अभी तो तुम देखोगी कि आज होना क्या कुछ है तुम्हारे साथ?"
और साइड से कपड़े उठाकर एक बार फिर से इरम की फुद्दी को साफ करने लगा।
तब इरम ने खुद ही कपड़ा पकड़ लिया और अपनी फुद्दी साफ करते हुये बोली-
"कुछ तो गीली रहने दो, वरना आज के बाद एक हफ्ते तक हम दोनों ही किसी काम के नहीं रहेंगे..."
अबकी बार मैंने इरम की बात मान ली,
क्योंकी मुझे भी अब लण्ड पे जलन का एहसास हो रहा था,
जो कि इरम की खुश्क फुद्दी में घुसने की वजह से ही हो रही थी।
खैर, फुद्दी को अच्छे से साफ करके इरम ने मुझे अपनी जगह पे लिटा दिया और खुद अपने पापा की तरफ मुँह करके जो कि मेरे पैरों की तरफ थे,
मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी पे सेट करते हुये धीरे से मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी में लेती हुई नीचे बैठ गई।
मैंने भी पीछे से।
इरम की गाण्ड पकड़ ली और उसे सहलाते हुये ऊपर नीचे होने में मदद देने लगा।
पूरा लण्ड अपनी फुद्दी में घुसाकर इरम ने मुड़कर मेरी तरफ देखा और बोली-
"क्या खयाल है जरा प्यार से मजा ना करें?"
मैंने हाँ में सिर हिला दिया,
तो इरम ने खुद को धीरे से मेरे ऊपर गिरा लिया और अपने हाथ मेरे सिर के पिछली तरफ बेड से लगाकर अपनी गाण्ड को मेरे लण्ड पे रगड़ते हुये चुदाई का मजा लेने लगी।
लेकिन इस तरह इरम की चुदाई मेरे लिए भी बड़ी मुसीबत बन रही थी,
क्योंकी शायद ये इरम के गरम जिस्म का कमाल था,
जो मुझसे अब बर्दाश्त खतम होती जा रही थी।
इस स्टाइल में मुझसे दो मिनट भी कंट्रोल नहीं हो पाया,