खड़े होने की कोशिश करती है पर मित्तल जल्दी से प्रिया के पीछे आ जाता है और उसके कंधों पर हाथ रखकर उसे उठने से रोक देता है ।

मित्तल(प्रिया के कंधे सहलाते हुए) - मनोज ने जो किया उसकी सजा उसे मिल चुकी है उसकी बहन के साथ वही हुआ जो उसने तेरे साथ किया था ।

प्रिया-आपने.... मतलब आएशा का एक्सीडेंट नहीं हुआ ? आपने उसके साथ बलात्कार ....। प्रिया अपनी बात पूरी न कर पाई ।

मित्तल- आएशा को भी लन्ड चाहिए था और मैंने बस उसकी इच्छा पूरी की है प्रिया । मैं चोद उसे रहा था और सपने तेरे देख रहा था । मित्तल अब प्रिया के स्तंनो को कमीज के ऊपर से सहला रहा था ।

प्रिया-क्या कर रहे हैं पापा ....छोड़िए मुझे ।

मित्तल(प्रिया के कान को चाटते हुए फुसफुसाता है)- तू मेरी ज़रूरत पूरी कर सकती है और मैं तुझे । किसी को पता नहीं चलेगा । किसी भी और मर्द से ज्यादा खुश रखूँगा मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ मैं तुझसे ।

प्रिया(वो अपने स्तंनो पर अपने पिता के बड़े मूसल लौड़े का स्पर्श महसूस कर रही थी....मित्तल की बातें उसे उलझा रही थीं ....उसके अंदर की असन्तुष्ट औरत उसे समर्पण कर देने के लिए उकसा रही थी )- यह गलत है ऐसा नही हो सकता , यह पाप है ।

मित्तल- नहीं पाप तो अपनी आत्मा को असंतुष्ट रखना होता है , सभी धर्मों में यही कहा गया कि आत्मा की संतुष्टि ही परम पुण्य है । कई देवताओं ने अपनी बेटियों के साथ ही संभोग किया है । कहते-2 मित्तल प्रिया को कुर्सी से खींचते हुए खड़ा करता है और बाहों में भर लेता है ।

प्रिया-आह...पापा मुझे कुछ हो रहा है ....जाने दो न मुझे ।

मित्तल -बस एक बार प्रिया एक बार मुझे अपनी प्यारी फुद्दी को चूम लेने दे ...बस एक बार इतना रहम कर मुझ पर .....तेरी कसम उसके आगे तेरी इच्छा के विरुद्ध मैं कुछ नहीं करूँगा । तरस खा अपने इस कमीने बाप पर ।

प्रिया को अपने बाप पर गुस्सा और तरस दोनों आ रहे थे । उससे अपने बाप की हालत देखी नहीं जा रही थी । वो बस जल्दी से यह सब खत्म करना चाहती थी । प्रिया की खामोशी ने मित्तल को ग्रीन सिग्नल दिखा दिया था । उसने प्रिया को उठा लिया और उसे लेकर अपने बेडरूम में ले आया ।

प्रिया को बिस्तर पर लिटाकर मित्तल उसकी टाँगों के बीच आ गया मित्तल ने एक बार अपनी बेटी के खूबसूरत चेहरे की ओर देखा प्रिया की बंद आँखों और तेज़ चलती साँसों को देख वो खुद को ज्यादा देर रोक नहीं पाया और उसने प्रिया कि सफेद कमीज के बटनों को खोल दिया प्रिया की काली जालीदार ब्रा से झलकते उसके खूबसूरत स्तंनो को उसने कुछ पल यूँ निहारा जैसे कोई पुजारी देवता के मिल जाने पर अपने देवता को निहारता है । मित्तल ने झुककर जब प्रिया के स्तनों के बीचोबीच चूमा तो एक मादक सी सिसकी प्रिया के मुँह से निकल गयी । मित्तल ने प्रिया की ब्रा को नीचे कर प्रिया के मोसम्मियों के आकार के स्तंनो को नंगा कर दिया और उन्हें ऐसे सहलाने लगा मानो मोसम्मियों को खाने से पहले उनके अंदर के रस का ज्याजा ले रहा हो ।
 
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प्रिया के साथ पहले किसी ने यूँ नहीं किया था आज जो मर्द उसे मिले थे वो झटपट चुदाई पर आ जाते थे मानो उन्हें कोई ट्रेन पकड़नी हो । मित्तल उसके अंग अंग को छूता , उसके लबों को चूमता उसके गालों को ,उसकी गर्दन को चूमते चाटते हुए पूरे इत्मीनान के साथ धीरे-धीरे उसके स्तंनो तक पहुंचा जब प्रिया को मित्तल के होंठ अपने निप्पल पर महसूस हुए तो आनंद की एक लहर उसके जिस्म और दिमाग में दौड गयी । मित्तल ने बेहद प्यार से उसकि एक चूची को होंठो में ले लिया और हल्के-2 चूसते हुए वो अपने दूसरे हाथ से प्रिया नाज़ुक होंठो से खेल रहा था ....प्रिया को ऐसा लग रहा था मानो उसका बाप नहीं बल्कि उसका कोई प्रेमी यह कर रहा हो ...उसे धीरे-2 अपनी चूची पर मित्तल के सख्त होंठो का बढ़ता दबाव महसूस हो रहा था । "ओह्ह....आह.....ओह ममा....." कहते हुए उसने अपनी बाहों से मित्तल की पीठ को जकड़ लिया अब वो भूल चुकी थी कि वो कौन है और कौन उसके स्तन को चूस रहा है ।

प्रिया के स्तंनो को जी भर चूस लेने के बाद वो उसके पेट को चूमता हुआ उसकी नाभि तक आया और उसके सुंदर नेवल को चूमने के बाद उसने प्रिया कि जीन्स खोल दी और उसकी काले रंग की पैंटी को नीचे खिसकाने के बाद वो मुस्कुराते हुए प्रिया की शेव की हुई छोटी सी चूत को निहारने लगा । कितनी सुंदर कितनी आकर्षक और मादकता से परिपूर्ण थी उसकी बेटी की योनि । योनि का मुख इतना मुलायम और गोरा था कि वो खुद हैरान रह गया ...उसने प्रिया की टाँगों के बीच आते हुए अपना मुंह उसकी फुद्दी पे लगा दिया ।

प्रिया(टाँगों को सिकोड़ते हुए)-आह....पप्पपाया...पापा.... उफ्फ....।प्रिया काँपती सी बोली ।

मित्तल ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी बेटी की हसीन चूत को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे चाट लिया ।

"आह...आह....पपपप....अअअअअअअ....पापा" प्रिया की मधुर सिसकी का संगीत पूरे कमरे में गूँज गया ।

मित्तल ने अपना नाक प्रिया की चूत के दाने पे सेट किया और उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा .....

"आह....मां...पप्पा.....उफ्फ्फ .....क्या कर रहे हो मर जाऊंगी मैं ......मेरे..... पापा.... खा जाओ....आह.....ऐसे ही......आह....कुछ हो रहा है....आह.....पापा होने वाला है मेरा..." प्रिया ने मित्तल की एक्सपर्ट चुसाई के आगे पूरी तरह हथियार डाल दिए थे ।

"प्रिया.....प्रिया के पापा आप दोनों कँहा हो " मित्तल के कानों में अपनी पत्नी की आवाज़ किसी काँटे की तरह लगी । वो रुक गया लेकिन बस एक पल के लिए इस समय प्रिया को इस हालत में छोड़ देने का मतलब होता सारे बने बनाए खेल को बिगाड़ देना । मित्तल ने झट से प्रिया के होंठों को अपने एक हाथ से बंद कर दिया और अपनी जीभ से प्रिया चूत को चोदने लगा ......

"प्रिया....प्रिया......तुम घरपर हो क्या ? " मित्तल को फिर अपनी पत्नी की आवाज़ सुनाई दी । उसने अपनी रफ्तार और तेज़ कर दी ....प्रिया का बदन अब अकड़ने सा लगा था मतलब साफ था कि उसका ऑर्गैज़म करीब है । मित्तल ने अपनी जीभ को उतना तेज़ चलाना शुरू कर दिया जितना वो चला सकता था .....प्रिया की कमर ऊपर को उठी और उसकी चूत ने पानी का फव्वारा सा छोड़ दिया ....मित्तल इस अमृत का आखिरी कतरा तक पी गया । प्रिया निढाल सी हो बिस्तर पे पसर गयी ।

मित्तल ने बिना वक्त गँवाते हुए प्रिया और उसके कपड़ों को उठाया और बाथरूम की तरफ भागा । और बाथरूम में प्रिया को शावर के नीचे कर शावर चालू कर दिया । ठीक इसी वक्त उसकी पत्नी मालती कमरे में दाखिल हुई " प्रिया के पापा आप नाहा रहे हो क्या?"

मित्तल-हां क्या हुआ ।

मालती-कब से आवाज़ें लगा रही हूँ आप जवाब ही नहीं दे रहे ।

मित्तल- यहाँ आवाज़ सुनाई ही नहीं दी , कब आई तुम ?

मालती-अभी कुछ देर पहले , मैं रामु से कहकर कुछ खाने को बनवाती हूँ आप इतनी देर नहा कर आ जाओ ।

मित्तल- ठीक है । मालती के जाने के बाद उसे प्रिया का ख्याल आया जो डरी-सहमी अपने कपडे पहन रही थी ।" चली गयी वो किचन में गयी है तुम जल्दी से कपडे पहनो और अपने कमरे में जाओ मैं किचन में मालती को उलझता हूँ । प्रिया ने हाँ में सिर हिला दिया ।

मित्तल खुशी से भरा हुआ रसोई में चला गया । उसने आज वो पा लिया था जिसे वो कई दिनों से पाना चाहता था चाहे आज उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी थी पर वो जनता था कि अब प्रिया उसकी है बस उसकी ।


ending
 

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